रविवार, 13 फ़रवरी 2022

तमिलनाडु के 12 मछुआरों को अरेस्ट किया: श्रीलंका

तमिलनाडु के 12 मछुआरों को अरेस्ट किया: श्रीलंका   

सुनील श्रीवास्तव       

कोलंबो। तमिलनाडु के 12 मछुआरों को उनकी दो नौकाओं से श्रीलंकाई नौसेना ने गिरफ्तार कर लिया है। रामेश्वरम मछुआरा संघ के अध्यक्ष एन देवदास ने बताया कि ये सभी मछुआरे शनिवार की रात कच्छदिवु और धनुषकोडी के बीच मछली पकड़ने गए थे। इसी दौरान श्रीलंकाई नौसेना के गश्ती दल ने पकड़ लिया है। इससे पहले भी 8 फरवरी को श्रीलंका की नौसेना ने तमिलनाडु के 16 मछुआरों को पकड़ लिया था। क्यू ब्रांच पुलिस के मुताबिक, सोमवार-मंगलवार को मध्यरात्रि दो बजे रामेश्वरम के दो मछुआरों और तीन नावों को श्रीलंकाई नौसेना ने पकड़ लिया। 

आपको बता दें कि कई बार इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी है। श्रीलंका की तरफ से इस तरह की कार्रवाई लगातार की जा रही है। तमिलनाडु सरकार ने भी एक बार केंद्र से मछुआरों को छुड़ाने के लिए श्रीलंका से बात करने का आग्रह किया था। श्रीलंका के पास कई भारतीय मछुआरे कैद हैं। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को नई दिल्ली में श्रीलंका के विदेश मंत्री जी एल पीरिस से मुलाकात की थी और द्वीप राष्ट्र को मजबूत करने के लिए आर्थिक निवेश पहल की संभावनाओं के साथ-साथ मछुआरों के मुद्दे पर चर्चा की थी। जयशंकर ने कहा था कि उन्होंने अपने श्रीलंकाई समकक्ष के साथ बातचीत की, जिसमें श्रीलंका की ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाने के लिए अतिरिक्त कदमों पर ध्यान केंद्रित किया गया। दोनों मंत्रियों ने आर्थिक सुधार के लिए अधिक पर्यटन के महत्व को लेकर भी बात की।

दोनों नेताओं के बीच कोलंबो की ऊर्जा सुरक्षा, द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश मजबूत करने और लगातार जारी मछुआरों के मुद्दे पर सकारात्मक बातचीत हुई। इस बीच मछुआरों के मुद्दे पर भी चर्चा हुई, दोनों देशों के बीच रिश्ते में यह मुद्दा लंबे समय से बना हुआ है। तीन दिनों की यात्रा के लिए पेइरिस पिछले रविवार को नई दिल्ली आए थे। मछुआरों के मुद्दे का उल्लेख करते हुए एस जयशंकर ने कहा कि इस बात पर सहमति बनी कि द्विपक्षीय तंत्र की जल्द से जल्द बैठक होनी चाहिए। वहीं श्रीलंकाई नौसेना द्वारा भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी के विरोध में विभिन्न मछुआरा संघों के नेता लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने मछुआरों की शीघ्र रिहाई की मांग की है।

इस्लाम धर्म में मानसिकता अभी भी कायम हैं: आरिफ

इस्लाम धर्म में मानसिकता अभी भी कायम हैं: आरिफ  


इकबाल अंसारी    

बेंगलुरु। हिजाब विवाद पर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने रविवार को कहा कि अरब समाजों में ऐसे लोग थे। जो जन्म के तुरंत बाद अपनी बच्चियों को दफना देते थे। इस्लाम धर्म ने इसे समाप्त कर दिया। लेकिन वह मानसिकता अभी भी कायम है। पहले उन्होंने तीन तलाक का आविष्कार किया, फिर हिजाब और फिर मुस्लिम महिलाओं को प्रताड़ित रखने के लिए अन्य प्रकार की चीजों का आविष्कार किया। राज्यपाल ने आगे कहा कि भारत को यह मानने के लिए कहा जा रहा है कि हिजाब आंतरिक है। अगर हम उस तर्क को स्वीकार करते हैं, तो मुस्लिम लड़कियों को फिर से उनके घरों में धकेल दिया जाएगा क्योंकि अगर वे शिक्षा नहीं ले सकती हैं, तो उनकी शिक्षा में रुचि कम हो जाएगी। इससे पहले शनिवार को आरिफ मोहम्मद खान ने हिजाब विवाद को एक ‘साजिश’ करार दिया था और कहा था कि यह पसंद का मामला नहीं है, बल्कि सवाल है कि क्या कोई व्यक्ति किसी संस्थान के नियमों, ड्रेस कोड का पालन करेगा या नहीं। कर्नाटक में इस मुद्दे पर छिड़े विवाद के संबंध में कहा कि ‘कृपया इसे विवाद के रूप में न ले। 

