बुधवार, 4 अगस्त 2021

कृष्णा जल विवाद का निपटारा, रास्ता बंद हुआ

अमरावती। आंध्रप्रदेश और तेलंगाना के बीच कृष्णा जल विवाद का निपटारा मध्यस्थता के जरिये होने का रास्ता बुधवार को बंद हो गया। अब इस मामले की सुनवाई कानूनी तौर पर होगी, जिसमें मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन शामिल नहीं होंगे। न्यायमूर्ति रमन ने दोनों राज्यों के बीच कृष्णा जल विवाद की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया, क्योंकि दोनों राज्यों की ओर से पेश वकीलों ने शीर्ष अदालत को बताया कि इस मामले का निपटारा मध्यस्थता के जरिये संभव नहीं है और वे कानूनी तौर पर इसका निपटारा चाहते हैं।
दोनों राज्यों के वकीलों ने मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ को बताया कि संबंधित राज्य सरकारें मामले का कानूनी हल चाहती हैं। इसके बाद न्यायमूर्ति रमन ने कहा कि फिर वह कानूनी मामले की सुनवाई से खुद को अलग करते हैं।
न्यायमूर्ति रमन ने पिछली सुनवाई को कहा था कि वह कानूनी मुद्दों पर मामले की सुनवाई नहीं कर सकते, बल्कि वह दोनों राज्यों के बीच मध्यस्थता कराने की व्यवस्था कर सकते हैं। इसके लिए दोनों राज्यों के वकील को अपनी सरकारों से निर्देश लेने के लिए कहा गया था। उन्होंने कहा था, “मैं दोनों राज्यों (अविभाजित आंध्र प्रदेश) से हूं। मुझे कानूनी मुद्दों को सुनने में कोई दिलचस्पी नहीं है, लेकिन अगर दोनों राज्य मध्यस्थता के लिए सहमत होते हैं तो वह मदद कर सकते हैं।” अब दूसरी पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी।

आंध्र प्रदेश सरकार ने पीने और सिंच़ाई के लिए आवश्यक कृष्णा नदी का पानी रोकने का तेलंगाना पर आरोप लगाया था। याचिका में आरोप लगाया गया था कि तेलंगाना उन्हें पीने और सिंचाई के उद्देश्यों के लिए कृष्णा नदी के पानी के उनके वैध हिस्से से वंचित कर रहा है।

सुरंग को यातायात परीक्षण के लिए खोला: गडकरी

अकांशु उपाध्याय              
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि काजीगुंड और बनिहाल के बीच 8.5 किलोमीटर सुरंग को यातायात परीक्षण के लिए खोल दिया गया है। इस सुरंग से जम्मू और श्रीनगर के बीच यात्रा के समय में लगभग 1.5 घंटे और दूरी में 16 किलोमीटर की कमी होगी। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने एक ट्वीट में कहा कि समुद्र तल से 5,800 फीट की ऊंचाई पर बनी यह सुरंग जवाहर सुरंग की जगह लेगी और हर मौसम में संपर्क प्रदान करेगी।उन्होंने ट्वीट किया, ”काजीगुंड और बनिहाल के बीच 8.5 किलोमीटर लंबी सुरंग का काम पूरा हो चुका है और परीक्षण के लिए यातायात को खोला गया है।” गडकरी ने कहा कि इससे जम्मू और श्रीनगर के बीच यात्रा के समय में लगभग 1.5 घंटे और दूरी में 16 किलोमीटर की कमी होगी।

