शनिवार, 27 जून 2020

15685 लोगों की मौत, 508253 संक्रमित

नई दिल्ली। देश भर में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 5,08,953 पर पहुंच गई है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा शनिवार को जारी किये गये आंकड़ों के अनुसार बीते 24 घंटे में 18,552 मामले बढ़े वहीं 384 लोगों की मौत हुई। बीते 24 घंटे में 10,244 लोग ठीक हुए हैं। ICMR के अनुसार देश भर में अब तक 79,96,707 लोगों की जांच हो चुकी है। बीते 24 घंटे में 2,20,479 सैंपल्स की जांच हुई।स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में फिलहाल 1,97,387 एक्टिव केस, 2,95,880 लोग डिस्चार्ज और 15,685 लोगों की मौत हो गई है। भारत में कुल जांच किये गये सैंपल्स में से अब तक 5,08,953 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। ऐसे में देश में पॉजिटिविटी रेट 8.41 फीसदी है. वहीं एक्टिव केस और डिस्चार्ज्ड लोगों की संख्या में 98,493 मामलों का अंतर है। मंत्रालय द्वारा जारी किये गये आंकड़ों के अनुसार अंडमान निकाबोर द्वीप में 72, आंध्र प्रदेश में 11,489, अरुणाचल प्रदेश में 172, असम में 6607, बिहार में 8716, चंडीगढ़ में 425, छत्तीसगढ़ में 2545, दादरा नगर हवेली और दमन दीव में 163, दिल्ली में 77,240, गोवा में 1,039, गुजरात में 30,095, हरियाणा में 12,884, हिमाचल प्रदेश में 864, जम्मू-कश्मीर में 6,762, झारखंड में 2290. कर्नाटक में 11,005, केरल में 3876, लद्दाख में 946, मध्य प्रदेश में 12,798, महाराष्ट्र में 1,52,765, मणिपुर में 1075, मेघालय में 47, मिजोरम में 145, नागालैंड में 371, ओडिशा में 6,180, पुड्डुचेरी में 502, पंजाब में 4957, राजस्थान में 16660, तेलंगाना में 12,349, तमिलनाडु में 74,622, सिक्किम में 86, त्रिपुरा में 1325, उत्तराखंड में 2725, उत्तर प्रदेश में 20,943 और पश्चिम बंगाल में 16,190 मामले पुष्ट पाए गए हैं। वहीं शनिवार के आंकड़ों में 8023 मामले राज्यों को रिअसाइन किए गए हैं। आंकड़ों के अनुसार अंडमान निकाबोर द्वीप में 29, आंध्र प्रदेश में 6145, अरुणाचल प्रदेश में 129, असम में 2339, बिहार में1896, चंडीगढ़ में 84 , छत्तीसगढ़ में 618 , दादरा नगर हवेली और दमन दीव में 122, दिल्ली में 27,657, गोवा में 667, गुजरात में 6294, हरियाणा में 4657, हिमाचल प्रदेश में 353, जम्मू-कश्मीर में 2591, झारखंड में 635. कर्नाटक में 3909, केरल में 1846, लद्दाख में 587, मध्य प्रदेश में 2448, महाराष्ट्र में 65, 844, मणिपुर में 682, मेघालय में 4, मिजोरम में 115, नागालैंड में 209, ओडिशा में 1741, पुड्डुचेरी में 306, पंजाब में 1634, राजस्थान में 3218, तेलंगाना में 7346, तमिलनाडु में 32808, सिक्किम में 47, त्रिपुरा में 269, उत्तराखंड में 866, उत्तर प्रदेश में 6730 और पश्चिम बंगाल में 5039 मामले एक्टिव हैं। मंत्रालय के अनुसार अंडमान निकाबोर द्वीप में 0, आंध्र प्रदेश में 148, अरुणाचल प्रदेश में 1, असम में 9, बिहार में 58, चंडीगढ़ में 6 , छत्तीसगढ़ में 13 , दादरा नगर हवेली और दमन दीव में 0, दिल्ली में 2492, गोवा में 2, गुजरात में 1771, हरियाणा में 211, हिमाचल प्रदेश में 9, जम्मू-कश्मीर में 91, झारखंड में 12, कर्नाटक में 180, केरल में 22, लद्दाख में 1, मध्य प्रदेश में 546, महाराष्ट्र में 7106, मणिपुर में 0, मेघालय में 1, मिजोरम में 0, नागालैंड में 0, ओडिशा में 417, पुड्डुचेरी में 9, पंजाब में 122, राजस्थान में 1380, तेलंगाना में 237, तमिलनाडु में 957, सिक्किम में 0, त्रिपुरा में 1 , उत्तराखंड में 37, उत्तर प्रदेश में 630 और पश्चिम बंगाल में 616 लोगों की मौत हो चुकी है।


