गुरुवार, 31 दिसंबर 2020

कलाकारों-साहित्यकारों, लेखकों के लिए पेंशन योजना

कलाकारों, साहित्यकारों एवं लेखकों के लिए पेंशन योजना, इस तारीख तक कर सकते हैं आवेदन
पंकज कपूर
देहरादून। उत्तराखंड के संस्कृति निदेशालय द्वारा विज्ञप्ति जारी कर वृद्ध एवं विभिन्न कलाकारों, साहित्यकारों और लेखकों के लिए पेंशन योजना की अंतिम तारीख से पहले आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। जारी की गई विज्ञप्ति में बताया गया है। कि राज्य के कलाकारों साहित्यकारों लेखकों को जिन्होंने अपना पूरा जीवन कला साहित्य और संस्कृति पर समर्पित कर दिया तथा ख्याति प्राप्त की हो ऐसे लोग जो वृद्धावस्था में खराब स्वास्थ्य के कारण अपनी आजीविका उपार्जन करने में असमर्थ है । को मासिक पेंशन देने के उद्देश्य से उत्तराखंड वृद्ध एवं विपिन्न कलाकारों तथा लेखकों को मासिक पेंशन नियमावली 2010 के अनुसार जिनकी उम्र 60 साल से कम न हो तथा मासिक आय ₹3000 से अधिक न हो और उत्तराखंड राज्य के मूल निवासियों ऐसे कलाकार लेखक अपना आवेदन भरकर निदेशक संस्कृति निदेशालय एमडीडीए कॉलोनी चंदर रोड डालनवाला देहरादून को 25 जनवरी तक प्रेषित करना सुनिश्चित करें यही नहीं ऐसे आवेदक जिन्होंने पहले आवेदन कर लिया लेकिन प्रपत्र पूर्ण न होने के कारण पेंशन स्वीकृत ना हो पाई हो वह भी पुन: आवेदन कर सकते हैं। नीचे देखिए सरकार द्वारा जारी की गई।

गायत्री प्रजापति की मुश्किलें बढ़ती हुई आ रही नजर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। खनन घोटाले को लेकर बीते दिन प्रवर्तन निदेशालय ( ईडी) ने गायत्री प्रजापति के अमेठी वाले घर पर छापेमारी की थी। जिसमें कुल 11 लाख रुपये के पुराने नोट बरामद हुए हैं। इसके अलावा को 5 लाख रुपये के सादे स्टाम्प पेपर, डेढ़ लाख रुपये कैश और सौ से अधिक बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज़ मिले हैं।
दरअसल, बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय ने समाजवादी पार्टी की सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रजापति के अमेठी के आवास और दफ्तर पर छापा मारा था। खनन घोटाले के संबंध में हुई ये छापेमारी लंबे वक्त तक चली, जिसमें ईडी को कई दस्तावेज मिले हैं।
छापेमारी में ईडी को क्या मिला
ईडी को छापेमारी में जो दस्तावेज मिले हैं। उनसे पता चलता है। गायत्री प्रजापति की लखनऊ, कानपुर, मुंबई, सीतापुर समेत छह से ज्यादा शहरों में संपत्ति है। दावा है। कि यह सारी संपत्ति खनन की कमाई से बनाई गई है।
प्रवर्तन निदेशालय के खुलासे के अनुसार, कई बेनामी संपत्तियों में निवेश किया गया है। और यह बेनामी संपत्तियां करीबी रिश्तेदारों, निजी सहायकों और ड्राइवरों के नाम पर ली गई हैं।
सपा सरकार के दौरान हुआ था। घोटाला
आपको बता दें कि यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति अभी रेप के मामले में जेल में बंद हैं।साथ ही खनन के पट्टों के आवंटन मे धांधली के आरोप में उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई की जांच भी चल रही है। इस जांच के सिलसिले में गायत्री प्रजापति और उनके करीबियों पर कई बार छापेमारी हो चुकी है।
दरअसल, यूपी के अवैध खनन मामले की कोर्ट के आदेश पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच कर रही है।इसके अलावा प्रवर्तन निदेशालय भी इस मामले में एक्टिव हुआ है। इस मामले में एजेंसियों की नजर यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव पर भी है। अखिलेश यादव 2012 से 2017 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और 2012 से 2013 तक राज्य के खनन मंत्री रहे हैं। 2012 से 2016 के बीच अवैध खनन हुआ था।
इस मामले में पहले भी एजेंसियों ने कई अधिकारियों के यहां छापेमारी की थी।साथ ही कई शहरों में दस्तावेजों को खंगाला गया था।

कोरोना के नए स्ट्रेन ने गौतम बुद्ध नगर में दी दस्तक

गौतम बुद्ध नगर। कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन की दस्तक अब गौतमबुद्ध नगर में भी हो गई है। गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एल वाई ने कहा कि गौतमबुद्ध नगर में यूके से लौटे 188 लोगों की टेस्टिंग हुई जिसमें 2 लोग कोविड पॉजिटिव पाए गए और इनमें से 1 में कोरोना के नए स्ट्रेन की पुष्टि हुई है।
जिलाधिकारी सुहास एल वाई ने कहा कि यूनाइटेड किंगडम से गौतमबुद्ध नगर लौटे लोगों में से 2 कोरोना पॉजिटिव मिले जिसमें एक मरीज में कोरोना के नए स्ट्रेन की पुष्टि हुई है। उनके प्राइमरी कॉन्टेक्ट की ट्रेसिंग पहले ही की जा चुकी है, जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है।
इससे पहले बुधवार को उत्तर प्रदेश अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि जो लोग 9 दिसंबर के बाद यूनाइटेड किंगडम से लौटकर आए हैं। इनके सैंपल्स की जांच की जा रही है। अभी तक उत्तर प्रदेश में 2 ऐसे मामले पाए गए हैं। जिनमें कोविड के नए स्ट्रेन की पुष्टि हुई है. एक मेरठ से और एक मामला गौतमबुद्ध नगर से आया है।
यूनाइटेड किंगडम से शुरू हुआ कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन भारत में फैलता जा रहा है। अब तक दो दर्जन के करीब ऐसे केस दर्ज हो चुके हैं। जिनमें कोरोना के नए स्ट्रेन के लक्षण हैं। अकेले उत्तर प्रदेश में ऐसे 10 मामले सामने आ चुके हैं। जिसके बाद प्रशासन अलर्ट पर है।
उत्तर प्रदेश में जिन 10 लोगों में कोरोना के नए स्ट्रेन के लक्षण मिले हैं। उनमें मेरठ में एक, नोएडा में तीन, गाजियाबाद में दो और बरेली का एक व्यक्ति है। दो लोग ऐसे हैं। जो यूपी में आए हैं। हालांकि रहने वाले दिल्ली के हैं। हालांकि प्रदेश में सबसे पहले मेरठ में ही दो वर्षीय बच्ची में कोरोना का नया स्ट्रेन मिला था। जिसका परिवार यूनाइटेड किंगडम से वापस आया था। इस केस के सामने आने के बाद यूपी सरकार ने सभी जिलों को अलर्ट कर दिया है।
कहा जा रहा है। कि यूनाइटेड किंगडम से जितने लोग उत्तर प्रदेश में वापस आए हैं। उनमें से करीब 565 लोगों के मोबाइल बंद हैं। और उनका पता निकालने का काम किया जा रहा है। प्रदेश में अब तक यूके से लौटे 950 लोगों की जांच की जा चुकी है। जबकि अन्य की तलाश हो रही है और फिर जांच की जाएगी।

