रविवार, 10 जुलाई 2022

मुलायम की पत्नी साधना का अंतिम दर्शन, श्रद्धांजलि

मुलायम की पत्नी साधना का अंतिम दर्शन, श्रद्धांजलि

संदीप मिश्र 
लखनऊ। उत्तर-प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की पत्नी साधना यादव की पार्थिव देह के अंतिम दर्शन के लिए भारी संख्या में सपा कार्यकर्ता पहुंचे हैं। मुलायम सिंह के आवास पर साधना का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मुलायम सिंह यादव के आवास पर पहुंचकर उनकी पत्नी साधना का अंतिम दर्शन किया और अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव, डिम्पल यादव और अर्पणा यादव मौजूद रहीं। मुलायम सिंह की पत्नी साधना का निधन शनिवार को गुरूग्राम स्थित मेदांता हास्पिटल में हो गया था। अंतिम संस्कार आज लखनऊ में होगा। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उ.प्र. के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की पत्नी साधना का निधन अत्यंत दु:खद है। प्रभु श्री राम दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान व उनके परिजनों को यह दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। अंतिम दर्शन करने पहुंचे पूर्व उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने कहा कि साधना गुप्ता का जाना अपूरणीय क्षति है। वह गरीबों की सेवा के लिए तत्पर रहती थीं। मुलायम सिंह यादव की पत्नी के अंतिम दर्शन करने सपा के वरिष्ठ नेता राम गोविन्द चौधरी, पूर्व मंत्री अवधेश प्रसाद,उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक, पूर्व मंत्री मोहसिन रजा समेत तमाम नेता मुलायम सिंह के आवास पहुंचें थे।

प्राकृतिक खेती पर आयोजित सम्मेलन, संबोधित किया

प्राकृतिक खेती पर आयोजित सम्मेलन, संबोधित किया

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी
नई दिल्ली/सूरत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि प्राकृतिक खेती को अपनाने संबंधी जन-अभियान आने वाले वर्षों में काफी सफल रहेगा और जितनी जल्दी किसान इस बदलाव से जुड़ेंगे, उतने ही उन्हें उसके फायदे मिलेंगे। प्रधानमंत्री ने गुजरात के सूरत में प्राकृतिक खेती पर आयोजित एक सम्मेलन को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित करते हुए कहा, ‘‘प्राकृतिक खेती को अपनाना धरती माता की सेवा करने के समान है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल भारत अभियान की अभूतपूर्व सफलता उन लोगों को देश की ओर से जवाब है जो कहा करते थे कि गांवों में बदलाव लाना आसान नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘ प्राकृतिक खेती से जुड़ा जन-अभियान आने वाले वर्षों में बेहद सफल होगा।
जितनी जल्दी किसान इससे जुड़ेंगे, उतनी जल्दी ही उन्हें इसके फायदे मिलेंगे।’’ प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि प्राकृतिक खेती को अपनाना, मिट्टी की गुणवत्ता और उत्पादकता की सुरक्षा करके धरती माता की सेवा करने के समान है। उन्होंने कहा, ‘‘जब आप प्राकृतिक कृषि करते हैं तो आप प्रकृति और पर्यावरण की सेवा कर रहे होते हैं।’

