शुक्रवार, 29 मई 2020

तीन मरीजों के सैंपल खा गए बंदर

मेरठ। क्या बंदर कोविड-19 से संक्रमित हो सकते हैं ? यदि हो गये तो इसका इंसानों पर ​क्या और कितना प्रभाव पड़ेगा ! जी हां, आप सोच रहे होंगे कि हम यह कैसे सवाल कर रहे हैं ? दरअसल, बात यह है कि मेरठ में बंदरों ने जांच को ले जाये जा रहे तीन मरीजों के सैम्पल छीन कर खा लिये हैं। ऐसी ख़बरें मीडिया में आने के बाद हड़कंप मच गया है।
प्राप्ज जानकारी के अनुसार आज से दो—तीन दिन पूर्व मेरठ मेडिकल कालेज को लेकर एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें साफ दिखाई दे रहा है कि ऊंचे पेड़ों पर चढ़े बंदर कोरोना सैम्पल किट को चबा रहे हैं। इस संबंध में मेडिकल के प्राचार्य डॉ. एसके गर्ग से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उनके पास भी इस तरह का वीडियो आया था, जिसमें कुछ स्पष्ट नहीं हो रहा है। उन्होंने पड़ताल के लिए प्रमुख अधीक्षक डॉ. धीरज बालियान को इसे भेजा था। वहीं डॉ. धीरज बालियान का कहना है कि लैब टेक्नीशियन ने उन्हें यह जानकारी दी थी। बंदर ने स्वास्थ्य कर्मियों से सैंपल छीन ले गए थे। उन्होंने किट फाड़कर सैंपल नष्ट कर दिए थे। बाद में दोबारा मरीजों के सैंपल लिए गए।
उन्होंने बताया कि बंदर पेड़ पर चढ़ गए थे। उसके बाद क्या हुआ यह निश्चित तौर पर नही कहा जा सकता है। अलबत्ता इस तरह का वीडियो वायरल होने के बाद तरह—तरह की चर्चाएं हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यदि बंदर कोविड—19 संक्रमित हुए तो वह इंसानों को ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं। चूंकि बंदर पहले तो किसी लॉकडाउन को नही मानेंगे, दूसरा यदि वह किसी इंसान को काट लें तो रक्त के जरिये सीधे वायरस पहुंचा सकते हैं तीसरा एक बंदर यदि दूसरे बंदर तक कोरोना संक्रमण फैला दे तो स्थिति​ भयानक हो सकती हैं। अलबत्ता इस विषय में किसी बड़े अधिकारी ने कोई टिप्पणी नही की है।


तीन राज्यों में वायरस ने जड़े जमाई

नई दिल्ली। देश में महाराष्ट्र, तमिलनाडु और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) ने सबसे ज्यादा कहर बरपाया है तथा अब तक इन तीनों राज्य में इससे 95199 लोग संक्रमित हो चुके हैं, जो देश में अब तक इस जानलेवा विषाणु से प्रभावित हुई कुल आबादी का 57.42 प्रतिशत हैं। इन तीनों राज्यों में अब तक इस महामारी से 2443 लोगों की जान जा चुकी है।


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 7466 नये मामले सामने आये हैं, जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या 165799 पर पहुंच गयी है। देश में इस संक्रमण से कुल 4706 लोगों की मौत हुई है तथा 71106 लोग स्वस्थ हुए हैं।


पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धा सुमन अर्पित

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने औद्योगिक संघ के साथ बैठक की। उन्होंने उत्तर प्रदेश में वापस आने वाले प्रवासी श्रमिकों के रोजगार के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर भी किए। सीएम योगी ने प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने की योजना बनाई है। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को सुमन अर्पित करते हुए उनके सिद्धांतों को जीवन में आत्मसात करने के लिए प्रेरिित किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वायरस को लेकर काफी  सजग और सतर्क है। प्रदेश में वायरस को नियंत्रित करने के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए तत्पर है।