यह एक साजिश है। खान ने कहा, ‘मुस्लिम लड़कियां हर जगह ‘‘बहुत अच्छा’’ कर रही हैं और इसलिए उन्हें प्रोत्साहन की जरूरत है। उन्हें नीचे धकेलने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, ‘यह (हिजाब पहनना) पसंद का सवाल नहीं है, बल्कि यह सवाल है कि अगर आप किसी संस्थान में शामिल हो रहे हैं तो क्या आप नियमों, अनुशासन और ड्रेस कोड का पालन करेंगे या नहीं। इससे एक दिन पहले केरल के राज्यपाल ने कहा था कि अगर इस्लाम के इतिहास पर गौर किया जाए तो महिलाओं के पर्दा करने से इनकार करने के उदाहरण रहे हैं। हालांकि, उन्होंने खुलकर अपनी राय जाहिर नहीं की लेकिन अपनी बात रखने के लिए एक युवा महिला की कहानी सुनाई, जो पैंगबर की रिश्तेदार बताई जाती है। खान ने पत्रकारों से कहा था, ‘मैं आपको एक बात बताऊंगा। एक युवा लड़की, जो पैगंबर के घर में पली-बढ़ी थी। वह पैगंबर की पत्नी की रिश्तेदार थीं। वह काफी सुंदर थी। इतिहास यही कहता है। इसे पढ़िए। कहानी के हवाले से उन्होंने कहा कि मध्यकाल में जब उस महिला का पति कूफा का गवर्नर था तो उसे हिजाब न पहनने के लिए फटकार लगायी गई थी। उसने तब कहा था कि अल्लाह ने उसे खूबसूरत बनाया और अल्लाह ने उस पर खूबसूरती की मुहर लगा दी थी।

खान ने कहा, ‘उसने कहा कि मैं चाहती हूं कि लोग मेरी सुंदरता देखे और मेरी सुदंरता में अल्लाह का रहम देख। और अल्लाह का शुक्रगुजार रहे। इस्लाम की पहली पीढ़ी की महिलाओं की यह सोच थी। मैं यही कहना चाहता हूं। बता दें कि पिछले दिनों कर्नाटक के उडुपी में सरकारी महाविद्यालय में हिजाब पहनकर आई छात्रों को कक्षाओं में प्रवेश नहीं देने से विवाद शुरू हुआ था। मुस्लिम छात्राओं ने इसका विरोध किया। उन्होंने इसे धार्मिक स्‍वतंत्रता करार दिया। इसके बाद हिजाब के विरोध में कुछ बच्चों ने भगवा गमछे या शॉल पहनने शुरू कर दिया। इससे विवाद और बढ़ गया। मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। इस मामले में सियासत भी लगातार जारी है।

