गुरुवार, 6 अगस्त 2020

अदभुतः दिस इज अनटोल्ड लव स्टोरी

पंकज कपूर


नैनीताल। प्यार की कई अनकही कहानियां आपने सुनी होगी, लेकिन प्यार में डूबा इंसान इस हद तक गुजर सकता है… ऐसा सोचना भी समाज पाप माना जाता है। प्यार में अक्सर लड़ाई- झगड़े की नौबत आ जाती है।


प्यार को पाने में प्रेमी या प्रेमिका किसी को किसी भी हद तक जाते देखे- सुना गया हैं। लेकिन यहां मामला अलग हैं। उत्तराखंड के नैनीताल में रहने वालीं दो लड़कियां अपनी सीनियर के प्यार में पागल हो गई हैं।लेस्बियन प्रवृत्ति की ये दोनों लड़कियां अपने प्यार को पाने के लिया अक्सर सड़कों पर ड्रामा करते देखी जाती हैं। एक- दूसरे को देखकर खून की प्यासी हो जाती हैं। ये अपनी जान तक देने की कोशिश कर चुकी हैं।


मामला तल्लीताल थाना क्षेत्र का है। थाना इंचार्ज विजय मेहता के मुताबिक दोनों लड़कियों की काउंसिलिंग कराई गयी है, जिससे वे खुद को काबू कर सकें। बता दें कि इनमें से एक 15 साल की लड़की ने 27 जून को नैनीताल झील में कूदकर सुसाइड करने की कोशिश की थी।


हालांकि वहां मौजूद एक युवक ने उसे बचा लिया था। दोनों लड़कियां 10वीं में पढ़ती हैं और एक ही शहर में रहती हैं। हाल ही में मालरोड पर दोनों लड़कियों के बीच मारपीट हो गई। दोनों एक- दूसरे को जान से मारने पर उतर आईं। लोगों के रोकने पर भी नहीं रुकीं, तब पुलिस को बुलाना पड़ा। ये दोनों जिस सीनियर से प्यार करती हैं, वो इनमें से किसी एक के साथ रिश्ते में है। सीनियर 12वीं पास है। दूसरी लड़की को यह पसंद नहीं है। इस बात को लेकर दोनों के बीच झगड़ा होता है।            


सेना में फैला संक्रमण, 70 जवान संक्रमित

कविता गर्ग


जबलपुर। कोरोना वायरस का संक्रमण अब सेना तक पहुंच गया है। जबलपुर में सेना की विभिन्न इकाइयों में तैनात स्टाफ बड़ी संख्या में संक्रमित हो गया है। अब तक 70 से ज़्यादा जवानों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है।


देश की रक्षा में दिन रात जुटे रहने वाले सैनिक भी कोरोना की जद में फंस गए हैं। जबलपुर स्थित सेना की अलग अलग रेजिमेंट और प्रशिक्षण संस्थानो में जवान संक्रमित हो रहे हैं। अब तक 70 से ज्यादा जवान कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। बीते 3 दिन के अंदर ही जबलपुर शहर में करीब 45 सैनिक कोरोना संक्रमित पाए गए हैं और लगातार यह सिलसिला जारी है।


स्वास्थ्य सर्वे


सेना में कोरोना संक्रमण से जिले का स्वास्थ्य विभाग भी खासा चिंतित है। इस सिलसिले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से आर्मी अस्पताल का एक सर्वे भी कराया गया था। स्वास्थ्य विभाग के निरीक्षण में यह पाया गया कि सेना के क्वारेंटीन सेंटर में कोरोना संक्रमितों के साथ ऐसे संदेही मरीजों को भी रखा जा रहा था जिनमें जिन में कोरोना के लक्षण थे। इसलिए में संक्रमण और अधिक बढ़ता गया।


व्यवस्था में खामी-CMHO


ज़िले के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ रत्नेश कुरारिया के मुताबिक बुधवार को ही स्वास्थ्य विभाग की टीम ने आर्मी अस्पताल का निरीक्षण किया था। वहां क्वारेंटीन सेंटर में कुछ कमी मिलने पर उन्हें ठीक करने के निर्देश दिए गए हैं। कोरोना संक्रमण की जद में अब हर तबके का व्यक्ति आता जा रहा है। जबलपुर स्थित जैक राइफल्स हो या जीआरसी या फिर आईटीबीपी के जवान सभी में कोरोना वायरस का संक्रमण फैल चुका है। सैन्य संस्थानों में इसकी रफ्तार और अधिक ना बढ़े हर कोई इस प्रयास में जुटा हुआ है।


