शनिवार, 25 जून 2022

भारत में एक्शन जॉनर में नया बेंचमार्क, पठान

भारत में एक्शन जॉनर में नया बेंचमार्क, पठान
कविता गर्ग  
मुंबई। इंडियन फिल्म इंडस्ट्री में शाहरुख खान ने शानदार 30 साल पूरे कर लिए हैं। फिल्म दीवाना से एक्टिंग करियर की शुरुआत की शुरुआत करने वाले बॉलिवुड के किंग खान की अपकमिंग फिल्म पठान से बड़ा अपडेट भी सामने आया है। यशराज फिल्म्स ने मोशन पोस्टर के जरिए फिल्म पठान से शाहरुख के बेहद इंटेंस लुक को रिलीज किया है। ट्विटर पर पठान के पोस्टर और मोशन पोस्टर ने आते ही धमाल मचा दिया है और वह लगातार ट्रेंड हो रहे हैं।
पठान से शाहरुख खान का लुक
पठान के मोशन पोस्टर में शाहरुख गन-फ्लेक्सिंग डेंजरस लुक में नज़र आ रहे हैं, जो एक खतरनाक मिशन के लिए तैयार है। इंटरनेट पर आते ही उनके इस लुक ने तहलका मचा दिया है।
क्या बोले पठान के डायरेक्टर
पठान के रूप में शाहरुख के लुक  के बारे में सिद्धार्थ कहते हैं, “इस एक्शन थ्रिलर में वह अल्फा मैन ऑन द मिशन हैं जो भारत में एक्शन जॉनर में नया बेंचमार्क स्थापित करेगा। जब आपकी फिल्म में शाहरुख खान, दीपिका पादुकोण और जॉन अब्राहम जैसे सुपरस्टार हों, तो आपको हर मामले में शानदार रहना होगा और मुझे नहीं लगता कि पठान के साथ हम दर्शकों को कहीं से भी निराश करेंगे।

एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-वायरल व एनाल्जेसिक गुण

एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-वायरल व एनाल्जेसिक गुण
सरस्वती उपाध्याय 
लौंग का इस्‍तेमाल भारतीय आयुर्वेद में सदियों से किया जा रहा है। बदलते मौसम के दौरान होने वाली खांसी, सर्दी, पेट की समस्‍या या किसी तरह के संक्रमण को दूर करने के लिए लौंग काफी फायदेमंद होता है। खबर के मुताबिक, लौंग में एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटी माइक्रोबियल और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो गले में खराश को कम करने में असरदार होते हैं। इसके अलावा, लिवर हेल्‍थ को इंप्रूव करने, ब्‍लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने और डाइजेशन को बेहतर रखने का भी काम करते हैं। एंटीऑक्सीडेंट गुण के साथ-साथ इसमें एंटी-वायरल और एनाल्जेसिक गुण भी होते हैं। अगर आप लौंग की चाय या काढ़ा पिएं, तो इससे आप मौसमी बीमारियों से भी खुद को बचा सकते हैं।
मेटाबॉलिज्म बूस्ट करे
लौंग का काढ़ा पीने से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है। अगर आप रोजाना सुबह के समय लौंग का काढ़ा पिएं तो आपका वजन भी कम होगा और डाइजेशन भी बेहतर होगा।

