गुरुवार, 3 जून 2021

अंतर्कलह: बैठक में शामिल होने का बुलावा भेजा

राणा ओबराय                
चंडीगढ। पंजाब कांग्रेस की अंतर्कलह का असर बुधवार को कैबिनेट बैठक में साफ तौर पर देखने को मिला। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के दूसरे कार्यकाल में यह पहला मौका था, जब बैठक में 32 एजेंडे रखे गए।लेकिन दो एजेंडे पास करने के बाद बैठक खत्म हो गई। छह नाराज मंत्री इस बैठक में शामिल नहीं हुए तो उन्हें बुलावा भेजकर बैठक में शामिल होने का बुलावा भेजा गया। सूत्रों के अनुसार एक नाराज मंत्री ने तो यह भी कह दिया कि पहले विवाद सुलझा लेते हैं। बैठक तो बाद में भी हो जाएगी।

बुधवार को होने वाली कैबिनेट बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण थी। क्योंकि इसमें छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट को मंजूरी के लिए पेश किया जाना था। इसके अलावा विधायक फतेहजंग सिंह बाजवा के बेटे को डीएसपी तो विधायक राकेश पांडे के बेटे को तहसीलदार लगाए जाने के लिए एजेंडा पारित किया जाना था। लेकिन, ये दोनों एजेंडे बैठक में नहीं रखे जा सके।वर्चुअल तौर पर हुई इस बैठक में मंत्रियों की नाराजगी का असर साफ तौर पर दिखाई दिया। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह जैसे ही बैठक में शामिल हुए तो उन्होंने बैठक के कोरम के बारे में पूछा। इसके बाद मुख्‍य सचिव विनी महाजन ने उन्हें बताया कि सभी मंत्री बैठक में मौजूद नहीं हैं। इसके बाद जब कैप्टन ने मंत्रियों के बारे में पूछा तो उन्हें बताया गया है कि आठ मंत्री पंजाब भवन दिल्ली में हैं।

कार्य की प्रगति के संबंध में समीक्षा बैठक आयोजित

कौशाम्बी। जिलाधिकारी अमित कुमार सिंह की अध्यक्षता में गुरूवार को कलेक्ट्रेट स्थित सम्राट उदयन सभागार में विभिन्न विभागों से सम्बन्धित कार्य की प्रगति के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक आयोजित की गयी। बैठक में जिलाधिकारी ने 5 जून पर्यावरण दिवस के अवसर पर सभी ग्राम पंचायतों, नगर पंचायतों, नगर पालिकाओ,स्कूलो एवं कार्यालयों सहित अन्य जगहों पर बृक्षारोपण कराये जाने का निर्देश संबंधित विभागों के अधिकारियों को दिया है। जिलाधिकारी ने सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि वृक्षारोपण हेतु दिए गये लक्ष्य के सापेक्ष तैयारियों की कार्य योजना बनाकर तत्काल प्रभागीय वनाधिकारी को उपलब्ध करा दें। उन्होनें यह भी कहा कि वृक्षारोपण हेतु चिन्हित किये गए स्थानों की जियो टैगिंग कराकर गड्डे खोदे जाने के प्रगति के सम्बन्ध में सूचना भी उपलब्ध करा दें। जिलाधिकारी ने सभी सम्बन्धित विभागों को निर्देशित करते हुए कहा कि वृक्षारोपण कार्यक्रम की तैयारियों में किसी भी प्रकार की लापरवाही या उदासीनता क्षम्य नही होगी। उन्होनें कहा कि दिए गए लक्ष्य के सापेक्ष सभी तैयारियॉ समय से पूर्ण कर ली जाय। उन्होने अलवारा झील के किनारे-किनारे बृक्षारोपण कराये जाने का भी निर्देश दिया है। बैठक में वनाधिकारी ने बताया कि जनपद में कुल 21 लाख 48 हजार 996 पौधों का रोपण किया जायेगा। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी मनोज, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, सभी खण्ड विकास अधिकारी सभी अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
उज्ज्वल केशरवानी

सीएम ने 'लॉकडाउन' को 14 जून तक लागू किया

बैंगलुरू। दूसरी लहर के रूप में आई कोरोना संक्रमण की वैश्विक महामारी लोगों का पीछा छोड़ने के लिए तैयार नहीं दिखाई दे रही है। कोरोना संक्रमण के मामलों में आशातीत कमी न आने की वजह से कर्नाटक के सीएम येदियुरप्पा ने लॉकडाउन की अवधि में बढ़ोतरी करते हुए अब 14 जून तक लागू किया है। इस दौरान राज्य में कड़ी पाबंदियां रहेगी। देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर लगातार अपने पांव जमाए हुए हैं। लागू किये गये लाॅकडाउन और कोरोना कफ्र्यू जैसे प्रतिबंधों से कुछ राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले कम हुए हैं तो तमाम पाबंदियों के बावजूद देश के कई राज्य अभी तक कोरोना वायरस के संक्रमण के रोजाना मिल रहे मामलों से बुरी तरह जूझ रहे हैं। 

कर्नाटक में कोरोना संक्रमण के नए मामलों में आशा के अनुरूप कमी ना आने से मुख्यमंत्री बीएस येदुरप्पा ने बृहस्पतिवार को राज्य में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन की अवधि में बढ़ोतरी करते हुए अब इसे आगामी 14 जून तक के लिए बढ़ा दिया है। मुख्यमंत्री बीएस येदुरप्पा ने कहा है कि लाॅकडाउन को सख्ती के साथ लागू करते हुए राज्य में कड़ी पाबंदियां रहेंगी।

एजेंसी


केमिकल फैक्ट्री में आग लगने से 3 लोग झुलसे

अश्वनी उपाध्याय                

गाजियाबाद। केमिकल फैक्ट्री में लगी भयंकर आग की चपेट में आकर मालिक समेत तीन लोग झुलस गए हैं। जिन्हें तत्काल ही उपचार के लिए एक निजी अस्पताल में भेजा गया है। सूचना पर फायर ब्रिगेड की टीम और पुलिस मौके पर पहुंच गई है। आग लगने से आसपास के लोगों में बुरी तरह से हड़कंप मचा हुआ है। बृहस्पतिवार की दोपहर जनपद के मोदीनगर थाना क्षेत्र के गांव कादराबाद स्थित विकास नगर इंडस्ट्रियल एरिया में एक केमिकल फैक्ट्री में किन्ही कारणों से आग लग गई। जिसने थोड़ी ही देर में विकराल रूप धारण कर लिया। केमिकल फैक्ट्री से उठ रही आग की लपटों और काले धुएं से समूचा आसमान पट गया। फैक्ट्री से आग की लपटें और काला धुआं निकलते हुए देख आसपास के लोगों में दहशत पसर गई। इसी बीच आग बुझाने के प्रयासों में फैक्ट्री मालिक समेत तीन लोग लपटों की चपेट में आकर झुलस गए। मामले की जानकारी तुरंत ही पुलिस और फायर विभाग को दी गई। 

