बुधवार, 15 जुलाई 2020

फैन्स को पसंद आई, उर्वशी की मस्ती

नीलमणि पाल


मुंबई। उर्वशी रौतेला जल्द ही फिल्म ‘वर्जिन भानुप्रिया’ में नजर आएंगी। फिल्म के लिए एक्ट्रेस को मोटी रकम दी गई है। उर्वशी रौतेला उन एक्ट्रेस में से हैं, जो फिल्मों के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी खासी एक्टिव रहती हैं। उनके वीडियो को काफी व्यूज भी मिलते हैं। उर्वशी रौतेला का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। वीडियो में उर्वशी रौतेला समुद्र किनारे मस्ती करती नजर आ रही है।


उर्वशी रौतेला का नया अंदाज फैन्स को खूब पसंद आ रहा है। इस वीडियो को उनकी टीम ने इंस्टाग्राम पर शेयर किया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि एक्ट्रेस समुद्र किनारे स्लो मोशन में दौड़ लगाती नजर आ रही हैं। फैन्स वीडियो पर खूब रिएक्शन भी दे रहे हैं. वैसे भी उर्वशी रौतेला की सोशल मीडिया पर भारी भरकम फैन फॉलोइंग है। बीते दिनों खबर आई थी कि वो एक पोस्ट के 5-6 लाख रुपये चार्ज करती हैं।


बता दें कि उर्वशी रौतेला ने सनी देओल के साथ बॉलीवुड में कदम रखा था। उनकी पहली फिल्म ‘सिंह साहेब द ग्रेट’ थी, जिसमें उन्होंने सनी देओल की पत्नी का किरदार निभाया था। इसके बाद वे ‘ग्रेट ग्रैंड मस्ती’ में भी नजर आई थीं। उर्वशी रौतेला ने ‘हेट स्टोरी 4’ से भी काफी सुर्खियां बटोरी थीं। वहीं, वर्क फ्रंट की बात करें तो लॉकडाउन से पहले उर्वशी रौतेला का गाना ‘एक डायमंड दा हार लेदे यार’ रिलीज हुआ था। इस गाने को सोशल मीडिया पर खूब पसंद किया गया था। इससे पहले उर्वशी रौतेला फिल्म ‘पागलपंती’ में नजर आई थीं। इस फिल्म में उनके साथ पुल्कित सम्राट, अनिल कपूर, जॉन अब्राहम, इलियाना डी’क्रूज और कृति खरबंदा मुख्य भूमिका में दिखाई दिये थे। हालांकि, यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ज्यादा कमाल नहीं दिखा पाई। उर्वशी रौतेला 2014 में हनी सिंह के सॉन्ग ‘लव डोज’ में नजर आई थीं, जिसने उन्हें जबरदस्त लोकप्रियता दिलाई।


'शकुंतला देवी' का ट्रेलर रिलीज हुआ

नई दिल्ली | बॉलीवुड एक्ट्रेस विद्या बालन की मोस्ट अवेटिड फिल्म ‘शकुंतला देवी’ का ट्रेलर रिलीज हो गया है। इस फिल्म में विद्या बालन महान गणितज्ञ शकुंतला देवी की अद्भुत प्रतिभा को दर्शाती नजर आएगी। ‘शकुंतला देवी’ फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेज़न प्राइम वीडियो पर रिलीज होगी। अनगिनत उपलब्धियां प्राप्त करने वाली आकर्षक गणितज्ञ, शकुंतला देवी की भूमिका में विद्या बालन  इस बायोपिक में पहले कभी नहीं देखे गए सफर से रूबरू करवाती नजर आएंगी। शकुंतला देवी को लेकर कहा जाता है कि वह कैलकुलेटर से भी तेज थी और उनका दिमाग ह्यूमन-कंप्यूटर जैसा चलता था। विद्या बालन की फिल्म शकुंतला देवी का ट्रेलर फैन्स को काफी पसंद आ रहा है। वीडियो में शकुंतला देवी अपने टैलेंट और मैथ्स से सबके होश उड़ा रही हैं। वीडियो में देखा जा सकता है कि जितना गहरा रिश्ता शकुंतला का उनके मैथ्स के साथ है, उतना ही कमजोर परिवार के साथ। गिनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवा चुकीं शकुंतला देवी की इस फिल्म को लेकर फैन्स काफी एक्साइटिड हैं।


