सोमवार, 23 अगस्त 2021

पीएम ने 26 को बिगड़ती स्थिति के बीच बैठक बुलाई

अकांशु उपाध्याय        
नई दिल्ली। अफगानिस्तान में लगातार बिगड़ती स्थिति के बीच भारत सरकार द्वारा सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है।भारत सरकार ने 26 अगस्त को सुबह 11 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है। जिसमें अफगानिस्तान के मसले पर चर्चा की जाएगी।
अफगानिस्तान में भारत का बड़ा निवेश रहा है और वह एक रणनीतिकार साथी है। ऐसे में वहां पर तालिबान का राज आ जाना भारत के लिए बड़ी चुनौती है। ऐसे में भारत इसको लेकर क्या रणनीति अपनाता है, इसको लेकर केंद्र सरकार सभी राजनीतिक दलों के साथ मंथन करेगी।
भारत की ओर से अभी तक तालिबानी शासन आने पर कोई आधिकारीक बयान नहीं दिया गया है, बल्कि अभी वहां पर फंसे भारतीय नागरिकों को वहां से निकालने पर फोकस किया जा रहा है। भारत अभी तक 500 से अधिक भारतीयों को अफगानिस्तान से सुरक्षित निकाल चुका है।
अगर भारत के रुख की बात करें तो विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बीते दिनों बयान दिया था कि वह अफगानिस्तान की गतिविधियों पर नज़र बनाए हैं और हर तरीके से इसपर चर्चा जारी है। भारत की ओर से अमेरिका और अन्य संबंधित देशों के साथ भी लगातार चर्चा की जा रही है। 
बता दें कि कई विपक्षी दलों द्वारा अभी तक आवाज उठाई गई है कि केंद्र सरकार को तालिबानी शासन को लेकर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। लेकिन भारत सरकार अभी वेट एंड वॉच के मोड में चल रही है और पूरा फोकस लोगों के रेस्क्यू मिशन पर ही है।
अफगानिस्तान भारत के लिए काफी अहम है। यहां पर सैकड़ों परियोजनाओं में भारत का अरबों रुपये इनवेस्ट हुआ है। इसके अलावा सामरिक और क्षेत्रीय स्थिति के अनुसार भी अफगानिस्तान का काफी महत्व है। ऐसे में भारत इस विषय पर सोच-समझ कर कदम उठा रहा है।

चार महीने तक बंद रहने के बाद खुल रहा है जगन्नाथ

पुरी। स्थित प्रसिद्ध श्री जगन्नाथ मंदिर करीब चार महीने तक बंद रहने के बाद सोमवार को खुल रहा है। इससे एक दिन पहले, रविवार को पुलिस ने श्रद्धालुओं से अपील की थी कि वे मंदिर जाने के अपने अनुभव को पुलिस के साथ साझा करें। पुलिस सूत्रों ने बताया कि श्रद्धालु मंदिर में पुलिस सेवा को अपने अनुभवों के बारे में बता सकते हैं। इसके लिए उन्हें एक फॉर्म भरना होगा।
वे ऑनलाइन ‘क्यूआर कोड’ के जरिए भी रिस्पॉन्स दे सकते हैं। पुरी पुलिस ने ट्वीट किया, ‘हमारी अपील है कि अपने अनुभव हमारे साथ साझा कीजिए ताकि श्रद्धालुओं के लिए मंदिर में दर्शन के अनुभव को और बेहतर एवं सुगम बनाया जा सके.’ कोविड-19 वैश्विक महामारी की दूसरी लहर के कारण 12वीं सदी के इस मंदिर को जनता के लिए 24 अप्रैल को बंद कर दिया गया था।
वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट या कोविड रिपोर्ट जरूरी
श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करने से पहले फुल वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट या कोविड टेस्ट रिपोर्ट दिखानी होगी। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मंदिर को फिर से खोलने से पहले बल और अधिकारियों की डिटेल्ड ब्रीफिंग की गई है। कोरोना दिशानिर्देशों के मुताबिक, सोमवार से शुक्रवार सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक सभी भक्तों को मंदिर में प्रवेश की अनुमति होगी। जबकि सफाई के लिए शनिवार और रविवार को मंदिर बंद रखा जाएगा।

