शनिवार, 18 जुलाई 2020

बनारस में एक साथ 51 संक्रमित मिले

मो0 सलीम


वाराणसी। सुबह-ए-बनारस और नियमो के तहत एक तरफ की खुलती दुकानों के बीच आज सुबह-ए-बनारस ने अपनी अलसाई आँखे खोली ही थी कि कोरोना ने भी शहर में अंगडाई ले डाली और एक एक साथ 51 नए संक्रमण के मामले सामने आने के बाद कोरोना के खौफ ने शहर बनारस को अपने आगोश में ले लिया है। इसके बाद भी सडको पर बेमतलब टहलने वालो की कमी भी नहीं है। बाज़ार थोड़ी ही सही खुली हुई है। सड़के भले तंग है मगर आप अपनी बाइक से बेमतलब निकल जाए। कोई काम हो न हो सिर्फ घूमना मकसद हो। चंद फुल लेने भी कम से कम तीन किलोमीटर दूर जाये। मगर इसके पहले आप एक बार गौरफरमाए कि हुजुर बनारस में कोरोना संक्रमण के मामलो ने एक हज़ार की तायदात पार कर दिया है।


बहरहाल, साहब जीवन आपका है। आपको सुरक्षित रखना है। हम अपनी खबर को पूरा कर दे रहे है कि यहाँ शहर बनारस जो अपनी मस्ती मौज में चलता रहता है, अब कोरोना के कहर से खौफज़दा हो रहा है। हर रोज नए मरीजों का मिलना बदस्तूर जारी है। आज शनिवार को सुबह 11 बजे तक आई रिपोर्ट में 51 लोग पॉजिटिव पाए गए है। वाराणसी में इस खतरनाक बीमारी से अबतक कुल 31 लोगों की जान भी जा चुकी है। जिले में कुल कोरोना मरीजों की संख्या 1169 हो गया है। जबकि 513 मरीज स्वस्थ होकर अपने अपने घरों के लिए डिस्चार्ज हो चुके हैं। वर्तमान में एक्टिव कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 625 है।


आप इस आकड़ो पर नज़र दौडाए। शहर में बने हॉटस्पॉट को आप कलम से नही बल्कि टहलते घूमते खुद देख रहे है। यह सिलसिला बदस्तूर जारी रहेगा तो एक वक्त ऐसा भी आ सकता है कि गलियों के शहर बनारस में हर दो गलियों के बाद एक हॉटस्पॉट मिलेगा। आखिर प्रशासन भी आपको कब तक चिल्ला चिल्ला कर कहेगा कि सोशल डिस्टेंस बना कर रखे। आपकी मर्ज़ी है। इस भीड़ का आप हिस्सा बने रहना चाहते है या फिर खुद को और खुद के परिवार को सुरक्षित रखना चाहते है। घरो में रहे सुरक्षित रहे।             


रिकवरी दर 63.33 प्रतिशत तक पहुंची



नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि भारत में कोविद -19 के मौजूदा 3.42 लाख रोगियों में से 1.94 प्रतिशत आईसीयू में हैं और 0.35 प्रतिशत वेंटिलेटर पर हैं। 2.81 प्रतिशत लोगों को ऑक्सीजन दी जा रही है जबकि रिकवरी दर 63.33 प्रतिशत तक पहुंच गई है। मंत्रालय ने कहा कि देश में कोविद -19 का वास्तविक आंकड़ा तीन लाख 42 हजार 756 है जबकि 6.35 लाख से अधिक लोग इस बीमारी से ठीक हुए हैं। पिछले 24 घंटों में 22,942 लोग बरामद हुए और उन्हें अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई।




मंत्रालय ने कहा कि वसूली दर को बढ़ाकर 63.33 प्रतिशत कर दिया गया है। देश में ठीक होने वाले मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। गुरुवार को इलाज की दर 63.25 प्रतिशत थी। मंत्रालय ने कहा कि दुनिया के दूसरे सबसे अधिक आबादी वाले देश भारत में प्रति मिलियन 727.4 मामले हैं, जो कुछ यूरोपीय देशों की तुलना में चार से आठ गुना कम है।


