मंगलवार, 16 जून 2020

भाजपा नेता की सिर कटी लाश मिली

सूरजपुर। सूरजपुर से एक बहुत बड़ी खबर निकल कर आ रही है भाजपा किसान मोर्चा का मंडल अध्यक्ष का सिर कटी लाश मिली है । मिली जानकारी के मुताबिक सूरजपुर के किसान मोर्चा का मंडल अध्यक्ष शिवचरण काशी कुछ दिन पहले रहस्यमय तरीके से लापता हो गए थे । 

मंगलवार की सुबह बीजेपी नेता शिवचरण काशी का धड़ पुलिस को मिला है, सिर की तलाश पुलिस कर रही है।

पालस गांव से बीजेपी नेता शिवचरण काशी 14 जून की रात को घर के बाहर से लापता हो गए थे। परिजनों ने मामले की शिकायत स्थानीय पुलिस थाने में दर्ज कराई थी। 

 शव मिलने के पहले ही परिजनों ने शिवचरण काशी की हत्या की आशंका जताई थी , जानकारी के अनुसार शिवचरण काशी का कुछ लोगों से जमीन संबंधी विवाद चल रहा था। परिजनों ने कुछ संदिग्ध लोगों के नाम पुलिस को बताए थे। 

पुलिस लगातार शिवचरण की पतासाजी कर रही थी लेकिन शिवचरण की कोई जानकारी पुलिस के हाथ नहीं लग पा रही थी।

बीजेपी किसान मोर्चा के मंडल अध्यक्ष शिवचरण काशी की टुकड़ों में लाश मिलने पर इलाके में सनसनी फैल गई है। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

दहशतः हमीरपुर में मिलें 7 संक्रमित

जनपद में कोरोना के 9 नए  केस मिले 

राठ में मृतक संक्रमित महिला के संपर्की 7 लोग निकले पॉजिटिव

नौरंगा और गोहांड क्षेत्र में निकले दो संक्रमित

जिले में कोरोना संक्रमित की संख्या हुई 65

 

हमीरपुर। जनपद में कोरोना का कहर बराबर जारी है, मंगलवार को राठ कस्बे में ही कोरोना बम फूट गया, मृतक संक्रमित महिला के संपर्क में आए उसके परिजनों मैं 7 लोगों की जांच रिपोर्ट आई, सीएमओ हमीरपुर डॉक्टर आर के सचान ने बताया की सोमवार की रात जनपद में 9 लोगों की जांच रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है, जिसमें राठ कस्बे कि मृतक संक्रमित महिला के संपर्क में आए 7 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं, जबकि एक मरीज नौरंगा और एक गोहांड क्षेत्र में पाया गया है, अब जनपद में  कोरोना संक्रमित की संख्या65 हो चुकी है, राठ कस्बे में एक साथ 7 मरीज कोरोना पॉजिटिव निकलने पर स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग मैं हड़कंप मच गया है, वही कस्बे के लोगों में दहशत का माहौल व्याप्त है, वही लगातार बढ़ रहे कोरोना मरीजों को लेकर जिला प्रशासन की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।

निधि के दुरुपयोग की बडी संभावना

गंभीर वित्तीय अनिमितताओं के चलते नगर पंचायत पतला के चेयरमैन की पांचों उँगली घी में ?

अश्विनी उपाध्याय

गाजियाबाद। नगर पंचायत पतला के चेयरमैन अपने निजी स्वार्थ में अपने कर्तव्य का निर्वाह नहीं कर रहे हैं । जिससे नगर पंचायत में वित्तीय अनिमितताओं का बोलबाला है । जिसके परिणामस्वरूप वित्तीय वर्ष 2017- 18 मे सम्परीक्षा में रोकड़वही किसी अधिकारी व कर्मचारी से स्थापित नहीं थी । रोकड़वही के त्रुटि पूर्ण रखरखाव एवं किसी अधिकारी व कर्मचारी से सत्यापन के अभाव में पंचायत में किसी गंभीर वित्तीय अनिमितताओं एवं पंचायत निधि के दुरुपयोग की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है ?

पंचायत की रोकड़वही में अंकित आय- व्यय के वास्तविक योग एवं रोकड़वही में अंकित योग में भिन्नता पायी गयी है । पंचायत की रोकड़वही में शेष एवं बैंक शेष में भी अंतर पाया गया है । इस अंतर को बैंक समाधान विवरण बनाकर स्पष्ट नहीं किया गया है । बैंक समाधान विवरण के अभाव में पंचायत निधि के व्ययहरण / दुरूउपयोग की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है ? क्योंकि कोषागार एवं आई डी बी आई बैंक लिमिटेड की पास बुक सम्परीक्षा में प्रस्तुत नहीं किये गये ।

इतना ही नहीं स्वच्छ भारत मिशन की रोकड़वही शेष एवं बैंक शेष में अड़तालीस हजार रुपये का अंतर पाया गया है ।

