गुरुवार, 11 जून 2020
सिंह को किया लाइन हाजिर बड़ा कदम
कीट के नियंत्रण के सम्बन्ध में निर्देश दिया
प्रयागराज। जिला उद्यान अधिकारी, प्रयागराज प्रतिभा पाण्डेय ने किसान भाईयों को सूचित करते हुए कहा कि भारत के विभिन्न क्षेत्रों में टिड्डी दल को दृष्टिगत रखते हुए जनपद में इस कीट के नियंत्रण के सम्बन्ध में निर्देश दिया है। यह टिड्डी गण हेमिप्टेरा के सिकेडा वंश का कीट है। यह कीट भारत, पाकिस्तान तथा मध्य एशिया के कई देशों में रेगिस्तानी भूमि में अंडे देते है तथा भोजन अनुकूल मौसम की तलाश में कई मील तक उड़ान भर सकते है। ये फसलों को नष्ट कर देते है, ये बहुत ही डरपोक होने के कारण समूह में रहते हंै। 15 से 30 मिनटों में फसल की पत्तियों को पूर्ण रूप से खाकर नष्ट कर सकते है। यह सभी प्रकार के हरे पत्तों पर झड़ियों एवं फसलों पर बसेरा बनाकर वहीं पर रात गुजारते है। इसलिए उन्हें रात में आराम करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि ये रात भर फसलों को नुकसान पहुंचाते है और फिर सुबह 8-9 बजे के करीब उडान भरते है। इस दल से सुरक्षा के दृष्टिगत सर्तकता के साथ ही अन्य संसाधनों को व्यवस्थित करना आवश्यक है।
टिड्डीयों के झुण्ड को फसलों से दूर रखने के प्रमुख उपायों में टिड्डी दल के समूह को खेतों में उतरने से रोकने के लिए तुरंत अपने खेतों के आस-पास मौजूद घास-फूस जलाकर धुआ उत्पन्न करना चाहिए, जिससे टिड्डी दल आपके खेत में न बैठकर आगे निकल जाए। टिड्डी के प्रकोप की दशा में एक साथ इकट्ठा होकर टीन के डब्बो, थालियों आदि बजाते हुए शोर मचाये। पटाखे फोड़करध्ट्रेक्टर के साइलेंसर को निकालकर भी तेज ध्वनि करें। शोर से टिड्डी दल आस पास के खेत में आक्रमण नही कर पायेंगे। इसके लिए सुबह का समय उपयुक्त होता है। बसन्त का मौसम एवं बलूई मिट्टी टिड्डे के प्रजनन एवं अण्डे देने हेतु सर्वाधिक अनुकूल होता है। अतः टिड्डी दल के आक्रमण से सम्मलित ऐसी खेती वाले क्षेत्रों में जुताई करवा दें एवं जल का भराव कर दें। रासायनिक पदार्थों का प्रयोग करके भी टिड्ड़ी दल के आक्रमण से फसलों को बचाया जा सकता है। इसके लिए मेलाथियान 50 प्रतिशत ई०सी० मेलाथियान 25 प्रतिशत डब्ल्यू०पी० क्लारोपयरीफास 20 प्रतिशत ई0सी0 और क्लारोपयरीफास 50 प्रतिशत ई०सी० को टिड्डीयों के हमलों को रोकने के लिए शाम को पानी में पतला घोल कर फसलों पर कीटनाशक के रूप में छिडकाव करना चाहिए। हालांकि प्रयागराज में टिड्डी दल के तूफानी एंट्री होने से जनपद के तमाम किसानों के होश उड़ गए हैं।
180 से ज्यादा देशों में फैल चुका 'कोरोना'
नई दिल्ली। दुनियाभर के तमाम देशों के साथ-साथ भारत में भी कोरोनावायरस (COVID-19) का कहर तेजी से बढ़ता जा रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, 180 से ज्यादा देशों में फैल चुका यह वायरस अब तक चार लाख से ज्यादा जानें ले चुका है।दुनियाभर में 72 लाख से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं। यह आंकड़ा हर रोज बढ़ रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गुरुवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 2,86,579 हो गई है। पिछले 24 घंटों में कोरोना के 9,996 नए मामले सामने आए हैं और 357 लोगों की मौत हुई है।
देश में पहली बार 24 घंटों में इतनी बड़ी संख्या में कोरोना के मामले सामने आए हैं और मौतें हुई हैं। अभी तक 8,102 लोगों की मौत हो चुकी है, हालांकि 1,41,029 मरीज इस बीमारी को मात देने में सफल भी हुए हैं। रिकवरी रेट में मामूली बढ़ोतरी देखने को मिली है। यह 49.21 प्रतिशत पर पहुंच गया है। केंद्र सरकार के मुताबिक, अभी तक 52,13,140 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं। पिछले 24 घंटों में 1,51,808 सैंपल टेस्ट किए गए। एक दिन में सैंपल टेस्टिंग की यह अभी तक सबसे बड़ी संख्या है। देश के सभी राज्यों से इसके मरीज सामने आ रहे हैं। कई राज्य ऐसे भी हैं, जो इस महामारी से मुक्त हो चुके थे लेकिन प्रवासियों के राज्य में दाखिल होने से वह फिर से इस संक्रमण की जद में आ गए।