सूचना पाते ही फायर ब्रिगेड की टीम के अलावा पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची। पुलिस ने व्यवस्था बनाते हुए आसपास के लोगों को वहां से हटाया और फायर कर्मियों के माध्यम से आग बुझाने का काम शुरू किया। फायर कर्मियों ने राहत कार्य शुरू करते हुए फैक्ट्री में आग की लपटों से घिरे कर्मचारियों को किसी तरह से बाहर निकाला। आग लगने की इस घटना में फैक्ट्री मालिक आशु गुप्ता समेत तीन लोग झुलस गए। एंबुलेंस की सहायता से तीनों को तुरंत ही स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। एफएसओ मामचंद ने बताया कि घटनास्थल पर पहुंचने पर पता चला कि मालिक समेत तीन लोग आग से झुलस गए हैं। तीनों को उपचार के लिए अस्पताल भिजवा दिया गया है। उन्होंने बताया कि आग लगने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। इसकी जांच की जा रही है।

बिलों के भुगतान का विवरण सार्वजनिक करने की मांग

हरिओम उपाध्याय              

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार से प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना का इलाज कराने वाले मरीजों के बिलों के भुगतान का विवरण सार्वजनिक करने की मांग की है। अखिलेश यादव ने गुरूवार को ट्वीट किया "उप्र की भाजपा सरकार ने बड़े जोर शोर से प्रचारित किया था कि वो कोरोना के प्राइवेट इलाज का खर्चा देगी। अब भाजपा सरकार बताए कि अभी तक जनता के कितने बिलों का भुगतान किया है। भाजपा सरकार जनता के सामने आँकड़े रखे।" सपा अध्यक्ष ने सरकार से ब्लैक फंगस के भी मुफ्त इलाज कराने की घोषणा करने की मांग की। उन्होने लिखा "साथ ही सरकार 'ब्लैक फंगस' के भी मुफ़्त इलाज की तत्काल घोषणा करे।"

विंडोज का नया वर्जन जल्द पेश करेगा 'माइक्रोसॉफ्ट'

वाशिंगटन डीसी। माइक्रोसॉफ्ट कार्प आगामी 24 जून को विंडोज साॅफ्टवेयर का नया वर्जन पेश करेगा।माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सत्या नडेला ने यह जानकारी दी। उन्हाेंने बताया कि अपडेट सॉफ्टवेयर में डिज़ाइन में बदलाव समेत क्रियेटर्स एवं डेवलपर्स के लिए ऐप स्टोर और अन्य फीचर्स के जरिए अतिरिक्त सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सत्या नडेला पहले ही कह चुके हैं कि नया सॉफ्टवेयर अपडेट को इस दशक के ऑपरेटिंग सिस्टम में सबसे महत्वपूर्ण बदलाव करार दे चुके हैं।

टीकाकरण नीति: पीएम को चौपट राजा करार दिया

अकांशु उपाध्याय               

नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक बार फिर से केंद्र की टीकाकरण नीति पर सवाल उठाते हुए कुछ आंकड़े जारी किए हैं और केंद्र सरकार की टीकाकरण नीति को अंधेर वैक्सीन नीति और प्रधानमंत्री को चौपट राजा करार दिया है। बृहस्पतिवार को कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट करते हुए लिखा है कि मई में वैक्सीन उत्पादन क्षमता 8.5 करोड़ जबकि वैक्सीन का उत्पादन 7.94 करोड़ और लोगों को वैक्सीन लगी 6.1 करोड़। इसके बावजूद जून में सरकारी दावा 12 करोड़ वैक्सीन आएगी? 

प्रियंका ने पूछा है आखिर यह आएगी कहां से? क्या देश में कोरोना वैक्सीन का उत्पादन कर रही दोनों कंपनियों की उत्पादन क्षमता में एकाएक 40 प्रतिशत का इजाफा हो गया है? उन्होंने केंद्र सरकार से पूछा है कि वैक्सीन के लिए बजट में निर्धारित किए गए 35000 करोड रुपए कहां खर्च किए गए हैं? उन्होंने केंद्र की वैक्सीन नीति को अंधेर वैक्सीन नीति और चौपट राजा करार दिया है। गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण से निपटने के मामले में मोदी सरकार वैक्सीनेशन नीति को लेकर चारों तरफ से बुरी घिरी हुई है। विपक्ष के लगातार करारे प्रहार झेल रही केंद्र सरकार को देश की सुप्रीम कोर्ट ने भी जमकर फटकार लगाई है। 

उच्चतम न्यायालय ने कोरोना संक्रमण से बचाव की 18 से 44 साल की उम्र के लिए लागू मौजूदा वैक्सीन नीति को तर्कहीन और मनमाना करार दिया है। उधर सरकार का दावा है कि समूचे देश में अभी तक 22 करोड़ से अधिक कोरोना वैक्सीन की डोज लोगों को लगाई जा चुकी है। कोरोना वैक्सीनेशन को आगे बढ़ाने की केंद्र की नीति इस समय चैतरफा से सवालों से घिरी हुई है। कई राज्य सरकारों ने दावा किया है कि उनके पास वैक्सीन की कमी के चलते उनके राज्य में लोगों का कोरोना टीका करण फिलहाल रोक दिया गया है।

एससी ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाया ?

