गुरुवार, 11 जून 2020

ट्रस्ट के सदस्यों का पीएम को निमन्त्रण

दो जुलाई को मंदिर निर्माण के लिए हो सकता है भूमिपूजन

 

ट्रस्ट के सदस्यों ने प्रधानमंत्री को दिया निमन्त्रण

 

अयोध्या। रामलला के भव्य मंदिर निर्माण का भूमि पूजन प्रधानमंत्री से कराने के लिए श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र समेत मंदिर निर्माण समिति के प्रमुख नृपेंद्र मिश्र दिल्ली में जमे हैं।

संत धर्माचार्यों व ज्योतिषियों के मुताबिक दो जुलाई को आनंद योग में राम मंदि का भूमि पूजन सर्वसिद्धिदायक होगा। सूत्र बताते हैं कि चतुर्मास से पहले ही प्रधानमंत्री के अयोध्या आने की स्वीकृति मिलने की संभावना है।

रामजन्मभूमि परिसर में समतलीकरण का कार्य पूरा होने के बाद अब मंदिर के लिए भूमि पूजन का इंतजार किया जा रहा है। माना जा रहा है कि भूमि पूजन के लिए दो जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या आ सकते हैं।

श्रीराजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों ने प्रधानमंत्री से मुलाकात कर उन्हें इसके लिए आमंत्रण दिया है। दो जुलाई को चातुर्मास लग रहा है। इस दौरान चार माह तक कोई शुभ कार्य नहीं होगा। ऐसे में मुमकिन है कि देवताओं के शयन से ठीक पहले अयोध्या में भूमि पूजन हो जाए।

 ज्योतिषाचार्य पंडित कौशल्यानंद वर्धन भी बताते हैं कि देवशयनी एकादशी 30 जून की शाम 6:45 बजे लगेगी जो एक जुलाई को पूरे दिन रहेगी। इसे विष्णु शयनोत्सव के रूप में मनाया जाता है जो तीन दिन का होता है।

इस उत्सव के क्रम में दो जुलाई को गुरू अनुराधा नक्षत्र का शुभ संयोग पड़ रहा है, इस दिन आनंद योग भी है, जो शुभ कार्यों के लिए सर्वसिद्घिप्रदायक है।

इस दिन मध्याह्न में वामन भगवान का पूजन करने से एक यज्ञ का फल प्राप्त होता है। ऐसे में इस दिन प्रधानमंत्री भूमि पूजन करते हैं तो यह शुभ फलदायी होगा। श्रीरामजन्मभूमि के पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास कहते हैं कि यदि एकादशी पर प्रधानमंत्री भूमि पूजन करते है तो यह अत्यंत शुभ होगा।

        

पीएमओ से लगातार संपर्क में है ट्रस्टः मातृ जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के आला अधिकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पीएमओ के साथ लगातार संपर्क में हैं। प्रधानमंत्री को औपचारिक न्योता भेजा जा चुका है वह इसे स्वीकार भी कर चुके हैं। अगर यह मुहूर्त निकल गया तो फिर दीपावली के 11 दिन बाद ही अगला मुहूर्त आएगा।

उधर, संत भी प्रधानमंत्री को शिलान्यास के लिए आमंत्रण देने की तैयारी में हैं, इसके लिए उनसे मुलाकात का भी मन बना रहे हैं। ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि प्रधानमंत्री से भूमि पूजन के लिए शुभ तिथि पर अयोध्या आने का आग्रह किया जा रहा है। अभी कोई तिथि तय नहीं हो पाई है।

 

भूमि पूजन में आती रहीं अड़चनें: भूमि पूजन की तिथि पहले 30 अप्रैल को तय की गयी थी। लेकिन इसी बीच कोरोना महामारी ने दस्तक दे दी और ट्रस्ट ने भूमि पूजन कार्यक्रम स्थगित कर दिया। अब ट्रस्ट की तरफ से दो जुलाई की तारीख बताई गई है। हालांकि प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से तारीख को लेकर जवाब आना अभी बाकी है।