मेरठ: महिला की गला रेतकर हत्या, गिरफ्तार

मेरठ में महिला की गला रेतकर हत्या

लखनऊ। उत्तर-प्रदेश के मेरठ में एक महिला की हत्या का मामला सामने आया है। पुलिस ने हत्यारे को गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है। कि अवैध संबंधों के शक में एक प्रेमी ने अपनी महिला मित्र की गला रेतकर हत्या कर दी। ये सनसनीखेज मामला मेरठ के थाना ब्रह्मपुरी क्षेत्र का है। महिला हरिनगर इलाके में अपने परिवार के साथ रहती थी। और ब्यूटी पार्लर चलाती थी। 
पिछले कई साल से मृतक महिला के एक युवक के साथ अवैध संबंध थे। दोनों शादीशुदा होने के बावजूद एक-दूसरे को पसंद करते थे। ऐसा आरोप है कि महिला के अब किसी दूसरे शख्स के साथ भी अवैध संबंध बन गए थे। जिसकी वजह से ही उसकी हत्या हुई। 
अवैध संबंध में महिला की हत्या 
बस यही बात युवक को नागवार गुजरी और उसने अपनी प्रेमिका के घर में घुसकर गला रेत कर उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद इलाके में कोहराम मच गया। आसपास के लोग इकट्ठा हो गए और आरोपी को पकड़ लिया। हत्या की जानकारी मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची और आरोपी हत्यारे को गिरफ्तार कर लिया।
सीओ ब्रह्मपुरी अमित राय ने बताया कि पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। महिला का पति दिल्ली में नौकरी करता है। इस हत्या से पूरा परिवार खौफ और सदमे में है। पुलिस अब इस मामले की कानूनी कार्रवाई करने में जुटी है।

यूपी में अब नहीं मिलेगी कैदियों को पैरोल

यूपी में अब नहीं मिलेगी कैदियों को पैरोल

लखनऊ। उत्तर-प्रदेश की सरकार ने जेल में बंद कैदियों को लेकर बड़ा फैसला किया है। सजा पा रहे कैदियों को अब उत्तर प्रदेश पैरोल नहीं दी जाएगी। उत्तर प्रदेश के गृह विभाग ने ये आदेश जारी किया है।
गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर मामले की जांच कर रही एसआईटी ने प्रदेश सरकार से ऐसा करने की सिफारिश की थी। जिसके बाद अब राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों को ये आदेश जारी कर दिया है।
एसआईटी ने अपनी सिफारिश में कहा था। कि गंभीर अपराधों में सजा पाए हुए कैदी सामाजिक जीवन में रहने लायक नहीं हैं। ऐसे में उन्हें पैरोल देने से पहले विचार किया जाना चाहिए। सिफारिश में रेप, हत्या और अन्य गंभीर मामलों में सजा काट रहे कैदियों को पैरोल नहीं देने की बात कही थी।
आपको बता दें कि इसी साल कानपुर के बिकरू गांव में विकास दुबे और उसके साथियों ने आठ पुलिसवालों की हत्या कर दी थी। जिसके बाद वो एक हफ्ते तक फरार रहा, हालांकि बाद में पुलिस के साथ एनकाउंटर में मारा गया था। विकास दुबे पर करीब 60 से अधिक मामले थे। लेकिन फिर भी वो पैरोल पर बाहर था। 
इसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी गंभीर सवाल खड़े किए थे और कहा था। कि इतने गंभीर अपराधी को पैरोल कैसे मिली। जिसके बाद राज्य सरकार की काफी किरकिरी हुई थी।
आपको बता दें कि जो भी व्यक्ति जेल में सजा काट रहा होता है। उसे कुछ वक्त के बाद जेल में किए गए उसके व्यवहार के आधार पर पैरोल मिलने का अधिकार मिल जाता है। प्रशासन की ओर से कैदी के व्यवहार के आधार पर किसी कारणवश कैदी को पैरोल दी जा सकती है। यानी कुछ वक्त के लिए रिहा किया जा सकता है।

भारत में कोरोना के 21,822 नए मामले हुए

भारत में कोरोना के 21,822 नए मामले, 98.60 लाख से अधिक संक्रमणमुक्त
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। भारत में कोविड-19 के 21,822 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 1,02,66,674 हो गए जिनमें से 98.60 लाख से अधिक लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार 299 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 1,48,738 हो गई। आंकड़ों के अनुसार कुल 98,60,280 लोगों के संक्रमण मुक्त होने के साथ ही देश में मरीजों के ठीक होने की दर बढ़कर 96.04 प्रतिशत हो गई। वहीं कोविड-19 से मृत्यु दर 1.45 प्रतिशत है।
देश में लगातार 13 दिनों से उपचाराधीन लोगों की संख्या तीन लाख से कम है। अभी 2,57,656 लोगों का कोरेाना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 2.51 प्रतिशत है। भारत में सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर को 40 लाख के पार चली गई थी।
वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवम्बर को 90 लाख और 19 दिसम्बर को एक करोड़ के पार चले गए थे। भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार 30 दिसम्बर तक कुल 17,20,49,274 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई जिनमें से 11,27,244 नमूनों की जांच बुधवार को की गई।