स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत प्राप्त अनुदान में से 249 लाभार्थियों को चार हजार रुपये प्रति लाभार्थि व्यक्तिगत शौचालयों के निर्माण हेतु नो लाख छियाड़वे रूपये का भुगतान किया गया किंतु भुगतान से संबंधित पात्रता के अभिलेख सम्परीक्षा के समय प्रस्तुत नहीं किये गये ।

नगर प॔चायत द्वारा नगद परिसम्पत्ति एवं दायित्व का विवरण नहीं बनया गया । जो कि अनियमित पाया गया । नगद परिसम्पत्ति एवं दायित्व का विवरण न बनाये जाने से नगर पंचायत की आर्थिक स्थिति का पता नहीं चल सका जो कि नियमा विरूद्ध है ।

नगर पंचायत पतला के चेयरमैन होने के नाते नगर पंचायत को आर्थिक क्षति पहुँचाने में पीछे नहीं हैं । जल मूल्य कम दर से वसूल किये जाने से पंचायत को पैंतालीस हजार रुपये की क्षति पहुँचाई है । जल मूल्य की वसूली 20/ = प्रति माह की दर की जा रही थी, जबकि जल मूल्य के निर्धारण हेतु दिनांक 8-10 1997 द्वारा जल मूल्य की दरें 30/ =प्रति माह प्रति कनेक्शन किये जाने के निर्देश दिये थे , किंतु पंचायत द्वारा जल मूल्य की दरें में शासनादेश वृद्धि नहीं की गयी । सम्परीक्षा  के अनुसार दिनांक 31-3-28 को कुल 375 जल कनेक्शन थे । शासनादेश जल मूल्य की दरों के अनुसार जल मूल्य वसूल नहीं किये जाने से पंचायत को आलोच्य अवधि में 4500/=की आर्थिक क्षति हुयी है ।

जनहित एवं उत्तर प्रदेश शासन हित में उक्त तथ्यों की जांच होनी चाहिए । जांच होने से पूर्व नगर पंचायत पतला में सम्परीक्षा में दर्शायी वित्तीय अनिमितताओं के चलते चैयरमेन ने अपने कर्तव्य होने का दायित्व अपने निजी स्वार्थ में नहीं निभाया है, इस लिये चैयरमेन पावर सीज होनी चाहिए ।

सुरेश शर्मा, संपादक ,चमकता युग, मोदी नगर ,गाजियाबाद ।

तालाब में दो शव मिलने से फैली सनसनी

कानपुर। उत्तर प्रदेश में कानपुर के सरसौल में मंगलवार को समाधि बाबा मंदिर के पास निर्माणाधीन तालाब में दो शव मिलने से हड़कंप मच गया। घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।


ग्राम सभा महाराजपुर में समाधि बाबा मंदिर के पास निर्माणाधीन तालाब में बद्री कुशवाहा पुत्र स्वर्गीय घसीटे निवासी तथा शिव प्यारी कुशवाहा पत्नी बद्री प्रसाद कुशवाहा निवासी सलेमपुर के शव बरामद हुए हैं। मौके पर आए उनके बेटे प्रेम कुशवाह ने बताया कि दोनों लोग अपनी पुत्री गुड्डन कुशवाह पत्नी मंगली कुशवाह के यहां काफी समय से रह रहे थे। 15 दिन पूर्व बेटी ने दोनों लोगों को घर से निकाल दिया। जिसकी वजह से दोनों लोग काफी डिप्रेशन में थे। कहा कि उसके माता-पिता उससे कई बार आत्महत्या करने की बात कह चुके थे। मौके पर पहुंच पुलिस घटना की छानबीन कर रही है।


रेस्क्यू कर नदी से निकले चारो शव

छतरपुर। नदी में डूबने से चार बच्चों की मौत के मामले में पुलिस एवं प्रशासन द्वारा चलाया गया रेस्क्यू मिशन खत्म हो गया। चारो बच्चों के शव नदी से बाहर निकाल लिए गए हैं। देर रात होने के कारण सुबह फिर से रेस्क्यू चलाना शरू किया गया।


बंसिया थाना क्षेत्र के नेहरा गांव की घटना है, जहां केन नदी में चार बच्चों की लाश मिली है। जानकारी के मुताबिक चारो बच्चे मछली पकड़ने गए थे। इस दौरान डूबने के कारण उनकी मौत हो गई। मृतक बच्चों की उम्र 12 से 15 साल बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि एक-दूसरे को बचाने की कोशिश में चारो बच्चों की जान चली गई। बच्चों की मौत के बाद शोक का माहौल है।


आतंकीयो से मुठभेड़, तीन आतंकी मारे

श्रीनगर। दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में मंगलवार को सुरक्षा बलों के तलाश अभियान के बाद मुठभेड़ में तीन आतंकवादी ढेर हो गए। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने यूनीवार्ता को बताया कि शोपियां के तुर्कावंगाम में आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना मिलने के बाद सेना, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) ने संयुक्त रुप से मंगलवार तड़के तलाशी अभियान चलाया।


