शुक्रवार, 1 अप्रैल 2022
गौतमबुद्ध नगर में 1 से 30 अप्रैल तक धारा-144 लागू
भ्रष्टाचार से संबंधित मामलें की जांच, याचिका खारिज
भ्रष्टाचार से संबंधित मामलें की जांच, याचिका खारिज
कविता गर्ग
मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार से संबंधित एक मामलें की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो से लेकर अदालत की निगरानी वाली विशेष जांच दल को सौंपने की मांग संबंधी राज्य सरकार की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। न्यायाधीश एस.के. कौल और न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश की पीठ ने बम्बई हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। इससे पहले उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार की याचिका खारिज कर दी थी।
महाराष्ट्र सरकार ने शीर्ष अदालत के समक्ष दलील देते हुए कहा कि सीबीआई के निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक रह चुके हैं। उनके कार्यकाल के दौरान देशमुख पर पुलिस अधिकारियों के स्थानांतरण और नियुक्ति में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। ऐसे में जायसवाल भले ही आरोपी न हो, लेकिन उनकी भूमिका एक गवाह के रूप में होने की पूरी संभावनाएं हैं। इस मामले में सीबीआई जांच की निष्पक्षता पर संदेह है। शीर्ष अदालत पीठ ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि हम इस याचिका पर विचार नहीं करेंगे। इससे पहले राज्य सरकार की याचिका उच्च न्यायालय ने खारिज कर दी थी। सरकार ने इस फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। गौरतलब है कि देशमुख पर स्थानांतरण एवं नियुक्ति को लेकर रिश्वत लेने के आरोप सामने आने के बाद हाई कोर्ट के आदेश पर 24 अप्रैल 2021 को सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की थी।
आवारा पशुओं के भटकने पर रोक, विधेयक पारित
आवारा पशुओं के भटकने पर रोक, विधेयक पारित
इकबाल अंसारी
गांधीनगर। गुजरात के शहरी क्षेत्रों में सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर आवारा पशुओं के भटकने पर रोक लगाने के उद्देश्य से, राज्य विधानसभा ने शुक्रवार को एक विधेयक पारित किया। इससे पशुपालकों का शहरों तथा नगरों में ऐसे जानवरों को रखने के लिए लाइसेंस प्राप्त करना और मवेशियों पर टैग लगाना अनिवार्य हो गया है और ऐसा न करने पर उन्हें कारावास की सजा भी हो सकती है।गुजरात विधानसभा में बृहस्पतिवार को शाम करीब छह बजे इस विधेयक पर बहस शुरू हुई थी, जो सात घंटे तक चली। बहस के बाद देर रात सदन में विधेयक को पारित किया गया।
विपक्षी दल कांग्रेस ने ‘गुजरात मवेशी नियंत्रण (पालना और आवाजाही) शहरी क्षेत्र में विधेयक’ का जोरदार विरोध किया और इस तरह का ‘‘काला कानून’’ लाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार के खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी। शहरी विकास राज्य मंत्री विनोद मोरडिया ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि शहरी क्षेत्रों में गाय, भैंस, बैल और बकरियों जैसे मवेशियों को रखने की प्रथा शहरवासियों के लिए परेशानी का सबब बन रही है, क्योंकि पशुपालक अपने जानवरों को इधर-उधर सड़कों तथा सार्वजनिक स्थानों पर घूमने के लिए छोड़ देते हैं।
मोरडिया ने कहा कि इस कानून के तहत, पशुपालकों को अपने मवेशियों को शहरी क्षेत्रों में रखने के लिए एक सक्षम प्राधिकारी से लाइसेंस प्राप्त करने की आवश्यकता होगी, जिसमें आठ शहर अहमदाबाद, राजकोट, सूरत, वडोदरा, गांधीनगर, जूनागढ़, भावनगर तथा जमानगर और 156 नगर शामिल हैं। लाइसेंस के बिना किसी भी व्यक्ति को मवेशी रखने की अनुमति नहीं होगी। मंत्री ने कहा कि लाइसेंस प्राप्त करने के 15 दिनों के भीतर, मालिक को अपने मवेशियों को चिह्नित करवाना (टैग लगाना)होगा और मवेशियों को सड़कों या शहर के किसी अन्य स्थान पर जाने से रोकना होगा।