लोकसभा ने 8 दिवंगत पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि दी

अकांशु उपाध्याय               
नई दिल्ली। लोकसभा ने बुधवार को अपने आठ दिवंगत पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि दी। जिनका पिछले दिनों निधन हो गया। सदन की बैठक शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने लोकसभा के आठ पूर्व सदस्यों के निधन की जानकारी दी। सभा ने दिवंगत पूर्व सदस्यों के सम्मान में कुछ पल का मौन रखा।
बिरला ने अविभाजित मध्य प्रदेश के बिलासपुर से आठवीं और दसवीं लोकसभा के सदस्य रहे खेलन राम जांगड़े, उत्तर प्रदेश के खलीलाबाद से 11वीं लोकसभा के सदस्य रहे सुरेंद्र यादव, महाराष्ट्र के दहानू से सातवीं, आठवीं, नौवीं, दसवीं और 14वीं लोकसभा के सदस्य रहे दामोदर बरकू शिंगदा तथा दमन दीव से 13वीं और 14वीं लोकसभा के सदस्य रहे दहियाभाई वल्लभभाई पटेल के निधन की जानकारी सदन को दी।
लोकसभा अध्यक्ष ने मध्य प्रदेश के दमोह से 15वीं लोकसभा के सदस्य रहे शिवराज सिंह लोधी, कर्नाटक के बेलगाम से 12वीं लोकसभा के सदस्य रहे बाबा गौड़ा पाटिल, कर्नाटक के मांड्या से नौवीं तथा दसवीं लोकसभा के सदस्य रहे जी मांडे गौड़ा और राजस्थान के जालौर से 11वीं लोकसभा के सदस्य रहे परसराम मेघवाल के निधन की जानकारी भी सदन को दी। सदन ने कुछ पल मौन रहकर दिवंगत पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि दी।

उपराष्ट्रपति ने कार्यान्वयन की जरुरत पर बल दिया

अकांशु उपाध्याय          
नई दिल्ली। उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम में हालिया संशोधन का स्वागत करते हुए जमीनी स्तर पर इसके प्रभावी कार्यान्वयन की आवश्यकता पर बल दिया है। वेंकैया नायडू ने बुधवार को केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी से भेंट के दौरान कहा कि यह एक बेहतर कानून है। जिससे अनाथ बच्चों की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिला सुनिश्चित किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि इस कानून को प्रभावी तरीके से लागू किया जाना चाहिए जिससे अनाथ बच्चों को शोषण से बचाया जा सके। स्मृति ईरानी ने उप-राष्ट्रपति निवास पर वेंकैया नायडू से भेंट की। उपराष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें अनाथ बच्चों से संबंधित मुद्दों पर कई पत्र प्राप्त हुए हैं।
केंद्रीय मंत्री ने उप राष्ट्रपति को किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2021 की मुख्य विशेषताओं से अवगत कराया। इसे हाल ही में राज्यसभा ने पारित किया है। स्मृति ईरानी ने उपराष्ट्रपति को यह भी बताया कि हालिया संशोधन जिलाधिकारियों और अतिरिक्त जिलाधिकारियों को गोद लेने की प्रक्रिया में तेजी लाने और अनाथ बच्चों को अधिक सुरक्षा सुनिश्चित करने का अधिकार देता है।
उन्होंने अनाथों के कल्याण के लिए राज्यों के साथ साझेदारी में केंद्र के पुनर्वास उपायों सहित विभिन्न कदमों का भी उल्लेख किया। नायडू ने कहा कि अनाथ बच्चों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करना समाज और सरकार की सामूहिक जिम्मेदारी है। हाल में ही, अनाथ बच्चों के एक समूह ने उप-राष्ट्रपति निवास में उनसे मुलाकात की।