उन्होंने हालांकि कहा कि जब सुरक्षा बल के जवान उस क्षेत्र में गए जहां आतंकवादी छिपे थे उस दौरान आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी शुरु कर दी। उन्होंने कहा, “सुरक्षा बलों ने हमले का जवाब दिया और मुठभेड़ शुरु हुई जिसमें तीन आतंकवादी ढेर हो गए।” कर्नल कालिया ने कहा कि मुठभेड़ की जगह से दो एके-47 और एक आईएनएसएएस बरामद की गयी है। उन्होंने कहा, “अभियान अभी भी चालू है।”


दोहरे मापदंड से सवालों के घेरे में प्रशासन

बस्ती जिला प्रसाशन का दोहरा मापदंड सवालों के घेरे में बस्ती जिला प्रसाशन।।
गलती पर गलती किये जाओ कौन पूछेगा ??वाली कवायत पर अमल कर रहा जिला प्रसाशन।।


बस्ती। पहली जून को श्री कृष्णा मिशन में इलाज के दौरान मृत महिला की रिपोर्ट दो दिन बाद पाजिटिव आई, उसके दो बेटों की भी रिपोर्ट कोरोना पाजिटिव आई और उन्हे रूधौली स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय एल 1 अस्पताल में एडमिट किया गया है। महिला का नाम रचना श्रीवास्तव ‘रूचि’ बताया जा रहा है। सूत्रों की माने तो वह कांशीराम कालोनी में रहती थी और मड़वानगर में भी उसका मकान था।


हैरान करने वाली खबर ये है कि बगैर रिपोर्ट आये उसकी डेड बॉडी को बगैर किसी के प्रोटाकल के अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों को सुपुर्द कर दिया, अंतिम संस्कार भी मनमाने तरीके से हुआ। मोहल्ले के लोग और महिला के करीबी इसमे शामिल हुये। ऐसा क्यों हुआ इसका जवाब न तो अस्पताल प्रबंधन के पास है और न ही स्वास्थ्य महकमे के आला अफसरों के पास। महिला की रिपोर्ट आने के बाद न तो अस्पताल की सील किया गया और न ही डाक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ कोरेनटीन किये गये। बिलकुल उसी अव्वल दर्ते की लापरवाही सामने आ ही है जैसे जनपद के पहले कोरोना पाजिटिव हसनैन के मामले में आई थी। अस्पताल प्रबंधन की ऊंची रसूख और आर्थिक सम्पन्नता के आगे सारे नियम कानून बौने साबित हो गये। इस प्रकरण में प्रभारी सीएमओ डा. फकरेयार हुसेन ने बताया कि अस्पताल को 24 घण्टे में दो बार सेनेटाइज करने को बोला गया था। महिला के परिजनों को प्राटोकाल की जानकारी दे दी गयी थी। जबकि मृत महिला और उसके दोनो बेटों की कान्ट्रैक्ट ट्रेसिंग भी कम्प्लीट नही हुई। स्थानीय प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य महकमे के आला अधिकारी तक श्रीकृष्णा मिशन अस्पताल को बचाने में क्यों इतने रूचि ले रहे हैं समझ से परे है लेकिन रसूखदार के लिये प्रशासन द्वारा अलग मापदण्ड अपनाया जाना चर्चा में है। अस्पताल सूत्र से जानकारी ली गयी तो पता चला कि महिला की मौत एम्बुलेंस के अंदर ही हो गयी थी।


उस वक्त स्वास्थ्य महकमे के लोग भी आये थे। जबकि प्रभारी सीएमओ ने स्वीकार किया कि महिला श्री कृष्णा मिशन अस्पताल में एडमिट की गयी थी। उन्होने बताया कि वह कोरोना संदिग्ध पाये जाने पर ओपेक अस्पताल कैली में एडमिट की गयी थी। यहां से स्थिति गंभीर होने पर बीआरडी मेडिकल कालेज रिफर किया गया लेकिन परिजन वहां ने ले जाकर उसे श्रीकृष्णा मिशन अस्पताल ले गये जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी और दो दिन बाद रिपोर्ट पाजिटिव आ गयी। लेकिन इसके बाद स्थानीय प्रशासन, स्वास्थ्स महकमे और अस्पताल प्रबंधन को जो प्रोटोकाल के तहत जो कुछ करना चाहिये थे कुछ भी नही किया गया। जबकि भानपुर में इलाज कराने पहुंचे मजदूर की मौत बरामदे में हो गयी और अस्पताल सील कर दिया गया था। श्रीकृष्णा मिशन अस्पताल के साथ दोहरे मापदण्ड क्यों अपनाये जा रहे हैं ? यह सवाल लाजिमी है।


रिपोर्ट ::राहिल खान


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