इसके साथ, देश में महामारी की मृत्यु दर प्रति मिलियन 18.6 है, जो दुनिया में सबसे कम है। मंत्रालय ने कहा, "यह भी उल्लेखनीय है कि 1.94 प्रतिशत मरीज आईसीयू में हैं, 0.35 प्रतिशत वेंटिलेटर पर हैं और 2.81 प्रतिशत ऑक्सीजन बिस्तर पर हैं।" कुल मामलों में से 63.33 प्रतिशत ठीक हो गए हैं।


मंत्रालय ने कहा कि यह सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के समन्वित प्रयासों, डोर-टू-डोर सर्वेक्षण, संपर्क का पता लगाने, अलग-अलग क्षेत्रों की निगरानी, ​​निरंतर जांच और समय पर उपचार के कारण संभव हुआ है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारत ने कोविद -19 रोगियों की विभिन्न श्रेणियों के लिए देखभाल के मानक प्रोटोकॉल का अनुपालन किया है। प्रभावी नैदानिक ​​प्रबंधन नीतियों ने सकारात्मक परिणाम भी दिए हैं।


मंत्रालय ने यह भी कहा कि एन 95 मास्क और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की भी कोई कमी नहीं है। यह बताया गया कि केंद्र ने राज्य, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय संस्थानों को 235.58 लाख एन 95 मास्क और 124.26 लाख पीपीई किट प्रदान किए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, कोविद -19 की संख्या शुक्रवार को एक मिलियन से अधिक हो गई, जिसमें एक ही दिन में सबसे अधिक 34,956 मामले दर्ज किए गए। महज तीन दिन पहले यह आंकड़ा नौ लाख को पार कर गया था। शुक्रवार की सुबह आठ बजे तक के आंकड़ों के अनुसार, देश में कोरोना वायरस के मामलों की कुल संख्या एक लाख तीन हजार 832 हो गई है, जबकि मरने वालों की संख्या बढ़कर 25,602 हो गई है और एक दिन में मरने वालों की अधिकतम संख्या 687 तक पहुँच गया है।



मौत के खौफ से गैंगस्टर ने किया सरेंडर

एनकाउंटर के खौफ से थाने में सरेंडर करने पहुंचा गैंगस्टर.



सहारनपुर। सीएम योगी की सरकार में बदमाशों के अंदर पुलिस का खौफ साफ नजर आने लगा है। इसका ताजा उदाहरण सहारनपुर के थाना देवबंद में तब देखने को मिला जब एक गैंगस्टर में निरुद्ध बदमाश छोटन निवासी गांव लबक़री अपनी गिरफ्तारी देने खुद ही थाने पहुंच गया।आए दिन हो रहे पुलिस-बदमाशों के बीच एनकाउंटर से भयभीत बदमाश ने कहा वर्तमान में जिस तरह पुलिस आफत बनकर अपराधियों पर टूट रही है, इससे उसे भी डर सताने लगा है। गैंगस्टर में वांछित छोटन हाथ मे तख्ती लिए हुए था जिस पर लिखा हुआ था कि मेरा नाम छोटन है और में लबकरी गांव का रहने वाला हूं और मैं कभी भी भविष्य में अपराध नहीं करूंगा।
रिपोर्ट:अंकुर गर्ग/आस मोहम्मद


दिल्ली में बिना मास्क ₹500 का जुर्माना

प्रदीप उज्जैनी


उत्तरी बाहरी दिल्ली।अलीपुर थाना पुलिस ने बगैर मास्क लगाए लोगों के चालान काटे जिसमें दुपहिया वाहन कार चालक टेंपो चालक सवार थे।


कोरोना महामारी के चलते दिल्ली पुलिस भी लगातार सक्रिय है और लोगों के चालान काट रही है लेकिन उसके बावजूद भी लोग बगैर मास्क लगाए घर से बाहर निकल आते हैं। जिसके चलते दिल्ली पुलिस सब लोगों के चालान काट रही है चालान के दौरान लोगों से 500 रुपये का जुर्माना लिया जा रहा है। जिसके चलते अलीपुर थाना पुलिस ने कल शाम करीब 42 लोगों के चालान काटे हैं। इससे पहले भी इसी तरह की मुहिम अलीपुर थाना पुलिस ने चलाई थी और लोगों के चालान काटे थे।               


छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन पर विचार-विमर्श

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना से जुड़ी एक बड़ी खबर आ रही है। आज रात से राज्य में संपूर्ण लॉकडाउन लग सकता है। आज शाम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंत्रियों की बैठक बुलाय़ी है। बैठक में प्रदेश में 15 दिन का लॉकडाउन लागू करने का फैसला किया जा सकता है। राज्य सरकार ने अपने स्तर से इसकी पूरी तैयारी कर ली है। आज मंत्रियों की बैठक के बाद संपूर्ण लॉकडाउन का ऐलान किया जा सकता है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शाम 4 बजे सीएम हाउस में ये बैठक बुलायी है। इस बैठक का पूरा एजेंडा ही कोरोना से जुड़ा है। लिहाजा कोरोना के मद्देनजर तैयारियों की समीक्षा के साथ-साथ लॉकडाउन पर चर्चा की जायेगी।


आपको बता दें कि प्रदेश में लगातार कोरोना के आंकड़े बढ़ रहे हैं। खासकर राजधानी रायपुर में पिछले एक महीने से कोरोना की जो रफ्तार हुई है, वो धीमी पड़ती नहीं दिख रही है। कल तो प्रदेश ने कोरोना के सारे रिकार्ड तोड़ दिये, एक ही दिन में कोरोना से 242 मरीज मिले थे, जिसमें से 127 मरीज सिर्फ राजधानी रायपुर से थे। कोरोना के बढ़े खतरे और कोरोना के साइकिल को तोड़ने के लिए राज्य सरकार एक और लॉकडाउन प्रदेश में लागू करने जा रही है।


हालांकि लॉकडाउन का स्तर किस तरह का होगा ? किस तरह की सेवाओं को छूट दी जायेगी? बाजार में किन-किन दुकानों को खोलने की इजाजत दी जायेगी, इसे लेकर बैठक में चर्चा की जायेगी। हालांकि विश्वस्त सूत्र ने इस बात की पुष्टि की है कि प्रदेश में लाकडाउन 15 दिन का किया जा सकता है।               


मंदिर ट्रस्ट, पुजारीयों सहित 140 संक्रमित

आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में कोरोना का कहर तेजी से बढ़ रहा है। अभी तक मंदिर के 14 पुजारी समेत ट्रस्ट के 140 से ज्यादा लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं।



तिरुपति। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब कुछ दिन के लिए मंदिर में दर्शन बंद करने की मांग की जा रही है। हालांकि, ट्रस्ट ने फिलहाल इस पर कोई फैसला नहीं लिया है।


 बता दें कि अनलॉक-1 के तहत 8 जून को मंदिर फिर से खोला गया था। 11 जून से आम लोगों के लिए खोला गया। 13 जून से मंदिर के स्टाफ में कोरोना के मामले सामने आने लगे थे। शुरुआत में यहां श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ी लेकिन मंदिर में कोरोना का असर देखते हुए अब भीड़ कम होने लगी है। अभी हर दिन 8 से 9 हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए मंदिर पहुंच रहे हैं।


मंदिर में कोरोना बढ़ने के बाद अब दर्शन बंद करने की मांग उठ रही है। कर्मचारी संगठनों ने भी ट्रस्ट से मांग की है, संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए फिलहाल मंदिर को बंद किया जाए। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने भी आंध्र प्रदेश सरकार से मांग की है कि स्थिति बिगड़ने से पहले जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए। वहीं तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड के अध्यक्ष वाईवी सुब्बा रेड्डी ने कहा है कि, फिलहाल मंदिर में सार्वजनिक दर्शन को रोकने की कोई योजना नहीं। स्थिति अभी नियंत्रण में है, इसलिए मंदिर फिर से बंद करने का कोई मतलब नहीं। जो कर्मचारी संक्रमित पाए गए हैं, उन्हें क्वारंटाइन किया गया है।               