ऐसा ना करने पर उन्हें एक साल तक की जेल की सजा या 10,000 रुपये का जुर्माना या फिर दोनों का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने बताया कि चिह्नित मवेशियों के पकड़े जाने पर, मालिक को पहली बार 5,000 रुपये, दूसरी बार 10,000 रुपये और तीसरी पर उस पर 15,000 रुपये का जुर्माना लगाने के साथ-साथ उसके खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की जाएगी। वहीं, बिना चिह्नित मवेशियों के पकड़े जाने पर अधिकारियों द्वारा उन्हें स्थायी पशु ‘शेड’ में स्थानांतरित कर दिया जाएगा और 50,000 रुपये का जुर्माना वसूलने के बाद ही वापस किया जाएगा।
भारतीय सेना ने पोकरण में एयरबॉर्न एक्सरसाइज की
महंगाई, अबकी बार बढ़े कमर्शियल सिलेंडर के दाम
विकास ने नए प्रबंध निदेशक का कार्यभार संभाला
विकास ने नए प्रबंध निदेशक का कार्यभार संभाला
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे यातायात सेवा के 1988 बैच के अधिकारी विकास कुमार ने शुक्रवार को दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) के नए प्रबंध निदेशक का कार्यभार संभाल लिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। दिल्ली सरकार ने बुधवार को मंगू सिंह के स्थान पर कुमार की नियुक्ति की थी।
मंगू सिंह को 25 साल की सेवा के बाद भावभीनी विदाई दी गई। सिंह, एक जनवरी 2012 से डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक थे और बृहस्पतिवार को उनका कार्यकाल समाप्त हो गया। ई. श्रीधरन और मंगू सिंह के बाद कुमार डीएमआरसी के तीसरे प्रबंध निदेशक हैं। दिल्ली सरकार की ओर से जारी एक आदेश के अनुसार वह पांच साल तक इस पद पर रहेंगे। डीएमआरसी के प्रवक्ता ने शुक्रवार को कहा कि विकास कुमार ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक के तौर पर आज कार्यभार संभाला। डीएमआरसी की ओर से बृहस्पतिवार को जारी बयान में कहा गया था कि डीएमआरसी में निदेशक (परिचालन) के पद पर काम कर चुके कुमार के पास रेल-आधारित शहरी परिवहन परियोजनाओं में काम करने का तीन दशक का अनुभव है। इससे पहले उन्होंने भारतीय रेल में कई पदों पर सेवाएं दी।
26 अप्रैल से प्रारंभ होगी '10वीं-12वीं कक्षा टर्म 2'
प्राचार्य की अध्यक्षता में छात्राओं का 'विदाई समारोह'
पीएम मोदी को जान से मारने की धमकी, खुलासा
इलेक्ट्रिक कार व बाइक की मांग और बिक्री में बढ़ोतरी
दिव्यांग बच्चों के माता-पिता को टैक्स छूट का लाभ
ई-कॉमर्स साइट 'अमेजॉन' ने सेल की घोषणा की
हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया
हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया इकबाल अंसारी हैदराबाद। इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2024 सीजन में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) और...
-
महर्षि कश्यप के पुत्र पक्षीराज गरुड़ को भगवान विष्णु का वाहन कहा गया है। एक बार गरुड़ ने भगवान विष्णु से मृत्यु के बाद प्राणियों की स्थिति, ...
-
55 साल की उम्र में भी बरकरार है खूबसूरती कविता गर्ग मुंबई। 55 की उम्र में भी यह हसीना बेहद खूबसूरत दिखती है, और मलाइका की हॉटनेस उसकी ...
-
वर्षा: पानी में डूबी दिल्ली, बाढ़ के हालात बनें इकबाल अंसारी नई दिल्ली। इन दिनों उत्तर भारत में हो रही भारी बारिश ने कहर बर...