अकांशु उपाध्याय          

नई दिल्ली। कोरोना की पहली लहर से हम गुजर जाए। उसके बाद दूसरी लहर से भी अब धीरे-धीरे उभरते जा रहे है। अब कोरोना की लहर के प्रकोप से बचने के लिए देश में वैक्सीनेशन का काम जारी है। अब तक 22 करोड से अधिक व्यक्तियों की वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है। मगर जिस तरह से वैक्सीन की नीतियों को आगे बढ़ाया जाना है। 

उस पर गंभीर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाया। अब केंद्र की वैक्सीन का पूरा हिसाब मांग लिया है। 18 से 44 वर्ष के लिए मौजूदा नीति को सुप्रीम कोर्ट ने मनमाना बताया है। केंद्र सरकार अब वैक्सीन नीति को लेकर चारों तरफ घिरती नजर आ रही है। केंद्र सरकार ने 18 से 44 वर्ष उम्र के लिए वैक्सीन का खर्च राज्य सरकार को उठाने के लिए कहा है। इसको लेकर अब सुप्रीम कोर्ट भी सख्त हो गया है।

डीएम ने किया सीएचसी केंद्र का औचक निरीक्षण

अतुल त्यागी, मुकेश सैनी         
हापुड़। जनपद में जिलाधिकारी अनुज सिंह ने दिनेश नगर पिलखुवा सीएचसी केंद्र का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान सीएचसी केंद्र पर टीकाकरण हो रहा था। जिलाधिकारी अनुज सिंह के द्वारा सीएचसी केंद्र पर बन रहे ऑक्सीजन प्लांट के निर्माण की गुणवत्ता का भी जायजा लिया। उन्होंने निर्माणाधीन ऑक्सीजन प्लांट का कार्य जल्द से जल्द पूरा करने हेतु संबंधित को निर्देश दिए। इस अवसर पर मुख्य शिक्षा अधिकारी रेखा शर्मा उनके साथ उपस्थित रही।

त्रासदी में सरकार का दोष नहीं, बताने का प्रयास

वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी के माध्यम से ये बताया जा रहा है कि ये वैश्विक महामारी है और हर देश प्रभावित है, इसलिए मोदी जी बेचारे क्या कर सकते हैं। इस नरेटिव से सरकार की नाकामी पर पर्दा डालने का प्रयास जारी है, जबकि सच्चाई यह है कि दुनिया में कोविड के दूसरे लहर का सबसे ज़्यादा असर भारत पर ही पड़ा है। जिस देश का जन स्वास्थ्य तंत्र सुदृढ़ है, वहां इसका असर अपेक्षाकृत कम हुआ।

कोरोना वायरस महामारी के काल में भले ही सभी विश्वविद्यालय बंद हैं, लेकिन वॉटसऐप यूनिवर्सिटी की सक्रियता बदस्तूर जारी है। लोग भले ही महामारी से निपटने में सरकार की विफलता और लापरवाही पर सवाल खड़े कर रहे हों लेकिन वॉटसऐप यूनिवर्सिटी का रिसर्च एक अलग ही नरेटिव खड़ा करने की कोशिश में है। पहला नरेटिव लोगों को सकारात्मक बने रहने की सीख देना है। यह सच है कि इस आपदा का एक मनोवैज्ञानिक पहलू भी है, लेकिन इस मनोवैज्ञानिक पक्ष को सरकार को बचाने के लिए किया जा रहा है।

इस अभियान में आरएसएस प्रमुख से लेकर तमाम स्वयंभू बाबाओं को लगा दिया गया है। सकारात्मकता के इस अभियान का मक़सद लोगों में यह धारणा उत्पन्न करना है कि कोरोना महामारी का समाधान स्प्रिचुअल यानी आध्यात्मिक है और जब समाधान आध्यात्मिक है तो सरकार से क्यों सवाल जवाब करना? वैक्सीन और ऑक्सीजन को निर्यात कर क्यों विदेश भेजा गया? ‘विश्वगुरु’ किस प्रकार कोरोना से अपने नागरिकों को बचा रहा? क्यों महामारी के बचाव से संबंधित उपकरणों (वेंटिलेटर, टेस्ट किट, पीपीई, ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर) आदि पर जीएसटी लगाया जा रहा है? क्यों नहीं इस महामारी में इन उत्पादों को मुफ्त या बिल्कुल न्यूनतम दरों पर उपलब्ध कराया जा रहा? पीएम केयर्स फंड के पैसे किस मद में खर्च किए गए?

ऐसे तमाम सवाल लोग फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया साइट्स पर सरकार से पूछ रहे हैं। वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी को यह उम्मीद है कि पाज़िटिव अनलिमिटेड जैसे प्रोग्राम के तहत को अधिक से अधिक संदेश फॉर्वर्ड कर ऐसे सवालों से बचा जा सकता है। दूसरा नरेटिव ये बताने का है ये वैश्विक महामारी है और हर देश प्रभावित है इसलिए मोदी जी बेचारे क्या कर सकते हैं। इस नरेटिव से सरकार की नाकामी पर पर्दा डालने का हरसंभव प्रयास जारी है। जबकि सच्चाई यह है कि दुनिया में कोविड के दूसरे लहर का सबसे ज़्यादा असर भारत पर ही पड़ा है।

इसके साफ़ मायने हैं कि जिस देश का जन स्वास्थ्य तंत्र सुदृढ़ है, वहां इस वायरस का असर अपेक्षाकृत कम हुआ। जिन देशों ने समय रहते अपने नागरिकों को वैक्सीन लगवा दिया, वहां समस्या गंभीर नहीं हुई। दूसरी तरफ़ भारत में मौत और संक्रमण के आंकड़े को ही छिपाने का सरकारी प्रयास जारी है। मिडिया के अनुसार, कोविड-19 की दूसरी लहर से भारत में 42 लाख लोगों की मौत हो चुकी है और 70 करोड़ लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। देश-दुनिया की मीडिया प्रधानमंत्री मोदी की असफलता और लापरवाही पर सवाल खड़ा कर रहा है। विभिन्न उच्च न्यायालयों ने मोदी सरकार की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल भी उठाया है।

बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, फरवरी 2020 के आखिरी हफ़्ते में जब निर्वाचन आयोग ने विधानसभा चुनाव के लिए तारीख़ों का ऐलान किया, तब पश्चिम बंगाल में कोरोना के रोज़ाना 200 से कम पॉज़िटिव केस आ रहे थे, लेकिन आख़िरी चरण तक आते-आते यह आंकड़ा प्रतिदिन क़रीब 900 प्रतिशत बढ़कर 17,500 के ऊपर पहुंच गया। पश्चिम बंगाल में 2 मार्च तक एक भी व्यक्ति की मौत इस वायरस के कारण नहीं हुई थी, लेकिन 2 मई यानी मतगणना के दिन यह आंकड़ा 100 के पार चला गया। डब्ल्यू  तो बड़े धार्मिक और राजनीतिक आयोजनों को कोरोना फैलाने वाला सुपरस्प्रेडर आयोजन की संज्ञा तक दे दी। इतना ही नहीं अनगिनत तैरती लाशों ने गंगा को शववाहिनी गंगा में तब्दील कर दिया।