गौरतलब है कि लॉकडाउन के दौरान करीब दो महीने तक बंद रहने के बाद 8 जून से देश में शॉपिंग मॉल, धार्मिक स्थल, होटल और रेस्तरां फिर से खुल गए हैं। नए नियमों के तहत प्रवेश के लिए टोकन प्रणाली जैसी व्यवस्थाएं की गई हैं। वहीं मंदिरों में प्रसाद आदि का वितरण नहीं किया जा रहा है। कई राज्य की सरकारों ने कहा कि कोरोनावायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच इन सब स्थलों के खुलने से नई चुनौतियां सामने आ सकती हैं।
देश में कोरोना मामलों से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र है। वहां संक्रमितों की संख्या 1 लाख के आंकड़े को छूने वाली है। वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। दिल्ली में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 32,810 है। बीते कुछ घंटों में दिल्ली में COVID-19 के कुल 1501 मामले सामने आए हैं, वहीं इस दौरान 384 मरीज ठीक भी हुए हैं। अब तक कुल 12,245 मरीज ठीक हो चुके हैं। बीते 24 घंटों में 48 मरीजों की मौत हुई है जो 1 दिन में मरने वालों की सर्वाधिक संख्या है। 31 मौतें पहले हुईं, जिससे मौत का कुल आंकड़ा 905 से बढ़कर 984 पहुंच गया है।दिल्ली में अभी फिलहाल 19,581 एक्टिव मामले हैं।
₹55 करोड़ के जाली नोट जब्त, 6 अरेस्ट
पुणे। महाराष्ट्र के पुणे में बुधवार को ''चिल्ड्रन बैंक ऑफ इंडिया'' के डमी बिल और जाली अमेरिकी डॉलर समेत करीब 55 करोड़ रुपये के जाली नोट जब्त किए गए। इस बाबत सेना के एक कर्मी समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया गया। पुणे अपराध शाखा के अधिकारियों ने बताया कि पुणे पुलिस और सेना की दक्षिणी कमान की खुफिया इकाई ने एक संयुक्त अभियान के तहत विमान नगर इलाके में छापा मारा और गिरोह का भंडाफोड़ किया।
उन्होंने बताया कि अबतक 55 करोड़ रुपये से ज्यादा की जाली भारतीय और अमेरिकी मुद्रा गिनी जा चुकी है और गिनती अब भी जारी है। पुलिस उपायुक्त (अपराध शाखा) बच्चन सिंह ने बताया कि नोटों की गुणवत्ता सत्यापित कराई जा रही है लेकिन कई नोट ''चिल्ड्रन बैंक ऑफ इंडिया'' के डमी बिल हैं। सिंह ने बताया कि गिरोह के सदस्य लोगों को जाली नोट असली के तौर पर देकर उनके साथ धोखाधड़ी करते थे। डीसीपी ने कहा कि जाली मुद्रा के स्रोत का पता लगाने के लिए जांच जारी है।
मां-बहन के खिलाफ रेप, धाराओं में मुकदमा
हजरतगंज। एक थाने में तैनात महिला सिपाही ने हजरतगंज कोतवाली में तैनात सिपाही गौरव कुमार पर रेप का आरोप लगाया है। पीड़िता के मुताबिक आरोपी ने उसका अश्लील वीडियो बनाया और झांसा देकर दो लाख रुपये भी ऐंठ लिए। महिला सिपाही ने गौरव, उसके एक दोस्त, मां व बहन के खिलाफ रेप, गर्भपात कराने, जालसाजी व मारपीट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है।
महिला सिपाही के मुताबिक वर्ष 2018 में उसकी मुलाकात कम्प्यूटर ऑपरेटर का काम करने वाले सिपाही गौरव कुमार से हुई थी। दोनों में दोस्ती हो गईं। जिसका फायदा उठाकर गौरव एक दिन उसे अपने घर ले गया। वहां आरोपी ने उसे कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ पिलाकर उसके साथ रेप किया। इस दौरान कमरे में मौजूद गौरव के दोस्त अखिलेश ने उसका वीडियो बना लिया। बाद में गौरव ने शादी का झांसा देकर कई बार उसका यौन शोषण किया।
