रविवार, 14 नवंबर 2021

हाइपरलूप प्रौद्योगिकी को डिजाइन करने की क्षमता

हाइपरलूप प्रौद्योगिकी को डिजाइन करने की क्षमता 
अकांशु उपाध्याय       
नई दिल्ली। नीति आयोग के सदस्य-वी के सारस्वत का मानना है कि भारत के पास द्रुत-गति की यात्रा सेवा के लिए अपनी हाइपरलूप प्रौद्योगिकी को डिजाइन करने की क्षमता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इसमें समय लगेगा, ऐसे में विदेशी कंपनियों को अपनी हाइपरलूप प्रौद्योगिकी क्षमता दिखाने की अनुमति दी जानी चाहिए। सारस्वत वर्जिन की हाइपरलूप प्रौद्योगिकी की प्रौद्योगिकीय तथा वाणिज्यिक क्षमता की व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए गठित की गई समिति के प्रमुख हैं।
उन्होंने कहा कि भारत को इसके लिए नियामकीय व्यवस्था भी बनानी चाहिए क्योंकि हाइपरलूप प्रौद्योगिकी के साथ सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है। सारस्वत ने रविवार को  कहा कि हाइपरलूप द्रुत-गति की ट्रेन है जो ट्यूब में शून्य (वैक्यूम) में चलती है। हमने (विशेषज्ञ समिति के सदस्यों) पाया है कि इसे करने के दो तरीके हैं। दुनिया के दिग्गज उद्योगपति एलन मस्क ने इस प्रौद्योगिकी का प्रस्ताव किया है। इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला और वाणिज्यिक अंतरिक्ष परिवहन कंपनी स्पेसएक्स के पीछे भी मस्क ही हैं।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के पूर्व प्रमुख सारस्वत ने कहा कि इसमें एक तरीका विदेशी कंपनियों को अपनी प्रौद्योगिकी के प्रदर्शन की अनुमति देने का है। इसके समानान्तर दूसरा तरीका विशेष रूप से इस क्षेत्र में शोध एवं विकास (आरएंडडी) करने का है। अध्ययनों से यह तथ्य सामने आया है कि हमारे पास शोध एवं विकास की क्षमता है और हम खुद की हाइपरलूप प्रौद्योगिकी डिजाइन कर सकते हैं।
नीति आयोग के सदस्य ने कहा कि इसमें समय लगेगा। ऐसे में हम विदेशी कंपनियों को यहां आने और अपनी प्रौद्योगिकी दिखाने को कह सकते हैं। उन्हें महाराष्ट्र या कर्नाटक में इसके लिए अनुमति दी जा सकती है। सारस्वत ने कहा कि हाइपरलूप प्रौद्योगिकी के लिए सुरक्षा और नियामकीय व्यवस्था जरूरी है। यह इस प्रौद्योगिकी के साथ जुड़ा बड़ा मुद्दा है।
हालांकि, सारस्वत ने स्पष्ट किया कि विशेषज्ञ समिति ने अभी इस बारे में कोई अंतिम फैसला नहीं किया है। वर्जिन का हाइपरलूप परीक्षण नौ नवंबर, 2020 को एक पॉड के साथ अमेरिका के लास वेगास के 500 मीटर के ट्रैक पर किया गया था। वर्जिन हाइपरलूप उन गिनी-चुनी कंपनियों में है जो यात्रियों के परिवहन के लिए इस तरह की प्रणाली के निर्माण का प्रयास कर रही है।
सेमीकंडक्टर की कमी से संबंधित एक सवाल पर सारस्वत ने कहा कि सरकार गंभीरता से इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए पारिस्थितिकी तंत्र बनाने पर विचार कर रही है। देश में हाल में कोयले और बिजली की कमी पर उन्होंने कहा कि यह मुख्य रूप से लॉजिस्टिक्स की विभिन्न समस्याओं की वजह से पैदा हुआ संकट था। उन्होंने कहा कि अब देश में किसी भी बिजली संयंत्र में कोयले की कमी नहीं है।