3 कृषि कानूनों के खिलाफ पेश किया प्रस्ताव

केरल के सीएम ने केन्द्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विधानसभा में पेश किया प्रस्ताव

तिरुवनंतपुरम। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ बृस्पतिवार को विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया और केन्द्र में भाजपा नीत राजग सरकार पर निशाना सााधा।
किसानों के मुद्दों पर चर्चा करने और उनके साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए बुलाए गए एक घंटे के विशेष सत्र में यह प्रस्ताव पेश किया गया। विजयन ने प्रस्ताव पेश करते हुए नए कानूनों को तत्काल वापस लिए जाने की मांग की और कहा कि देश किसानों द्वारा किए इतिहास के अब तक के सबसे प्रभावशाली प्रदर्शनों में से एक को देख रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्र के कृषि कानून किसान-विरोधी और कॉरपोरेट को फायदा पहुंचाने वाले हैं। विजयन ने कहा कि प्रदर्शन के अंतिम 35 दिन में कम से कम 32 किसानों की जान गई है। उन्होंने कहा कि जब लोगों को उनके जीवन को प्रभावित करने वाले किसी मुद्दे को लेकर चिंता हो तब विधानसभाओं की यह जिम्मेदारी बनती है। कि वे इस पर गंभीरता से विचार करे।
उन्होंने कहा कि केन्द्र ऐसे समय पर यह विवादास्पद कानून लेकर आई है। जब कृषि क्षेत्र पहले से ही चुनौतियों का सामना कर रहा है। और इसलिए किसानों को चिंता है। कि वे मौजूदा समर्थन मूल्य का फायदा भी खो देंगे।

दिल्ली में फीका हुआ नए साल का जश्न, कर्फ्यू

दिल्ली में फीका हुआ नए साल का जश्न, 31 दिसंबर और एक जनवरी को नाइट कर्फ्यू लागू

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने कोविड-19 और इसके नए स्वरूप के संक्रमण के मद्देनजर 31 दिसंबर और एक जनवरी को रात 11 बजे से सुबह छह बजे तक रात्रिकालीन कर्फ्यू लागू कर दिया है। ताकि नववर्ष समाराहों में लोगों की भीड़ एकत्र न हो।
दिल्ली के मुख्य सचिव विजय देव द्वारा जारी आदेश के अनुसार, रात्रिकालीन कर्फ्यू 31 दिसंबर की रात 11 बजे से एक जनवरी की सुबह छह बजे तक और एक जनवरी की रात 11 बजे से दो जनवरी की सुबह छह बजे तक लागू रहेगा। आदेश में कहा गया है, कि रात्रिकालीन कर्फ्यू के दौरान सार्वजनिक स्थलों पर पांच से अधिक लोगों के एकत्र होने की अनुमति नहीं होगी। मुख्य सचिव ने आदेश में कहा कि दिल्ली में रात्रिकालीन कर्फ्यू के दौरान लोगों और सामान के अंतरराज्यीय आवागमन पर कोई रोक नहीं होगी।

इंटरव्यू: बेरोजगारी को दर्शाने का प्रयास किया

अश्वनी उपाध्याय 

गाजियाबाद। स्टोरीग्राम मिस्टिक फिल्म्स के बैनर तले बन रही लघु फिल्म “इंटरव्यू” युवाओं की सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी को दर्शाने का प्रयास किया जा रहा है। गाज़ियाबाद की उभरती युवा प्रतिभा शुभांगी और राहुल देव की जोड़ी ने इस लघु फ़िल्म का निर्माण किया जा रहा है। ख़ौफ़ जैसी फिल्मों में मुख्य किरदार निभा चुकी इस फ़िल्म की डायरेक्टर शुभांगी ने बताया कि हमारा बैनर पिछले तीन वर्षों से अलग अलग विषयों पर लघु फ़िल्म बना रहा है। इस बार हम गुरुवार के समय के सबसे ज्वलंत मुद्दे ‘बेरोजगारी’ को सामने ला रहे हैं। फ़िल्म के डायरेक्टर कम सिनेमेटोग्राफर राहुल देव ने बताया कि आज के समय युवाओं के पास रोजगार नहीं है। यूथ को इस समस्या का कोई हल दिखाई नहीं दे रहा है। स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। हमने अपनी फिल्म में यूथ के संघर्ष के ये सारे पहलू छूने के प्रयास किए हैं। फ़िल्म दो जनवरी को रिलीज होगी। फ़िल्म की कहानी सौरभ श्रीवास्तव ने लिखी है और मुख्य किरदार अभिषेक शर्मा निभा रहे हैं।

आप पार्टी की सरकार में समस्याओं का समाधान

अश्वनी उपाध्याय 

गाजियाबाद। आम आदमी पार्टी के सहप्रभारी और दिल्ली में विधायक सुरेंद्र कुमार ने प्रदेश की योगी सरकार पर तंज कसते हुये कहा कि प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने का दावा करने वाली भाजपा सरकार में किसान, श्रमिक, छात्र व युवा सर्वाधिक परेशान है। इन वर्गों की परेशानी केवल आप पार्टी की सरकार बनने पर ही संभव है। उन्होंने कहा कि प्रदेश को शिक्षित, स्वस्थ और विकसित प्रदेश बनाकर सही मायनों में उत्तम प्रदेश बनाने का काम आप पार्टी ही करेगी। उक्त विचार उत्तर प्रदेश आम आदमी पार्टी के सह प्रभारी चौधरी सुरेंद्र कुमार ने एक प्रेस वार्ता के दौरान कही। मोदीनगर में तिबड़ा रोड़ स्थित आम आदमी पार्टी कार्यालय पर आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान सहप्रभारी सुरेंद्र कुमार ने दावा किया कि आप के विधान सभा चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद से एक और जहां विपक्षी दलों खासकर भाजपा नेताओं में बेचैनी है। वहीं दूसरी ओर अन्य पार्टी के पदाधिकारी भी आम आदमी पार्टी से जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से आप सरकार दिल्ली की जनता को मुफ्त बिजली, पानी और चिकित्सा के साथ महिलाओं को बस यात्रा फ्री देने का काम कर रही है। उसी प्रकार उत्तर प्रदेश की जनता को भी आप सरकार सुविधाएं देने का काम करेगी। प्रदेश में पेट्रोल पर लगने वाले कर को कम कर लोगों को दिल्ली की तर्ज पर पेट्रोल मुहैया करायेगी। आम आदमी पार्टी प्रदेश में धर्म जाति की राजनीति के बजाए सर्व समाज के विकास और उन्हें मूलभूत सुविधाएं देने का काम करेगी।

