सोमवार, 8 मार्च 2021

चंडीगढ़ में भी लगेगा नाइट कर्फ्यू, संक्रमण बढ़ा

राणा ओबराय  

चंडीगढ़। कोरोना संक्रमण का यही विस्फोटक रूप आगे भी जारी रहा तो पंजाब के चंडीगढ़ को पाबंदियों में रहना होगा। पंजाब के कई शहरों में शनिवार से नाइट क‌र्फ्यू लगाया जा चुका है। कोरोना के मामले एकदम से बढ़ने के बाद यह फैसला लिया गया। चंडीगढ़ में भी हालात कुछ ज्यादा ठीक नहीं हैं। एक सप्ताह में 519 नए कोरोना संक्रमित मामले सामने आ चुके हैं। तीन महीने बाद शनिवार को 122 मामले सामने आने से तो संकट और बढ़ गया है। चंडीगढ़ में भी सोमवार को क‌र्फ्यू लगाने की घोषणा हो सकती है। प्रशासक वीपी सिंह बदनौर कोविड वॉर रूम मीटिग के दौरान अधिकारियों से चर्चा कर इस पर निर्णय ले सकते हैं। शुक्रवार तक कई और पाबंदियां लगाई जा सकती हैं। दरअसल अब कोरोना संक्रमण ने रफ्तार पकड़ ली है। आए दिन बहुत कम लोग ठीक हो रहे हैं जबकि संक्रमण का फीसद बहुत ज्यादा है। जिससे सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़ने से अस्पतालों पर दबाव फिर बढ़ने लगा है।

महिला दिवस, विरोधी महिला किसानों ने संभाला मंच

अकांशु उपाध्याय  

नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर राजधानी दिल्ली के सिंघू, टीकरी एवं गाजीपुर के किसान प्रदर्शन स्थलों पर हजारों महिला किसानों ने मार्च निकाला और भाषण दिए। कृषि क्षेत्र में महिलाओं के योगदान को देखते हुये आयोजकों ने महिला किसानों को मंच का प्रबंधन करने, भोजन और सुरक्षा की व्यवस्था करने तथा इस अवसर पर उनके संघर्ष की कहानियों को साझा करने के लिए विस्तृत योजना बनाई है। किसान नेता कविता कुरूगांती ने सोमवार को पीटीआई-भाषा को बताया कि मंच का प्रबंधन महिलाओं ने किया। सभी वक्ता महिलायें थीं और जिन मसलों पर चर्चा की गयी उनमें विशेष रूप से खेती और महिला किसानों का मुद्दा शामिल था। संयुक्त किसान मोर्चा की सदस्य कविता ने कहा, ”इस दौरान महिला किसानों और इस आंदोलन में महिला किसानों के योगदान पर भी चर्चा हुयी। उन्होंने कहा कि यहां हजारों महिलाओं के आने और इसमें उनके हिस्सा लेने के बाद इसका महत्व बढ़ गया है। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में हजारों किसान पिछले 100 दिनों से दिल्ली सीमा पर जमे हुये हैं और उनकी मांग इन कानूनों को वापस लेने तथा उनके फसल के लिये न्यूनतम समर्थनम मूल्य की गारंटी देने की है। इन किसानों में अधिकतर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं।

मंदिर निर्माण के लिए शिक्षक को नौकरी से निकाला

बलिया। उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा संचालित एक विद्यालय के शिक्षक ने आरोप लगाया है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 1,000 रुपये का चंदा देने से मना करने पर उन्हें नौकरी से निकल दिया गया है। हालांकि संस्थान ने इन आरोपों से इंकार किया है। जिले के सलेमपुर गांव के रहने वाले यशवंत प्रताप सिंह ने सोमवार को बताया कि वह जिला मुख्यालय के जगदीशपुर मोहल्ले में स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में आचार्य के पद पर कार्यरत थे। उन्होंने दावा किया है कि स्कूल ने उनके आठ महीने का वेतन भी रोक लिया है। सिंह ने कहा कि उन्हें अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए विद्यालय की तरफ से चंदा वसूली के लिए रसीद बुक दी गई थी। उन्होंने बहुत प्रयास कर तकरीबन 80 हजार रुपये चंदा वसूल कर विद्यालय को प्राप्त कराया था।