2 साल में इंटरनेट का उपयोग दोगुना बढ़ाया गया
अकांशु उपाध्याय      
नई दिल्ली। कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन में जब संपर्क के सभी माध्यम लगभग बंद हो गये। तब डिजिटल कनेक्टिविटी एक अहम साधन बनकर उभरा और यही वजह है कि दो साल में इंटरनेट का उपयोग दोगुना से अधिक बढ़ गया। एशिया प्रशांत क्षेत्र में डिजिटल नीति के मुद्दों पर काम करने वाला क्षेत्रीय थिंक टैंक एलआईआरएनईएशिया और नई दिल्ली आधारित नीति-उन्मुख आर्थिक नीति थिंक टैंक आईसीआरआईईआर की जारी संयुक्त सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि लॉकडाउन में डिजिटल कनेक्टिविटी दोगुना से अधिक बढ़ी है।
सर्वे में शामिल 15 से 65 आयु वर्ग के 49 प्रतिशत लोगों ने इंटरनेट उपयोग करने की जानकारी दी जबकि 2017 के अंत में 15-65 आयु वर्ग में केवल 19 प्रतिशत ने इंटरनेट का इस्तेमाल किया। इसका अर्थ 2021 में 61 प्रतिशत परिवार ने इंटरनेट का उपयोग किया जबकि 2017 में केवल 21 प्रतिशत ने इसका लाभ लिया।
रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2020 और 2021 में 13 करोड़ से अधिक यूजर ऑनलाइन हुए। वर्ष 2020 में इंटरनेट से जुड़े लगभग आठ करोड़ में से 43 प्रतिशत या 3.4 करोड़ से अधिक लोगों ने लॉकडाउन के कारण इंटरनेट का इस्तेमाल किया। इस दौरान 64 प्रतिशत परिवार जिनके बच्चे स्कूलों में पढ़ते हैं सभी के घरों में इंटरनेट की सुविधा थी, जबकि शेष 36 प्रतिशत इससे वंचित थे। पहले समूह (इंटरनेट वाले परिवार) के 31 प्रतिशत बच्चों को किसी न किसी माध्यम से दूरस्थ शिक्षा मिलने की संभावना थी जबकि दूसरे समूह (इंटरनेट रहित परिवारों) के केवल आठ प्रतिशत ने किसी माध्यम से दूरस्थ शिक्षा मिलने की पुष्टि की।
रिपोर्ट में कहा गया है कि स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में भी ऐसा ही रुझान देखा गया। कोरोना महामारी के कठिन दौर में स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त करने के लिए 65 प्रतिशत लोगों ने इंटरनेट का इस्तेमाल किया जबकि इंटरनेट से वंचित केवल 52 प्रतिशत लोग स्वास्थ्य सेवा लेने में सक्षम रहे। लेकिन, आंकड़ाें को बारीकी से देखने पर पता चलता है कि ये असमानताएं डिजिटल डिवाइड को आज भी प्रभावित करती हैं। उदाहरण के लिए इंटरनेट युक्त परिवार के बच्चों को रिमोट माध्यम से सीखने की अधिक सुविधा थी।
ये अधिक सम्पन्न, शहरी परिवार थे जिनके घर के मुखिया अधिक शिक्षित थे और उनके पास बड़े स्क्रीन वाले उपकरण (जैसे कंप्यूटर, टैबलेट) थे। दूसरी ओर शिक्षा से वंचित रह गए अधिकतर परिवार साधन हीन थे, जिनके पास बड़े स्क्रीन वाले उपकरण नहीं थे (वे मोबाइल फोन पर निर्भर थे)। रिपोर्ट के अनुसार, लॉकडाउन के दौरान वर्क फ्रॉम होम की बात आई तो केवल 10 प्रतिशत लोगों ने इसमें सक्षम बताया। जाहिर है इनमें उच्च प्रतिशत वित्त, बीमा, सूचना प्रौद्योगिकी, लोक प्रशासन और अन्य पेशेवर सेवाओं में काम करने वाले लोग थे।

पेटीएम को शेयरों का आवंटन करेगीं कंपनी
अकांशु उपाध्याय      
नई दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की मंजूरी के बाद पेटीएम संभवत: 16 नवंबर को मूल्य दायरे के ऊपरी स्तर 2,150 रुपये प्रति शेयर के भाव पर शेयरों का आवंटन करेगी। मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि पेटीएम को इसके लिए सोमवार को नियामक की मंजूरी मिल सकती है। पहले कहा जा रहा था कि डिजिटल भुगतान एवं वित्तीय सेवा कंपनी पेटीएम सोमवार को शेयरों का आवंटन करेगी।
एक सूत्र ने कहा कि सेबी की मंजूरी के बाद पेटीएम संभवत: मंगलवार को शेयरों का आवंटन करेगी। ”सेबी की मंजूरी सोमवार को मिलने की उम्मीद है।” पेटीएम को अपने 18,300 करोड़ रुपये के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) में जो बोलियां मिली हैं उनके आधार पर कंपनी 1,49,428 करोड़ रुपये के उपक्रम मूल्य पर सूचीबद्ध होगी। यह 20 अरब डॉलर से अधिक बैठेगा। देश के सबसे बड़े आईपीओ को 1.89 गुना अभिदान मिला था।
आईपीओ को संस्थागत खरीदार श्रेणी में 2.79 गुना अभिदान मिला। वहीं खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित 87 लाख शेयरों पर 1.66 गुना बोलियां मिलीं। पेटीएम 18 नवंबर को जबर्दस्त तरीके से सूचीबद्धता के लिए तैयार है। यह देश की सबसे मूल्यवान कंपनियों में से होगी।
इससे पहले देश के सबसे बड़े कोल इंडिया के आईपीओ के लिए निर्गम के अंतिम दिन सबसे अधिक बोलियां मिली थीं। कोल इंडिया का आईपीओ अंतिम दिन 15.28 गुना अभिदान के साथ बंद हुआ था। इसी तरह का रुख हालिया नायका और पॉलिसीबाजार के आईपीओ में भी देखने को मिला है। पेटीएम के आईपीओ के तहत 8,300 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए गए और 10,000 करोड़ रुपये की बिक्री पेशकश (ओएफएस) लाई गई।