आईआईटी में प्रवेश लेना होगा आसान

प्रमोद मिश्रा


नई दिल्ली। दिन की शुरुआत अच्छी खबरों से होनी चाहिए। आज की अच्छी खबर यह है कि अब इस बार IIT में एडमिशन और भी आसानी से होगी इसकी जानकारी खुद केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट कर दी है ।


मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने शुक्रवार को घोषणा की कि कोरोना के चलते विभिन्न बोर्डों द्वारा 12वीं कक्षा की परीक्षा को आंशिक रूप से रद्द करने की वजह से इस साल भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) ने प्रवेश मानदंडों में छूट देने का निर्णय किया है।
एचआरडी मंत्री निशंक ने इसको लेकर ट्वीट किया है। निशंक ने अपने ट्वीट में लिखा है कि आईआईटी में दाखिले के लिए जेईई एडवांस में पास होने होने के अलावा 12वीं बोर्ड की परीक्षा में न्यूनतम 75 प्रतिशत अंक प्राप्त करने होते थे या फिर पात्रता परीक्षा में शीर्ष 20 पर्सेंटाइल में स्थान बनाना होता था। निशंक ने अपने एक अन्य ट्वीट में लिखा, “बोर्डो द्वारा 12वीं कक्षा की परीक्षा को आंशिक रूप से रद्द करने के मद्देनजर संयुक्त नामांकन बोर्ड (जेएबी) ने इस बार जेईई एडवांस 2020 पास छात्रों के लिए प्रवेश मानदंडों में छूट देने का फैसला किया है।
देश-दुनिया के किस हिस्से में कितना है कोरोना का कहर?
एक अन्य ट्वीट में निशंक ने लिखा, “ऐसे पात्र उम्मीदवार जिन्होंने 12वीं कक्षा की परीक्षा पास की है, वे दाखिला लेने के पात्र होंगे और उन्हें मिले अंकों से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
बता दें कि इससे पहले जानकारी सामने आई थी कि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) जेईई एडवांस परीक्षा के सिलेबस को कम करने और प्रवेश परीक्षा फॉर्मेट को बदलने पर चर्चा करेगा। बता दें कि इस साल, आईआईटी दिल्ली जेईई एडवांस परीक्षा का आयोजन कर रहा है।             


11 संक्रमित, एसएसपी ने मेस बंद कराया

रायबरेली। महराजगंज में कोरोना संक्रमण का दायरा बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को 11 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। इनमें चार पुलिस कर्मी भी शामिल हैं। एक संक्रमित पुलिस कर्मी एसपी कार्यालय में डायल-112 के टेलीफोन ड्यूटी में तैनात था। वहीं दो संक्रमित सिपाही कोतवाली में तैनात थे। वे दोनों बाहर रहते थे। एसपी आवास में बने उसी गारद के मेस में भोजन करते थे, जहां का कुक कोरोना पॉजिटिव मिला था। एसपी ने एहतियात के तौर पर गारद के मेस को बंद करा दिया है। पुलिस कार्यालय और कोतवाली में तीन पुलिस कर्मियों के संक्रमित मिलने से महकमे में हड़कंप मच गया है। कोतवाली के पुलिस कर्मी संदेह में अपना कोरोना टेस्ट खुद ही कराए थे, लेकिन वह सूचना नहीं दिए थे। नियमित रूप से ड्यूटी कर रहे थे। यह भी बताया जा रहा है कि शुक्रवार को दोनों की वीआईपी ड्यूटी भी लगी थी। उसी दौरान रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद दोनों के अलावा पुलिस कार्यालय में डायल-112 के टेलीफोन ड्यूटी में तैनात पुलिस कर्मियों को इलाज के लिए कोविड केयर हॉस्पिटल भेज दिया गया। चौथा संक्रमित पुलिस लाइन में तैनात था। उसे भी इलाज के लिए भेजा गया है। खांसी ना बुखार, पर जांच में मिल रहे संक्रमित बिना मास्क लगाए घर से बाहर निकलने वाले व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने वाले अब चेत जाएं। क्योंकि कोरोना संक्रमित ऐसे लोग भी मिल रहे हैं जिनको न तो सर्दी-जुखाम हुआ है और ना ही खांसी या बुखार से पीड़ित हैं। देखने में पूरी तरह स्वस्थ हैं। लेकिन जांच में संक्रमित मिल रहे हैं। शुक्रवार को आई जांच रिपोर्ट में चार पुलिस कर्मी संक्रमित मिले हैं। सभी को इलाज के लिए कोविड केयर हॉस्पिटल पुरैना भेज दिया गया है। पुलिस कर्मियों की नियमित जांच कराई जा रही है। एहतियात के तौर पर गारद के मेस को बंद करा दिया गया है।              