राममंदिर की पहली मंजिल का काम पूरा: दो मंजिल के प्रस्तावित राममंदिर की रूपरेखा पहले ही तैयार हो चुकी है। पहली मंजिल का काम तकरीबन पूरा बताया जा रहा है। 212 पिलरों पर बनने वाले राममंदिर के लिए 106 पिलर, छतें, नींव के पत्थर और उसके ऊपर लगने वाले पत्थर तैयार हैं। लगभग सवा लाख घनफुट पत्थरों की तराशी हो चुकी है। अभी 75 हजार स्कवायर घन फुट पत्थर तराशे जाने बाकी हैं। मंदिर 128 फीट ऊंचा और 140 फीट चौड़ा होगा जबकि मंदिर की लंबाई 268 फीट की होगी। महंत कमल नयन दास ने 28 वर्षों बाद कुबेर टीला स्थित कुबेरेश्वर महादेव का किया रुद्राभिषेक।

 

राममंदिर का निर्माण की कामना से बुधवार को श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने 28 वर्षों बाद कुबेर टीला स्थित कुबेरेश्वर महादेव का रुद्राभिषेक किया।

 मंदिर-मस्जिद विवाद के कारण वर्षों से कुबेरेश्वर महादेव की पूजा-अर्चना नहीं हो पाई थी। कोरोना के शमन, विश्व की बाधाएं दूर करने और राममंदिर निर्माण के लिए शंकरजी से संतों ने आशीर्वाद मांगा। महंत कमलनयन दास ने कहा कि शीघ्र ही मंदिर निर्माण की तारीख तय होगी। अभी रामजन्मभूमि परिसर में कोई निर्माण कार्य नहीं शुरू हुआ है। हम केवल शिव की आराधना करने आए थे, हमारी तैयारी पूरी है। जल्द ही निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाएगा।

अयोध्या के रामजन्मभूमि परिसर में कुबेर टीले पर कुबेरेश्वर महादेव का रुद्राभिषेक किया गया। यहां 28 साल से यहां पूजा नहीं हुई थी। महंत कमलनयन दास ने बुधवार को करीब दो घंटे तक (सुबह 8 से 10 बजे तक) 11 लीटर दूध से अभिषेक किया और फिर बाहर निकले। 

पूजा के बाद लौटे महंत कमलनयन दास ने कहा कि जिस प्रकार भगवान शिव की उपासना के बाद भगवान श्री राम का लंका विजय का अभियान निर्विघ्न संपन्न हुआ। उसी प्रकार यहां पर कुबेेरेश्वर महादेव की पूजा के बाद श्रीराम मंदिर का निर्माण कार्य निर्विघ्न फलीभूत होगा। 

मान्यता है कि भगवान श्रीराम ने लंका विजय के पहले रामेश्वरम में शिव की आराधना की थी, उसी विरासत के अनुरूप रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण से पूर्व शिव की आराधना की गई। कमलनयनदास के अनुसार इसके पीछे मकसद भव्य राममंदिर निर्माण से पूर्व भगवान शिव को प्रसन्न करना है। 

उन्होंने कहा कि श्री राम मंदिर निर्माण के शिलान्यास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या आते पर कोरोना संकट के चलते हर जगह भीड़भाड़ की आशंका उन्हें अयोध्या आने से रोक रही है। 

बताया कि बीते दिनों समतलीकरण के दौरान रामजन्मभूमि परिसर का भ्रमण करने के दौरान उनकी निगाह कुबेर टीला पर स्थित भगवान कुबेरेश्वर महादेव पर गई और उसी समय उन्होंने तय किया कि जिस प्रकार भगवान राम ने लंका विजय के पूर्व रामेश्वरम में भोलेनाथ की पूजा की। उसी तरह श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण से पहले वह शशांक शेखर के रूप में भोले की पूजा करेंगे। रुद्राभिषेक में संत समिति के अध्यक्ष महंत कन्हैया दास रामायणी, संत आनंद शास्त्री सहित अन्य वैदिक पंडित मौजूद रहे।