बेहद खराब की श्रेणी में पहुंची वायु गुणवत्ता
अकांशु उपाध्याय      
नई दिल्ली। दिल्ली में वायु गुणवत्ता रविवार को ‘गंभीर’ श्रेणी से सुधरकर ‘बेहद खराब’ की श्रेणी में पहुंच गयी और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 338 दर्ज किया गया। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के इलाकों फरीदाबाद, गाजियाबाद, गुरुग्राम और नोएडा में एक्यूआई क्रमश: 312, 368, 301 और 357 दर्ज किया गया। वायु प्रदूषण की जानकारी देने वाले ऐप ‘समीर’ के अनुसार दिल्ली में सुबह नौ बजकर पांच मिनट पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 338 दर्ज किया गया।
दिल्ली में लोधी रोड, पूसा रोड, चांदनी चौक और दिल्ली हवाई अड्डे पर एक्यूआई क्रमश: 295, 313, 352 और 321 दर्ज किया गया। शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच एक्यूआई ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401 और 500 के बीच एक्यूआई को ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रदूषण संकट से निपटने के लिए शनिवार को एक सप्ताह तक स्कूलों को बंद करने, निर्माण गतिविधियों पर रोक, सरकारी कार्यालयों में कर्मियों के घर से कार्य करने समेत कई आपात कदमों की घोषणा की।
आपात बैठक के बाद केजरीवाल ने पत्रकारों से कहा कि उनकी सरकार उच्चतम न्यायालय के समक्ष ‘लॉकडाउन’ की योजना भी पेश करेगी। दिल्ली-एनसीआर में पटाखों, पराली जलाने और मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण वायु प्रदूषण के आपात स्तर पर पहुंचने के बाद अधिकारियों ने शुक्रवार को लोगों को घरों के अंदर रहने और सरकारी एवं निजी कार्यालयों को अपने वाहनों के उपयोग में 30 प्रतिशत तक की कटौती करने की सलाह दी थी।
वायु प्रदूषण पर काबू करने के लिए बनी ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (जीआरएपी) की उप-समिति ने कहा कि प्रदूषक कणों के छंटने के लिए 18 नवंबर तक मौसम की परिस्थिति अनुकूल नहीं है और संबंधित एजेंसियों को निश्चित रूप से ”आपात” श्रेणी के तहत कदमों को लागू करने के लिए तैयार रहना चाहिए। दिल्ली में रविवार को न्यूनतम तापमान 10.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो इस मौसम में औसत से तीन डिग्री कम है। सापेक्षिक आर्द्रता 83 प्रतिशत दर्ज की गई। मौसम विभाग ने मुख्यत: बादल छाए रहने और सुबह धुंध बने रहने के साथ अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस के आस पास रहने का पूर्वानुमान जताया है।

भारत: संक्रमितों की संख्या-3,44,37,307 हुईं
अकांशु उपाध्याय     
नई दिल्ली। देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के 11,271 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या 3,44,37,307 हो गई। उपचाराधीन मरीजों की संख्या भी घटकर 1,35,918 हो गई है। जो पिछले 522 दिनों (17 महीनों) में सबसे कम है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा रविवार को अद्यतन किए गए आंकड़ों से यह जानकारी मिली। सुबह आठ बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक देश में इस अवधि में 285 मरीजों की मौत होने से महामारी से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 4,63,530 हो गई है।
कोरोना वायरस संक्रमण के नये मामलों में दैनिक वृद्धि लगातार 37 दिनों से 20,000 से नीचे है और यह 140 दिनों से 50,000 से कम बनी हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि उपचाराधीन मरीजों की संख्या 1,35,918 है जो कुल संक्रमितों की संख्या का 0.39 प्रतिशत है और यह मार्च 2020 के बाद से सबसे कम है।
कोविड-19 से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर 98.26 प्रतिशत दर्ज की गई है जो मार्च 2020 के बाद से सबसे ज्यादा है। 
पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 390 की कमी दर्ज की गई। दैनिक संक्रमण दर 0.90 प्रतिशत है। यह पिछले 41 दिनों से दो प्रतिशत से नीचे है। साप्ताहिक संक्रमण दर भी 1.01 प्रतिशत दर्ज की गई जो पिछले 51 दिनों से दो प्रतिशत से कम है। बीमारी से स्वस्थ होने वालों की संख्या बढ़कर 3,38,37,859 हो गई है। जबकि मृत्यु दर 1.35 प्रतिशत है। देश में राष्ट्रव्यापी कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत कोविड-19 रोधी टीकों की कुल 112.01 करोड़ खुराक . जा चुकी है।