प्रतिबंध: डीपीसीसी ने नियंत्रण कक्ष स्थापित किया

प्रतिबंध: डीपीसीसी ने नियंत्रण कक्ष स्थापित किया 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने 19 चिह्नित एकल-उपयोग प्लास्टिक (एसयूपी) वस्तुओं पर प्रतिबंध के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है और सोमवार से इसका उल्लंघन करने वाली इकाइयों को बंद करना शुरू कर देगी। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। एक अधिकारी ने रविवार को कहा कि नियंत्रण कक्ष एसयूपी प्रतिबंध के उल्लंघन से संबंधित सभी शिकायतें प्राप्त करेगा और प्रवर्तन टीमों को कार्रवाई करने का निर्देश देगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि डीपीसीसी का अधिदेश एसयूपी वस्तुओं के निर्माण को नियंत्रित रखना है, लेकिन बाजारों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर प्रतिबंध के उल्लंघन से संबंधित शिकायतें भी हमारे नियंत्रण कक्ष को भेजी जा सकती हैं। हम इसे संबंधित नगर निकायों को भेज देंगे।’’ उल्लंघन के संबंध में शिकायतें दिल्ली सरकार के ‘ग्रीन दिल्ली’ ऐप्लीकेशन या केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के “एसयूपी-सीपीसीबी” एप्लीकेशन के माध्यम से भी दर्ज करायी जा सकती हैं।
अधिकारी ने कहा, ‘‘हम कानून के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत सोमवार से प्रतिबंध का उल्लंघन करने वाली इकाइयों को बंद करना शुरू कर देंगे। और कोई चेतावनी नहीं दी जाएगी।’’ एक जुलाई को दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा था कि दिल्ली सरकार एकल उपयोग वाली प्लास्टिक (एसयूपी) की 19 वस्तुओं पर प्रतिबंध का उल्लंघन करने वाली इकाइयों को 10 जुलाई तक चेतावनी नोटिस जारी करेगी और इसके बाद फिर से ऐसा करने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा था, ‘‘प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत एक लाख रुपये तक का जुर्माना या पांच साल तक की जेल या दोनों हो सकते हैं।’’ उन्होंने कहा था कि हालांकि, सरकार एसयूपी वस्तुओं के उपयोग के खिलाफ जागरूकता पैदा करने और लोगों को उनके विकल्प प्रदान करने को सर्वोच्च प्राथमिकता देगी। राजस्व विभाग और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने प्रतिबंध को लागू करने के लिए क्रमशः 33 और 15 टीमों का गठन किया है।
डीपीसीसी को उसके अनुरूप क्षेत्रों में प्रतिबंध का अनुपालन सुनिश्चित करना है, जबकि एमसीडी और अन्य स्थानीय निकाय अनौपचारिक क्षेत्र में इसके कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार हैं। एमसीडी और अन्य शहरी स्थानीय निकाय अपने उपनियमों के अनुसार चूक करने वाली इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे, जबकि राजस्व विभाग पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई करेगा।
प्रवर्तन अभियान के दौरान जब्त की गयी एसयूपी चीजों को ‘अपशिष्ट से ऊर्जा’ बनाने वाले संयंत्रों में भस्म कर दिया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे लैंडफिल या रुके हुए जल निकायों में नहीं जाएं।

3 सदस्यीय आयोग के गठन का स्वागत किया: इकाई

3 सदस्यीय आयोग के गठन का स्वागत किया: इकाई

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली इकाई ने यहां नगर निगम वार्ड के परिसीमन के लिए तीन सदस्यीय आयोग के गठन का स्वागत किया और कहा कि वह लोकतांत्रिक राजनीति में विश्वास रखती है। वहीं, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जब राष्ट्रीय राजधानी में वार्ड की संख्या निर्धारित नहीं है तो समिति किस आधार पर काम करेगी।
आम आदमी पार्टी (आप) ने परिसीमन आयोग के गठन को छलावा करार दिया और आरोप लगाया कि यह नगर निकाय चुनाव टालने के लिए भारतीय जनता पार्टी नीत केंद्र सरकार का एक और “पैंतरा” है। कांग्रेस की दिल्ली इकाई ने आप और भाजपा पर दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव टालने का आरोप लगाया और परिसीमन की प्रक्रिया से असहमति जताई। पार्टी ने कहा कि नगर निकाय के चुनाव होने चाहिए ताकि आम जनता का कामकाज प्रभावित नहीं हो।
दिल्ली नगर निगम की ओर से शनिवार को जारी एक बयान के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली में एमसीडी के वार्ड के लिए नई परिसीमन प्रक्रिया के वास्ते तीन सदस्यीय आयोग गठित किया है। इस प्रक्रिया से दिल्ली में नगर निकाय के चुनाव का मार्ग प्रशस्त होगा। शहर के तीन नगर निगमों को हाल में एकीकृत किये जाने के बाद पहली बार निकाय चुनाव होंगे। मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, “हमें खुशी है कि केंद्र सरकार ने एमसीडी के वार्ड परिसीमन के लिए समिति का गठन कर दिया।
लेकिन दिल्ली में कितने वार्ड होंगे, इस बारे में कोई आदेश नहीं दिया। फिर ये समिति काम कैसे करेगी?” राजेंद्र नगर से आम आदमी पार्टी के विधायक दुर्गेश पाठक ने समिति के गठन को “छलावा” करार दिया। उन्होंने ट्वीट किया, “यह आदेश बस एक छलावा है। केंद्र सरकार को सबसे पहले यह तय करना है कि दिल्ली में कितने वार्ड होंगे, उसके बाद इस आयोग का काम शुरू होगा।
बिना वार्ड की संख्या तय किए यह आयोग काम कैसे करेगा?” वहीं, भाजपा की दिल्ली इकाई ने एक बयान में कहा, “उन्हें झूठ बोलना बंद कर देना चाहिए और समझदारी से बात करनी चाहिए क्योंकि वह (केजरीवाल) मुख्यमंत्री के पद पर हैं।
भाजपा लोकतांत्रिक राजनीति में विश्वास रखती है और जल्द ही तय प्रक्रिया पूरी करने के बाद निर्वाचित एमसीडी का गठन किया जाएगा।” दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि तीन सदस्यीय आयोग को सभी दलों के साथ नियमों पर चर्चा करनी चाहिए और परिसीमन की प्रक्रिया शुरू करने से पहले उन्हें विश्वास में लेना चाहिए।