संसद-भवन पहुंचा वायरस, किया सील

नई दिल्ली। राज्यसभा सचिवालय में डायरेक्टर लेवल पर कार्यरत एक अधिकारी की कोविड-19 रिपोर्ट पॉजिटिव मिलने के बाद संसद भवन स्थित उनके द़फ्तर को सील कर दिया है। अधिकारी की पत्नी और बच्चे भी कोरोना की चपेट में बताए जाते हैं। उनका द़फ्तर संसद भवन एनेक्सी के पहले तल पर रूम नंबर 120 में है।


अधिकारी 28 मई को ऑफिस आए थे। पार्लियामेंट सिक्योरिटी सर्विस ने उनके द़फ्तर को सेनिटाइज कर सील कर दिया। पहले तल के सभी गेट, वॉशरूम आदि को सेनेटाइज किया गया है। राज्यसभा सचिवालय ने उन सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को सजग रहने के लिए कहा है, जो अधिकारी के संपर्क में आ चुके हैं। संपर्क में आने वाले लोग अब एहतियातन कोविड-19 टेस्टिंग कराने की तैयारी में हैं।


दलित-पिछड़ों के शोषण के विरुद्ध आवाज

कुर्मी महासभा ने माननीय प्रधानमंत्री जी से ब्राह्मणों,ठाकुरों के पक्षकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हटाने की मांग

 

लखनऊ/ नई दिल्ली। कुर्मी महासभा के संस्थापक/केंद्रीय अध्यक्ष सौरभ गंगवार ने कहा की उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार की सरकार में दलित व पिछड़ों का शोषण हो रहा है। जबकि उत्तर प्रदेश मे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष कुर्मी है,राज्यपाल कुर्मी है,उत्तर प्रदेश में 26 सत्तापक्ष के विधायक कुर्मी है, 221 विधायक ओ.बी.सी. और 76 विधायक एस.सी. हैं, सहयोगी पार्टी अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष कुर्मी है फिर भी उत्तर प्रदेश में जंगलराज है ओ.बी.सी. और एस.सी. के लोगों का शोषण हो रहा है भाजपा राज में प्रशासन भी इन ठाकुरो और ब्राह्मणों का गुलाम बन कर रह गया है। उन्होंने मांग की है कि पूरे मामले की सी.बी.आई जांच हो अन्यथा ओ.बी.सी. और एस.सी. सड़कों पर उतर कर भाजपा का विरोध करने पर विवश होंगे। संस्थापक/केंद्रीय अध्यक्ष सौरभ गंगवार ने मांग की है की उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ब्राह्मणो व ठाकुरों का पक्षकर दलित व पिछड़ों का शोषण करा रहे हैं। कुर्मी महासभा माननीय प्रधानमंत्री जी से ब्राह्मणों,ठाकुरों के पक्षकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हटाने की मांग करती है।

कुर्मी महासभा के केंद्रीय महामंत्री के.पी. गंगवार ने कहा कि भाजपा शासन में दलित व पिछड़ों को गुमराह कर सिर्फ वोट की राजनीति होती रही है उत्तर प्रदेश/उत्तराखंड में दलित व पिछड़ों के अधिकारों को खत्म किया जा रहा है जो सोचनीय विषय है कुर्मी महासभा मांग करती है कि यदि शीघ्र ही दलितो व पिछड़ों के अधिकारों को सुरक्षित नहीं किया गया तो भाजपा के खिलाफ उग्र आंदोलन होगा।

यूपीः 2337 के लिए सैंपल, 50 पॉजिटिव

लखनऊ। यूपी में लगातार कोरोना वायरस के नए मामले सामने आ रहे हैं। लखनऊ स्थित केजीएमयू में कल जांच के लिए 2337 सैंपल लिए गए थे। इनमें से 50 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।