कोरोना की रफ्तार को लेकर डब्ल्यूएचओ की चेतावनी

कोरोना की रफ्तार को लेकर डब्ल्यूएचओ की चेतावनी  

अखिलेश पांडेय       
वाशिंगटन डीसी। दुनिया भर में कोरोना वायरस की धीमी होती रफ्तार के साथ अब ये चर्चा भी होने लगी है कि शायद हम इस महामारी के अंत की ओर बढ़ रहे हैं। कुछ लोग ओमिक्रॉन के माइल्ड संक्रमण को इसकी वजह मान रहे हैं। लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने इसे लेकर बड़ी चेतावनी दी है। स्वामीनाथन ने ब्लूमबर्ग से बातचीत में कहा है कि महामारी के खत्म होने की अफवाहों पर भरोसा करना हमारी बेवकूफी होगी।
जवाब: इसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है। महामारी खत्म होने की अफवाहों पर भरोसा करके सतर्क रहना छोड़ देना हमारी बेवकूफी होगी। कोरोना का नया वैरिएंट कभी भी, कहीं भी ईजाद हो सकता है और हम फिर से उसी स्थिति में लौट सकते हैं। इसलिए अब भी सावधानी बरतने की जरूरत है। उम्मीद है कि 2022 के अंत तक हम बेहतर स्थिति में आ जाएंगे।
जवाब: इससे मुझे बहुत हैरानी हुई। महामारी के दौरान वैज्ञानिकों और विज्ञान पर हमले देखकर मुझे बहुत निराशा हुई। हमें लोगों को विज्ञान और स्वास्थ्य के विषयों पर जागरूक करने की जरूरत है। युवाओं को ऐसी शिक्षा देनी चाहिए, जिससे वो हर जानकारी पर तर्क के साथ सवाल उठा सकें।
सवाल: अमीर देशों में वैक्सीन की एक से ज्यादा डोज मिल रही हैं, लेकिन गरीब देश इस मामले में स्ट्रगल कर रहे हैं। क्या इससे नया वैरिएंट बनने की संभावना है?
जवाब: फिलहाल अमेरिका जैसे अमीर देशों में वैक्सीन की भरमार है और अफ्रीका के कई गरीब देशों में वैक्सीन की कमी। अफ्रीका के 85% लोगों को अब तक वैक्सीन की पहली डोज भी नसीब नहीं हुई है। ऐसे में कोरोना के नए वैरिएंट्स बनने की पूरी संभावना है, क्योंकि लोगों में ये वायरस फैलता ही चला जा रहा है।
जवाब: डब्लूएचओ की जिस टीम ने चीन का दौरा किया था, उसे वायरस के जानवर से इंसान में ट्रांसफर होने की संभावना ज्यादा लगी। ये जानवर जंगली था या पालतू, पक्षी था या चमगादड़, ये कहना अभी मुश्किल है। हालांकि इसका मतलब ये नहीं कि ये लैब लीक नहीं हो सकता। हमें इस विषय पर और रिसर्च करने की जरूरत है।
जवाब: अधिकतर वायरस जानवरों से ही इंसानों में ट्रांसफर होते हैं। किस जानवर से कौन सा वायरस आया, ये पता करने में सालों लग जाते हैं। उदाहरण के तौर पर, सर्स और मेर्स नाम के दो कोरोना वायरस मुश्क बिलाव (सिवट कैट) और ऊंट से इंसानों में आए, वैज्ञानिकों को ये समझने में सालों लग गए थे। वहीं, एचआईवी वायरस चिंपैंजी से ट्रांसफर हुआ था, ये पता लगाने में भी बहुत समय लग गया था।
जवाब: हम और बेहतर काम कर सकते थे, लेकिन डब्लूएचओ ने कोरोना को हेल्थ इमरजेंसी तब घोषित किया था, जब दुनिया में इसके 100 से भी कम मामले थे और एक भी मौत नहीं हुई थी। यदि उस समय विश्व ने हमारी चेतावनी को गंभीरता से लिया होता तो शायद आज हमें महामारी से न जूझना पड़ता। चेतावनी के कुछ हफ्ते बाद ही यूरोप और अमेरिका में कोरोना ने तबाही मचाना शुरू कर दिया था।
जवाब: भविष्य में आने वाली खतरनाक महामारियों से बचने के लिए हमें पहले से तैयार रहने की जरूरत है। डब्ल्यूएचओ के 194 मेंबर देशों को साथ मिलकर काम करना होगा। वायरस के आउटब्रेक की जांच करने के लिए कुछ नियम बनाने होंगे और सभी को उनका पालन करना होगा। इससे हम सभी को फायदा होगा।

