गुरुवार, 18 मार्च 2021

संप्रेषण गृह से फिल्मी स्टाइल में फरार हुए 7 बच्चे

पंकज कपूर 
हल्द्वानी। चोरी के मामलों में किशोर संप्रेषण गृह में रखे गए सात नाबालिक बच्चे फिल्मी स्टाइल में फरार हो गए हैं। भवन के द्वितीय तल में रखे गए बच्चों ने खिड़की की ग्रिल टेढ़ी कर जाली फाड दी। जिसके बाद चादरों की रस्सी बनाकर नीचे उतर कर फरार हो गए। गुरुवार प्रात बच्चों के फरार होने की सूचना पर पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं।
बतादें की राजकीय महिला कल्याण एवं पुनर्वास कार्यालय परिसर हल्द्वानी में किशोर संप्रेषण गृह बनाया गया है। जहां पर अपराध करने वाले बच्चों को रखा जाता है। वर्तमान समय में किशोर संप्रेषण ग्रह में 13 बच्चे रखे गए थे। जिसमें संगीन अपराध करने वाले बच्चों को प्रथम तल में रखा गया है। जबकि, चोरी के मामलों के आरोपी बच्चों को द्वितीय तल में रखा गया था। बुधवार की रात को द्वितीय तल में रखे बच्चों ने खिड़की की ग्रिल को टेढ़ी कर दिया। उसके बाद खिड़की में लगी जाली को भी फाड़ दिया। और चादरों को एक दूसरे में जोड़कर रस्सी बनाई और उसके सहारे एक-एक कर नीचे उतर गए। जिसके बाद सीढ़ी लगाकर चारदीवारी को पार कर फरार हो गए।
फरार होने वाले बच्चों में राजपुरा निवासी ऋतिक, शंकर, शुभम, योगेश, गौजाजाली निवासी उमेद सुभाष नगर लालकुआं निवासी गौतम थापा व गैस गोदाम रोड मुखानी निवासी हिमांशु है। गुरुवार की प्रातः चौकीदार महेंद्र पाल की सूचना पर पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया।
जिसके बाद एसएसपी प्रीति प्रियदर्शनी समेत पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने बच्चों की तलाश में टीमों को रवाना कर दिया है।

यूपी: निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तैयारी शुरू की

हरिओम उपाध्याय 
लखनऊ। यूपी में होने जा रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव आगामी 24 अप्रैल से शुरू होने वाली बोर्ड परीक्षाओं से पहले ही करवा लिए जाने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने तैयारी शुरू कर दी है। हाईकोर्ट के 15 मार्च को जारी आदेश के बाद नए सिरे से पंचायत के विभिन्न पदों के आरक्षण और आरक्षित सीटों के आंवटन की प्रक्रिया शुरू होने के मद्देनजर यह माना जा रहा था, कि इस प्रक्रिया में समय लगने की वजह से शायद पंचायत चुनाव के चलते बोर्ड परीक्षा के कार्यक्रम बाधित हों।
मगर प्रदेश सरकार के निर्देश पर आयोग ने बोर्ड परीक्षा के शुरू होने से पहले ही यानि 23 अप्रैल तक चार चरणों में ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत, क्षेत्र व जिला पंचायत सदस्य के चारों पदों के लिए मतदान करवा लेने की तैयारी तेज कर दी है।
आयोग ने इन चुनावों के लिए जो प्रस्तावित कार्यक्रम तैयार किया है। उसके मुताबिक आगामी 26 या 27 मार्च को पंचायतीराज विभाग द्वारा आरक्षण प्रक्रिया पूरी कर यह पूरा ब्यौरा आयोग को सौंप दिया जाएगा। इसी क्रम में आयोग राज्य सरकार को चुनाव का प्रस्तावित कार्यक्रम भेज कर परामर्श मांगेंगा। प्रदेश सरकार राज्यपाल की अनुमति लेकर इस प्रस्तावित कार्यक्रम को स्वीकृति प्रदान करेगी और तदनुसार 27 या 28 मार्च को आयोग पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी कर देगा। अप्रैल के पहले सप्ताह से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और पहले चरण का मतदान 10 अप्रैल को तथा आखिरी चरण का मतदान 22 या 23 अप्रैल को करवा लिया जाएगा।
आज वीसी में होगी तैयारी की समीक्षा...
हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन करते हुए चुनाव निर्धारित समय से करवाने के लिए ही राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार की अध्यक्षता में आयोग गुरुवार 18 अप्रैल को सभी मण्डलायुक्तों व जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग करेगा। अपर निर्वाचन आयुक्त वेद प्रकाश वर्मा ने बताया कि कान्फ्रेंसिंग में कानून-व्यवस्था, लाइसेंसी हथियारों को जमा करवाए जाने की प्रगति, जिलों में चुनाव सामग्री पहुंचने, चुनाव कार्मिकों की तैनाती व उनके प्रशिक्षण आदि के बारे में अब तक हुई तैयारी का जायजा लिया जाएगा।