विदेश मंत्री ने फौज बढ़ाने का ब्यान दिया

नई दिल्ली/ बीजिंग। भारत-चीन में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जारी तनाव के बीच जैसे ही अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने चीन से निपटने के लिए फौज बढ़ाने का बयान दिया, वैसे ही चीन के सुर बदल गए। चीन को ये डर सताने लगा कि अगर हिंद-प्रशांत में भारत और अमेरिका मिल गए तो उसकी मुश्किल बढ़ जाएगी. लिहाजा, चीन का मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स अब भारत की तारीफ कर रहा है। उसका कहना है कि भारत अमेरिका के साथ नहीं जाएगा क्योंकि वो कूटनीतिक स्वतंत्रता पसंद करता है। अमेरिका के ताजा बयान के बाद भारत के साथ लद्दाख में भिड़े चीन को इस बात की चिंता सताने लगी है कि कहीं भारत और अमेरिका उसके खिलाफ लामबंद ना हो जाएंं। चीन के इस डर को फाइनेंशियल टाइम्स के एक स्तंभकार गिडोन रैचमैन ने बढ़ा दिया है। उन्होंने लिखा कि भारत ने नए शीत युद्ध में एक पक्ष को चुन लिया है। ये चीन की मूर्खता है कि वो अपने प्रतिद्वंद्वी को अमेरिका के पाले में डाल रहा है। इस बयान से चीन तिलमिला गया. उसे एहसास हो गया कि अमेरिका की एक चाल से पूरा समीकरण उसके खिलाफ बनने लगा है।उसका सरकारी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स इस दलील को खारिज करने में जुट गया।


ग्लोबल टाइम्स में लिखा गया है कि एक वक्त था जब भारत-चीन के बीच तनाव एक बड़ा खतरा था। भारत उस वक्त भी किसी देश पर निर्भर नहीं हुआ इसलिए ये तर्क बिल्कुल गलत है कि मौजूदा सीमा तनाव में भारत किसी एक गुट के साथ जाने के लिए मजबूर हो जाएगा। चीन की पूरी कोशिश है कि भारत किसी भी सूरत में अमेरिका से हाथ ना मिलाए। चीन को अच्छी तरह मालूम है कि भारत और अमेरिका साथ आए तो दक्षिण एशिया और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में वो बुरी तरह घिर जाएगा। चीन को भारत और अमेरिका की दोस्ती का डर इस कदर सता रहा है कि वो उसमें दरार डालने के लिए रूस का जिक्र कर रहा है। चीन के सरकारी मुखपत्र का कहना है कि रूस से हथियारों का सौदा कर भारत ने अमेरिका को बता दिया है कि वो उसे कितनी अहमियत देता है। यही नहीं उसने यहां तक कह दिया कि भारत और अमेरिका एक दूसरे का महज इस्तेमाल करते हैं। भारत पाकिस्तान पर काबू पाने के लिए अमेरिका से करीबी बढ़ाता है दूसरी तरफ अमेरिका हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की नकेल कसने के लिए भारत का इस्तेमाल करता है।भारत-अमेरिका की दोस्ती में दरार डालने की बेचैनी में चीन के सरकारी मुखपत्र ने यहां तक लिख दिया कि भारत को अच्छी तरह मालूम है कि अमेरिका उसके लक्ष्य को पूरा करने में उसकी मदद नहीं करेगा। साफ है कि चीन अब अपने आप को बेहद असुरक्षित महसूस करने लगा है। एक तरफ भारत ने रूस के साथ हथियारों की डील कर चीन की चिंता बढ़ा दी है तो दूसरी तरफ भारत समेत अपने मित्र देशों के समर्थन में अमेरिका के ऐलान ने उसकी नींद उड़ा दी है।