14 नवंबर को मनाया जाता हैं 'चिल्ड्रंस डे'

अकांशु उपाध्याय       नई दिल्ली। हर साल देश में 14 नवंबर को चिल्ड्रंस डे मनाया जाता है। इस दिन देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन होता है। पंडित नेहरू की मृत्यु के बाद उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए उनकी जन्मदिन को ‘चिल्ड्रंस डे’ के रूप में मनाया जाने लगा। जैसे की पंडित नेहरू को बच्चों से बहुत प्रेम और लगाव रहता था और बच्चे भी उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहकर बुलाते थे। इसी कारण बच्चे भी चिल्ड्रंस डे को बड़ी ही उत्साह के साथ मनाते हैं। 

इस दिन बच्चों को तरह-तरह के गिफ्टस दिए जाते हैं। साथ ही इस दिन सभी लोग बच्चों को खास कोट्स के साथ चिल्ड्रंस डे विश करते हैं। तो आज आप भी अपने बच्चों खास फील कराने के लिए इन खास कोट्स के जरिए चिल्ड्रंस डे विश कर सकते हैं।

सार्वजनिक सूचनाएं एवं विज्ञापन

सार्वजनिक सूचनाएं एवं विज्ञापन

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-27 (वर्ष-05)
2. सोमवार, नवंबर 15, 2021
3. शक-1984, मार्गशीर्ष, शुक्ल-पक्ष, तिथि-द्वादशी, विक्रमी सवंत-2078।
4. सूर्योदय प्रातः 06:42, सूर्यास्त 05:27।
5. न्‍यूनतम तापमान -13 डी.सै., अधिकतम-26+ डी.सै.। 
6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, प्रकाशक, संपादक शिवाशुं व राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.-20110
http://www.universalexpress.page/
email:universalexpress.editor@gmail.com
संपर्क सूत्र :- +919350302745  
                     (सर्वाधिकार सुरक्षित)

शनिवार, 13 नवंबर 2021

सभागार में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की

सभागार में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की


पंकज कपूर       पिथौरागढ़। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिथौरागढ़ में विकास भवन सभागार में विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर जिले में संचालित विकास कार्यों एवं योजनाओं की समीक्षा के अतिरिक्त जिले की मुख्य समस्याओं के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली। उन्होंने संचालित प्रमुख निर्माण कार्यों की भी जानकारी ली।

मुख्यमंत्री ने निर्माणाधीन बेस चिकित्सालय भवन के निर्माण की प्रगति की समीक्षा करते हुए कार्यदाई संस्था को यथाशीघ्र कार्य पूर्ण करने एवं बेस चिकित्सालय को एक माह के भीतर संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने आगामी 10 दिन के भीतर जिला एवं महिला चिकित्सालय में सभी आवश्यक व्यवस्थाओं में सुधार लाने के निर्देश जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्साधिकारी को दिया। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि धनराशि अवमुक्त करने के बावजूद भी पिथौरागढ़ मेडिकल कालेज निर्माण का कार्य प्रारम्भ नहीं हुआ है। इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने जल्द निर्माण कार्य शुरू करने के निर्देश दिए।बैठक में जनप्रतिनिधियों द्वारा कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग द्वारा संविदा के तहत रखे गए स्वास्थ्य कर्मी जिन्हें वर्तमान में हटा दिया गया है। उन्हें पुनः सेवा में रखे जाने की मांग पर मुख्यमंत्री द्वारा सचिव चिकित्सा को दूरभाष पर जिले में पूर्व में रखे गए इन संविदा चिकित्सा कर्मियों को पुनः आगामी 31 मार्च 2022 तक रखे जाने के निर्देश दिए गए। इसके लिए जिलाधिकारी को शीघ्र ही प्रस्ताव भी शासन को भेजने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इन कार्मिकों का पूर्व में की गई सेवाओं का वेतन भुगतान हेतु मुख्यमंत्री राहत कोष से धनराशि भी जारी कर दी गयी है।


मणिपुर में बड़े आतंकी हमले को अंजाम दिया

मो. रियाज  

इंफाल। मणिपुर में शनिवार को बड़े आतंकी हमले को अंजाम दिया गया। सुबह करीब दस बजे मणिपुर के चुराचांदपुर जिले के सिंघाट में आतंकियों ने इस हमले को अंजाम दिया। उनकी तरफ से 46 असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी को निशाना बनाया गया और उनके काफिले पर ये जानलेवा हमला हुआ। इस हमले में कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी, उनकी पत्नी और बेटे ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। 