बड़े पैमाने पर रोजगार के नए अवसर बनेंगे: सीएम

बड़े पैमाने पर रोजगार के नए अवसर बनेंगे: सीएम   
दुष्यंत टीकम             
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को प्रसारित लोकवाणी में कहा कि पर्यटन से भी राज्य में बड़े पैमाने पर रोजगार के नए अवसर बनेंगे। हम जिस वातावरण में पले-बढ़े हैं, उसमें हमारे पुरखों और माता-पिता से हमें धार्मिक सद्भाव और सांस्कृतिक एकता के संस्कार मिले हैं। आस्था के कारण हमारे मन में किसी स्थान पर दर्शन के लिए जाने की इच्छा पैदा होती है। आस्था से आत्मबल मजबूत होता है और ऐसे पर्यटन पर होने वाला खर्च लोगों को संतोष देता है इसलिए हमने आस्था स्थलों के विकास की रणनीति अपनाई है। इससे नए-नए स्थानों पर अधोसंरचना का विकास होता है। इसमें जो सामग्री लगती है, उससे स्थानीय स्तर पर उद्योग व्यापार पनपता है। 
स्थानीय सामग्री का वेल्यू एडीशन होता है। स्थानीय उत्पादों को अच्छा दाम मिलता है। राम वन गमन पथ के अंतर्गत कोरिया से लेकर सुकमा जिले तक 75 स्थानों का चिन्हांकन किया गया है। प्रथम चरण में 9 स्थानों का विकास किया जा रहा है। चन्दखुरी-जिला रायपुर में माता कौशल्या मंदिर परिसर का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण किया गया है, जिसके कारण यहां बड़े पैमाने पर पर्यटक पहुंचने लगे हैं। आदिवासी अंचलों में देवगुड़ी तथा घोटुल स्थलों का विकास किया जा रहा है। सतरेंगा, सरोधा दादर, बालाछापर सरना, गंगरेल आदि स्थानों पर नए तरह के पर्यटन की सुविधाएं विकसित की गई हैं, जिससे इन स्थानों में बड़ी संख्या में लोग पहुंचने लगे हैं। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पर भी बढ़े हैं। छत्तीसगढ़ी खान-पान को प्रोत्साहित करने के लिए गढ़ कलेवा की स्थापना 16 जिलों में कर दी गई है। हमने छत्तीसगढ़ की अपनी फिल्म विकास नीति भी लागू कर दी है।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि कोरोना काल में हमने सिर्फ छत्तीसगढ़ के ही नहीं बल्कि यहां से गुजरकर दूसरे राज्यों को जाने वाले मजदूरों की भी मदद की है। हमने अपने राज्य के मजदूरों के खाने-पीने, ठहरने, गांवों में क्वारंटाइन होने, जांच और उपचार की व्यवस्था के अलावा उन्हें अपने ही राज्य में रोजगार दिलाने के उपाय किए थे। हमारे बेहतर प्रबंधन को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली थी। उसी समय हमने घोषणा की थी कि प्रवासी श्रमिकों के लिए नीति बनाएंगे। इस तरह हमने छत्तीसगढ़ प्रवासी श्रमिक नीति 2020 को तैयार कर अधिसूचित किया है। इस नीति के तहत वापस लौटे प्रवासी श्रमिकों का ऑनलाइन पंजीयन किया गया। पलायन पंजी के ऑनलाइन संधारण की व्यवस्था की गई है। हम संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों के श्रमिकों के कल्याण की योजनाएं संचालित कर रहे हैं। श्रमिकों के परंपरागत कौशल को नवीन ज्ञान से संवारने हेतु उनके प्रशिक्षण की व्यवस्था की जा रही है। हम छत्तीसगढ़ में ऐसे अवसर पैदा कर रहे हैं कि हमारे प्रदेश के श्रमिकों को अन्य प्रदेशों में जाना ही नहीं पड़े। उनका कौशल और मेहनत राज्य के विकास के काम आए।
भारत सरकार की ओर से असंगठित श्रमिकों के पंजीयन के लिए जो ई-श्रम पोर्टल बनाया गया है। उसमें भी हमने 64 लाख श्रमिकों का पंजीयन करते हुए देश में तीसरा स्थान हासिल किया है। हमने कारखाना अधिनियम के तहत कामगारों की सेवानिवृत्ति आयु 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष कर दी है। इसके अलावा दो नई योजनाओं की घोषणा 26 जनवरी के अवसर पर की है। प्रत्येक जिला मुख्यालय तथा विकासखण्ड स्तर पर ‘मुख्यमंत्री श्रमिक संसाधन केन्द्र’ की स्थापना की जाएगी।
