बुधवार, 9 सितंबर 2020

जिंगपिंग पर सख्ती की तैयारी में अमेरिका

बीजिंग/ वाशिंगटन डीसी। अमेरिकी संसद में एक बिल पेश किया गया है। इसमें कहा गया है कि अमेरिका में सरकारी तौर पर शी जिनपिंग को चीन का राष्ट्रपति यानी प्रेसिडेंट नहीं कहा जाना चाहिए। बिल के मुताबिक, चीन में लोकतंत्र नहीं है और न ही, जिनपिंग लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए हैं। लिहाजा, अमेरिका उन्हें राष्ट्रपति कहना बंद करे।


तकनीकी तौर पर बिल में कही गई हर बात सही है। दरअसल, 1980 के पहले किसी चीनी शासन प्रमुख को प्रेसिडेंट यानी राष्ट्रपति नहीं कहा जाता था। इतना ही नहीं, चीन के संविधान में भी ‘राष्ट्रपति या प्रेसिडेंट’ शब्द नहीं है।


‘चेयरमैन ऑफ एवरीथिंग’
2012 में जिनपिंग राष्ट्रपति बने। यह पद उन्हें चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के मुखिया होने के चलते मिला। संवैधानिक तौर पर देखें तो सीसीपी का चेयरमैन ही सरकार और सेना का प्रमुख होता है। लेकिन, जिनपिंग के मामले में ऐसा नहीं है। सीएनएन के मुताबिक, जिनपिंग ही सत्ता और पार्टी का एकमात्र केंद्र हैं। वे पार्टी की नई सुपर कमेटीज के चेयरमैन भी हैं। इसलिए, इंटरनेशनल एक्सपर्ट्स उन्हें ‘चेयरमैन ऑफ एवरीथिंग’ यानी ‘हर चीज का अध्यक्ष’ कहते हैं। ये एक तरह से तानाशाह होना ही है।


अमेरिका में लाए गए बिल में क्या है
ट्रम्प की पार्टी के सांसद स्कॉट पैरी ये बिल लाए। नाम दिया गया, ‘नेम द एनिमी एक्ट’। पैरी चाहते हैं कि जिनपिंग या किसी चीनी शासक को अमेरिका के सरकारी दस्तावेजों में न राष्ट्रपति कहा जाए और न लिखा जाए। बिल के मुताबिक- चीन में राष्ट्रपति जैसा कोई पद नहीं है। वहां कम्युनिस्ट पार्टी का जनरल सेक्रेटरी (महासचिव) होता है। और जब हम उसे राष्ट्रपति कहते हैं तो ऐसा लगता है, जैसे कोई व्यक्ति लोकतांत्रिक तौर पर चुना गया हो। चीन में तो लोकतंत्र नहीं है।


फिर सच्चाई क्या है..
इसे आसान भाषा में समझते हैं। दरअसल, जिनपिंग को ‘राष्ट्रपति’ कहे जाने पर भ्रम है। और इसीलिए विवाद भी हुए। चीन में जितने भी पदों पर जिनपिंग काबिज हैं, उनमें से किसी का टाईटिल ‘प्रेसिडेंट’ नहीं है। और न ही चीनी भाषा (मेंडेरिन) में इस शब्द का जिक्र है। 1980 में जब चीन की इकोनॉमी खुली, तब चीन के शासक को अंग्रेजी में प्रेसिडेंट कहा जाने लगा। जबकि, तकनीकि तौर पर ऐसा है ही नहीं। जिनपिंग सीसीपी चीफ हैं। इसलिए देश के प्रमुख शासक हैं। लेकिन, वे राष्ट्रपति तो बिल्कुल नहीं हैं। बस उन्हें ‘प्रेसिडेंट’ कहा जाने लगा।


सवाल क्यों उठते हैं...
स्कॉट पैरी के पहले भी अमेरिका में यह मांग उठती रही है कि कम से कम आधिकारिक तौर पर तो चीन के शासक को राष्ट्रपति या प्रेसिडेंट संबोधित न किया जाए। आलोचक कहते हैं- जिनपिंग ही क्यों? चीन के किसी भी शासक को राष्ट्रपति कहने से यह संदेश जाता है कि वो लोकतांत्रिक प्रतिनिधि है, और इंटरनेशनल कम्युनिटी को उन्हें यही मानना चाहिए। जबकि, हकीकत में वे तानाशाह हैं।


बात 2019 की है। तब यूएस-चाइना इकोनॉमिक एंड सिक्योरिटी रिव्यू कमीशन की एक रिपोर्ट में कहा गया था- चीन में लोकतंत्र नहीं है। मतदान का अधिकार नहीं है और न बोलने की आजादी है। जिनपिंग को राष्ट्रपति कहना उनकी तानाशाही को मान्यता देना है।


