शनिवार, 22 मई 2021

नियंत्रण में संक्रमण, 1 जून से मिलेगी राहत: सीएम

सुनील चौबे   

भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि राज्य में कोरोना की स्थिति नियंत्रण में आ गयी हैं, लेकिन साथ में उन्होंने चेताते हुए कहा कि इसके बावजूद जरा सी लापरवाही से फिर स्थितियां काबू से बाहर जा सकती हैं। शिवराज सिंह चौहान ने संकेत दिए कि यदि स्थितियां इसी तरह नियंत्रण में रहीं, तो एक जून से क्रमिक तरीके से कोरोना कफ्यू में राहत दी जा सकती है। लेकिन इस दौरान स्थानीय स्थितियों पर ध्यान देकर निर्णय लिया जाएगा।

शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कोरोना संबंधी महत्वपूर्ण बैठक के जरिए राज्य के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को संबोधित किया। श्री चौहान ने कोरोना टेस्ट और बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि राज्य में सभी 52 जिलों को 31 मई तक कोराेनामुक्त करने के प्रयास किए जाएं। हालाकि कुछेक मामले आ सकते हैं, लेकिन जिस तरह से हमने अब तक दिनरात प्रयास कर कोरोना पर काबू पाया है, उसी प्रकार कार्य करके 31 मई तक जिलों को कोरोनामुक्त किया जा सकता है।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोना वायरस बहुरूपिया की तरह है। अर्थात उसकी प्रकृति का अनुमान लगाना कठिन है। इसके मामले कम होते होते फिर से अचानक बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन, जनप्रतिनिधि और आम नागरिक मिलकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, बेहतर गुणवत्ता के मॉस्क लगाएं और कोरोना एप्रोप्रिएट बिहेवियर (कोरोना रोकने के लिए उपयुक्त व्यवहार) का पालन करें, तो कोरोना को बढ़ने से आसानी से राेका जा सकता है।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसी भी नागरिक को जरा सी सर्दी, खांसी या इस तरह के लक्षण हों तो वे तुरंत सामने आएं और अपनी कोरोना संबंधी जांच कराएं। वहीं अन्य नागरिक और प्रशासन भी ऐसे लोगों पर नजर रख तुरंत उनके इलाज की व्यवस्था करें। ऐसा करके कोरोना वायरस के प्रसार को रोका जा सकता है। यदि हम यह सब करने में सफल रहे तो तीसरे लहर को भी आने से रोका जा सकता है।

सीटी स्कैन के लिए 2500 से ज्यादा नहीं ले सकते

संदीप मिश्र   

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना संकट के बीच राज्य की योगी सरकार ने सीटी स्कैन के रेट तय कर दिए हैं। सरकार की ओर से शुक्रवार को जारी किये गए एक आदेश के मुताबिक अब सीटी स्कैन के लिए हॉस्पिटल 2500 से ज्यादा रुपए नहीं ले सकेंगे।

बता दें कि बढ़ते कोरोना के बीच इसकी पहचान के लिए सीटी स्कैन का रास्ता अपनाया जा रहा है। हाल ही में देखा जा रहा था कि कोरोना का पता लगाने के लिए किये जाने वाले सीटी स्कैन के लिए कई हॉस्पिटल मनमाने दाम वसूल रहे थे, जिसके बाद अब यूपी सरकार ने सख्ती दिखाते हुए यह कदम उठाया है। सरकार की तरफ से जारी किये गए आदेश के मुताबिक मरीज को 16 स्लाइस तक के सीटी स्कैन के लिए अब सिर्फ दो हजार रुपए ही देने होंगे। इसके अलावा 16 से 24 स्लाइस तक के सीटी स्कैन के लिए हॉस्पिटल अब 2500 से ज्यादा रुपए नहीं वसूल सकते हैं। ऐसे में आदेश में साफ तौर पर निर्देश दिए गए हैं कि जो भी इस आदेश का पालन नहीं करता है उस पर पेंडेमिक एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।