श्रमिक परिवारों की बेटियों की शिक्षा, रोजगार, स्वरोजगार तथा विवाह में सहायता के लिए ‘मुख्यमंत्री नोनी सशक्तीकरण सहायता योजना’ शुरू की जाएगी। इस योजना के तहत ‘छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल’ में पंजीकृत हितग्राहियों की प्रथम दो पुत्रियों के बैंक खाते में 20-20 हजार रुपए की राशि का भुगतान एकमुश्त किया जाएगा। विगत तीन वर्षों में एक ओर जहां नक्सलवाद और उसकी हिंसक गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लगा है वहीं दूसरी ओर उद्योग, व्यापार और कारोबार में लगे लोगों को यह विश्वास हुआ है कि सरकार उनके साथ खड़ी है। प्रदेश के आर्थिक विकास के लिए उत्साहजनक वातावरण निर्मित हुआ है, जिससे हर क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़े हैं।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि हमने अधोसंरचना विकास के लिए बहुस्तरीय रणनीति अपनाई है। प्रदेश में 21 हजार करोड़ रुपए से अधिक लागत से सड़कों के निर्माण की कार्ययोजना बनाई गई है, जिसमें विभिन्न स्तरों पर काम चल रहा है। प्रदेश में सिंचाई क्षमता बढ़ाने के लिए केलो परियोजना, खारंग परियोजना, मनियारी परियोजना, अरपा भैंसाझार परियोजना को इस वर्ष पूर्ण करने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा हमने अनेक व्यावहारिक उपाय करते हुए मरम्मत व अन्य तरीकों से वास्तविक सिंचाई क्षमता को दोगुना कर दिया है। हमने विगत तीन वर्षों में डॉक्टरों तथा मेडिकल स्टाफ की संख्या लगभग दोगुनी कर दी है। विभिन्न विभागों के निर्माण कार्यों से स्थानीय युवाओं को जोड़ने के लिए हमने ई-श्रेणी पंजीयन की व्यवस्था की है, जिसमें विकासखण्ड स्तर पर 5 हजार युवाओं का पंजीयन किया गया है और उन्हें 200 करोड़ रूपए से अधिक लागत के काम सीमित प्रतियोगिता के आधार पर दिए गए हैं। इसके साथ ही ग्रामीण अधोसंरचना के विकास के लिए सुराजी गांव योजना संचालित की जा रही है। 
नरवा, गरुवा, घुरुवा और बारी के विकास से बहुत बड़े पैमाने पर ग्रामीण कारोबार के अवसर बढ़े हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था के लिए चार तरह के संसाधनों का सबसे ज्यादा योगदान हो सकता है-पहला खनिज, दूसरा कृषि, तीसरा वानिकी और चौथा मानव संसाधन। खनिज आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए पूर्व में अनेक प्रयास हुए हैं लेकिन उनकी अपनी सीमाएं भी हैं। कृषि, वन और मानव संसाधन की भागीदारी को बहुत बड़े पैमाने में बढ़ाने की संभावनाएं हैं, जिस पर पहले गंभीरता से काम नहीं किया गया। दशकों से कृषि के नाम पर धान, वन के नाम पर तेन्दूपत्ता और मानव संसाधन के नाम पर सीमित सरकारी नौकरियों से अधिक की सोच नहीं रखी गई। हमने पूरी रणनीति ही बदल दी है। खनिज आधारित उद्योगों के स्थान पर ऐसे उद्योगों को प्राथमिकता दी गई जिससे पर्यावरण प्रभावित न हो। कृषि और वानिकी को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई। 
एक ओर धान की खेती करने वाले किसानों का मनोबल बढ़ाया वहीं दूसरी ओर वैकल्पिक फसलों के प्रति भरपूर जागरुकता पैदा की गई। हम बरसों से यह सुनते आए थे कि धान और गरीबी का चोली-दामन का साथ होता है। हमने इस कहावत को झुठला दिया है। अब हमारे धान उत्पादक किसान भी समृद्ध हैं। यही वजह है कि प्रदेश में धान की उत्पादकता और उत्पादन में रिकार्ड तोड़ वृद्धि हुई है। वहीं हर साल समर्थन मूल्य पर खरीदी का भी नया कीर्तिमान बना है। वर्ष 2017-18 में सिर्फ 15 लाख 77 हजार पंजीकृत किसान थे, जो अब बढ़कर 22 लाख 66 हजार हो गए। इसमें से 21 लाख 77 हजार किसानों ने धान बेचा है। खेती का रकबा 22 लाख से बढ़कर 30 लाख 11 हजार हेक्टेयर हो गया। धान की खरीदी 56 लाख 88 हजार से बढ़कर लगभग 98 लाख मीट्रिक टन हो गई। इसके अलावा मक्का, गन्ना, तिलहन, दलहन, लघु धान्य फसल, उद्यानिकी फसलों का विकास भी तेजी से हो रहा है।