तीसरा नरेटिव यह कि केंद्र सरकार की कोई गलती नहीं, सारा दोष राज्य सरकारों का है, जबकि सच्चाई यह है कि महामारी अधिनियम के तहत राज्य सरकार का कार्य लागू करना है। सरकार द्वारा शक्ति का केंद्रीकरण और राज्यों को दोष देना एक साथ नहीं चल सकता। एक तरफ़ तो केंद्र सरकार वैक्सीन प्रमाण पत्र पर प्रधानमंत्री की तस्वीर लगा रही है, वहीं दूसरी तरफ़ वैक्सीन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए राज्यों को खुले बाज़ारों के हवाले कर दिया है।

चौथे नरेटिव का प्रोपेगेंडा यह है कि यह दूसरी लहर है ही नहीं, ये तो भारत पर जैविक हमला है, जबकि सच्चाई बिल्कुल भिन्न है। भारत सरकार ने किसी भी स्तर पर ऐसे किसी भी जैविक हमले की बात नहीं की है। रॉ और इंटेलिजेंस ब्यूरो समेत किसी भी सरकारी संस्था ने अब तक ऐसे किसी भी जैविक हमले की आशंका तक ज़ाहिर नहीं की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और भारत समेत दुनिया के हेल्थ एक्सपर्ट ने भी जैविक हमले की संभावना से इनकार किया है। इन सारे झूठे और मनगढ़ंत प्रोपेगेंडा के अतिरिक्त लोगों का ध्यान भटकाने के लिए ट्विटर पर टूलकिट का सहारा भी लिया गया। एक टूलकिट से यह बताने असफल प्रयास किया गया कि कैसे कांग्रेस पार्टी भाजपा और मोदी सरकार को बदनाम कर रही है।

जब ट्विटर ने भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा के टूलकिट वाले ट्वीट को मैनिपुलेटेड मीडिया का टैग दे दिया यानी जान-बूझकर भ्रामक ट्वीट की श्रेणी में रख दिया तो मोदी सरकार ने ट्विटर को ही धमकाते हुए उसके कार्यालय में छापा तक मार दिया। इन सबसे भी पब्लिक ओपिनियन बदलता न देख एक नया शिगूफ़ा छोड़ते हुए आयुर्वेद बनाम एलोपैथी का बहस देश में खड़ा कर दिया गया है और इस कार्य में रामदेव को लगा दिया गया।

जहां आरोप यह लग रहा था कि लोग बिना इलाज के मर रहे हैं, वहीं अब बहस यह खड़ा करने की कोशिश है कि लोग तो एलोपैथी इलाज के कारण मर रहे। इससे अधिक दुर्भाग्यपूर्ण और क्या हो सकता है कि इस आपदा में जहां सैकड़ों डॉक्टर ने अपनी जान गंवाई आज उन्हीं डॉक्टरो को विरोध प्रदर्शन करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं विभिन्न चिकित्सा पद्धति को अलग-अलग धर्मों से जोड़कर दिखाया जा रहा है जिससे कि इस महामारी में भी सांप्रदायिक राजनीति की जा सके। इस आपदा में केंद्र की मोदी सरकार को अपने नागरिकों के सवाल का जवाब देना चाहिए था। स्वास्थ्य व्यवस्था ठीक करनी चाहिए थी, लेकिन सरकार इन सब के बजाय किसी भी क़ीमत पर अपनी छवि बचाने के काम में अधिक गंभीर जान पड़ती है। सवाल यह है कि क्या इस भीषण त्रासदी के बाद भी जनता समझ पाएगी कि उसकी जान की क़ीमत वोट से अधिक कुछ भी नहीं।

यूपी में आज से ओपीडी सेवा शुरू, आदेश जारी

चार से शुरू होगी ओपीडी सेवा, आदेश भी जारी
संदीप मिश्र  
लखनऊ। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण की सेकेंड स्ट्रेन की रफ्तार मंद पडऩे के बाद अब योगी आदित्यनाथ सरकार चार जून से प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवा भी शुरू कर देगी। सूबे में नॉन कोविड मरीजों की परेशानी देख सीएम योगी आदित्यनाथ ने यह फैसला लिया और इसका आदेश भी जारी हो गया है।उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों के साथ मेडिकल कॉलेज में भी चार जून से ओपीडी सेवा शुरू कर दी जाएगी। 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद अब मेडिकल कॉलेजों तथा स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में सीमित संख्या के साथ जनरल ओपीडी सेवा चार जून से प्रारम्भ की जाएगी। इस दौरान ओपीडी में अधिक लोग एकत्रित न हों, इसके लिए मरीजों की संख्या सीमित रखी जाए। रोगियों को पूर्व निर्धारित समय पर ओपीडी में बुलाया जाएगा।अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि निर्देश है कि मेडिकल कॉलेजों तथा स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में ओपीडी में आने वाले मरीजों के बैठने की समुचित व्यवस्था भी होनी चाहिए। इस दौरान अस्पतालों में मेडिकल इमरजेंसी सेवाएं निरन्तर जारी रखी जाएं। 
मेडिकल कॉलेजों तथा स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में इस दौरान कोविड प्रोटोकॉल का भी पूरा पालन सुनिश्चित कराया जाए।अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में पिछले 24 घंटों में 3,31,511 कोविड टेस्ट किए गए हैं। प्रदेश में अब तक पांच करोड़ से अधिक कोविड टेस्ट किए जा चुके हैं। पांच करोड़ से अधिक टेस्ट करने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है। प्रदेश में 30 अप्रैल, 2021 को संक्रमण के अब तक के सर्वाधिक एक्टिव मामले 3,10,783 थे। वर्तमान में संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या घटकर 28,694 हो गई है। 30 अप्रैल के सापेक्ष एक्टिव मामलों की संख्या में 2,82,089 की कमी आई है।