शकुंतला देवी (Shakuntala Devi) को अनु मेनन द्वारा निर्देशित किया गया है और इसका निर्माण सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स प्रोडक्शंस और विक्रम मल्होत्रा द्वारा किया गया है। 15 जुलाई को फिल्म का ट्रेलर रिलीज होगा। वही, भारत में प्राइम सदस्य और दुनिया भर के 200 से अधिक देशों और क्षेत्रों में जनता 31 जुलाई से यह फिल्म देख सकते हैं। ‘शकुंतला देवी’ प्राइम वीडियो कैटलॉग में हॉलीवुड और बॉलीवुड के हजारों टीवी शो और फिल्मों में शामिल होगी। इनमें भारतीय फिल्म गुलाबो सीताबो (Gulabo Sitabo), पोनमगल वंधल और पेंग्विन, भारतीय निर्मित अमेज़न ओरिजिनल सीरीज जैसे कि ब्रीद: इन टू द शैडोज़, पाताल लोक, द फॉरगॉटन आर्मी- अजादी के लिये, चार और शॉट्स प्लीज सीजन 1 और 2, द फैमिली मैन, मिर्जापुर, इनसाइड एज सीजन 1 और 2, एवं मेड इन हेवेन शामिल हैं।


रेलवे में गोरखधंधा, हो रही है बर्बादी


इस तरह हो रही रेलवे की बरबादी




इस गोरखधंधे में शामिल हैं मंडल से लेकर रेलवे बोर्ड तक के अधिकारी


कोटा।  रेलवे में बरबादी का यह आलम है कि कहीं कोई नियम और नीति का पालन नहीं हो रहा, बल्कि यदि यह कहा जाए कि पिछले कुछ सालों से रेलवे में न कोई नीति है, न ही कोई नियम, और न ही उनका कोई पालन करवाने वाला है। रेलवे बोर्ड से नीति-नियम यानि दिशा-निर्देश तो जरूर जारी किए जाते हैं, परंतु उनका उपयोग अथवा पालन करने के बजाय कहीं न कहीं उन्हें निजी हित साधने से जोड़ लिया जाता है। इसमें कहीं निजी पार्टियों के पक्ष में कभी राजनीतिक दबाव काम करते हैं, तो कहीं खुद कुछ रेल अधिकारियों के अपने निजी हित जुड़े होते हैं। यह सब रेलवे के लिए अतिरिक्त ट्रैफिक लाने और अतिरिक्त रेलवे रेवेन्यू कमाने की आड़ में किया जाता है। इसके लिए रेलवे बोर्ड द्वारा पूर्व निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना भी जरूरी नहीं समझा जाता है। शिकायत होने और पूछे जाने पर बचकाने कुतर्क देकर बरगलाने की कोशिश की जाती है, जिससे कदाचार का सिलसिला लगातार जारी है और इस पर कहीं रत्ती भर भी लगाम नहीं लग पाई है।


इसी क्रम में कोटा मंडल, पश्चिम मध्य रेलवे का एक मामला सामने आया है। कोटा मंडल ने भरतपुर रेलवे स्टेशन पर वन टाइम रेक प्लेसमेंट में क्लिंकर ट्रैफिक हैंडलिंग के लिए एक प्रस्ताव बनाकर पश्चिम मध्य रेलवे मुख्यालय जबलपुर को भेजा। मुख्यालय की अनुमति मिल गई। परंतु तभी भरतपुर स्टेशन पर ओएचई की समस्या बताकर उक्त क्लिंकर अनलोडिंग-लोडिंग को पास की सिमको साइडिंग में शिफ्ट कर दिया गया। जहां वन टाइम रेक प्लेसमेंट के बजाय दो बार में रेक प्लेस करना पड़ रहा है। इस बारे मुख्यालय को कुछ नहीं बताया गया। इसके लिए न सिर्फ पार्टी को समय ज्यादा दिया गया, बल्कि एक इंजन भी जाया हो रहा है। इसके अलावा कोटा मंडल द्वारा रेलवे बोर्ड के 16 अप्रैल 2018 के सर्कुलर (नं. 2015/ईएनएचएम/15/01) में दिए गए प्रावधानों का पालन करते हुए राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (आरपीसीबी) से प्रदूषण नियंत्रण की पूर्व अनुमति लेना जरूरी नहीं समझा गया।