फिल्म ‘गहराइयां’ को प्राइम वीडियो पर रिलीज किया

फिल्म ‘गहराइयां’ को प्राइम वीडियो पर रिलीज किया   

कविता गर्ग     

मुंबई। दीपिका पादुकोण, अनन्या पांडे और सिद्धांत चतुर्वेदी स्टारर फिल्म ‘गहराइयां’ हाल ही में ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज कर दी गई है। फिल्म की कहानी नई पीढ़ी के रिश्तों की उलझन और इसकी नादानियों को लेकर है। दीपिका पादुकोण की फिल्म के बारे में सवाल करने पर एक पत्रकार को लताड़ने के बाद अब कंगना रनौत ने जैसे इस फिल्म के बारे में पूरा रिव्यू ही लिख डाला है। कंगना रनौत ने दीपिका पादुकोण की फिल्म की जमकर बुराई की है।

अब देखना ये होगा कि क्या ये सब कुछ बॉलीवुड की एक नई कैट फाइट को जन्म देने जा रहा है या फिर दीपिका पादुकोण इस मामले पर खामोश ही रहेंगी? शनिवार रात कंगना रनौत ने अपनी इंस्टा स्टोरीज पर मनोज कुमार और माला सिन्हा की फिल्म ‘हिमालय की गोद में’ का गाना ‘चांद सी महबूबा हो मेरी’ को शेयर करते हुए लिखा, ‘मैं भी स्टार ऑफ द मिलेनियम हूं लेकिन फिर भी इस तरह के रोमांस को पहचानती और समझती हूं।

कंगना रनौत ने अपनी इंस्टा स्टोरी में लिखा, ‘मिलेनियम/नई पीढ़ी और शहरी फिल्मों के नाम पर प्लीज ये सब कबाड़ मत बेचो। खराब फिल्में खराब फिल्में ही होती हैं। कितना भी शरीर या पोर्नोग्राफी दिखा लो, इसे बचा नहीं पाओगे। देखो बुनियादी फैक्ट ये है कि इसमें गहराइयां वाली कोई बात ही नहीं है।’ कंगना रनौत ने अपनी इस पोस्ट के जरिए दीपिका की फिल्म को सिरे से खारिज कर दिया है। मालूम हो कि दीपिका पादुकोण की फिल्म ‘गहराइयां’ को लेकर पब्लिक सेंटीमेंट बस ठीक-ठाक ही रहा है। फिल्म का रिव्यू कुछ खास जोरदार नहीं रहा है, ऑडियंस का रिएक्शन भी इस फिल्म पर सादा ही रहा है। कोविड और बाकी चीजों को ध्यान में रखते हुए फिल्म को अमेजन प्राइम पर रिलीज किया गया है जिसके दाम पिछले दिनों ही बढ़ाए गए हैं। ऐसे में फिल्म चारों खाने चित भी हो सकती है।

हिजाब पहनने वाली लड़की 'भारतीय पीएम' बनेगी

हिजाब पहनने वाली लड़की 'भारतीय पीएम' बनेगी   

इकबाल अंसारी      

बेंगलुरु। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि एक दिन हिजाब पहनने वाली लड़की भारत की प्रधानमंत्री बनेगी। उनका यह बयान कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद के बीच आया है। आपको बता दें कि उडुपी के एक सरकारी कॉलेज में मुस्लिम छात्रों के एक समूह को हिजाब पहनने के कारण उनके क्लास में प्रवेश करने से रोक दिया गया था। एआईएमआईएम चीफ ओवैसी ने रविवार को एक वीडियो ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने कहा कि हिजाब पहनकर महिलाएं कॉलेज जाएंगी, जिला कलेक्टर, मजिस्ट्रेट, डॉक्टर, व्यवसायी वगैरह बनेंगी। एक रैली में लोगों को संबोधित करते हुए ओवैसी को वीडियो में यह कहते हुए सुना जा सकता है, “मैं इसे देखने के लिए जीवित नहीं हो सकता, लेकिन मेरे शब्दों पर ध्यान दें। एक दिन हिजाब पहनने वाली लड़की प्रधानमंत्री होगी।”