अतिक्रमण मुक्ति के लिये विशेष अभियान चलाया

अश्वनी उपाध्याय 

गाजियाबाद। सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए नगर निगम द्वारा निरंतर विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। इस कड़ी में बुधवार को ट्रांस हिंडन में सरकारी भूमि पर किए गए अतिक्रमण की जांच करने पहुचे नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने स्वयं मौके पर खड़े होकर सरकारी भूमि की पैमाइश करवाई। ज्ञानी बॉर्डर पर चलाए गए अभियान के दौरान की गई पैमाइश में भू माफियाओं द्वारा अवैध रूप से नगर निगम की ज्ञानी बॉर्डर पर लगभग 6000 वर्ग मीटर भूमि चिन्हित की गई है। सरकारी भूमि को चिन्हित के नगर आयुक्त ने कब्जाधारियों को चेतावनी देते गाजियाबाद नगर निगम की भूमि को जल्द से जल्द खाली करने के निर्देश दिए।उक्त स्थान पर विवाद होने के इस दौरान अपर नगर आयुक्त आरएन पांडे प्रवर्तन दल प्रभारी दीपक शरण, संपत्ति अधीक्षक भोलानाथ, तहसीलदार परिवर्धन शर्मा, संबंधित पार्षद सहित नगर निगम के अधिकारी मौजूद रहे। साथ ही नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर द्वारा शहर का निरीक्षण कर मुख्य मार्गो और चौराहे पर कराए जा रहे कार्य के निरीक्षण के दौरान नगर आयुक्त द्वारा राजेंद्र नगर इंडस्ट्रियल एरिया का निरीक्षण किया गया। इस दौरान उद्योगपतियों द्वारा अपनी समस्या से नगर आयुक्त महोदय को अवगत कराया। जिसमें स्वास्थ्य विभाग प्रकाश विभाग व निर्माण विभाग की समस्याओं से अवगत कराया गया। नगर आयुक्त द्वारा समस्याओं के निस्तारण हेतु संबंधित अधिकारियों को आदेशित किया तथा औद्योगिक बंधुओं को भी सहयोग देने के लिए निर्देशित किया।

पुलिस स्टेशनो में भी प्रदूषण जांच सुविधा मिलेगी

बृजेश केसरवानी  

लखनऊ। उत्तर-प्रदेश में 1 जनवरी से वाहनों की प्रदूषण जांच महंगी हो जाएगी। गाड़ी मालिकों को दुपहिया से लेकर सभी तरह के वाहन के प्रदूषण की जांच के लिए अब दो गुना पैसा खर्च करना होगा। प्रदेश भर में ऐसे वाहनों की संख्या करीब तीन करोड़ है। प्रदूषण जांच केंद्रों की संख्या लखनऊ में 448 व प्रदेश में 1600 है। प्रदूषण जांच की नई दरें एक जनवरी 2021 से प्रदेश भर में लागू होगी। बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रण में करने के लिए गाड़ी मालिकों को हर छह माह और साल भर में वाहनों की प्रदूषण जांच करानी होती है। परिवहन विभाग ने प्रदेश भर के हर थाना क्षेत्र के भीतर एक प्रदूषण केंद्र स्थापित करने का लक्ष्य मार्च 2021 तक रखा है। ताकि दो व चार पहिया गाड़ी मालिकों को प्रदूषण जांच कराने में दिक्कत न हो। परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने बताया कि उत्तर प्रदेश ऑनलाइन मोटरयान प्रदूषण जांच केंद्र योजना के अंतर्गत खोलने की तैयारी है।

भाजपा: नई संगठनात्मक नियुक्तियां, केंद्रीय प्रभार

राणा ओबराय
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नई संगठनात्मक नियुक्तियां करते हुए सौदान सिंह को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का दायित्व सौंपा है। सौदान सिंह का केन्द्र चंडीगढ़ रहेगा और वह हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ राज्यों में भाजपा संगठन के साथ समन्वय करेंगे। भाजपा महासचिव और मुख्यालय प्रभारी अरुण सिंह की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने वी सतीश को संगठक के दायित्व पर नियुक्त किया है। सतीश, दिल्ली केन्द्र से संसदीय कार्यालय, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति मोर्चे के समन्वय के अलावा विशेष संपर्क के दायित्व का निर्वाह करेंगे। इसके अलावा शिव प्रकाश को राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री का दायित्व सौंपा गया है। शिवप्रकाश का केन्द्र भोपाल होगा और वह मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल राज्यों में भाजपा संगठन के साथ समन्वय करेंगे। भाजपा के ये तीनों ही वरिष्ठ नेता पूर्व में राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री थे।