जिनपिंग के ओहदे
चीन में जिनपिंग के पास तीन अहम पद हैं। स्टेट चेयरमैन (गुओजिया झुक्शी)। इसके तहत वे देश के प्रमुख शासक हैं। चेयरमैन ऑफ द सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (झोंगयांग जुन्वेई झुक्शी)। इसके मायने हैं कि वे सभी तरह की चीनी सेनाओं के कमांडर इन चीफ हैं। तीसरा और आखिरी पद है- जनरल सेक्रेटरी ऑफ द चाईनीज कम्युनिस्ट पार्टी या सीसीपी (झोंग शुजि) यानी सत्तारूढ़ पार्टी सीसीपी के भी प्रमुख। 1954 के चीनी संविधान के मुताबिक, अंग्रेजी में चीन के शासक को सिर्फ चेयरमैन कहा जा सकता है।           


अखिलेश ने योगी सरकार पर बोला हमला

लखनऊ - अखिलेश यादव ने आज 9 बजकर 9 मिनट पर की क्रांति की मशाल जलाने की अपील, योगी सरकार पर बोला हमला।


लखनऊ। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर हमला बोला है। अखिलेश यादव ने ट्वीट कर युवाओं से अपील की है कि 9 सितंबर यानि आज रात 9 बजे 9 मिनट तक बेरोजगारी के खिलाफ क्रांति की मशाल जलाएं, ताकि आपकी आवाज सरकार के कानों तक पहुंचे। 
वहीं, अखिलेश यादव के समर्थन में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट किया है, उन्होंने लिखा कि इस देश का युवा अपनी आवाज सुनाना चाहता है। उन्होंने भी लोगों से अपील है कि वह भी युवाओं का साथ दें। 
बुधवार को अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मुट्ठियां जब बंध जाती हैं नौजवानों की, नींद उड़ जाती है ‘ज़ुल्मी हुक्मरानों’ की। आइए युवाओं व उनके परिवार की बेरोज़गारी-बेकारी के इस अंधेरे में हम आज रात 9 बजे, 9 मिनट के लिए बत्तियां बुझाकर क्रांति की मशाल जलाएं, उनकी आवाज़ में आवाज़ मिलाएं!               


21 से खुलेंगे स्कूल, गाइडलाइन जारी की

21 सितम्बर से खुलेंगे स्कूल गाइडलाइन्सजारी , बच्चो को भेजने से पहले जाने नियम।


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। देश में कोरोना के मामले लगातार बड़ा रहे है और मौत का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है। इसी बिच अनलॉक - 4 की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। मॉल से लेकर मेट्रो तक सभी सेवाएं सभी संभव एहतियात के साथ खोली जा रही हैं। इस सबके बीच स्कूलों को लेकर लोगों के मन में बड़ा सवाल है।
अनलॉक-4 में सरकार ने कक्षा 9 से 12 तक-स्कूल खोलने की इजाज़त दी है। इसकी सरकार ने गाइडलाइन्स भी जारी कर दी है | सरकार ने कई ऐहतिहात भी दी है। 21 सितम्बर से खुलेंगे स्कूलः
जाने गाइडलाइन्स ...
सिर्फ कंटेंनमेंट जोन के बाहर के स्कूल खोले जा सकेंगे और कंटेंनमेंट जोन के बाहर रहने वाले स्टाफ और स्टूडेंट को ही स्कूल आने की इजाजत होगी।अगर आपके बच्चे का स्कूल कंटेंनमेंट जोन में है या फिर आपका घर कंटेनमेंट जोन में है तो आपके बच्चे को स्कूल जाने की इजाजत नहीं होगी।
स्कूल आने वाले छात्रों के पास अभिवावक की लिखित अनुमति होना अनिवार्य है। छात्रों का स्कूल आना किसी भी तरह से अनिवार्य नहीं होगा, यह सिर्फ वॉलेंटियरी बेसिस पर किया जा रहा है।
स्कूल में छात्रों, शिक्षकों और अन्य स्टाफ को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। क्लास में भी सभी तरह के नियम लागू होंगे। यह सभी नियम अन्य शिक्षण संस्थानों जैसे पर भी लागू होंगे। कोरोना से जंग को लेकर पहले से जारी नियमों और गाइड लाइंस के साथ सरकार ने स्कूलों के लिए अलग से विस्तार से निर्देश जारी किए हैं। इन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर जाकर देखा जा सकता है।
स्‍टूडेंट्स के बीच कम से कम 6 फीट की दूसरी होनी चाहिए।इसके अलावा फेस कवर/मास्‍क अनिवार्य किया गया है।फिलहाल बायोमीट्रिक अटेंडेंस नहीं होगी।
स्कूल के अंदर भी थोड़ी-थोड़ी देर में हाथों को साबुन से धुलना या सैनिटाइज करना होगा। परिसर में इधर-उधर थूकने पर पाबंदी है। गेट पर हर छात्र और स्टाफ की थर्मल स्क्रीनिंग होगी, गेट पर ही उनके हाथ भी सैनिटाइज कराए जाएंगे।
बच्चे अपना कोई भी सामान जैसे, पेन, पेंसिल, नोटबुक या कोई अन्य सामान आपस में शेयर नहीं करेंगे।
इसके साथ ही स्कूल के ग्राउंड में किसी भी तरह खेल या शारीरिक एक्टिविटी की मनाही है।
स्कूल आने वाले सभी लोगों के लिए आरोग्य सेतु एप रखना अनिवार्य है।इसके साथ ही सभी स्कूलों को पल्स ऑक्सिमीटर का इंतजाम करना होगा।                  


