रविवार, 31 जनवरी 2021
अमेरिका की चीन को सैन्य गतिविधियों पर फटकार
आपत्ति: सरकार के साथ बैठ कर समाधान करें
पल्स पोलियो के समूल विनाश हेतु अभियान जारी
जनपद में कई जगह अवैध खनन लगातार जारी हैं
ईओ-चैयरमैन में घमासान, गंभीर आरोप लगायें
अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। इन दिनों खोड़ा नगर पालिका चेयरमैन एवं अधिशासी अधिकारी (ईओ) के बीच घमासान मचा हुआ है। दोनों एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहें हैं। दरअसल मुरादनगर श्मशान घाट हादसे में जहां ईओ जेल के सलाखों के पीछे हैं। वहीं पालिका के चेयरमैन अभी तक साफ बचे हुए हैं। जबकि नगर पालिका के हर कामों के लिए अब तक ईओ और चेयरमैन को बराबर का जिम्मेवार माना जाता रहा है। इस प्रकरण को देखते हुए नगर पालिका के ईओ अब अधिक सचेत हो गये हैं और चेयरमैन की हर बातों को मानने से गुरेज कर रहे हैं। ईओ को यह डर सता रहा है कि किसी तरह की गलती होने पर वह बलि का बकरा न बन जाए। ठेकेदारों के कामकाज की निगरानी और सख्ती भी बढ़ा दी गई हैं। खोड़ा नगर पालिका से जुड़े सूत्र बताते हैं कि यहां भी इसी सख्ती के कारण विवाद बढ़ा है। उधर, खोड़ा नगर पालिका चेयरमैन रीना भाटी के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए अधिशासी अधिकारी केके भड़ाना ने सिलसिलेवार ढंग से जबाव दिया है। उन्होंने खुद पर लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। केके भड़ाना का कहना है कि वह शासन के प्रति जबावदेह हैं। जो अधिकार उन्हें मिल हैं, उसी के तहत काम कर रहे हैं। अधिशासी अधिकारी का कहना है कि पालिका परिषद में 12 कर्मचारी आउट सोर्सिंग पर तैनात किए गए थे। शिकायत मिलने पर उनके कार्यों की जांच कराई गई। जांच में मालूम पड़ा कि सभी कर्मचारी घर बैठे हैं। वह फील्ड में काम नहीं कर रहे हैं। इसके बाद आउट सोर्सिंग कंपनी ने संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। केके भड़ाना का कहना है कि चेयरमैन की तरफ से अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है। वह पालिका के अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर मनमाने तरीके से दबाव बनाने की कोशिश करती हैं। इससे विभागीय काम-काज प्रभावित होता है। उन्होंने कहा कि चेयरमैन पालिका परिषद की बोर्ड की अध्यक्ष होने के नाते बोर्ड में फैसले लेने के लिए स्वतंत्र हैं। मगर बोर्ड में लिए गए निर्णयों का सही एवं नियमानुसार पालन कराने के लिए ईओ की जवाबदेही आती है। सारी स्थिति से शासन को भी अवगत कराया जा चुका है। ईओ ने चेयरमैन पर हर ठेका देने के बदले कमीशन मांगने का भी गंभीर आरोप लगाया है। ज्ञात हो कि पूर्व में ईओ ने खोड़ा थाने में चेयरमैन समेत दो लोगों के खिलाफ खोड़ा थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। इसके चलते ही उन पर दबाव बनाने के लिए चेयरमैन षडयंत्र रच रही हैं। चेयरमैन हर ठेके में कमीशन मांगती हैं, न देने पर कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने की धमकी देती हैं। कंपनी संचालक ने भी चेयरमैन की शिकायत की है। उधर तीन दिन पूर्व चेयरमैन रीना भाटी ने भी मुख्यमंत्री, सांसद वीके सिंह, विधायक सुनील शर्मा, जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय समेत अन्य अधिकारियों व नेताओं को पत्र भेजकर ईओ के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की थी।
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378 कैरेट के टॉप व्हाइट डायमंड को खोज निकाला