तीसरी लहर के लिए यूपी सरकार की तैयारी कोरोना के दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर आने की संभावना और उसका सामने करने की योजना पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम तीसरी लहर के लिए अभी से अपनी तैयारी में जुट गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाई गई है तो पीडियाट्रिक बेड की संख्या भी बढ़ाई जा रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। हम पर बड़ी जिम्मेदारी है। हम सभी जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे यहां एक्टिव केस कम हुए हैं। दुनिया के लोग दावा कर रहे थे कि यूपी कोरोना का हॉटस्पॉट बनेगा लेकिन केस पर नियंत्रण करने में कामयाब रहे।

अलग: ऑनलाइन कोर्स की परीक्षा आफलाइन होगी

अकांशु उपाध्याय        

नई दिल्ली। कोरोना संकटकाल में पढ़ाई को लेकर शैक्षणिक संस्थानों के सामने जिस तरह की चुनौती खड़ी हुई है। उसे देखते हुए आने वाले दिनों में शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। फिलहाल जो अहम बदलाव होने जा रहा है। उनमें उच्च शिक्षण संस्थानों में अब प्रत्येक कोर्स की पढ़ाई आनलाइन और आफलाइन दोनों में मिलीजुली होगी। जो प्रस्ताव है उसके तहत 40 फीसद या उससे ज्यादा का कोर्स आनलाइन पढ़ाया जाएगा। जबकि 60 फीसद कोर्स आफलाइन ही पढ़ाया जाएगा। यूजीसी की उच्च स्तरीय कमेटी ने फिलहाल इसकी सिफारिश की है। जिसे सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को रायशुमारी के लिए भेजा गया है। माना जा रहा है कि उच्च शिक्षण संस्थानों की राय आने के बाद इस पर कोई अंतिम फैसला लिया जाएगा। इस ड्राफ्ट में पढ़ाई के साथ परीक्षा भी इसी पैटर्न पर कराने का प्रस्ताव है। यानी परीक्षा भी कोर्स के 40 फीसद हिस्से की आनलाइन होगी, जबकि बाकी कोर्स की परीक्षा आफलाइन होगी। आनलाइन परीक्षा के लिए अलग-अलग तरीकों का प्रस्ताव किया गया है, इनमें वाया वाइस (आवाज), ओपन बुक एक्जाम, आनलाइन असेसमेंट आदि जैसे उपाय सुझाए गए हैं।

कोरोना संकटकाल में यूजीसी ने पिछले साल ही जारी की गई गाइडलाइन में सभी विश्वविद्यालयों से 30 फीसद कोर्स को आनलाइन पढ़ाने का सुझाव दिया था। हालांकि ज्यादातर विश्वविद्यालयों के पास आनलाइन पढ़ाई के लिए जरूरी इंतजाम न हो पाने से इस पर आगे काम नहीं हो पाया था। इस बीच ड्राफ्ट में कमेटी ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों से आनलाइन की जरूरी सुविधाएं जुटाने को कहा है। इसमें स्मार्ट क्लासरूम, सभी शिक्षकों को आनलाइन पढ़ाने का प्रशिक्षण, आनलाइन पाठ्य सामग्री का विकास आदि शामिल है। वैसे भी जिस तरह की स्थिति है। उनमें आनलाइन पढ़ाई और परीक्षा दोनों ही अहम हो गई है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी सरकार ने आनलाइन शिक्षा को तेजी से आगे बढ़ाने की पहल की है। साथ ही मौजूदा कोर्सों के विषषय वस्तु को आनलाइन और आफलाइन के लिए चिह्नित करना होगा।

ब्लैक फंगस से निपटने के लिए पर्याप्त साधन नहीं

अकांशु उपाध्याय  

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर ब्लैक फंगस के बढ़ते प्रकोप को लेकर चिंता जाहिर करते हुए सरकार से इस महामारी के इलाज की पर्याप्त व्यवस्था कर पीड़ितो को तत्काल राहत देने की मांग की है।

सोनिया गांधी ने शनिवार को प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि केंद्र सरकार ने राज्यों को ब्लैक फंगस महामारी घोषित करने को कहा है लेकिन इससे निपटने के लिए पर्याप्त साधन उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि खबरों के अनुसार महामारी के इलाज के लिए जरूरी दवा की बाजार में बहुत किल्लत है और ऐसे में बिना तैयारी के महामारी घोषित कर इससे नहीं निपटा जा सकता है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि दवा की भारी किल्लत होने के साथ ही इस महामारी को अब तक आयुष्मान भारत जैसी स्वास्थ्य योजनाओं से नहीं जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इस दिशा में शीघ्र कदम उठाते हुए लोगों को राहत देनी चाहिए।

