रविवार, 30 मई 2021

योगी ने यूपी में अनलॉक की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया

हरिओम उपाध्याय              
लखनऊ। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लगाए गए कोरोना कर्फ्यू को खत्म करते हुए उत्तर प्रदेश को अनलॉक की तरफ आगे बढ़ा दिया गया है। सरकार की ओर से जारी की गई नई गाइडलाइन के मुताबिक, 1 जून से प्रदेश के 20 जनपदों को छोड़कर अन्य सभी जिलों में सवेरे 7.00 बजे से लेकर शाम 7.00 बजे तक कोरोना कर्फ्यू में कुछ शर्तों के साथ ढील दी जाएगी। इस दौरान शनिवार और रविवार की साप्ताहिक बंदी पहले की तरह जारी रहेगी। 600 से अधिक कोरोना संक्रमित केसों वाले जनपदों को फिलहाल अभी कोरोना कर्फ्यू की छूट से बाहर रखा गया है। रविवार को उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जारी की गई गाइडलाइन में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान से जुड़े फ्रंटलाइन सरकारी विभागों में कर्मचारियों की पूरी उपस्थिति रहेगी और अन्य से सरकारी कार्यालय अधिकतम 50 प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति के साथ खुलेंगे। इसमें 50 प्रतिशत कर्मचारी ही रहेंगे। निजी कंपनियों के कार्यालय भी मास्क लगाने की अनिवार्यता के साथ खोले जा सकेंगे। इस दौरान औद्योगिक संस्थान खुले रहेंगे और सब्जी मंडिया भी पहले की तरह खुली रहेंगी। सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक स्कूल, कालेज, तथा अन्य शिक्षण संस्थान शिक्षण कार्य के लिए बंद रहेंगे। रेस्टोरेंट में केवल होम डिलीवरी की अनुमति होगी। सेंट जॉन को छोड़कर शेष धर्म स्थलों के अंदर एक बार में केवल पांच ही श्रद्धालु जा सकेंगे। अंडे, मांस और मीट मछली की दुकानों को पर्याप्त साफ-सफाई और सैनिटाइजर का ध्यान रखते हुए बंद स्थान अथवा ढके स्थान पर खोलने की अनुमति होगी। इस दौरान प्रदेश में गेहूं क्रय केंद्र एवं राशन की दुकानें खुली रहेंगी। प्रदेश में कोचिंग संस्थान, सिनेमा, जिम, स्विमिंग पूल, क्लब और शॉपिंग मॉल अभी पूर्णतया बंद रहेंगे। कोरोना कफ्र्यू से फिलहाल प्रदेश के मेरठ, लखनऊ, सहारनपुर, वाराणसी, गाजियाबाद, गोरखपुर, मुजफ्फरनगर, बरेली, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, झांसी, प्रयागराज, लखीमपुर खीरी, सोनभद्र, जौनपुर, बागपत, मुरादाबाद, गाजीपुर ,बिजनौर और देवरिया जनपद में फिलहाल कोई छूट नहीं दी गई है।

चीन पर कोविड-19 वायरस उत्पत्ति का आरोप तय

लंदन। ब्रिटेन के खुफिया एजेंटों ने चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से कोविड-19 वायरस की उत्पत्ति को संभाव्य बताया है। द संडे टाइम्स की रिपोर्ट में रविवार को इस आशय की जानकारी दी गयी है। इससे पहले डेली मेल ने शनिवार को बताया था कि ब्रिटेन के प्रोफेसर एंगस डाल्गलिश और नॉर्वे के वैज्ञानिक बिर्गर सोरेंसन ने एक अध्ययन किया था। जिसमें दावा किया गया था कि कोविड-19 वायरस प्रयोगशाला से उत्पन्न हुआ था।

अध्ययन में कहा गया है कि चीनी वैज्ञानिकों ने वुहान प्रयोगशाला में कोविड-19 वायरस विकसित किया, जिसके बाद उन्होंने चमगादड़ से प्रसारित वायरस को प्राकृतिक दिखाने के लिए 'जानबूझकर विनाश, डेटा को छिपाने या दूषित करने' का प्रयास किया। चीन ने हालांकि बार-बार इस तरह के आरोपों से इंकार किया है।जनवरी में, अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने वुहान की यात्रा की, जहां उन्होंने कोविड-19 की उत्पत्ति के सुराग के लिए प्रयोगशाला, अस्पतालों और बाजारों की जांच की, जो वायरस कोविड-19 फैलने का कारण बनता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञ मिशन ने तब एक रिपोर्ट तैयार की, जिसमें कहा गया था कि वुहान की एक प्रयोगशाला से नए कोरोना वायरस के लीक होने की संभावना बहुत कम है। मार्च में जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि नए वायरस के सबसे अधिक संभावना एक मध्यस्थ जरिये के माध्यम से चमगादड़ों से मनुष्यों में फैलती है।