सीएम निवास पर 22 कर्मी संक्रमित

कविता गर्ग


रांची। झारखंड में कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर 5 अगस्त का दिन चिंता बढ़ाने वाला था। बीते बुधवार को झारखंड में कोविड-19 के मरीजों के मिलने के सारे रिकॉर्ड टूट गए। एक ही दिन में सबसे ज्यादा 978 नए संक्रमित मरीजों की पहचान की गई। इनमें से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निवास के 22 स्टाफ भी शामिल हैं। नए मरीजों में गोड्डा में सबसे ज्यादा 339, रांची में 141, बोकारो में 71 और पूर्वी सिंहभूम में 72 पॉजिटिव केस शामिल हैं। इस आंकड़े ने राज्य सरकार की चिंता बढ़ा दी है।


झारखंड में कोरोना संक्रमितों की संख्या 15 हजार के पार पहुंच गयी है। 5 अगस्त को राज्य के 23 जिलों में 978 कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आये हैं। राज्य में अब कोरोना के एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 9086 तक पहुंच गई है। बीते 5 अगस्त तक की स्थिति में 584 कोरोना पॉजिटिव के ठीक होने के बाद कोरोना को परास्त करने वालों की संख्या बढ़कर 5826 हो गयी है।


7 संक्रमित की मौत


5 अगस्त को झारखण्ड में इलाज के दौरान 7 संक्रमित मरीजों की मौत हो गई। इसके साथ ही राज्य में कोरोना से मरने वालों की संख्या बढ़कर 136 हो गयी है. पूर्वी सिंहभूम में 1, गिरिडीह में 1, खूंटी में 1, रांची में 3 और पश्चिमी सिंहभूम में 1 कोरोना मरीज की मौत इलाज के दौरान हो गयी।


किस जिले में मिले कितने पॉजिटिव


5 अगस्त को राज्य के बोकारो में 71, चतरा में 4, देवघर में 35, धनबाद में 6, दुमका में 26, पूर्वी सिंहभूम में 72, गढ़वा में 16, गिरिडीह में 7, गोड्डा में 339, गुमला में 12, हजारीबाग में 27, जामताड़ा में 4, खूंटी में 27, कोडरमा में 6, लातेहार में 14, लोहरदगा में 2, पाकुड़ में 33, पलामू में 51, रांची में 141, साहेबगंज में 25, सराईकेला में 9, सिमडेगा में 17 और पश्चिमी सिंहभूम में 34 नए पॉजिटिव मिले।


झारखंड में और तेज हुई कोरोना की रफ्तार


बीते बुधवार को भले ही 584 कोरोना पॉजिटिव के ठीक होने की खबर थोड़ी राहत वाली हो, लेकिन चिंताजनक स्थिति यह है कि कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़ती ही जा रही है। कोरोना के रिकॉर्ड 978 नए केस मिलने के साथ ही राज्य में कोरोना का ग्रोथ रेट 5.97% हो गया है। जबकि देश में यह 3.31% की रफ्तार से बढ़ रहा है। इसी तरह राज्य में कोरोना का डबलिंग जहां महज 11.95 दिन का है. वहीं देश का यह 21.44 दिन है। रिकवरी रेट में भी जहां देश मे 65.73% लोग ठीक हो रहे हैं तो झारखण्ड में यह महज 38.71% ही है।


भारत में कोरोना जांच की दर बहुत कम


हैदराबाद। विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन का कहना है कि भारत में कोरोना की टेस्टिंग की दर उन देशों की तुलना में कम है, जो इसे रोकने का सफल प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस को रोकने के लिए लॉकडाउन एक तात्कालिक उपाय था। मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि कोरोना वैक्सीन तैयार करने में अधिक समय लग सकता है क्योंकि अभी भी हम पूरी तरह से इस वायरस को नहीं समझ पाए हैं।


वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हैदराबाद में आयोजित ‘द वैक्सीन रेसः बैलेंसिंग साइंस एंड अर्जेंसी’ नामक एक पैनल डिस्कशन को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि कोवैक्स का उद्देश्य 2021 के अंत तक कोरोना वैक्सीन की दो अरब डोज तैयार करना है। स्वामीनाथन ने कहा कि मौजूदा समय में कोरोना वायरस के 28 टीके क्लीनिकल ट्रायल के दौर में हैं। इनमें से पांच वैक्सीन के दूसरे चरण का परीक्षण चल रहा है।


इसके अलावा दुनियाभर में 150 से अधिक वैक्सीन क्लीनिकल परीक्षण से पहले के दौर में हैं। उन्होंने कहा कि भारत में जर्मनी, ताइवान, दक्षिण कोरिया, जापान जैसे देशों की तुलना में कोरोना की टेस्टिंग दर काफी कम है. यहां तक कि अमेरिका में भी बड़ी आबादी की कोरोना जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि पर्याप्त संख्या में जांच किए बगैर वायरस से लड़ना आंख पर पट्टी बांधकर आग से लड़ने के समान है। स्वामीनाथन के मुताबिक, कोविड-19 की टेस्टिंग में अगर पॉजिटिव पाए जाने की दर पांच फीसदी से अधिक है तो पर्याप्त संख्या में जांच नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक समुदाय अब भी कोरोना वायरस के प्रति शरीर की प्रतिरोधक क्षमता का अध्ययन कर रहा है और अगले 12 महीने जन स्वास्थ्य एवं सामाजिक उपायों को ठीक करने में महत्वपूर्ण है।



डब्ल्यूएचओ की अधिकारी ने कहा, ‘हमें पता है कि लॉकडाउन अस्थाई उपाय है जो प्रसार को कम करता है क्योंकि यह लोगों को एक-दूसरे के नजदीक आने से रोकता है। स्वामीनाथन ने  वैक्सीन के परीक्षण के बारे में कहा कि डब्ल्यूएचओ ने इसके लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। अगर टीके के सटीक प्रभाव की दर 70 फीसदी रही तो इसे अच्छा माना जाएगा।


आइसीयू वार्ड में आग लगने से 8 की मौत

अहमदाबाद। अहमदाबाद में कोविड-19 के मरीजों के उपचार के लिए चिह्नित एक निजी अस्पताल के आईसीयू वार्ड में आग लगने से बृहस्पतिवार को आठ मरीजों की मौत हो गई। अधिकारी ने बताया कि अहमदाबाद में नवरंगपुर इलाके के श्रेय अस्पताल में बृहस्पतिवार तड़के आग लग गई।


उन्होंने बताया कि अस्पताल में कोविड-19 के करीब 40 अन्य मरीजों को बचा लिया गया और उन्हें शहर के एक अन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अधिकारी ने बताया कि आग लगने का कारण अभी पता नहीं चल पाया है।             


चीन की घेराबंदी, हम मंदिर बना रहे हैं

हरिओम उपाध्याय


नई दिल्ली। पड़ोसी देश चीन के साथ हाल ही में हुए विवाद के बाद सीमा पर तनाव बढ़ा है। हालांकि युद्ध जैसी स्थिति बनने के बाद अब मामले में थोड़ी सी नरमी देखी गई है और कुछ दिनों से शांति की खबर आ रही है मगर पड़ोसी देश की अपनी सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद कर रहा है। तमाम सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क निर्माण करने के बाद चीन हिमाचल से जुड़े सीमा क्षेत्र में सड़क का निर्माण कर रहा है/ इस बात का दावा करते हुए कॉलमकार सौमित्र रॉय लिखते हैं-अरुणाचल, सिक्किम, लद्दाख के बाद अब चीन हिमाचल प्रदेश से लगी सीमा में भी सड़क बना रहा है। हिमाचल की चीन के साथ 240 किमी की सरहद है। किन्नौर के 36 और लाहुल-स्पिति के 12 गांव सरहद पर हैं। किन्नौर का खूबसूरत कस्बा पूह उनमें से एक है।