अतिक्रमण के सामने लाचार है गाजियाबाद प्रशासन

अश्वनी उपाध्याय   

गाज़ियाबाद। जिला प्रशासन और पुलिस के भारी-भरकम अधिकारियों की फौज भी अतिक्रमण के खिलाफ निरीह और लाचार हो जाती है। इसका एक उदाहरण आपको स्टेट हाइवे 58 पर राज नगर एक्सटेंशन चौराहे पर मिल सकता है। सालों के इंतज़ार के बाद जब यहाँ एक फ्लाईओवर बना तो उसके रास्ते में एक छोटी सी “मज़ार” आ रही थी। जीडीए के अधिकारियों ने नियमों का पालन करते हुए मज़ार को हटाने के बजाए पूरे फ्लाई ओवर का रास्ता ही बदल डाला। सूत्रों के अनुसार प्राधिकरण के अधिकारियों ने छोटी सी मज़ार के स्थान पर एक बड़ी इमारत खड़ी करने में भी मदद की है। अब यह मज़ार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उन आदेशों का सरेआम मज़ाक उड़ा रही है। जिनमें कहा गया था, कि धर्म के आधार पर हो रहे अतिक्रमण को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। स्टेट हाइवे से सटे गांवों में रहने वाले लोगों का कहना है कि कुछ साल पहले दिल्ली-मेरठ रोड पर सड़क के किनारे कुछ लोगों ने अतिक्रमण करने की मंशा से एक छोटी सी मज़ार बना दी थी। धीरे-धीरे इस मज़ार पर लोगों ने अपनी आदत के अनुसार चढ़ावा चढ़ाना शुरू कर दिया। कुछ समय बाद यहाँ हर बृहस्पतिवार को फूल, चादर और प्रशाद आदि बेचने वाले खड़े होने लगे।  अब यहाँ पर पक्का मकान बना कर कुछ परिवार भी रह रहे हैं जिनकी आमदनी का सहारा यह तथाकथित मज़ार ही है।

चुनाव: सीटों के आरक्षण के लिए नोटिफिकेशन जारी

अश्वनी उपाध्याय    

गाजियाबाद। पंचायत चुनाव के लिए पंचायतीराज विभाग ने राज्य की पंचायतों में स्थानों और पदों के आरक्षण और आवंटन के बारे में अधिसूचना जारी कर दी है। मंगलवार 16 मार्च को कैबिनेट ने हाईकोर्ट के 15 मार्च के आदेश का अनुपालन करते हुए पंचायतों में आरक्षण के लिए आधार वर्ष (बेस इयर) 1995 के बजाए 2015 को मानकर आरक्षण तय करने का निर्णय लिया था। कैबिनेट के इस निर्णय के आधार पर पंचायतीराज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह ने उप्र पंचायती राज (स्थानों और पदों का आरक्षण और आवंटन) (बारहवां संशोधन) नियमावली 2021 की अधिसूचना जारी की हइस शासनादेश में कहा गया है, कि 15 मार्च को हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में इस साल 11 फरवरी को पंचायतों की सीटों व पदों के आरक्षण व आवंटन के लिए जारी शासनादेश निरस्त कर नया शासनादेश जारी किया गया है। इसके अनुसार जिला पंचायत अध्यक्ष के 75, ब्लॉक प्रमुख के 826 और ग्राम प्रधान के 58194 पदों में आरक्षण की व्यवस्था की जाएगी। राज्य में जिला पंचायत अध्यक्ष, ब्लॉक प्रमुख और ग्राम प्रधानों में एसटी, एससी और ओबीसी के लिए आरक्षित किये जाने वाले पदों की संख्या की गणना राज्य में उनकी जनसंख्या के अनुपात में की जाएगी। महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत, ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत, एसटी व एससी के लिए 23 प्रतिशत आरक्षण के हिसाब से पंचायतों में सीटें आरक्षित की जाएंगी।