गाइडलाइन पर विचार नहीं, टीकाकरण की इजाजत

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। कोरोना से जंग में वैक्सीन की कमी के बीच सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने सनसनीखेज बयान दिया है। एसआईआई के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर सुरेश जाधव ने कहा कि केंद्र सरकार ने वैक्सीन के स्टॉक के बारे में जाने बगैर और विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन पर विचार किए बिना कई आयु वर्गों के टीकाकरण को इजाजत दे दी। यानी एक तरह से जाधव ने कई राज्यों द्वारा की जा रही वैक्सीन की कमी की शिकायतों का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ा है।
स्वास्थ्य से संबंधित ई-समिट में बोलते हुए सुरेश जाधव ने कहा कि देश को डब्ल्यूएचओ के दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए और इसी के अनुसार टीकाकरण किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शुरुआत में 30 करोड़ लोगों को टीका लगाया जाना था, जिसके लिए 60 करोड़ खुराक की जरूरत थी, लेकिन लक्ष्य तक पहुंचने से पहले ही केंद्र सरकार ने 45 साल और फिर 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को टीका लगाने की इजाजत दे दी।
पर्याप्त वैक्सीन नहीं थी उपलब्ध
एसआईआई के एक्जीक्यूटिव डायरेक्ट ने कहा कि सरकार ने यह जानते हुए भी वैक्सीनेशन की मंजूरी दे दी कि इतनी वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। उन्होंने आगे कहा हमने सबसे बड़ा सबक सीखा है कि उत्पाद की उपलब्धता को ध्यान में रखना चाहिए और फिर उसका विवेकपूर्ण उपयोग करना चाहिए। गौरतलब है कि कई राज्यों ने वैक्सीन की कमी की शिकायत की है। उनका कहना है कि स्टॉक कम होने की वजह से वह वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाने में असमर्थ हैं।
कौन सी कोरोना वैक्सीन है प्रभावकारी?
सुरेश जाधव ने यह भी कहा कि टीकाकरण जरूरी है, लेकिन टीका लगने के बाद भी लोग संक्रमण की चपेट में हैं, इसलिए लोगों को सावधान रहना चाहिए और कोरोना से बचाव नियमों का पालन करना चाहिए। जाधव ने आगे कहा कि जहां तक वैक्सीन के चयन का सवाल है, सीडीसी और एनआईएच डेटा के अनुसार, जो भी वैक्सीन उपलब्ध है, उसे लिया जा सकता है, बशर्ते उसे नियामक निकाय द्वारा लाइसेंस दिया गया हो और यह कहना जल्दबाजी होगा कि कौन सा टीका प्रभावकारी है और कौन सा नहीं।

आंख, नाक, हड्डी और जबड़े को करेगा क्षतिग्रस्त

अकांशु उपाध्याय  

नई दिल्ली। अंग्रेजी में कहावत है हेल्थ इज वेल्थ अर्थात स्वास्थ्य ही धन है। सच भी है अगर व्यक्ति का स्वास्थ्य ही उसका साथ नहीं दे तो उसके लिए दुनिया भर की दौलत और बाकी सारी चीजें बेमानी हो जाती है। धरती पर मानव जीवन को ही सबसे अनमोल माना जाता है। इंसान को भगवान की सबसे खूबसूरत रचना कहते हैं।जैसा कि सर्वविदित है मनुष्य जन्म लेता है और एक दिन अपनी उम्र पूरी कर पंचतत्व में विलीन हो जाता है। लेकिन इंसानियत और मानव जाति के लिए समस्या उस वक्त उत्पन्न हो जाती है जब असमय ही अपनी उम्र से पहले मानव का जीवन किसी जानलेवा बीमारी की भेंट चढ़ जाए।

