रविवार, 13 फ़रवरी 2022

कोरोना की रफ्तार को लेकर डब्ल्यूएचओ की चेतावनी

कोरोना की रफ्तार को लेकर डब्ल्यूएचओ की चेतावनी  

अखिलेश पांडेय       
वाशिंगटन डीसी। दुनिया भर में कोरोना वायरस की धीमी होती रफ्तार के साथ अब ये चर्चा भी होने लगी है कि शायद हम इस महामारी के अंत की ओर बढ़ रहे हैं। कुछ लोग ओमिक्रॉन के माइल्ड संक्रमण को इसकी वजह मान रहे हैं। लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने इसे लेकर बड़ी चेतावनी दी है। स्वामीनाथन ने ब्लूमबर्ग से बातचीत में कहा है कि महामारी के खत्म होने की अफवाहों पर भरोसा करना हमारी बेवकूफी होगी।
जवाब: इसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है। महामारी खत्म होने की अफवाहों पर भरोसा करके सतर्क रहना छोड़ देना हमारी बेवकूफी होगी। कोरोना का नया वैरिएंट कभी भी, कहीं भी ईजाद हो सकता है और हम फिर से उसी स्थिति में लौट सकते हैं। इसलिए अब भी सावधानी बरतने की जरूरत है। उम्मीद है कि 2022 के अंत तक हम बेहतर स्थिति में आ जाएंगे।
जवाब: इससे मुझे बहुत हैरानी हुई। महामारी के दौरान वैज्ञानिकों और विज्ञान पर हमले देखकर मुझे बहुत निराशा हुई। हमें लोगों को विज्ञान और स्वास्थ्य के विषयों पर जागरूक करने की जरूरत है। युवाओं को ऐसी शिक्षा देनी चाहिए, जिससे वो हर जानकारी पर तर्क के साथ सवाल उठा सकें।
सवाल: अमीर देशों में वैक्सीन की एक से ज्यादा डोज मिल रही हैं, लेकिन गरीब देश इस मामले में स्ट्रगल कर रहे हैं। क्या इससे नया वैरिएंट बनने की संभावना है?
जवाब: फिलहाल अमेरिका जैसे अमीर देशों में वैक्सीन की भरमार है और अफ्रीका के कई गरीब देशों में वैक्सीन की कमी। अफ्रीका के 85% लोगों को अब तक वैक्सीन की पहली डोज भी नसीब नहीं हुई है। ऐसे में कोरोना के नए वैरिएंट्स बनने की पूरी संभावना है, क्योंकि लोगों में ये वायरस फैलता ही चला जा रहा है।
जवाब: डब्लूएचओ की जिस टीम ने चीन का दौरा किया था, उसे वायरस के जानवर से इंसान में ट्रांसफर होने की संभावना ज्यादा लगी। ये जानवर जंगली था या पालतू, पक्षी था या चमगादड़, ये कहना अभी मुश्किल है। हालांकि इसका मतलब ये नहीं कि ये लैब लीक नहीं हो सकता। हमें इस विषय पर और रिसर्च करने की जरूरत है।
जवाब: अधिकतर वायरस जानवरों से ही इंसानों में ट्रांसफर होते हैं। किस जानवर से कौन सा वायरस आया, ये पता करने में सालों लग जाते हैं। उदाहरण के तौर पर, सर्स और मेर्स नाम के दो कोरोना वायरस मुश्क बिलाव (सिवट कैट) और ऊंट से इंसानों में आए, वैज्ञानिकों को ये समझने में सालों लग गए थे। वहीं, एचआईवी वायरस चिंपैंजी से ट्रांसफर हुआ था, ये पता लगाने में भी बहुत समय लग गया था।
जवाब: हम और बेहतर काम कर सकते थे, लेकिन डब्लूएचओ ने कोरोना को हेल्थ इमरजेंसी तब घोषित किया था, जब दुनिया में इसके 100 से भी कम मामले थे और एक भी मौत नहीं हुई थी। यदि उस समय विश्व ने हमारी चेतावनी को गंभीरता से लिया होता तो शायद आज हमें महामारी से न जूझना पड़ता। चेतावनी के कुछ हफ्ते बाद ही यूरोप और अमेरिका में कोरोना ने तबाही मचाना शुरू कर दिया था।
जवाब: भविष्य में आने वाली खतरनाक महामारियों से बचने के लिए हमें पहले से तैयार रहने की जरूरत है। डब्ल्यूएचओ के 194 मेंबर देशों को साथ मिलकर काम करना होगा। वायरस के आउटब्रेक की जांच करने के लिए कुछ नियम बनाने होंगे और सभी को उनका पालन करना होगा। इससे हम सभी को फायदा होगा।

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