1 बार फिर डब्लूएचओ ने आगाह किया

नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण को लेकर एक बार फिर WHO ने लोगों को आगाह किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि अगर कोरोना वायरस की दूसरी लहर आई तो लाखों लोगों की मौत हो सकती है। WHO के असिस्टेंट डायरेक्टर जनरल रनीरी गुएरा ने अंदेशा जाहिर किया है कि वायरस अभी भी काफी देशों में कहर बरपाएगा। उन्होंने स्पेनिश फ्लू का जिक्र करते हुए कहा कि महामारी सितंबर-अक्टूबर के ठंडे मौसम में बढ़ गई थी। ऐसे में कोरोना वायरस का प्रभाव भी इस मौसम में दिखाई दे सकता है। रनीरी गुएरा ने कहा कि करीब 100 साल पहले आए स्पेनिश फ्लू की दूसरी लहर में करोड़ों लोगों की मौत हो गई थी। उनके मुताबिक स्पेनिश फ्लू भी कोविड की तरह ही बर्ताव कर रहा था। इस दौरान गर्मियों में उसका संक्रमण घट गया था। लेकिन बाद में ठंड आने पर बढ़ गया।यूरोपियन सेंट्रल बैंक के प्रमुख क्रिस्टीन लगार्डे ने भी कहा था कि अगर हमने 1918-19 के स्पेनिश फ्लू से कुछ भी सीखा है तो निश्चित तौर से कोरोना की दूसरी लहर आ सकती है।


इससे पहले कुछ स्टडी में ये बात सामने आई थी कि अधिक गर्मी में कोरोना वायरस का प्रसार धीमा हो जाता है, लेकिन ये इतना कम नहीं दिखाई दिया कि संक्रमण रुक गया हो.खासकर भारत जैसे देश में जहाँ गर्मी में तापमान 45 से लेकर 49 डिग्री तक कई इलाकों में दर्ज किया गया था। इसके बावजूद भी बढे तापमान में कोरोना का संक्रमण तथावत रहा। उधर महामारी रोग विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर को लेकर कोई तय परिभाषा नहीं है। फ़िलहाल दुनियाभर में कोरोना के 97.7 लाख मामलों की पुष्टि हो चुकी है। जबकि इससे दुनियाभर में 4.9 लाख लोगों की मौत दर्ज की गई है। जानकारों को अंदेशा है कि कई देशों में इसकी दूसरी लहर भी खतरनाक साबित हो सकती है।


घरों में प्रदान करने की सुविधा 'मुहैया' करायी

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के छात्र-छात्राओं और आमजनों को एक बड़ी राहत देते हुए अब जाति और निवास प्रमाण पत्र उनके घरों में ही प्रदान करने की सुविधा मुहैया करायी है। मुख्यमंत्री श्री बघेल के निर्देश पर राज्य शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जाति और निवास प्रमाण पत्र के वितरण को सरलीकरण करते हुए प्रमाण पत्रों को आवेदकों के घर पहुंच सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश सभी जिला कलेक्टरों को जारी किया गया है। जारी आदेश के तहत जाति एवं निवास प्रमाण पत्र जारी होने के पश्चात संबंधित आवेदकों से डाक रजिस्ट्री शुल्क लेकर प्रमाण पत्र उनके घर के पते पर भेजा जाएगा। इसके लिए लोक सेवा केन्द्रों तथा तहसील कार्यालयों द्वारा आवेदकों से डाक रजिस्ट्री व्यय शुल्क लेकर और व्यय शुल्क की पावती देते हुए आवेदकों के निवास के पते पर प्रमाण पत्र भेजने की सुविधा दी जाएगी।


30 साल की महिला जांच में पुरुष निकली

मनोज सिंह ठाकुर

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने मेडिकल साइंस को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है। यहां 30 साल की एक महिला दरअसल में जांच के बाद पुरुष निकली।