इससे दौरान वह दो बार गर्भवती हुई लेकिन आरोपी ने उसका गर्भपात करवा दिया। कुछ दिनों पहले उसने गौरव से जल्द से जल्द शादी करने की बात कही तो उसने धमकाना शुरू कर दिया। पीड़िता का कहना है कि उसके मोबाइल फोन में आरोपी के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य थे। लेकिन, गौरव चुपके से उसका मोबाइल फोन लेकर चला गया।
दो लाख रुपये भी ऐंठे
पीड़िता का आरोप है कि गौरव ने जरूरत की बात कहकर उससे दो लाख रुपये भी लिए थेए जोकि आज तक वापस नहीं किए। आरोपी की इस धोखेबाजी से परेशान होकर पीड़िता ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या की कोशिश की थी। पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां तबीयत में सुधार होने पर डॉक्टरों ने उसे छुट्टी दे। बुधवार को उसने महिला थाने में तहरीर देकर गौरव व उसके सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।
प्रदेश में कोरोना संक्रमित आकड़ा-5737
पानीपत/अम्बाला। हरियाणा के अंबाला में दिल्ली से अपनी नानी के घर आई 23 वर्षीय युवती ने कोरोना की वजह से वीरवार को दम तोड़ दिया। प्रदेश में यह कोरोना से होने वाली 53वीं मौत है। वहीं प्रदेश में कुल कोरोना संक्रमित का आंकड़ा 5737 पहुंच गया है, गुरुवार को 158 मरीज मिले। 5 ठीक होकर घर लौटे।
अम्बाला के डिप्टी सिविल सर्जन डॉक्टर संजीव सिंगला ने बताया कि दिल्ली से 23 वर्षीय युवती अम्बाला में अपनी नानी के घर आई थी। 8 जून की रात को अचानक से उसकी तबियत बिगड़ गई। परिजन उसे अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां से उसकी हालत को देखते हुए उसे कोविड अस्पताल मुलाना शिफ्ट कर दिया गया था। उसका कोरोना टेस्ट किया गया था। युवती की बुधवार और गुरुवार की दरमियानी रात में मौत हो गई। गुरुवार को उसकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। अंबाला में कोरोना से यह तीसरी मौत है।
प्रदेश में कोरोना संक्रमितों का लगातार बढ़ रहा ग्राफ चिंताजनक स्थिति में पहुंच गया है। मात्र 10 की अवधि में करीब 3500 नए मामलों से प्रदेश संक्रमितों की संख्या के साथ देशभर में 10वें पायदान पर पहुंच गया है। रोचक पहलू यह भी है कि पड़ोसी सूबे पंजाब से हरियाणा में दोगुने मामले हो गए हैं। आरोग्य सेतु के आंकड़ों के मुताबिक पंजाब में करीब 2800 मामले हैं, जबकि प्रदेश में संक्रमितों की संख्या 5737 पर पहुंच गई है।
संक्रमितों की संख्या में 10वें पर पहुंचने का सबसे बड़ा कारण एनसीआर है। अकेले गुडग़ांव में करीब 45 फीसद मामले हैं और साथ लगते फरीदाबाद में 15 फीसद संक्रमित हैं। दोनों जिलों में करीब 60 फीसद मामलों के चलते ही प्रदेश में लगातार संक्रमण बढ़ रहा है। हालांकि ज्यादातर मामले दिल्ली से जुड़े हुए हैं।
गुरुवार 7 जिलों में 158 नए संक्रमित मिले, जिससे प्रदेश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 5737 हो गई है। केवल पांच लोग ही कोरोना को हराकर घर पहुंचे। इनमें पानीपत में 3 और भिवानी में 2 मरीज शामिल हैं। इसके साथ ही गुडग़ांव में 90, फरीदाबाद में 30, अंबाला में 12, पलवल व करनाल में 10-10, हिसार में 4, पानीपत व जींद में 1-1 संक्रमित मिला।
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक संदिग्धों के सैंपल लेने का आंकड़ा 160714 पर पहुंच गया है, जिसमें 148914 की रिपोर्ट निगेटिव आई जबकि 6063 का इंतजार है। प्रदेश में पॉजिटिव रेट भी 3.71 फीसद पर पहुंच गया है। रिकवरी रेट 38.23 फीसद है जबकि मामलों के दोगुने होने की अवधि 8 दिन पर पहुंच गई है। प्रत्येक 10 लाख पर जांच का आंकड़ा भी 6340 पर पहुंच गया है। कोरोना से 52 मौतें भी हो चुकी हैं।