कौशाम्बी: प्रेरणा शिक्षा महोत्सव का हुआ आयोजन

कौशाम्बी। राज्य परियोजना निदेशक शिक्षा विभाग के निर्देश पर जिले के कौशाम्बी विकासखंड के बीआरसी में प्रेरणा शिक्षा महोत्सव के कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। प्रेरणा महोत्सव कार्यक्रम में मां सरस्वती पूजन वंदन एवं दीप प्रज्वलित किया गया। इस कार्यक्रम में विकासखंड के संकुल प्रभारी और शिक्षक शिक्षिकाओं ने भाग लिया है। सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं के शिक्षा स्तर को ऊपर उठाने के लिए शिक्षक शिक्षिकाओं ने अपने अपने सुझाव दिए हैं। कार्यक्रम में प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। प्रेरणा महोत्सव कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शंकर दयाल सिंह प्रतिनिधि मंझनपुर विधायक को माल्यार्पण कर उनका स्वागत किया गया है। इस मौके पर उन्होंने कहा, कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के कार्य काल में सरकारी स्कूल की शिक्षा के स्तर में सुधार हुआ है। स्कूल में पढ़ने वाले छात्र छात्राएं पहले से बेहतर शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। इस मौके पर शिक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने के बारे में गोष्ठी का आयोजन किया गया था। तब प्रेरणा महोत्सव के इस कार्यक्रम में शिक्षक शिक्षिकाओं ने अपने विचार व्यक्त किए हैं।
इस समारोह में ब्लॉक के समस्त शिक्षक संकुल तथा समस्त प्रधानाध्यापक इंचार्ज प्रधानाध्यापक अपने अपने स्कूल प्रबंध समिति के अध्यक्षों व एक -एक प्रेरक बालक बालिका के साथ प्रतिभाग किए। कार्यक्रम के अंत में उत्कृष्ट कार्य करने वाले संकुल शिक्षकों , प्रधानाध्यापकों एवं प्रेरक बालक बालिकाओं को मुख्य अतिथि द्वारा प्रशस्ति पत्र व पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। मिशन प्रेरणा ज्ञानोत्सव समारोह में अध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक संघ अनिल कुमार सिंह मंत्री, राजेश कुमार अध्यक्ष उच्च प्राथमिक शिक्षक संघ राकेश सिंह ने भी अपने अपने विचार व्यक्त किए। अंत में खंड शिक्षा अधिकारी ने सभी गणमान्य का आभार व्यक्त करते हुए समारोह का समापन किया। इस कार्यक्रम में इलाके के तमाम गणमान्य लोग और अभिभावक मौजूद रहे।
सुशील केसरवानी

हरियाणा के पूर्व चेयरमैन रॉकी की याचिका खारिज

राणा ओबराय 
कैथल। हरियाणा सरकार में चेयरमैन रहे रॉकी मित्तल की जमानत याचिका खारिज हो गई है। उन्होने सेशन कोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी। अब वो हाईकोर्ट का रुख कर सकते हैं। दरअसल, छह साल पुराने केस में रॉकी मित्तल को पंचकूला से कैथल पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जिसके बाद पुलिस ने तीन दिन के रिमांड पर जयपुर लेकर गई थी।
रिमांड पूरा होने के बाद रॉकी मित्तल को कोर्ट में पेश किया गया था जहां से 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। रॉकी मित्तल केस में अगली सुनवाई 25 मार्च को होनी है। पूर्व बार एशोसिएशन प्रधान अशोक गौतम और आरडी शर्मा ने सेशन कोर्ट में रॉकी मित्तल की जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी। इस याचिका में दलील दी गई थी कि छह साल पहले हुए हमले में अभी कोई सबूत नहीं मिला है कि रॉकी मित्तल ने ही जज पर हमला किया था। रॉकी मित्तल के भाई सुरेश मित्तल ने कहा कि सरकार बदले की भावना से काम कर रही है और रॉकी मित्तल के खिलाफ पुलिस को कोई सबूत नहीं मिला है। फिर भी उन्हे परेशान किया जा रहा है। जानिये क्या है पूरा मामला ?
18 मई 2015 के दिन कैथल की नई अनाज मंडी में दोपहर के समय एक बदमाश ने आढ़ती की दुकान में घुसकर गोली मार दी थी। आढ़ती का नाम मुनीष मित्तल था।
इसी मामले में आढ़तियों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए रोड जाम किया था। विरोध प्रदर्शन के दौरान न्यायाधीश अपनी गाड़ी में सवार होकर जींद रोड से निकल रहे थे तो रॉकी मित्तल ने उनका रास्ता रोक लिया था। रॉकी मित्तल पर मारपीट करने का भी आरोप लगाया था। सिटी थाना पुलिस ने इस मामले में रॉकी मित्तल सहित अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया था। इस केस में लगातार पुलिस अनट्रेस दिखा रही थी। लेकिन अब पुलिस ने दोबारा से इस केस में सख्ती दिखा दी है और रॉकी मित्तल को आज उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया है।