चीन की गुस्ताखी के बाद राज्य की बीजेपी सरकार को अब ऊंचे पहाड़ों में सड़क बनाने की याद आई है। राज्य के डीजीपी ने रक्षा मंत्रालय और NSA के सामने प्रेजेंटेशन दिया है। बिलासपुर-लेह के बीच 465 किलोमीटर की रेल परियोजना का काम अभी नक्शे तक सीमित है। सड़क से यह लगभग 2 दिन का रास्ता है। चीन ने 1100 किमी का चिंगहई-तिब्बत रेलमार्ग बना लिया है। हिमाचल की आधी सड़कें हर साल बारिश में बह जाती हैं। भारत को बुलेट ट्रेन की नहीं, रेल संपर्क की ज़रूरत है। चीन यह याद दिला रहा है। बहरहाल, चीन इस बार दूरगामी सोच के साथ काम कर रहा है। हम मंदिर बना रहे हैं।               


संविधान व लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा

लखनऊ। जब राम मंदिर/बाबरी मस्जिद विवाद पर माननीय उच्चतम न्यायालय ने एक फैसला दे दिया तो उस से सहमत/असहमत होते हुए भी लोकतान्त्रिक नागरिक समाज ने इच्छा व्यक्त की थी कि चलिए एक विवाद हल हुआ और अब सत्ता प्रतिष्ठान द्वारा फिलहाल धर्म और राजनीति को मिलाने की कोशिश न करके लोगों के सवालों के समाधान के लिए राजनीति होगी और लोगों की धार्मिक भावनाओं का उपयोग निजी दल और राजनीतिक फायदे के लिए नहीं होगा।


दुर्भाग्यवश 5 अगस्त, 2020 के दिन को देश को यह सन्देश देने के लिए चुना गया कि भारतीय जनता पार्टी आरएसएस की नीति और दर्शन के अनुसार संविधान की धारा 370 को हटाने और अयोध्या में राम मंदिर बनाने में सफल हुयी है और यह संघ के दर्शन और नीति की जीत है। उसके लिए 5 अगस्त एक ऐतिहासिक दिन है। जबकि सच्चाई यह है कि जम्मू-कश्मीर की समस्या और भी जटिल हो गयी है और पूरा कश्मीर धीरे-धीरे एक जेलखाने में तब्दील होता जा रहा है। न वहां विकास हुआ है और न ही शांति या स्थिरता आयी। जम्मू-कश्मीर के बारे में मोदी सरकार की जो दुस्साहसिक नीति थी उसने पाकिस्तान में भी यह साहस पैदा कर दिया है कि वह जूनागढ़ से लेकर जम्मू-कश्मीर तक को अपने नए राजनीतिक नक़्शे में पाकिस्तान का हिस्सा कहने का अनर्गल प्रलाप कर रहा है जबकि भारत और चीन के बीच सीमा विवाद और गहरा हो गया है। अमेरिका कोई भारत के पक्ष में खड़ा होता दिखाई नहीं दे रहा है बल्कि भारत और चीन के बीच मध्यस्तता की बात करता दिखाई दे रहा है।


देश गहरे आर्थिक संकट, बेरोज़गारी और भुखमरी के दौर से गुज़र रहा है और अंधी गली में फंस गया है। उत्तर प्रदेश में पुलिस राज चल रहा है और माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशों तक का अनुपालन नहीं हो रहा है। कोविड के मरीज़ गहरे संकट का सामना कर रहे हैं। मोदी सरकार ने संविधान और लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा पैदा कर दिया है। अब तो देश की संप्रभुता तक खतरे में है।


मुंबईः भारी बारिश के कारण समस्याएँ बढ़ी

मुंबई। मुंबई में मूसलाधारा बारिश और तेज हवाओं ने मुंबई की रफ्तार रोक, मायानगरी वालों को पूरी तरह से परेशान कर दिया है। बुधवार को 12 घंटे की बारिश से मुंबई के सबी इलाके जलमग्न हो गए , पेड़ गिर गए, रेल सेवा ठप हो गई, हाईवे बंद हो गए, सड़कें डूब गईं और घरों में पानी घुस गया। मुंबई की इस बारिश ने लोगों का एक बार फिर से जीना मुहाल कर दिया है। मुंबई में आज भी बारिश की चेतावनी दी गई है और रेड अलर्ट जारी किया गया है।