फिलहाल प्रदेश में यूएसए से लौटे 21 लोगों, 14 इटली नागिरकों व 133 जमातियों को मिलाकर संक्रमितों का आंकड़ा 5737 पर पहुंच गया है। इनमें सबसे ज्यादा गुडग़ांव में 2636, फरीदाबाद में 885, सोनीपत में 502, रोहतक में 228, पलवल में 152, झज्जर में 112, अंबाला में 123, करनाल में 118, नारनौल में 106, नूंह में 104, हिसार में 106, पानीपत में 87, भिवानी में 82, जींद में 66, रेवाड़ी में 65, कुरुक्षेत्र में 60, सिरसा में 58, फतेहाबाद में 51, कैथल में 46, पंचकूला में 43, चरखी-दादरी में 45 तथा यमुनानगर में 27 संक्रमित मिले हैं।
वहीं 14 इटली नागरिकों सहित कोरोना को मात देने वालों का आंकड़ा 2188 हो गया है। इनमें गुरुग्राम में 824, फरीदाबाद में 306, सोनीपत में 208, झज्जर में 99, रोहतक में 84, नूंह में 78, पानीपत में 60, पलवल में 57, अंबाला में 53, हिसार में 52, करनाल में 47, नारनौल में 73, पंचकूला व जींद में 26-26, कुरुक्षेत्र में 34, भिवानी में 35, सिरसा में 39, कैथल में 28, रेवाड़ी में 12, यमुनानगर में 9, फतेहाबाद में 17 तथा चरखी-दादरी में 7 मरीज ठीक होकर घर लौट चुका है।
युवक ने खाया जहरीला पदार्थ, कराया भर्ती
वांछित अभियुक्त को किया गिरफ्तार
ट्रक ने मारी टक्कर, दो बच्चों की मौत
करोड़ों की कमाई करने वाला गुनहगार
राज्यसभा चुनाव से पहले खरीद-फरोख्त
नई दिल्ली। राजस्थान में राज्यसभा चुनाव से पहले खरीद फरोख्त का खेल शुरु हो गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी पर समर्थन के बदले कुछ विधायकों को 25 करोड़ रूपए प्रलोभन देने का आरोप लगाया है। गहलोत ने कहा कि खरीद फरोख्त के लिए जयपुर में करोड़ों-अरबों रुपए ट्रांसफर हो रहे हैं। ये पैसे कौन भेज रहा है। विधायकों को एडवांस देने की बातें हो रही हैं. यहां पर खुला खेल हो रहा है। इसीलिए महेश जोशी ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हमारे विधायक बहुत समझदार हैं, वे समझ गए। उन्हें खूब लोभ लालच देने की कोशिश की गई, लेकिन यह हिंदुस्तान का एकमात्र राज्य है, जहां एक पैसे का सौदा नहीं होता। यह इतिहास में कहीं नहीं मिलेगा। मुझे गर्व है कि मैं ऐसी धरती का मुख्यमंत्री हूं, जिसके लाल बिना सौदे के बिना लोभ लालच के सरकार का साथ देते हैं। महेश जोशी ने एसीबी के महानिदेशक को भेजी शिकायत में कहा है कि अति विश्वस्त सूत्रों से जानकारी मिली है कि कर्नाटक, मध्य प्रदेश और गुजरात की तर्ज पर राजस्थान में भी हमारे विधायकों व हमारा समर्थन कर रहे निर्दलीय विधायकों को भारी प्रलोभन देकर राज्य की लोकतांत्रिक तौर से चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। बता दें कि राजस्थान में राज्यसभा चुनाव की तीन सीटों पर चुनाव होना है।
एसीबी के महानिदेशक आलोक त्रिपाठी ने कहा कि शिकायत पर उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि शिकायत मिली है और इसकी जांच होगी।
चिंताः संक्रमण के मुंह में धकेली दिल्ली
अनिल अनूप
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली परमाणु बम पर बैठी है, जो कभी भी फट सकता है। दिल्ली में 31 जुलाई तक कोरोना के 5.5 लाख संक्रमित मरीज हो सकते हैं। 15 जुलाई तक 2.25 लाख संक्रमित होने का आकलन है। यह खुलासा दिल्ली सरकार के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने तब किया, जब वह उपराज्यपाल की अध्यक्षता वाली आपदा प्रबंधन बैठक में शिरकत के बाद सार्वजनिक हुए थे। उपराज्यपाल के साथ उनके कुछ संवादों का ब्योरा भी उन्होंने दिया। कमोबेश इस स्तर पर संवैधानिक शख्सियत झूठ नहीं बोल सकती, क्योंकि पलट कार्रवाई के लिए संविधान उपस्थित है। उपराज्यपाल ने अस्पतालों पर केजरीवाल सरकार के फैसले को ‘संविधान-विरोधी’ करार देते हुए उसे