वहीं बाद में चार और जवान शहीद हो गए। ऐसे में आतंकियों की इस नापाक साजिश ने 7 लोगों की जिंदगी छीन ली। अभी तक इस हमले की आधिकारिक तौर पर किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है। लेकिन कहा जा रहा है कि मणिपुर की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने इसे अंजाम दिया है। इस आतंकी संगठन का जन्म 1978 में हुआ था और तभी ये कई मौकों पर ऐसे हमले कर चुका है। लेकिन शनिवार को हुए इस हमले को अब तक का सबसे घातक अटैक माना जा रहा है।

ग्राम क्षेत्र में हुए माओवादी हमले की निंदा की

दुष्यंत टीकम        रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मणिपुर राज्य के चुराचन्दपुर जिले के ग्राम सियालसी के समीप हुए माओवादी हमले की निंदा की है। इस माओवादी हमले में दैनिक बयार रायगढ़ के सम्पादक एवं वरिष्ठ पत्रकार सुभाष त्रिपाठी के पुत्र कर्नल विप्लव त्रिपाठी, बहू अनुजा त्रिपाठी एवं पांच वर्षीय पौत्र अबीर त्रिपाठी शहीद हो गए। यह घटना आज पूर्वान्ह 11.30 बजे उस वक्त घटित हुई। 

जब कर्नल विप्लव त्रिपाठी, बिहांग को-पोस्ट का विजिट कर वापस लौट रहे थे। सियालसी गांव के पास एम्बुस लगाएं माओवादियों ने हमला कर दिया, जिसमें वे और उनके परिवार के लोग शहीद हो गए। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने माओवादी हमले को कायराना कृत्य करार देते हुए इसकी कड़े शब्दों में भर्त्सना की है। उन्होंने कर्नल विप्लव त्रिपाठी की शहादत को नमन करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है।


प्रयागराज: दिव्य महाआरती, दिपमाला का आयोजन

प्रयागराज: दिव्य महाआरती, हजार दिपमालाएं

बृजेश केसरवानी
प्रयागराज। यमुना पुत्र पुरोहित कल्याण सेवा समिति ब्राह्मण घाट संघ के द्वारा बारादरी बलुआ घाट में यमुना की भव्य एवं दिव्य महाआरती का आयोजन किया गया। इस अवसर पर समिति के द्वारा 1000 दीपों की माला से घाट को सजाया गया।
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भाजपा महानगर अध्यक्ष गणेश केसरवानी ने मां यमुना की आरती करते हुए सभी की कल्याण की कामना की और कहा कि कहा कि प्रभु श्रीराम के विरोधी वास्तव में भारत के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के विरोधी है और जो भारत के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के विरोधी हैं। वही लोग वंदे मातरम और जय श्री राम के नारा का विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि जय श्री राम का नारा सिर्फ नारा नहीं है यह मूल मंत्र हमारा है और यह मंत्र भारतीय संस्कृति की आत्मा से निकला हुआ। एक ऐसा स्वर है, जो लोगों को कल्याण करता है और राम और राष्ट्र विरोधियों का नाश करता है।
इस महाआरती का संचालन समिति के अध्यक्ष सर्वेश मिश्रा ने किया। इस अवसर पर राजेश केसरवानी, गिरीजेश मिश्रा, किशोरी लाल जायसवाल, गणेश मिश्रा, भरत पांडे, तपन शर्मा, सत्या जायसवाल, आकाश मिश्रा, गणेश मिश्र, सुभाष वैश्य, अमर सिंह, पूर्व पार्षद सतीश केसरवानी, आयुष अग्रहरि आदि समिति के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