शिव अभिषेक से दूर होंगी विघ्न-बाधाएं: कन्हैयादास

संत समिति के अध्यक्ष महंत कन्हैया दास ने भी भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया। अभिषेक पूजन के बाद लौटे महंत कन्हैया दास रामायणी ने कहा कि भगवान भोलेनाथ का अभिषेक कर राममंदिर निर्माण की मंगलकामना की गयी है, भगवान शिव की कृपा से सारी विघ्न बाधाएं दूर होंगी और शीघ्र ही राममंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा। संत समाज अयोध्या में दिव्य-भव्य राममंदिर निर्माण के लिए बेसब्र है।

 

पौराणिक एवं पुरातात्विक महत्व का है कुबेर तीला

टीटीलालमजन्मभूमि के जिस परिसर में दिव्य-भव्य राममंदिर निर्माण की तैयारी चल रही है उसी परिसर में पौराणिक एवं पुरातात्विक महत्व का कुबेर टीला भी है। अयोध्या का इतिहास विवेचित करने वाले ग्रंथ रूद्रयामल के अनुसार युगों पूर्व इस स्थान पर धन के देवता कुबेर का आगमन हुआ था। उन्होंने रामजन्मभूमि के निकट ऊंचे टीले पर शिवलिंग की स्थापना की थी, कालांतर में यहां मां पार्वती, गणेश, कार्तिकेय, नंदी, कुबेर सहित कुल नौ देवी-देवताओं की प्रतिमा स्थापित की गई और श्रद्घालुओं के बीच यह स्थल नौ रत्न के नाम से पूजित-प्रतिष्ठित हुआ। सन 1902 में एडवर्ड अयोध्या तीर्थ विवेचनी सभा ने 84 कोस की परिधि में रामनगरी के जिन 148 पुरास्थलों को चिह्नित किया, उसमें से एक कुबेर टीला भी था। कुबेर टीला एएसआई के द्वारा भी संरक्षित स्मारक है।

 

गंगा सिंह यादव को फिर मिली जिला कमेटी की बागडोर

 

अयोध्या। लंबी प्रतीक्षा के बाद समाजवादी पार्टी ने गंगा सिंह यादव को फिर से जिला कमेटी की बागडोर सौपी है। करीब नौ महीने बाद जिला कमेटी के अध्यक्ष पद पर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने ताजपोशी की है। 23 अगस्त 2019 को अखिलेश यादव ने जिला कमेटी समेत सभी प्रकोष्ठों को भंग कर दिया था, तभी से अध्यक्ष पद के लिए कई नामों पर अटकलें लगती रहीं। सांगठनिक तजुर्बे की वजह से बाजी गंगा सिंह यादव के पक्ष में रही। इससे पूर्व भंग कमेटी की कमान भी उन्हीं के पास रही। ताजपोशी के बाद जिलाध्यक्ष गंगा सिंह यादव ने कहा वर्ष 2022 के विधान सभा चुनाव के लिए संगठन को मजबूत करेंगे जिससे अखिलेश यादव की अगुवाई में प्रदेश में पार्टी की सरकार बन सके। यादव ने राष्ट्रीय व प्रांतीय नेतृत्व के प्रति आभार जताया। अभी जिला महासचिव पद पर किसी की नियुक्ति नहीं की गई है। अध्यक्ष पद पर गंगा सिंह यादव की ताजपोशी पर पार्टी नेताओं ने हर्ष जताया है।

 

होटल, रेस्टोरेंट, फूड कोर्ट और कैफेटेरिया आदि को खोलने की  जिला प्रशासन ने सशर्त अनुमति दी

 

