मंगलवार, 16 जून 2020
भाजपा नेता की सिर कटी लाश मिली
दहशतः हमीरपुर में मिलें 7 संक्रमित
निधि के दुरुपयोग की बडी संभावना
तालाब में दो शव मिलने से फैली सनसनी
कानपुर। उत्तर प्रदेश में कानपुर के सरसौल में मंगलवार को समाधि बाबा मंदिर के पास निर्माणाधीन तालाब में दो शव मिलने से हड़कंप मच गया। घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।
ग्राम सभा महाराजपुर में समाधि बाबा मंदिर के पास निर्माणाधीन तालाब में बद्री कुशवाहा पुत्र स्वर्गीय घसीटे निवासी तथा शिव प्यारी कुशवाहा पत्नी बद्री प्रसाद कुशवाहा निवासी सलेमपुर के शव बरामद हुए हैं। मौके पर आए उनके बेटे प्रेम कुशवाह ने बताया कि दोनों लोग अपनी पुत्री गुड्डन कुशवाह पत्नी मंगली कुशवाह के यहां काफी समय से रह रहे थे। 15 दिन पूर्व बेटी ने दोनों लोगों को घर से निकाल दिया। जिसकी वजह से दोनों लोग काफी डिप्रेशन में थे। कहा कि उसके माता-पिता उससे कई बार आत्महत्या करने की बात कह चुके थे। मौके पर पहुंच पुलिस घटना की छानबीन कर रही है।
रेस्क्यू कर नदी से निकले चारो शव
छतरपुर। नदी में डूबने से चार बच्चों की मौत के मामले में पुलिस एवं प्रशासन द्वारा चलाया गया रेस्क्यू मिशन खत्म हो गया। चारो बच्चों के शव नदी से बाहर निकाल लिए गए हैं। देर रात होने के कारण सुबह फिर से रेस्क्यू चलाना शरू किया गया।
बंसिया थाना क्षेत्र के नेहरा गांव की घटना है, जहां केन नदी में चार बच्चों की लाश मिली है। जानकारी के मुताबिक चारो बच्चे मछली पकड़ने गए थे। इस दौरान डूबने के कारण उनकी मौत हो गई। मृतक बच्चों की उम्र 12 से 15 साल बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि एक-दूसरे को बचाने की कोशिश में चारो बच्चों की जान चली गई। बच्चों की मौत के बाद शोक का माहौल है।
आतंकीयो से मुठभेड़, तीन आतंकी मारे
श्रीनगर। दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में मंगलवार को सुरक्षा बलों के तलाश अभियान के बाद मुठभेड़ में तीन आतंकवादी ढेर हो गए। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने यूनीवार्ता को बताया कि शोपियां के तुर्कावंगाम में आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना मिलने के बाद सेना, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) ने संयुक्त रुप से मंगलवार तड़के तलाशी अभियान चलाया।
उन्होंने हालांकि कहा कि जब सुरक्षा बल के जवान उस क्षेत्र में गए जहां आतंकवादी छिपे थे उस दौरान आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी शुरु कर दी। उन्होंने कहा, “सुरक्षा बलों ने हमले का जवाब दिया और मुठभेड़ शुरु हुई जिसमें तीन आतंकवादी ढेर हो गए।” कर्नल कालिया ने कहा कि मुठभेड़ की जगह से दो एके-47 और एक आईएनएसएएस बरामद की गयी है। उन्होंने कहा, “अभियान अभी भी चालू है।”
दोहरे मापदंड से सवालों के घेरे में प्रशासन
बस्ती जिला प्रसाशन का दोहरा मापदंड सवालों के घेरे में बस्ती जिला प्रसाशन।।
गलती पर गलती किये जाओ कौन पूछेगा ??वाली कवायत पर अमल कर रहा जिला प्रसाशन।।
बस्ती। पहली जून को श्री कृष्णा मिशन में इलाज के दौरान मृत महिला की रिपोर्ट दो दिन बाद पाजिटिव आई, उसके दो बेटों की भी रिपोर्ट कोरोना पाजिटिव आई और उन्हे रूधौली स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय एल 1 अस्पताल में एडमिट किया गया है। महिला का नाम रचना श्रीवास्तव ‘रूचि’ बताया जा रहा है। सूत्रों की माने तो वह कांशीराम कालोनी में रहती थी और मड़वानगर में भी उसका मकान था।
हैरान करने वाली खबर ये है कि बगैर रिपोर्ट आये उसकी डेड बॉडी को बगैर किसी के प्रोटाकल के अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों को सुपुर्द कर दिया, अंतिम संस्कार भी मनमाने तरीके से हुआ। मोहल्ले के लोग और महिला के करीबी इसमे शामिल हुये। ऐसा क्यों हुआ इसका जवाब न तो अस्पताल प्रबंधन के पास है और न ही स्वास्थ्य महकमे के आला अफसरों के पास। महिला की रिपोर्ट आने के बाद न तो अस्पताल की सील किया गया और न ही डाक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ कोरेनटीन किये गये। बिलकुल उसी अव्वल दर्ते की लापरवाही सामने आ ही है जैसे जनपद के पहले कोरोना पाजिटिव हसनैन के मामले में आई थी। अस्पताल प्रबंधन की ऊंची रसूख और आर्थिक सम्पन्नता के आगे सारे नियम कानून बौने साबित हो गये। इस प्रकरण में प्रभारी सीएमओ डा. फकरेयार हुसेन ने बताया कि अस्पताल को 24 घण्टे में दो बार सेनेटाइज करने को बोला गया था। महिला के परिजनों को प्राटोकाल की जानकारी दे दी गयी थी। जबकि मृत महिला और उसके दोनो बेटों की कान्ट्रैक्ट ट्रेसिंग भी कम्प्लीट नही हुई। स्थानीय प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य महकमे के आला अधिकारी तक श्रीकृष्णा मिशन अस्पताल को बचाने में क्यों इतने रूचि ले रहे हैं समझ से परे है लेकिन रसूखदार के लिये प्रशासन द्वारा अलग मापदण्ड अपनाया जाना चर्चा में है। अस्पताल सूत्र से जानकारी ली गयी तो पता चला कि महिला की मौत एम्बुलेंस के अंदर ही हो गयी थी।
उस वक्त स्वास्थ्य महकमे के लोग भी आये थे। जबकि प्रभारी सीएमओ ने स्वीकार किया कि महिला श्री कृष्णा मिशन अस्पताल में एडमिट की गयी थी। उन्होने बताया कि वह कोरोना संदिग्ध पाये जाने पर ओपेक अस्पताल कैली में एडमिट की गयी थी। यहां से स्थिति गंभीर होने पर बीआरडी मेडिकल कालेज रिफर किया गया लेकिन परिजन वहां ने ले जाकर उसे श्रीकृष्णा मिशन अस्पताल ले गये जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी और दो दिन बाद रिपोर्ट पाजिटिव आ गयी। लेकिन इसके बाद स्थानीय प्रशासन, स्वास्थ्स महकमे और अस्पताल प्रबंधन को जो प्रोटोकाल के तहत जो कुछ करना चाहिये थे कुछ भी नही किया गया। जबकि भानपुर में इलाज कराने पहुंचे मजदूर की मौत बरामदे में हो गयी और अस्पताल सील कर दिया गया था। श्रीकृष्णा मिशन अस्पताल के साथ दोहरे मापदण्ड क्यों अपनाये जा रहे हैं ? यह सवाल लाजिमी है।
रिपोर्ट ::राहिल खान
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