मुंबई में बुधवार को लगातार हुई बारिश के कहर का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दक्षिण मुंबई के कोलाबा मौसम स्टेशन ने महज 12 घंटे में (सुबह 8.30 से रात 8.30 बजे तक) 293.8 मिमी बारिश दर्ज की है। दक्षिण मुंबई के लोगों ने 46 साल बाद अगस्त के महीने में ऐसी बारिश देखी है। साल 1974 के बाद (जब से मौसम विभाग ने रिकॉर्ड रखना शुरू किया) अगस्त महीने में 24 घंटे में यह अब तक की सबसे भीषण बारिश है। यह जानकारी मौसम विभाग ने दी है। इससे पहले 1998 में 10 अगस्त को 24 घंटे में सबसे अधिक 261.9 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। वहीं, कोलाबा क्षेत्र में हवा की रफ्तार 70 किलोमीटर प्रतिघंटे से लेकर 80 किलोमीटर प्रति घंटे थी, मगर शाम में करीब पांच से साढ़े पांच बजे यह रफ्तार 107 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच गई। यहां ध्यान देने वाली बात है कि हवा की यह स्पीड साइक्लोन से भी अधिक थी क्योंकि निसर्ग साइक्लोन के वक्त हवा की रफ्तार 92 किलोमीटर प्रति घंटे दर्द की गई थी।


मुंबई में बारिश के दिनों में हवा की सामान्य रफ्तार 10 से 15 किलोमीटर प्रतिघंटे होती है। वहीं तेज बारिश के दौरान इसकी स्पीड 25 से 30 किलोमीटर प्रति घंटे हो जाती है। शहर में अब तक 1 जून से 5 अगस्त (8.30 बजे) के बीच 2066 मिमी के मौसमी औसत के मुकाबले 2,366 मिमी बारिश हुई है। सांताक्रूज़ मौसम केंद्र ने अपने मौसमी औसत 2260.4 मिमी की तुलना में इसी अवधि के दौरान 2,356.9 मिमी बारिश दर्ज की है। बुधवार को शाम 8.30 बजे तक पिछले 59 घंटों में शहर में 456 मिमी बारिश हुई है। मुंबई बारिश में जहां-तहां लोग फंस गए हैं, जिन्हें सुरक्षित निकालने के लिए एनडीआरएफ की मदद ली जा रही है। दो लोकल ट्रेन में फंसे करीब 290 यात्रियों को एनडीआरएफ की टीम ने कल सुरक्षित निकाला। इसके अलावा, मुंबई, ठाणे और पालघर के इलाकों में आज भी तेज बारिश की आशंका जताई गई है।      मनोज सिंह ठाकुर


इलाज में कितना नियम अनुपालनः एचसी

नैनीताल। हाईकोर्ट ने बदहाल क्वारंटाइन सेंटर और कोरोना अस्पतालों की बदहाली व्यवस्था पर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से पूछा है कि कोविड मरीजो के इलाज में डब्ल्यू. एच .ओ . द्वारा जारी मानकों का कितना अनुपालन किया जा रहा है। सरकार उसकी विस्तृत रिपोर्ट 17 सितंबर तक कोर्ट में शपथपत्र के माध्यम से पेश करे।
हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश रवि कुमार मलिमथ व न्यायमुर्ति एनएस धनिक की खण्डपीठ में अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली की जनहित याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई। जिसमें कहा है कि राज्य सरकार ने प्रदेश के 6 अस्पतालों को कोविड-19 के रूप में स्थापित किया है। लेकिन इन अस्पतालों में कोई भी आधारभूत सुविधा नहीं है। जिसके बाद देहरादून निवासी सच्चिदानंद डबराल ने भी उत्तराखंड वापस लौट रहे प्रवासियों की मदद और उनके लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। बदहाल क्वारंटाइन सेंटरों के मामले में जिला विधिक प्राधिकरण के सचिव ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर माना कि उत्तराखंड के सभी क्वारंटाइन सेंटर बदहाल स्थिति में हैं और सरकार की ओर से वहां पर प्रवासियों के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई है। न ही ग्राम प्रधानों के पास कोई फंड उपलब्ध है। पूर्व में हाईकोर्ट ने सरकार और स्वास्थ्य सचिव को जवाब पेश करने का आदेश दिया था। इस आदेश के तहत जिला विधिक प्राधिकरण की रिपोर्ट के आधार पर क्वारंटाइन सेंटरों की कमियों को 14 दिन के अंदर दूर कर विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने को कहा था।           