डीएम ने प्रोटोकॉल का अनुपालन पर निरीक्षण किया

पंकज कपूर                         
उत्तरकाशी। जिलाधिकारी ने कालेज कलाइब्रेरी,कम्प्यूटर कक्ष तथा कक्षा-कक्षों एवं कालेज में कोविड-19 प्रोटोकॉल का अनुपालन को लेकर निरीक्षण किया। 
राजकीय इंटर कालेज की पुस्तकालय में पुरानी एडिशन की किताबें पायी गई। छात्रों को नई एडिशन की किताबें नही खरीदने पर जिलाधिकारी ने गत तीन साल में खरीदी गई किताबों की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। रुचि पूर्ण व प्रतियोगी परीक्षाओं से सम्बंधित पुस्तकों आदि के लिए सीनियर छात्रों से लिखित रूप में लिया जाय कि उन्हें किस प्रकार की किताबों की जरुरत है। इस हेतु कालेज की ओर से सभी छात्रों को एक सर्कुलर जारी करने के निर्देश दिए। ताकि छात्र आने वाली प्रतियोगी परीक्षा की भी तैयारी कर सकें। लाइब्रेरी से जिस छात्र को किताब पढ़ने के लिए दी जा रही है उसका वितरण पंजिका में अंकन करने के निर्देश दिए। 

जिलाधिकारी ने पुस्तकालय में कम्यूटर स्थापित करने व इंटरनेट जोड़ने के निर्देश दिए। ताकि छात्र ऑनलाइन के माध्यम से भी अपनी पठन -पाठन की सामग्री संकलित कर सकें। उसके उपरांत जिलाधिकारी ने कॉलेज में कोविड-19 संक्रमण के प्रभावी रोकथाम व नियंत्रण के लिए बरती जाने वाली सावधानियों का भी निरीक्षण किया। कालेज परिसर में लगें सेनेटाइजर मशीन,एल्कोहल युक्त सेनेटाइजर, टेंपरेचर मशीन, को भी देखा। जिलाधिकारी ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि प्रत्येक विद्यालयों में कोविड-19 एसओपी का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित कराएं तथा बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए विद्यालयों में प्रयोग किए जाने वाले सेनिटाइजर को जांच परख कर ही लेने के निर्देश दिए। उसके उपरांत जिलाधिकारी ने संस्कृत कक्षा में गए तथा छात्रों से बातचीत की।

टाटा मोटर्स ने एसयूवी एचबीएक्स से पर्दा हटाया

अकांशु उपाध्याय                 
नई दिल्ली। टाटा मोटर्स ने अपनी चर्चित माइक्रो एसयूवी एचबीएक्स से पर्दा हटा दिया है। टाटा ने सोमवार को इसकी झलक पेश की। इस एसयूवी का नाम टाटा पंच रखा गया है। यह टाटा की सबसे सस्ती एसयूवी हो सकती है और यह कई अनूठे फीचर से लैस है।
कंपनी इस माइक्रो एसयूवी टाटा पंच को जल्द लॉन्च भी करेगी। टाटा मोटर्स का दावा है कि यह माइक्रो एसयूवी हर वर्ग को पसंद आएगी।
गौरतलब है कि यह टाटा मोटर्स की सबसे सस्ती एसयूवी हो सकती है। कंपनी ने 21 अगस्त 2021 को अपने सोशल मीडिया पेज के जरिये एचबीएक्स का पहला टीजर वीडियो जारी करके इस बात का खुलासा किया, कि वह जल्द ही अपनी इस छोटी एसयूवी को भारत में लॉन्च करने जा रही है.वहीं कंपनी की इस एसयूवी को देश की सड़कों पर कई बार टेस्टिंग के दौरान देखा जा चुका है। गौरतलब है कि टाटा पंच के फीचर्स को लेकर काफी चर्चा है। पिछले साल टाटा पंच के कॉन्सेप्ट मॉडल को कंपनी ने ऑटो एक्स्पो में शोकेस किया था।
यह टाटा की पहली एसयूवी होगी जो लाइट फ्लेक्सिबल एडवांस आर्किटेक्चर पर आधारित होगी और इसे I इम्पेक्ट 2.0 डिजाइन लैंग्वेज के तहत विकसित किया गया है। यह युवा ग्राहकों को टारगेट करके लाई जा रही है जो शहर में कार और एसयूवी दोनों के फीचर अपनी गाड़ी में चाहते है। टीजर और अनवेल से यह पता चलता है कि टाटा पंच में उसी तरह से डेटाइम रनिंग लाइट्स होंगे। जैसा कि टाटा हैरिए और टाटा सफारी मॉडलों में दिए गए हैं। इस डीआएल के नीचे हेडलैम्प क्लस्टर होगा। कंपनी ने संकेत दिया है कि 'एक जगह सबकुछ' होगा। यानी इसकी डिजाइन में काफी विविधता होगी।
टाटा पंच के संभावित लुक और फीचर्स की बात करें तो देखने में यह काफी मस्कुलर होगा और इसकी टायर और रियर लुक काफी आकर्षक हो सकती है.ऐसी उम्मीद की जा रही है कि कंपनी इसकी कीमत काफी आकर्षक रखेगी और इसका मुकाबला महिंद्रा 100 तथा मारुति इग्निस से हो सकता है। इसका मुकाबला आने वाली माइक्रो एसयूवी केसपर से भी हो सकता है।

