मंगलवार, 16 जून 2020

निधि के दुरुपयोग की बडी संभावना

गंभीर वित्तीय अनिमितताओं के चलते नगर पंचायत पतला के चेयरमैन की पांचों उँगली घी में ?

अश्विनी उपाध्याय

गाजियाबाद। नगर पंचायत पतला के चेयरमैन अपने निजी स्वार्थ में अपने कर्तव्य का निर्वाह नहीं कर रहे हैं । जिससे नगर पंचायत में वित्तीय अनिमितताओं का बोलबाला है । जिसके परिणामस्वरूप वित्तीय वर्ष 2017- 18 मे सम्परीक्षा में रोकड़वही किसी अधिकारी व कर्मचारी से स्थापित नहीं थी । रोकड़वही के त्रुटि पूर्ण रखरखाव एवं किसी अधिकारी व कर्मचारी से सत्यापन के अभाव में पंचायत में किसी गंभीर वित्तीय अनिमितताओं एवं पंचायत निधि के दुरुपयोग की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है ?

पंचायत की रोकड़वही में अंकित आय- व्यय के वास्तविक योग एवं रोकड़वही में अंकित योग में भिन्नता पायी गयी है । पंचायत की रोकड़वही में शेष एवं बैंक शेष में भी अंतर पाया गया है । इस अंतर को बैंक समाधान विवरण बनाकर स्पष्ट नहीं किया गया है । बैंक समाधान विवरण के अभाव में पंचायत निधि के व्ययहरण / दुरूउपयोग की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है ? क्योंकि कोषागार एवं आई डी बी आई बैंक लिमिटेड की पास बुक सम्परीक्षा में प्रस्तुत नहीं किये गये ।

इतना ही नहीं स्वच्छ भारत मिशन की रोकड़वही शेष एवं बैंक शेष में अड़तालीस हजार रुपये का अंतर पाया गया है ।

स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत प्राप्त अनुदान में से 249 लाभार्थियों को चार हजार रुपये प्रति लाभार्थि व्यक्तिगत शौचालयों के निर्माण हेतु नो लाख छियाड़वे रूपये का भुगतान किया गया किंतु भुगतान से संबंधित पात्रता के अभिलेख सम्परीक्षा के समय प्रस्तुत नहीं किये गये ।

नगर प॔चायत द्वारा नगद परिसम्पत्ति एवं दायित्व का विवरण नहीं बनया गया । जो कि अनियमित पाया गया । नगद परिसम्पत्ति एवं दायित्व का विवरण न बनाये जाने से नगर पंचायत की आर्थिक स्थिति का पता नहीं चल सका जो कि नियमा विरूद्ध है ।

नगर पंचायत पतला के चेयरमैन होने के नाते नगर पंचायत को आर्थिक क्षति पहुँचाने में पीछे नहीं हैं । जल मूल्य कम दर से वसूल किये जाने से पंचायत को पैंतालीस हजार रुपये की क्षति पहुँचाई है । जल मूल्य की वसूली 20/ = प्रति माह की दर की जा रही थी, जबकि जल मूल्य के निर्धारण हेतु दिनांक 8-10 1997 द्वारा जल मूल्य की दरें 30/ =प्रति माह प्रति कनेक्शन किये जाने के निर्देश दिये थे , किंतु पंचायत द्वारा जल मूल्य की दरें में शासनादेश वृद्धि नहीं की गयी । सम्परीक्षा  के अनुसार दिनांक 31-3-28 को कुल 375 जल कनेक्शन थे । शासनादेश जल मूल्य की दरों के अनुसार जल मूल्य वसूल नहीं किये जाने से पंचायत को आलोच्य अवधि में 4500/=की आर्थिक क्षति हुयी है ।

जनहित एवं उत्तर प्रदेश शासन हित में उक्त तथ्यों की जांच होनी चाहिए । जांच होने से पूर्व नगर पंचायत पतला में सम्परीक्षा में दर्शायी वित्तीय अनिमितताओं के चलते चैयरमेन ने अपने कर्तव्य होने का दायित्व अपने निजी स्वार्थ में नहीं निभाया है, इस लिये चैयरमेन पावर सीज होनी चाहिए ।

सुरेश शर्मा, संपादक ,चमकता युग, मोदी नगर ,गाजियाबाद ।

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