गाबारोनी। अफ्रीकी महाद्वीप हीरा, सोना और चांदी की अपनी खदानों के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। आए दिन इस महाद्वीप के अलग-अलग देशों में ऐसी बेशकीमती चीजें मिलती रहती हैं। जिसकी कीमत अरबों में लगाई जाती हैं। हाल में ही कनाडा की एक प्रसिद्ध माइनिंग कंपनी ने अफ्रीकी देश बोत्सवाना के एक खदान से 378 कैरेट के टॉप व्हाइट डायमंड को खोज निकाला है। रिपोर्ट के अनुसार, इस हीरे को 15 जनवरी 2021 को खोजा गया था। बताया जा रहा है कि बोत्सवाना के साउथ लोबे के कारोवे खदान से मिला 200 कैरेट के ऊपर का यह 55वां हीरा है। इस खदान में हीरे की खोज का काम 2012 में शुरू किया गया था। इस खदान को कनाडा की कंपनी लुकारा डायमंड ऑपरेट कर रही है। कंपनी ने बताया कि यह इस साल की 300 से ज्यादा कैरेट का दूसरा हीरा है। इससे पहले भी हम एक और 300 कैरेट के हीरे की खोज कर चुके हैं। इस हीरे की खोज साल 2021 की हमारी मजबूत शुरुआत को दर्शाता है। 378 कैरेट का यह असाधारण और उच्च श्रेणी का चमकदार हीरा अत्याधिक कीमत वाले रत्नों की श्रेणी में शामिल है। बोत्सवाना की अद्भुत हीरे की क्षमता को हम लगातार बढ़ाते रहेंगे। हीरे के जानकारों ने बाजार मे इस 378 कैरेट के टॉप व्हाइट डायमंड की कीमत 110 करोड़ रुपये से ज्यादा बताई है। माना जा रहा है कि बिक्री के दौरान इसकी कीमत इससे भी कहीं ज्यादा हो सकती है। कारोवे खदान बोत्सवाना के शीर्ष हीरा उत्पादकों में गिना जाता है। अब तक हीरे को ही दुनिया की सबसे हार्ड या कठोर चीज मानी जाती है। लेकिन यह सही नहीं है। साल 2009 तक हीरे को दुनिया की सबसे कठोर चीज माना जाता था। लेकिन वैज्ञानिकों ने दो दुर्लभ खनिजों के बारे में पता लगाया है। जो हीरे से भी कठोर होते हैं। वे दो खनिज वुर्टजाइट बोरोन नाइट्राइड और लोन्सडेलीट हैं।
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सरकार-किसानों के बीच हल निकलने के बनें आसार
राणा ओबराय
नई दिल्ली। दो माह से ज्यादा समय से किसानों के आंदोलन के बीच सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षा पहले से काफी ज्यादा कड़ी कर दी गई है। सरकार और किसान नेताओं के बीच अगले दौर की बातचीत 2 फरवरी को होनी है। वहीं, गाज़ीपुर बॉर्डर दिल्ली उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर जारी किसानों का धरना प्रदर्शन 65वें दिन में प्रवेश कर गया है। गाज़ीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान श्याम ने एक एजेंसी से कहा, “सरकार नए कृषि कानूनों पर कोई निर्णय नहीं ले रही है। सरकार को इन कानूनों को वापस लेना चाहिए। यह सरकार और किसानों दोनों के लिए अच्छा होगा।” गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को सर्वदलीय बैठक के दौरान कहा था कि केंद्र सरकार ने किसान संगठनों को जो प्रस्ताव दिया था, उस पर वह आज भी कायम है और किसान संगठन आगे की वार्ता के लिए आपस में तय करते कभी भी मुझे कॉल कर सकते हैं। मैं एक कॉल पर किसान संगठनों के लिए बैठक की व्यवस्था करवा दूंगा। किसान लगातार कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग पर अड़े हुए हैं। इस दौरान सार्वजनिक सुरक्षा को बनाए रखने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 29 जनवरी की रात 11 बजे से 31 जनवरी की 11 बजे तक तीन सीमाओं और उनके आस-पास के क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। वहीं, दिल्ली पुलिस ने एहतियातन एनएच-24 को बंद कर दिया है।
हरियाणा में इंटरनेट सेवाएं 1 फरवरी तक बंद रहेगी
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