वक़्फ़ की संपत्तियों के सहयोग से 'लूट' का आरोप

हरिओम उपाध्याय             
लखनऊ। अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज़ आलम ने पूरे प्रदेश में वक़्फ़ की संपत्तियों के सरकारी सहयोग से लूट का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस की सरकार बनते ही पिछले 30 वर्षों में वक़्फ़ की संपत्तियां जहां-जहाँ लीज पर दी गयीं हैं उनकी जाँच होगी और अनियमितता पाने पर दोषियों के खिलाफ़ क़ानूनी कार्यवाई की जायेगी। 
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि जब तक प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी वक़्फ़ संपत्तियों पर अवैध क़ब्ज़ा नहीं था। वक़्फ़ से होने वाली आय से ही विधवा मुस्लिम महिलाओं को पेंशन भी कांग्रेस सरकार दिया करती थी। लेकिन बाद की गैर कांग्रेस सरकारों ने वक़्फ़ संपत्तियों को लूटने और बेचने का काम किया। यहाँ तक कि सपा के कुछ नेता तो सौ से अधिक वक़्फ़ संपत्तियों के क़ब्ज़ेदार बन गए हैं। उन्होंने कहा कि वक़्फ़ के मुद्दे पर अल्पसंख्यक कांग्रेस जल्दी ही ज़िले वार आंदोलन करेगी। 

प्रतिनिधिमंडल के साथ पीएम मोदी से मुलाकात की

अविनाश श्रीवास्तव                    
पटना। जातीय जनगणना की मांग को लेकर सोमवार को बिहार के सीएम नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव ने 10 अलग-अलग दलों के प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद सीएम नीतीश और तेजस्‍वी यादव ने मीडिया से एक सुर में बात की। दोनों नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री ने बड़े गौर से उनकी बात सुनी है। 
अब उन्‍हें इस सम्‍बन्‍ध में निर्णय का इंतजार है। सीएम नीतीश कुमार ने पत्रकारों को प्रधानमंत्री से हुई मुलाकात का ब्‍योरा देते हुए कहा कि प्रतिनिधिमंडलने जातीय जनगणना के सभी पहलुओं को लेकर पीएम के सामने विस्‍तार से अपना पक्ष रखा। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सबकी बातों को बड़े गौर से सुना। उन्‍होंने जातीय जनगणना की मांग से इनकार नहीं किया है। हमें उम्‍मीद है कि वह इस बारे में विचार करके उचित निर्णय लेंगे। उन्‍होंने कहा कि नेताओं ने प्रधानमंत्री को जातिगत जनगणना के बारे में अब तक बिहार में हुई कोशिशों की पूरी जानकारी दी। उन्‍हें बताया कि कैसे 2019 और 2020 में प्रस्‍ताव पास किया गया।
बीच में केंद्र के एक मंत्री के यह कहने से कि जातिगत जनगणना नहीं हो पाएगी, पूरे राज्‍य में बेचैनी फैल गई। उन्‍होंने कहा कि इसी स्थिति के चलते पीएम से आज मुलाकात की गई। उन्‍हें ओबीसी, माइनारिटी समेत सभी के बारे में जानकारी दी गई। सीएम नीतीश ने कहा कि जातिगत जनगणना बेहद जरूरी है। यह एक बार हो जाएगा सब की स्थिति स्‍पष्‍ट हो जाएगी। जिन वर्गों को सरकारी योजनाओं का उचित लाभ नहीं मिल पा रहा है उनके बारे में  भी ठीक ढंग से योजनाएं बन पाएंगी। विकास के लिए ठीक से काम होगा। 

वयस्‍कों के मुकाबले बच्‍चों को प्रभावित करेंगा कोरोना

अकांशु उपाध्याय                 
नई दिल्‍ली। नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ डिजास्‍टर मैनेजमेंट 
ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि यह बात पुख्ता तौर पर नहीं कही जा सकती कि कोरोनावायरस की तीसरी लहर वयस्‍कों के मुकाबले बच्‍चों को ज्‍यादा प्रभावित करेगी। नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ डिजास्‍टर मैनेजमेंट ने इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्‍स और लेंसेंट कोविड-19 कमीशंस रीजनल टास्‍क फोर्स का हवाला देते हुए यह बात कही है। हालांकि इस रिपोर्ट में यह भी कहा है।
‘चिंता के पर्याप्‍त कारण हैं। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है क्‍योंकि भारत में बच्‍चों का अभी टीकाकरण नहीं हुआ है और उनके लिए मौजूदा स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाएं बड़े स्‍तर पर इलाज के लिहाज से पर्याप्‍त नहीं हैं।

दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ

दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। दबे पांव पहुंचे भूकंप ने धरती को हिलाते हुए पब्लिक को दहशत में ड...