उत्तराखंड: पेट्रोल-डीजल के नए रेट जारी किए

उत्तराखंड: पेट्रोल-डीजल के नए रेट जारी किए 

पंकज कपूर
देहरादून। प्रदेश में पेट्रोल-डीजल के दामों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। उत्तराखंड में पेट्रोल और डीजल के नए रेट जारी कर दिए गए हैं। आज देहरादून में पेट्रोल में 40 पैसे की कमी और डीजल के दाम में 1.35 पैसे की कमी देखी गई है। ऐसे में देहरादून में आज पेट्रोल ₹ 94.95 प्रति लीटर और डीजल ₹88.99 प्रति लीटर बिक रहा है।
गौरतलब हो, कि पेट्रोल-डीजल के नए रेट जारी हो गए हैं। हर दिन सुबह 6 बजे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है। पिछले कई दिनों से प्रदेश में तेल की कीमतें में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। पेट्रोल व डीजल के दाम में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन, वैट और अन्य चीजें जोड़ने के बाद दामों में इजाफा होता है। यही कारण है कि पेट्रोल-डीजल के दाम ज्यादा नजर आते हैं।
वहीं, हरिद्वार में आज पेट्रोल में 2 पैसे और डीजल के दाम में 2 पैसे की बढ़ोत्तरी देखी गई है। हरिद्वार में पेट्रोल के दाम ₹94.37 प्रति लीटर और डीजल के दाम ₹ 89.48 रुपए प्रति लीटर हैं।

वित्त वर्ष 2022-23 में 15 खनिज ब्लॉकों की नीलामी रद्द

वित्त वर्ष 2022-23 में 15 खनिज ब्लॉकों की नीलामी रद्द 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। मौजूदा वित्त वर्ष 2022-23 में 15 खनिज ब्लॉकों की नीलामी रद्द हुई है। जबकि 32 खानों की बिक्री को सफलतापूर्वक पूरा किया गया है। हालांकि, इन ब्लॉकों की नीलामी रद्द करने की कोई वजह नहीं बताई गई है। जिन खानों की नीलामी रद्द हुई है। उनमें पांच-पांच चूना पत्थर और मैंगनीज ब्लॉक, दो-दो बॉक्साइट और फॉस्फोराइट ब्लॉक और एक सोने की खान है।
खान मंत्रालय ने खनिज ब्लॉकों की नीलामी पर स्थिति रिपोर्ट में कहा है कि चालू वित्त वर्ष में सात जून, 2022 तक जिन खानों की नीलामी रद्द की गई है। उनमें 11 मध्य प्रदेश में, दो-दो छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में हैं। जिन 32 ब्लॉकों की नीलामी सफलतापूर्वक पूरी की गई है उनमें 10 मैंगनीज खानें, आठ चूना पत्थर, सात लौह अयस्क, पांच बॉक्साइट और एक-एक ग्रैफाइट और फॉस्फोराइट खानें हैं।
चालू वित्त वर्ष में अबतक मध्य प्रदेश में 10 खनिज ब्लॉकों की नीलामी हुई है। आंध्र प्रदेश में आठ, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक में चार-चार, महाराष्ट्र और ओडिशा में दो-दो और राजस्थान और उत्तर प्रदेश में एक-एक खान की नीलामी हुई है। सरकार ने इससे पहले कहा था कि देश में खनिज ब्लॉकों की नीलामी में अब स्थिरता आई है। वित्त वर्ष 2021-22 में कुल 46 खनिज ब्लॉकों की नीलामी की गई थी। पिछले सात साल के दौरान सरकार ने महत्वपूर्ण सुधार लागू करते हुए खनिज क्षेत्र को खोला है।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण  