कोटा मंडल द्वारा उपरोक्त प्रक्रिया मुख्यालय को बिना बताए अथवा बिना विश्वास में लिए ही स्वत: शुरू कर दी गई। यह सब तीन-चार महीनों तक चलता रहा। इसी दरम्यान वहां चित्तौड़गढ़ से आने वाले क्लिंकर की अनलोडिंग-लोडिंग से होने वाले भारी प्रदूषण से स्थानीय लोग परेशान होने लगे। इसके परिणामस्वरूप भरतपुर के एक स्थानीय निवासी तेजप्रताप सिंह ने अपने वकील यशपाल सिंह के माध्यम से डीआरएम/कोटा को एक कानूनी नोटिस भेजकर भरतपुर ओल्ड गुड्स शेड में क्लिंकर की अनलोडिंग-लोडिंग से हो रहे भयंकर प्रदूषण और उससे स्थानीय लोगों को होने वाली अस्थमा जैसी कई बीमारियों एवं परेशानियों का उल्लेख करते हुए प्रदूषण नियंत्रण के लिए आवश्यक और बोर्ड द्वारा निर्धारित प्रक्रिया अपनाने की मांग की और तब तक के लिए क्लिंकर की अनलोडिंग-लोडिंग प्रक्रिया बंद करने को भी कहा। 28 फरवरी 2020 की यह कानूनी नोटिस डीआरएम/कोटा, प्रिंसिपल सेक्रेटरी/एनवायरमेंट, जयपुर, चेयरमैन/आरपीसीबी, जयपुर, मेंबर सेक्रेटरी/आरपीसीबी, जयपुर, क्षेत्रीय कार्यालय/आरपीसीबी, भरतपुर, सीनियर डीओएम एवं सीनियर डीसीएम/कोटा और पीसीसीएम तथा पीसीओएम, पश्चिम मध्य रेलवे मुख्यालय, जबलपुर को भी भेजी गई थी।उपरोक्त कानूनी नोटिस मिलने के बाद प.म.रे. मुख्यालय के कान खड़े हुए। तब पता चला कि मुख्यालय को अंधेरे में रखकर कोटा मंडल ने क्लिंकर अनलोडिंग को न सिर्फ भरतपुर स्टेशन से शिफ्ट करके सिमको साइडिंग में भेज दिया, बल्कि पार्टी को दो पार्ट में रेक प्लेसमेंट की सुविधा भी दे दी। इस तरह न सिर्फ रेलवे को भारी नुकसान हो रहा है, बल्कि मुख्यालय को दिग्भ्रमित भी किया गया है। इसके साथ ही 9 घंटे की जगह 14 घंटे का समय भी पार्टी को दिया जा रहा है। इसके लिए पार्टी से कोई वारफेज/डेमरेज भी वसूल नहीं किया जा रहा, बल्कि एक अतिरिक्त इंजन भी रेलवे के खाते से पार्टी के लिए रेक लाने-लेजाने के लिए उपलब्ध कराया गया है।           



शिक्षक ने नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म किया

खेडा| नडियाद स्थित एक स्कूल में किशोरी से दुष्कर्म की चौंकाने वाली घटना सामने आई है| गत दिसंबर महीने की इस घटना में प्राइवेट स्कूल का एक शिक्षक 14 साल की किशोरी को वॉशरूम में ले गया और वहां उसके साथ दुष्कर्म किया| लंबी खामोशी के बाद किशोरी की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई शुरू की है|