'बाबा' आपातकालीन पैरोल पर पीजीआई लाये गए

राणा ओबरॉय   
चंडीगढ़। सुनारिया जेल से सुबह ही रोहतक पीजीआई लेकर पहुंचा है, जिसके बाद राम रहीम का टेस्ट करवाया गया है। आज सुबह जल्दी ही गुरमीत राम रहीम को पीजीआई लेकर पहुंचे थे, जिसके बाद चेकअप के बाद वापस जेल लेकर जाया गया।
बताया जा रहा है कि राम रहीम को पेट दर्द के चलते पीजीआई रोहतक लेकर पहुंचे थे। जहां पर टेस्ट करवाने के बाद फिर से सुरक्षित तरीके से जेल लेकर पहुंच गए हैं। आपको बता दें कि इससे पहले राम रहीम को इमरजेंसी पैरोल दी गई थी। राम रहीम को 48 घंटे की पैरोल दी गई थी। लेकिन 12 घंटे में ही वापस लौटना पड़ा था। राम रहीम को अपनी बीमार मां की देखभाल के लिए इमरजेंसी पैरोल मिली थी।

सीरम इंस्टीट्यूट ने भी कानूनी सुरक्षा की मांग की

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। फाइजर और मॉडर्ना के बाद कोरोना वैक्सीन कोवीशील्ड बनाने वाली सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने भी सरकार से कानूनी सुरक्षा की मांग की है। कंपनी ने कहा है कि कानून सभी के लिए बराबर होना चाहिए। यदि विदेशी वैक्सीन कंपनियों को कानूनी सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है, तो उन्हें भी ये सुविधा मिलनी चाहिए।

कंपनी के सूत्रों ने न्यूज एजेंसी को बताया कि सिर्फ SII को ही नहीं, बल्कि देश में वैक्सीन का उत्पादन कर रही हर कंपनी को सुरक्षा दी जानी चाहिए। सीरम देश में एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन का उत्पादन कोवीशील्ड के नाम से कर रहा है। इससे पहले बुधवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा था कि कई देशों ने वैक्सीन कंपनियों को ये सुविधाएं दी हुई हैं। भारत को भी ये सुविधा देने में कोई परेशानी नहीं है। विदेशी कंपनियां इमरजेंसी अप्रूवल के लिए आवेदन करती हैं, उन्हें ये सुविधा मिल सकती है।

क्या सुविधाएं चाहती हैं फाइजर और मॉडर्ना
भारत सरकार और फाइजर और मॉडर्ना के बीच वैक्सीन की डील को लेकर कई दौर की बातचीत हो चुकी है। फाइजर ने भी एक बयान जारी कर बताया था कि भारत के साथ वैक्सीन को लेकर बातचीत चल रही है और जल्द ही इसके नतीजे सामने होंगे।

वैक्सीन डील को लेकर मामला एक जगह फंसा हुआ है। दरअसल, कंपनियों ने अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई सरकारों से कानूनी सुरक्षा का भरोसा मांगा है। अब फाइजर यही मांग भारत में कर रही हैं। कंपनियां यह चाहती हैं कि वैक्सीन लगने के बाद किसी भी प्रकार का कोई कानूनी पेंच फंसता है तो इसके लिए कंपनी जवाबदेह नहीं होगी। केंद्र सरकार को इसके लिए आगे आना होगा।

स्पुतनिक-V के लिए टेस्ट लाइसेंस मांगा
वहीं, SII ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से रूस की कोविड वैक्सीन स्पुतनिक-V बनाने के लिए टेस्ट लाइसेंस के लिए मंजूरी मांगी है। सूत्रों के मुताबिक, गुरुवार पुणे स्थित फर्म ने टेस्ट एनालिसिस और टेस्टिंग के लिए भी मंजूरी मांगी है। रूस की स्पुतनिक-V वैक्सीन इस वक्त भारत में डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज बना रही है।

जून तक 10 करोड़ वैक्सीन उत्पादन और सप्लाई
हाल ही में SII ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक चिट्‌ठी लिखी थी। उसमें कहा गया था कि उसके कर्मचारी कई चुनौतियों के बावजूद 24 घंटे काम कर रहे हैं। जून के महीने में हम कोवीशील्ड वैक्सीन के करीब 10 करोड़ डोज बनाने और सप्लाई करने में सक्षम होंगे। मई में हमारी उत्पादन क्षमता 6.5 करोड़ खुराक थी।

सीरम वैक्सीन बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी
सीरम इंस्टीट्यूट वैक्सीन बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है। अब तक यह अलग-अलग वैक्सीन के 1.5 अरब डोज बेच चुकी है। यह एक तरह का रिकॉर्ड भी है। एक आंकड़े के मुताबिक, दुनिया के 60% बच्चों को सीरम की कोई न कोई वैक्सीन जरूर लगी है।

170 देशों में सीरम के टीकों की सप्लाई
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) से मान्यता प्राप्त सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की वैक्सीन 170 देशों में सप्लाई होती हैं। यह कंपनी पोलियो वैक्सीन के साथ-साथ डिप्थीरिया, टिटनस, पर्ट्युसिस, HIV, BCG, आर-हैपेटाइटिस बी, खसरा, मम्प्स और रूबेला के टीके भी बनाती है।

सांसद गंभीर के खिलाफ जमाखोरी पर कार्रवाई

हरिओम उपाध्याय   
नई दिल्ली। पूर्वी दिल्ली से सांसद गौतम गंभीर के फाउंडेशन पर दवा की जमाखोरी के मामले में जल्द कार्रवाई की जाएगी। ड्रग कंट्रोलर ने गौतम गंभीर फाउंडेशन द्वारा दिल्ली में कोरोना की दवा फेबीफ्लू बांटे जाने के मामले में ये बात हाईकोर्ट से कही है। ड्रग कंट्रोलर ने कहा कि इस फाउंडेशन ने गैरकानूनी तरीके से दवा की जमाखोरी की और इसे मरीजों में बांटा। बिना देरी किए इस फाउंडेशन और डीलर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

गौतम गंभीर ने अप्रैल में एक ट्वीट किया था। इसमें उन्होंने कहा था कि उनके कार्यालय से मरीज फेबीफ्लू दवा ले जा सकते हैं। मरीजों को अपने साथ डॉक्टर का पर्चा और आधार कार्ड लेकर आना होगा। गंभीर के अलावा आम आदमी पार्टी विधायक प्रीति तोमर और प्रवीण कुमार ने भी कोरोना की दवाओं और सिलेंडरों की खरीद की थी। ये उस वक्त किया गया, जब देशभर में इन दवाओं की किल्लत चल रही थी। इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने ड्रग कंट्रोलर को जांच के आदेश दिए थे।