1. अंक-275, (वर्ष-05)
2. सोमवार, जुलाई 11, 2022
3. शक-1944, आषाढ़, शुक्ल-पक्ष, तिथि-द्वादशी, विक्रमी सवंत-2079।
4. सूर्योदय प्रातः 05:22, सूर्यास्त: 07:15।
5. न्‍यूनतम तापमान- 30 डी.सै., अधिकतम-37+ डी.सै.। उत्तर भारत में बरसात की संभावना।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसेन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
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शनिवार, 9 जुलाई 2022

बकरीद: चाक-चौबंद रखी जाएंगी, सुरक्षा व्यवस्था

बकरीद: चाक-चौबंद रखी जाएंगी, सुरक्षा व्यवस्था 

अकांशु उपाध्याय/हरिओम उपाध्याय/अश्वनी उपाध्याय 

नई दिल्ली/लखनऊ/गाजियाबाद। देश भर में रविवार को ईद-उल-अजहा (बकरीद) का पर्व मनाया जाएगा। जनपद में बकरीद पर्व पर शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए गाज़ियाबाद पुलिस-प्रशासन ने व्यापक प्रबंध किए हैं। किसी प्रकार की अप्रिय स्थिति से निपटने को हर संभव तैयारियां की गई हैं। बकरीद की नमाज शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रखी जाएंगी। सुरक्षा व्यवस्था के लिहाज से पीएसी की एक कंपनी के अलावा 2 हजार पुलिसकर्मियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। संवेदनशील एवं अति संवेदनशील क्षेत्रों में पीएसी जवानों की तैनाती रहेगी। एसएसपी मुनिराज के मुताबिक, बकरीद पर सुरक्षा व्यवस्था संबंधी इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं। इसके मद्देनजर 6 एसपी, 10 सीओ, 37 इंस्पेक्टर, 325 दारोगा, 380 हेड कांस्टेबल, 180 महिला कांस्टेबल, 940 सिपाही के अलावा एक कंपनी पीएसी एवं 2 प्लाटून पीएसी आदि की तैनाती की जाएगी। सड़कों पर ईद की नमाज पढऩे पर पाबंदी रहेगी। बकरीद की नमाज ईदगाह व मस्जिद के बाहर सड़क पर नहीं पढ़ी जाएगी। मौलानाओं ने लोगों से सड़क पर भीड़ जमा न करने की अपील की है। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह एवं एसएसपी मुनिराज जी ने कहा कि कोई भी व्यक्ति खुले स्थान पर कुर्बानी नहीं करेगा। मौलानाओं ने भी यह जानकारी लोगों को दे दी है कि वह पर्दे में ही कुर्बानी करें। प्रतिबंधित जानवर की कुर्बानी न करें।

खुले में न फेंके जानवरों के अवशेष...

जानवरों के अवशेष को खुले में न फेंके। साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना है। नगर निगम की गाडिय़ां डोर-टू डोर चक्कर लगाती रहेंगी। वहीं, ड्रोन कैमरों से निगरानी की जाएगी। ईद की नमाज को लेकर पुलिस ने सतर्कता बढ़ा दी है। सभी मस्जिद और ईदगाह पर पुलिस तैनात रहेगी। मस्जिद, ईदगाह व मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्र में ड्रोन कैमरों से निगरानी की जाएगी। कानून व्यवस्था बिगाडऩे वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कहा कि बकरीद का त्योहार शांतिपूर्ण तरीके से मिल जुलकर मनाएं। त्योहार पर किसी भी प्रकार की हुड़दंग एवं छींटाकशी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अफवाहों पर ध्यान न दें।

खुले में कुर्बानी पर पाबंदी...

