शुक्रवार, 18 दिसंबर 2020

अधिग्रहित भूमि पर कब्जा लेने पहुंची टीम लौटी बैरंग

अश्वनी उपाध्याय  

गाज़ियाबाद। जिले में लोनी स्थित टीला शहबाजपुर गांव में अधिग्रहित भूमि पर कब्जा लेने पहुंची गाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) टीम को ग्रामीणों के विरोध के चलते बैरंग लौटना पड़ा। ग्रामीणों का कहना है कि जीडीए ने उनकी आबादी की भूमि का जबरन अधिग्रहण कर लिया है। जबकि उन्होंने उस भूमि का मुआवजा भी नहीं उठाया है। जीडीए का कहना है कि ग्रामीणों ने अधिग्रहित भूमि पर चारदीवारी आदि बनाकर कब्जा कर लिया है। मामले को निपटाने के लिए जीडीए ने ग्रामीणों को वार्ता के लिए आमंत्रित भी किया।

गौरतलब है कि करीब तीस वर्ष पूर्व जीडीए ने अपनी इंद्रप्रस्थ आवासीय योजना के लिए टीला एवं बंथला गांवों की कई सौ एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया था। जिसकी एवज में किसानों को मुआवजे का भुगतान करने के बाद जीडीए ने अधिकांश अधिग्रहित भूमि पर कब्जा लेकर इंद्रप्रस्थ कॉलोनी विकसित कर ली है। जबकि तीन गैस संयत्रों को भी स्थापित करा दिया है। कुछ समय पूर्व ही जीडीए ने अधिग्रहित भूमि के एक भाग पर ओद्यौगिक भूखंड भी विकसित कर बेचे हैं। गांव की पुरानी आबादी के साथ अधिग्रहित सैकड़ों बीघा भूमि पर ग्रामीणों के मकान व घेर आदि बने हुए हैं। ग्र्रामीणों का कहना है कि यह उनकी पुरानी आबादी का ही हिस्सा है। जिसका ग्रामीणों ने मुआवजा भी नही उठाया है। जबकि जीडीए अधिकारियों का कहना है कि ग्रामीणों ने अधिग्रहण के बाद नई आबादी बना ली है। जिसका जीडीए पहले ही अधिग्रहण कर चुका था। इसी भूमि को लेकर ग्रामीणों एवं जीडीए के बीच विवाद चला आ रहा है।

शुक्रवार दोपहर जीडीए की टीम पुलिस बल के साथ इसी भूमि पर कब्जा लेने पहुंची थी। अधिकारियों ने तेजसिंह व सुरेन्द्र की दीवार भी गिरा दी थी, लेकिन इसी दौरान सैकड़ों ग्रामीण मौके पर एकत्र हो गए और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई का विरोध करने लगे। एसडीएम खालिद अंजुम खान भी मौके पर पहुंच गए। जिसके बाद ग्रामीणों ने जीडीए ओएसडी से मोबाइल पर संपर्क कर आबादी की भूमि को अधिग्रहणमुक्त करने की मांग की। मामले को वार्ता के माध्यम से निपटाने के लिए जीडीए अधिकारियों ने ग्रामीणों को वार्ता के लिए आमंत्रित किया है। एक सप्ताह में जीडीए एवं ग्रामीणों के बीच वार्ता होगी जिसके बाद मामले का निपटारा होने की संभावना बनेगी।

लोक निर्माण विभाग की हिस्सेदारी बढ़ी, आई तेजी

संदीप मिश्र   

लखनऊ। 50 करोड़ से अधिक की लागत की भवन परियोजनाओं का काम लोक निर्माण विभाग की ओर से कराए जाने के फैसले के बाद से ही लोक निर्माण विभाग में बड़ी इमारतों के बनाने की तैयारी तेज हो गयी है। इसके लिए लोक निर्माण विभाग के भवन सेल के ढांचे को और अधिक मजबूत किया गया है।इस सेल में चीफ इंजीनियर की तैनाती तो है ही, इसके साथ ही एक अधीक्षण अभियंता, एक अधिशासी अभियंता व 10 चुनिंदा सहायक अभियंताओं की तैनाती की जा चुकी है। स्वीकृत प्रस्तावित परियोजनाओं के कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए प्रक्रियात्मक कार्रवाई की जा रही है और कंसलटेंट आदि के चयन की प्रक्रिया सम्पन्न हो चुकी है ।

