बुधवार, 19 अगस्त 2020

4 देशों के बीच हुई झड़प, तनाव जारी

तुर्की को अजरबैजान के समर्थन में अर्मेनिया-अजरबैजान के तनाव का प्रतिबिंब क्या हुआ?


अंकारा। 12 और 14 जुलाई को लगभग तीन दिनों की झड़पों के बाद, घटनाएँ थम गई हैं, लेकिन संघर्ष विराम उल्लंघन और तनाव जारी है। संघर्ष के तुरंत बाद, तुर्की ने बहुत स्पष्ट तरीके से अज़रबैजान के लिए अपने समर्थन का प्रदर्शन किया। यहां तक ​​कि यह उच्चतम स्तर पर सिर्फ आवाज वाले समर्थन के साथ संतुष्ट नहीं था, एक बहुत ही व्यापक तुर्की और अज़रबैजानी सशस्त्र बलों ने अभ्यास के साथ वाहन के वास्तविक स्तर (टर्बो ईगल 2020) का सामना किया। इन घटनाओं और अजरबैजान और तुर्की के पक्ष में गंभीर नतीजे मिले। उन्होंने कहा कि "अजरबैजान ने रूस को सीरिया में आमंत्रित करने के लिए तुर्की को आमंत्रित किया जाना चाहिए," या भविष्य में यह सहयोग एक एकीकृत कमांड संरचना के ढांचे के भीतर एक आम सिद्धांत में जगह लेने के लिए दो सेनाओं में विकसित हो सकता है, "उन्होंने घोषणा देखी थी। वास्तव में, तुर्की के विदेश मंत्री ने कहा, "अजरबैजान जो भी समाधान चुनता है, हम उनके द्वारा खड़े होते हैं"। ये सभी तुर्की और अजरबैजान के संबंधों के प्रकाश में स्पष्ट प्रतीत होते हैं, यह एक बहुत अधिक सहयोग में विकसित होगा। अर्मेनियाई पक्ष अजरबैजान के लिए तुर्की का समर्थन है, ग्रीस ग्रीस और तुर्की के बीच पूर्वी भूमध्य सागर में तनाव का वर्णन करके अनुभव करता है कि पैसा देने की कोशिश कर रहे हैं।                 


अमेरिका-चीन के संबंधों में खत्म कड़वाहट

वॉशिंगटन/ बीजिंग। कोरोना वायरस के चलते अमेरिका और चीन के संबंधों में आई कड़वाहट अब दूर होने लगी है। अमेरिका और चीन एक दूसरे की एयरलाइन के उड़ानों की संख्या बढ़ाने पर सहमत हो गए हैं। कोरोना काल में पहले दोनों देशों के बीच हर हफ्ते चार उड़ानें होती थीं, जिसे अब 8 किया जाएगा। इस डील से दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच महामारी के दौरान लागू की गई यात्रा पाबंदियों में ढील के स्पष्ट संकेत मिले हैं।चीन से दुनियाभर में कोरोना फैलने के आरोप लगने के बाद चीन और अमेरिका में तल्खी बढ़ती चली गई। ट्रंप ने कई बार खुले मंच से कोरोना के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया था।                     


ऐलानः नागरिकों को मुफ्त मिलेगी वैक्सीन

सिडनी। ऑस्ट्रेलिया ने दवा निर्माता एस्ट्राजेनेका के साथ एक संभावित कोविड-19 वैक्सीन के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। प्रधान मंत्री ने मंगलवार को कहा, दवा की आपूर्ति करने वाले देशों की बढ़ती सूची में शामिल होना है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, एस्ट्राजेनेका के कोरोनोवायरस के खिलाफ प्रभावी वैक्सीन देने के लिए वैश्विक दौड़ में सबसे आगे के रूप में देखा जा रहा है, ऑस्ट्रेलिया ने कहा कि उसने अपनी आबादी के लिए पर्याप्त खुराक का उत्पादन करने और वितरित करने के लिए एस्ट्राजेनेका के साथ आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।

प्रधानमंत्री ने बताया, "इस सौदे के तहत, हमने हर ऑस्ट्रेलियाई के लिए जल्दी पहुंच हासिल की है," अगर यह टीका सफल साबित होता है तो हम अपने स्वयं सीधे टीके का निर्माण और आपूर्ति करेंगे और इसे 25 मिलियन भारतीयों के लिए मुफ्त में बनाएंगे।"                   