जानकारी के मुताबिक खेडा जिले की नडियाद स्थित यूरो स्कूल में बतौर शिक्षक सेवारत मनीष पाउल परमार गत दिसंबर 2019 में स्कूल की एक मासूम छात्रा को जबरन लड़कों के वॉशरूम में खींच ले गया और वहां उसके साथ दुष्कर्म किया| बाद में छात्रा को किसी से शिकायत नहीं करने की धमकी भी दी| शिक्षक की हैवानियत डरी किशोरी लंबे समय तक खामोश रही| घटना के बाद लगातार गुमसूम पुत्री को देख परिवार के इसकी वजह पूछने पर उसने आपबीती सुना दी| जिसे सुनकर परिवार के लोग चौंक उठे और नडियाद रूरल पुलिस थाने में मनीष परमार के खिलाफ मामला दर्ज करवा दिया| पुलिस ने मंगलवार को आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई शुरू की है|            


एनकाउंटरः यूपी सरकार से मांगा जवाब

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। कानपुर के दुर्दांत हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के दस जुलाई को हुए एनकाउंटर के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। अब इस मामले में 20 जुलाई को सुनवाई होगी।उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर के मामले में अधिकारियों और सहयोगियों से इस मुठभेड़ को लेकर विस्तार से रिपोर्ट मांगी है। उत्तर प्रदेश की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि वह 16 जुलाई तक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करेंगे। इस कि अगली सुनवाई सोमवार को होगी और गुरुवार तक राज्य सरकार को अपना पक्ष रखना होगा।मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह विकास दुबे और उसके सहयोगियों की मुठभेड़ और गैंगस्टर के उत्तर प्रदेश में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या की जांच के लिए एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली समिति की नियुक्ति पर विचार कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट में मुंबई के वकील घनश्याम उपाध्याय और वकील अनूप अवस्थी ने जनहित याचिका दायर की है। याचिका में यूपी पुलिस की भूमिका की जांच की मांग की गई है।कानपुर के चौबेपुर के बिकरू में शूटआउट के मुख्य आरोपी विकास दुबे के एनकाउंटर मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। तीन जजों वाली खंड पीठ की अगुवाई चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे ने सुनवाई की। इस सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मामला हमारे संज्ञान में है, हमें समय दिया जाए। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एनकाउंटर मामले में जांच के लिए हम जांच समिति गठित करने पर विचार कर रहे है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मुठभेड़ की सीबीआई या एसआईटी जांच कराने की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब तलब किया है। कोर्ट ने यूपी सरकार से गुरुवार तक जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा हैदराबाद मामले में जिस तरह से कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में जांच का आदेश दिया था, उसी तर्ज पर हम इस मामले में भी सोच रहे हैं।यूपी सरकार ने कहा कि इस मामले की पड़ताल जारी है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमारा जवाब कोर्ट की न्यायिक भावना को संतुष्ट करेगा। माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट एक फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी गठित कर सकती है। इसका ऐलान सोमवार को किया जा सकता है। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह 20 जुलाई को विकास दुबे और उसके सहयोगियों के मुठभेड़ों की अदालत से निगरानी की जांच की मांग पर सुनवाई करेगी। माना जा रहा है कि सर्वोच्च न्यायालय तेलंगाना मुठभेड़ में अपने पुराने आदेश की तर्ज पर सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता वाले जांच आयोग को मामला सौंप सकता है।               


डरे भाजपा नेता, 2 ने दिया इस्तीफा

श्रीनगर। बीजेपी नेता वसीम बारी, उनके भाई तथा पिता की हत्या के बाद बीजेपी के उत्तरी कश्मीर में दो युवा नेताओं ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इस्तीफा देने का कारण सुरक्षा ना होना बताया है। लेकिन बीजेपी के बड़े नेताओं का कहना है कि उन्होंने किसी और कारणों से इस्तीफा दिया है।