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि भवन से सेल को और अधिक मजबूत करते हुए नियमानुसार सभी औपचारिकताएं पूर्ण कर आगे की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। पूर्वांचल सम्भाग के अन्तर्गत आच्छादित मण्डल प्रयागराज, आजमगढ़, अयोध्या, देवीपाटन (गोण्डा), गोरखपुर, बस्ती, वाराणसी व विन्ध्याचल के अन्तर्गत रू0 2294.68 करोड़ की लागत से 14 कार्यों को कराये जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी है।

इसके अलावा पूरे प्रदेश मे 50करोड़ से अधिक अनेक परियोजनाओं की स्वीकृति प्रदान की गई है। पूर्वान्चल सम्मान के जिन कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गयी है उनमें जनपद कुशीनगर में जिला चिकित्सालय को उच्चीकृत कर राजकीय मेडिकल काॅलेज का निर्माण कार्य, अटल आवासीय विद्यालय गोरखपुर का निर्माण कार्य, अटल आवासीय विद्यालय बस्ती का निर्माण कार्य, जनपद गोण्डा में जिला चिकित्सालय को उच्चीकृत कर राजकीय मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य, अटल आवासीय विद्यालय गोण्डा का निर्माण कार्य, जनपद सुल्तानपुर में जिला चिकित्सालय को उच्चीकृत कर राजकीय मेडिकल काॅलेज का निर्माण कार्य, अटल आवासीय विद्यालय अयोध्या का निर्माण कार्य, अटल आवासीय विद्यालय आजमगढ़ का निर्माण कार्य, जनपद सोनभद्र के जिला चिकित्सालय को उच्चीकृत कर राजकीय मेडिकल काॅलेज का निर्माण कार्य, अटल आवासीय विद्यालय सोनभद्र का निर्माण कार्य, जनपद चन्दौली में जिला चिकित्सालय को उच्चीकृत कर राजकीय मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य,अटल आवासीय विद्यालय वाराणसी का निर्माण कार्य, जनपद कौशाम्बी में जिला चिकित्सालय को उच्चीकृत कर राजकीय मेडिकल काॅलेज का निर्माण कार्य तथा अटल आवासीय विद्यालय प्रयागराज का निर्माण कार्य सम्मिलित है।


लालगंज-प्रयागराज के लिए रोडवेज सेवा शुरू की

बृजेश केसरवानी   
मिर्जापुर। शिवमूर्ति नगर लालगंज से प्रयागराज के लिए रोडवेज की बस का संचालन शुरु कर दिया गया। परिवहन सचिव अखिलेश मिश्र व प्रवंध निदेशक राज्य सड़क परिवहन निगम धीरज साहू के निर्देश पर बस सेवा संचालन शुरू किया। शिवमूर्ति नगर(पतुलकी) से सुबह 6 बजे प्रयागराज के लिए व प्रयागराज से 9.30 बजे मिर्जापुर के लिए बस सेवा है।वहीं, मिर्जापुर से दोपहर 1:30 बजे प्रयागराज वाया जिगना मेजा होकर पुन: प्रयागराज से 5 शाम बजे शिवमूर्तिनगर पतुलकी के लिए चलेगी। इस सुविधा के शुरु होने से क्षेत्रीय लोगों को आवागमन की सुविधा मिलेगी।

किसान-गरीब ही नहीं मजदूर आ जाएगा सड़क पर

राणा ऑबरॉय
भिवानी। पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए तीन कृषि बिलों से न केवल देश का किसान प्रभावित होगा, बल्कि ये बिल गरीब और आम आदमी को भी भूखमरी के कगार पर ला देंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बड़े कॉरपोरेट घरानों के दबाव में ये कानून किसानों और आम जनता पर थोंप रही है। उन्होंने कहा कि देश का किसान और जनता केंद्र सरकार के मंसूबों को कामयाब नहीं होने देंगे।