खारिज कर दिया, लेकिन कोई वैकल्पिक आकलन नहीं दिया कि यदि दिल्ली में संक्रमण की विस्फोटक स्थितियां पैदा होती हैं, जिनके आसार अब पूरे लगते हैं, तो दिल्ली सरकार क्या करेगी? कोई भी उपराज्यपाल या मुख्यमंत्री देश और उसके नागरिकों से बड़ा और महत्त्वपूर्ण नहीं हो सकता। पदेन सुविधाएं और गरिमा संविधान के कारण नसीब होती हैं। उसी संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 आम नागरिक के मौलिक अधिकारों की व्याख्या करते हैं। कोई उपराज्यपाल या मुख्यमंत्री उसे लांघ नहीं सकता। यदि उप मुख्यमंत्री के एक सवाल पर, कोरोना वायरस की संभावित भयावह स्थितियों के संदर्भ में, उपराज्यपाल जवाब देते हैं-‘देखते हैं’, तो फिर कहा जा सकता है कि व्यवस्था के संचालकों और सूत्रधारों ने देश की राजधानी तक को ‘रामभरोसे’ छोड़ दिया है। दूसरी ओर, विश्व स्वास्थ्य संगठन का ताजा आकलन है कि कोरोना महामारी ‘बदतर’ होती जा रही है। दिल्ली में ही कोरोना के मरीज 31,000 को पार कर चुके हैं और मौतें भी 900 से अधिक हो चुकी हैं। विश्लेषण ऐसे भी सामने आए हैं कि यदि कोरोना संक्रमण की गति और उसका विस्तार यही रहे, तो देश में 26 जून तक पांच लाख, 11 जुलाई तक 10 लाख और 28 जुलाई तक 20 लाख संक्रमित मरीज होंगे। क्या उन्हें संभालने और उचित इलाज मुहैया कराने के बंदोबस्त किए गए हैं? देश के औसत आदमी को डराने की मंशा हमारी नहीं है, लेकिन विस्फोटक हालात के प्रति आगाह जरूर कर रहे हैं। आश्चर्य है कि ऐसे चेतावनीपूर्ण हालात के बावजूद केंद्र सरकार के स्वास्थ्य और कोरोना महामारी से संबद्ध अधिकारी ‘सामुदायिक संक्रमण’ की हकीकत मानने को सहमत नहीं हैं, लिहाजा उपराज्यपाल वाली आपदा प्रबंधन की बैठक में इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा की ही नहीं गई। अजीब विरोधाभासी समीकरण हैं कि दिल्ली सरकार के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने ‘सामुदायिक संक्रमण’ की बात कही है, लेकिन उपराज्यपाल और केंद्र सरकार इसे नकार रहे हैं। आखिर केंद्र इसे स्वीकार कैसे सकता है? मोदी सरकार की फजीहत होगी और लगातार सवाल पूछे जाएंगे कि इतने लंबे लॉकडाउन के बावजूद संक्रमण इस हद तक कैसे फैल गया कि संभावित आंकड़े दहशत पैदा कर रहे हैं और सामुदायिक संक्रमण की बहस छिड़ गई है? यह भी बेनकाब हो जाएगा कि 24 मार्च के बाद क्या किया गया। मुद्दों से भटकाने के लिए दूसरे कौन से मुद्दे पैदा किए गए। अब देश में स्वास्थ्य सेवाओं पर भी चर्चा छिड़ सकती है। हम जीडीपी का मात्र दो फीसदी भी स्वास्थ्य पर खर्च नहीं कर पाते हैं। कितनी आबादी पर कितने अस्पताल हैं, कितने डॉक्टर और दूसरे कर्मी हैं, यह आंकड़ा भी बेहद शर्मनाक है। अब चर्चा यहां तक सुगबुगाने लगी है कि स्वास्थ्य सेवाओं का ‘राष्ट्रीयकरण’ किया जाए। एक छोटा-सा देश क्यूबा इसका उदाहरण माना जा रहा है, जहां एक भी निजी अस्पताल नहीं है। स्वास्थ्य सेवाओं के संदर्भ में भारत विश्व में 145वें स्थान पर है। बांग्लादेश, भूटान, श्रीलंका और म्यांमार सरीखे पड़ोसी देशों की स्थितियां हमसे बेहतर हैं। बहरहाल कोरोना बार-बार करवट बदल रहा है। वह बहुत तेजी से फैलने वाला वायरस है। गर्मी, सर्दी, गीलापन, सूखा और मरुस्थल सरीखी जलवायु और मौसम का इस पर प्रभाव नहीं दिखा है, लिहाजा यह विकराल रूप धारण करता जा रहा है। मुंबई के आंकड़े चीन के वुहान शहर को पार कर 51,000 से अधिक हो गए हैं। क्या अब यह ‘कोरोना राजधानी’ होगी? भारत में कोरोना का कहर कुछ शहरों तक ज्यादा सिमटा है। अब जून के अंत और जुलाई में क्या होगा, वह यथार्थ भी स्पष्ट हो जाएगा। उसके बाद ही हम कह सकेंगे कि भारत में कोरोना वायरस का समापन किस कदर होगा?