वर्तमान समय में मनुष्य को दो ऐसी ही खतरनाक जानलेवा बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है जोकि उसके जीवन पर भारी पड़ रही हैं। कोरोना से बचाव और वैक्सीन की खोज होते-होते अब ब्लैक फंगस ने भी मनुष्य जाति के दरवाजे पर दस्तक दे दी है। जो लोग कोरोना से जंग जीतने में कामयाब हो पा रहे हैं उन्हें ब्लैक फंगस अपने जाल में फंसा रहा है।

मामला गंभीर होता देख भारत के कई राज्यों में सरकारों द्वारा इसे महामारी भी घोषित कर दिया गया है। अभी तक लोग कोरोना के लक्षण, उपचार, बचाव और सावधानियां समझ ही पाए थे कि ब्लैक फंगस के मरीज भी तेजी से सामने आने लगे। ऐसे में हमें इस खतरनाक बीमारी से बचाव के लिए इसके लक्षण, उपचार और बचाव के बारे में जानना भी बेहद जरूरी है। इंफेक्शन के इस नाजुक दौर में केवल सही जानकारी ही मानव का बचाव कर सकती है।

जानिए ब्लैक फंगस के कुछ अहम लक्षण

जानकारों के मुताबिक, अगर ब्लैक फंगस के लक्षणों के बारे में बात करें तो आंखों में लाल पन, आंखों में दर्द, बुखार, सिर दर्द, खांसी, उल्टी में खून, सांस में तकलीफ, मानसिक स्थिति में बदलाव इस बीमारी के कुछ मुख्य लक्षण बताए जाते हैं। इस तरह के लक्षण दिखने पर व्यक्ति को तुरंत डॉक्टर की सलाह लेकर अपना इलाज कराना शुरू कर देना चाहिए। समय रहते इलाज शुरू होने पर इसे नियंत्रित किया जा सकता है। ब्लैक फंगस मरीज की आंख, नाक, हड्डी और जबड़े को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए इसका समय रहते इलाज करना चाहिए। ब्लैक फंगस के मरीजों में पाया गया है कि यह फंगस नाक से शुरू होकर धीरे-धीरे आंखों तक पहुंच जाता है।

जानिए ब्लैक फंगस से बचने के कुछ खास उपाय

ब्लैक फंगस से बचने के लिए भी आपको कोरोना से बचने जैसी कुछ सावधानियों का पालन करना चाहिए। मसलन मास्क लगा कर रखें और अपने आस-पास साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें। विशेषज्ञों के मुताबिक इस बात की भी आशंका जताई गई है कि मास्क में गंदगी जमा होने पर भी उसका उपयोग करने पर ब्लैक फंगस व्यक्ति को अपनी चपेट में ले सकता है। ऐसे में गंदे मास्क का उपयोग बिल्कुल भी ना करें और घर से बाहर निकलने पर वापस आने के बाद अपने मास्क को जरूर अच्छी तरह से धो लें।

इसके अलावा डायबिटीज के रोगियों को इस बीमारी से बचने के लिए खास सावधानी बरतने की जरूरत है। मधुमेह रोगी इस समय अपनी डायबिटीज पर नियंत्रण करके रखें तो उनके लिए स्थिति बेहतर बनी रह सकती है। नियमित रूप से अपने ब्लड शुगर लेवल को मॉनिटर करते रहें और जरूरत पड़ने पर चिकित्सक से संपर्क करें।

चुटकी: ताली-थाली बजाने की घोषणा कर सकते हैं

अकांशु उपाध्याय   
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ब्लैक फंगस महामारी को लेकर सरकार पर हमला करते हुए कहा है कि मोदी सरकार के कुशासन के कारण सिर्फ भारत में कोरोना के साथ यह नई महामारी फैल रही है। राहुल गांधी ने महामारी का प्रसार रोकने के लिए पिछले साल लॉकडाउन शुरू करने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के थाली और ताली बजाने के आह्रान पर चुटकी लेते हुए कहा कि  मोदी कभी भी इस बार ब्लैक फंगस महामारी से जूझने के लिए फिर ताली-थाली बजाने की घोषणा कर सकते हैं।
उन्होंने ट्वीट किया “मोदी सिस्टम के कुशासन के चलते सिर्फ़ भारत में कोरोना के साथ-साथ ब्लैक फ़ंगस महामारी है। वैक्सीन की कमी तो है ही, इस नई महामारी की दवा की भी भारी कमी है। इससे जूझने के लिए प्रधानमंत्री ताली-थाली बजाने की घोषणा करते ही होंगे।”