आगरा:​​​​​​​ सिरफिरे ने चाकू से की मां-बेटी की हत्या

आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा से जिले के बाह क्षेत्र के जरार कस्बे में आज तड़के एक सिरफिरे युवक ने मां-बेटी पर चाकू से प्रहार कर उनकी हत्या कर दी और फरार हो गया। पुलिस अधीक्षक (पूर्वी) अशोक के वैंकट ने यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आगरा देहात के बाह इलाके कस्बा जरार में तड़के करीब तीन बजे पड़ासे में रहने वाले गोविंद नामक युवक ने 50 वर्षीय शारदा देवी और उसकी 19 वर्षीय पुत्री कामिनी की चाकू से प्रहार करके हत्या कर दी। शुरुआती जांच में पता चला कि हत्यारा कामिनी से एकतरफा प्यार करता था। कामिनी कक्षा 11 की छात्रा थी और हत्यारा बीएएसी दूसरे वर्ष का छात्र था। इस घटना में कामिनी की भाभी कमलेश भी घायल हुई हैं। मां-बेटी की हत्या के बाद आरोपी भाग गया। उन्होंने बताया कि कस्बा जरार निवासी श्रीमती शारदा देवी का बेटा राहुल अहमदाबाद में नौकरी करता है। घर पर शारदा देवी, बेटी कामिनी, बहू कमलेश और डेढ़ साल का नातिनी गुड़िया मौजूद थे। दोनों की जातियां अलग हैं।

अतिक्रमण बताकर नगर पालिका ने उखाड़े चैम्बर

महराजगंज। बीते दिनों एआरटीओ कार्यालय के पास अधिवक्ताओं का चेम्बर अतिक्रमण बता कर नगर पालिका द्वारा उखाड़ दिया गया था। जिसको लेकर जिले के अधिवक्ताओं में आक्रोश व्याप्त है। महराजगंज नगर पालिका और जिला प्रशासन के विरोध में अधिवक्ताओं ने सोमवार को न्यायालय से जिलाधिकारी कार्यालय तक मार्च निकालते हुए अपनी मांग पत्र जिला प्रशासन को सौंपा है। विरोध कर रहे अधिवक्ताओं का कहना है कि बीते दिनों एआरटीओ के पास अधिवक्ताओं का चेम्बर उखाड़ दिया गया था। कुछ साल पहले नगर पालिका के साथ मिल कर जिला प्रशासन ने अधिवक्ताओं को वहां जगह दी थी, लेकिन आज सोमवार को अधिवक्ताओं को बेघर कर दिया गया है। हमारी मांग है कि अधिवक्ताओं को सम्मान के साथ वहीं जगह दी जाए और उनको हटाने में अधिवक्ताओं का जो नुकसान हुआ है। उसके लिए उन्हें पांच लाख का मुआवजा दिया जाए।

294 सीटों पर ममता और भाजपा के बीच मुकाबला

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस सरकार के खिलाफ ”झूठ और अफवाह फैलाने के लिए” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोमवार को आलोचना की और कहा कि इस बार मतदाता राज्य में सभी 294 निर्वाचन क्षेत्रों में ‘दीदी बनाम भाजपा’ के मुकाबले का गवाह बनेंगे। कोविड-19 टीकाकरण प्रमाण पत्रों पर प्रधानमंत्री की तस्वीर शामिल किए जाने को लेकर कटाक्ष करते हुए बनर्जी ने कहा कि ‘वह दिन दूर नहीं, जब समूचा देश उन्हीं के नाम पर होगा।’ पश्चिम बंगाल में लगातार तीसरी बार सत्ता में आने का भरोसा जताते हुए तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा, ”सभी 294 सीटों पर मेरे और भाजपा के बीच मुकाबला है।” उन्होंने कहा, ”वे (भाजपा नेता) केवल चुनाव के दौरान बंगाल आएंगे और अफवाह तथा झूठ फैलाएंगे। वह हमें महिलाओं की सुरक्षा पर सीख दे रहे हैं। भाजपा शासित राज्यों में महिलाओं की क्या स्थिति है? मोदी के पसंदीदा गुजरात में क्या हालात हैं?”