महिला पार्षद ने आयुक्त पर चप्पल उठाई

मथुरा। उत्तर प्रदेश के मथुरा में एक पार्षद ने बीच बैठक में नगर आयुक्त को ही चप्पल मार दी। शुक्रवार को मथुरा नगर निगम की बैठक में किसी बात से खफा होकर भाजपा पार्षद दीपिका रानी सिंह ने नगर आयुक्त रविंद्र कुमार को चप्पल मारी। हालांकि चपप्ल नगर आयुक्त को ना लगकर उनके पीए को जाकर लगी। बैठक में मौजूद दूसरे नेताओं और कर्मचारियों ने किसी तरह बीच-बचाव किया।


मथुरा के मुकुंद पैलेस में शुक्रवार को मथुरा वृन्दावन नगर निगम की बजट बोर्ड बैठक बुलाई गई थी। पार्षद अपने अपने वार्डों में प्रस्तावित और हुए विकास कार्यों को लेकर हंगामा करने लगे। इसी बीच वार्ड 24 की पार्षद दीपिका रानी सिंह मंच पर बैठे नगर आयुक्त रविंद्र कुमार मांदड़ के पास पहुंचीं। दीपिका रानी का कहना है कि, उन्होंने वार्ड में हुए कार्यां की सूची और कुछ अन्य समस्याओं को लेकर नगर आयुक्त से बात की तो उन्होंने हाथ पकड़कर झटका और कहा कि चल बैठ जा।इस पर मुझे गुस्सा आ गया।


नगर आयुक्त ने पार्षद पर एफआईआर के लिए तहरीर दी है। नगर आयुक्त ने कहा कि बैठक शुरू होने से पहले ही पार्षद दीपिका रानी ने हंगामा शुरू कर दिया था। उन्होंने मुझसे और अन्य अधिकारियों से गाली गलौच भी की। जब पीए ने समझाया तो उसको चपल्लों से पीटा गया। इस मामले में एफआईआर दर्ज करा कर वैधानिक कार्रवाई कराई जाएगी।               


राजस्थान में राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए


  • मायावती ने कहा- राजस्थान के राज्यपाल को मसले को खुद नोटिस में लेकर राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करनी चाहिए

  • मायावती इससे पहले भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर हमलावर रहीं, बसपा विधायकाें को कांग्रेस में शामिल कराने पर विरोध जताया था


लखनऊ। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने राजस्थान की सियासी उठापटक पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को निशाने पर लिया है। मायावती ने राजस्थान की राजनीतिक अस्थिरता को लेकर वहां राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि राजस्थान में राजनीतिक गतिरोध और सियासी उठापटक काे राज्यपाल खुद नोटिस में लाएं। उन्हें राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करनी चाहिए, ताकि राज्य में लोकतंत्र की और ज्यादा दुर्दशा न हो।


बसपा प्रमुख ने ट्वीट में कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहले दलबदल कानून का खुला उल्लंघन किया। बसपा के साथ लगातार दूसरी बार धोखेबाजी की और हमारी पार्टी के विधायकों को कांग्रेस में शामिल कराया। अब जगजाहिर तौर पर फोन टेप कराके इन्होंने एक और गैर-कानूनी और असंवैधानिक काम किया है।