सुरक्षा सुविधा के नाम पर 'यूपी' बना जीरो
सत्येंद्र पंवार       मेरठ। मेरठ विधानसभा क्षेत्रों ही नहीं उत्तर प्रदेश के बहुजन बाहुल्य क्षेत्रों का हाल-बेहाल सुरक्षा सुविधा के नाम पर उत्तर प्रदेश बना जीरो। बहुजन मुक्ति पार्टी प्रदेश मीडिया प्रभारी ने अचानक बहुजन बाहुल्य क्षेत्रों का दौरा कर पाया कि सरकार के साफ-सफाई सुरक्षा व्यवस्था के नाम कि फटा ढोल ही साबित हो रहा है। मेरठ दक्षिण में शाहजहां कॉलोनी लिसाड़ी रोड माधवपुरम डॉ. जाकिर हुसैन कॉलोनी लिसाड़ी गांव ततिना काशी सोलाना हो इटारा कताई मिल से इटावा का रास्ता या अन्य आवागमन की सड़कें गड्ढों से भरमार मात्रा में पाई और देखी भी जा सकते हैं।
कुछ दिन पहले बहुजन मुक्ति पार्टी ने पहले भी आवाज उठाई थी उस बिहाप पर गगोल गांव का रास्ता मे लीपापोती तो हुई। लेकिन मानक के आधार पर तारकोल बजरी केवल लीपापोती करने मात्र का कदम उठाया गया। यदि हम मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों बहुजनों की बात करते हैं। तो मलिन से मलिन बदतर बस्तियां बन रही हैं और जहां सरकार संक्रमण को खत्म करने के लिए महामारी का कदम दिखा रही है। वह मात्र केवल ढकोसला और ढोंग ही कहा जा सकता है। आर डी गादरे ने वर्तमान सरकार की निंदा करते हुए कहा कि आज ना बहन सुरक्षित है, ना बीमारियों से कोई सुरक्षा के साधन मुहैया हो रहे हैं। बल्कि आम नागरिक को लूटने पर आमादा है। महंगाई जबरदस्त तरीके से बढ़ती जा रही है। 
खाने पीने की चीज ही नहीं यातायात के साधनों पर भी कोई लगाम नहीं लगाई जा रही। और एक इंसान पर आज तरह तरह के टैक्स भरके जीवन यापन करना पड़ रहा है। शाहजहां कॉलोनी में करीब 2 फीट पानी सड़कों पर भरा हुआ है और घरों में गंदा पानी घुस रहा है। जो संक्रमण बीमारियों को बुलावा न्योता दे रहा है। अपने घरों में ही बहुजन मूलनिवासी सुरक्षित नहीं है। अपने घरों के अलावा और कहां सुरक्षित हो पाएंगे। सफाई के नाम पर चारों ओर सड़के तो खोदी जा रही है। सीवर लगाने के बहाने कवायद हो रही है। लेकिन उनको कोई तरकीब आज तक नहीं मिल रही है। कई बार आंदोलन किए गए लेकिन सरकार आंखें बंद करके बैठी है। ईवीएम के दम पर जो बनी है। बहुजन मुक्ति पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि यदि जल्द से जल्द यह सुविधाएं नहीं की गई तो बहुजन मुक्ति पार्टी के कार्यकर्ता जन आंदोलन करेंगे बहुजन मुक्ति पार्टी के सूफी अमजद अली, मौलाना शाहनवाज सुरेश राणा, राजू जगपाल सिंह, ओम करण, ओमवीर सिंह, एडवोकेट एहसान भट्टी, एडवोकेट राहुल कुमार, एडवोकेट अतर सिंह गुप्ता आदि ने दौरा कर लोगों को सहयोग करने का हौसला दिया।

थाने के विभिन्न अभिलेखों का निरीक्षण किया
सत्येंद्र पंवार        मुजफ्फरनगर। मेरठ जोन के एडीजी राजीव सभरवाल ने सिविल लाइन थाने पहुंचकर कार्यालय, आवास, बैरक, मेस, महिला हेल्प डेस्क और थाने के विभिन्न अभिलेखों का गहनता के साथ निरीक्षण किया। काफी समय तक निरीक्षण करने के बाद एडीजी मेरठ जोन ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। इस दौरान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव, सीओ सदर कृष्ण कुमार एवं सीओ सिटी भी मौजूद रहे।

शनिवार को एडीजी मेरठ जोन राजीव सभरवाल वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव, सीओ सदर कृष्ण कुमार एवं सीओ सिटी कुलदीप सिंह के साथ जिला मुख्यालय पर स्थित थाना सिविल लाइन का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे। एडीजी मेरठ जोन राजीव सब्बरवाल ने इस दौरान आरक्षी आवासों का निरीक्षण किया। इसके पश्चात महिला हेल्प डेस्क, बैरक, मेस, कम्प्यूटर कक्ष, शौचालय, कार्यालय, मालगृह, हिस्ट्रीशीटर व टॉपटेन अपराधियों का चार्ट व अभिलेखों का बारीकी से निरीक्षण किया और दिशा-निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान एडीजी ने एसएसपी अभिषेक यादव, सीओ सदर कृष्ण कुमार और सीओ सिटी कुलदीप सिंह के साथ अपराध नियंत्रण पर मंत्रणा की। थाने की साफ-सफाई व अपराध नियंत्रण पर एडीजी ने संतोष व्यक्त किया। इस मौके पर एडीजी मेरठ जोन ने कहा कि साफ सफाई व अपराध नियंत्रण उनकी प्राथमिकता में शामिल रहा। उन्होंने कहा कि बड़ी घटनाओं को रोकने के लिए मामूली विवादों का निस्तारण प्राथमिकता के साथ करें।