हिमाचल में कोरोना के कुल 30 मामले सामने आएं

शिमला। हिमाचल में आज सोमवार तक कोरोना को लेकर कुछ राहत और कुछ आफत की बात है। हिमाचल में अब तक कोरोना के 30 मामले आए हैं। वहीं, 73 लोग ठीक होने में कामयाब रहे हैं। आज अब तक कोरोना के चलते तीन की जान गई है। बिलासपुर, कांगड़ा और ऊना में एक-एक कोरोना पॉजिटिव ने दम तोड़ा है। कोरोना का कुल आंकड़ा 59,148 पहुंच गया है। अभी 568 एक्टिव केस हैं। अब तक 57,580 कोरोना पॉजिटिव ठीक हुए हैं। कोरोना डेथ का आंकड़ा 987 पहुंच गया है। हिमाचल में आज अब तक कोरोना के 296 सैंपल जांच को आए हैं। इनमें से 82 नेगेटिव रहे हैं। 211 की रिपोर्ट आनी बाकी है। आज के सैंपल से तीन पॉजिटिव केस हैं। पिछले कल के 40 सैंपल की रिपोर्ट आनी बाकी है।

हिमाचल: 1 दिन में 2 बार आया भूकंप, तीव्रता मापी

चंबा। हिमाचल के जिला चंबा में एक बार फिर धरती कांपी है। आज चंबा में दो बार भूकंप आया है। आज सुबह 10 बजकर 20 मिनट पर 3.6 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप का केंद्र चंबा में जमीन से 5 किलोमीटर अंदर था। इसके करीब 18 मिनट बाद एक बार फिर धरती कांपी। इस बार 3.5 तीव्रता का भूकंप आया है। इस बार भी भूकंप का केंद्र जमीन से पांच किलोमीटर अंदर था। हालांकि, भूकंप के चलते किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है। वहीं, दिन का समय होने और लोगों के कार्यों में व्यस्त रहने के चलते भूकंप के झटके महसूस भी नहीं जा सकें हैं। बता दें कि इस वर्ष चंबा जिला मेें पहले भी भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं।

जापान में बच्चे पैदा करने का नहीं है दंपतियों को शौक

टोक्यो। क्या आप जानते हैं, कि एक देश ऐसा भी है। जहां पैदा होने वाले बच्चों से ज्यादा पालतू जानवरों की रजिस्ट्रेशन हो रही है। जापान उन देशों में शुमार है। जहां की आबादी का एक बड़ा तबका बूढ़ा है। ऐसे में जन्म दर कम होने के बीच लोग अब कुत्ते-बिल्लियां पाल रहे हैं यानि जापान में बच्चों से ज्यादा पालतू जानवरों  की रजिस्ट्रेशन हो रही है। इसके बारे में जनवरी में गोल्डमैन सैशे ने पता लगाया था। यहां कंपनी ने गौर किया तो पता चला कि जापान में बच्चों की जगह अब पालतू जानवर ले चुके हैं। बिजनेस इनसाइडर में कंपनी की इस रिपोर्ट का हवाला दिया गया है कि कैसे जापान में जानवर बच्चों को रिप्लेस कर रहे हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक 2014 में जापान में 15 साल के लगभग 16.5 मिलियन बच्चे थे, जबकि पालतू पशुओं कुत्ते-बिल्लियों की संख्या 21.3 मिलियन थी। कहा गया कि जापान में अब पालतू जानवर बच्चों की जगह लेते जा रहे हैं और दंपतियों में भी संतान पैदा करने की रुचि भी कम हुई है। रोचक बात यह है कि जापान में अगर कोई किसी जानवर को पालता है तो उस जानवर का मालिक उसे विदेश यात्रा पर ले जाता है। आपको बता दें कि जापान में पालतू जानवर की रजिस्ट्रेशन जरूरी है। बीते कुछ सालों में जापान में बच्चों से ज्यादा पालतू पशुओं के पहचान पत्र बने हैं। दरअसल ऐसा माना जाता है कि जापानी लोग अपने काम के प्रति दीवाने होते हैं। जापान में कर्मचारी इतनी कम छुट्टियां लेते हैं कि कंपनियों ने ऐसा नियम बना दिया कि हर कर्मचारी को सालाना कम से कम 14 दिनों की छुट्टियां लेनी ही होगी ताकि उनकी मेंटल हेल्थ दुरूस्त रहे।