कोटा में 105 बच्चों की मौत पर गहलोत को हटाने की मांग की थी
इससे पहले मायावती ने दिसंबर में कोटा के अस्पताल में लगातार बच्चों की मौतों पर सवाल उठाया था। उन्होंने कांग्रेस से गहलोत को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने की भी मांग की थी। मायावती ने ट्वीट कर लिखा था- 100 माताओं की कोख उजड़ने के मामले में कांग्रेस को केवल अपनी नाराजगी जताना ही काफी नहीं है। कांग्रेस को चाहिए कि वहां के मुख्यमंत्री को तुरंत हटाकर किसी सही व्यक्ति को सत्ता में बैठाया जाए।


2018 में भी गहलोत से नाराजगी जताई थी
बसपा प्रमुख मायावती मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लेकर पहले भी नाराजगी जता चुकी हैं। 2018 में राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 200 सीटों में 100 पर जीत मिली थी। उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल का एक विधायक जीता था। इससे राज्य में सरकार गिरने का खतरा मंडरा रहा था। वहीं, बसपा के 6 विधायक चुनाव जीते थे। इन सभी विधायकों ने बसपा छोड़कर कांग्रेस की सदस्यता ले ली। इससे मायावती ने कांग्रेस और गहलोत पर खासी नाराजगी जताई थी।


राजस्थान में इन विधायकों ने कांग्रेस जॉइन की थी
बसपा से चुनाव जीते राजेन्द्र गुढा (उदयपुरवाटी, झुंझुनूं), जोगेंद्र सिंह अवाना (नदबई, भरतपुर), वाजिब अली (भरतपुर), लाखन सिंह मीणा (करौली), संदीप यादव (तिजारा, अलवर) और दीपचंद खेरिया (किशनगढ़बास, अलवर) ने सितंबर 2018 में पार्टी छोड़ दी थी।             


ओडीएफ के विरुद्ध शुरू घूंघट से बगावत

धर्मेन्द्र कुमार कन्नौजिया की रिपोर्ट


लखनऊ। वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश राज्य का कुशीनगर जनपद ओडीएफ (खुले में शौच से मुक्त) घोषित कर दिया गया लेकिन जमीनी हकीकत सरकारी दावे से कोसों दूर है। शौचालय नहीं होने से जंगल जगदीशपुर टोला भरपटिया में लगभग डेढ़ दर्जन बहुएं ससुराल छोड़कर मायके चली गयीं हैं। दुल्हनों का कहना है कि शौचालय के बगैर उन्हें काफी दिक्कत हो रही थी। दुल्हनों का कहना है कि जबतक ससुराल में शौचालय नहीं बन जाता है तबतक मायके में ही रहेगी. ‘घुंघट’ की इस बगावत ने स्वच्छ भारत मिशन की सारी पोल खोलकर रख दी है।


जानकारी के मुताबिक, जिले के साथ ही जंगल जगदीशपुर गांव भी ओडीएफ हुआ था लेकिन इस गांव के टोला भरपटिया के अधिकतर गरीबों के पास आज भी शौचालय नहीं है। गांव के ग्राम प्रधान और जिला पंचायतराज अधिकारी एमआईएस और सूची का हवाला दे रहे हैं लेकिन सवाल ये है कि किन परिस्थितियों में इन गरीबों का नाम सूची में नहीं शामिल हुआ है इसका जबाब किसी के पास नहीं है।


स्वच्छ भारत मिशन के तहत कुशीनगर जनपद में तकरीबन 4 लाख शौचालय बनने थे। कुशीनगर जनपद को 30 नवंबर 2018 को ओडीएफ घोषित कर दिया गया। ओडीएफ मतलब सभी शौचालयों का निर्माण शत प्रतिशत करा दिया गया है। परंतु इस सरकारी दावे पर से पडरौना विकास खंड के जंगल जगदीशपुर टोला भरपटिया की लगभग डेढ़ दर्जन बहुओं ने पर्दा हटा दिया है। भरपटिया टोले की यह बहुएं ससुराल छोड़कर मायके इसलिए चली गईं है क्योंकि घर में शौचालय नहीं है और उन्हें नित्य जरूरत के लिये तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। शौचालय निर्माण का सच सामने लाने वाली इन बहुओं का कहना है कि गांव के एक तरफ नाला है तो दूसरी तरफ नहर। चारों तरफ पानी लगता है. जिससे बहुत दिक्कतें आती हैं। जबतक ससुराल में शौचालय नहीं बन जाता है तबतक मायके में ही रहेंगी। बता दें कि टोला भरपटिया की आबादी तकरीबन 1000 है और यहां गरीब तपके के लोग निवास करते हैं। गरीबों की बस्ती होने के बाद भी अधिकतर के पास शौचालय नहीं है।