इन संक्रमितों में 13 मरीज लखनऊ के, 10 मरीज कानपुर के, नौ मरीज संभल के, सात मरीज हरदोई के, छह मरीज अयोध्या के, दो मरीज कन्नौज के, एक मरीज पीलीभीत का, एक मरीज बलरामपुर का और एक मरीज मुरादाबाद का है आज 29 मई को पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की पुण्य तिथि है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कालिदास मार्ग स्थित आवास पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।


भारत-चीन की मध्यस्थता को ट्रंप तैयार

नई दिल्ली/न्यूयॉर्क। भारत की चीन के साथ सीमा विवाद पर मध्यस्थता की पेशकश करने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस संबंध में बात की है। लेकिन चीन के साथ बने विवाद की वजह से वह अच्छे मूड में नहीं हैं। साथ ही उन्होंने एक बार फिर मध्यस्थता करने की बात दोहराया।


राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत और चीन के बीच बड़ा संघर्ष चल रहा है, 1.4 बिलियन आबादी वाले 2 बड़े देश जिनकी सैन्य ताकत बेहद मजबूत है। भारत खुश नहीं है और शायद चीन भी खुश नहीं है। उन्होंने आगे कहा, ‘मैं आपको बता सकता हूं कि मैंने प्रधानमंत्री मोदी से बात की है, लेकिन चीन के साथ अभी जो विवाद बना हुआ है, उसको लेकर वह अच्छे मूड में नहीं हैं। ’भारत और चीन में बने तनावपूर्ण माहौल में दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करने के सवाल पर राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अगर वे ऐसा सोचते हैं कि मेरे मध्यस्थ होने या मध्यस्थता करने से कोई मदद मिलती है तो मैं ऐसा जरुर करूंगा। हालांकि भारत ने पहले ही ट्रंप की मध्यस्थता का सुझाव ठुकरा दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति च्रंप की पेशकश पर भारत अपनी प्रतिक्रिया दे चुका है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है। शांति से मुद्दे को सुलझाने के लिए हम चीन के संपर्क में हैं। चीन के साथ भारत के सीमा विवाद पर राष्ट्रपति ट्रंप ने 2 दिन पहले बुधवार को मध्यस्थता की पेशकश की थी। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तब कहा था कि अमेरिका, भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के मुद्दे पर मध्यस्थता करने के लिए तैयार है।


ट्रंप ने ट्वीट किया, ‘हमने भारत और चीन दोनों को सूचित किया है अगर वो चाहें तो सीमा विवाद में अमेरिका मध्यस्थता करने को तैयार है।


इस महीने की शुरुआत से ही लद्दाख में चीनी सैनिक और भारतीय सैनिक आमने-सामने हैं, चीन की ओर से लगातार सैनिकों की संख्या बढ़ाने और बेस बनाने की खबरें आ रही हैं। ऐसे में भारत भी पूरी तरह से मुस्तैद है और शीर्ष स्तर पर इसको लेकर मंथन चल रहा है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मसले पर प्रधानमंत्री कार्यालय में चर्चा की थी। पीएम ने मंगलवार को लद्दाख मामले पर पूरी रिपोर्ट ली, इसके अलावा तीनों सेना के प्रमुखों से विकल्प सुझाने के लिए कहा गया। पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास पिछले कुछ दिनों से चीन की तरफ से सैन्य गतिविधियों के बढ़ने के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति है। भारत के अपनी सीमा के अंदर सड़क निर्माण करने पर चीन विरोध जता रहा है. चीन की हरकतों को लेकर भारत भी अलर्ट मोड में है। दोनों देशों की सेनाओं ने हाल में सीमा पर गतिविधियां बढ़ीं हैं। माना जा रहा है कि 2017 में उपजे डोकलाम विवाद जैसी स्थिति फिर से दोनों देशों के बीच उत्पन्न हुई है।