कोर ग्रुप की 2 दिवसीय बैठकों का हुआ समापन

चंडीगढ़। अखिल भारत और विदेशों के राष्ट्रवादियों द्वारा भारत की सुरक्षा, तिब्बत की आजादी व कैलाश  मानसरोवर की मुक्ति के लिये गठित विशुद्ध बौद्धिक संगठन भारत तिब्बत संवाद मंच के कोर ग्रुप की दो दिवसीय बैठक का पंचकुला हरियाणा में समापन हुआ। इस बैठक के मुख्य अतिथि हरियाणा लेबर वेलफ़ेयर बोर्ड के चेयरमेन अमरेंद्र सिंह थे। भारत तिब्बत संवाद मंच के अंतरराष्ट्रीय कन्वेनर तंज़ानिया से टी सत्यनारायण व अमेरिका से कर्मवीर सिंह विशेष रूप से उपस्थित हुए। इस कार्यक्रम में तिब्बती यूथ कांग्रेस के वाईस प्रेसिडेंट लोमसंग तेरिंग व महामंत्री सोनम सेरिंग धर्मशाला से विशेष रूप से पधारे थे। उन्होंने अपने संबोधन में तिब्बत की आजादी के सपोर्ट के लिए भारत तिब्बत संवाद मंच की भूमिका की सराहना की। हरियाणा लेबर वेलफ़ेयर बोर्ड के चेयरमेन अमरेंद्र सिंह ने कहा कि लक्ष्य प्राप्ति के लिए लक्ष्य के प्रति प्रभु हनुमान से सीख लेनी चाहिये। कार्यक्रम के दौरान तिब्बती यूथ कांग्रेस के  पदाधिकारियों ने तिब्बती संस्कृति के अनुरूप  मंचासीन अतिथियों का भावपूर्ण स्वागत किया। बैठक के आरम्भ में अखिल भारतीय समन्वयक डॉक्टर संजय शुक्ला ने भारत तिब्बत संवाद मंच के गठन की आवश्यकता पर उद्देश्यपूर्ण शब्दों में प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत तथा वैश्विक स्थायी शान्ति के लिए तिब्बत का आजाद होना बहुत जरूरी है। इस अवसर पर मंच की राष्ट्रीय महामंत्री मंगला गुप्ता ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हमें भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए घरेलू उत्पादनों का उपयोग करना होगा। तभी हमारे किसान और छोटे व्यापारी वर्ग को हम अपने ही देश में समृद्ध बना सकते हैं और भारत को फिर से समृद्ध बनाने के लिए देश की जनता को स्वदेशी उत्पादन को अपनाना पड़ेगा। इसके लिए संवाद मंच स्वदेशी जनजागरण अभियान चलाकर लोंगो को जागरूक करने का काम करेंगी उसमें महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। हरियाणा की प्रभारी पूजा पाण्डेय ने भी अपने स्वदेशी आंदोलन के विचारों को रखकर चाईना की आर्थिक कम्मर तोड़ चाईना को सबक सिखाने की बात कही थी। बैठक को  तेलंगाना व हैदराबाद के रीजनल कन्वेनर पी चंद्रशेखर, तंज़ानिया से पधारे पी सत्यनारायण ने भी संबोधित किया। इस बैठक को सम्बोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के अधिवक्ता जयेंद्र एस चंदेल ने कहा कि चीन का विरोध सम्पूर्ण भारत में जन आंदोलन बनना ही चाहिए तभी तिब्बत की आजादी का मार्ग प्रशस्त होगा। भोपाल से पधारे सुनील केहरी ने चीन को वैश्विक अतिक्रमणकारी बताते हुए यू एन ओ तक तिब्बत का मुद्दा नित्य उठाने की बात करते हुए गर्मजोशी से मंच का संचालन कर जोर दिया कि तिब्बत की आजादी के लिए  समय सीमा तय कर विचार विमर्श से प्रयास किया जाना चाहिए।बैठक को वीणा गुप्ता, अरुणाचल प्रदेश की यामक ड्यूपीट दोयम, राजस्थान की भारती वैष्णव, चंडीगढ़ से किशन भारद्वाज ने भी सम्बोधित किया।बैठक में चिंतन किया गया ताकि तिब्बत की आजादी का मुद्दा, चीन की बर्बादी का मुद्दा, हिंदुत्व का मुद्दा, राष्ट्रवाद का मुद्दा ललक्ष्योन्मुख दिशा पाता रहे और भारत तिब्बत संवाद मंच अपने विजन और मिशन के अनुरूप वैश्विक पटल पर अवश्य ही महति भूमिका अदा करे। भारत तिब्बत संवाद मंच पदाधिकारियों ने अपने उद्बोधन में धूर्त व कपटी चीन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मंचो पर चलाये जा रहे भारत विरोधी अभियान, पाक समर्थित आतंकवादियों को समर्थन और देश की संप्रभुता पर हमले पर चिन्ता व्यक्त करते हुये केन्द्र सरकार द्वारा तिब्बत नीति घोषित करने व तिब्बत को पूर्ण गणराज्य की मान्यता देनें, कैलाश मानसरोवर, आक्साई चीन व पीओके को मुक्त कराने के संबंध संसद में लिये गये संकल्प को पुर्ण करने के लिए निर्णायक कदम उठाने, पूर्व माध्यमिक एवं माध्यमिक कक्षाओं की पाठ्यपुस्तकों में दक्षिण एशिया व चीन गणराज्य के नक्शे में तिब्बत को स्वतंत्र देश दर्शाने के साथ ही उस पर चीन द्वारा कब्जे के वास्तविक इतिहास से छात्रों को अवगत कराने, तिब्बत की आजादी के आन्दोलन को पूर्ण समर्थन देने एवं चीनी उत्पादों पर पूर्णतया प्रतिबन्ध लगाने की मांग उठायी।