हरियाणा: 10 हजार की रिश्वत लेते अकाउंटेंट अरेस्ट

राणा ओबराय 
करनाल। हरियाणा के जिला करनाल में करनाल नगर पालिका इंद्री में बतौर अकाउंटेंट कार्यरत एक कर्मचारी को स्टेट विजिलेंस ने रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। विजिलेंस ने उसे सैनिटरी इंस्पेक्टर से 10 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ काबू किया। आरोपी ठेके पर लगे कर्मचारियों को अपना निशाना बना नौकरी से हटवाने के नाम पर पैसे ऐंठता था। इस मामले में हैरान करने वाली बात यह है कि आरोपी अकाउंटेंट की पत्नी भी कुरुक्षेत्र विजिलेंस में एसआई के पद पर कार्यरत है। आरोपी ने नगर पालिका में डीसी रेट पर लगे भाजपा नेता के बेटे से 20 हजार रुपये मांगे थे। शिकायतकर्ता भाजपा नेता का बेटा है। स्टेट विजिलेंस द्वारा अब पकड़े गए आरोपी प्रवीण कुमार निवासी अंसल सिटी गांव उमरी (कुरुक्षेत्र) को वीरवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। पीड़ित विकास तोमर जो इंद्री के गांव रामगढ़ का रहने वाला है। उसके पिता महेंद्र पाल तोमर भाजपा में ओबीसी मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष और अंबाला के लोकसभा प्रभारी भी है। विकास तोमर ने बताया कि एक जनवरी 2020 को वह डीसी रेट पर नगर पालिक इंद्री में सफाई निरीक्षक के पद पर लगा था। पिछले एक सप्ताह से अकाउंटेंट प्रवीण उसे परेशान कर रहा था। वह उससे कहता था कि अब डोर टू डोर का काम पूरा हो गया है, दूसरा ठेकेदार आ गया है अब तुम्हें हटाया जाएगा।
यदि तुम्हें यहीं नौकरी पर रहना है तो 20 हजार रुपये देने होंगे। उसने रुपये देने से मना किया तो वह नौकरी से हटाने की धमकी देने लगा। इसके बाद उसने स्टेट विजिलेंस को इसकी सूचना दी और विजिलेंस को सबूत भी दिए। विकास के अनुसार इसके बाद दोबारा प्रवीण का फोन रुपये के लिए आया, तो उसने कहा कि वह दस-दस हजार रुपये की राशि दो बार देगा। इस बारे में उसने अपने पिता को भी बताया हुआ था। जिसके बाद स्टेट विजिलेंस इंस्पेक्टर जगतराम की अध्यक्षता में एक टीम का गठन किया गया। ड्यूटी मजिस्ट्रेट बीडीपीओ करनाल पंचम लता को बनाया गया। टीम में एसआई नफे सिंह, एएसआई सूबे सिंह, एचसी संजीव, संजय, महेश शामिल थे। टीम ने पीड़ित विकास तोमर के साथ इंद्री नगर पालिका के समीप बस स्टैंड पर दस हजार रुपये लेते आरोपी प्रवीण को पकड़ लिया। आरोपी रिश्वत के रुपये लेते ही ऑटो में बैठ गया था। आरोपी से 500-500 के 20 नोट बरामद किए हैं। वहीं ब्यूरो चौकसी टीम के इंस्पेक्टर जगत सिंह ने बताया की सूचना के आधार पर हमने कार्रवाई करते हुए अकाउंटेंट परवीन को 10 हजार की रिश्वत लेते हुए इंद्री से गिरफ्तार किया है।
जिसके खिलाफ मामला दर्ज कर मेडिकल करवा कर आगामी कार्रवाई को अंजाम दिया जाएगा, उन्होंने यह भी बताया की इस प्रकरण में और कौन-कौन लोग जुड़े हो सकते हैं। इसके बारे में भी जांच की जाएगी।

हाईवे पर लगें टोल प्लाजा सेंटर को हटा लिया जाएं

राणा ओबराय 
नई दिल्ली। अब नेशनल हाईवे पर सफर करते समय वाहन चालकों को बार-बार टोल प्लाजा पर रूकना नहीं पड़ेगा। क्योंकि, देश में एक साल में सभी नेशनल हाईवे पर लगे टोल प्लाजा सेंटर को हटा लिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को लोकसभा में बड़ा ऐलान किया है।
नितिन गडकरी ने कहा है, कि सरकार अगले एक साल में सभी टोल प्लाजा खत्म करने की योजना पर काम कर रही है। आने वाले वक्त में टेक्नोलॉजी की मदद से लोगों को उतना ही टोल चुकाना होगा। जितना वो सड़क पर चलेंगे। दरअसल, अमरोहा से बीएसपी सांसद कुंवर दानिश अली ने गढ़ मुक्तेश्वर के पास सड़क पर नगर निगम की सीमा में टोल प्लाजा होने का मुद्दा उठाया। इसी पर जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि पिछली सरकार में सड़क परियोजनाओं के ठेके में थोड़ी और मलाई डालने के लिए ऐसे कई टोल प्लाजा बनाए गए जो नगर की सीमा पर हैं। यह निश्चित तौर पर गलत हैं और अन्याय करने वाला है। नितिन गडकरी ने कहा कि अब अगर इन टोल प्लाजा को निकालने जाएंगे तो सड़क बनाने वाली कंपनी मुआवजा मांगेगी। लेकिन सरकार ने अगले एक साल में देश में ‘सारे टोल खत्म’ करने की योजना बनाई है। साल में खत्म हो जाएंगे टोल प्लाजा, जीपीएस तकनीक पर होगी टोलिंगकेंद्रीय मंत्री ने कहा कि टोल खत्म करने का मतलब टोल प्लाजा खत्म करने से है। अब सरकार ऐसी तकनीक पर काम कर रही है जिसमें आप हाईवे पर जहां से चढ़ेंगे। वहां जीपीएस की मदद से कैमरा आपकी फोटो लेगा और जहां आप हाईवे से उतरेंगे वहां की फोटो लेगा, इस तरह उतनी ही दूरी का टोल चुकाना होगा। गौरतलब है कि टोल प्लाजों के कारण लगातार लगने वाले जाम और यात्रियों को होने वाली परेशानी का मसला लंबे वक्त से उठता रहा है। अभी केंद्र सरकार ने सभी नेशनल हाइवे पर फास्टैग की सुविधा को लागू किया है। जिससे वाहन ऑटोमैटिक तरीके से बिना लाइन में लगे टोल प्लाजा पर टोल भर सकते हैं।