स्वास्थ्य लाभ हेतु 'सुंदरकांड' का पाठ किया गया

बृजेश केसरवानी
प्रयागराज। भाजापा महानगर अध्यक्ष गणेश केसरवानी की अगुवाई में भाजपाईयो ने बंधवा स्थित बड़े हनुमान मंदिर के प्रांगण में आगामी नव वर्ष की मंगल कामना के साथ जग के कल्याण हेतु वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण से मुक्ति के लिए एवं कोरोना संक्रमण से ग्रसित पूर्व राज्यपाल पश्चिम बंगाल पंडित केशरी नाथ त्रिपाठी के स्वास्थ लाभ हेतू सुंदरकांड का पाठ कर हनुमान महाराज से कामना की गई। कार्यक्रम के संयोजक पंडित सतेंद्र तिवारी रहे। कामना करने वालों में भाजपा मनीष केसरवानी, राजेश केसरवानी, मनोज मिश्रा, गिरजेश मिश्रा, अनुपम शुक्ला, विशाल शर्मा, दीपक सिंह, सौरभ केसरवानी, नवल केसरवानी, शुभम त्रिपाठी, विनीत तिवारी, मोहित तिवारी, श्रीकांत केसरवानी, श्रंवेद्र मिश्रा, मुकेश लारा, अमित केसरवानी, विवेक मिश्रा, नरेंद्र जायसवाल, हिमालय सोनकर, अमर सिंह, मधुसूदन निषाद आदि सैकड़ों कार्यकर्ता गण उपस्थित रहे।

प्रयागराज: जनपद में धारा 144 लागू, फ्लैग मार्च

बृजेश केसरवानी
प्रयागराज। नव वर्ष के आगमन पर प्रयागराज जिला व पुलिस प्रशासन ने जिले में धारा 144 लागू कर दी है। इसका आदेश ना मानने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। होटल, रेस्टोरेंट, क्लब, बार, मॉडल शॉप तथा छोटे-बड़े गेस्ट हाउसों पर पुलिस की पैनी नजर रहेगी। वहीं मौज मस्ती के लिए युवा वर्ग के लोग जमुना और गंगा में नाव व वोट पर पार्टी मनाने के लिए पहुंचेंगे। ऐसे लोगों पर भी जल पुलिस के साथ स्थानीय पुलिस उन्हें रोकने के लिए घाटों के आसपास मुस्तैद रहेगी। जिला व पुलिस प्रशासन की ओर नाव पर किसी भी प्रकार पार्टी का आयोजन न करने की हिदायत दी गई है। उधर नए साल के आगमन पर किसी भी आयोजन के लिए नगर मजिस्ट्रेट के यहां आवेदन करने को कहा गया है उनके आदेश बिना कोई भी आयोजन मान्य नहीं होगा। अगर किसी जगह पर बिना आदेश के आयोजन करते पकड़ा गया तो उसके खिलाफ जिला व पुलिस प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा। 31 दिसंबर की रात से 1 जनवरी को सड़कों पर हुड़दंग करने वालों पर भी पुलिस की निगहबानी है। हर चौराहे पर सघन चेकिंग अभियान चलाने के निर्देश एसएसपी ने दे रखते हैं।
 इसी के तहत गुरुवार एसएसपी प्रयागराज सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने अपने नेतृत्व में सिविल लाइंस के सुभाष चौराहे से बस अड्डा तक पैदल चेकिंग अभियान चलाया।

यादव की पुण्यतिथि पर फूल अर्पित, श्रद्धांजलि

बृजेश केसरवानी
प्रयागराज। समाजवादी पार्टी के जिला कार्यालय जॉर्ज टाउन में आज महान समाजवादियों स्व राजनारायण एवं सपा के पूर्व जिला अध्यक्ष स्व जवाहर सिंह यादव की पुण्यतिथि पर दोनों नेताओं के चित्र पर फूल माला अर्पित कर सपा नेताओं एवं कार्यकर्ताओं द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। सपा नेताओं ने स्व राजनारायण को समाजवाद का प्रखर नेता बताते हुए कहा कि सिद्धांतों से समझौता नहीं करने और सादगीपूर्ण ढंग से जीवन जीने की शैली से वह हमेशा चर्चा में बने रहते थे। उनके आदर्शों से प्रेरणा लेनी चाहिए। वहीं पूर्व विधायक व पूर्व जिलाध्यक्ष स्व जवाहर सिंह यादव को समाज वाद का पुरोधा बताते हुए उनके साथ बिताए गए दिनों के तमाम संस्मरण सुनाते हुए आदर्श चरित्र और संघर्ष शील नेता बताया। इस अवसर पर सर्व श्री योगेश चन्द्र यादव, महानगर अध्यक्ष सैयद इफ्तेख़ार हुसैन,  एम एल सी डॉ मानसिंह यादव, जिला महासचिव संदीप पटेल,पूर्व सांसद धर्म राज पटेल, सत्यवीर मुन्ना,कमल सिंह यादव , पंधारी यादव, सत्य वीर मुन्ना, राम मिलन यादव, अनिल यादव, रवींद्र यादव रवि, कमला यादव, मंजू यादव, रेनू बालमिकी, महबूब उस्मानी, आर एन यादव, पप्पू लाल निषाद, , दान बहादुर मधुर,सै०मो०अस्करी , नाटे चौधरी, कुलदीप यादव, दिनेश, संतलाल वर्मा , किताब अली, सन्तोष यादव,राकेश यादव, जी एस यादव,नवीन यादव, आशुतोष त्रिपाठी, आशीष पाल, कृपा शंकर बिंद, सुरेंद्र केसरवानी, ननकऊ यादव,वीरु पासी,अभिमन्यू पटेल,रमाकान्त पटेल,ओ पी यादव,आशीष यादव,,रोहित यादव,रुपनाथ यादव,जयभारत यादव,हृदय मौर्या,पप्पू पासी,सै०मो०हामिद, मो०ज़ैद,राकेश वर्मा,ज़फर अहमद आदि नेतागण मौजूद रहे।

भू माफियाओं के खिलाफ एलडीए ने की कार्रवाई

सरवन कुमार सिंह 

लखनऊ । जिला प्रशासन और एलडीए की संयुक्त टीम ने बुधवार को सरोजनीनगर तहसील की सरसवां व सदर तहसील की मलेसे मऊ बार्डर पर गोमती नदी किनारे बिल्डरों द्वारा अवैध रूप से कब्जा की गई बड़े पैमाने पर कीमती जमीन पर कब्जा ले रहा है। लखनऊ विकास प्राधिकरण के अनुसार दो बिल्डरों ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया था। इस दौरान बिल्डरों से मौके पर एसडीएम व एलडीए के अधिकारियों से नोकझोंक होती रही।