चीनी राजनयिक के हिजाब को लेकर मचा बवाल

इस्लामाबाद/बीजिंग। पाकिस्तान में तैनात चीन के एक राजनयिक के हिजाब को लेकर किए गए ट्वीट पर बवाल मचा हुआ है। पाकिस्तान की धार्मिक पार्टियां ही नहीं कई आम लोगों ने भी इसकी शिकायत प्रधानमंत्री इमरान खान और पाकिस्तानी विदेश कार्यालय में की है। लोगों ने इसे इस्लाम और हिजाब पर हमला बताते हुए कार्रवाई की मांग की है। बता दें कि चीन पहले से ही शिनजियांग में मुस्लिमों के ऊपर भारी अत्याचार कर रहा है, लेकिन दुनियाभर में इस्लाम की ठेकेदारी करने वाले इमरान खान के मुंह से कभी एक शब्द भी नहीं निकला है। दरअसल, दो दिन पहले पाकिस्तान में स्थित चीनी दूतावास के काउंसलर और डॉयरेक्टर जेंग हेक्विंग ने चीन के मुस्लिम बहुल शिनजियांग की एक लड़की के डांस का वीडियो ट्वीट किया था। जिसके कैप्शन में उन्होंने इंग्लिश और चाइनीज में लिखा कि अपना हिजाब उठाओ, मुझे तुम्हारी आंखें देखने दो। उन्होंने दूसरे ट्वीट में कहा कि चीन के अधिकतर लोग शिनजियांग के इस गाने को गाना चाहेंगे।