ऑनलाइन क्लास आयोजित करने पर लगा प्रतिबंध

अकांशु उपाध्याय              

नई दिल्ली। बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच सरकार द्वारा ऑफलाइन क्लास पूरी तरह बंद कर दी गई थी। कुछ दिनों तक ऑनलाइन क्लास चलती रही मगर 4 मई को राज्य सरकार ने 5 मई से लेकर 31 मई तक राज्य में सभी शिक्षण संस्थाओं में गर्मी की छुट्टी की घोषणा की थी। इस दौरान कोई भी ऑनलाइन क्लास या परीक्षा आयोजित करने पर प्रतिबंध लगा दिया।

अब कोरोना संक्रमण के रफ्तार धीरे-धीरे कम पड़ने लगी है और आम नागरिकों को राहत भी मिलने लगी है। इसी बीच ओडिशा सरकार ने यह फैसला लिया है। राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थान आगामी 1 जून से ऑनलाइन क्लास शुरू कर सकेगी। राज्य के सभी स्कूल कॉलेज और यूनिवर्सिटी में ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हो सकेगी। बात अगर लॉकडाउन की स्थिति की की करें तो कुछ राज्यों ने अपने यहां लॉकडाउन में धीरे-धीरे दिल ढील देना भी शुरू कर दिया है। अगर सब कुछ अच्छा रहा तो आने वाले समय में आम जन जीवन पहले की तरह चालू हो जाएगा।

पीएम के 7 साल पूरे होने पर गृहमंत्री ने बधाईं दी

अकांशु उपाध्याय                 
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनकी सरकार के सात साल पूरे होने के अवसर पर बधाई देते हुए कहा कि इस अवधि में देश ने सुरक्षा, जन कल्याण और सुधार के क्षेत्र में ‘अभूतपूर्व उपलब्धि’ हासिल की है। शाह ने कई ट्वीट कर मोदी को गरीबों, किसानों और वंचितों का जीवन स्तर सुधारने और उन्हें मुख्य धारा में लाने का श्रेय दिया। उन्होंने कहा कि उनके मजबूत नेतृत्व में समग्र और कल्याणकारी नीतियां अपनाई गई है और भारत शक्तिशाली राष्ट्र बन रहा है। शाह ने ट्वीट किया, ”प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के अभूतपूर्व उपलब्धियों से परिपूर्ण सात वर्ष पूरे होने पर मोदी जी का अभिनंदन करता हूं। मोदी सरकार ने विकास, सुरक्षा, जनकल्याण और ऐतिहासिक सुधारों के समांतर समन्वय का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया है।”

ओवल टेस्ट ने मेरे लिए सब कुछ बदल दिया: जडेजा

हरिओम उपाध्याय   

नई दिल्ली। टीम इंडिया इन दिनों इंग्लैंड दौरे की तैयारियों में जुटी है। ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा को भी इस अहम दौरे के लिए टीम में जगह मिली है। जडेजा कोहनी की चोट की वजह से इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज से बाहर रहे थे। इसी बीच जडेजा ने अपने करियर के बुरे वक्त को याद किया है। 2018 के इंग्लैंड दौरे से पहले जडेजा काफी समय तक भारतीय टेस्ट और वनडे टीम से बाहर थे। लेकिन उस दौरे ने जडेजा की किस्मत बदल कर रख दी।

इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में रवींद्र जडेजा ने कहा, 'सच कहूं तो वो डेढ़ साल रातों की नींद हराम कर गए। उस दौर में, मुझे याद है कि मैं सुबह 4-5 बजे उठ जाता था। मैं सोचता था कि क्या करूं, मैं वापसी करूं? मैं लेटा रहता था, लेकिन जगा ही रहता। मैं टेस्ट स्क्वॉड में था लेकिन नहीं खेल रहा था। मैं वनडे भी नहीं खेल रहा था। भारतीय टीम के साथ यात्रा करने के चलते मैं डोमेस्टिक क्रिकेट भी नहीं खेलता था। मुझे खुद को साबित करने का कोई मौका नहीं मिल रहा था। मैं सोचता रहता कि मैं वापस कैसे आऊंगा।
'32 साल के जडेजा ने आगे कहा, 'ओवल टेस्ट ने मेरे लिए सब कुछ बदल दिया। मेरा प्रदर्शन, मेरा आत्मविश्वास, सब कुछ। जब आप बेस्ट गेंदबाजी यूनिट के खिलाफ इंग्लिश परिस्थितियों में स्कोर करते हैं, तो आपका आत्मविश्वास बढ़ता है। यह आपको महसूस कराता है कि आपकी तकनीक दुनिया में कहीं भी रन‌ बनाने लिए काफी अच्छी है। बाद में हार्दिक पंड्या चोटिल हो गए और मैंने वनडे में वापसी की। तब से मेरा खेल अच्छा चल रहा है। मुझे याद है कि जब मैं ओवल टेस्ट में बैटिंग के लिए गया था, तो पहले से मेरी कोई योजना नहीं थी। मैंने अपना समय लिया था और डेब्यू कर रहे हनुमा विहारी को भी ऐसा करने को कहा।
'आईपीएल के बारे में जडेजा ने कहा, 'मैंने अपने प्रैक्टिस के तरीकों में सुधार किया, क्योंकि मुझे अहसास हुआ कि टी20 में टाइमिंग के अलावा पावर हिटिंग की भी जरूरत है। जब आप टेस्ट मैचों की तरह रन बनाने की जल्दी में नहीं होते, तो टाइमिंग आपके काम आती है। मैंने सीजन से पहले अपना ट्रेनिंग सत्र बढ़ाया था। साथ ही शरीर के ऊपरी हिस्से और कंधे पर बहुत काम किया। आईपीएल 2020 से पहले मैंने डेढ़ महीने का अभ्यास किया था, मैंने एक भी दिन इसे मिस नहीं किया।
गौरतलब है कि रवींद्र जडेजा ने 2018 में ओवल टेस्ट में 86 रनों की पारी खेलकर टेस्ट टीम में शानदार वापसी की थी। उस टेस्ट की पहली पारी में भारत का स्कोर एक समय 160/6 रन था, लेकिन जडेजा ने 86 रन बनाकर भारत को 292 रनों तक पहुंचाया था। इसके बाद से जडेजा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और शानदार प्रदर्शन कर टीम इंडिया की अहम कड़ी बन गए। जडेजा अभी उन चुनिंदा भारतीय खिलाड़ियों में शामिल हैं, जो तीनों फॉर्मेट खेला करते हैं।