गंभीर ने कहा था- आखिरी सांस तक दिल्ली की सेवा करूंगा
गौतम गंभीर ने कहा था कि उनकी फाउंडेशन के अभिनेता अक्षय कुमार से एक करोड़ रुपए का डोनेशन मिला है। इनसे वो कोरोना मरीजों की सेवा करूंगा। जब हाईकोर्ट में मामला पहुंचा तो कोर्ट ने दो चीजों पर नाराजगी जताई थी। पहली गंभीर को क्लीन चिट देने पर और दूसरा गंभीर के उस बयान पर जिसमें उन्होंने कहा था कि वो दोबारा ऐसा करेंगे और आखिरी सांस तक दिल्ली की सेवा करूंगा।

ड्रग कंट्रोलर ने फाउंडेशन को नोटिस भेजकर मांगा था जवाब
ड्रग कंट्रोलर ने अपनी जांच के बाद कहा था कि गंभीर फाउंडेशन ने 2349 फेबी फ्लू की स्ट्रिप खरीदी हैं। इसके अलावा 120 ऑक्सीजन सिलेंडर भी खरीदे गए थे, जिन्हें अधिकृत डीलरों द्वारा भरवाया गया था। दवाओं का मरीजों में मुफ्त वितरण किया गया था।

इसके बाद गंभीर फाउंडेशन को नोटिस भेजकर पूछा गया था कि उन्होंने फेबीफ्लू कहां से खरीदी और क्या उन्होंने इसके लिए किसी अधिकृत संस्थान से मंजूरी ली थी? हाईकोर्ट से ड्रग कंट्रोलर ने कहा था कि गंभीर फाउंडेशन के खिलाफ इस तरह से दवा की जमाखोरी के मामले में कार्रवाई की जाएगी।

पीएम ने मुकुल को फोन कर पत्नी का हाल जाना

मीनाक्षी लोधी   

कोलकाता। बंगाल में मुकुल रॉय और राजीब बनर्जी जैसे नेताओं की तृणमूल में वापसी की अटकलें तेज हो रही हैं। मुकुल रॉय की पत्नी फिलहाल खराब सेहत के चलते अस्पताल में भर्ती हैं। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुकुल रॉय को फोन कर उनकी पत्नी का हालचाल लिया है। ये फोन कॉल 10 मिनट तक चली है। सूत्रों का कहना है कि फोन पर राजनीतिक बातें नहीं हुई हैं।

मुकुल की तृणमूल में वापसी की अटकलें उस वक्त तेज हो गई थीं, जब ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने उनसे मुलाकात की। हालांकि ये मुलाकात अस्पताल में ही हुई थी, जब अभिषेक मुकुल की पत्नी की सेहत जानने के लिए वहां पहुंचे थे।

चुनाव से पहले 50 से ज्यादा तृणमूल नेता भाजपा में आए थे
चुनाव के पहले तृणमूल कांग्रेस के 50 से भी ज्यादा नेता BJP में शामिल हुए थे। अब इनमें से कई दोबारा TMC में वापसी चाहते हैं। मुकुल रॉय और राजीब बनर्जी जैसे बड़े नामों को लेकर भी दावा किया जा रहा है कि ये फिर से TMC जॉइन कर सकते हैं। रॉय अभी BJP के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। वे TMC छोड़ने वाले पहले बड़े नेताओं में से एक थे। रॉय ने BJP को 2018 में हुए पंचायत चुनाव में जीत दिलवाने में बड़ी भूमिका निभाई थी। इस बार वे कृष्णनगर उत्तर सीट से चुनाव लड़े थे और जीते भी। कुछ दिनों से चर्चा चल रही है कि वे दोबारा TMC में शामिल हो सकते हैं।

मुकुल के बेटे की पोस्ट से घर वापसी की चर्चा तेज हुई
मुकुल रॉय के बेटे सुभ्रांशु रॉय ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा था कि जनता द्वारा चुनी गई सरकार की आलोचना करने के बजाय आत्मनिरीक्षण करना बेहतर है। रॉय की इसी पोस्ट के बाद ये कयास लगाए जाने लगे थे कि वे अपने पिता मुकुल के साथ TMC जॉइन कर सकते हैं।

भाजपा ने किया घर वापसी का खंडन
BJP प्रवक्ता शमिक भट्‌टाचार्य ने इस बात का खंडन किया है। भट्‌टाचार्य का कहना है कि रॉय और राजीब बनर्जी को लेकर जो भी बातें हैं, वे सभी अफवाहें हैं। इनमें कोई सच्चाई नहीं। भट्‌टाचार्य का कहना है कि सुभ्रांशु ने आवेश में आकर ऐसा लिखा था। पार्टी छोड़ने जैसी कोई बात नहीं है। सुभ्रांशु को BJP ने बीजपुर से टिकट दिया था, जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

लैंगिक समानता में छत्तीसगढ़ टॉप स्टेट बना: खास

दुष्यंत सिंह टीकम  

रायपुर। नीति आयोग ने राज्यों की प्रगति संबंधी सतत विकास लक्ष्यों के लिए सूचकांक (एसडीजी) इंडिया इंडेक्स 2020-21 रिपोर्ट जारी की है, जिसमें लैंगिक समानता में छत्तीसगढ़ टॉप स्टेट बना है। बता दें कि नीति आयोग की एसडीजी इंडिया इंडेक्स में सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरण के क्षेत्र में राज्यों की प्रगति के आधार पर उनके प्रदर्शन को आंका जाता है और उनकी रैंकिंग की जाती है। इस सूचकांक में ओवर आल रैकिंग में छत्तीसगढ़ ने पिछली बार के मुक़ाबले अपने अंकों में भी सुधार किया है। वहीं, 16 लक्ष्यों में से एक लैंगिक समानता में सभी राज्यों को पीछे छोडते हुये छत्तीसगढ़ ने बाजी मारी है।

छत्तीसगढ़ में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने व महिलाओं और बालिकाओं के सशक्तिकरण संबंधी नीतियों को अपनाया गया है, जिसके लिए प्रदेश में कई महत्वपूर्ण योजनाएं चलाई जा रही है। यही वजह है कि लिंगानुपात में भी छत्तीसगढ़ देश के शीर्ष राज्यों में शामिल है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने महिलाओं और बालिकाओं के विरुद्ध सभी प्रकार के भेदभाव, हिंसा को समाप्त करने का लक्ष्य बनाया है।