चारा लेने गए युवक की डूबने से मौत

मधेपुरा। उदाकिशुनगंज प्रखंड क्षेत्र के बिहारीगंज थाना अंतर्गत मंजौरा गांव के बरकुरवा धार में डूबने से सलाद्दीन के पुत्र हबीब अंसारी (28) की मौत हो गई है। वह मंजौरा गांव के वार्ड संख्या सात के रहने वाला था। बताया जा रहा है कि मृतक अत्यंत ही गरीब व्यक्ति था। मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करता था। समाज में मिलनसार छवि का व्यक्ति था। लोगों का मानना है कि हबीब पशु का चारा लाने पानी के रास्ते से गुजर रहा था कि अचानक पैर फिसल जाने के कारण गहरे पानी में चले जाने से डूब गया । वहीं घटना की सूचना पाकर मंजौरा केंप प्रभारी मुरलीधर पासवान घटनास्थल पर पहुंचकर लाश को अपने कब्जे में लेकर बिहारीगंज थाना भेज दिया। युवक अपने पीछे दो मासूम बच्चे छोड़ गए। दोनों बच्चे के सिर से पिता का साया हमेशा के लिए उठ गया। वही पत्नी नजराना खातून रह रह कर बेहोश हो जाती। वहीं उदाकिशुनगंज अंचलाधिकारी विजय कुमार राय ने बताया की मृतक के पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ जाने के बाद सरकारी सहायता के तहत मृतक के परिजन को चार लाख रुपया का आर्थिक मदद दी जाएगी।               


लापरवाहीः स्कूलों में नहीं पहुंच रहे चावल

आरा। प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में नामांकित छात्र-छात्राओं को मध्याह्न भोजन योजना का चावल उपलब्ध कराने के लिए विभाग द्वारा 31 जुलाई तक की तिथि निर्धारित की गई थी। जिन विद्यालयों में थोड़ा बहुत जो चावल उपलब्ध था उसका वितरण कर दिया गया। शेष छात्र छात्राओं को चावल देने के लिए संबंधित प्रधानाध्यापकों ने एमडीएम के प्रखंड साधनसेवी को डिमांड भेजा है लेकिन अभी तक विद्यालयों को आवश्यकता के अनुसार चावल उपलब्ध नहीं कराया गया है। कुछ प्रधानाध्यापकों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि एमडीएम के प्रखंड साधनसेवी इस बात का दबाव बना रहे हैं कि पहले मेधासाफ्ट पर चावल प्राप्त करने वाले छात्र छात्राओं को चिह्नित कर दिया जाए बाद में चावल वितरण किया जाएगा। जबकि विभाग का निर्देश है कि जिन छात्र छात्राओं को चावल उपलब्ध कराया गया है उन्हीं को मेधासाफ्ट पर चिह्नित करना है। ज्यादातर प्रधानाध्यापक चावल उपलब्ध नहीं होने के कारण वितरण को लेकर हाथ खडे़ कर दिए हैं। ऐसे में प्रखंड क्षेत्र के बच्चों को सरकार प्रायोजित इस लाभ से वंचित होना पड़ रहा है।                   


संशोधन विधेयक के खिलाफ हल्ला बोल

सुंदरनगर/आनी। बिजली संशोधन विधेयक और कोयला खादानों के निजीकरण के खिलाफ एचपी राज्य विद्युत बोर्ड इंप्लाइज यूनियन ने आनी व सुंदरनगर में हल्ला बोला।


सुंदरनगर में मुख्य अभियंता कार्यालय में कर्मचारियों ने नारेबाजी कर विरोध व्यक्त किया। यूनियन के प्रदेश उप महामंत्री जगमेल सिंह ठाकुर ने कहा कि आज उर्जा के क्षेत्र के साथ पूरा सार्वजनिक क्षेत्र बड़े कठिन दौर से गुजर रहा है। एक तरफ कोयला सार्वजनिक क्षेत्र खादानों का निजीकरण करके निजी हाथों में दिया जा रहा है। वहीं बिजली संशोधन विधेयक 2020 को मानसून सत्र में केंद्र सरकार लोकसभा में लाने की तैयारी कर रही है। लगभग देश के 11 राज्यों ने इस पर अपनी असहमति दर्ज की है। बावजूद इसके केंद्र सरकार इसमें आगे बढ़ रही है।               


राशन कार्ड को लेकर कार्यालय पर प्रदर्शन

आरा। राशन कार्ड व प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभ से वंचित ग्रामीणों ने बुधवार को अनुमंडल कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया। अपनी मांगों को लेकर अनुमंडल पदाधिकारी को ज्ञापन देने पहुंचे पीरो प्रखंड के हाटपोखर गांव निवासी राजेश्वर सिंह, शिवजी सिंह, लीलावती देवी, किरण देवी, ज्ञानती देवी, सत्येन्द्र चौधरी, रीना देवी, ललिता देवी, लवकुश कुमार आदि ने कहा कि वे सभी अति निर्धन परिवार के लोग हैं जो किसी तरह मेहनत मजदूरी कर जीवनयापन करते हैं। बावजूद इसके उन्हें न तो राशन कार्ड निर्गत किया गया है और न प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया गया है। ऐसे में वे खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। राशन कार्ड नहीं रहने से उन्हें सरकार प्रदत सस्ते अनाज का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसी तरह आवास योजना का लाभ नहीं मिलने से उन्हें किसी तरह झोपड़ी में जीवन गुजारने को विवश होना पड़ रहा है। ज्ञापन में एसडीएम से उक्त कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की मांग की गई है।                        


इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके

इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके  अखिलेश पांडेय  जकार्ता। इंडोनेशिया के पूर्वी प्रांत मालुकु में सोमवार के तेज झटके महसूस किए गए। इ...