बता दे कि बारी की हत्या के बाद आतंकी संगठन की तरफ से बीजेपी नेताओं को फरमान जारी किया गया था। जिसमें आतंकियों ने कहा था कि कश्मीर में काम कर रहे बीजेपी के नेता अपने पदों से इस्तीफा दे। नहीं तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। जानकारी के अनुसार भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा की बारामुला इकाई के प्रधान मारुफ बट ने इस्तीफे का एलान किया।


परिवार की सुरक्षा को अहम बताते हुए दिया इस्तीफा
उन्होंने सोशल साइट पर अपने इस्तीफे की जानकारी दी। उनका कहना था कि मेरे लिए मेरी और मेरे परिवार की सुरक्षा अहम है। मुझ पर दो बार हमला हो चुका है। लेकिन मेरी सुरक्षा को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। मुझे एक भी अंगरक्षक नहीं दिया गया है। इसके बाद कुपवाड़ा में बीजेपी जिला उपाध्यक्ष आसिफ अहमद ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने इस बारे में कोई सही कारण नहीं बताया है। सूत्रों का कहना है कि उन्होंने भी आतंकियों की धमकियां आने के बाद अपना इस्तीफा दिया है।


बीजेपी ने कहा- निजी कारणों से दिया है इस्तीफा
इस बारे में बीजेपी के बड़े नेताओं क तरफ से कुछ स्पष्ट नहीं कहा जा रहा है। उनका कहना था कि अपने कारणों के कारण इन दोनों नेताओं ने इस्तीफा दिया है और इसके पीछे कोई और वजह नहीं है।             


यूपी सरकार की नैतिकता का अपहरण

विकास पाल


कानपुर। लैब टेक्निशियन के अपहरण मामले में यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। अखिलेश यादव ने ट्वीट कर योगी सरकार पर हमला बोला है,उन्होने अपने ट्वीट के जरिए तंज कसते हुए कहा कि यूपी की बीजेपी सरकार की नैतिकता का ही अपहरण हो गया है।


बता दें कि कानपुर में बीते 22 जून को एक लैब टेक्निशियन का अपहरण हो गया था। किडनैपर्स ने पीड़ित परिवार से 30 लाख रुपए की फिरौती मांगी थी। सोमवार को किडनैपर्स पुलिस के सामने फिरौती की रकम लेकर फरार हो गए और य़ुवक को भी नहीं छोड़ा। इस घटना के बाद अब परिवार ने पुलिस की भूमिका पर गंभीर आरोप लगाने शुरू कर दिए हैं।


सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। कानपुर के बर्रा में रहने वाली अपर्णा यादव, पति, बेटी और बेटे संचित यादव के साथ रहती हैं। संचित एक लैब में टेक्निशन हैं। बीते 22 जून को संचित लैब से वापस लौट रहे थे, तभी उन्हें किडनैप कर लिया गया। परिवार ने बर्रा थाने में संचित यादव की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। कुछ दिनों बाद किडनैपर्स ने परिवार से 30 लाख रुपए फिरौती की मांग की थी। हालांकि पीड़ित परिवार ने इसकी जानकारी पुलिस को दी थी। मगर पुलिस  इस केस में कुछ नहीं कर पाई और तो और किडनैपर्स ने 30 लाख फिरौती लेने के बाद संचित को नहीं छोड़ा।


इस मामले में एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता के मुताबिक, मामले में पुलिस की ओर से हर कार्रवाई की जा रही है। हमने इसमें काफी सबूत जुटाए हैं। जिस तरह के परिवार आरोप लगा रहा है, वे गलत हैं। पुलिस पूरी मेहनत कर रही है। पीड़ित परिवार मानसिक रूप से परेशान है, मेरी उनके साथ पूरी सहानुभूति है।            


इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके

इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके  अखिलेश पांडेय  जकार्ता। इंडोनेशिया के पूर्वी प्रांत मालुकु में सोमवार के तेज झटके महसूस किए गए। इ...