भारत: कोरोना के कुल मामले 2,62,89,290 हुए

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के एक दिन में 2.57 लाख नए मामले आए हैं। इसी के साथ संक्रमण के रोज आने वाले मामले लगातार छठे दिन तीन लाख से नीचे रहे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि संक्रमण के नए मामलों के साथ ही देश में कोविड-19 के कुल मामले बढ़कर 2,62,89,290 हो गए हैं।मंत्रालय के सुबह आठ बजे तक जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में इस महामारी से 4,194 और लोगों के जान गंवाने से मृतकों की कुल संख्या 2,95,525 हो गई है। देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम होकर 29,23,400 रह गई है जो संक्रमण के कुल मामलों का 11.12 प्रतिशत है।
राष्ट्रीय स्तर पर कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले मरीजों की दर 87.76 प्रतिशत है। आंकड़ों के मुताबिक, इस संक्रामक रोग से उबरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 2,30,70,365 हो गई है जबकि मृत्यु दर 1.12 प्रतिशत है। देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर को 40 लाख से अधिक हो गई थी।

वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवम्बर को 90 लाख के आंकड़े को पार गए थे। वहीं, 19 दिसम्बर को ये मामले एक करोड़ के पार और चार मई को दो करोड़ के पार चले गए थे। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार, देश में 21 मई तक कुल 32,64,84,155 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई। इनमें से 20,66,285 नमूनों की जांच शुक्रवार को की गई।

तूफान: 26 कर्मी लापता, कर्मियों की तलाश जारी

मनोज सिंह ठाकुर   
मुंबई। चक्रवात ‘ताऊ ते’ की चपेट में आने के छह दिन बाद भी बजरा पी305 के 15 और टगबोट नौका वाराप्रदा के 11 कर्मी अब भी लापता हैं जिनका पता लगाने के लिए नौसेना ने शनिवार को मुंबई अपतटीय क्षेत्र में विशेष गोताखोर टीमों को तैनात कर दिया। नौसेना के एक प्रवक्ता ने ट्वीट किया, “बजरा पी305 और नौका वाराप्रदा के लापता चालक दल को खोजने के लिए चल रहे खोज एवं बचाव अभियान को बढ़ाने के लिए साइड-स्कैन सोनार के साथ आईएनएस मकर और आईएनएस तरासा पर सवार होकर विशेष गोताखोर टीम आज सुबह मुंबई से रवाना हुईं।”
सोमवार को अरब सागर में बजरा पी305 के डूबने से मरने वालों की संख्या 11 और शवों की बरामदगी के साथ शुक्रवार को 60 तक पहुंच गई, जबकि नौसेना और तटरक्षक बल ने बजरे से 15 और वाराप्रदा से 11 लापता कर्मियों की तलाश जारी रखी। संपर्क करने पर, एक अधिकारी ने कहा कि रात भर चले अभियान पर नयी सूचना की प्रतीक्षा है।
इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा कि लापता लोगों के जीवित होने की उम्मीद अब कम हो रही है। पी305 बजरा पर सवार 261 कर्मियों में से अब तक 186 को बचाया जा चुका है। वाराप्रदा में सवार 13 लोगों में से दो को बचा लिया गया है। मुंबई पुलिस ने कहा है कि वह इस बात की जांच करेगी कि चक्रवात ‘ताऊ ते’ की चेतावनी के बावजूद बजरा अशांत क्षेत्र में क्यों रुका रहा। पुलिस ने बजरे पर सवार कर्मियों की मौत के मामले में भी दुर्घटनावश हुई मौत का मामला दर्ज किया है।

5,50,000 सुरक्षा बलों का कोरोना टीकाकरण करेगें

वाशिंगटन। अमेरिका अपने सुरक्षा बलों के साथ नियमित रूप से संपर्क में रहकर काम करने वाले 5,50,000 दक्षिण कोरियाई सुरक्षा बलों का कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण करेगा।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसकी घोषणा की है।जो बाइडेन ने दक्षिक काेरियाई राष्ट्रपति मून-जे-इन के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, "हम उन सभी 5,50,000 दक्षिण कोरियाई सुरक्षा बलों का पूरी तरह से टीकाकारण करेंगे जो नियमित तौर पर अमेरिकी सुरक्षा बलों के साथ संपर्क में रहकर काम कर रहे हैं।"

