अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। हमारी दुनिया से बाहर अंतरिक्ष में 24 जुलाई को एक बड़ी घटना घटने जा रही है। 2008 GO20 नाम का एक क्षुद्रग्रह धरती के पास से होकर गुजरेगा। इस एस्टेरॉयड की रफ्तार बुलेट ट्रेन और प्लेन, रॉकेट से भी तेज है और मन से बहुत कम।
2008 GO20 नाम का ये पिंड 8 किलोमीटर प्रति सकेंड की रफ्तार से बढ़ रहा है, जो एक घंटे में कम से कम 18 हजार किलोमीटर की दूरी को तय कर लेता है। जो हमारी धरती से कम से कम 40 लाख किलोमीटर दूर होगा। इस पिंड की लंबाई और चौड़ाई भी काफी है। चौड़ाई 97 मीटर और लंबाई 230 मीटर बताई जा रही है। एक अनुमान के मुताबिक, इस एक एस्टेरॉयड में 4 फुटबॉल के मैदान बनाए जा सकते हैं।क्योंकि ये धरती ने टकराने की स्थिति में नहीं दिख रहा है। अगर ये धरती के करीब भी आता है तो इसे परमाणु बम के जरिए खत्म कर दिया जाएगा।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 1935 में धरती और एस्टेरॉयड की दूरी 19 लाख थी। फिर 1977 में 29 लाख किलोमीटर और अब 45 लाख किलोमीटर दूर से होकर गुजरेगा।
लेकिन फिर भी धरती पर इसको लेकर चिंता का माहौल बना हुआ है। लेकिन हमें चिंता करने की जरूरत नहीं है। कई क्षुद्रग्रह धरती की कक्षा में आने से पहले ही खत्म हो जाते हैं। ये एस्टेरॉयड भारतीय समयानुसार रात के 11 बजकर 21 मिनट पर धरती के करीब से होकर गुजरेगा। इसके बाद 25 जुलाई 2034 को एक बार फिर एस्टेरॉयड धरती के पास से होकर गुजरेगा।
आकाश में कभी-कभी एक ओर से दूसरी ओर अत्यंत वेग से जाते हुए अथवा पृथ्वी पर गिरते हुए जो पिंड दिखाई देते हैं उन्हें उल्का और साधारण बोलचाल में 'टूटते हुए तारे' अथवा 'लूका' कहते हैं। उल्काओं का जो अंश वायुमंडल में जलने से बचकर पृथ्वी तक पहुँचता है उसे उल्कापिंड कहते हैं।