कुएं में डूबी सगी पांच बहन, 3 की मौत

बलरामपुर। जिले के रामचंद्रपुर थाना क्षेत्र के सिलाजु गांव में कल दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। कुएं में डूबने से एक ही परिवार की तीन बेटियों की मृत्यु हो गई। इस घटना की खबर फैलते ही पूरे गांव में शोक की लहर छा गई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस घटना पर गहरा दु:ख व्यक्त किया है।


बताया गया कि कल पांच बच्चियां दोपहर में नहाने घर के पास मौजूद एक कुएं पर गई थी। इसी दौरान एक बच्ची का पैर फिसल गया और वह कुएं के भीतर गिर गई, उसे बचाने के लिए दूसरी बच्ची कुएं में कूद गई। लेकिन जब वह भी डूबने लगी तो उसे बचाने तीसरी बच्ची ने भी छलांग लगा दी। इस तरह एक के बाद एक पांचों बच्चियां एक दूसरे को बचाने कुआं में छलांग लगा दी। जैसे ही इस बात की जानकारी पड़ोसी को लगी तो वह तत्काल कुएं में कूदकर बच्चियों को बचाने की कोशिश की। लेकिन जब तक वह बच्चियों को बचा पाता तब तक तीन बच्चियों की डूबने से मौत हो गई। मृत बच्चियों के नाम संगीता (13 वर्ष), निर्मला (10 वर्ष) और पूजा (12 वर्ष) है। घटना के बाद से पूरे गांव में मातम पसर गया है।


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस घटना पर गहरा दु:ख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा चार-चार लाख रूपए की सहायता राशि स्वीकृत की गई है।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


मई 30, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-291 (साल-01)
2. शनिवार, मई 30, 2020
3. शक-1943, ज्येठ, शुक्ल-पक्ष, तिथि- सप्तमी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:39,सूर्यास्त 07:18।


5. न्‍यूनतम तापमान 21+ डी.सै.,अधिकतम-39+ डी.सै.।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहींं है।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।


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(सर्वाधिकार सुरक्षित)


गुरुवार, 28 मई 2020

एशिया की बड़ी स्लमबस्तियों में संक्रमण

धारावी में तेजी से फैल रहा कोरोना संक्रमण 


मुंबई। मुंबई स्थित एशिया की सबसे बड़े स्लम एरिया धारावी में कोरोना संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है। मिशन धारावी के तहत स्वास्थ्य मंत्रालय और बीएमसी यहां डोर टू डोर टेस्टिंग कैंपेन चला रही है। अब तक 47500 लोगों की जांच हो चुकी है। इसके अलावा 3224 फीवर कैंप्स चलाए जा रहे हैं। राज्य में अभी तक कुल 2,82,194 लोगों की कोरोना वायरस संक्रमण के लिए जांच हुई है। वहीं, बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने बताया कि मुंबई में कोरोना वायरस के 1,185 नए मामले आए हैं, जबकि 23 और लोगों की मौत हुई है। शहर में अभी तक संक्रमण से 757 लोगों की मौत हुई है जबकि कुल 21,152 लोग वायरस से संक्रमित हुए हैं।


दिल्ली सरकार के मृत आंकड़े शंकाग्रस्त

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना से होने वाली मौत का आंकड़ा लगभग एक हजार तक पहुंच चुका है, लेकिन सरकार ने बुधवार तक केवल 303 मौत होने की बात स्वीकारी है। यानी सरकार के दावों से तीन गुने से ज्यादा लोगों की मौत कोरोना के कारण हो चुकी है।

सरकार की तरफ से पेश कुल कोरोना मौतों की संख्या से ज्यादा 414 लोगों का शवदाह अकेले निगमबोध घाट पर किया जा चुका है। इसी प्रकार दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में भी 481 लोगों का शवदाह हो चुका है।

इसके अलावा पूर्वी दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत आने वाले दो कब्रिस्तान में भी 25 शवों को दफनाया जा चुका है।

भाजपा ने दिल्ली सरकार पर कोरोना से होने वाली मौतों को छिपाने का आरोप लगाया है। वहीं दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि कोरोना से होने वाली मौतों को छिपाया नहीं जा रहा है।