कॉलेज का निरीक्षण, वस्तुस्थिति का जायजा लिया
गणेश साहू       कौशाम्बी। जिलाधिकारी सुजीत कुमार ने अर्हता तिथि 01 जनवरी 2022 के आधार पर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों की निर्वाचक नामावलियों के संक्षिप्त पुनरीक्षण की द्वितीय विशेष अभियान पर मतदान केन्द्र प्राथमिक विद्यालय पाता कोतारी पश्चिम गौसपुर टिकरी एवं भेलखा तथा दुर्गा देवी इण्टर कालेज का निरीक्षण कर वस्तुस्थिति का जायजा लिया। जिलाधिकारी ने पदाभिहित अधिकारी एवं बीएलओ से अब तक प्राप्त फार्म-06,07 एवं 08 तथा ईपीरेशियों, जेण्डर रेशियों व दिव्यांग मतदाताओं आदि की विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हुए ईपी एवं जेण्डर रेशियों मानक के अनुसार ठीक करने हेतु सभी आवश्यक कार्यवाही करने तथा घर-घर जाकर सर्वे करने के निर्देश दिये। ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति छूटने न पाये। उन्होनें कहा कि ग्राम प्रधान एवं लेखपाल के माध्यम से प्रचार -प्रसार कराकर पात्र व्यक्तियों का नाम मतदाता सूची में अंकित कराया जायें। उन्होनें बीएलओ से कहा कि फार्म पूर्ण रूप से भरकर ही जमा करें।

भाजपा विधायक गफलत में हैं, कटेगा टिकट

भाजपा विधायक गफलत में हैं, कटेगा टिकट 

अश्वनी उपाध्याय की विशेष रिपोर्ट 
गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 की दलगत तैयारियां अपने चरम पर पहुंच गई है। सत्तारूढ़ भाजपा के पर्यवेक्षकों के द्वारा जमीनी स्तर पर आवेदन प्रेषित करने वाले भावी प्रत्याशियों का सर्वेक्षण शुरू कर दिया गया है। प्रत्येक विधानसभा में वही भाजपा का प्रत्याशी होगा जो सर्वेक्षण में प्रथम स्थान प्राप्त करेगा। परंतु इस बात की पुष्टि कैसे होगी ? यह पार्टी के द्वारा प्रभार प्राप्त व्यक्ति अथवा गठित की गई समिति का अंतिम निर्णय होगा। इसी कारण वास्तविक उत्तराधिकारियों की उपेक्षा से गुरेज नहीं किया जा सकता है। यदि सर्वेक्षण में विकल्पों के अभाव को शामिल कर प्रबल दावेदारी के आधार पर सर्वेक्षण किया जाता हैं तो सेवा प्रदान करने वाले आवेदक को किसी भी रूप में उपेक्षा का शिकार नहीं बनना पड़ता। सबसे पहले प्रत्येक विधानसभा में जहां भी भाजपा विधायक है, वही सबसे प्रबल दावेदार है। लेकिन विचारधारा के विरुद्ध कार्यविधि और हीन कर्तव्यनिष्ठा के आधार पर कुछ विधायकों ने यह अधिकार खो दिया है। ऐसी स्थिति में अन्य विकल्पों का उपयोग ही शेष बचता है। किंतु इसके विपरीत अन्य किसी कारण के सर्वेक्षण में विधायक को विकल्प का स्थान ही नहीं दिया गया। ऐसी स्थिति में स्थापित किए गए विकल्पों के अलावा और कोई चारा ही नहीं बचता है।
यह बात पूरी तरह स्पष्ट की जाती है कि प्रदेश के कई वर्तमान विधायक गफलत में रह रहे हैं। पार्टी के द्वारा किए गए सर्वेक्षण में उन्हें समायोजित ही नहीं किया गया है। कई लोग इस बात से वाकिफ भी है और अन्य विकल्पों की खोज में लगे हैं। वहीं, कुछ ऐसे भी हैं जो अधिकार पूर्वक टिकट प्राप्त करने की उधेड़बुन में हैं। लेकिन कई लोग ऐसे हैं जिन्हें इसकी पूरी जानकारी ही नहीं है।
करण कुछ भी रहा हो लोनी विधानसभा हमेशा सुर्खियों में रही है। पिछले कुछ दिनों से लोनी क्षेत्र वायु प्रदूषण के शीर्ष स्थान पर अपनी स्थिति कायम रखने में सफल रहा है। सर्वोच्च न्यायालय इसके विरुद्ध पूरी सख्ती बरत रहा है। लेकिन प्रशासन इस पर नियंत्रण करने में असफल रहा है। विधायक व सांसद जनता की समस्या को राजनीतिक चश्मे से देख रहे हैं। लाखों 'परिवार' इस विकट समस्या के भंवर में फंसे हुए हैं। इसके बावजूद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कमजोर विपक्ष और भविष्य में 20 वर्षों तक शासन करने की योजना बना रहे हैं। पूर्ण बहुमत की ऐसी खोखली सरकार से उम्मीद लगाना मूर्खता ही है, जो अनदेखी और लापरवाही के साथ शासन कर रही है। सही मायने में इस बार भाजपा प्रत्याशी का अप्रत्यक्ष रूप से बहिष्कार कर देना चाहिए। बल्कि परिणाम ऐसे होने चाहिए जिसके कारण लालची नेताओं को स्वच्छ वातावरण में भी सांस लेना दुभर हो जाए।