हापुड़: सरकार के 4 वर्ष पूर्ण होने पर होगा कार्यक्रम

अतुल त्यागी
हापुड़। जिलाधिकारी अनुज सिंह व मुख्य विकास अधिकारी उदय सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए है, कि प्रदेश सरकार के सफलतापूर्वक चार वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर जनपद में प्रस्तावित कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार कर कार्यक्रम को बेहतर ढंग से कराना सुनिश्चित करें। उन्होने कहा, कि इस कार्यक्रम में सभी विभाग अपनी-अपनी सहभागिता शत-प्रतिशत सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा, कि प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही लाभार्थीपरक योजनाओं में कोई भी पात्र लाभार्थी योजना के लाभ से वंचित न रहें। साथ ही मिशन शक्ति योजना के अंतर्गत जनपद में बेहतर कार्य करने वाली महिलाओं को चिन्हित कर सम्मानित किया जाए। मुख्य विकास अधिकारी ने कोरोना वायरस के वैक्सीनेंशन में तेजी लाने के निर्देश दिए। साथ ही कार्यक्रम में कोविड-19 से आमजनता को जागरूक करने और माॅस्क का उपयोग और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के भी निर्देश दिए। मुख्य विकास अधिकारी ने समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि अपने विभाग से संबंधित योजनाओं से पात्रों को लाभान्वित कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में गुणवत्ता से कोई समझौता न किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी निर्माण कार्योंका थर्ड पार्टी जांच प्रतिष्ठित संस्थाओं से कराई जाए। उन्होंने कहा कि समयबद्ध रूप से कार्य पूर्ण न करने वाली कार्यदायी संस्थाओं को चिन्हित कर दण्ड़ित किया जाए। उन्होंने मुख्यमंत्री की घोषणाओं वाले सभी कार्योंं को समय से पूरा करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि 19 मार्च को जनपद स्तर पर प्रदेश सरकार की 04 वर्षों की उपलब्धि की विकास पुस्तिका के विमोचन के साथ प्रदेश सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की प्रदर्शनी का आयोजन एल एन पब्लिक स्कूल गढ़ रोड हापुड़ में भव्य तरीके से किया जाएगा। उन्होने कहा कि इस अवसर पर विभिन्न लाभार्थीपरक योजनाओं के पात्र लाभार्थियों को वृद्धावस्था पेंशन, निराश्रित महिला पेंशन, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, ऋण एवं टूल किट वितरण योजना में धनराशि एवं प्रमाण पत्र, गोल्डन कार्ड तथा दिव्यांगजनों को ट्राई साइकिल, उपकरण आदि का वितरण संबंधित विभाग कराना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि लाभार्थीपरक योजना में पूरी पारदर्शिता बरती जाए। इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही क्षम्य नहीं होगी।
नोडल अधिकारी ने कहा कि 20 मार्च 2021 को सभी विधानसभा क्षेत्रों में जनसभाओं का आयोजन किया जायेगा। आयोजन में मुख्यमंत्री पर्यटन सम्वर्धन योजना के कार्यों का शिलान्यास/लोकार्पण तथा विधानसभा क्षेत्र में कराए गए एवं प्रस्तावित कार्यों का शिलान्यास एवं लाकार्पण कराया जायेगा। उन्होने उप कृषि निदेशक को निर्देशित किया कि 21 मार्च को प्रत्येक विकासखण्ड में “मिशन किसान कल्याण” के अन्तर्गत किसानों के हित में एवं उनकी आय में वृद्धि हेतु चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के कार्यक्रमों व किसान कल्याण मेलों का कर किसान उत्पादक संगठनों व प्रगतिशील किसानों की सहभागिता सुनिश्चित कराएं। उन्होने कहा “मिशन व्यापारी कल्याण” के रूप में नगर पंचायत एवं नगर पालिकाओं में व्यापारियों व लघु उद्यमियों के लिए चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, स्टार्टअप योजना, एक जनपद एक उत्पाद योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना आदि के लाभार्थियों को टूल किट एवं ऋण वितरित करनें के साथ ही सम्मानित भी किया जाए। उन्होने कहा कि आयोजित सम्मेलनों में प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के लाभार्थियों, रेहडी पटरी व ठेला व्यापारियों को सम्मिलित कर उन्हे लाभ दिलाया जाना सुनिश्चित करेंगे। 
जिलाधिकारी ने कहा कि 22 मार्च को मिशन शक्ति के अन्तर्गत प्रत्येक विधानसभा स्तर पर महिला सुरक्षा, महिला सशक्तिकरण, सेल्फ डिफेन्स व एन्टी रोमियों स्कवाॅड आदि से संबंधित सम्मेलनों का आयोजन किया जाएगा। सम्मेलन में राष्ट्रीय आजीविका मिशन के लाभार्थियों, महिला स्वयं सहायता समूहों, आंगनबाडी कार्यकत्रियों, बीसी सखी, विभिन्न योजनाओं में ऋण वितरण, कन्या सुमंगला योजना, मुख्यमंत्री विवाह योजना में लाभार्थियों को लाभान्वित कराया जायेगा। आशा बहुओं, महिला शिक्षकों, महिला अधिकारियों व कर्मचारियों को जोडकर महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रारम्भिक परीक्षण हेतु स्टाॅल लगाना सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री पोषण मिशन के अन्तर्गत कुपोषित व अति कुपोषित बच्चों का चिन्हीकरण कर उन्हे लाभ दिलाना सुनिश्चित करेंगे। उन्होने कहा कि 23 मार्च को “मिशन रोजगार” के अन्तर्गत जिला पंचायतों के प्रत्येक वार्ड में युवाओं के कल्याणार्थ कोशल विकास हेतु, उद्यमों को स्थापित करने हेतु एवं उनकी क्षमता वृद्धि हेतु चलायी जा रही योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री स्टार्ट अप योजना, मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना, मुख्यमंत्री अपै्रन्टिसशिप योजना आदि के लाभार्थियों को लाभान्वित कराना सुनिश्चित करेंगे। उन्होने कहा इन सम्मेलनों में युवक मंगल दल और महिला मंगल दलों तथा ऐसे अन्य संगठनों द्वारा भी प्रतिभाग सुनिश्चित कराया जाएं। 24 मार्च को मिशन श्रमिक कल्याण के अन्तर्गत श्रमिकों के कल्याणार्थ व उन्हे रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाने हेतु चलाई जा रही योनजाओं के संबंध में जनपद के सभी विकासखण्डों में रोजगार मेले का आयोजन और सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी जायेगी। 
इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी उदय सिंह, अपर जिलाधिकारी  जयनाथ यादव, अपर पुलिस अधीक्षक सर्वेश कुमार मिश्र, सहित जनपद स्तरीय अधिकारीगण मौजूद रहे।