 

सरकार ने कहा है कि अस्पतालों से  जैसे-जैसे मौत के आंकड़ों की जानकारी मिलती जा रही है, उन्हें दर्ज किया जा रहा है।

उत्तरी दिल्ली नगर निगम के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार निगम बोध घाट पर बुधवार शाम तक 414 कोरोना शवों की अंतिम क्रिया कराई जा चुकी है। इनमें 337 मामले कोरोना पॉजिटिव थे, जबकि 77 लोगों को कोरोना संदिग्ध माना गया था।

दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन भूपेंद्र गुप्ता ने अमर उजाला डॉट कॉम को बताया कि उनके क्षेत्र में अभी तक 481 शवों का शवदाह/दफनाना कोरोना कैटेगरी में किया गया है। कुल मामलों में 390 लोगों में कोरोना होने की पुष्टि हो चुकी थी, जबकि 91 लोगों में कोरोना होने का संदेह था। पूर्वी दिल्ली नगर निगम स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन संदीप कपूर ने बताया कि उनके क्षेत्र में कोरोना शवदाह की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। कड़कड़डूमा शवदाह केंद्र को बिल्कुल शुरुआती दौर में कोरोना शवों के निस्तारण के लिए चिन्हित किया गया था, लेकिन बाद में यह फैसला टाल दिया गया।

 

इस समय कोरोना शवदाह के लिए सभी शवों को उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत आने वाले निगमबोध घाट पर भेज दिया जाता है।

 

वहीं कोरोना शवों को दफनाने की व्यवस्था दो कब्रिस्तानों में की गई है। बुलंद मस्जिद शास्त्री पार्क कब्रिस्तान में 26 मई तक कुल 22 शवों को दफनाया जा चुका है। इनमें 11 कोरोना पॉजिटिव और 11 कोरोना संदिग्ध मामले शामिल थे।

 

जबकि दूसरे कोरोना कब्रिस्तान मुल्ला कॉलोनी में अब तक तीन कोरोना पॉजिटिव शवों को दफनाया जा चुका है।

क्यों देनी पड़ी लकड़ी से शवदाह की अनुमति

निगमबोध घाट के सूत्रों के मुताबिक सीएनजी से शवदाह किए जाने पर एक शव की अंतिम क्रिया संपन्न होने में लगभग डेढ़ घंटे का समय लगता है। अगर मृतक का शरीर ज्यादा भारी होता है तो इसमें दो घंटे तक का भी समय लग जाता है।

 

लेकिन यहां आने वाले शवों की संख्या बहुत ज्यादा होती जा रही थी, जिसकी वजह से लोगों को अपने प्रियजनों के दाहसंस्कार के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा था। यही कारण है कि अपरिहार्य कारणों को देखते हुए पारंपरिक विधि से शवों को जलाने की अनुमति देनी पड़ी।

 

इसके पहले सरकार के स्तर पर निर्देश प्राप्त कर लिया गया था।

मौतों पर आरोप-प्रत्यारोप

दिल्ली भाजपा के महामंत्री राजेश भाटिया ने बताया कि नगर निगम के आंकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि अरविंद केजरीवाल सरकार मौत के आंकड़े छिपा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को सच्चाई जनता के सामने रखनी चाहिए।

वहीं, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बुधवार को मीडिया में बयान देते हुए कहा कि राजधानी की व्यवस्था बिल्कुल पारदर्शी है। यहां होने वाले किसी भी जन्म या मौत के आंकड़े को छुपाया नहीं जा सकता।

सरकार किसी भी आंकड़े को छुपाने की कोशिश नहीं कर रही है। अस्पतालों से जिस प्रकार से जानकारी आ रही है, उसी प्रकार से इसे अपडेट किया जा रहा है।

'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की

'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की  अखिलेश पांडेय  नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। वैज्ञानिक अभी भी पिछले सप्ताह आए सोलर स्टॉर्म...