पूर्व विधायकों की बैठक में आंदोलन को समर्थन

राणा ऑबरॉय
कुरुक्षेत्र। हरियाणा के पूर्व विधायकों की एक अहम बैठक का आयोजन किया गया जिसमें हरियाणा भर से विभिन्न पार्टियों के पूर्व विधायकों ने शिरकत की। पूर्व विधायकों की इस बैठक में किसान आंदोलन पर खूब मंथन किया गया। उन्होंने कहा कि पूर्व विधायकों का यह संगठन किसानों के साथ खड़ा है और खुले तौर पर उनको समर्थन करने के लिए धरने पर उनके बीच सोमवार को पहुंचेगा। पूर्व विधायक एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी ने कहा कि तीनों कृषि कानून किसानों के हित में नहीं है और सरकार को अपना अडियल रवैया छोड़कर उनको किसानों की मांग माननी चाहिए। 
 

अराजक तत्वों ने स्प्रेकर फसल को नष्ट किया

अतुल त्यागी, प्रवीण कुमार

हापुड़ में किसान के दो खेतों की फसल को अराजक तत्वों ने खेत में स्प्रे कराकर करा दी नष्ट
हापुड़। थाना बाबूगढ़ क्षेत्र के गांव में एक ऐसा मामला प्रकाश में आया है। जिसे सुनकर आप भी सोचने के लिए मजबूर हो जाएंगे। एक तरफ जहां अन्नदाता कड़कती ठंड में अपने गेहूं की फसल को उगाने के लिए दिन रात मेहनत कर रहा है। लेकिन अराजक तत्वों द्वारा किसान शिवराम पुत्र रामशरण निवासी गांव छपकोली के दो खेतों की फसल को नष्ट कराने की स्प्रे करा दी गई। अराजक तत्वों द्वारा किसान की हुई इस क्षति से किसान और उसका परिवार बेहद दुखी और परेशान दिखाई दे रहा है। जिसको लेकर किसान ने थाना बाबूगढ़ में पहुंचकर अराजक तत्वों के खिलाफ प्रार्थना पत्र देकर अपनी और अपने परिवार की जान माल की सुरक्षा की गुहार लगाई है। अब देखना यह है, कौन है। वह लोग जिन्होंने उजाड़ दी। किसान की फसल और पहुंचाना चाहते हैं। किसान को क्षति पुलिस कब तक करती है गिरफ्तार।

हापुड़: प्रतिबंधित आम के पेड़ों का कटान किया

अतुल त्यागी

हापुड़। जनपद के थाना बहादुरगढ क्षेत्र के आलमनगर का मामला है। आम के पेड़ों के ठेकेदार हो, तो तहसील गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र जैसे, नहीं तो ठेकेदारी नहीं कह लाई जा सकती। खेला गढ़मुक्तेश्वर वन विभाग के साथ आम के ठेकेदार ने एक बड़ा खेल। आम की कटान परमिशन की आड़ में खेला गया आंख में चोली का बड़ा खेल नहीं है। इस ठेकेदार के लिए कोई नियम या कानून, दिखाने के लिए परमिशन चंद पेड़ों की मगर पेश काट डाले परमिशन से भी अधिक। ठेकेदार के लिए सरकार के अभियान कोई मायने नहीं रखते, जनपद के थाना बहादुरगढ़ क्षेत्र के अंतर्गत गांव आलमनगर ने ठेकेदार परवेज ने दिखाने के लिए रखी। परमिशन लगभग 45 पेड़ों से ऊपर, काट डाले साइड से परमिशन से अधिक आम के पेड़, क्या सभी पेड़ फल देने योग्य नहीं थे, या ठेकेदार ने बांध डाली वन विभाग की आंखों पर ही पट्टी तब जाकर खेला गया। परमिशन की आड़ में इतना बड़ा खेल, बताया गया है कि ठेकेदार परवेज ने किया परमिशन की आड़ में बड़ा हल्ला बोल आम के पेड़ों के साथ। चलाई गई खुले आम के पेड़ों पर आरी और कुल्हाड़ी परमिशन की आड़ में, नहीं पड़ी भनक वन विभाग को मामले की चलती रहा किया। आम के पेड़ काटने वाले परवेज ठेकेदार ने अनोखा कर्तव्य, जब इस विषय पर गढ़मुक्तेश्वर वन विभाग से वार्ता की गई तब आया हरकत में, वन विभाग ने बताया कि अवैध तरीके से काटे गय आम की लकड़ी को कब्जे मे लेकर किसान व ठेकेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। वही बरामद लकड़ी पर जुर्माना किया गया है।