कुर्बानी खुले में नहीं की जाएगी। बकरीद को शांति व सौहार्दपूर्ण माहौल में संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन की ओर से पूरी तैयारियां की गई है। सभी क्षेत्रों में एडीएम, एसडीएम व एसीएमओ को उनके क्षेत्र आंवटित किए हैं। सिटी मजिस्टे्रट गंभीर सिंह को कोतवाली, विजयनगर, कविनगर, एसडीएम संतोष राय को लोनी क्षेत्र, एसडीएम शुभांगी शुक्ला को मोदीनगर क्षेत्र, एसीएम चंद्रेश कुमार को साहिबाबाद, लिंक रोड, टीला मोड़, बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी राजेश कुमार को इंदिरापुरम खोड़ा, कौशांबी और एसीएम शाल्वी अग्रवाल को सिहानी गेट नंदग्राम में तैनात किया गया है। इसके अलावा एडीएम प्रशासन ऋतु सुहास मोदीनगर क्षेत्र, एडीएम सिटी बिपिन कुमार को शहरी क्षेत्र, एडीएम वित्त एवं राजस्व विवेक श्रीवास्तव को लोनी क्षेत्र और एडीएम एलए श्याम अवध चौहान को डासना क्षेत्र में शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रभारी अधिकारी तैनात किया गया है।

10 जुलाई को मनाया जाएगा 'ईद-उल-अजहा' का पर्व

10 जुलाई को मनाया जाएगा 'ईद-उल-अजहा' का पर्व 

सरस्वती उपाध्याय 
इस्लाम धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक बकरीद (ईद-उल-अजहा) का पर्व इस साल 10 जुलाई को मनाया जाएगा। बकरीद को ईद-उल-अजहा नाम से भी जानते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बकरीद का पर्व त्याग और कुर्बानी के तौर पर मनाया जाता है। बकरीद मनाने के पीछे का कारण हजरत इब्राहिम माने जाते हैं। जानिए, बकरीद का धार्मिक महत्व के साथ इतिहास...

बकरीद का इतिहास...

इस्लाम की धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हजरत इब्राहीम अल्लाह के पैगंबर थे। एक बार अल्लाह ने उनका इम्तिहान लेना चाहिए और उनसे ख्वाब के माध्यम से कहा कि वह सबसे प्यारी चीज की कुर्बानी दे दें। ऐसे में हजरत इब्राहिम अपने इकलौते बेटे इस्माइल की कुर्बानी देने को तैयार हो गए थे। क्योंकि वहीं एक चीज थी जिसे वह सबसे ज्यादा प्यार करते थे। ऐसे में जब हज़रत इब्राहीम अपने बेटे की कुर्बानी देने जा रहे थे तो उन्हें रास्ते में एक शैतान मिला। उसने उन्हें ऐसा करने से रोकते हुए कहा कि बेटे की कुर्बानी कौन देता है, इसकी जगह आप चाहे तो किसी जानवर को कुर्बानी दे सकते हैं। शैतान की इस बात को हज़रत इब्राहीम को सही समझा। लेकिन वह अपने अल्लाह से झूठ नहीं बोलना चाहते थे और न ही उनके हुक्म की नाफरमानी करना चाहते थे। इसलिए वे बेटे को लेकर आगे बढ़ गए। बेटे की कुर्बानी देते समय उन्होंने अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली ताकि बेटे का मोह अल्लाह की मांग को पूरी करने के बीच में बाधा न बने। कुर्बानी के बाद जब उन्होंने अपनी आंखों से पट्टी हटाई तो देखकर हैरान रह गए कि उनका बेटा सही सलामत खड़ा है और उसकी जगह एक बकरा कुर्बान हो गया है। उसके बाद से ही जानवरों की कुर्बानी देने का चलन शुरू हुआ।

ईद-उल-अजहा (बकरीद) पर ऐसे अदा करें नमाज़...