नीट स्थगन की नई याचिकाएं खारिज की

सुप्रीम कोर्ट में नीट स्थगन की नई याचिकाएं खारिज।


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 13 सितंबर को होने जा रही परीक्षा नीट 2020 के स्थगन की मांग के लिए लगाई गई नई याचिकाओं पर विचार करने से बुधवार को इनकार कर दिया। जस्टिस अशोक भूषण, आर. सुभाष रेड्डी और एम.आर. शाह की खंडपीठ ने कहा कि वे इस मामले की जांच करने के लिए इच्छुक नहीं हैं क्योंकि नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट कुछ दिनों में आयोजित होने वाला है।
शीर्ष अदालत ने परीक्षा स्थगन के लिए जनहित याचिकाओं के समूह के साथ-साथ गैर-भाजपा शासित राज्यों के छह मंत्रियों की याचिका को भी खारिज कर दिया। पीठ ने कहा, “अब सब कुछ खत्म हो गया है। एक समीक्षा को खारिज कर दिया गया है। जेईई हो चुकी है। अब हम इस पर कैसे विचार कर सकते हैं?”
याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दतार ने दलील दी कि वे छात्रों को हो रहीं व्यावहारिक कठिनाइयों को उजागर कर रहे हैं। उन्होंने बिहार का उदाहरण दिया, जहां केवल दो परीक्षा केंद्र हैं। पीठ ने जवाब दिया कि नीट के लिए सभी व्यवस्थाएं की जाएंगी। अलग-अलग प्रवेश परीक्षा के लिए अलग-अलग तरीखें नहीं हो सकती हैं। दतार ने शीर्ष अदालत से नीट को तीन सप्ताह के लिए स्थगित करने पर विचार करने का आग्रह किया है।
एक अन्य याचिकाकर्ता के वकील के.टी.एस. तुलसी ने तर्क दिया कि कोविड-19 के एक दिन में 90 हजार मामले दर्ज हुए हैं। उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट के एक आदेश का भी हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि जो उम्मीदवार परीक्षा के लिए उपस्थित नहीं हो सके, उनके बारे में उचित ढंग से विचार करना चाहिए। इस पर पीठ ने कहा कि यह परीक्षा निकाय को तय करनी थी, ना कि न्यायालय को।
एक अन्य अधिवक्ता शोएब आलम ने कंटेनमेंट जोन के लिए जारी दिशा-निर्देशों का हवाला दिया कि ऐसे में वहां के छात्र कैसे परीक्षा केन्द्र पहुंचेंगे। इस पर पीठ ने कहा कि संबंधित अधिकारी उम्मीदवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक सावधानी बरतेंगे।                


यूपीः 75 लाख की अवैध शराब बरामद

पुलिस ने बरामद की लगभग 75 लाख की अवैध शराब।


बृजेश केसरवानी


लखनऊ। राजधानी के चिनहट थाना क्षेत्र में पुलिस ने लगभग 75 लाख की अवैध शराब बरामद की है। डीसीपी चारु निगम के नेतृत्व में चिनहट एसएचओ धनन्जय पांडेय और उनकी टीम ने अवैध फैक्टरी का भांडा फोड़ किया। लंबे समय से राजधानी में अवैध तरीके से शराब की फैक्टरी चल रही थी।
इस मामले में सौरभ मिश्रा और अनूप जयसवाल नाम के दो अभियुक्तों को गिफ्तार किया गया है। मुख्य आरोपी आदित्य अभी भी फरार है। अभी कई लोगो की तलाश में पुलिस की खोजबीन जारी है। अवैध तरीके से चल रही फैक्ट्री में सौरभ मिश्रा, अनुज जयसवाल, आदित्य कुमार, गुलशन, उर्फ गुलू, अभिषेक, सिंह उर्फ रिंकू सिंह, परेस, विकास, आशुतोष, बबलू ,अंकित, अमित शामिल थे।
इस फैक्टरी में न केवल अवैध तरीके से शराब बन रही थी बल्कि रजिस्टर कंपनी का नाम भी इस्तेमाल किया जा रहा था। रॉयल चैलेंजर्स और विंडीज नाम की रजिस्टर देशी शराब का नाम इस्तेमाल कर रहे थे।                