जिला पंचायतराज अधिकारी राघवेंद्र द्विवेदी और ग्राम प्रधान दोनों का कहना है जितने लोगों का एमआईएस हुआ था और जितने लोगों का नाम सूची में था, सबका शौचालय बन गया है। लेकिन सच्चाई यह है कि एमआईएस कराने की जिम्मेदारी भी ग्राम प्रधान, ब्लॉक और डीपीआरओ के ही कंधों पर होती है। सूची भी इन्हीं की देखरख में बनी है।


मायके गई गांव की बहू रीना का कहना है कि हमारे ससुराल में शौचालय नहीं बना है जिसके कारण दिक्कत हो रही थी इसलिए मायके चले आएं हैं। शौचालय बन जायेगा तो ससुराल चले जायेंगे। वहीं, मायके गई बहू ज्योति का कहना है कि ससुराल में शौचालय न होने के कारण मायके आई हूं। शौचालय बनेगा तो वापस जाऊंगी नहीं बनेगा तो नहीं जाऊंगी। जिला पंचायत अधिकारी राघवेंद्र द्विवेदी का कहना है कि जानकारी मिलने के बाद गांव में पहुंचकर जांच की तो दो बहुएं नार्मल तरीके से मायके गई हैं। हां, कह सकते हैं कि उनके पास शौचालय नहीं था। कुछ गांववालों का लाइन सर्वे में नाम न होने के कारण उनका शौचालय नहीं बन पाया था।


यूपीबोर्डः 30 फ़ीसदी पाठ्यक्रम किया कम

नई दिल्ली/लखनऊ। कोरोना वायरस के चलते बिजनेस से लेकर पढ़ाई तक सब प्रभावित हुई है। इसके कारण बच्चों की पढ़ाई काफी प्रभावित हुई है। ऐसे में यूपी बोर्ड ने छात्रों को राहत देने के लिए बड़ा कदम उठाया है।


दरअसल, कोरोना महामारी के चलते देशभर में स्कूल अभी तक खुले नहीं हैं। यूपी बोर्ड के स्कूल भी अभी तक बंद हैं। इनके आने वाले दिनों में भी खुलने की उम्मीद नहीं के बराबर है। ऐसे में यूपी बोर्ड ने स्टूडेंट्स के सिर से पढ़ाई का बोझ कम करने का फैसला लिया है। इसके कारण यूपी बोर्ड ने नौवीं क्लास से बारहवीं क्लास तक के सिलेबस में 30 फीसदी की कटौती कर दी है।


यूपी बोर्ड ने कोरोना के चलते छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होने के चलते हालात की गंभीरता को देखते हुए 9वीं से 12वीं क्लास तक के सिलेबस 30 फीसदी कम कर दिए हैं। बाकी बचे 70 फीसदी सिलेबस को अब तीन भाग में पढ़ाया जाएगा। उत्तर प्रदेश बोर्ड की नियामक संस्था माध्यमिक शिक्षा परिषद ने नियमित कक्षाएं न शुरू हो पाने की समस्या को देखते हुए सरकार से सिलेबस कम करने की अपील की थी और प्रस्ताव भेजा था। जिस प्रस्ताव पर शासन ने अपनी मुहर लगा दी है। अब छात्रों को तीस फीसदी कम सिलेबस पढ़ना होगा।             


दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ

दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। दबे पांव पहुंचे भूकंप ने धरती को हिलाते हुए पब्लिक को दहशत में ड...