प्रदेश में महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक निर्णयों एवं नेतृत्व के समान अवसर व सहभागिता प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है। जिसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा सखी-वन स्टॉप सेंटर, बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ, नोनी सुरक्षा योजना, नवा बिहान योजना, सक्षम योजना, स्वावलंबन संबंधी योजनाएँ चलाई जा रही है। वहीं, महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। राज्य में भूमि, संपत्ति आदि पर कानून के अनुसार महिलाओं का स्वामित्व एवं नियंत्रण सुनिश्चित कराया जा रहा है।

महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक व पोषण की स्थिति में सुधार लाने, उनके संवैधानिक हितों की रक्षा और उन्हें योजनाओं का लाभ उठाने के लिए सक्षम तथा जागरूक बनाने की दिशा में कई कार्य किये जा रहे हैं। राज्य सरकार ने आदिवासी समाज में मातृ-शक्ति को और सशक्त बनाने के लिए वनोपजों के कारोबार से महिला समूहों की 50 हजार से अधिक सदस्याओं को जोड़ने का फैसला लिया है। राज्य के 11 जिलों में ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण और जागरूकता के लिए महिला शक्ति केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था में महिलाओं की बराबर हिस्सेदारी रही है। छत्तीसगढ़ महिला कोष की ऋण योजना और सक्षम योजना भी राज्य की महिलाओं को सक्षम बनाने सफल रही है। महिला कोष के माध्यम से स्वसहायता समूहों और जरूरतमंद महिलाओं को ऋण उपलब्ध करवाकर आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। महिलाओं के कौशल विकास और आर्थिक आत्मनिर्भरता के लिए स्वालंबन और सक्षम योजनाएं चलाई जा रही हैं।

राज्य में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के प्रति सजग रहते हुए महिलाओं का कार्यस्थल पर लैगिंक उत्पीड़न (निवारण प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013, लैंगिक अपराधों से बच्चों के संरक्षण कानून, घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण कानून और छत्तीसगढ़ टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम-2005 लागू हैं। महिलाओं और बालिकाओं की आपातकालीन सहायता के लिए प्रदेश में महिला हेल्पलाइन-181 की सेवा संचालित है। पीड़ित महिलाओं की सहायता के लिए प्रदेश के 27 जिलों में सखी सेंटर संचालित हैं जहां एक ही जगह पर सभी आवश्यक सुविधाएं दी जा रही है।

अभद्रता: महिला सांसद को संसद से बाहर निकाला

तंजानिया। पूर्वी अफ्रीकी देश तंजानिया में एक महिला सांसद की ड्रेस को लेकर संसद में विवाद खड़ा हो गया। दरअसल, सांसद की टाइट फिटिंग वाली पैंट को लेकर उसे नेशनल असेंबली छोड़कर जाने को कहा गया। तंजानिया में मंगलवार को महिला सांसद कोन्डेस्टर सिचवाले को संसद में ‘अजीब’ कपड़े पहनने पर बाहर जाने को कहा गया। साथ ही महिला सांसद को उनकी इस ड्रेस को लेकर माफी मांगने को कहा गया। हुसैन अमर नाम के एक अन्य सांसद ने सिचवाले के कपड़े को लेकर अपना विरोध जताया। इसके बाद संसद के स्पीकर जॉब नदुगई (Job Ndugai) ने महिला सांसद को सदन से बाहर जाने को कहा।
स्पीकर ने कोन्डेस्टर सिचवाले को कहा, ‘जाइए ढंग के कपड़े पहनकर आइए, फिर सदन में शामिल होइए।’ वहीं, हुसैन ने इससे पहले कहा, ‘हमारी कुछ बहनें अजीब कपड़े पहने हुए हैं। वो समाज को क्या दिखाना चाहती हैं? ’स्पीकर जॉब नदुगई ने कहा कि यह पहली बार नहीं है, जब उन्हें संसद की महिला सदस्यों के कपड़ों के बारे में शिकायत मिली है। स्पीकर ने निर्देश दिया कि अनुपयुक्त कपड़े पहनने वाले किसी भी सांसद को सदन में प्रवेश करने का मौका नहीं दिया जाना चाहिए।

टीइटी की वैधता अवधि आजीवन करने का निर्णय

अकांशु उपाध्याय   
नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने घोषणा की है कि सरकार ने शिक्षक पात्रता परीक्षा योग्यता सर्टिफिकेट (TET Certificate) की वैधता अवधि को 7 वर्ष से बढ़ाकर आजीवन करने का निर्णय लिया है। पोखरियाल ने कहा कि शिक्षण क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने की दिशा में यह एक सकारात्मक कदम होगा। शिक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, यह फैसला 10 साल पहले से लागू किया गया है। यानी 2011 के बाद जिनके भी प्रमाण-पत्रों की अवधि पूरी हो चुकी है, वे भी शिक्षक भर्ती परीक्षाओं के लिए पात्र होंगे। शिक्षा मंत्री ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश और संबंधित राज्य सरकारें उन उम्मीदवारों को नए टीईटी सर्टिफिकेट जारी करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करेंगे जिनकी 7 साल की अवधि पहले ही समाप्त हो चुकी है। 
बता दें कि, शिक्षक पात्रता परीक्षा (Teacher Eligibility Certificate) एक व्यक्ति के लिए स्कूलों में शिक्षक के रूप में नियुक्ति के लिए पात्र होने के लिए आवश्यक योग्यताओं में से एक है। सरकारी टीचर बनने की ख्वाहिश रखने वाले उम्मीदवारों के लिए शिक्षा मंत्रालय ने बड़ी खुशखबरी दी है। साल 2011 से टीईटी की लाइफटाइम वैधता लागू होगी। शिक्षा मंत्री ने कहा, “यह फैसला टीचिंग के क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए रोजगार के अवसरों को बढ़ाने में मदद करेगा।

मंत्रिपरिषद की बैठक, सीएम के सामने भीड़े मंत्री

नरेश राघानी  
जयपुर। गहलोत सरकार के दो मंत्रियों के आपस में भिड़ने का मामला सूर्खियों में है। दरअसल राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रिपरिषद की बैठक हुई, जिसमें कोरोना वैक्सीन के अलावा बोर्ड परीक्षाओं और निराश्रित बच्चों के लिए राहत पैकेज की घोषणा को लेकर चर्चा हुई। इस बीच वैक्सीन अभियान को लेकर सीएम गहलोत के सामने ही दो मंत्री आपस में भिड़ गए। बता दें कि कैबिनेट बैठक में फ्री वैक्सीन अभियान को लेकर राजस्थान के शिक्षा मंत्री व कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और शहरी विकास मंत्री शांति धारीवाल आपस में भिड़ गए। इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बहस को देखते रहे। बताया जा रहा है कि दोनों के बीच विवाद इतना ज्यादा हो गया था कि बैठक के बाद बाहर निकलने पर दोनों नेता एक बार फिर एक दूसरे से बहस करने लगे थे।