जासूसी के आरोपी 2 युवतियों सहित तीन गिरफ्तार

सत्येंद्र ठाकुर  

नई दिल्ली/इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में स्थित सैन्य छावनी क्षेत्र महू की दो युवतियों सहित तीन लोगों से पुलिस और सेना की गुप्तचर शाखा मिलेट्री इंटेलिजेंस संदिग्ध गतिविधियों के संबंध में हिरासत में लेकर पूछताछ प्रारंभ कर दी है।

इंदौर के पुलिस महानिरीक्षक आईजी हरिनारायणचारी मिश्र ने बताया कि दोनों युवतियां महू के गवली पलासिया क्षेत्र की निवासी हैं। संदिग्ध गतिविधियों की सूचना पर दोनों युवतियों और इनके पिता से पूछताछ की जा रही है। मिश्र ने बताया कि फिलहाल कार्रवाई केवल पूछताछ तक ही सीमित है। उन्होंने कहा कि तीनों के संपर्कों को खंगाला जा रहा है। आईजी ने इस मामले में किसी की भी गिरफ्तारी से इनकार किया है।

उधर सूत्रों ने दावा किया कि बीते तीन दिनों से जांच एजेंसियां दोनों युवतियों और इनके पिता से पूछताछ कर रही है। इनके मोबाइल फोन, लेपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को खंगाला जा रहा है। युवतियों के पिता सेना से सेवानिवृत्त बताये जा रहे हैं। युवतियों के पड़ोसी देश के कुछ लोगों के संपर्क में होने की सूचनाएं भी आयी हैं। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर पूछताछ की जा रही है।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

1. अंक-280 (साल-02)
2. रविवार, मई 23, 2021
3. शक-1984, बैसाख, शुक्ल-पक्ष, तिथि- द्वादशी, विक्रमी सवंत-2078।
4. सूर्योदय प्रातः 05:58, सूर्यास्त 07:07।
5. न्‍यूनतम तापमान -12 डी.सै., अधिकतम-33+ डी.सै.। बरसात की संभावना बनी रहेगी।
6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
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शुक्रवार, 21 मई 2021

तैनाती: 26-27 को चक्रवाती तूफान 'यास' की दस्तक

अकांशु उपाध्याय            

नई दिल्ली। देश के पूर्वी तटीय क्षेत्र में 26-27 मई के आसपास चक्रवाती तूफान यास दस्तक दे सकता है और इससे निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने पश्चिम बंगाल तथा ओडिशा में अपने दलों की तैनाती शुरू कर दी है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। 

उन्होंने कहा कि पश्चिमी तटीय क्षेत्र में तूफान ताउते से प्रभावित राज्यों में बचाव और पुनर्वास के काम के लिए भेजे गये दलों को वापस बुलाया जा रहा है। एनडीआरएफ के महानिदेशक एस एन प्रधान ने ट्वीट किया कि पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय जिलों में यास तूफान और इसके संभावित प्रभावों के मद्देनजर दलों को हवाई मार्ग से बुलाने का फैसला किया गया है।

सीएम योगी ने कोविड केयर सेंटर का किया निरीक्षण

आदर्श श्रीवास्तव                 

लखीमपुर खीरी। सीएम योगी शुक्रवार को कोरोना से निपटने को लेकर चल रहे अभियान की समीक्षा करने लखीमपुर खीरी पहुंचे। उन्होंने कोविड केयर सेंटर का निरीक्षण किया और अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि जीवन और जीविका को बचाना हमारा दायित्व है। प्रत्येक व्यक्ति को मिलकर यह युद्ध लड़ना होगा। 

समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री बोले कि देश के सबसे बड़े प्रदेश के सामने बड़ी चुनौती थी। आशंका जताई जा रही थी कि 25 अप्रैल से 10 मई के बीच प्रतिदिन एक लाख पॉजिटिव केस आएंगे। 24 अप्रैल को सर्वाधिक 38 हजार 55 पॉजिटिव केस आये थे। जो अब घटकर 7713 केस हैं। पिछले 20 दिनों में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में दो लाख 4 हजार लोग कोरोना से मुक्त हुए हैं। अब तक एक करोड़ साठ लाख लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। 18 साल और इससे ऊपर के आठ लाख से अधिक लोगों को भी वैक्सीन दी जा चुकी है।