भाजपा सांसद का काफिला रोका, काले झंडे दिखाए

साहब राम 
दादरी। तीन कृषि कानूनों के विरोध में अब किसानों के प्रदर्शन तेज होते जा रहे हैं। आज पूर्व खिलाड़ी और भाजपा नेत्री बबीता फौगाट को जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा है। किसानों ने बबीता फौगाट को काले झंडे दिखाए और उनके काफिले को रोक लिया, इस दौरान पुलिस ने बड़ी मुश्किल से रास्ता खुलवाया ।भाजपा नेत्री और चेयरमैन बबीता फौगाट का आज दादरी के बिरही कलां गांव में विरोध किया गया। बबीता फौगाट किसी काम से जा रही थी कि रास्ते में किसानों ने बबीता को रोक लिया। इस दौरान किसानों ने काले झंडे दिखाए और विरोध किया। पुलिस ने इस दौरान किसानों को हटाने की भी खूब कोशिश की।

जून में 12 करोड़ टीके की खुराक उपलब्ध होगी

अकांशु उपाध्याय  

नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को बताया कि देश में कोविड-19 टीकाकरण के लिए जून के महीने में करीब 12 करोड़ खुराक उपलब्ध होंगी। इससे पहले मई के महीने में टीके की 7.94 करोड़ खुराक उपलब्ध थीं। मंत्रालय ने एक वक्तव्य में कहा कि विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को टीके की खुराकों का आवंटन वहां होने वाली खपत, उसकी जनसंख्या और टीके की बर्बादी के आधार पर किया जाता है।

वक्तव्य के मुताबिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस बात की स्पष्ट तौर पर जानकारी दे दी गयी है कि जून 2021 में उन्हें टीके की कितनी खुराकों की आपूर्ति की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, ” भारत सरकार की ओर से जून के महीने में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उनके वहां मौजूद स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मचारियों के अलावा 45 अथवा उससे अधिक आयु वर्ग के लोगों के लिए टीके की 6.09 करोड़ खुराक निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।”इसके अतिरिक्त विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के अलावा निजी अस्पतालों द्वारा सीधी खरीद के लिए टीके की 5,86,10,000 खुराक उपलब्ध होंगी, अर्थात जून 2021 में राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के तहत टीके की करीब 12 करोड़ (11,95,70,000) खुराक उपलब्ध होंगी।

मंत्रालय ने कहा कि टीके के आवंटन का कार्यक्रम राज्यों के साथ तय समय पर साझा किया जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे टीकाकरण कार्यक्रम से जुड़े संबंधित अधिकारियों को टीके की आवंटित खुराकों का सही तरीके से उपयोग सुनिश्चित करने और टीके की बर्बादी को कम करने का निर्देश दें।

मंत्रालय ने कहा कि टीके की खुराकों के आवंटन के बारे में राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को पहले जानकारी इसलिए दी जा रही है ताकि वे टीके की आपूर्ति और प्रबंधन को लेकर बेहतर योजना बना सकें। मंत्रालय के मुताबिक मई में केन्द्र की ओर से राज्यों को टीके की 4,03,49,830 खुराक उपलब्ध कराई गयीं। इसके अतिरिक्त राज्यों और निजी अस्पतालों द्वारा सीधी खरीद के लिए टीके की 3,90,55,370 खुराक उपलब्ध थीं। इस प्रकार मई में राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के लिए कुल मिलाकर टीके की 7,94,05,200 खुराक उपलब्ध थीं।

'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की

'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की  अखिलेश पांडेय  नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। वैज्ञानिक अभी भी पिछले सप्ताह आए सोलर स्टॉर्म...