बताया जाता है कि जमीन मलेसे मऊ के अंतर्गत प्राधिकरण की अधिग्रहित भूमि है और वर्तमान समय में जमीन प्राधिकरण के नाम दर्ज है। इस जमीन पर लंबे समय से कुछ किसानों द्वारा जहां खेती की जा रही थी वहीं बिल्डर द्वारा जमीन पर प्लॉटिंग व अपार्टमेंट बनाने की भी तैयारी की जा रही थी।प्लाटिंग से सटे एक बड़े भू-भाग पर बैरिकेडिंग की गई थी। मौके पर पहंचे एसडीएम सदर प्रफुल्ल त्रिपाठी, एसडीएम सरोजनीनगर किंशुक श्रीवास्तव तहसीलदार सरोजनीनगर ज्ञानेन्द्र सिंह, तहसीलदार उमेश सिंह, तहसीलदार एलडीए असलम ने भारी फोर्स के साथ जमीन पर कब्जा किया और बैरिकेडिंग व प्लॉटिंग को हटाने की कार्यवाही शुरू की।

गोमती नदी किनारे प्राधिकण ने अपनी अधिग्रहीत 90 एकड़ जमीन पर पिलर गाड़ कर कब्जा लेने की कार्यवाही को शुरू कर दिया है। एसडीएम प्रफुल्ल त्रिपाठी का कहना है कि पूरी जमीन की पैमाईश कराकर ही कार्यवाही की जा रही है। जो जमीन लखनऊ विकास की अवैध कब्जे में थी, उससे मौके पर कब्जा हटा कर जमीन पर पिलर गाड़ने की भी कार्यवाही की जा रही है। इस दौरान करीब 1500 करोड़ की जमीन खाली कराई जा रही है।

2 से वैक्सीन का ड्राई रन शुरू, स्वास्थ्य मंत्रालय

अकांशु उपाध्याय  

नई दिल्ली। कोरोना महामारी पर जीत पाने भारत अब और भी ज़्यदा मजबूत होता नजर आ रहा है वही कोरोना वैक्सीन को लेकर भारत अब लगातार एक कदम आगे बढ़ता जा रहा है। बता दे गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है। अब 2 जनवरी से देश के हर राज्य में कोरोना वैक्सीनेशन का ड्राई रन किया जाएगा। जानकारी अनुसार अबतक देश के 4 राज्यों में ही ऐसा ड्राई रन किया गया था। जिसमें पंजाब, असम, गुजरात और आंध्र प्रदेश में किया गया था। चारों राज्यों में ड्राई रन को लेकर अच्छे रिजल्ट सामने आए थे, जिसके बाद अब सरकार ने पूरे देश में इस ड्राई रन को लागू करने का फैसला किया है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार ड्राई रन में राज्यों को अपने दो शहरों को चिन्हित करना होगा। इन दो शहरों में वैक्सीन के शहर में पहुंचने, अस्पताल तक जाने, लोगों को बुलाने, फिर डोज देने की पूरी प्रक्रिया का पालन इस तरह किया जाएगा, जैसे वैक्सीनेशन हो रहा हो। साथ ही सरकार ने कोरोना वैक्सीन को लेकर जिस कोविन मोबाइल ऐप को बनाया है, उसका भी ट्रायल किया जाएगा। ड्राई रन के दौरान जिन लोगों को वैक्सीन दी जानी होती है, उन्हें SMS भेजा जाएगा। उसके बाद अधिकारियों से लेकर स्वास्थ्यकर्मी वैक्सीनेशन पर काम करेंगे। पूरे देश में ड्राई रन चलाने से पहले पंजाब, असम, गुजरात और आंध्र प्रदेश में ड्राई रन किया गया। पंजाब के लुधियाना और शहीद भगत सिंह नगर में इस दौरान पूरे सिस्टम को ऑनलाइन अपनाया गया। वैक्सीन के स्टोरेज से लेकर लोगों को जानकारी देने तक प्रक्रिया का ऑनलाइन तरीके से पालन किया गया। अन्य राज्यों में भी यही प्रक्रिया 28, 29 दिसंबर को अपनाई गई।

अंतिम चरण में हर घर टीका पहुंचाने की कोशिश

अकाशुं उपाध्याय  

 नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के टीकाकरण अभियान को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि कोरोना के टीके को लेकर देश में सभी जरूरी तैयारियां चल रही हैं। भारत में निर्मित कोविड का टीका हर घर तक पहुंचे, इसके लिए कोशिशें अंतिम चरण में है। प्रधानमंत्री मोदी ने यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की आधारशिला रखने के बाद उम्मीद जताई कि जिस प्रकार कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश ने एकजुटता दिखाई, उसी प्रकार टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के लिए भी पूरा भारत एकजुटता से आगे बढ़ेगा।

वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित इस समारोह में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन भी उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि साल 2020 में संक्रमण की निराशा थी, चिंताएं थी, चारों तरफ सवालिया निशान थे, लेकिन 2021 इलाज की आशा लेकर आ रहा है। वैक्सीन को लेकर भारत में हर जरूरी तैयारियां चल रही हैं। भारत में बना टीका तेजी से हर जरूरी घर तक पहुंचे, इसके लिए कोशिशें अंतिम चरणों में है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाने के लिए भारत की तैयारियां जोरों पर है। उन्होंने कहा,''मुझे विश्वास है बीते साल संक्रमण को रोकने के लिए हम ने जिस एकजुटता से प्रयास किए, उसी तरह टीकाकरण को सफल बनाने के लिए भी पूरा भारत एकजुटता से आगे बढ़ेगा।''

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में कोविड-19 के नए मामलों की संख्या कम हो रही है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि लोग लापरवाही बरतें।‘दवाई भी, कड़ाई भी’ का मंत्र देते हुए मोदी ने कहा कि अब दवाई भी लेनी है और कड़ाई भी बरतनी है। उन्होंने कहा कि दवाई मिल गई इसका मतलब ये नहीं की छूट मिल गई हो। ऐसा नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने एकजुटता के साथ उचित समय पर प्रभावी कदम उठाए और उसी का परिणाम है कि आज कोरोना के खलाफ लड़ाई में देश बहुत बेहतर स्थिति में हैं। उन्होंने कहा कि जिस देश में 130 करोड़ से ज्यादा लोग हों, घनी आबादी हों। वहां करीब एक करोड़ लोग इस बीमारी से लड़कर जीत चुके हैं। उन्होंने कहा कि मुश्किल भरे इस साल ने दिखाया है कि भारत जब एकजुट होता है तो मुश्किल से मुश्किल संकट का सामना भी वह प्रभावी तरीके से कर सकता है। 