हापुड़: मजदूर के साथ बदमाशों ने की मारपीट, घायल

अतुल त्यागी   
हापुड़। जनपद के थाना सिम्भावली क्षेत्र के डिबाई नहर पटरी पर किठोर निवासी मजदूर के साथ बदमाशों ने मारपीट की और गम्भीर रूप से घायल कर दिया। 8 हजार रुपए की नगदी लूट कर फरार हो गए।
लूट की घटना, बीती रात करीब नौ बजे की है। मजदूर स्याना से मजदूरी कर मजदूरी के आठ हजार रुपए लेकर अपने घर जा रहा था। 

दुनिया का सबसे बड़ा ताला, क्या है खासियत ?


अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। भारत ही नहीं पूरे विश्व में में अलीगढ़ को ताला नगरी कहा जाता है। जहां अलीगढ़ का ताला लगे तो फिर बिन चाबी के खुला पाना मुमकिन नहीं। कुछ ऐसी खासियत है। अलीगढ़ में बनने वाले तालों की। मुगल काल से ताला उद्योग की अलीगढ़ से पहचान बन चुकी हैं। यहां जेल में इस्तेमाल किए जाने वाली हथकड़ी से लेकर अत्याधुनिक ताले बनाए जाते है। इसी कड़ी में यहां के रहने वाले एक वृद्ध दंपत्ति ने अपने ताले के छोटे काम को कुछ अलग पहचान दिलाने के लिए 300 किलोग्राम के ​ताले का निर्माण कर रहे है। बताया जा रहा है। कि ये दुनिया का सबसे बड़ा ताला होगा।आपको बता दे अलीगढ़ के ज्वालापुरी स्थित एक छोटे से कमरे में ये ताला बनाया जा रहा है। हैरानी की बात यह है। कि इस 300 किलो वजनी ताले को वृद्ध दंपत्ति अपने बच्चों व एक रिश्तेदार की मदद से बना रहे हैं। ताले का काम करने वाले सत्य प्रकाश शर्मा और उनकी पत्नी रुक्मणी शर्मा का ताले का काम पुश्तैनी है। करीब 100 साल से अधिक समय से उनके यहां ताले का काम हो रहा है। पहले बाप-दादा यह काम करते हुए आए थे। और अब वह भी यह काम कर रहे हैं। 300 किलो से अधिक वजनी इस ताले को तैयार करने में उनके साले शिवराज शर्मा और उनके बच्चों ने भी मदद की है। 6 फीट और 2 इंच लंबे व 2 फीट 9:50 इंच चौड़े साले को बनाने में पीतल का भी काफी इस्तेमाल किया गया है। और इसको बनाने में करीब एक लाख रुपये का खर्च आ रहा है। फिलहाल यह ताला तैयार हो रहा है। सत्यप्रकाश शर्मा बताते हैं। कि मैंने बचपन से यह काम शुरू किया है। मेरा सपना यह था। कि मैं अपनी पहचान के लिए ऐसी चीज बना दूं जिससे अलीगढ़ का नाम हो। मैंने यह सोच कर के एक बड़ा ताला बनाया है। लेकिन मेरे को पैसे की थोड़ी कमी थी। तो मुझे कुछ सहयोग मिला है। उन्होंने कहा कि इससे आगे दूसरा ताला बनाने की भी कोशिश कर रहा हूं. जिससे मेरा और अलीगढ़ का नाम रोशन हो। यह ताला चाबी से खुलेगा व सारे फंक्शन काम करेंगे. 10 लीवर का यह ताला है। इसमें करीब 60 किलो पीतल लगी है।
इसके साथ ही बता दें कि ताला कारोबार ने अलीगढ़ को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर बड़ी पहचान दिलाई है। प्रदेश सरकार की योजना वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट में भी अलीगढ़ का ताला उद्योग को चयनित किया गया है। यहां कई तरह के ताले बनाए जाते हैं।