गांवों के लिए एंबुलेंस देने के आदेश पर लगाईं रोक

अकांशु उपाध्याय               

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार को सर्वोच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है। जिसमें एक महीने के भीतर यूपी के सभी गांवों के लिए 2-2 आईसीयू एंबुलेंस देने को कहा गया था। इस आदेश में सभी नर्सिंग होम में ऑक्सीजन बेड की सुविधा के लिए भी कहा था। आदेश देते हुए हाईकोर्ट ने राज्य की मेडिकल व्यवस्था को ‘रामभरोसे’ कहा था। 

राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि 1 महीने में 97,000 गांवों के लिए 2-2 एंबुलेंस देना समेत दूसरे आदेश भले ही अच्छे मकसद से दिए गए हों, पर अव्यवहारिक हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश को सलाह की तरह लेकर काम करने की कोशिश करें। सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाईकोर्ट से कहा कि ऐसा आदेश न दें जिनका पालन असंभव हो।

सीएम स्टालिन ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र, मांग की

मनोज सिंह ठाकुर             

चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड के सभी सात दोषियों को रिहा करने की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में सभी दोषियों की रिहाई को लेकर सितंबर 2018 के राज्य सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार करने की भी अपील की है।

स्टालिन की ओर से कोविंद को लिखा गया पत्र द्रमुक संसदीय दल के नेता टी आर बालू ने दिल्ली में उन्हें सौंपा। पत्र में सभी सात दोषियों एस. नलिनी, मुरुगन, संथान, ए.जी. पेरारिवलन, जयकुमार, रॉबर्ट प्यास और पी. रविचंद्रन की सजा माफ करने और उनकी तत्काल रिहाई का आदेश देने का अनुरोध किया गया है।

दिल्ली में संक्रमण के 3009 नए मामलें सामने आएं

अकांशु उपाध्याय                    

नई दिल्ली। दिल्ली में 24 घंटे में शुक्रवार को कोविड-19 के 3009 नए मामले आए तथा 252 और लोगों की मौत हो गयी। वहीं संक्रमण दर घटकर 4.76 प्रतिशत हो गयी है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा साझा किए गए आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। नए स्वास्थ्य बुलेटिन के मुताबिक, मौत के नए मामलों से राष्ट्रीय राजधानी में मृतक संख्या 22,831 हो गयी है। दिल्ली में लगातार तीसरे दिन संक्रमण के 4,000 से कम मामले आए हैं।

बृहस्पतिवार को संक्रमण दर 5.5 प्रतिशत थी। चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि लॉकडाउन के कारण रोजाना के मामलों में कमी आ रही है। दिल्ली में बुधवार को कोविड-19 के 3,846 मामले आए थे और 235 लोगों की मौत हुई थी।


आसाराम की अंतरिम जमानत याचिका खारिज की

नरेश राघानी             

जोधपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय ने स्वयंभू धर्मगुरु आसाराम की अंतरिम जमानत याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। याचिका में आसाराम ने हरिद्वार जाकर आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज कराने के लिए जमानत देने का अनुरोध किया था। अदालत ने जोधपुर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की चिकित्सा रिपोर्ट पर गौर करने के बाद दुष्कर्म में मामले में कैद आसाराम को जमानत देने से इनकार कर दिया। आसाराम को कोविड-19 होने के बाद एम्स जोधुपर में भर्ती किया गया है। न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति देवेंद्र कछवाहा की पीठ ने चिकित्सा रिपोर्ट देखने के बाद जिला और जेल प्राधिकार को निर्देश दिया कि वह आसाराम को योग्य चिकित्सा संस्थान में उचित इलाज सुनिश्चित करे। अदालत ने कहा कि आसाराम को जेल में लौटने पर पौष्टिक आहार और सुरक्षित वातावरण मुहैया कराया जाए।