दिल्ली के सैकड़ों अध्यापक हुए संक्रमित
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में शिक्षक भी कोरोना संक्रमण के शिकार हो रहे हैं। दिल्ली नगर निगम द्वारा जारी डाटा के अनुसार अब तक नगर निगम के 100 से ज्यादा सरकारी शिक्षक कोरोना के शिकार हो चुके हैं। इसके अलावा 50 और शिक्षक भी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. ये वैसे शिक्षक हैं, जिनकी ड्यूटी इस वक्त स्कूलों में राशन बांटने या फिर दूसरे प्रशासनिक कार्यों में लगी थी।
4 शिक्षकों की मौत
दुखद बात यह है कि अब तक 4 शिक्षक कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना से मौत का शिकार बने शिक्षकों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने का ऐलान भी किया था। गवर्नमेंट स्कूल टीचर्स एसोसिएशन के महासचिव अजयवीर यादव ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक के बाद एक शिक्षक कोरोना के शिकार होते जा रहे हैं और हमारे कई साथी अब तक मौत के मुंह में समा चुके हैं।
एक करोड़ मुआवजे की मांग
एसोसिएशन ने सरकार से मांग की है कि जिन शिक्षकों की कोरोना के कारण मौत हुई है उन्हें 1 करोड़ रुपये का मुआवजा फौरन ही दिया जाए। इसके अतिरिक्त बाकी शिक्षकों की ड्यूटी कुछ इस प्रकार की जाए जिससे उन्हें संक्रमण का खतरा कम से कम हो और उनके बचाव के लिए पीपीई किट, मास्क और अन्य साधन उपलब्ध कराए जाएं।बता दें कि दिल्ली में इस वक्त हजारों शिक्षक करुणा से बचाव की ड्यूटी में काम कर रहे हैं। इनमें से कई शिक्षक राशन बांटने की ड्यूटी में है तो कई शेल्टर होम और आइसोलेशन सेंटर पर भी ड्यूटी कर रहे हैं।
दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने आज तक से बात करते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार में शिक्षकों की जान जोखिम में है। एक के बाद एक शिक्षक संक्रमित हो रहे हैं और कई शिक्षकों की जान जा चुकी है। ऐसे में सरकार को तुरंत ही सख्त कदम उठाना चाहिए नहीं तो हमारे देश के भविष्य निर्माता खुद संकट में पड़ जाएंगे। आदेश गुप्ता ने फौरन ही मृतक शिक्षकों के परिवार वालों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने की मांग केजरीवाल सरकार से की है।
8 दिन बाद अस्पताल से ही मिला शव
8 दिन से लापता कोरोना मरीज की लाश अस्पताल के बाथरूम में पड़ी थी, किसी को खबर तक नहींं
कविता गर्ग
जलगांव। देश में एक ओर जहां कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है, वहीं कई जगहों पर अस्पतालों की लापरवाही का मामला भी सामने आ रहा है। ऐसा ही एक मामला महाराष्ट्र के जलगांव सिविल अस्पताल में देखने को मिला है. पिछले 8 दिनों से जिस कोरोना पॉजिटिव मरीज के अस्पताल से लापता होने की बात कही जा रही थी उसका शव आज उसी अस्पताल के एक बाथरूम से बरामद किया गया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी अविनाश डांगे ने जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.
जानकारी के मुताबिक 80 साल की बुजुर्ग को कुछ दिन पहले भुसावल रेलवे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां बुजुर्ग की हालत बिगड़ने पर 1 जून को उन्हें जलगांव के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया. जांच में पाया गया कि बुजुर्ग को कोरोना है. इस घटना के दूसरे ही दिन यानी 2 जून को बुजुर्ग महिला अस्पताल से कहीं गायब हो गईं. काफी ढूंढने के बाद भी जब बुजुर्ग का कुछ भी पता नहीं चला तो थाने में महिला की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई।
बताया जाता है कि आज सुबह किसी ने जानकारी दी कि एक बुजुर्ग महिला का शव अस्पताल के बाथरूम में पड़ा है। बुजुर्ग को देखने से पता चला कि जिसके लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी वह महिला पिछले 8 दिनों से बाथरूम में पड़ी थी और किसी को इसकी खबर तक नहीं थी। जिलाधिकारी अविनाश डांगे ने कहा कि यह अस्पताल प्रशासन की बड़ी लापरवाही है। अस्पताल के बाथरूम को हर दिन साफ किया जाता है। ऐसे में किसी की भी नजर पिछले 8 दिनों से बुजुर्ग पर नहीं पड़ी। जिलाधिकारी ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की बात कही है।
फॉरेस्ट रेंजर, गार्ड के पदों पर भर्ती
रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने फॉरेस्ट रेंजर और असिस्टेंट फॉरेस्ट गार्ड के पदों पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है। छत्तीसगढ़ वन विभाग भर्ती 2020 (CG फॉरेस्ट गार्ड भर्ती 2020) के तहत 178 फॉरेस्ट रेंजर और असिस्टेंट फॉरेस्ट गार्ड के पदों पर नियुक्ति की जाएगी। अगर आप भी वन विभाग में नौकरी करने के इच्छुक हैं तो आवेदन कर सकते हैं।
पदों की संख्या
फॉरेस्ट रेंजर- 157 पद
असिस्टेंट फॉरेस्ट गार्ड – 21 पद
शैक्षिक योग्यता
इन पदों पर आवेदन करने के लिए उम्मीदवार को 12वीं यानी इंटरमीडिएट परीक्षा PCB यानी साइंस स्ट्रीम में पास होना चाहिए और कृषि, वनस्पति विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान, भूविज्ञान आदि किसी भी विषय में ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए. बता दें कि चयनित उम्मीदवारों की पोस्टिंग छत्तीसगढ़ में ही होगी।
आयु सीमा
इन पदों पर आवेदन करने के लिए उम्मीदवार की उम्र 21 से 30 वर्ष (अन्य राज्य) और 21 से 40 वर्ष (छत्तीसगढ़) निर्धारित है. बता दें कि आयु की गणना 01.01.2020 के आधार पर की जाएगी।
आवेदन शुल्क
छत्तीसगढ़ के एससी/ एसटी और ओबीसी वर्ग के लिए 300 रुपये आवेदन शुल्क निर्धारित है जबकि अन्य सभी उम्मीदवारों को 400 रुपये आवेदन शुल्क देना होगा।
कैसे होगा चयन?