सेक्स रैकेटः युवक-युवतियां किए गिरफ्तार

अतीश त्रिवेदी


लखीमपुर में पकड़ा गया सेक्स रैकेट की संचालिका सहित 5 युवती व 5 युवक हुए गिरफ्तार


लखीमपुर खीरी। मंगलवार को शाम 8:00 बजे कोतवाली लखीमपुर पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। जहां पुलिस ने चल रहे एक बड़े सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए युवक युवतियों को धर दबोचा एफ आई आर दर्ज कर कार्यवाही की जा रही है। कोतवाली लखीमपुर क्षेत्र के अंतर्गत शहर के मोहल्ला गंगोत्री नगर में एक सेक्स रैकेट चल रहा था। पुलिस को मुखबिर द्वारा सूचना मिली की शहर के मोहल्ला गंगोत्री नगर में कुछ लोगों द्वारा सेक्स रैकेट चलाया जा रहा है। जिससे मोहल्ले वाले भी बहुत परेशान हैं। पुलिस द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए महिला थाना इंचार्ज सहित भारी पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गया मौके पर पहुंची पुलिस को देख सेक्स रैकेट चला रहे लोगों में भगदड़ मच गई। हालांकि पुलिस की इस छापेमारी में पांच युवक आपत्तिजनक हालत में सेक्स रैकेट में पकड़े गए युवतियों के पुलिस को देखते ही चेहरे का रंग उड़ गया माफी मांगने लगे पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज हो गया। सीओ सिटी संजय नाथ तिवारी ने बताया कि मुखबिर द्वारा सेक्स रैकेट की सूचना मिली थी इसमें पांच युवक व पांच युवतियों के गिरफ्तारी की गई। कानूनी कार्यवाही की गई। भविष्य में ऐसे लोगों पर कार्यवाही होती रहेगी इस सेक्स रैकेट की एक महिला संचालिका को भी गिरफ्तार किया गया।               


मासूम के साथ छेड़खानी, आरोपी गिरफ्तार

अतीश त्रिवेदी


पांच वर्षीय वालिका के साथ छेडखानी के बाद आरोपी गिरफ्तार


लखीमपुर खीरी। जनपद के गोला तहसील के अंतर्गत थाना मैलानी क्षेत्र के एक गांव मे ही कल एक व्यक्ति द्वारा पांच वर्षीय वालिका को बहलाफुसला कर अपने घर ले जाने व छेडखानी करने का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार पीडित वालिका के पिता द्वारा कोतवाली मैलानी मे दी गयी तहरीर मे अबगत कराया गया है कि गांव के ही निवासी मोनू पुत्र राम विलास उनकी नावालिग पुत्री को विल्ली के बच्चे दिखाने का लालच देकर अपने घर ले गया और वहां पर वालिका के साथ छेडखानी की कुछ देर होने पर जव वालिका की मां ने वालिका को घर ले जाना चाहा तो और बच्चो से मिली जानकारी के आधार पर वह सीधे मोनू के पास पहुंच गयी जहां मोनू वालिका के साथ छेडखानी कर रहा था। इसके बाद वालिका के पिता ने मामले की सूचना पुलिस को दी। जिस पर मैलानी कोतवाल विद्या शंकर शुक्ला तत्काल अपने साथ पुलिस वल को लेकर मौके पर पहुंचे और पीडिता के पिता द्वारा दी गयी। सूचना के आधार पर तत्काल आरोपी सोनू  को हिरासत मे लेकर वालिका को पुलिस अभिरक्षा मे मेडिकल हेतु जिला हास्पिटल भेज दिया जहां पर मेडिकल कराया गया। सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार मेडिकल रिपोर्ट मे पीडित वालिका के वदन पर न कोई चोट का निशान मिला है न रेप की ही पुष्टि हुयी है।
पीडित वालिका के  पिता द्वारा दी गयी तहरीर के आधार पर मुकदमा अपराध संख्या 278/2020 , ips की धारा 354 व पाक्सो एक्ट की धारा 7 8 छेडखानी व पाक्सो एक्ट के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर आरोपी मोनू को जेल भेज दिया है।               


'पत्रकार' की गोलियों से भूनकर हत्या की, प्रदर्शन

'पत्रकार' की गोलियों से भूनकर हत्या की, प्रदर्शन  संदीप मिश्र  जौनपुर। बाइक पर सवार होकर जा रहे पत्रकार की दिनदहाड़े गोलियों से भूनक...