बीरभूम जिले की 30 वर्षीय एक विवाहित महिला को पेट में दर्द की शिकायत पर अस्पताल ले जाया गया, जहां जांच करने के बाद डाक्टर भी हैरान रह गए। डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि जिसे लोग महिला समझ रहे थे वह वास्तव में ‘पुरुष’ है और उसके अंडकोष में कैंसर है। ये एक विशेष बीमारी से ग्रसित है जो कि सिर्फ कई हजार लोगों में से किसी एक को होती है।

दरअसल, ये महिला पिछले नौ साल से शादीशुदा है और कुछ महीने पहले पेट में दर्द की शिकायत लेकर शहर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अस्पताल गई थी। यहां डॉक्टरों ने जब उसकी मेडिकल जांच की तो उसमें यह तथ्य सामने आया कि वह महिला असल में पुरुष है। डॉक्टरों के मुताबिक, वह देखने में महिला है। आवाज, स्तन, सामान्य जननांग इत्यादि सब कुछ महिला के हैं। मरीज एक दुर्लभ बीमारी से पीड़ित है।

जो कि 22,000 लोगों में से एक में पाई जाती है। जिसमें व्यक्ति जेनेटिकली पुरुष होता है लेकिन उसके शरीर के सभी बाह्य अंग महिला के होते हैं। 

जेल में छापे से प्रशासन में मचा हड़कंप

राम कुमार मौर्या


रुड़की। जेल में वीडियो वायरल का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। अभी जेल अधीक्षक द्वारा जांच पूरी हुई ही थी कि आईजी जेल के देर शाम जेल में छापा मारने से जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। जहां उन्हें बड़े पैमाने पर खामियां मिली। इस दौरान उन्होंने रूडकी जेलर को भी जमकर फटकार लगाई।
गौरतलब है कि 21 जून को जेल के अंदर का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमे बंदी जेल प्रशासन पर मारपीट और नशे के इंजेक्शन देने के गंभीर आरोप लगाते दिखाई दे रहे थे। इतना ही नहीं जेल प्रशासन के खिलाफ भी बंदियों ने मुर्दाबाद के नारे लगाए थे, जिसमें कुख्यात चीनू पंडित के साथ-साथ अन्य बंदी भी वीडियो में नज़र आ रहे हैं।
आई जी जेल के मीडिया में सुर्खियों में आने के बाद ज़िलाधिकारी ने आनन फानन में पूरे मामले की जांच ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नमामि बंसल को सौंप दी थी, जिसके चलते जेल अधीक्षक की जांच में बंदियों के बीच मारपीट का होना नहीं पाया गया था। वीडियो वायरल के बाद देर शाम आईजी जेल डॉ. पीवीके प्रसाद अचानक रूडकी जेल में पहुंच गए। जहां उन्होंने खामियां मिलने पर जेलर को भी जमकर फटकार लगाई। वहीं जेल की सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मियों और कुछ बंदियों के भी उन्होंने बयान दर्ज किए। इतना ही नहीं आईजी जेल ने जेल परिसर का बारीकी से मुआयना किया। इस दौरान आईजी जेल पीवीके प्रसाद ने बताया कि जेल में दो बंदियों के गुटों का विवाद था जिसकी जांच की जा रही है। जेल में बंद चीनू पंडित को जल्द ही दूसरी जेल में शिफ़्ट किया जाएगा।
हालांकि रूडकी जेल के बाद जेल आई जी हरिद्वार जेल का निरीक्षण करने भी पहुंचे। दरअसल रूडकी जेल के बंदियों का वीडियो वायरल होने के बाद जेल प्रशासन में लगातार हड़कंप मचा हुआ था जिसमें आई जी जेल के आने की संभावनाएं बढ़ गईं थीं।


मरीजों का आरोपः बार-बार लिया सैंपल

नई दिल्‍ली। दिल्ली के आरएमएल अस्पताल में कोविड के इलाज के लिए एडमिट कुछ मरीजों का आरोप है कि उनका बार-बार सैंपल लिया जा रहा है। मगर, हर बार रिपोर्ट में कुछ नहीं आता। इस वजह से उन्हें अस्पताल से छुट्टी भी नहीं मिल रही है। गुरुवार को योगेश शर्मा और इंस्पेक्टर जय नारायण ने यह आरोप लगाया था, अब एक और मरीज के. विजय ने ऐसा ही आरोप लगाया है।