यूके: पीपीपी मॉडल का फैसला बदलेंगे सीएम तीरथ

पंकज कपूर  
देहरादून। प्रदेश की बागडोर संभालते ही सीएम तीरथ रावत द्वारा त्रिवेंद्र सरकार के कुछ तथाकथित जनभावना विरोधी निर्णयों पर पुनर्विचार करने के फैसलों से प्रदेश भर में आम जनता के मध्य संतोष और खुशी का माहौल है। नंदप्रयाग-घाट मोटरमार्ग के चैड़ीकरण, देवस्थानम बोर्ड के गठन, विकास प्राधिकारण व गैरसैण मंडल की स्थापना से संबंधित मसलों पर तीरथ रावत द्वारा बेबाकी से उदारतापूर्वक विचार कर पुनर्विचार करने की बात कही गई है। अब पौड़ी की जनता त्रिवेंद्र रावत सरकार द्वारा जिला अस्पताल पौड़ी को पीपीपी मॉडल पर संचालन हेतु एक संस्था को देने के निर्णय पर भी पुनर्विचार होने के प्रति आश्वस्त है।
त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्रित्व काल में प्रदेश सरकार द्वारा जनपद पौड़ी के जिला अस्तपाल सहित जनपद के ही सीएचसी घंडियाल व सीएचसी पाबौ को संचालन हेतु देहरादून स्थित एक ट्रस्ट को सौंप दिया गया था। हाल ही में ट्रस्ट द्वारा तीनों अस्पतालों का अधिग्रहण कर संचालन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। त्रिवेंद्र सरकार द्वारा जनता के विरोध को दरकिनार कर लिए गए इस निर्णय से क्षेत्र की जनता मायूस थी। लेकिन त्रिवे्रद्र के पदच्युत होने व तीरथ द्वारा सीएम पद पर विराजमान होते ही तमाम जनविरोधी फैसलों पर गंभीरता से पुनर्विचार करने के कदम से लोगों में उम्मीद जगने लगी है।
दरअसल, जिला अस्पताल मंडल मुख्यालय पौड़ी का एकमात्र अस्तपाल है। जिससे नगर की चालीस हजार की आबादी के साथ आसपास के चार विकासखंडों की करीब एक लाख की आबादी सेवित होती है। पीपीपी मोड पर दिए जाने से पूर्व इस अस्पताल में डेढ़ दर्जन के करीब वरिष्ठ डाक्टर सेवाएं दे रहे थे। लेकिन यकायक चल रहे इस अस्पताल को सरकार द्वारा पीपीपी मोड पर दे दिया गया। पीपीपी मोड पर दिए जाने के बाद से क्षेत्रवासियों के मन में अनेक आशंकाएं पैदा होने लगी हैं। बताया जा रहा है। कि पीपीपी मोड पर संचालन कर रही संस्था द्वारा इस महत्वपूर्ण अस्पताल में संस्था के मेडिकल कालेज में अध्ययनरत जूनियर डाक्टरों को प्रैक्टिस हेतु अधिग्रहण किए गए अस्पतालों में भेजे जा रहे हैं। इतना ही नहीं सूत्रों की माने तो सरकार और ट्रस्ट के मध्य हुए एमओयू की शर्तों के तहत इन अस्पतालों में तैनात होने वाले डाक्टरों को कम से कम तीन वर्ष अस्पताल में सेवाएं देनी होंगी, लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि संस्था द्वारा 15-15 दिन के लिए जूनियर डाक्टरों को रोटेट कर काम चलाया जा रहा है। ऐसे में मरीजों को स्तरीय सलाह व चिकित्सा मिलना संभव नहीं है। यह भी स्पष्ट नहीं है, कि इन अस्पतालों में सेवाएं दे रहे संस्था के डाक्टर भारतीय चिकित्सा परिषद में पंजीकृत हैं, अथवा नहीं।