अकाउंट को आधार से लिंक करें, कट जाऐंगे रुपये

अकांशु उपाध्याय  

नई दिल्ली। अगर आपने भी जनधन खाता खुलवा रखा है तो आज ही अपने अकाउंट को आधार से लिंक करा लें। नहीं तो आपको 1.30 लाख रुपए का नुकसान हो सकता है। सरकार की ओर से खुलवाए जा रहे इन अकाउंट में ग्राहकों को कई तरह की सुविधाएं दी जाती है। यह बैंक खाता जीरो बैलेंस बचत खाता होता है। इसके अलावा इसमें ओवरड्राफ्ट और रूपे कार्ड समेत कई खास सुविधाएं मिलती है। आइए आपको बताते हैं कि आधार से लिंक न कराने पर कैसे आपको 1.30 लाख रुपए का नुकसान होगा।

बता दें इस खाते में ग्राहकों को रूपे डेबिट कार्ड दिया जाता है, जिसमें 1 लाख रु का दुर्घटना बीमा मिलता है, लेकिन अगर आप अपने खाते को आधार से लिंक नहीं कराएंगे तो आपको ये बेनिफिट नहीं मिलेगा। यानी सीधे सीधे आपका एक लाख रुपए का नुकसान होगा। इसके अलावा इस खाते पर आपको 30000 रु के एक्सीडेंटल डेथ इंश्योरेंस कवर ये कवर भी बैंक खाते से आधार लिंक होने पर ही मिलता है। इसलिए आप फटाफट अपने खाते को आधार से लिंक करा लें।

आप बैंक जाकर खाते को आधार से लिंक कर सकते हैं. बैंक में आपको आधार कार्ड की एक फोटो कॉपी, अपना पासबुक ले जाना होगा। कई सारे बैंक अब मैसेज के जरिए भी खाते को आधार से लिंक कर रहे हैं। स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के ग्राहक अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से मैसेज बॉक्स में जाकर UID<SPACE>आधार नंबर<SPACE>खाता नंबर लिखकर 567676 पर भेज दे, आपका बैंक खाता आधार से जुड़ जाएगा। ध्यान रहे कि अगर आपके आधार और बैंक दी गई मोबाइल नंबर अलग अलग हैं तो लिंक नहीं होगा। इसके अलावे आप अपने नज़दीकी एटीएम से भी अपने बैंक खाते को आधार से लिंक कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री जन धन अकाउंट पर ग्राहकों को 5000 रुपए की ओवरड्राफ्ट सुविधा मिलती है। ओवरड्राफ्ट की सुविधा का फायदा लेने के लिए आधार कार्ड होना जरूरी है। इसके अलावा PMJDY अकाउंट आधार कार्ड से लिंक भी होना चाहिए। इस योजना के तहत पीएम मोदी का उद्देश्य हर परिवार के लिए एक बैंक खाता खोलने का था। जनधन योजना के तहत आप 10 साल से कम उम्र के बच्चे का खाता भी खुलवा सकते हैं।आधार कार्ड या पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस या PAN कार्ड, वोटर कार्ड, NREGA जॉब कार्ड, अथॉरिटभ्कि से जारी लेटर, जिसमें नाम, पता और आधार नंबर लिखा हो, गजेटेड आफिसर द्वारा जारी लेटर जिसपर खाता खुलवाने का अटेस्टेड फोटो लगा हो।

अगर आप अपना नया जनधन खाता खोलना चाहते हैं तो नजदीकी बैंक में जाकर आसानी से ये काम कर सकते हैं। इसके लिए बैंक में आपको एक फॉर्म भरना होगा. उसमें नाम, मोबाइल नंबर, बैंक ब्रांच का नाम, आवेदक का पता, नॉमिनी, व्यवसाय/रोजगार और वार्षिक आय व आश्रितों की संख्या, एसएसए कोड या वार्ड नंबर, विलेज कोड या टाउन कोड आदि की जानकारी देनी होगी।

दिल्ली: ब्लैक फंगस के संक्रमण से 89 लोगों की मौंत

अकांशु उपाध्याय                 

नई दिल्ली। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने बताया कि बुधवार तक राष्ट्रीय राजधानी में ब्लैक फंगस के 1,044 मामले आए हैं। जबकि इस संक्रमण से 89 लोगों की मौत हुई है। इस संक्रमण के इलाज के लिए दवाइयों की कमी की ओर इशारा करते हुए उन्होंने बताया कि अभी तक 92 लोग ब्लैक फंगस से मुक्त हुए हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा था कि दिल्ली सरकार अगर तय समय सीमा के भीतर लोगों को कोवैक्सीन टीके के दोनों डोज नहीं लगा सकती है तो उसे ”इतने शोर शराबे के साथ” ढेर सारे टीकाकरण केन्द्र शुरू नहीं करने चाहिए थे। 

सत्येन्द्र जैन ने पत्रकारों से कहा, ”केन्द्र से प्राप्त कार्यक्रम के आधार पर टीकाकरण अभियान शुरू किया गया था लेकिन उन्होंने कार्यक्रम में बदलाव कर दिया। अगर कोवैक्सीन की आपूर्ति होती रहती, तो हमने लोगों को टीके का दूसरा डोज लगाया होता। हम जल्द से जल्द टीका प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं।” दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के 576 नए मामले आए हैं और बुधवार को शहर में संक्रमण की दर 0.78 प्रतिशत थी। मंत्री ने कहा, ”संक्रमण के नये मामलों में कमी आ रही है। एक समय था जब नये मामलों की संख्या 28,000 तक पहुंच गयी थी। जब मामले कम थे तो उसकी संख्या 150-200 थी, और उसके मुकाबले अब भी नये मामलों की संख्या ज्यादा है। लोगों को मास्क लगाना, दो गज की दूरी का पालन करना चाहिए।”

'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की

'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की  अखिलेश पांडेय  नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। वैज्ञानिक अभी भी पिछले सप्ताह आए सोलर स्टॉर्म...