शनिवार, 5 दिसंबर 2020

मोदी युग का आंदोलन 'संपादकीय'

मोदी युग का आंदोलन 'संपादकीय'
 शासकीय व्यवस्था का अत्याचार बढ़ने पर आम नागरिक की सहनशक्ति की सीमाएं जब छोर को छूने लगती है और भार इतना अधिक बन जाता है कि घुटनों के बल आते-आते मानव विवेक और अंतर्मन प्रतिस्थापित व्यवस्था का विरोधी बन जाता है। 'विरोध' की प्रबल भावना एक विचार बन जाती है। विचार का विनिमय होने लगता है, विनिमय की पराकाष्ठा बढ़ती रहती है और 'विद्रोह' के रूप में पनपने लगता है। विचारों में प्रसारित होने पर यह अधिक प्रबल बन जाता है और 'क्रांति' का रूप ले लेता है।
 'किसान आंदोलन' मोदी युग की एक ऐसी क्रांति है जो मोदी शासन की कालिख बनकर मोदी को आखरी सांस तक एहसास कराती रहेगी। गरीब और लाचार जनता पर मनचाहे आदेश थोप दिए गए। जनता मूक-बधिर बनकर आदेशों का पालन करती रही। लेकिन सभी बातें मान ली जाए, ऐसा संभव नहीं है। जिसके परिणाम स्वरूप देश का किसान सरकार के 'विरोध' में अटल स्वभाव से अडिग खड़ा हो गया है। शायद मोदी देश के जवान और किसान की क्षमताओं की जानकारी नहीं रखते हैं या फिर साथी विद्वानों ने इसकी जानकारी नहीं दी है। हठधर्मिता के सापेक्ष में मोदी को यह बात समझ लेनी चाहिए। देश का जवान और किसान एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। जिस जवान के बलबूते आपके आदेश का पालन होता है। वह जवान किसान का भाई और बेटा है। जिस प्रकार जनहित और जन आवश्यकता पर विचार किए बिना कानून बन रहे हैं। जिनमें किसानों के हित को ध्यान में नहीं रखा गया है। ऐसे कानून का क्या लाभ ? यदि किसान विरोध कर रहा है तो सरकार को किसान के हित में विरोध को समझने का प्रयास करना चाहिए। यदि किसानों के विरुद्ध शक्ति का उपयोग या ऐसी कोई प्रक्रिया जो किसानों को अप्रिय हो। प्रयोग में लाई गई तो उसके परिणाम सरकार के प्रतिकूल होंगे। किसान  कानून में बदलाव करने की हैसियत ही नहीं रखता है, कानून को नेस्तनाबूद करने की ताकत भी रखता है। देश के किसानों की समस्या सुनने में देश के पीएम का पद छोटा नहीं हो जाता है। लेकिन ना सुनने में पीएम का कद ही नहीं बच पाता है। यह वास्तविकता है और इससे मुंह नहीं घुमाया जा सकता है। क्योंकि किसानों की 'संकल्प शक्ति' का उचित आंकलन नहीं किया गया है। इसी कारण यह आंदोलन भविष्य में राष्ट्र निर्माण में किसान सहयोग के रूप में याद किया जाएगा। यह एक आदर्श आंदोलन स्थापित होगा। जिसका परिणाम शत-प्रतिशत किसानों के अनुकूल होगा। 


राधेश्याम 'निर्भयपुत्र'                                 


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Thank you, for a message universal express.

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया  अखिलेश पांडेय  वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...