गांजा तस्कर को 20 साल कैद की सजा सुनाई

गांजा तस्कर को 20 साल कैद की सजा सुनाई

हरिओम उपाध्याय 
जांजगीर। राज्य में गांजा तस्करी का मामला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। जांजगीर में एनडीपीएस कोर्ट ने एक गांजा तस्कर शहबाज अहमद शेख को 20 साल कैद की सजा सुनाई है। साथ ही 2 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। शहबाज और उसके साथी अजय सिंह बघेल को करीब 2 साल पहले 220 किलो गांजा की तस्करी करते पकड़ा गया था। हालांकि बाद में अजय सिंह को जमानत मिल गई थी, इसके बाद से ही वह फरार है। मामले की सुनवाई विशेष जज सुरेश जून की कोर्ट में हुई।
विशेष लोक अभियोजक शशि कला जांगड़े ने बताया कि पामगढ़ थाना पुलिस 5 जनवरी 2020 को चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान शिवरीनारायण की ओर से एक सफेद रंग की स्कार्पियो आती दिखाई दी। उसे रोकने का प्रयास किया गया, लेकिन चालक तेज गति से चलाते हुए भागने लगा। इस पर पुलिस ने पीछा कर घेराबंदी कर उन्हें रोक लिया। पूछताछ में चालक ने अपना नाम MP निवासी शहबाज अहमद शेख और दूसरे ने अजय सिंह बघेल बताया।
गाड़ी से मादक पदार्थ की महक आने पर पुलिस ने चेक किया तो अंदर कई पैकेट में गांजा भरा मिला। इन पैकेटों को गाड़ी के पीछे और बीच के हिस्से में कंबल से ढंक कर छिपाया गया था। जांच के दौरान गांजा के 217 पैकेट बरामद हुए है। इसके अलावा गड़ी के तीन अलग-अलग नंबर की प्लेट भी मिला है। बरामद गांजे की कीमत करीब 13.36 लाख रुपए से ज्यादा बताई जा रही है। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। इस बीच अजय सिंह ने हाईकोर्ट से जमानत ले ली। इसके बदा से फरार है।

18.14 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियां कुर्क की 
अकांशु उपाध्याय     
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बताया कि धनशोधन कानून के तहत यूनिटेक समूह की कथित बेनामी कंपनियों की 18.14 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियों को कुर्क किया गया है। कुर्क की गई इन संपत्तियों में गुरुग्राम (हरियाणा) में बने मल्टीप्लेक्स, गुरुग्राम तथा उत्तर प्रदेश के लखनऊ में छह व्यावसायिक संपत्तियां तथा 24 बैंक खाते और सावधि जमा शामिल हैं। ईडी ने कहा की कुर्क की गई इन संपत्तियों का मूल्य 18.14 करोड़ रुपये है।
एजेंसी ने एक बयान में कहा, ”ये संपत्तियां ‘इनोवा फैसिलिटी मैनेजमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड’ और ‘एफएनएम प्रॉपर्टी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड’ के नाम पर हैं, जो चंद्रा (यूनिटेक के प्रमोटर अजय चंद्रा और संजय चंद्रा) की बेनामी कंपनियां हैं।” आरोप हैं कि इन दो बेनामी संस्थाओं को चंद्रा अपने करीबियों के माध्यम से चला रहे थे। बेनामी लेनदेन एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें किसी संपत्ति(चल अथवा अचल) किसी व्यक्ति के नाम स्थानांतरित की जाती है अथवा ली जाती है,जबकि हकीकत में उसका मालिक कोई अन्य व्यक्ति होता है।
धनशोधन का यह मामला यूनिटेक समूह और उसके प्रवर्तकों के खिलाफ घर खरीदारों द्वारा दर्ज कराए गए मामले पर आधारित है। ईडी ने इस साल की शुरुआत में यूनिटेक समूह और उसके प्रवर्तकों के खिलाफ धन शोधन निषेध अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत एक अपराधिक मामला दर्ज किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि मालिकों-संजय चंद्रा और अजय चंद्रा- ने अवैध रूप से 2,000 करोड़ से अधिक रुपये साइप्रस और केमैन द्वीप भेजे थे। इस मामले में अब तक कुल 690.66 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है। गत माह ईडी ने इस मामले में यूनिटेक के संस्थापक रमेश चंद्रा, उनकी बहू प्रीति चंद्रा और एक कंपनी के कार्यकारी अधिकारी को गिरफ्तार किया था।

हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया

हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया  इकबाल अंसारी  हैदराबाद। इंड‍ियन प्रीम‍ियर लीग (IPL) 2024 सीजन में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) और...