व‍िजय का आरोप है कि वह 35 दिनों से अस्पताल में एडमिट हैं। अब तक उनका सात बार सैंपल लिया गया है। शुरू में दो सैंपल पॉजिटिव आया और उसके बाद पांच बार और सैंपल लिया गया, लेकिन हर बार उन्हें बताया जाता है कि उनकी रिपोर्ट न तो पॉजिटिव है और न ही निगेटिव। शुक्रवार को आरएमएल अस्पताल में एडमिट के. विजय ने फोन पर बताया कि वह कोविड की वजह से 21 मई को एडमिट हुए। 35 दिन हो गए और अभी तक एडमिट हैं। शुरू में फीवर और खांसी थी। अब सब ठीक है। अब तक 7 बार सैंपल लिया जा चुका
उन्होंने कहा कि अब तक 7 बार सैंपल लिया जा चुका है। पहले दो बार सैंपल पॉजिटिव आया और उसके बाद 5 बार सैंपल में कुछ नहीं आ रहा है। तीन दिन पहले भी सैंपल लिया गया था, उसमें भी कुछ नहीं आया। आज फिर सैंपल लिया गया है। उन्होंने कहा कि वह पूरी तरह से ठीक हैं। अभी सिर्फ विटामिन-सी की सुबह शाम एक-एक गोली दी जाती है। मरीजों का यह भी आरोप है कि सैंपल तुरंत लैब में नहीं पहुंचाए जाते। वह बाहर ही पड़ा रहता है। एक मरीज ने कुछ फोटो और विडियो भी शेयर किया है, जिसमें कुछ सैंपल दिख रहे हैं। हालांकि, यह पता नहीं चल रहा है कि इसमें कोविड का सैंपल है या नहीं। अस्पताल की प्रवक्ता स्मृति तिवारी ने कहा कि बाहर कोविड सैंपल नहीं है। मरीज की रिपोर्ट इनडिटरमिनेट है। इसमें जब इन्फेक्शन बॉर्डर लाइन पर होता है तो ऐसी रिपोर्ट आती है। उन्होंने कहा कि मरीज योगेश सीवियर स्थिति में एडमिट हुए थे, अभी स्टेबल हैं। रिपोर्ट निगेटिव आए बिना उन्हें कैसे छुट्टी दी जा सकती है। के. विजय के बार में भी ऐसा ही जवाब था। इंस्पेक्टर जय नारायण के बारे में प्रवक्ता ने कहा कि वह 19 जून को एडमिट हुए हैं, अभी उन्हें ठीक होने में समय लगेगा।
बिना निगेटिव रिपोर्ट के भी मिल सकती है छुट्टी

एलएनजेपी की माइक्रोबायोलॉजी की एचओडी डॉक्टर सोनल सक्सेना ने बताया कि जब कोविड की शुरुआत हुई थी, तब मरीज को छुट्टी देने से पहले दो बार निगेटिव रिपोर्ट जरूरी थी। अब ऐसा नहीं है। अब आईसीमएआर ने रूल चेंज कर दिया है। मरीज ठीक महसूस कर रहा है, क्लिनिकली फिट है तो बिना निगेटिव रिपोर्ट आए भी छुट्टी दी जा सकती है। खासकर मॉडरेट मरीजों को बिना रिपोर्ट के छुट्टी दी जा सकती है। इनडिटरमिनेट रिपोर्ट पर उनका कहना था कि इसका मतलब यह है कि मरीज में वायरस का लोड बहुत कम है। उसके अंदर डेड आरएनए हैं। जांच में ऐसा आता रहेगा। उन्होंने कहा कि जब संक्रमण बहुत पुराना होता है तो ऐसी स्थिति बनती है।


इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके

इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके  अखिलेश पांडेय  जकार्ता। इंडोनेशिया के पूर्वी प्रांत मालुकु में सोमवार के तेज झटके महसूस किए गए। इ...