फॉरेस्ट रेंजर और असिस्टेंट फॉरेस्ट गार्ड के पदों पर उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के आधार पर किया जाएगा।
आवेदन और परीक्षा की तिथि
ऑनलाइन आवेदन शुरू होने की तिथि- 16 जून 2020
आवेदन की अंतिम तिथि- 15 जुलाई 2020
ऑनलाइन सुधार की तिथि- 18 से 24 जुलाई 2020
लिखित परीक्षा की तिथि- 20 सितंबर 2020
कितनी मिलेगी सैलरी?
फॉरेस्ट रेंजर के 157 पदों पर चयनित उम्मीदवारों को 38100 रुपये प्रतिमाह वेतन मिलेगा जबकि असिस्टेंट फॉरेस्ट गार्ड के 21 पदों पर चयनित उम्मीदवारों को 56100 रुपये प्रति माह वेतन मिलेगा। अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करके आधिकारिक नोटिफिकेशन देख सकते हैं।
चिकित्सकों ने इस्तीफे की धमकी दी
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली के दो हॉस्पिटल के डॉक्टर और हेल्थ वर्कर सैलरी न मिलने से काफी नाराज हैं। इन्होंने इसका तत्काल भुगतान न होने पर इस्तीफे की धमकी भी दी है। रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने ‘नो पे नो वर्क’ की मांग के साथ चिट्ठी लिखी है। साथ ही अपनी समस्या बताते हुए इस मामले में कार्रवाई की मांग की है। आरडीए का कहना है कि उनकी मांग न मानने की स्थिति में वो इस्तीफा भी दे सकते हैं। इस तरह की मांग दिल्ली के दरियागंज इलाके में स्थित कस्तूरबा गांधी हॉस्पिटल और हिन्दू राव हॉस्पिटल के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने की है। बता दें कि यह मामला ऐसे समय सामने आया है जब दिल्ली कोरोना संक्रमण से बुरी तरह से जूझ रहा है।
3 महीने से नहीं हुआ सैलरी का भुगतान
कस्तूरबा गांधी हॉस्पिटल के आरडीए ने एडिशनल एमएस को लिखी अपनी चिट्ठी में रेजिडेंट डॉक्टर के बकाए वेतन के मामले में ध्यान आकर्षित कराया है। साथ ही एक साथ इस्तीफा देनो या ‘नो पे नो वर्क’ की भी बात कही है। इसमें लिखा है कि रेजिडेंट डॉक्टर को पिछले 3 महीनों से सैलरी का भुगतान नहीं हुआ है। वे कोरोना महामारी के संकट के दौरान अपने और अपने परिवार की जिंदगी को दांव पर लगाकर काम कर रहे हैं। सैलरी न मिलने के कारण उन्हें अपने घर का किराया देने, ट्रैवलिंग में होने वाले खर्च और जरूरत के सामान खरीदने तक में समस्या हो रही है।
आरडीए का कहना है कि हम पैसों के बिना काम नहीं कर सकते हैं। उन्होंने बकाए सैलरी के जल्द भुगतान की मांग की है। साथ ही कहा है कि अगर सैलरी का भुगतान 16 जून तक नहीं होगा तो उन्हें सामूहिक इस्तीफा देना पड़ सकता है।
डॉक्टरों ने मांगी 4 महीने की बकाया सैलरी
राजधानी के मलकागंज में स्थित हिन्दू राव हॉस्पिटल और एनडीएमएमसी के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोशिसशन ने 4 महीनों की सैलरी के भुगतान की मांग की है। हॉस्पिटल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट को 30 मई को लिखी चिट्ठी में बकाए सैलरी के भुगतान के संबंध में ध्यान आकर्षित कराया गया है।
इस संबंध में आरडीए का कहना है कि वेतन न मिलने के कारण उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। आरडीए ने यह भी कहा है कि हमें लग रहा है कि हमारी बातें अनसुनी कर दी जा रही हैं। आरडीए ने 18 जून तक के बकाए सैलरी के भुगतान की मांग की है। इस चिट्ठी में आरडीए की तरफ से लिखा गया है कि हम आपको असहाय होकर यह सूचना दे रहे हैं कि रेजिडेंट ‘नो पे नो वर्क’ के नियम पर काम करने का निर्णय ले रहे हैं। साथ ही वेतन भुगतान न होने की स्थिति में सामूहिक इस्तीफे की बात भी कही गई है।