चीन पहले ही उइगर मुसलमानों का जबरन नसबंदी और गर्भपात करवा रहा है। शिनजियांग के सुदूर पश्चिमी क्षेत्र में पिछले चार साल से चलाए जा रहे अभियान को कुछ विशेषज्ञ एक तरह से ‘जनसांख्यिकीय नरसंरहार’ करार दे रहे हैं। इंटरव्यू और आंकड़े दिखाते हैं कि यह प्रांत अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं को नियमित तौर पर गर्भावस्था जांच कराने को कहता है, उन्हें अंतर्गर्भाशयी उपकरण लगवाने के अलावा नसबंदी करवाने और लाखों महिलाओं को गर्भपात कराने के लिए भी मजबूर करता है।

हालांकि चीनी नेता इसका खंडन करते हैं। वे इस डिटेन्शन कैंप्स को व्यवसायिक प्रशिक्षण केंद्र बताते हैं। चीन सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिणी शिनजियांग में 2014 से 2019 तक 415,000 उइगर मुस्लिमों को कैद कर रखा गया था। इनमें से कई लोग ऐसे भी हैं जिन्हें एक से ज्यादा बार कैद किया गया है। कुल मिलाकर अभी 80 मिलियन से ज्यादा लोग चीन के डिटेंशन कैंप्स में कैद हैं।

उइगर मुसलमानों पर अत्याचार को लेकर अभी तक किसी भी मुस्लिम देश ने चीन का खुलकर विरोध नहीं किया है। दुनियाभर के मुसलमानों के कथित मसीहा सऊदी अरब, तुर्की और पाकिस्तान के मुंह से उइगरों को लेकर आज तक एक शब्द नहीं निकला है। ये सभी देश इस मामले में पड़कर चीन की दुश्मनी मोल नहीं लेना चाहते। जबकि, धरती के दूसरे किसी भी हिस्से में मुसलमानों को लेकर इनका रवैया एकदम सख्त रहता है।

स्विट्जरलैंड ने भी बुर्का पहनना किया प्रतिबंधित

बर्न। फ्रांस, बेल्जियम और ऑस्ट्रिया के बाद अब स्विट्जरलैंड ने भी सार्वजनिक जगहों पर मुस्लिम महिलाओं के हिजाब और बुर्के से चेहरा ढंकने पर पाबंदी लगा दी है। स्विट्जरलैंड में इसको लेकर जनमतसंग्रह कराया गया था। जिसमें 51 प्रतिशत वोटरों ने बुर्का प्रतिबंधित करने के पक्ष में वोट किया था। इस प्रस्ताव के मंजूर होने के बाद रेस्त्रां, खेल के मैदानों, सार्वजनिक परिवहन साधनों या सड़कों पर चलते समय चेहरा ढंकने पर पाबंदी लग जाएगी। हालांकि, स्विट्जरलैंड की संसद और देश की संघीय सरकार का गठन करने वाली सात सदस्यीय कार्यकारी परिषद ने इस जनमत संग्रह प्रस्ताव का विरोध किया।हालांकि, धार्मिक स्थलों पर जाते समय चेहरा ढंकने और स्वास्थ्य कारणों, जैसे कि कोविड-19 से बचाव के दौरान मास्क पहनने की छूट रहेगी। सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का पहनने की छूट होनी चाहिए या नहीं, इस बात का फैसला करने के लिए जनमत संग्रह का सहारा लिया गया। जिसपर स्विट्जरलैंड की जनता ने 7 मार्च को वोट किया था। बता दें कि इससे पहले फ्रांस ने साल 2011 में ही चेहरे को पूरी तरह से ढकने वाले कपड़े पहनने पर बैन लगा दिया था। वहीं डेनमार्क, ऑस्ट्रिया, नीदरलैंड और बुल्गारिया में भी सार्वजनिक जगहों पर बुर्का पहनने पर पाबंदी है।

दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ

दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। दबे पांव पहुंचे भूकंप ने धरती को हिलाते हुए पब्लिक को दहशत में ड...