किसानों ने विद्युत कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया

किसानों ने विद्युत कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया
सत्येंद्र पंवार 
मेरठ। किसानों के खेत में लगे ट्यूबवेलों पर बिजली मीटर लगाने का विरोध कर रहे किसानों का आज ऊर्जा भवन में आक्रोश फूट पड़ा। पश्चिमी उप्र के 14 जिलों के किसानों ने इसके विरोध में पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के मुख्य कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया। मेरठ के ऊर्जा भवन में शनिवार को वेस्ट यूपी के 14 जिलों के किसानों ने पहुंचकर सरकार के खिलाफ धरना दिया। किसानों ने आरोप लगाया कि सरकार अपने वादे से पीछे हट गई है। सरकार अब किसानों का हित नहीं कर रही। इससे तो अच्छा है कि वो हमको मौत ही दे दे। किसान अपने घरों के बिजली के बिल तो चुका नहीं सकता।
किसानों का आरोप था कि जिस सरकार को बनवाने में उन्होंने अपना वोट दिया वहीं सरकार अब उनके साथ धोखा कर रही है। सरकार के द्वारा ट्यूबवेल और बिजली बिलों पर जो मीटर लगाये जा रहे है। उनकी गलत नीतियों के खिलाफ किसानों का धरना व पंचायत हुई। सहारनपुर,मेरठ, बागपत, मुरादाबाद, हापुड़, बिजनौर, नोएडा,गाजियाबाद,मुजफ्फरनगर, शामली, बुलंदशहर सहित पश्चिमी उप्र के किसान मेरठ के ऊर्जा भवन में एकत्रित हुए। जहां उन्होंने टयूबवेल पर इलेक्ट्रिक मीटर और उसमें आने वाले बढ़े बिजली बिलों का विरोध करते हुए धरना प्रद्रर्शन शुरू कर दिया।
किसानों ने कहा कि भाजपा कि सरकार ने 2014 में सरकार बनने पर भी फ्री बिजली देने का वादा किया था। और वह वादा पूरा करने में नाकाम रही। वही छल वह 2022 चुनाव जीतकर दोबारा करना चाहती है। 2022 चुनाव में सरकार ने हमसे जीतने के बाद फ्री बिजली देने का वादा किया था। बिजली तो फ्री हुई नहीं, बिल भी माफ नहीं कियें लेकिन सरकार ने ट्यूबवेलों पर भी मीटर लगवा दिए। किसान आज दहशत में है और पुलिस उनके घरों पर छापेमारी कर उन्हे पकड़ रही है। बिजली के बिल के बोझ के तले कई किसानों की मौत हो गई। सरकार बिजली फ्री नहीं करेगी तब तक किसान सड़को पर ही रहेगा।

काला लहसुन: कम तीखा, पोषक तत्वो से भरपूर

काला लहसुन: कम तीखा, पोषक तत्वो से भरपूर
सरस्वती उपाध्याय
आज तक आपने एक ही प्रकार के लहसुन को देखा होगा और वो है सफेद लहसुन। पर क्या आप जानते हैं कि काला लहसुन भी होता है। जी हां, इसका छिलका तो सफेद ही रहेता है पर ये अंदर से पूरी तरह से काला नजर आएगा। आपको बतादें कि यह काला लहसुन का आज का नहीं बल्कि पुराने समय से हमारे देश में है। जिसका आयुर्वेद में कई औषधीय के तौर पर उपयोग किया जाता है।
आपको बतादें कि यह काला लहसुन कहीं अलग से उगाया नहीं जाता बल्कि यह सफेद लहसुन का फर्मेंटेशन रूप है। जो स्वाद में सफेद लहसुन के तुलना में कम तीखा होता है और पोषक तत्व इसमें भरपूर होते हैं। इस लहसुन का अगर आप लगातार सेवन करते हैं तो इससे सेहत को कई प्रकार के फायदें मिलते हैं।आइए जानते हैं इन फायदों (Benefits)के बारे में।
काला लहसुन में एंटी.बैक्टीरियल और एंटी.वायरल के गुण पाए जाते हैं जिसकी वजह से शुगर कंट्रोल में रहता है।
अगर आप भी अपने दिल का ख्याल रखना चाहते हैं तो आपको काले लहसुन का सेवन करना चाहिए। काले लहसुन में पाया जाने वाला एलिसिन गुण खून को पतला करने और हार्ट ब्लॉकेज से बचाने में मदद करता है।
काला लहसुन के सेवन से डाइजेशन भी अच्छी रहती है।इनमें पाए जाने वाले गुण खाना को पचाने में मदद करता है।
काला लहसुन के सेवन से इम्यूनिटी बूस्ट होती है। दरअसल इसमें पाए जाने वाला एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है।
अगर आप काला लहसुन का लगातार सेवन करते हैं तो एलर्जी संबंधित रोगों से लड़ने की ताकत मिलती है। जैसे आप इसके सेवन से ठंड वाली और धूल से होने वाली एलर्जी को ठीक कर सकते हैं।