आठवीं पास के लिए राजस्थान में भर्ती
जयपुर। लॉकडाउन के बीच प्रदेश के बेरोजगार युवक-युवतियों के लिए राजस्थान पुलिस ने होमगार्ड की नौकरी के लिए वैकेंसी निकाली है। इसके लिए आधिकारिक तौर पर नोटिफिकेशन जारी हो चुका है। 8वीं पास उम्मीदवार इस नौकरी के लिए अप्लाई कर सकते हैं। इसके चयन के दौरान किसी भी तरह की लिखित परीक्षा नहीं होगी। इसके लिए पात्र आवेदक 10 जून से लेकर 9 जुलाई तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इस बार 2500 पोस्ट के लिए ये आवेदन निकाला गया है। गौरतलब है कि इस भर्ती के लिए आवेदन पहले भी आए थे। लेकिन इसकी प्रक्रिया दोबारा शुरू की गई है।
आयु सीमा
इन पदों के लिए अप्लाई करने वाले आवेदक की उम्र 18 साल से लेकर 35 साल तक होनी चाहिए. राजस्थान होम गार्ड भर्ती के अंतर्गत चयनितों को हर दिन 693/- रुपए वेतन दिया जाएगा। इसके लिए जनरल और ओबीसी कैटेगरी में आने वाले आवेदकों को एप्लीकेशन फीस के तौर पर 200 रुपए का भुगतान करना पड़ेगा। जबकि एससी, एसटी, ईडब्लूएस और एमबीसी वर्ग में आने वाले उम्मीदवारों को 175 रुपए का भुगतान करना होगा। कैंडिडेट के सेलेक्शन का आधार केवल फिजिकल टेस्ट होगा।
जो भी उम्मीदवार इसके लिए अप्लाई करना चाहते हैं उन्हें ऑफिशियल वेबसाइट http://home.rajasthan.gov.in/ पर लॉगइन कर आवेदन प्रक्रिया को पूरा करना होगा. आवेदन 10 जून से 9 जुलाई, 2020 के बीच की जा सकती है.
साल 1946 में हुई थी भारत में शुरुआत
भारत में होम गार्डस स्वैच्छिक बल के तौर पर जाना जाता है. इसकी पहली बार दिसंबर 1946 में शुरुआत हुई थी. ताकि पुलिस को वे अशांति और सांप्रदायिक दंगों को नियंत्रित करने में मदद कर सके. इसके बाद इसको देश के कई राज्यों ने अपनाया. आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, प्रदेश में कुल संख्या 30, 714 है. इनमें से 21,770 शहरी होम गार्ड हैं. जबकि 6280 ग्रामीण होम गार्ड हैं। इसके लिए 2,664 जवान बॉर्डर होम गार्ड के तौर पर तैनात हैं। वेबसाइट के अनुसार, संगठन राज्य के योग्य युवाओं की भर्ती करता है और साथ ही उनमें राष्ट्रीय सुरक्षा, अनुशासन और निस्वार्थ सेवा की भावना पैदा करने की कोशिश करता है।
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बेरोजगारी भयावह समस्या बनीः अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में आज बेरोजगारी एक भयावह समस्या बन गई है। कोरोना के सच को झुठलाकर भाजपा चुनाव में व्यस्त हो गई है। वह बेकारी और भुखमरी को समस्या ही नहीं मान रही है तो समाधान क्या करेगी? बिहार में चुनाव आते ही कुछ दिनों बाद तो प्रदेश के स्टार प्रचारक भी उड़ जाएंगे।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बुधवार को अपने नेताओं व कार्यकर्ताओं से वीडियो कॉलिंग कर उनके क्षेत्र की समस्याओं को समझ रहे थे। उन्होंने कहा कि महामारी के समय अन्य असाध्य बीमारियों के इलाज के लिए विधायक निधि से कम से कम 50 लाख रुपये देने की व्यवस्था होनी चाहिए। हृदय रोग, किडनी, लिवर तथा कैंसर के इलाज के लिए समाजवादी सरकार में मुफ्त चिकित्सा व्यवस्था थी। साथ ही विधायक निधि से 25 लाख रुपये देने की व्यवस्था थी। भाजपा सरकार ने इसे बंद कर दिया है।
मीटिंग में सपा जिला अध्यक्ष की घोषणा
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भाई चंद्रशेखर आजाद के आदेशानुसार राष्ट्रीय कोर कमेटी की मिटिंग मे बुलन्दशहर जिले के जिला अध्यक्ष की घोषणा
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