प्लास्टिक के धागे का इस्तेमाल करने पर रोक लगाईं

श्रीनगर। जम्मू प्रशासन पतंगबाजी के मौसम के मद्देनजर निवारक उपाय के तहत नायलॉन और प्लास्टिक के धागे का इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी है। जिलाधिकारी की ओर से जारी आदेश के अनुसार पतंगबाजी का त्योहार या पतंगबाजी का मौसम चल रहा है। यह कुछ समय और चलेगा। इस दौरान देखा गया है। लोग पतंगबाजी के लिए प्लास्टिक या नायलॉन के धागों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो कुछ समय तक चलता रहेगा। यह देखा गया है कि पतंगबाजी के लिए प्लास्टिक या नायलॉन (मांजा) के धागों का प्रयोग किया जा रहा है। यह एसआरओ 126 का उल्लंघन है।
आदेश में कहा गया,“ प्लास्टिक और नायलॉन स्ट्रिंग्स (मांजा) की खरीद, रखने, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है। पिछली रिपोर्ट और घटनाओं से साफ हो गया है कि पारंपरिक पतंग उड़ाने वाले सूती धागे के बजाय इन धागों का उपयोग पक्षियों और मानव जीवन के लिए खतरा है।” आदेश में कहा गया है कि यह कदम बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। साथ ही पक्षियों के लिए उत्पन्न खतरों को भी रोकना है।
जम्मू के जिलाधिकारी अंशुल गर्ग ने अपराध संहिता की धारा 144 के तहत प्राप्त कार्यकारी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए आदेश जारी किया है कि पतंगबाजी में प्लास्टिक/नायलॉन या आयातित/स्वदेशी सिंथेटिक सामग्री की बिक्री या उपयोग जम्मू क्षेत्र में तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित रहेगी। आदेश में कहा गया,“ यदि कोई व्यक्ति इस आदेश का उल्लंघन करेगा, तो वह दंड का भागी होगा।

ऐप बनाने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बना: सीएम

पंकज कपूर                
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड भूकंप एलर्ट ऐप लांच किया है। आपको बता दे कि ऐसा ऐप बनाने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बन गया है। ये ऐप उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, आपदा प्रबंधन विभाग और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रूड़की द्वारा विकसित किया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में मोबाइल ऐप्लीकेशन ‘‘उत्तराखंड भूकंप अलर्ट’’ ऐप का शुभारंभ किया। उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, आपदा प्रबंधन विभाग एवं भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रूड़की के सौजन्य से बनाये गए इस ऐप के माध्यम से लोगों को भूकंप से पूर्व चेतावनी मिल जायेगी।उत्तराखंड यह ऐप बनाने वाला पहला राज्य है। इससे जन सुरक्षा में मदद मिलेगी। इस ऐप के माध्यम से भूकंप के दौरान लोगों की लोकेशन भी प्राप्त की जा सकती है। भूकंप अलर्ट के माध्यम से भूकंप से क्षतिग्रस्त संरचनाओं में फंसे होने पर सूचना दी जा सकती है। उत्तराखंड भूकंप अलर्ट ऐप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता हैं। 
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील राज्य है। इस ऐप के माध्यम से लोगों को भूकंप पूर्व चेतावनी मिल सके, इसके लिए इस ऐप की लोगों को जानकारी दी जाए। विभिन्न माध्यमों से व्यापक स्तर पर इसका प्रचार प्रसार किया जाय। आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा इसकी लघु फिल्म बनाकर जन-जन तक पहुंचाया जाए। स्कूलों में भी बच्चों को लघु फिल्म के माध्यम से इस ऐप के बारे में जानकारी दी जाए।

