सोमवार, 8 मार्च 2021

कोर ग्रुप की 2 दिवसीय बैठकों का हुआ समापन

चंडीगढ़। अखिल भारत और विदेशों के राष्ट्रवादियों द्वारा भारत की सुरक्षा, तिब्बत की आजादी व कैलाश  मानसरोवर की मुक्ति के लिये गठित विशुद्ध बौद्धिक संगठन भारत तिब्बत संवाद मंच के कोर ग्रुप की दो दिवसीय बैठक का पंचकुला हरियाणा में समापन हुआ। इस बैठक के मुख्य अतिथि हरियाणा लेबर वेलफ़ेयर बोर्ड के चेयरमेन अमरेंद्र सिंह थे। भारत तिब्बत संवाद मंच के अंतरराष्ट्रीय कन्वेनर तंज़ानिया से टी सत्यनारायण व अमेरिका से कर्मवीर सिंह विशेष रूप से उपस्थित हुए। इस कार्यक्रम में तिब्बती यूथ कांग्रेस के वाईस प्रेसिडेंट लोमसंग तेरिंग व महामंत्री सोनम सेरिंग धर्मशाला से विशेष रूप से पधारे थे। उन्होंने अपने संबोधन में तिब्बत की आजादी के सपोर्ट के लिए भारत तिब्बत संवाद मंच की भूमिका की सराहना की। हरियाणा लेबर वेलफ़ेयर बोर्ड के चेयरमेन अमरेंद्र सिंह ने कहा कि लक्ष्य प्राप्ति के लिए लक्ष्य के प्रति प्रभु हनुमान से सीख लेनी चाहिये। कार्यक्रम के दौरान तिब्बती यूथ कांग्रेस के  पदाधिकारियों ने तिब्बती संस्कृति के अनुरूप  मंचासीन अतिथियों का भावपूर्ण स्वागत किया। बैठक के आरम्भ में अखिल भारतीय समन्वयक डॉक्टर संजय शुक्ला ने भारत तिब्बत संवाद मंच के गठन की आवश्यकता पर उद्देश्यपूर्ण शब्दों में प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत तथा वैश्विक स्थायी शान्ति के लिए तिब्बत का आजाद होना बहुत जरूरी है। इस अवसर पर मंच की राष्ट्रीय महामंत्री मंगला गुप्ता ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हमें भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए घरेलू उत्पादनों का उपयोग करना होगा। तभी हमारे किसान और छोटे व्यापारी वर्ग को हम अपने ही देश में समृद्ध बना सकते हैं और भारत को फिर से समृद्ध बनाने के लिए देश की जनता को स्वदेशी उत्पादन को अपनाना पड़ेगा। इसके लिए संवाद मंच स्वदेशी जनजागरण अभियान चलाकर लोंगो को जागरूक करने का काम करेंगी उसमें महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। हरियाणा की प्रभारी पूजा पाण्डेय ने भी अपने स्वदेशी आंदोलन के विचारों को रखकर चाईना की आर्थिक कम्मर तोड़ चाईना को सबक सिखाने की बात कही थी। बैठक को  तेलंगाना व हैदराबाद के रीजनल कन्वेनर पी चंद्रशेखर, तंज़ानिया से पधारे पी सत्यनारायण ने भी संबोधित किया। इस बैठक को सम्बोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के अधिवक्ता जयेंद्र एस चंदेल ने कहा कि चीन का विरोध सम्पूर्ण भारत में जन आंदोलन बनना ही चाहिए तभी तिब्बत की आजादी का मार्ग प्रशस्त होगा। भोपाल से पधारे सुनील केहरी ने चीन को वैश्विक अतिक्रमणकारी बताते हुए यू एन ओ तक तिब्बत का मुद्दा नित्य उठाने की बात करते हुए गर्मजोशी से मंच का संचालन कर जोर दिया कि तिब्बत की आजादी के लिए  समय सीमा तय कर विचार विमर्श से प्रयास किया जाना चाहिए।बैठक को वीणा गुप्ता, अरुणाचल प्रदेश की यामक ड्यूपीट दोयम, राजस्थान की भारती वैष्णव, चंडीगढ़ से किशन भारद्वाज ने भी सम्बोधित किया।बैठक में चिंतन किया गया ताकि तिब्बत की आजादी का मुद्दा, चीन की बर्बादी का मुद्दा, हिंदुत्व का मुद्दा, राष्ट्रवाद का मुद्दा ललक्ष्योन्मुख दिशा पाता रहे और भारत तिब्बत संवाद मंच अपने विजन और मिशन के अनुरूप वैश्विक पटल पर अवश्य ही महति भूमिका अदा करे। भारत तिब्बत संवाद मंच पदाधिकारियों ने अपने उद्बोधन में धूर्त व कपटी चीन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मंचो पर चलाये जा रहे भारत विरोधी अभियान, पाक समर्थित आतंकवादियों को समर्थन और देश की संप्रभुता पर हमले पर चिन्ता व्यक्त करते हुये केन्द्र सरकार द्वारा तिब्बत नीति घोषित करने व तिब्बत को पूर्ण गणराज्य की मान्यता देनें, कैलाश मानसरोवर, आक्साई चीन व पीओके को मुक्त कराने के संबंध संसद में लिये गये संकल्प को पुर्ण करने के लिए निर्णायक कदम उठाने, पूर्व माध्यमिक एवं माध्यमिक कक्षाओं की पाठ्यपुस्तकों में दक्षिण एशिया व चीन गणराज्य के नक्शे में तिब्बत को स्वतंत्र देश दर्शाने के साथ ही उस पर चीन द्वारा कब्जे के वास्तविक इतिहास से छात्रों को अवगत कराने, तिब्बत की आजादी के आन्दोलन को पूर्ण समर्थन देने एवं चीनी उत्पादों पर पूर्णतया प्रतिबन्ध लगाने की मांग उठायी।

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