यमुना की छाती में जख्म कर रही पॉकलेन

यमुना की छाती में जख्म कर रही पॉकलेन 
अंकित गोस्वामी
गाजियाबाद। यमुना के दोनों भाई यम और शनि लाचार है। वहीं पिता सूर्य देव प्रदूषण के घने आवरण में यमुना की इस दुर्दशा का समाधान करने में विवश है। सही मायने में यह रामराज्य ही है। परंतु यह कौन सा राम है? इसका विश्लेषण करने की सख्त जरूरत है। गौरतलब हो कि लोनी विधानसभा क्षेत्र में यमुना नदी में बालू का अवैध खनन बदस्तूर जारी है। जाहिर-सी बात है कि मानक अनुरूप खनन किसी भी रूप में संभव नहीं है। अवैध खनन की जानकारी प्रशासनिक अमले के पास भी है। लेकिन गाढ़ी कमाई के चलते कोई कुछ नहीं करता है। इस में कथित पत्रकारों की भूमिका भी विशेष अहमियत रखती है। थोड़ा-सा अजीब लगेगा, लेकिन यही सच है। लोनी क्षेत्र में होने वाले अवैध खनन का ठीकरा पत्रकारिता के काले कारनामों के सिर ही फूटने वाला है। पुख्ता सबूतों के आधार पर आपको जानकारी देने की जरूरत है कि क्षेत्र में एक कथित पत्रकार अवैध खनन करने वालों से इस बाबत अवैध वसूली कर रहा है कि पत्रकार इस अवैध खनन के कार्यक्रम पर ना कुछ लिखेंगे ना कुछ बोलेंगे। क्षेत्र के सभी पत्रकारों के नाम पर अवैध उगाही की जा रही है। ऐसा नहीं है कि सभी 'दूध के धुले है' कुछ पत्रकार इस प्रकरण में संलिप्त भी हैं। हालांकि सभी को पत्रकारिता से परिभाषित करना न्यायसंगत नहीं होगा। प्रकरण की तह तक पहुंचने में अब अधिक समय नहीं लगेगा। आप लोगों के सामने जल्द ही 'दूध का दूध और पानी का पानी' करने का प्रयास किया जा रहा है। प्रशासनिक व्यवस्था और निरंकुश शासन के चेहरे से भी नकली नकाब हटा कर सभी के वास्तविक चेहरों से आपको रूबरू कराएगा, आपका 'यूनिवर्सल एक्सप्रेस'।

मॉडलिंग के नाम पर महिलाओं के पोर्न वीडियो

कैलिफोर्निया। महिलाओं के साथ हमेशा ज्यादती होती ही है। चाहे वो भारत हो या फिर विदेश ,कभी काम के नाम पर महिलाओं के साथ शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश या फिर किसी खास बजह को लेकर ब्लैक मेल करके उनके साथ शारीरिक संबंध बनाना और उसके बाद उनका वीडियो बनाकर पोर्न साईट पर अपलोड कर देना एक आम बात सी हो गयी है। बताना लाजमी है कि अश्लील सामग्री मुहैया करानेवाली वेबसाइट मुश्किल में फंस गई है।

कैलिफोर्निया में 40 महिलाओं ने उसके खिलाफ मुकदमा दायर किया है। महिलाओं ने उनकी अश्लील वीडियो से मुनाफा कमाने और पूरी सहमति के बिना पब्लिश करने का आरोप लगाया है। बताना लाजमी है कि गर्ल्स डू के खिलाफ आरोप है कि लड़कियों को मॉडलिंग के विज्ञापन का झांसा देकर शोषण करती थी। बाद में उन्हें बताया जाता कि विज्ञापन दरअसल वीडियो के लिए है।

उन्हें प्रलोभन देने के साथ पहचान गुप्त रखने का आश्वासन दिया जाता था। इसके अलावा, उनसे कहा जाता था कि उनके वीडियो को अपलोड नहीं किया जाएगा। महिलाओं का कहना है कि वीडियो बनाने के पीछे कंपनी का उद्देश्य उत्तरी अमेरिका में इंटरनेट पर दिखाने का था। पीड़ित महिलाओं में से कुछ ने शारीरिक प्रताड़ना और हिंसा का आरोप लगाया है। एक ने अपने साथ रेप होने की बात कही है। 

बतादें कि पीड़ित महिलाओं ने कहा कि सामग्री मुहैया करानेवाली एक साझेदार कंपनी के वीडियो से पोर्न हब ने मुनाफा कमाया। हालांकि, ये वास्तव में सेक्स ट्रैफिकिंग का ऑपरेशन चला रही थी। गौरतलब है कि पीड़ित सभी महिलाएं 'गर्ल्स डू ' शिकार बनी थीं। 2019 में गर्ल्स डू को अदालती आदेश के बाद एफबीआई ने बंद करा दिया था। उसके मालिक सेक्स के लिए महिलाओं पर दबाव डालने और वीडियो ऑनलाइन शेयर करने के सिलसिले में झूठ बोलने के दोषी पाए गए थे।

पीड़ित महिलाओं का कहना है कि हब और उसकी मूल कंपनी 'माइंड गीक' को मालूम था कि गर्ल्स डू का मामला क्या था मगर उसके बावजूद उन्होंने साझेदारी बनाए रखी। मुकदमा दायर करनेवाली महिलाओं ने हर्जाने के तौर पर प्रति दस लाख डॉलर रकम देने की मांग की है। महिलाओं ने कंपनी पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए बताया कि उन्होंने 2016 के बाद कई बार हब और माइंड गीक से शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

अदालती दस्तावेज से पता चलता है कि 2019 से लेकर और 2016 के आखिर में निश्चित रूप से माइंड गीक को गर्ल्स डू की कारगुजारियों का पता था। गर्ल्स डू कैसे महिलाओं के साथ धोखाधड़ी, जबरदस्ती, डरा धमका कर उनके साथ ट्रैफिकिंग करवा रहा था और जानकारी के बावजूद माइंड गीक ने उससे किनारा नहीं किया। दस्तावेज के मुताबिक, कंपनी अपना मुनाफा खत्म होने तक बिल्कुल लापरवाह बनी रही। महिलाओं का कहना है कि सेक्स ट्रैफिकिंग के आरोप के बावजूद वीडियो वेबसाइट पर कुछ दिनों पहले तक अपलोड थी। 

अंगूठा साहब पर बाबा राम सिंह को दी मुखाग्नि

5 फुट ऊंची बनाई गई अंगीठा साहब पर बाबा राम सिंह को दी जाएगी मुखाग्नि
राणा ओबरॉय   
करनाल।  किसान आंदोलन के समर्थन में सुसाइड नोट लिखकर खुद को गोली मारने वाले संत राम सिंह का अंतिम संस्कार थोड़ी देर में होगा। इससे पहले बीते दिन पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल समेत 10 हजार से ज्यादा लोगों ने संत राम सिंह के अंतिम दर्शन किए। अब उनके अंतिम संस्कार के लिए उनके पैतृक गांव सिंघड़ा में 5 फीट ऊंचे अंगीठा सहिब बनाये गए है। देश-दुनिया के हजारों लोग इकट्‌ठा हो रहे हैं।
बीते रोज भी करीब 10 हजार लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किए। आज यानी कि शुक्रवार को सुबह ग्‍यारह बजे से उनके अंतिम संस्‍कार की प्रक्रिया शुरू हुई । अंतिम संस्‍कार आज इससे दो दिन पहले ही करनाल के मेडिकल हॉस्पिटल में संत राम सिंह के शव का पोस्टमार्टम हुआ था।  बता दिया जाए कि, रामसिंह ने बीते बुधवार की शाम उस वक्‍त खुद को गोली मार ली, जब वह सिंधु बॉर्डर पर किसानों के साथ आंदोलनरत थे। 
65 वर्षीय संत राम सिंह करनाल जिले के गांव सिंघड़ा के रहने वाले थे। गांव में ही उनका डेरा भी है। वह खुद कई सिख संगठनों में अलग-अलग पदों पर रह चुके थे। वहीं दुनिया के अलग-अलग देशों में प्रवचन करने के लिए जाते थे। उनके हरियाणा-पंजाब के अलावा दुनियाभर में लाखों अनुयायी हैं। पिछले कई दिन से वह सोनीपत के सिंघु बॉर्डर चल रहे धरने में शामिल थे। वहां बुधवार को दोपहर बाद राम सिंह ने खुद को गोली मार ली थी।
एक शिष्य के मुताबिक इस खौफनाक कदम के उठाने से पहले उन्‍होंने कहा था। मैं किसानों की मौजूदा हालत से काफी दुखी हूं। सरकार के कानून किसानों को बर्बाद कर देंगे। मैं इस पीड़ा में ही जान दे रहा हूं। इसके कुछ ही देर बाद उनकी पार्थिव देह बरामद की गई। सूचना के बाद पुलिस ने उसे पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया। रात 11 बजे करनाल के मेडिकल हॉस्पिटल में संत राम सिंह के शव का पोस्टमॉर्टम हुआ। इसके बाद उनका पार्थिव शरीर श्रद्धालुओं के अंतिम दर्शनार्थ रखा गया। गुरुवार को 10 हजार से ज्यादा लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किए। पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादी भी संत राम सिंह के अंतिम दर्शन को पहुंचे वहीं इसके बाद शुक्रवार को अंतिम संस्कार से पहले भी अनुयायियों का आना लगातार जारी है।
करीब 2 दशक से राम सिंह के शिष्य गुलाब सिंह ने इस पूरी घटना को लेकर बात की। गुलाब सिंह के मुताबिक, 8-9 दिसंबर को ही बाबा राम सिंह ने करनाल में एक समागम किया, जिसमें किसान आंदोलन के लिए अरदास रखी गई। उन्होंने खुद भी आंदोलन में मदद के लिए पांच लाख रुपए गर्म कंबलों की सेवा दी। संत राम सिंह ने अपनी डायरी में किसान आंदोलन को लेकर दुख व्यक्त किया था। और कहा था कि अब उनसे ये देखा नहीं जा रहा है। इसके बाद वह आंदोलन वाली जगह आए। उन्होंने अपने साथ आए लोगों से स्टेज के पास जाने को कहा और खुद गाड़ी के पास चले गए। वहां अपने अंतिम नोट में लिखा कि इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए लोग नौकरी घर छोड़कर आ रहे हैं। ऐसे में मैं अपना शरीर समर्पित करता हूं।

कंगना के साथ आई उद्धव सरकार, सब हैरान

इस मामले में कंगना रनौत के साथ आई उद्धव सरकार, सब हुए हैरान
कविता गर्ग  
मुंबई।  कंगना रनौत को महाराष्ट्र की उद्धव सरकार स्पोर्ट कर रही है। ये सुनकर कोई भी हैरान हो जायेगा। क्योंकि कंगना के मुखर स्वभाव के कारण अगर इस समय कंगना का कोई सबसे बड़ा दुश्मन है। तो वो है। उद्धव सरकार, और ऐसे में अगर वही कंगना को स्पोर्ट करते दिखे तो किसी को भी हैरानी होगी ही।
दरअसल महाराष्ट्र सरकार ने गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रानौत के ट्विटर अकाउंट को स्थाई रूप से निलंबित किए जाने की मांग वाली याचिका का विरोध किया।  सरकारी वकील वाई पी याग्निक ने कहा कि याचिकाकर्ता अली काशिफ खान देशमुख द्वारा की गयी मांगें अस्पष्ट हैं। और याचिका को खारिज किया जाना चाहिए। 
स्थानीय वकील काशिफ खान देशमुख ने अपनी आपराधिक रिट याचिका में कहा कि ट्विटर के माध्यम से देश में नफरत फैलाने से रोकने के लिए रानौत के अकाउंट को स्थाई रूप से निलंबित या बंद करने का निर्देश दिया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता ने कहा कि ट्विटर जैसे मंच के दुरुपयोग को रोकने के लिए देश के दिशा-निर्देशों और कानूनों का पालन करने का भी निर्देश दिया जाना चाहिए। 
वकील ने रानौत और उनकी बहन रंगोली चंदेल के कई विवादास्पद ट्वीट का हवाला दिया जिनसे उन्होंने कथित तौर पर समुदायों और राज्य तंत्र के खिलाफ घृणा भड़काने की कोशिश की थी।  न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एम एस कर्णिक की खंडपीठ के समक्ष बहस करते हुए देशमुख ने कहा कि उन्होंने पिछले दिनों पुलिस और महाराष्ट्र के अधिकारियों को पत्र लिखकर कंगना रनौत और उनकी बहन रंगोली के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। 
देशमुख ने कहा कंगना रनौत के खिलाफ कई एफआईआर लंबित है। पहले भी उन्होंने अपने फायदे के लिए अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत का दुरुपयोग किया है। और वह अब किसानों आंदोलन के साथ भी ऐसा कर रही हैं। लेकिन जजों ने पूछा कि क्या यह याचिका जनहित याचिका (पीआईएल) है। 
देशमुख द्वारा इनकार करने पर उन्होंने कहा कि फिर हम किसी तीसरे पक्ष द्वारा किए गए दावों के आधार पर आपराधिक मामले में कैसे कार्रवाई कर सकते हैं। जो किसी भी तरह से व्यक्तिगत रूप से प्रभावित नहीं है। क्या यह जनहित याचिका है। यदि नहीं तो आपको व्यक्तिगत क्षति दिखानी होगी कि यह आपको कैसे प्रभावित कर रहा है। 

आंदोलन में शामिल एक और किसान की मौत

किसान आंदोलन में शामिल एक और किसान की मौत
रोहतक। कृषि कानून को लेकर चल रहे आंदोलन में लगातार किसान भाई अपनी जान गवा रहे है। गौरतलब है। कि ऐसी कड़कड़ाती ठंड में किसानो के लिए रोड पर रहे पाना थोड़ा मुश्किल है। उसके बाबजूद भी किसान भाई अपनी हक़ की लड़ाई लड़ रहे है। बताना लाजमी है। कि जो किसान शहीद हुए है। उनके परिवार वालों पर क्या गुजर रही होगी। इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है। बतादें कि बहादुरगढ़ किसानों के हित में संघर्षरत एक और किसान ने वीरवार को बलिदान दे दिया। भटिंडा के नथाना ब्लॉक निवासी जय सिंह टीकरी बॉर्डर पर आंदोलन में शामिल था। वीरवार सुबह जब वह नहीं उठा तो साथी किसानों ने चिकित्सक को बुलाया।
मृत घोषित होने पर जय सिंह के शव को शहर के नागरिक अस्पताल में भिजवा दिया गया। बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसान 27 नवंबर को टीकरी बार्डर पर आ डटे थे। इसके अगले ही दिन 28 नवंबर को यहां बाईपास पर कार में जलने से सहायक मैकेनिक जनकराज की मौत हो गई थी। जबकि 29 नवंबर की रात को तबीयत बिगड़ने से गज्जन सिंह की जान चली गई। 
फिर बीमार होने से गुरजंट, मेवा सिंह और लखबीर की जान चली गई। पांच दिसंबर को भी एक किसान की मौत हुई थी। लेकिन उसकी पहचान नहीं हो सकी। वीरवार 10 दिसंबर की रात को सीने में दर्द उठने के बाद आढ़ती के मुनीम कृष्ण लाल की मौत हो गई। वीरवार सुबह करीब 37 वर्षीय जय सिंह पुत्र कुलदीप निवासी भटिंडा पंजाब की हृदयघात से मौत हो गई।
उसके 14, 12 और 10 साल के तीन बच्चे हैं। इसके अलावा जींद निवासी 38 वर्षीय देवेंद्र सिंह को भी वीरवार का धरना समाप्त होने से पहले श्रद्धांजलि दी गई। दरअसल, देवेंद्र 7 दिन तक टीकरी बॉर्डर पर किसानों के साथ रहा और फिर तबीयत ज्यादा बिगड़ने के कारण 11 दिसंबर को घर चला गया। लेकिन पीजीआईएमएस रोहतक में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। वीरवार को कनाडा से टीकरी बॉर्डर स्थित धरनास्थल पर पहुंचे बलविंद्र सिंह ने किसानों को समर्थन देते हुए बताया कि वे अब तक किसान आंदोलन के दौरान असमय मृत्यु का शिकार हुए 11 किसानों के परिवार को 50 हजार की आर्थिक सहायता दे चुके हैं।
सरकार किसानों को कमजोर समझने की भूल ना करे और उनकी मांगें मानते हुए काले कानूनों को रद करे। आपको पता होगा कि अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चूका है। जिसको लेकर किसानो को उम्मीद है। कि उनको न्याय के मंदिर से न्याय जरूर मिलेगा। 

इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके

इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके  अखिलेश पांडेय  जकार्ता। इंडोनेशिया के पूर्वी प्रांत मालुकु में सोमवार के तेज झटके महसूस किए गए। इ...