राज्यसभा की बैठक शुरू होने के करीब स्थगित की

अकांशु उपाध्याय                     
नई दिल्ली। पेगासस जासूसी विवाद सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर अड़े विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण बुधवार को राज्यसभा की बैठक शुरू होने के करीब 15 मिनट बाद ही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए।
उन्होंने कार्य मंत्रणा समिति की कल हुयी बैठक में कुछ विधेयकों पर चर्चा और उन्हें पारित करने के लिए समय तय किए जाने के बारे में सदन को सूचित किया।उन्होंने बताया कि समाजवादी पार्टी के रामगोपाल वर्मा और विश्वंभर प्रसाद निषाद तथा डॉक्टर वी शिवदासन की ओर से नियम 267 के तहत किसान आंदोलन के मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस मिले हैं। उन्होंने इस मुद्दे को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इस पर अन्य नियम के तहत चर्चा की अनुमति दी जाती है।सभापति ने कहा कि कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, के सी वेणुगोपाल, तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राय, वाम सदस्यों विनय विश्वम तथा इलामारम करीम की ओर से भी विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत नोटिस मिले हैं जिन्हें स्वीकार नहीं किया गया है। नायडू के इतना कहते ही कुछ विपक्षी दलों के सदस्य आसन के समक्ष आ गए और अपने अपने मुद्दों पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा करने लगे। सभापति ने सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने और कार्यवाही चलने देने की अपील की।
उन्होंने कहा कि आर्थिक स्थिति, महंगाई और अन्य मुद्दों पर भी चर्चा के लिए सरकार तैयार है। हंगामा थमते न देख उन्होंने कहा कि जो सदस्य आसन के समक्ष आ गए हैं और तख्तियां दिखा रहे हैं उनके नाम नियम 255 के तहत प्रकाशित किए जाएंगे और उन्हें सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया जाएगा। इतने पर भी हंगामा नहीं थमा तब सभापति ने आसन के समक्ष तख्तियां ले कर हंगामा कर रहे सदस्यों से सदन से नियम 255 के तहत बाहर चले जाने को कहा।
उन्होंने राज्यसभा के महासचिव से इन सदस्यों के नाम देने को भी कहा। नायडू ने पुन: सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने की अपील की। सदन में व्यवस्था बनते न देख उन्होंने 11 बज कर करीब 15 मिनट पर बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले, बैठक शुरू होने पर जब सभापति की अनुमति से संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कार्यसूची में उल्लिखित विभिन्न मंत्रालयों के दस्तावेज सदन के पटल पर रखे तब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि मंत्रालयों के दस्तावेज संबंधित मंत्रियों द्वारा सदन के पटल पर रखे जाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि अपरिहार्य परिस्थितियों में ही, आसन की अनुमति से संसदीय कार्य राज्य मंत्री अन्य मंत्रियों के दस्तावेज पटल पर रख सकते हैं। शर्मा ने कहा कि जब मंत्री सदन में मौजूद हैं तब दस्तावेज उन्हें ही पटल पर रखना चाहिए। इस पर सभापति नायडू ने कहा कि कोविड-19 की वजह से उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए उन्होंने संसदीय कार्य राज्य मंत्री को विभिन्न मंत्रालयों के दस्तावेज पटल पर रखने की अनुमति दी थी।
पेगासस और अन्य मुद्दों को लेकर विपक्षी सदस्यों का हंगामा, लोकसभा की कार्यवाही बाधित
पेगासस जासूसी मामला और कुछ अन्य मुद्दों पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी। बैठक शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन के आठ पूर्व सदस्यों के निधन की जानकारी दी और सदन ने उनके सम्मान में कुछ पल का मौन रखा।
इसके बाद अध्यक्ष बिरला ने प्रश्नकाल शुरू कराया। इसी दौरान कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस समेत अन्य कुछ विपक्षी दलों के सदस्य पेगासस जासूसी मामले पर सदन में चर्चा कराने की मांग को लेकर आसन के समीप नारेबाजी करने लगे। शोर-शराबे के बीच ही रेल राज्य मंत्री रावसाहेब पाटिल दानवे ने रुकी हुई रेल परियोजनाओं के संबंध में सदस्यों के पूरक प्रश्नों के उत्तर दिये।
आसन के समीप पोस्टर दिखा रहे विपक्षी सदस्यों से नाराजगी जताते हुए अध्यक्ष बिरला ने उनसे सदन की गरिमा बनाये रखने को कहा। उन्होंने कहा, ”यह तरीका ठीक नहीं है। यह बिल्कुल गलत है। आप संसद की मर्यादा और आसन का अपमान करने की कोशिश मत कीजिए।” अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी नहीं थमने पर कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद 11:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
एक बार के स्थगन के बाद 11:30 बजे कार्यवाही पुन: शुरू होने पर भी हंगामा जारी रहा और विपक्षी सदस्य आसन के समीप आकर पहले की तरह ही नारेबाजी करने लगे। विपक्षी सदस्यों ने ‘प्रधानमंत्री सदन में आओ’, ‘खेला होबे’ और ‘जासूसी बंद करो’ के नारे लगाए। पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा, ”आप ऐसा कुछ मत कीजिए जिससे आसन को कार्रवाई करनी पड़े। यह अस्वीकार्य है।

'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की

'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की  अखिलेश पांडेय  नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। वैज्ञानिक अभी भी पिछले सप्ताह आए सोलर स्टॉर्म...