बागपत: समस्या के निस्तारण हेतु कार्य प्रारंभ किया

गोपीचंद              
बागपत। जिला बागपत की ग्राम पंचायत किशनपुर में जल भराव की समस्या लंबे समय से चल रही थी। जिस पर वार्ता करते हुये नरेश पाल प्रजापत ने बताया, कि जल भराव की समस्या रोशन प्रजापत से धीर सिंह कश्यप के मंकान तक नाला सफाई एंव तालाव सफाई नहीं होने के कारण जगह-जगह रास्तों पर गन्दा पानी भराव के कारण आमजन के लिये एक बड़ी समस्या का कारण बना हुआ था और इसी जल भराव के कारण पीडब्ल्यूडी द्वारा बनायी गयी सडक कई जगह से टूट चुकी है। नालों के पानी ओवर फ्लो होने के कारण कई प्रकार के मच्छर पैदा हो गये। जिससे गॉंव में गम्भीर बीमारी फैलने की आशंका हो रही थी।
गॉंव में चारो तरफ गन्दगी के अम्बार लगे होने वह पानी निकासी नहीं होने के कारण गॉंव में चारो तरफ पानी ही पानी नजर आरहा था अत: इस सम्बंध में मुख्यमंत्री पोटल पर भी शिकायत दर्ज कराई गई थी और जिलाधिकारी महोदय को वाट्सप और डाक रजिस्ट्री के माध्यम से भी अवगत कराया गया था। जिसमे ग्राम में सफाई अभियान व पानी की निकासी की व्यवस्ता व सभी नालो की साफ सफाई कराने के लिये आवेदन किया गया था। जिसपर जिला प्रशासन ने संज्ञान लेते हुये समस्या की जांच करा कर समस्या के निस्तारण हेतु आज कार्य प्रारम्भ करा दिया।

महिलाओं ने पेयजल की समस्या पर किया हंगामा


गोपीचंद                
बागपत। आज शुक्रवार को बड़ौत नगर के वार्ड 17 के पट्टी मेहर गली कहरान और गडरीयान मे महिलाओ ने पानी की समस्या को लेकर जमकर हंगामा किया और चेयरमैन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। महिलाओ से बातचीत के माध्यम से पता चला कि पिछले एक साल गली से पानी की गम्भीर समस्या चल रहीं है और प्रत्येक परिवार पानी की काफी कमी के कारण पीने के लिए भी पानी को तरस गए है। इस पर कुछ महिलाओ का ये भी कहना है कि जिस तरह पिछले एक साल से हम पानी की समस्या को झेल रहे हैं, तो आने वाले कुछ दिनों मे बिना पानी के और भी गम्भीर स्थिति बनती हुई नजर आ रहीं है। साथ ही सभी महिलाओं ने बताया कि कई बार नगर पालिका परिषद् बड़ौत के जलकल विभाग में इस मामले को लेकर शिकायत दर्ज करायी जा चुकी है, लेकिन कोई भी अधिकारी इस विषय पर ध्यान नहीं देता और सिर्फ आश्वासन देकर भेज देते है। लेकिन स्थिति का जायजा लेकर उसमे सुधार करने कोई नहीं आता, जो कॉलोनीवासियों के लिए काफी चिंता का विषय बना हुआ है। उनका कहना है जब हम अपने नगर के विकास कार्यो और समस्या का निस्तारण करने हेतु अपना प्रतिनिधि चुनते है तो वोट मांगने के लिए तो सारे प्रत्याशी झूठे वादे करके अपनी सरकार बना लेते है लेकिन बाद मे वह उन्हें नजर भी नहीं आते है, इस बात को लेकर जनता मे काफी आक्रोश है और साथ ही कहा है कि अगर जल्द ही पानी की समस्या का निस्तारण सम्बन्धित विभाग द्वारा नहीं किया जाता है, तो उन्हें मजबूरन जिलाधिकारी महोदय के कार्यालय पर जाकर पानी की समस्या के समाधान हेतु ज्ञापन देना पड़ेगा। इस मौके पर संतरा देवी, उर्मिला, ब्रिहमला, रहींशा, जैतून, कैलाश, राकेश, जयबीर, गुड्डू आदि कॉलोनी वाले प्रदर्शन करते नजर आए।

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