जनपद अलीगढ़ में कोरोना का कहर जारी

अलीगढ। जिले में कोरोना का कहर जारी है। पीएसी के 15 जवान सहित 79 लोग इसकी चपेट में आए हैं। चंदनिया के 12, जवाहरनगर के 7 और नगला तिकोना के 6 लोग संक्रमितों में शामिल हैं। संक्रमित 79 मरीजों में 24 महिला एवं 55 पुरुष हैं। जनपद में अब तक संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 1780 तक पहुंच गई है। जेएन मेडिकल कॉलेज, प्राइवेट लैब एवं एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट में बुधवार को 79 लोग संक्रमित पाए गए हैं। पीएसी 38 वीं वाहिनी में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। आज भी 15 जवान चपेट में आए हैं। चंदनिया के 15 लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं, जिसमें से 5 एक ही परिवार के हैं। जवाहरनगर के 7, नगला तिकोना के 6, रामबाग कॉलोनी और धनीपुर के 5-5 लोग संक्रमित हुए हैं। इसके अतिरिक्त शक्तिनगर के 3, बेगमबाग और डोरी नगर के 2-2 लोग संक्रमितों में शामिल हैं। सराय हकीम, मंगलसिंह, भमोला, कावेरी वाटिका, जलाली शेखा, अवंतिका फेज-1, रॉयल होम्स तालानगरी, इगलास, नौरंगाबाद, रेलवे कॉलोनी, इंदिरा नगर, क्वार्सी, बैंक कॉलोनी, बेना टप्पल, नीलकंठ कॉलोनी, सर सैयद नगर, रामनगर के एक-एक लोग चपेट में आए हैं। जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह ने बताया कि संक्रमित लोगों को कोविड-19 हॉस्पिटल में भर्ती कराने एवं उनके परिजनों क्वारंटीन किया जा रहा है। घरों के आसपास के एरिया को सील कर सैनिटाइज किया जाएगा।         


राष्ट्रपति पीएम को भेजी गोबर की राखी

पालूराम


नई दिल्ली। देश की अवाम की छाती पर बैठकर घोटाले हो रहे हैं, लेकिन हम कुछ नहीं कर सकते, क्योंकि निज़ाम बेरहम है।


क्रोनोलॉजी को समझिये-


24 मार्च 2020 को मोदी सरकार देश में वेन्टीलेटर्स के निर्यात पर पाबंदी लगाती है।


31 मार्च 2020 को सरकार दो कंपनियों को 40 हज़ार वेन्टीलेटर्स का आर्डर देती है। एक कंपनी को बायोकॉन की किरण मजूमदार शॉ और इंफोसिस की सुधा मूर्ती का सपोर्ट है। 23 जून 2020 को PM केयर्स से 50 हजार वेन्टीलेटर्स के लिए 2000 करोड़ जारी होते हैं। इसमें से 40 हज़ार वेन्टीलेटर्स का आर्डर पुराना है। लेकिन बिक चुकी गोदी मीडिया मोदी की दरियादिली के आगे बिछ जाती है।


यानी मोदी ने सिर्फ 10 हज़ार वेन्टीलेटर्स का आदेश दिया? पत्रकार और एक्टिविस्ट साकेत गोखले कहते हैं कि सरकार ने 1.5-2 लाख प्रति वेन्टीलेटर्स के हिसाब से खरीदी का आदेश दिया था।लेकिन जून में मोदी ने अपने फण्ड (अभी तक यही सही है) से 4 लाख प्रति वेंटीलेटर के हिसाब से आर्डर दिया। 23 जून 2020 को ही पीएम केयर्स कहती है कि 2923 वेंटीलेटर बने लेकिन राज्यों को मिले 1340 ही। हालांकि एक कंपनी 16 जून को दावा करती है कि उसने 4000 वेन्टीलेटर्स तो 15 जून को ही बना लिए थे। 24 जून को इंडियन एक्सप्रेस कहता है कि सिर्फ 6% वेन्टीलेटर्स ही बने हैं। और फिर 1 अगस्त 2020 को मोदी सरकार वेन्टीलेटर्स के निर्यात की अनुमति देती है। सरकार और PM केयर्स से जितने वेन्टीलेटर्स का आर्डर दिया गया वे ट्यूब के बिना ऑक्सीजन सप्लाई नहीं कर सकते और यह जोखिम भरा है। शायद सरकार इन्हीं खतरनाक वेन्टीलेटर्स का निर्यात करेगी। जिसे कमाना था, वह करोड़ों कमा चुका है। यही इस देश की खोखली आत्मनिर्भरता है। दुनिया हम पर हंस रही है।