इस्लाम समुदाय के लोग बकरीद के दिन सूर्योदय के बाद और जुहर की नमाज से पहले ईद उल-अजहा की नमाज अदा कर सकते हैं। ईद अल-अजहा की नमाज़ में दो रकात होती हैं, जिसमें पहली रकात में सात बार तकबीर और दूसरी में पांच बार तकबीर पढ़ी जाती है। ईद की नमाज़ के लिए कोई भी अज़ान नहीं दी जाती है, बस तय वक्त में सभी लोग आकर नमाज़ अदा करते हैं।

बकरीद पर ऐसे दी जाती है कुर्बानी... 

कुर्बानी देने के लिए भी कुछ नियमों का पालन करना पड़ता है। इस दिन केवल स्वस्थ पशुओं की कुर्बानी दी जाती है। इसके अलावा त्याग का धन ईमानदारी से अर्जित करना चाहिए। गलत तरीके से कमाया गया धन बलिदान नहीं होता है।

सपा संरक्षक मुलायम की पत्नी साधना का निधन हुआ

सपा संरक्षक मुलायम की पत्नी साधना का निधन हुआ

संदीप मिश्र

लखनऊ/गुरुग्राम। समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की पत्नी साधना गुप्ता का शनिवार को निधन हो गया है। वह फेफड़ों के संक्रमण से पीड़ित थी। गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। साधना गुप्ता, बीजेपी नेत्री अपर्णा यादव की सास और प्रतीक यादव की मां थी। साधना गुप्ता का पार्थिव शरीर गुरुग्राम से लखनऊ लाया जाएगा। रविवार को इटावा में अंतिम संस्कार होने की संभावना है। बता दें कि साल 2003 में मुलायम सिंह की पहली पत्नी और अखिलेश यादव की मां मालती देवी का निधन हो गया था। जिसके कुछ दिन बाद सपा नेता ने खुद से 20 साल छोटी साधना गुप्ता को दूसरी पत्नी का दर्जा दिया था।

साधना गुप्ता उत्तर प्रदेश के इटावा के बिधुना तहसील की रहने वाली थी। 4 जुलाई 1986 में उनकी शादी फर्रुखाबाद के चंद्रप्रकाश गुप्ता से शादी हुई थी। इनकी शादी के बाद 7 जुलाई 1987 में प्रतीक यादव का जन्म हुआ था। इसके दो साल बाद साधना और चंद्रप्रकाश अलग हो गए थे। इसके बाद साधना गुप्ता सपा के तत्कालीन सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के संपर्क में आई थी। बताया जाता है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव की मां मूर्ति देवी बीमार रहती थी। उस दौरान नर्सिंग की ट्रेनिंग कर रहीं साधना गुप्ता ने लखनऊ के एक नर्सिंग होम और फिर सैफई मेडिकल कॉलेज में मूर्ति देवी का काफी ख्याल रखा था। ऐसा कहा जाता है कि उसी समय से मुलायम और साधना एक-दूसरे के करीब आए थे।

श्रीलंका के प्रधानमंत्री विक्रमसिंगे ने इस्तीफा दिया

श्रीलंका के प्रधानमंत्री विक्रमसिंगे ने इस्तीफा दिया

अखिलेश पांडेय 
कोलंबो। श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंगे ने इस्तीफा दिया है। वहीं, राष्ट्रपति गोटबाय भी अपना इस्तीफा दे सकते है। इस्तीफा देने के बाद रानिल ने कहा कि नागरिको की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए ये फैसला लिया गया है। बता दें, कि इस्तीफे से पहले श्रीलंका में आर्थिक हालात से त्रस्त जनता ने शनिवार को राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के आवास पर कब्जा कर लिया। 
वहीं, राष्ट्रपति अपना आवास छोड़कर भाग गए हैं। इस बीच हालात काबू में करने के लिए श्रीलंका के मौजूदा प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने पार्टी नेताओं की आपात बैठक बुलाई और अपना इस्तीफा दे दिया। उधर, श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) के 16 सांसदों ने पत्र लिखकर राष्ट्रपति से तत्काल इस्तीफा देने की अपील की है।

उत्तराखंड: कुल 80327 लोगों ने पंजीकरण कराया

उत्तराखंड: कुल 80327 लोगों ने पंजीकरण कराया पंकज कपूर  ऋषिकेश। चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण शुक्रवार को भी दुश्वारियों भरा रहा। दिन भर में क...