मेडिको लीगल कार्यों के संपादन की भी चुनौती
वैधानिक रूप से पोस्टमार्टम जैसे मेडिको लीगल कार्यों के लिए सरकारी चिकित्सक का होना आवश्यक है, मंडल मुख्यालय जैसे स्थान पर आवश्यकता पड़ने पर पोस्टमार्टम के लिए एक अदद डाक्टर न होने से भविष्य में अनेक दिक्कतें आ सकती हैं। गौरतलब है कि गत दिनों रामनगर अस्पताल, जो पीपीपी मोड पर संचालित किया जा रहा है। वहां एक शव के पोस्टमार्टम के लिए परिजनों को तीन दिन का लंबा इंतजार करना पड़ा। यदि ऐेसी परिस्थिति पौड़ी जैसे पहाड़ी नगर में बनती है तो भविष्य में यह सरकार के खिलाफ आका्रेश का कारण बन सकता है। पिछले अनुभवों से आशंकित हैं क्षेत्रवासी
दरअसल, सरकार द्वारा पूर्व में भी प्रदेश के अनेक अस्पतालों को स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के नाम पर पीपीपी मोड पर दिया गया था, लेकिन सेवाएं बेहतर होने के विपरीत इन अस्पतालों की दशा और बदतर हो गई, ऐसे अधिंकाश अस्पताल तो रैफर सेंटर मात्र बन कर रह गए। बीते एक साल की सुर्खियों पर नजर डाली जाए तो हाल ही में टिहरी के जिला अस्तपाल व रामनगर के संयुक्त अस्तपाल को लेकर लिया गया निर्णय उल्टा साबित हो रहा है। ऐसे में क्षेत्रवासी सरकार के निर्णय पर पुनर्विचार की मांग कर रहे हैं।
पीपीपी मोड तकनीकि रूप से भी असंगतः डा0 जोशी
उत्तराखंड राजकीय चिकित्सक संघ के पूर्व अध्यक्ष व प्रदेश के जाने माने काया चिकित्सक डा0 एसडी जोशी का कहना है। कि अक्सर देखने में आया है। कि ऐसी संस्थाओं द्वारा एमसीआई और उत्तराखंड चिकित्सा परिषद से बिना मान्यता प्राप्त डाक्टरों से प्रेक्टिस करवाई जाती है। जो कानूनी दृष्टि से भी उचित नहीं है। किसी अनहोनी की स्थिति में यह कानूनी तौर पर आॅॅॅफेंस का मामला भी बन सकता है। वहीं डा0 जोशी का कहना है। कि किसी भी मरीज की व्यापक जांच व इलाज के लिए निंरतर जांच आवश्यक है। इन संस्थाओं द्वारा हर प्रदंह दिन में डाक्टर बदल दिए जाते हैं। जिससे नए चिकित्सक को मरीज की केस हिस्ट्री का आंकलन करने में दिक्कत आती है। जिससे मरीजों के उपचार में कुछ दिक्कतें भी पेश आ सकती हैं।

'पत्रकार' की गोलियों से भूनकर हत्या की, प्रदर्शन

'पत्रकार' की गोलियों से भूनकर हत्या की, प्रदर्शन  संदीप मिश्र  जौनपुर। बाइक पर सवार होकर जा रहे पत्रकार की दिनदहाड़े गोलियों से भूनक...