6 की मृत्यु, 38 में 20 लड़के और 18 लड़कियां

6 की मृत्यु, 38 में 20 लड़के और 18 लड़कियां
डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत  
कंपाला। 6 बच्चों की मृत्यु हो चुकी है। अभी जीवित 38 बच्चों में 20 लड़के और 18 लड़कियां हैं, जिन्हें वे अकेले ही पाल रही हैं।
मरियम जब 12 साल की थीं, तब उनके माता-पिता ने उन्हें शादी के बहाने बेच दिया था। 13 साल की उम्र में उन्होंने पहले बच्चे को जन्म दिया था। पहले बच्चे के जन्म के बाद मरियम को अहसास हुआ कि उनकी फर्टिलिटी अन्य महिलाओं की अपेक्षा अधिक है। जब उनके लगातार इतने अधिक बच्चे होते गए तो वह डॉक्टर के पास गईं और तब उन्हें डॉक्टर ने एक मेडिकल कंडिशन के बारे में बताया था।
डॉक्टर्स ने मरियम को बताया, उसके अंडाशय असामान्य रूप से बड़े हैं, जिसके कारण उसके शरीर में हाइपर ओव्यूलेशन नामक स्थिति बनी है। हाइपर-ओव्यूलेट स्थिति आनुवांशिक होती है। इस स्थिति में ज्यादा बच्चे पैदा करने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
युगांडा की राजधानी कंपाला के मुलगो हॉस्पिटल के स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. चार्ल्स किगगुंडु के मुताबिक, मरियम की फर्टिलिटी काफी अधिक थी, इस कारण वह इतने अधिक बच्चे पैदा कर रही थीं। मरियम की स्थिति में कोई भी बर्थ कंट्रोल तकनीक काम नहीं करती और अगर ऐसा किया भी जाता तो उन्हें गंभीर बीमारियां का खतरा भी हो सकता था। हालांकि, हाइपर ओव्यूलेशन का इलाज मौजूद है लेकिन युगांडा के ग्रामीण इलाके में उन तकनीकों का आना काफी मुश्किल था‌।
जानकारी के मुताबिक, मरियम का पति 2016 में घर से सारा पैसा लेकर भाग गया था। उसी साल उसने अपने सबसे छोटे बच्चे को जन्म दिया था। मरियम अपने बच्चों के साथ नॉर्थ कंपाला से 31 मील दूर खेतों से घिरे एक गांव में रहती है। मरियम अपने बच्चों के साथ चार सीमेंट से बने तंग घरों में रहती है। मरियम के पति के छोड़कर जाने के बाद एक महिला ने उसे कुछ पलंग दिए थे। मरियम और बच्चे उन पर ही सोते हैं। एक गद्दे पर दो बच्चे सोते हैं।
मरियम का सारा समय बच्चों की देखभाल और पैसा कमाने में गुजरता है। वह अपने बच्चों को पालने के लिए कई सारे काम कर चुकी हैं, जिसमें कटिंग करना, कबाड़ इकट्ठा करना, दवाई बेचना शामिल है।

अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों की संख्या 171 से 247

अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों की संख्या 171 से 247
दुष्यंत टीकम
रायपुर। छत्तीसगढ़ में 76 नए स्वामी आत्मानंद स्कूल की मंजूरी मिल गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के परिपालन में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा राज्य में 76 नए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय इसी शैक्षणिक सत्र से प्रारंभ किए जा रहे है। इन नये स्कूलों में विद्यार्थियों को एक जुलाई से प्रवेश दिया जाएगा।
कलेक्टरों को नवीन स्कूलों में आवश्यकतानुसार शैक्षिक एवं गैर शैक्षिक पदों की पूर्ति के साथ ही अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। 76 नए स्कूलों के खुल जाने से राज्य में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों की संख्या 171 से बढ़कर 247 हो जाएगी। बता दें कि राज्य में 32 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम विद्यालय संचालित है।
स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने बताया कि सभी 76 नए स्कूलों को शुरू किए जाने को लेकर शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं अधोसंरचना की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है, जिसके चलते इन स्कूलों का क्रेज बढ़ा है और मुख्यमंत्री के भ्रमण एवं भेंट-मुलाकात के दौरान बड़ी संख्या में पालक और बच्चे अंग्रेजी माध्यम स्कूल की मांग अपने इलाकों में करते रहे है। पालकों और बच्चों के आग्रह पर सीएम बघेल ने राज्य में 50 और नवीन अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने की घोषणा करने के साथ ही अपने ट्वीटर हैंडल से भी इसकी जानकारी दी थी। विधानसभा क्षेत्रों के भेंट-मुलाकात के दौरान लोगों की मांग पर मुख्यमंत्री ने 26 और नवीन अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री की मंशा और उनकी घोषणा के अनुरूप 76 नए स्कूल खोले जा रहे है।
मंत्री डॉ. टेकाम ने बताया कि रायपुर में अधिक 12 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय और शुरू किए जा रहे है, जो मोवा, लालपुर, शांतिनगर, गुरूनानक चौक, मोहबा बाजार, सरोना, मंदिर-हासौद, समोदा, गोबरानवापारा, सारागांव, तिलकनगर गुढ़यारी, बीरगांव रायपुर में खुलेंगे।