उन्होंने कहा, “अगर हमारी बेटियां फैसला करती हैं और अपने माता-पिता से कहती हैं कि वे हिजाब पहनना चाहती हैं, तो उनके माता-पिता उनका समर्थन करेंगे। देखते हैं कि उन्हें कौन रोक सकता है!”इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ओवैसी से उनके बयान के बारे में पूछा तो उन्होंने जवाब देने से परहेज किया। कर्नाटक हिजाब विवाद तब शुरू हुआ जब युवा मुस्लिम छात्राओं के एक समूह को हिजाब पहनने के कारण उडुपी जिले के एक सरकारी कॉलेज में प्रवेश नहीं करने दिया गया।यह मुद्दा पूरे राज्य में फैल गया। कई कॉलेजों और स्कूलों ने इसी तरह के फरमान जारी किए।

छात्रों के विरोधी समूहों ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने के अधिकार के खिलाफ और विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। मुस्लिम लड़कियों का विरोध करने वालों ने भगवा स्कार्फ पहन रखा था और विचारधारा में टकराव कुछ इलाकों में हिंसक हो गया। इस मुद्दे पर राष्ट्रीय राजनीतिक दलों द्वारा एक-दूसरे पर हमला करने के साथ विवाद और बढ़ गया। विरोध अब देश के विभिन्न हिस्सों में फैल गया है और मामला वर्तमान में उच्च न्यायालय में है।

डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन में 150 पदों पर भर्ती

डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन में 150 पदों पर भर्ती   

अकांशु उपाध्याय      

नई दिल्ली। भारत सरकार के डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन में 150 पदों पर भर्ती निकली है। जिसके लिए ग्रेजुएट अभ्यर्थी 7 फरवरी तक डीआरडीओ की ऑफिशल वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। अभ्यर्थियों का चयन रिटर्न टेस्ट और इंटरव्यू के आधार पर किया जाएगा। जिसके बाद चयनित अभ्यर्थियों को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मिसाइल कॉम्प्लेक्स की रिसर्च विंग में ट्रेड, टेक्निशियन और ग्रेजुएट अप्रेंटिस के पद पर नियुक्ति दी जाएगी। मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या किसी अन्य उच्च शिक्षा संस्थान से सम्बन्धित ट्रेड में बीई/बीटेक या बीकॉम या बीएससी डिग्री पास होना चाहिए।

टेक्निशियन अप्रेंटिस या डिप्लोमा अप्रेंटिस
उम्मीदवारों को मान्यता प्राप्त संस्थान से सम्बन्धित ट्रेड में डिप्लोमा किया होना चाहिए। सम्बन्धित ट्रेड में आईटीआई किया होना चाहिए। हालांकि, ऐसे उम्मीदवार आवेदन के पात्र नहीं हैं, जिन्होंने पोस्ट-ग्रेजुएशन डिग्री प्राप्त कर ली है। ग्रेजुएट, डिप्लोमा और आईटीआई तीनों ही लेवल के लिए अप्रेंटिस पदों पर भर्ती शैक्षणिक योग्यता के अंकों, रिटन एग्जाम और इंटरव्यू के आधार पर की जाएगी।

ग्रेजुएट अप्रेंटिस 9 हजार रुपए प्रतिमाह। टेक्निशियन (डिप्लोमा) अप्रेंटिस : 8 हजार रुपए प्रतिमाह। ट्रेड (आईटीआई) अप्रेंटिस : सरकार के नियमानुसार स्टाइपेंड दिया जाएगा। अगले पेज पर एप्पली हेयर की ऑप्शन पर जाएं। मांगी गई डिटेल भरकर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी करें। रजिस्ट्रेशन के बाद एप्लिकेशन फॉर्म भर सकते हैं।

दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ

दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। दबे पांव पहुंचे भूकंप ने धरती को हिलाते हुए पब्लिक को दहशत में ड...