मोदी ने कहा कि साल 2020 को राजकोट एम्स जैसी एक नई स्वास्थ्य सुविधा के साथ विदाई देना इस साल की चुनौती को भी बताता है और नए साल की प्राथमिकता को भी दर्शाता है। प्रधानमंत्री ने साल के अंतिम दिन कोरोना के खिलाफ लड़ाई में योगदान देने वाले देश के लाखों चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मियों, सफाई कर्मियों, दवा दुकानों में काम करने वालों, और दूसरे फ्रंट लाइन कोरोना योद्धाओं को याद किया और उन्हें नमन किया जिन्होंने इसमें प्राण न्योछावर कर दिए।

कुछ यादें जो अतीत बन जाती हैं.. 'विश्लेषण'

यदि किसी से पूछा जाए कि बीते हुए वर्ष का सार क्या होगा तो उसकी प्रतिक्रिया स्वाभाविक रूप से कोरोना से जुड़ी होगी। इसके उत्तर में संभवत: ‘कोरोना संकट अप्रत्याशित है’ या यह कि ‘दुनिया अब पहले जैसी नहीं रहेगी’ जैसी बातें सामने आएंगी। वैसे केवल यह साल ही नहीं, बल्कि विगत दो दशकों की शुरुआत और अंत भी काफी उथल-पुथल भरे रहे। नई सहस्राब्दि के पहले दशक का आगाज जहां वाइटूके बग के साथ हुआ और 2009 में उसका समापन एक वैश्विक आर्थिक संकट के साथ। परिणामस्वरूप दूसरे दशक की शुरुआत फीकी रही और और उसकी समाप्ति भी एक अनोखी आपदा के साथ हुई। इस प्रकार बीते 20 वर्षों के दौरान मानव जाति को डिजिटल से लेकर वित्तीय और अब स्वास्थ्य संकट से उत्पन्न गतिरोध से जूझना पड़ा।
यदि किसी साल का सिंहावलोकन करें तो उसका संबंध किसी एक घटनाक्रम तक सीमित नहीं रह सकता, भले ही वह घटना कितनी ही महत्वपूर्ण क्यों न रही हो? इस कड़ी में यदि इसी साल का उदाहरण लें तो यह वर्ष विरोध-प्रदर्शन, तल्खी और विसंगतियों के नाम रहा है। नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए के विरोध में हुए शाहीन बाग गतिरोध के बाद दिल्ली में दंगे हो गए। इससे पहले कि दंगों की आग बुझती उसके पूर्व ही कोरोना ने दस्तक दे डाली। अब जब हमें लगा कि बदतर दौर बीत गया तो कृषि कानूनों के विरोध की चिंगारी ने नए विवाद की आग भड़का दी है। विपक्षी दलों के साथ ही मीडिया का एक वर्ग भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यही आभास कराना चाहता है कि भारत तानाशाही की ओर उन्मुख है जबकि मेरा मानना है हम आदतन मत-विरोध वाले राष्ट्र के रूप में उभर रहे हैं। असल में हम समस्या से निदान के बजाय संभावित समाधान में ही मीनमेख निकालने लगते हैं।
विरोध प्रदर्शन का अधिकार किसी भी उदारवादी बहुलतावादी व्यवस्था का अपरिहार्य अंग है। हालांकि इस दिशा में हम अभी तक साधन और साध्य की पवित्रता के मर्म को आत्मसात नहीं कर पाए हैं। आखिर मार्ग अवरुद्ध करना या सार्वजनिक-निजी संपत्ति को क्षति पहुंचाना कैसे शांतिपूर्ण है? स्मरण रहे कि कोई भी लोकतंत्र विमर्श की धारा से ही विकसित होता है। ऐसे में विरोध प्रदर्शन का गैर-आंदोलनकारी स्वरूप विकसित करना और उनके शांतिपूर्ण प्रतिकार का दायित्व समाज और प्राधिकारी संस्थाओं का ही है। साथ ही यह भी महत्वपूर्ण है कि विरोध प्रदर्शन को अपने मूल तत्व से विमुख नहीं होना चाहिए, क्योंकि वही आंदोलन की आत्मा होता है। यूं तो लोकतंत्र में कोई सरकार आलोचनाओं से किनारा नहीं कर सकती, लेकिन आलोचना सही आधार पर ही की जाए। वैसे भी हमारे विकासशील और विविधीकृत समाज में सत्तासीनों पर निशाना साधना बहुत आसान है। बावजूद इसके यह एक त्रासदी ही है कि हमारा राजनीतिक विपक्ष अभी तक वाजिब विरोध के लिए सही आधार तलाशने में नाकाम रहा है।
जहां तक विकास की बात है तो जड़ता उसमें सबसे बड़ी बाधक और निष्क्रियता उस पर सबसे खराब प्रतिक्रिया होती है। हमारा देश दशकों तक आवश्यक मुद्दों की अनदेखी का भुक्तभोगी रहा है। उस दौरान अकर्मण्यता राज्य की नीति का आधार प्रतीत होती रही। अब जब उस यथास्थितिवाद को चुनौती दी जा रही है तो उसके पैरोकारों को हो रही परेशानी आश्चर्य की बात नहीं।
राजनीति केवल चुनाव जीतने का कौशल नहीं, बल्कि शासन करने की एक कला भी है। शासन में आप सभी का तुष्टीकरण करने के बजाय कुछ निर्णय करते हैं, कुछ विकल्प चुनते हैं। अपने दूसरे कार्यकाल के डेढ़ साल के भीतर ही तीन तलाक और अनुच्छेद 370 की समाप्ति, सीएए, श्रम सुधार, कॉरपोरेट कर में कमी, नई शिक्षा नीति और कृषि सुधारों के माध्यम से इस सरकार ने यही दर्शाया है कि वह ठोस परिवर्तनों को दिशा देने से हिचकेगी नहीं। क्या शिक्षित मध्य वर्ग इसकी ही अपेक्षा नहीं कर रहा था?
हाल में राहुल गांधी ने किसानों को हिंदुस्तान का प्रतीक बताया। निःसंदेह किसान हिंदुस्तान के अभिन्न अंग हैं, परंतु यह देश उससे कहीं बढ़कर है। मेरा मानना है कि शिक्षित मध्य वर्ग के बिना हिंदुस्तान की कल्पना बेमानी है। यह बात अलग है कि राजनीतिक अंकगणित में कमजोर होने के कारण इस वर्ग की अक्सर उपेक्षा होती है। जबकि चाहे वेतनभोगी हो या स्वरोजगारी, ग्रामीण हो या शहरी, यही शिक्षित मध्य वर्ग हिंदुस्तान का सच्चा पूरक और प्रतिनिधि है। राजनीतिक रूप से कमजोर होने के बावजूद इस डिजिटल युग में वे जनमत और छवि निर्माण करते हैं। वे भारत की आत्मा हैं और जो राष्ट्र अपनी आत्मा को संतुष्ट नहीं कर सकता वह कभी प्रगति नहीं कर पाएगा। वास्तव में यही वर्ग नीति निर्माण के केंद्र में होना चाहिए। सुनिश्चित हो कि किसी भी आंदोलन से उसका जीवन गतिरोध का शिकार न बने। यही तबका राष्ट्र का पहिया है जो कभी रुकना नहीं चाहिए। उन्हें साथ लाए बिना कोई कायाकल्प संभव नहीं।
ऐसा नहीं है कि तंत्र पर सवाल उठाने के लिए मुद्दों का अभाव है। स्वच्छता, कराधान, बुनियादी ढांचा, कानून एवं व्यवस्था, रोजगार, न्यायपालिका, सरकारी सेवाओं का वितरण एवं गुणवत्ता, नीतियों और उनके क्रियान्वयन में खामियों जैसे तमाम मोर्चों पर सुधार की गुंजाइश है। ऐसे में राजनीतिक विरोधियों के लिए यही उचित होगा कि वे विरोध के लिए सही तरीका और उचित आधार तलाशें। अगर विपक्ष की आलोचना शिक्षित मध्य वर्ग की सोच से मेल नहीं खाती तो इसका अर्थ यही है कि इस वर्ग को उसकी विश्वसनीयता और विवेक पर संदेह है।
यह स्पष्ट है कि मोदी सरकार देश के सामाजिक एवं आर्थिक परिदृश्य की कायापलट में बहुत तेजी दिखा रही है। कुछ लोग शायद उसकी विचारधारा से भले ही असहमत हों, परंतु वे सरकार पर यह आरोप नहीं लगा सकते कि वह कोई काम चोरी-छिपे कर रही है। वह अपने घोषित एजेंडे को मूर्त रूप देने के लिए संवैधानिक दायरे में ही काम कर रही है। उधर विपक्षी दलों का यदि यह दावा सही है कि सरकारी कदमों के समर्थन से ज्यादा लोग उनका विरोध कर रहे हैं तो वे इस असंतोष को भुनाते क्यों नहीं? कहावत है कि जिंदा कौमें पांच साल तक इंतजार नहीं करतीं, जबकि अब तो देश में कुछ महीनों के अंतराल पर कोई न कोई चुनाव होता ही रहता है। ऐसे में यदि सरकार से कोई नाराजगी है तो चुनावों में जनता उसे जता सकती है।
जो भी हो, हमारे देश को निष्क्रियता से अधिक सक्रियता की आवश्यकता है। कोई भी विचारधारा प्रगति की राह में अवरोध नहीं बननी चाहिए। संयम और मर्यादा विरोध प्रदर्शन में ढेर नहीं होनी चाहिए। आप दिन के प्रकाश का केवल इसलिए विरोध नहीं कर सकते कि वह अंधेरी दुनिया को रोशन करेगा।