अयोध्या। लॉकडाउन के साथ ही बंद हुए जिले के होटल, रेस्टोरेंट, फूड कोर्ट और कैफेटेरिया आदि को खोलने की अनुमति जिला प्रशासन ने सशर्त दे दी है। प्रतिष्ठान सुबह 10 बजे से रात्रि साढ़े आठ बजे तक ही खुल सकेंगे। किसी भी दशा में सीटिग क्षमता से 50 फीसदी से अधिक के बैठने की अनुमति नहीं दी गई है। जिन व्यक्तियों में कोविड-19 के लक्षण प्रदर्शित नहीं होंगे, उन्हें ही परिसर में बैठने की अनुमति होगी। जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने बताया कि संदिग्ध, पुष्ट केस को तत्काल अलग कर दिया जाएगा और इसकी सूचना डाक्टर, जिला अस्पताल या जिला कंट्रोल रूम के नंबर 9453116001 पर देनी होगी। प्रतिष्ठान में डिस्पोजेबल बर्तन और अच्छी गुणवक्ता के पेपर नैपकिन का प्रयोग करना होगा।       भोजनालय व ढाबा पर सामूहिक भोजन की अनुमति नहीं होगी। होम डिलीवरी, पैकेज्ड फूड ही अनुमन्य होगा। हाईवे पर पड़ने वाले ढाबों को इस प्रतिबंध से अलग रखा गया है। जबकि होटल व गेस्ट हाउस को समस्त सुविधाओं युक्त 33 फीसदी कमरे चिकित्सक एवं पैरामेडिकल आदि के क्वारंटाइन किए जाने के लिए उपलब्ध कराना होगा।

 

डिप्टी कलेक्टर की बढ़  सकती है मुसीबत

 

इनोवा गिफ्ट व दाखिल खारिज के नौ मुकदमों की जांच पूरी

 

जिलाधिकारी ने मुख्य राजस्व अधिकारी पुरुषोत्तमदास गुप्त को सौंपी थी जांच

 

अयोध्या। डिप्टी कलेक्टर रामशंकर की मुसीबत बढ़ने जा रही है। उनके खिलाफ इनोवा गिफ्ट व दाखिल खारिज के नौ मुकदमों की जांच पूरी हो गई है। जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने इनोवा गिफ्ट की जांच मुख्य विकास अधिकारी प्रथमेशकुमार व दाखिल खारिज के नौ मुकदमों की जांच मुख्य राजस्व अधिकारी पुरुषोत्तमदास गुप्त को सौंपी थी। दोनों अधिकारियों ने जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी है। जिलाधिकारी ने बताया कि डिप्टी कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई के लिए वह जांच रिपोर्ट शासन भेज रहे हैं। डिप्टी कलेक्टर के खिलाफ यह जांच एक शिकायत पर जिलाधिकारी ने कराई है। शिकायत दाखिल खारिज के मुकदमे से जोड़ते हुए इनोवा गिफ्ट किए जाने की थी।कोतवाली नगर में इस इनोवा को खड़ा कराए करीब एक महीने से ज्यादा हो गया। डिप्टी कलेक्टर का उस वक्त कहना था कि होली में घर उन्नाव जाने के लिए रवि बंसल से इसे मंगाया था। लॉकडाउन की वजह से कहने के बावजूद वह ले नहीं गए। सीडीओ ने इनोवा वाहन 70 बीयू 9000 के मालिक अखिलेश दुबे के अलावा रवि बंसल, अरविद मौर्य समेत अन्य के बयान जांच के लिए वीडियोग्राफी के बीच दर्ज कराये। दाखिल खारिज के जिन नौ मुकदमों का निस्तारण सहायक अभिलेख अधिकारी (एआरओ) रहते रामशंकर ने किया उस भूमि से रवि बंसल, अरविद मौर्य आदि का जुड़ाव है। इन सभी मुकदमों में 16 अगस्त 2019 को इन सबके पक्ष में आदेश पारित किया गया है। दाखिल खारिज की पत्रावलियों में नियम से हट कर आदेश पारित करने का आरोप सीआरओ की जांच में प्रमाणित है, जिसकी जिलाधिकारी भी तस्दीक करते हैं।

एआरओ पद से शिकायत बढ़ने के बाद जिलाधिकारी उन्हें हटा चुके हैं। सूत्रों के अनुसार जांच में इनोवा व दाखिल खारिज के सभी नौ मुकदमों का एक-दूसरे से कनेक्शन पाया गया। दाखिल खारिज की यह भूमि मीरापुर द्वाबा में लगभग 30 बीघा है। पहले यहीं भगवान राम की प्रतिमा लगनी थी। तकनीकी कमेटी के अनफिट करने से यहां का प्रस्ताव निरस्त हो गया।

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