रविवार, 13 फ़रवरी 2022

इस्लाम धर्म में मानसिकता अभी भी कायम हैं: आरिफ

इस्लाम धर्म में मानसिकता अभी भी कायम हैं: आरिफ  


इकबाल अंसारी    

बेंगलुरु। हिजाब विवाद पर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने रविवार को कहा कि अरब समाजों में ऐसे लोग थे। जो जन्म के तुरंत बाद अपनी बच्चियों को दफना देते थे। इस्लाम धर्म ने इसे समाप्त कर दिया। लेकिन वह मानसिकता अभी भी कायम है। पहले उन्होंने तीन तलाक का आविष्कार किया, फिर हिजाब और फिर मुस्लिम महिलाओं को प्रताड़ित रखने के लिए अन्य प्रकार की चीजों का आविष्कार किया। राज्यपाल ने आगे कहा कि भारत को यह मानने के लिए कहा जा रहा है कि हिजाब आंतरिक है। अगर हम उस तर्क को स्वीकार करते हैं, तो मुस्लिम लड़कियों को फिर से उनके घरों में धकेल दिया जाएगा क्योंकि अगर वे शिक्षा नहीं ले सकती हैं, तो उनकी शिक्षा में रुचि कम हो जाएगी। इससे पहले शनिवार को आरिफ मोहम्मद खान ने हिजाब विवाद को एक ‘साजिश’ करार दिया था और कहा था कि यह पसंद का मामला नहीं है, बल्कि सवाल है कि क्या कोई व्यक्ति किसी संस्थान के नियमों, ड्रेस कोड का पालन करेगा या नहीं। कर्नाटक में इस मुद्दे पर छिड़े विवाद के संबंध में कहा कि ‘कृपया इसे विवाद के रूप में न ले। 

यह एक साजिश है। खान ने कहा, ‘मुस्लिम लड़कियां हर जगह ‘‘बहुत अच्छा’’ कर रही हैं और इसलिए उन्हें प्रोत्साहन की जरूरत है। उन्हें नीचे धकेलने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, ‘यह (हिजाब पहनना) पसंद का सवाल नहीं है, बल्कि यह सवाल है कि अगर आप किसी संस्थान में शामिल हो रहे हैं तो क्या आप नियमों, अनुशासन और ड्रेस कोड का पालन करेंगे या नहीं। इससे एक दिन पहले केरल के राज्यपाल ने कहा था कि अगर इस्लाम के इतिहास पर गौर किया जाए तो महिलाओं के पर्दा करने से इनकार करने के उदाहरण रहे हैं। हालांकि, उन्होंने खुलकर अपनी राय जाहिर नहीं की लेकिन अपनी बात रखने के लिए एक युवा महिला की कहानी सुनाई, जो पैंगबर की रिश्तेदार बताई जाती है। खान ने पत्रकारों से कहा था, ‘मैं आपको एक बात बताऊंगा। एक युवा लड़की, जो पैगंबर के घर में पली-बढ़ी थी। वह पैगंबर की पत्नी की रिश्तेदार थीं। वह काफी सुंदर थी। इतिहास यही कहता है। इसे पढ़िए। कहानी के हवाले से उन्होंने कहा कि मध्यकाल में जब उस महिला का पति कूफा का गवर्नर था तो उसे हिजाब न पहनने के लिए फटकार लगायी गई थी। उसने तब कहा था कि अल्लाह ने उसे खूबसूरत बनाया और अल्लाह ने उस पर खूबसूरती की मुहर लगा दी थी।

खान ने कहा, ‘उसने कहा कि मैं चाहती हूं कि लोग मेरी सुंदरता देखे और मेरी सुदंरता में अल्लाह का रहम देख। और अल्लाह का शुक्रगुजार रहे। इस्लाम की पहली पीढ़ी की महिलाओं की यह सोच थी। मैं यही कहना चाहता हूं। बता दें कि पिछले दिनों कर्नाटक के उडुपी में सरकारी महाविद्यालय में हिजाब पहनकर आई छात्रों को कक्षाओं में प्रवेश नहीं देने से विवाद शुरू हुआ था। मुस्लिम छात्राओं ने इसका विरोध किया। उन्होंने इसे धार्मिक स्‍वतंत्रता करार दिया। इसके बाद हिजाब के विरोध में कुछ बच्चों ने भगवा गमछे या शॉल पहनने शुरू कर दिया। इससे विवाद और बढ़ गया। मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। इस मामले में सियासत भी लगातार जारी है।

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