चलती कार में नाबालिग से गैंगरेप, तीन अरेस्ट

रायपुर। 3 लोगों ने मिलकर नाबालिग युवती से चलती कार में गैंगरेप किया है। मिली जानकारी के मुताबिक नाबालिक मासूम का अपहरण कर चलती कार में गैंगरेप कर उसे जान से मारने की धमकी भी दी। पूरा मामला राखी थाना क्षेत्र का है जहां पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए गैंगरेप के मामले में अचनाकपुर, पाटन के 3 ज़मीन कारोबारियों को गिरफ्तार किया है।

बताया जा रहा है कि आरोपीयो के खिलाफ अपहरण, शादी का झांसा देकर बलात्कार,गैंग रेप सहित पास्को एक्ट की धाराओं में FIR दर्ज की गई है। बता दे कि नाबालिक मरोदा, भिलाई में साफ-सफाई का काम करती थी, जहां उसके मालिक के परिचित तीनो आरोपी आते थे।आरोपियों ने षड्यंत्रपूर्वक नाबालिक मासूम को नया रायपुर में अधिक पैसों में काम दिलवाने का लालच देकर उसे अप्रैल के माह में नया रायपुर लेकर आये और बारी-बारी से बलात्कार किया जिसके बाद नाबालिक अपने रिश्तेदार के यहाँ रहने चली गयी जहां 3 माह बाद उसे गर्भ ठहर जाने की जानकारी मिली।

सूचना आरोपियों को देने पर उन्होंने नाबालिक को शादी करवा देने का झांसा देकर धमतरी बुलाया जिसके बाद धमतरी से वापस अपनी TUV कार में बैठाकर उसे नया रायपुर लाये और चलती कार में उसके साथ गैंगरेप किया। राखी थाना प्रभारी ने बताया कि, नाबालिक मूलतः नेवई की रहने वाली है व उसके पिता का देहांत हो चुका है और माता ने दूसरी शादी कर ली है।

'संविधान' का रक्षक इंडिया समूह, भक्षक भाजपा

'संविधान' का रक्षक इंडिया समूह, भक्षक भाजपा  संदीप मिश्र  शाहजहांपुर। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि मौजूदा...