 


इसी तरह बिलासपुर में लाल बहादुर हायर सेकेंडरी स्कूल, अंबेडकर स्कूल एवं तिलकनगर बिलासपुर में, कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक अंतर्गत पसान एवं कोरबी तथा बालको कोरबा में, कोरिया जिले में नवापारा पोड़ी, पिपरडांड बैकुंठपुर एवं केलहारी, कोंडागांव जिले में कोंडागांव , मरदापाल एवं कोनगुड़, कांकेर जिले में सरोना, कबीरधाम जिले में कचहरी पारा कवर्धा, बलौदाबाजार जिले में सरसींवा, सुहेला, भंटगांव, लवन, रायगढ़ जिले में कोड़ातराई, राजनांदगांव जिले में साल्हेवारा, धमतरी जिले में गोकुलपुर एवं चर्रा, बीजापुर जिले में कुटरू एवं मद्देड़, बलौद जिले में नयापारा राजहरा, गुंडरदेही, देवरीबंगला, बस्तर जिले में करंदोला, धरमपुरा, बकावंड एवं नानगुर, बेमेतरा जिले में सिंघौरी, साजा, थानखम्हरिया एवं देवरबीजा तथा बलरामपुर जिले में रामचंदपुर, डौरा एवं चलगली में नवीन स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय प्रारंभ किए जा रहे हैं।
मंत्री डॉ. टेकाम ने इन विद्यालयों में हिन्दी माध्यम पूर्व की भांति यथावत संचालित रहेंगे तथा हिन्दी माध्यम के शिक्षकों का पूर्व से स्वीकृत सेटअप भी यथावत रहेगा। हिन्दी माध्यम के विद्यार्थियों के प्रवेश हेतु निश्चित संख्या निर्धारित नहीं की गई है। विद्यालय अपनी आवश्यकता एवं क्षमता अनुसार प्रवेश दे सकेंगे। विद्यालयों का संचालन आवश्यकतानुसार दो पालियों में किए जा सकेंगे।

एलआईसी में निवेश, करोड़पति बन सकते हैं

एलआईसी में निवेश, करोड़पति बन सकते हैं
अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। करोड़पति बनने का सपना, साढ़े 5 हजार रुपये महीने में LIC का ये प्लान पूरा करेगा। करोड़पति बनने का सपना हर कोई देखता है। करोड़पति बनने की तरफ कम ही लोग कदम उठा पाते हैं। वर्तमान दौर में ऐसे कई निवेश के ऑप्शन हैं जिनमें लंबे समय तक निवेश किया जाए तो करोड़पति भी बना जा सकता है। भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के पास भी ऐसे कई सारे प्लान मौजूद है जिनकी मदद से लंबे समय तक निवेश किया जा सकता है और एक अच्छा अमाउंट भी रिटर्न के तौर पर हासिल किया जा सकता है।
एलआईसी की स्कीम में एक स्कीम न्यू जीवन आनंद भी है। न्यू जीवन आनंद कई मायनों में काफी खास है। यह एलआईसी की सबसे ज्यादा बिकने वाले प्लान में से एक है। इस प्लान की खास बात ये है कि इस प्लान में मैच्योरिटी के बाद भी रिस्क कवर मिलता रहता है‌।
ये है New Jeevan Anand Plan की खासियत 
– इस प्लान को शुरू करवाने के लिए मिनिमम उम्र 18 साल और मैक्सिमम उम्र 50 साल है‌।
– सम एश्योर्ड (बीमा राशि) मिनिमम 1 लाख रुपये है।अधिकतम की कोई सीमा नहीं है।

कांग्रेस ने सिर्फ 'भारत' को डराने का काम किया

कांग्रेस ने सिर्फ 'भारत' को डराने का काम किया  इकबाल अंसारी  कंधमाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस ...