शनिवार, 5 दिसंबर 2020

4 सीएम को राष्ट्रपति ने वक्त नहीं दिया

कृषि कानूनों पर कांग्रेस के 4 सीएम को राष्ट्रपति ने मिलने का वक्त नहीं दिया


नरेश राघानी


जयपुर। केंद्रीय कृषि कानूनों को लेकर एक तरफ दिल्ली में बड़ा आंदोलन छिड़ा है। वहीं, कांग्रेस इस मुद्दे पर लगातार भाजपा की घेराबंदी करने में जुटी है। प्रदेश में भी सीएम अशोक गहलोत किसान आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार पर तीखे हमले कर रहे हैं। शुक्रवार को भी इस मामले में गहलोत का बड़ा बयान सामने आया।
गहलोत ने कहा, ‘कृषि कानूनों को लेकर उन्होंने राष्ट्रपति से मिलने का वक्त मांगा था। लेकिन राष्ट्रपति ने उन्हें मिलने का समय नहीं दिया। केंद्र ने राज्य सरकारों, किसान संगठनों, कृषि विशेषज्ञों से बिना चर्चा किए तीनों कृषि बिल बनाए। इन्हें संसद में भी आनन-फानन में बिना चर्चा किए बहुमत के दम पर असंवैधानिक तरीके से पास कराया गया जबकि विपक्ष इन बिलों को सेलेक्ट कमेटी को भेजकर चर्चा की मांग कर रहा था।
केंद्र ने इन बिलों पर किसी से कोई चर्चा नहीं की जिसके चलते आज पूरे देश के किसान सड़कों पर हैं। नए कृषि कानूनों पर किसानों की बात रखने के लिए पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया।
फिर चारों कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा ताकि किसानों की बातें रख सकें। राष्ट्रपति ने फिर भी समय नहीं दिया। राष्ट्रपति की कोई मजबूरी रही होगी। केंद्र को अविलंब तीनों कृषि कानून वापस लेने चाहिए। माफी मांगनी चाहिए।                             


दूसरी से आठवीं तक का आधा कोर्स हटाया

दूसरी से आठवीं तक का आधा कोर्स हटाया, पहली के बच्चे करेंगे पूरी पढ़ाई; स्कूल खोलने के संकेत


नई दिल्ली। शिक्षा विभाग ने दूसरी से आठवीं तक के स्टूडेंट्स का सिलेबस कम कर दिया है। वहीं, एक बार फिर स्कूल खोलने के संकेत दिए हैं। विभाग ने बचे हुए सिलेबस के प्रत्येक पाठ के हिसाब क्लासेस तय करने के प्रस्ताव का भी जिक्र किया है। ये क्लासें तभी लग सकेंगी जब स्कूल फिर से शुरू होंगे। ऐसे में माना जा रहा है। कि सरकार स्कूल फिर से खोलने की अपनी मंशा पर कायम है। और कोरोना पर नियंत्रण के साथ ही स्कूल की घंटी फिर बजेगी।
पहली कक्षा के बच्चों की पूरी पढ़ाई
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एसआईईआरटी) की वेबसाइट पर यह सिलेबस दिया गया है। जहां से सभी स्टूडेंट्स व स्कूल संचालक डाउनलोड कर सकते हैं। मजे की बात है। कि कक्षा एक का पाठ्यक्रम कम नहीं करते हुए विभाग ने कहा है। कि इन बच्चों को पढ़ाने के लिए पर्याप्त अवसर उपलब्ध होने चाहिए। इस दृष्टि से कक्षा एक के सिलेबस को कम करना तर्कसंगत नहीं है। हालांकि गणित के कुछ चेप्टर पहली कक्षा से भी हटाये गए हैं।
कक्षा एक में बच्चों को वर्ण और मात्रा से परिचित होना है। दरअसल, कक्षा एक के अधिकांश बच्चों ने तो स्कूल देखी ही नहीं है। सरकारी स्कूल कक्षा एक से ही शुरू होते हैं। जो इस बार शुरू ही नहीं हुए। विभाग का मानना है कि शिक्षक को जैसे ही अवसर मिले वो बच्चों को मात्रा व वर्णमाला से परिचित करा दें। वैसे ये भी कहा गया है। कि शेष रहे कोर्स को दूसरी कक्षा में पूरा कराया जाए।
बचे हुए कोर्स के साथ बताए प्रस्तावित कालांश
दूसरी कक्षा से आठवीं कक्षा तक के स्टूडेंट्स के लिए विषयवार सूची जारी की गई है। जिसमें प्रत्येक पाठ का जिक्र करते हुए बताया गया है। कि यह पाठ्यक्रम से हटाया गया है या नहीं। अगर नहीं हटाया गया है तो उसके लिए कितने कालांश लगेंगे। जब विभाग ने कालांश लगाने की बात कही है। तो स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में स्कूल खोलने का संकेत भी दिया गया है। विभाग की सूची में प्रस्तावित कालांश की बात कही गई है। माना जा रहा है। कि शिक्षा सत्र आगे बढ़ाते हुए विभाग अगले एक महीने में स्कूल शुरू कर सकता है। शुरूआत में बड़ी क्लासेज शुरू होगी, जबकि बाद में दूसरी कक्षाओं का नंबर आ सकता है।
अब शिक्षा सत्र की तैयारी
अब शिक्षा विभाग यह तैयारी कर रहा है। अगले सत्र को कब शुरू करना है। और इस सत्र की परीक्षाओं को कब और कैसे आयोजित करना है। विभाग ने एक वर्कबुक भी तैयार की है। जो सरकारी व निजी स्कूल के बच्चों को दी जायेगी। इसी वर्कबुक के आधार पर शिक्षा विभाग आगामी परीक्षा भी ले सकता है। हालांकि अब तक यह स्पष्ट रूप से नहीं कहा गया है। वर्कबुक तैयार हो रही है। और प्रकाशन के अंतिम चरण में है। विभाग अगर लिखित परीक्षा लेता है। तो बच्चों को स्कूल बुलाना होगा ऐसे में स्कूलों को फिर से शुरू भी करना होगा।               


सिख अधिकारी के नाम पर पोस्ट ऑफिस

अमेरिकी सीनेट ने सिख पुलिस अधिकारी धालीवाल के नाम पर पोस्ट ऑफिस के नामकरण को दी मंजूर


वाशिंगटन। ह्यूस्टन के एक पोस्ट ऑफिस का नाम सिख पुलिस अधिकारी संदीप सिंह धालीवाल के नाम पर होगा। अमेरिकी संसद के उच्च सदन सीनेट ने सर्वसम्मति से नामकरण विधेयक को मंजूरी दे दी है। इससे पहले कांग्रेस के निचले सदन प्रतिनिधि सभा से ह्यूस्टन के 315 एडिक्स हावेल रोड स्थित पोस्ट ऑफिस का नाम डिप्टी संदीप सिंह धालीवाल पोस्ट ऑफिस बिल्डिंग करने की मंजूरी मिल चुकी है।
ह्यूस्टन का पोस्ट ऑफिस जाना जाएगा सिख अधिकारी के नाम से
कांग्रेस के दोनों सदनों से पास विधेयक को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के पास हस्ताक्षर के लिए व्हाइट हाउस भेजा जाएगा। गौरतलब है। कि पिछले साल नियमित जांच के दौरान वाहन रोकने पर 315 एडिक्स हावेल के पास सिख पुलिस अधिकारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। विधेयक के अमल में आने के बाद ह्यूस्टन स्थित धालीवाल पोस्ट ऑफिस को किसी भारतीय के नाम पर पुकारा जा सकेगा। इससे पहले दक्षिण कैलिफोर्निया में कांग्रेस सदस्य रहे दलीप सिंह सौंध को वर्ष 2006 में यह सम्मान मिला था।
अमेरिका के निचले सदन के बाद उच्च सदन से विधेयक पारित
धालीवाल 2015 में हैरिस काउंटी शेरिफ कार्यालय में कार्यरत सिख अमेरिकी अधिकारी को पहली बार पगड़ी के साथ कार्य करने की नियुक्ति मिली। पिछले साल 27 सितंबर को उन्होंने ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवानी पड़ी। धालीवाल के पिता प्यारा सिंह धारीवाल अपने बेटे के नाम पर पोस्ट ऑफिस का नाम रखे जाने की मिली मंजूरी से काफी खुश हैं. उन्होंने कहा हमारा परिवार बेटे के कार्यों के प्रति मिले प्यार और समर्थन का अभारी है। सांसद जॉन क्रोनिन ने भी ऐसे साहसी लोगों के सम्मान मिलने को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि बहादुर लोगों ने उनके समुदाय के लिए बहुत कुछ किया है। और पोस्ट ऑफिस का नामकरण आनेवाली नस्लों के लिए उनकी सेवा को दर्शाएगा।



                          


यूपीः सहायक शिक्षकों को नियुक्ति-पत्र मिला

यूपी सहायक शिक्षकों को मिले नियुक्ति पत्र, सीएम योगी बोलो


संदीप मिश्र


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख़्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को 69000 पदों पर यूपी शिक्षक भर्ती के नवनियुक्त 36,590 सहायक शिक्षकों को नियुक्ति पत्र का ऑनलाइन माध्यम से वितरण किया। उन्होंने नियुक्ति पत्र पाने वाले सहायक शिक्षकों शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी ने पांच शिक्षकों को नियुक्त पत्र दिया। वहीं ऑनलाइन माध्यम से राज्यस्तरीय कार्यक्रम को सम्बोधित किया। इस मौके पर नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों से सीएम योगी ने संवाद भी किया।
36,590 सहायक शिक्षकों को नियुक्ति पत्र का वितरण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी सहायक शिक्षक भर्ती के 69000 हजार पदों पर नियुक्त होने वाले 36,590 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया। इस दौरान उन्होंने ऑनलाइन माध्यम से सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जो नियुक्ति पत्र हमें डेढ़ साल पहले देना चाहिए था। वे कुछ लोगों की वजह से इतना देर से मिले।
उन्होंने कहा कि जिन शिक्षकों को हम आज नियुक्ति पत्र दे रहे हैं। वे समय पर नियुक्ति पत्र मिलने पर अब तक एक साल से ज्यादा तक की सेवा दे चुके होते। लेकिन कुछ लोगो ने चंदा वसूली करके न्यायालय में इस पूरी प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश की हालंकि सरकार लड़ती रही और जीती।
इसके अलावा उन्होंने ये भी बताया कि यूपी की प्राथमिक शिक्षा परिषद में जितने बच्चे हैं। उतने तो कई राज्यों में आबादी भी नहीं होगी लेकिन भाजपा की सरकार ने इन बच्चों को न केवल पढ़ाई और स्कूल से जोड़ा, बल्कि जूते बैग, किताबे ये सब देकर उन्हें प्रोत्साहित किया।                           


कैदी से जोड़ने की कोशिश नहीं कीः पाक

जाधव मामले को दूसरे भारतीय कैदी से जोड़ने की कोशिश नहीं कीः पाकिस्तान


इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने शुक्रवार को दावा किया कि उसने कुलभूषण जाधव मामले को एक अन्य भारतीय कैदी के साथ जोड़ने की कोई कोशिश नहीं की है। पाकिस्तानी विदेश कार्यालय का यह बयान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव की उस टिप्पणी के बाद आया है। जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान जाधव के मामले को एक अन्य भारतीय कैदी के मामले से जोड़ने की कोशिश कर रहा है। और पाकिस्तान इस मामले से संबंधित मूल मुद्दों का जवाब देने में नाकाम रहा है।
पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि भारतीय उच्चायोग के वकील शहनवाज नून ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट को बताया था। कि उप भारतीय उच्चायुक्त गौरव अहलूवालिया मौत की सजा पाए जाधव के लिए वकील नियुक्त करने पर भारत का रुख स्पष्ट करना चाहते हैं। नई दिल्ली ने कहा कि नून ने बिना अनुमति के यह बयान दिया है। और उन्होंने ऐसा पाकिस्तान प्रतिष्ठानों के दबाव में आकर किया।                     


कनाडा से अन्नपूर्णा को वापस लाएंगे पीएम

काशी से कनाडा पहुंची मां अन्नपूर्णा, वापस लाएंगे पीएम मोदी


वाराणसी। सात समंदर पार कनाडा में मिली मां अन्नपूर्णा की मूर्ति को लेकर बनारस में सुगबुगाहट तेज है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों बनारस के लोगों से वादा किया है। कि जल्द जी माता कि प्रतिमा को वापस लाया जायेगा। इसके बाद काशीवासियों का इन्तजार और बढ़ गया है। हर किसी के मन में चोरी हुई प्रतिमा को लेकर उत्सुकता देखी जा रही है।
पीएम के बयान के बाद बढ़ा श्रधालुओं का इंतजार
अन्नपूर्णा मंदिर के महंत रामेश्वरपुरी जी कहते हैं। कि पूरी काशी को मां अन्नपूर्णा देवी की प्रतिमा का बेसब्री से इन्तजार है। मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है। कि स्वदेशी आने पर प्रतिमा मंदिर प्रशासन को दीं जाये. हम इस प्रतिमा को मंदिर में स्थापित करेंगे। महंत रामेश्वपुरी जी के मुताबिक कनाडा में बरामद प्रतिमा के बारे में मंदिर के पास कुछ रिकार्ड मौजूद नहीं है। फिर भी पूरे विधि विधान से हम इस प्रतिमा को स्थापित करेंगे।
कनाडा से लाई जाएगी प्रतिमा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देव दीपावली के दिन राजघाट पर जनता को संबोधित करते हुए कहा था। कि जल्दी ही माता अन्नपूर्णा की मूर्ति आने वाली है। उनके इस एलान के बाद लोगों का इंतजार बढ़ गया है। लक्सा इलाके के रहने वाले रवि प्रकाश पाण्डेय नियमित तौर पर माता अन्नपूर्णा का दर्शन करते हैं। उनका कहना है। कि ज़ब से मैंने माता की नई प्रतिमा के बारे में सुना है,। उत्सुकता बढ़ गई है। प्रधानमंत्री से निवेदन है। कि जल्द से जल्द इस मूर्ति को वापस लाया जाये ताकि हमें माता का दर्शन मिल सके
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
कैसे कनाडा पहुंची मां अन्नपूर्णा की मूर्ति ।
माता अन्नपूर्णा अन्न की देवी मानी जाती हैं। इस मूर्ति का निर्माण बनारसी शैली में 18वीं शताब्दी में हुआ था। अन्नपूर्णा देवी की मूर्ति कनाडा के यूनिवर्सिटी ऑफ रेजिना स्थित मैकेंजी आर्ट गैलरी के कलेक्शन का हिस्सा थी। इस आर्ट गैलरी को 1936 में वकील नॉर्मन मैकेंजी की वसीयत के मुताबिक बनवाया गया था। पिछले साल विनिपेग में रहने वाली भारतीय मूल की आर्टिस्ट दिव्या मेहरा को मैकेंजी आर्ट गैलरी में प्रदर्शनी लगाने के लिए बुलाया गया था।
उन्होंने गैलरी में रखीं प्राचीन मूर्तियों का अध्ययन करना शुरू किया। उनकी नजर देवी अन्नपूर्णा की मूर्ति पर पड़ी। उन्होंने पहले सोचा कि यह भगवान विष्णु की मूर्ति है। लेकिन महिला रूप देखकर दिव्या मेहरा सोचने पर मजबूर हुईं। मूर्ति के एक हाथ में खीर का कटोरा था। और दूसरे हाथ में दंड. जब उन्होंने रिकॉर्ड्स खंगाला तो पता चला कि 1913 में एक मंदिर से ऐसी ही मूर्ति गायब हुई थी। जिसे मैकेंजी आर्ट गैलरी ने एक्वायर किया था।
क्या है। मां अन्नपूर्णा की महिमा 
धर्म और मोक्ष की नगरी काशी में माता अन्नपूर्णा के दर्शन का बड़ा ही महत्व है। ऐसी मान्यता है। कि माता अन्नपूर्णा का दर्शन करने मात्र से ही घर धन-धान्य और सुख-समृद्धि से भरा रहता है। खुद भगवान शिव ने माता अन्नपूर्णा से काशी के भरण-पोषण के लिए शिक्षा प्राप्त की थी। तब से माता अन्नपूर्णा दर्शन करते हुए अन्न की कमी नहीं होती है।                           


भारत टीके की 1.6 अरब खुराक खरीदेगा

भारत कोविड-19 टीके की 1.6 अरब खुराक खरीदने वाला सबसे बड़ा खरीदार होगा- विशेषज्ञ


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। वैश्विक विशेषज्ञों के विश्लेषण के मुताबिक भारत 1.6 अरब खुराक के साथ दुनिया में कोविड-19 टीके का सबसे बड़ा खरीदार होगा। वैज्ञानिकों का कहना है। कि इतने टीके से 80 करोड़ लोगों या आबादी के 60 प्रतिशत हिस्से का टीकाकरण हो जाएगा और हर्ड इम्युनिटी विकसित करने के लिए भी इतनी संख्या पर्याप्त होगी।
अमेरिका की ड्यूक यूनिवर्सिटी के ग्लोबल हेल्थ इनोवेशन सेंटर के मुताबिक भारत ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के टीके की 50 करोड़ खुराक अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स से एक अरब खुराक और रूस के गमालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट से 10 करोड़ खुराक खरीदने वाला है।
हर दो सप्ताह पर अद्यतन किए जाने वाले लॉन्च एंड स्केल स्पीडोमीटर विश्लेषण से पता चलता है। कि भारत ने तीनों टीके की 1.6 अरब खुराक खरीदने की पुष्टि की है। विश्लेषण के मुताबिक अग्रिम खरीदार के तौर पर कोविड-19 टीका खरीदारों के मामले में भारत शीर्ष पर है। इसके बाद यूरोपीय संघ है। जो 1.58 अरब खुराक खरीदेगा। संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका एक अरब से ज्यादा खुराक की खरीदारी पर मुहर लगा चुका है।
हर देश अपनी आबादी को कोरोना वायरस से सुरक्षित करने के लिए नयी रणनीति अपना रहे हैं। ड्यूक यूनिवर्सिटी ने कोविड-19 टीके की खरीदारी के लिए वैश्विक स्तर पर हुए समझौते के संबंध में विश्लेषण जारी किया है। हालांकि अब तक टीकाकरण की शुरुआत कहीं पर भी नहीं हुई है ।
ड्यूक यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अपने विश्लेषण में उल्लेख किया भारत और ब्राजील जैसे निर्माण क्षमता वाले देशों ने बाजार में टीके के आने के पहले ही अग्रणी टीका निर्माताओं के साथ इसको लेकर समझौते कर लिए हैं।
विषाणु विज्ञानी शाहिद जमील ने बताया सार्वजनिक रूप से उपलब्ध तथा अधिकारियों से बातचीत के आधार पर यह आंकड़ा तैयार किया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने नवंबर में कहा था। कि जुलाई-अगस्त 2021 तक भारत में (25 से 30 करोड़) लोगों के लिए कोविड-19 की 40-50 करोड़ खुराक उपलब्ध हो जाएगी। जमील ने बताया कि भारत ने जिन कंपनियों के टीके के लिए अग्रिम तौर पर आदेश दिया है। उसमें ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका तथा नोवावैक्स के टीके को पुणे में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया तथा स्पूतनिक वी के टीका को हैदराबाद के डॉ रेड्डी लैब में तैयार किया जा रहा है।
अशोका यूनिवर्सिटी में त्रिवेदी स्कूल ऑफ बायोसाइंसेज के निदेशक जमील ने कहा भारत बायोटेक और जायडस कैडिला भी वर्ष में करीब 40 करोड़ खुराक उपलब्ध कराएगी। हम उम्मीद कर सकते हैं। 2021 में 25 करोड़ लोगों का टीकाकरण हो जाएगा। बाकी लोगों को उसके अगले साल टीके की खुराक दी जाएगी। 
उन्होंने कहा कि 1.6 अरब खुराक से 80 करोड़ लोगों या भारत की आबादी के 60 प्रतिशत हिस्से का टीकाकरण हो जाएगा। विषाणु विज्ञानी ने कहा कि टीके की इतनी खुराक हर्ड इम्युनिटी’ विकसित करने के लिए पर्याप्त होगी। उन्होंने कहा कि पहली 50 करोड़ खुराक अग्रिम मोर्चे के कर्मियों स्वास्थ्यकर्मियों आपात सेवा और सुरक्षा सेवा के लोगों को दी जा सकती है। पहले से गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोग और 65 से ज्यादा की उम्र के लोग भी प्राथमिकता में रहेंगे।                            


भारतीय विशेषज्ञों ने नियमों को साझा किया

भारतीय विशेषज्ञों ने टीका विज्ञान के नियमों को किया साझा


नई दिल्ली। कोरोना वायरस के टीके को लेकर भले ही परीक्षण अंतिम चरण में पहुंच चुका हो लेकिन पिछले कुछ समय में सामने आई दो प्रतिकूल घटनाओं पर अब तक सरकार की ओर से स्पष्ट जवाब नहीं मिला है। कोरोना को लेकर पहली बार केंद्र सरकार के विशेषज्ञों ने सार्वजनिक रूप से टीका विज्ञान के बारे में जानकारी दी।
शुक्रवार को वेबिनार के दो घंटे के जरिए स्वास्थ्य मंत्रालय, आईसीएमआर और ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया के शीर्ष अधिकारियों ने टीका विज्ञान के तहत परीक्षण को लेकर निगरानी तक पर चर्चा की लेकिन इस दौरान जब देश की दो प्रतिकूल घटनाओं को लेकर सवाल किए गए तो उन्होंने स्पष्ट तौर पर बोलने से इनकार कर दिया। 
वेबिनार के दौरान आईसीएमआर की वरिष्ठ डॉक्टर शीला गोडबोले ने प्रेजेंटेशन के जरिए टीका के प्रभाविकता के बारे में बताया। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी डॉ. भंडारी ने कहा कि यह वेबिनार टीका विज्ञान की प्रक्रिया को समझाने के लिए है। इसमें प्रतिकूल घटनाओं को लेकर जानकारी नहीं दी जा सकती।
वेबिनार के दौरान ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया डॉ. वीजो सोमानी ने बताया कि टीका विज्ञान को लेकर देश में अब तक सभी नियम-कानूनों का पालन किया जा रहा है। सबसे पहले टीका का परीक्षण जानवरों पर किया जाता है। इसके बाद पहले चरण के परीक्षण में देखा जाता है। कि इंसानों के शरीर में एंटीबॉडी मिल रही है। या नहीं। 
इसके बाद दूसरे चरण के परीक्षण में एंटीबॉडी कितने समय तक रहने की स्थिति का पता लगाया जाता है। और तीसरे चरण के परीक्षण में यह पता लगाया जाता है। कि टीका कितना असरदार है। इसके बाद लाइसेंस की प्रक्रिया शुरू होती है। तो आखिर में पोस्ट मार्केटिंग स्टडी के आधार पर परीक्षण होता है।
परीक्षण में शामिल होेने वाले व्यक्ति को फॉर्म दिया जाता है। जिसमें सभी तरह के नियम और प्रतिकूल की आशंकाओं के बारे में जानकारी होती है। अगर कोई प्रतिकूल घटना होती है। तो एक महीने के अंदर उसकी जानकारी निचले स्तर से होते हुए ड्रग कंट्रोलर तक पहुंचाते हैं। 
परीक्षण के दौरान हुईं ये दो प्रतिकूल घटनाएं
भारत बायोटेक की ओर से स्वदेशी टीका बनाने पर काम किया जा रहा है। अगस्त माह में पहले चरण के परीक्षण के दौरान एक व्यक्ति में प्रतिकूल प्रभाव दर्ज किए गए थे। हालांकि इसके बारे में जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई थी।
सीरम इंस्टिट्यूट के तीसरे चरण के परीक्षण में एक अक्तूबर को चेन्नई निवासी व्यक्ति ने टीका लगवाया और 11 अक्तूबर को सुबह साढ़े पांच उसे तेज सिरदर्द शुरू हुआ। हालांकि इसको लेकर भी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई।
अब तक 12 करोड़ रुपये का दिया हर्जाना
डॉ. सोमानी ने बताया कि कोरोना से पहले तक देश में काफी संख्या में मानव परीक्षण होते आए हैं। हर परीक्षण में शामिल व्यक्ति को अगर प्रतिकूल घटना होती है। तो संबंधित कंपनी की ओर से भरपाई की जाती है। अब तक 12 करोड़ रुपये अलग-अलग परीक्षणों के दौरान दुष्प्रभावों के शिकार व्यक्तियों के परिवारों को मिल चुका है।                 


यूपीपीसीएल में नौकरी के लिए करें आवेदन

यूपीपीसीएल दे रहा है सरकारी नौकरी का मौका, जानिए किस तरह करें आवेदन


पालूराम


नई दिल्ली। सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए यूपीपीसीएल सुनहरा मौका लेकर आया है। यह मौका खासकर उन युवाओं के लिए है। जोकि इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर सरकारी नौकरी की तलाश कर रहे हैं। यूपीपीसीएल यानि कि उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने जूनियर इंजीनियर के पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे हैं। यह आवेदन प्रक्रिया चार दिसंबर 2020 से शुरू होगी जबकि आवेदन करने की अंतिम तिथि 28 दिसंबर 2020 होगी। इस नौकरी के लिए निकाले गए कुल पदों की संख्या 212 है। आवेदन करने के लिए आपको यूपीपीसीएल की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा
इन पदों पर भर्ती के लिए उम्मीदवार का किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड/संस्थान/विश्वविद्यालय से दसवीं के साथ तीन वर्षीय पॉलिटेक्निक डिप्लोमा अनिवार्य है। उम्मीवार ने इलेक्ट्रिकल या इलेक्ट्रोनिक्स एंड टेलिकम्युनिकेशन में डिप्लोमा किया हो। वहीं अगर बात करें आयु सीमा की तो उम्मीदवार की आयु कम से कम 18 साल और अधिकतम 40 साल होनी चाहिए। आयु की गणना 01 जनवरी 2020 के आधार पर की जाएगी। वहीं आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को अधिकतम आयु सीमा में नियमानुसार छूट दी जाएगी।
इन पदों पर आवेदन करने के लिए आपको आवेदन शुल्क के रूप में सामान्य और ओबीसी वर्ग के उम्मीदवारों को 1000 रुपये आवेदन शुल्क देना होगा। वहीं एससी/एसटी वर्ग के उम्मीदवारों को 700 रुपये का शुल्क अदा करना होगा। उम्मीदवारों को ध्यान रखना होगा कि ऑनलाइन मोड में, यानी नेट बैंकिंग/क्रेडिट कार्ड/डेबिट कार्ड के जरिए शुल्क का भुगतान 28 दिसंबर तक किया जा सकता है। जबकि एसबीआई चालान के माध्यम से 30 दिसंबर तक शुल्क का भुगतान कर सकते हैं।
ऑनलाइन आवेदन करने के लिए उम्मीदवार यूपीपीसीएल की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने से पहले वेबसाइट पर आवेदन के दिशानिर्देशों और योग्यताओं के बारे में विस्तृत नोटिफिकेशन जरूर पढ़ें तत्पश्चात ही अपनी योग्यता सुनिश्चित होने पर ही आवेदन करें।                                       


नोएडा के बाद पूर्वांचल में बनेगी फिल्म सिटी

नोएडा के बाद पूर्वांचल में भी बनेगी फिल्म सिटी


हरिओम उपाध्याय


लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विश्वस्तरीय फिल्म सिटी बनाने के एलान के बाद शिवसेना को भले ही मुंबई से बॉलीवुड के खत्म होने का खतरा महसूस हो रहा है। लेकिन शूटिंग के मामले में फिल्मकारों को यूपी पसंद आने लगी है। सूबे में फिलहाल, करीब डेढ़ सौ फिल्मों की शूटिंग हो रही है। इससे योगी सरकार ने फिल्म सिटी का दायरा बढ़ाते हुए पूर्वांचल में भी एक फिल्म सिटी बनाने की योजना पर गंभीरता से सोचना शुरू किया है। पूर्वांचल में वाराणसी से सटे मिर्जापुर में फिल्म सिटी बनने की ज्यादा संभावना है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आधिकारिक टीम के साथ दो दिन पहले मुंबई दौरे पर आए राज्य के अपर मुख्य सचिव (सूचना) नवनीत सहगल ने अमर उजाला से खास बातचीत में बताया कि फिल्म सिटी को लेकर मुख्यमंत्री काफी गंभीर हैं। इसलिए पूर्वांचल मे वाराणसी के नजदीक भी फिल्म सिटी बनाने की योजना पर काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि फिल्म सिटी के लिए 500 एकड़ जमीन की तलाश की जा रही है। सहगल ने संकेत दिया कि मिर्जापुर में भी फिल्म सिटी बनने की संभावना है। ऐसा होने पर काशी का क्षेत्र फिल्म उद्योग का बड़ा केंद्र बन सकता है।
यूपी में चल रही है। डेढ़ सौ फिल्मों की शूटिंग
नवनीत सहगल ने बताया कि यूपी में रियल लोकेशन पर मौजूदा समय में करीब 150 फिल्मों की शूटिंग चल रही है। हाल ही में जॉन अब्राहम की लखनऊ में सत्यमेव जयते पार्ट -2 की शूटिंग लखनऊ में जारी है। सुपर स्टार अमिताभ बच्चन की गुलाबो-सिताबो भी लखनऊ में शूट हुई। गुंजन सक्सेना की भी एक फिल्म की शूटिंग के अलावा कई वेब सीरीज की शूटिंग भी चल रही है। फिल्मकारों को फिल्मबंधु के माध्यम से सब्सिडी भी दी जा रही है।
इतने बड़े प्रदेश में दो फिल्म इंडस्ट्री जरूरी राजू श्रीवास्तव
नोएडा में फिल्म सिटी की योजना से पहले लखनऊ-कानपुर मार्ग पर भी फिल्म सिटी का शिलान्यास हुआ था। चित्रकूट के पास भी फिल्म सिटी के लिए जमीन देखी गई थी। लेकिन पहले के प्रयास को सफलता नहीं मिली। लेकिन इस बार मुख्यमंत्री फिल्म सिटी को लेकर गंभीर है। आश्चर्य की बात है। कि इतने बड़े प्रदेश में एक भी फिल्म सिटी नहीं है। प्रदेश की जनसंख्या और कलाकारों की संख्या को देखते हुए कम से कम दो फिल्म सिटी तो बननी ही चाहिए।               


विभाग को राजस्व वसूली में उपलब्धि मिलीं

आबकारी विभाग का मिशन-राजस्व वसूली में बड़ी उपलब्धि


अरविंद कुमार सैनी


मुजफ्फरनगर। जनपद की ही बात करें तो यहां पर आबकारी विभाग शासन के निर्धारित लक्ष्य से भी अधिक राजस्व प्राप्त करने में सफल रहा है। मुजफ्फरनगर, कोरोना काल में पनपे आर्थिक संकट के दौरान नई व्यवस्था के साथ आर्थिक मोर्चे पर सामने आई चुनौतियों से निपटने में महती भूमिका निभाने वाले आबकारी विभाग ने कोरोना संकट काल में अनलाॅक के हर मौके को उपलब्धि में बदलने का काम किया है। अकेले मुजफ्फरनगर जनपद की ही बात करें तो यहां पर आबकारी विभाग शासन के निर्धारित लक्ष्य से भी अधिक राजस्व प्राप्त करने में सफल रहा है। राजस्व प्राप्ति के लक्ष्य को भेदने के साथ ही मुजफ्फरनगर जनपद में आबकारी विभाग ने शराब माफियाओं की भी कमर तोड़ने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है। बीते तीन महीनों में मुजफ्फरनगर आबकारी विभाग ने 1396 छापामार कार्यवाही करते हुए अवैध शराब का कारोबार करने में लिप्त लोगों के खिलाफ 180 मुकदमे दर्ज कराये और 40 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। इन कार्यवाहियों के दौरान 1750 बल्क लीटर अवैध मदिरा बरामद की गयी। इन तीन महीने में मुजफ्फरनगर जनपद से आबकारी विभाग द्वारा कुल 91 करोड़ 45 लाख 61 हजार रुपये का राजस्व शासन के पक्ष में वसूल किया। जिलाधिकारी मार्च माह में जब कोरोना संकट का साया गहराया तो लाॅक डाउन में प्रदेश सरकार के समक्ष आर्थिक संकट भी विकराल होने लगा था, ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मार्गदर्शन और आबकारी मंत्री रामनरेश अग्निहोत्री, आबकारी विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय आर. भूसरेड्डी एंव आबकारी आयुक्त पी गुरु प्रसाद के नेतृत्व में आबकारी विभाग ने आर्थिक संकट के इस दौर को अवसरों में बदलने का काम किया है। आबकारी विभाग ने यूपी में सेनिटाइजन निर्माण के लिए नई व्यवस्था के साथ काम किया तो लाॅक डाउन में ही शराब की बिक्री की व्यवस्था में बेहतर सफलता अर्जित की गयी। इसका असर यह रहा कि यूपी सरकार ने नई उपलब्धियों के साथ आर्थिक मोर्चे पर राज्य को मजबूती प्रदान की और इस उपलब्धि में मुजफ्फरनगर आबकारी विभाग का भी योगदान कमतर नजर नहीं आता है, आज जहां कमोबेश सभी विभाग राजस्व प्राप्ति के सरकार के लक्ष्य को हासिल करने में दूर खड़े नजर आते हैं, वहीं जनपद मुजफ्फरनगर में जिला आबकारी अधिकारी उदय प्रकाश ने अपनी टीम के साथ मिलकर शासन के लक्ष्य से अधिक राजस्व प्राप्त करके ऐसे विभागों को आईना दिखाने का काम किया है। यह उनकी कार्यशैली का ही परिणाम है कि आज जिले में आबकारी विभाग पिछले दो माह में शासन के लक्ष्य से अधिक राजस्व प्राप्त करने में सफल रहा है।               


पांचवे दौर की बैठक में नहीं निकला हल

किसान आंदोलन पांचवें दौर की बैठक


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर जमे किसान संगठनों और सरकार के बीच पांचवें दौर की बातचीत होगी। गुरुवार को हुई चौथे दौर की बातचीत में कोई सहमति नहीं बन पाई थी। किसान संगठन कानून को पूरी तरह वापस लेने पर अड़े हैं। इसके लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की भी मांग की गई है। 
आज होने वाली बातचीत से पहले फिर केंद्र सरकार पर दबाव डालने की कोशिश की है। शुक्रवार को सिंघु सीमा पर हुई महापंचायत के बाद किसान संगठनों ने आठ दिसंबर को भारत बंद का एलान किया। इसके साथ ही चेतावनी दी कि यदि नए कृषि कानून वापस नहीं लिए गए तो किसानों के हक में पूरा भारत बंद होगा। साथ ही देशभर के सभी टोल फ्री कर दिए जाएंगे। बृहस्पतिवार को हुई चौथे दौर की वार्ता  बेनतीजा रहने के बाद शुक्रवार को लगातार नौंवे दिन किसान दिल्ली की विभिन्न सीमाओं बैठे रहे।
कृषि कानूनों पर बृहस्पतिवार को सरकार से हुई बातचीत पर चर्चा के लिए शुक्रवार सुबह पहले सिंघु बॉर्डर पर पंजाब के किसान संगठनों की बैठक हुई। इसके बाद देशभर से आए किसान नेताओं ने बैठक कर शनिवार की वार्ता के लिए रणनीति बनाई। बैठक के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने बताया, सरकार कानूनों में संशोधन के लिए तैयार है। लेकिन हमने साफ कहा है। कि इन्हें वापस लेना होगा। किसान नेता हरिंदर पाल लखोवाल ने कहा सरकार से कह दिया गया है। कि कानून वापस लें। यदि मांग पूरी नहीं होती तो आठ दिसंबर को भारत बंद किया जाएगा। वहीं शनिवार को पूरे देश में सरकार और कॉरपोरेट के पुतले जलाए जाएंगे। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा शनिवार को अगर सरकार हमारी बात नहीं मानती तो आंदोलन और बढ़ाएंगे। अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हनान मोल्लाह ने कहा सरकार को तीनों कानूनों को वापस लेना होगा। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा जब तक सरकार किसानों की बात नहीं मानती आंदोलन जारी रहेगा। 
तीनों कृषि कानून जरूरी हैं। हम इन्हें रद्द करने की मांग से हम सहमत नहीं हैं। हालांकि इन कानूनों में व्यापक बदलाव की जरूरत है। एमएसपी की गारंटी देनी होगी। कॉरपोरेट क्षेत्र को दिए असीमित अधिकार स्वीकार नहीं हैं। इन कानूनों में छोटे किसानों के हितों की रक्षा की बात नहीं की गई है। दिनेश कुलकर्णी राष्ट्रीय संगठन मंत्री भारतीय किसान संघ
बॉक्सिंग कोच संधू लौटाएंगे द्रोणाचार्य अवार्ड
किसानों के समर्थन में शुक्रवार को भी हस्तियों ने पुरस्कार और सम्मान वापस किए। भारत को पहला ओलंपिक मेडल दिलाने वाले राष्ट्रीय बॉक्सिंग कोच गुरबक्स सिंह संधू ने कहा, अगर सरकार किसानों की मांग नहीं मानती तो वे द्रोणाचार्य अवार्ड लौटा देंगे। साहित्य अकादेमी पुरस्कार जीतने वाले डॉ मोहनजीत, डॉ जसविंदर सिंह और पंजाबी पटकथा लेखक स्वराजबीर ने पुरस्कार वापस करने की घोषणा की।
राष्ट्रपति को पत्र-दिल्ली के लोग बंधक बने
भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर दिल्ली के लोगों की समस्या का संज्ञान लेने की मांग की है। उन्होंने लिखा, दिल्ली के प्रवेश द्वारों पर जुटे किसानों ने दिल्लीवासियों को बंधक बना दिया है। आप से अपील है। कि इस मामले में दखल देकर दिल्लीवासियों की चिंता दूर करें               


भारत में जनसंख्या की रफ्तार पर लगे ब्रेक

यदि भारत में जनसंख्या की रफ्तार जो आजकल है। वह बनी रही तो कुछ ही वर्षों में वह चीन को मात कर देगा। इस समय चीन से सिर्फ तीन-चार करोड़ लोग ही हमारे यहां कम हैं। भारत की आबादी इस वक्त एक अरब 40 करोड़ के आस-पास है। चीन ने यदि कई वर्षों तक हर परिवार पर एक बच्चे का प्रतिबंध नहीं लगाया होता तो आज चीन की आबादी शायद दो अरब तक पहुंच जाती। अब से 60-70 साल पहले हर चीनी परिवार में प्राय पांच-छह बच्चे हुआ करते थे। भारत से भी ज्यादा दरिद्रता चीन में थी। लेकिन चीन ने आबादी की बढ़त पर सख्ती की उसके कारण उसकी अर्थ व्यवस्था में भी काफी सुधार हुआ। लेकिन आश्चर्य है। कि भारत की सरकारें इस मुद्दे पर खर्राटे खींच रही हैं।
प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस मुद्दे पर थोड़ी सजगत दिखाई थी। और नसबंदी अभियान शुरु किया था। लेकिन संजय गांधी के अति उत्साह और कुछ ज्यादतियों के कारण वह हाशिए में चला गया। आपात्काल ने उसे और भी बदनाम कर दिया। इस वक्त दुनिया में जनसंख्या की बाढ़ जिन देशों में सबसे ज्यादा है।उनमें भारत अग्रणी है। यह एकदम सही समय है। जबकि हम आबादी को बढ़ने से रोकें। यदि भाजपा सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठाएगी तो उसका विरोध करने की हिम्मत किसी में नहीं होगी। तो वह क्या-क्या करे पहला जब वह लोगों को कोरोना का टीका लगाए तो मुफ्त में नसबंदी का भी एलान करे। वह अनिवार्य न हो। हां कुछ प्रोत्साहन दिए जा सकते हैं। जिनके एक या दो बच्चे हों, वे स्वेच्छा से टीका लगवाएं। दूसरा दो हम और हमारे दो का नारा घर-घर में गुंजा दिया जाए। इसे कानूनी रुप भी दिया जाए। जो दो से ज्यादा बच्चे पैदा करें उन्हें सरकारी नौकरियों, संसद और विधानसभा की उम्मीदवारी और कई शासकीय सुविधाओं से वंचित किया जाए। मेरा यह सुझाव कठोर और निर्दयतापूर्ण तो लगता है। लेकिन इससे देश का इतना भला होगा कि जो प्रधानमंत्री इसे लागू करेगा उसका दशकों तक भारत की जनता आभार मानेगी। इस नियम को लागू करने का विरोध वे जातिवादी और सांप्रदायिक लोग जरुर करेंगे जो योग्यता—बल और चरित्र-बल की बजाय संख्या-बल के आधार पर ही अपनी राजनीति चलाते हैं। लेकिन व्यापक जन-समर्थन के आगे उनकी बोलती बंद हो जाएगी। तीसरा भारत सरकार यह लक्ष्य बनाए कि दक्षिण और मध्य एशिया के 17 देशों में महासंघ खड़ा करके अगले पांच वर्षों में 10 करोड़ भारतीयों को वहां वह रोजगार दिलवाए। देखिए फिर भारत महासंपन्न और सबल बनता है। या नहीं                 


मोदी युग का आंदोलन 'संपादकीय'

मोदी युग का आंदोलन 'संपादकीय'
 शासकीय व्यवस्था का अत्याचार बढ़ने पर आम नागरिक की सहनशक्ति की सीमाएं जब छोर को छूने लगती है और भार इतना अधिक बन जाता है कि घुटनों के बल आते-आते मानव विवेक और अंतर्मन प्रतिस्थापित व्यवस्था का विरोधी बन जाता है। 'विरोध' की प्रबल भावना एक विचार बन जाती है। विचार का विनिमय होने लगता है, विनिमय की पराकाष्ठा बढ़ती रहती है और 'विद्रोह' के रूप में पनपने लगता है। विचारों में प्रसारित होने पर यह अधिक प्रबल बन जाता है और 'क्रांति' का रूप ले लेता है।
 'किसान आंदोलन' मोदी युग की एक ऐसी क्रांति है जो मोदी शासन की कालिख बनकर मोदी को आखरी सांस तक एहसास कराती रहेगी। गरीब और लाचार जनता पर मनचाहे आदेश थोप दिए गए। जनता मूक-बधिर बनकर आदेशों का पालन करती रही। लेकिन सभी बातें मान ली जाए, ऐसा संभव नहीं है। जिसके परिणाम स्वरूप देश का किसान सरकार के 'विरोध' में अटल स्वभाव से अडिग खड़ा हो गया है। शायद मोदी देश के जवान और किसान की क्षमताओं की जानकारी नहीं रखते हैं या फिर साथी विद्वानों ने इसकी जानकारी नहीं दी है। हठधर्मिता के सापेक्ष में मोदी को यह बात समझ लेनी चाहिए। देश का जवान और किसान एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। जिस जवान के बलबूते आपके आदेश का पालन होता है। वह जवान किसान का भाई और बेटा है। जिस प्रकार जनहित और जन आवश्यकता पर विचार किए बिना कानून बन रहे हैं। जिनमें किसानों के हित को ध्यान में नहीं रखा गया है। ऐसे कानून का क्या लाभ ? यदि किसान विरोध कर रहा है तो सरकार को किसान के हित में विरोध को समझने का प्रयास करना चाहिए। यदि किसानों के विरुद्ध शक्ति का उपयोग या ऐसी कोई प्रक्रिया जो किसानों को अप्रिय हो। प्रयोग में लाई गई तो उसके परिणाम सरकार के प्रतिकूल होंगे। किसान  कानून में बदलाव करने की हैसियत ही नहीं रखता है, कानून को नेस्तनाबूद करने की ताकत भी रखता है। देश के किसानों की समस्या सुनने में देश के पीएम का पद छोटा नहीं हो जाता है। लेकिन ना सुनने में पीएम का कद ही नहीं बच पाता है। यह वास्तविकता है और इससे मुंह नहीं घुमाया जा सकता है। क्योंकि किसानों की 'संकल्प शक्ति' का उचित आंकलन नहीं किया गया है। इसी कारण यह आंदोलन भविष्य में राष्ट्र निर्माण में किसान सहयोग के रूप में याद किया जाएगा। यह एक आदर्श आंदोलन स्थापित होगा। जिसका परिणाम शत-प्रतिशत किसानों के अनुकूल होगा। 


राधेश्याम 'निर्भयपुत्र'                                 


न्यूजीलैंड पहुंचते ही संक्रमित हुएं खिलाड़ी

वेलिंग्टन। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है कि न्यूजीलैंड पहुंचते ही उसके 10 खिलाड़ी कोरोना पॉजिटिव कैसे हो गए। यह पाया गया है कि घरेलू कायदे आजम ट्रॉफी के दौरान एक या दो टीमों के कुछ खिलाड़ियों ने न्यूजीलैंड दौरे पर जाने से पहले बलगम, बुखार और छींके आने की शिकायत की थी जो कोरोना वायरस संक्रमण के भी लक्षण हैं। 
पीसीबी के एक सूत्र ने कहा, 'इन खिलाड़ियों को बदलते मौसम के कारण वायरल संक्रमण हुआ था और लाहौर में बोर्ड द्वारा कराए गए कोरोना टेस्ट में भी इनकी रिपोर्ट निगेटिव आई।' सूत्र ने कहा, 'लेकिन क्राइस्टचर्च पहुंचने के बाद इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई जहां दस पॉजिटिव टेस्ट के बाद पूरी टीम पृथकवास पर है।'           


केरल के 7 जिलों से हटा अलर्ट, चक्रवात बुरेवी

कमजोर पड़ा चक्रवात बुरेवी, केरल के सात जिलों से हटा अलर्ट


तिरुवनंतपुरम। चक्रवाती तूफान बुरेवी कमजोर पड़ गया जिसके चलते मौसम विभाग ने केरल के सात दक्षिणी जिलों से रेड अलर्ट वापस ले लिया। मौसम विभाग ने शुक्रवार सुबह कहा कि तूफान आगे और कमजोर पड़ता हुआ तमिलनाडु के रामनाथपुरम और तूतीकुड़ी जिले के बीच से गुजर जाएगा।
इस दौरान 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलेगी। मौसम विभाग ने तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, अलफुजा, कोटयम, मल्लापुरम समेत दस जिलों के लिए बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। इस बीच तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे ने हालांकि शुक्रवार की अपनी नौ उड़ानों के समय में फेरबदल किया। शाम छह बजे तक हवाई अड्डे का संचालन बंद रखा गया। राज्य सरकार ने शुक्रवार के लिए पांच जिलों में सार्वजनिक अवकाश की घोषण पहले ही कर दी थी।
बता दें कि तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, पठानमथिट्टा, अलापुझा, कोट्टायम, एर्नाकुलम, इडुक्की, त्रिशूर, पलक्कड़ और मलप्पुरम सहित पूरे केरल में 10 जिलों में यलो अलर्ट जारी किया गया था। तमिलनाडु में चक्रवाती तूफान बुरेवी के चलते शुक्रवार को भारी बारिश का दौर जारी रहा जिससे फसलें पानी में डूब गई और कई शहरी तथा ग्रामीण इलाकों में जलभराव हो गया। 
इसके प्रभाव से राज्य के अनेक स्थानों पर भारी वर्षा हुई। इसके अलावा कई क्षेत्रों में भारी से बेहद भारी बारिश हुई। नागपट्टिनम जिले के कोलीडाम में 36 सेंटीमीटर, कुड्डालोर के चिदंबरम में 34 सेंटीमीटर तथा दो दर्जन से अधिक स्थानों पर 10 से 28 सेंटीमीटर के बीच बारिश हुई। लगातार तीन दिन से हो रही बारिश के कारण तिरुवरूर, पुडुकोट्टाई, तंजावूर आदि जिलों में धान और गन्ने की फसल पानी में डूब गई है।
चक्रवाती तूफान बुरेवी की चेतावनी को देखते हुए एनडीआरएफ की कई टीमें केरल और तमिलनाडु में तैनात हैं। वहीं वायुसेना और नौसेना की टीमें भी अलर्ट मोड पर हैं। 175 परिवारों के 697 से अधिक लोगों को राहत कैंपों में पहुंचाया गया। जबकि 2489 अन्य कैंप बनाए गए हैं। 
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात कर हर संभव मदद का आश्वासन दिया था। मौसम विभाग ने तमिलनाडु और केरल के दक्षिण हिस्से के लिए रेड अलर्ट जारी किया है।               


केंद्र से झगड़ा बढ़ाने को तैयार किसान

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने शुक्रवार 8 दिसंबर को ‘भारत बंद’ की घोषणा की। उन्होंने इस दिन टोल प्लाजा पर कब्जा करने की चेतावनी भी दी। किसान नेता गुरनाम सिंह चढुनी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अगर केंद्र सरकार शनिवार की वार्ता के दौरान उनकी मांगों को नहीं मानती है, तो वे नए कृषि कानूनों के खिलाफ अपना आंदोलन तेज करेंगे। भारतीय किसान यूनियन के महासचिव हरिंदर सिंह लखवाल ने कहा, “आज की हमारी बैठक में, हमने 8 दिसंबर को ‘भारत बंद’ बुलाने का फैसला किया है और इस दौरान हम सभी टोल प्लाजाओं पर भी कब्जा करेंगे।” अब 5 दिसंबर को किसान और सरकार के बीच पांचवें दौर की वार्ता होगी।               


एयर इंडिया को राहत मिलने की उम्मीद जगी

नई दिल्ली। 69 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के कर्ज में फंसी सरकारी एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया को राहत मिलने की उम्मीद जगी है। दिलचस्प तरीके से वरिष्ठ कर्मचारियों का एक समूह अपनी ही कंपनी को खरीदने के लिए आगे आया है। ये कर्मचारी प्राइवेट इक्विटी फर्म के साथ सरकारी बोली में हिस्सा लेने की तैयारी कर रहे हैं। अगर बात बनती है। तो देश के कॉरपोरेट इतिहास का यह पहला मामला होगा जब किसी सरकारी कंपनी को उसके ही कर्मचारी खरीदेंगे।
बैठे-बैठे आइडिया आया
कंपनी के तारणहार बनने जा रहे वरिष्ठ अधिकारियों में से एक के मुताबिक दीवाली के बाद एयर इंडिया मुख्यालय में चार-पांच साथी बैठे थे। सभी यहां 30-32 साल से नौकरी कर रहे हैं। चर्चा होने लगी कि इस बार तो दिवाली मना रहे हैं। अगली दीपावली पर एयर इंडिया में क्या स्थितियां होंगी कर्मचारियों का क्या होगा कुछ पता नहीं।
ज्वॉइनिंग के पहले दिन के अनुभव बताते-बताते सभी भावुक होने लगे। तभी एक अधिकारी ने कहा जिस एयरलाइंस में पूरा जीवन गुजर गया, काश इसे हम खरीद सकते इस पर एक अधिकारी ने कहा इतनी भारी-भरकम रकम कहां से लाएंगे। तभी आइडिया आया कि क्यों न काेई फाइनेंसर खोजकर कर्मचारी ही हिस्सेदारी खरीद लें। इस सुझाव पर सभी गंभीर हो गए।
फिर हुई फाइनेंसर की तलाश
यह अधिकारी बताते हैं। हमारी सोच को जैसे पंख लग गए। हमने फाइनेंसर की तलाश शुरू कर दी। एक नाम पर सहमति बनी। प्राइवेट इक्विटी फर्म हमारे प्रस्ताव पर तैयार भी हो गई। इसके बाद एयर इंडिया के उन अधिकारी और कर्मचारी को चुना गया जिनकी नौकरी 30 से 32 साल की हो चुकी है। इसके पीछे तर्क यह था। कि पुराने कर्मचारियों का कंपनी से भावनात्मक जुड़ाव रहेगा।
इस सीनियर अफसर के मुताबिक- पुराने कर्मचारी पूरी तरह इस मुहिम में साथ देंगे। इस मुहिम से 200 से अधिक कर्मचारी जुड़ चुके हैं। सभी 1-1 लाख रुपए जुटा रहे हैं। एयर इंडिया में कुल 14 हजार कर्मचारी हैं। मुहिम से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि कंपनी में आज भी पोटेंशियल है। सब कुछ ठीक रहा तो दो साल में कंपनी ट्रैक पर आ सकती है।
51% हिस्सेदारी एअर इंडिया की कर्मचारियों के पास रहेगी
बोली की पूरी प्रक्रिया कमर्शियल डायरेक्टर मीनाक्षी मलिक के नेतृत्व में पूरी की जा रही है। कंपनी के अधिकारी 14 दिसंबर को खत्म हो रही बोली प्रक्रिया में शामिल होंगे। क्वालिफाइड बिडर्स के बारे में 28 दिसंबर तक पता चलेगा। यह योजना सफल रहती है। तो कर्मचारी प्रबंधन कंसोर्टियम के पास एयरलाइन की 51% हिस्सेदारी रहेगी जबकि फाइनेंसर के पास 49% हिस्सा रहेगा               


योगराज ने हिंदुओं को लेकर दिया बयान

नई दिल्ली। पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह का विवादों से पुराना नाता है। एक बार फिर उन्होंने भड़काऊ भाषण देकर नए विवाद को जन्म दे दिया है। केंद्र के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों का समर्थन देने पहुंचे योगराज सिंह ने हिंदुओं को लेकर बेहद ही शर्मनाक टिप्पणी की है, जिसके बाद उनकी गिरफ्तार की मांग उठने लगी है।             


हैदराबाद के किंग मेकर बने 'औवेसी'

हैदराबाद। प्रमुख असुद्दीन ओवैसी सियासत के मैदान के मंझे हुए खिलाड़ी हैं। सियासत का मैदान उनका था लेकिन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने उनके घर में घुसकर चैलेंज दिया।हैदराबाद नगर निकाय की 150 सीटों में सिर्फ 51 सीटों पर ओवैसी ने सियासी बैटिंग की लेकिन उनकी टीम का स्ट्राइक रेट सबसे हाई है। लोकल चुनाव के नतीजों से बीजेपी की लीड पर अब यही कहा जा रहा है कि घाटा टीआरएस को हुआ है और ओवैसी का कुछ नहीं जाता।         


वजन कंट्रोल करने में कारगर है गर्म पानी

वजन कंट्रोल करने में कारगर है। गर्म पानी, जानिये कितना पीने से होगा फायदा
दिन भर में शरीर में जो टॉक्सिक पदार्थ जमा होते हैं। गर्म पानी पीने से वो भी फ्लश आउट हो जाते हैं।
जो लोग खाना खाने से पहले गर्म पानी पीते हैं। उन्हें ज्यादा खाने की इच्छा नहीं होती है। कई बार अनियंत्रित खानपान और असंतुलित लाइफस्टाइल की वजह से मोटापा बढ़ जाता है। ऐसे में मोटापे से राहत पाने के लिए लोग डाइटिंग करते हैं। या फिर जिम जाते हैं। मगर इससे हमेशा फायदा ही हो ये आवश्यक नहीं है। अधिक वजनदार इंसान न केवल असुविधा महसूस करते हैं। बल्कि उनमें कई बीमारियां जैसे कि हाई बीपी डायबिटीज और गठिया का खतरा भी अधिक देखने को मिलता है। ऐसे में विशेषज्ञ मोटापे से ग्रस्त लोगों को कुछ घरेलू उपाय अपनाने की भी सलाह देते हैं। उनका मानना है। कि गर्म पानी पीने से वजन घटाने की प्रकिया आसान हो जाती है।
आमतौर पर जो लोग पर्याप्त मात्रा में पानी पीते हैं। उनको वजन घटाने में मदद मिलती है। वहीं, गर्म पानी पीने से वजन पर जल्दी नियंत्रण पाया जा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि गर्म पानी शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने का कार्य करता है।
कैसे है।
फायदेमंद।
बेहतर मेटाबॉलिक रेट होने से कैलोरी बर्न करने में मदद मिलती है। पानी का अधिक टेम्प्रेचर फैट मॉलीक्यूल्स का ब्रेक डाउन करता है। इससे पाचन तंत्र के लिए कैलोरीज बर्न करना आसान हो जाता है। इतना ही नहीं, जो लोग खाना खाने से पहले गर्म पानी पीते हैं। उन्हें ज्यादा खाने की इच्छा नहीं होती है। इससे वो ओवर ईटिंग से बचते हैं। और वजन संतुलित रहता है।
गर्म पानी पीना,मोटापे से छुटकारा पाने का कारगर उपाय
गर्म पानी पीने के फायदे
बाहर निकलते हैं टॉक्सिक पदार्थ। दिन भर में शरीर में जो टॉक्सिक पदार्थ जमा होते हैं।गर्म पानी पीने से वो भी फ्लश आउट हो जाते हैं। साथ ही, गर्म पानी पीने से शरीर को गरर्माहट मिलती है। जिससे पूरी बॉडी में ब्लड फ्लो बेहतर तरीके से होता है। इस तरह से गर्म पानी आपके शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है।
इस तरह पीने से होगा अधिक फायदा। सुबह-सुबह गर्म पानी में नींबू मिलाकर पीने से वजन ज्यादा तेजी से कम होता है। यह शरीर में मौजूद अतिरिक्त वसा को बर्न करता है। और शरीर को सही शेप में लाता है। इसके अलावा गर्म पानी के असर को बढ़ाने के लिए लोग चाहें तो उसमें नींबू और शहद मिला सकते हैं। इससे मेटाबॉलिक रेट बढ़ता है।               


दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ

दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। दबे पांव पहुंचे भूकंप ने धरती को हिलाते हुए पब्लिक को दहशत में ड...