राम मंदिर का शिलान्यास होगा। अखबारों और मीडिया को प्रचार के लिए करोड़ों रुपये दिए गए हैं। मोदी सरकार के लिए मंदिर ज़रूरी है, मरते लोगों के लिए ऑक्सीजन नहीं।हमारा आत्मगौरव अगर मंदिर बनाने से बढ़ता है तो इसे आपदा में अवसर मानने में कोई हर्ज भी नहीं। सरकार ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए मसौदा बनाया है। क्या नया होगा? इसी तरह वे कंपनियां हथियार बनाएंगी, जिसने दीवाली के पटाखे भी नहीं बनाए। इस बार चीन को मात देने के लिए गोबर की राखियां बनाकर पीएम और राष्ट्रपति को भेजी गई हैं। पता नहीं उन्होंने पहना या नहीं। पहनना चाहिए। आत्मनिर्भरता का अहसास होगा।देश भर में शिक्षा, तकनीकी शोध और नवाचार का दिवाला निकल चुका है। गाय-गोबर से आगे देश सोच नहीं पा रहा है। जहां झूठ ही चल रहा हो, वहां ओरिजिनल की उम्मीद बेकार है। क्योंकि हम सकारात्मक होना पसंद करते हैं। हम छिपाना पसंद करते हैं। हम कोरोना से स्वस्थ लोगों को देखकर खुश होते हैं। भारत रोजाने के सक्रिय कोरोना मामलों में शीर्ष पर है। यानी दुनिया को कोरोना बांटने में नंबर 1, लेकिन हमें शर्म नहीं आएगी। तभी तो सरकार कहती है कि लोग मर नहीं रहे, इसलिए वेन्टीलेटर्स का निर्यात करो। ग़लती निज़ाम की नहीं, हमारी मूर्खता और झूठे आत्मगौरव की है।         


पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मिलें पॉजिटिव

शाहजहांपुर। कोराना संक्रमण ने शहर से लेकर गांव तक अपने पैर पसार दिए है। कोरोना संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। आम आदमी से लेकर बड़े लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। गुरुवार को पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष कोरोना पाॅजिटिव पाए गए हैं?। सिंधौली सीएचसी पर एक एएनएम सहित तीन लोग पाॅजिटिव निकले है।


बुधवार सुबह को भाजपा के वरिष्ठ नेता की कोरोना रिपोर्ट पाॅजिटिव आई। भाजपा नेता से लेकर कार्यकर्ता सकते में है। क्योकि पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष का इस दौरान पार्टी कार्यकार्ताओं से मिलना जुलना बना रहा। बुधवार को ही शहर के एक कार्यक्रम में वह शामिल हुए थे। वहीं, उनके परिवार के सदस्यों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। जो राहत देने वाली खबर है। सिंधौली सीएचसी पर एक एएनएम की रिपोर्ट पाॅजिटिव निकली है। महानंदपुर के एक व्यक्ति की रिपोर्ट भी पाजिटिव आई है। निगोही के कटैया उसमानपुर का 50 वर्षीय मजदूर कोरोना संक्रमित मिला है। बताया जा रहा है कि संक्रमित व्यक्ति कुछ दिन पहले बाहर से मजदूरी कर घर आया था।           


इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके

इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके  अखिलेश पांडेय  जकार्ता। इंडोनेशिया के पूर्वी प्रांत मालुकु में सोमवार के तेज झटके महसूस किए गए। इ...