बुधवार, 6 मई 2020

लॉकडाउन के उल्लंघन में 57 लोग अरेस्ट

लॉकडाउन के उल्लंघन में 57 लोग गिरफ्तार


गाजियाबाद। लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले 57 लोगों को शनिवार को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इन लोगों के खिलाफ अलग अलग कुल 10 मुकदमे दर्ज किए हैं। इसी क्रम में बेवजह सड़क पर दौड़ने वाले 191 वाहनों का पुलिस ने चालान किया है। जबकि 11 वाहन जब्त किए गए हैं। यह रिपोर्ट पुलिस के कमांड कार्यालय से जारी हुई है। पुलिस की रिपोर्ट में बताया गया है कि लॉकडाउन-2 में सख्ती बढ़ा दी गई है। बिना वजह सड़क पर निकलने वालों के खिलाफ लगातार मुकदमे और गिरफ्तारी की कार्रवाई हो रही है। शनिवार को पुलिस ने अलग-अलग स्थानों से 57 लोगों को गिरफ्तार किया।


जनपद गाजियाबाद में नया आदेश जारी

शहनवाज अली


गाजियाबाद। प्रदेश सरकार की ओर से लॉकडाउन-3 के दौरान पोर्टल पर ऑनलाइन अनुमति दिए जाने के आदेश को निरस्त करते हुए नया आदेश जारी किया है, जिसमें उद्यमी सिर्फ शपथ पत्र देकर उद्योग को संचालित कर सकते हैं। इनमें करीब 12 हजार से अधिक इकाईयां शामिल हैं। शर्त है कि इकाईयां कंटेंनमेंट जोन या फिर औद्योगिक क्षेत्र के अलावा शहरी क्षेत्र में स्थित न हों।


कोरोना से बचाव के लिए सरकार ने 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ ही कोविड-19 के तहत दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए पोर्टल पर ऑनलाइन प्रपत्रों को अपलोड कर अनुमति देने के आदेश जारी किए थे। इसमें औद्योगिक संगठनों ने उद्योग चलाने की अनुमति के लिए शर्तों को लेकर आपत्तियां लगा दी थी। शर्तों के साथ कंपनी चलाने की मंजूरीः जिले में दो दिन में जिला उद्योग केंद्र के पोर्टल पर कुल 1413 उद्योगों के लिए अनुमति मांगी गई और 587 को शर्तों के आधार पर मंजूरी दी गई। सरकार ने उद्यमियों की आपत्तियों को ध्यान में रखते हुए मंगलवार देर रात उद्योग चलाने के लिए सिर्फ शपथ पत्र के आधार पर ही मंजूरी देने का शासनादेश जारी कर दिया। बुधवार दोपहर तक करीब 70 उद्यमियों ने 34 शपथ पत्र जिला उद्योग केंद्र कार्यालय की हेल्प डेस्क पर जमा कराए, जबकि ई-मेल पर करीब 45 उद्यमियों ने शपथ पत्र भेजे। अभी तक करीब 2080 ऑनलाइन व ऑफलाइन उद्योग चलाने के लिए अनुमति व शपथ पत्र दाखिल किए गए हैं। इनमें हैवी, मीडियम, स्माल व माइक्रो इंडस्ट्री शामिल हैं। इनमें शर्त है कि यह औद्योगिक क्षेत्रों के अलावा शहरी क्षेत्र के बाहर ही स्थित हों। शहर के भीतर या कंटेंनमेंट जोन की इकाईयों को संचालित करने की अनुमति नहीं होगी। मौजूदा आदेश के बाद ऐसी करीब 12 हजार से अधिक इंडस्ट्रीज चलाई जा सकती हैं।


शपथ पत्र में यह देना जरूरीः हाल ही में उद्योग चलाने के लिए आए शासनादेश में सिर्फ शपथ पत्र देने के बाद उद्योग चलाने की अनुमति होगी। यह शपथ पत्र जिलाधिकारी के नाम होगा और जिला उद्योग केंद्र में जमा कराया जाएगा, जिसमें इकाई का नाम, कहां-कहां रजिस्ट्रेशन कराया है, कर्मचारी कितने हैं और उनके नामों की सूची एवं कोविड-19 के सभी दिशा-निर्देशों का पालन के साथ ही कंटेनमेंट जोन में न हो।


जिला उद्योग केंद्र के उपायुक्त बीरेंद्र कुमार ने बताया कि शासनादेश के अनुसार उद्योगों को शपथ पत्र देकर संचालित किया जा सकता है। इसमें कंटेंनमेंट जोन पर निगरानी की जरूरत होगी। अभी ऑनलाइन अनुमति में हर प्रपत्र को जांच परखकर अनुमति प्रदान की जा रही थी। अब यह देखना जरूरी होगा कि शपथ पत्र देने वाला प्रतिबंधित स्थान पर तो उद्योग नहीं चला रहा है। बावजूद इसके मौजूदा समय में उद्यमियों के साथ कर्मचारियों को भी जिम्मेदारी के साथ सावधानी बरतने की जरूरत है।


सीएम की झूठी खबर फैलने से सनसनी

देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निधन की झूठी खबर सोशल मीडिया पर फैलने से राज्य में सनसनी फैल गई। पूरी तरह स्वस्थ मुख्यमंत्री के बारे में इस तरह की अफवाह फैलाने वाले की तलाश शुरू हो गई है। राज्य के पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक खुमार ने संवाददाताओं को बताया कि इस मामले में पुलिस अधीक्षक देहरादून को मामला दर्ज कर, दोषी को गिरफ्तार करने के आदेश दे दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों को किसी भी सूरत में बक्शा नहीं जाएगा। ऐसे लोगों पर कठोर से कठोर कार्यवाही की जाएगी।


3 माह के भीतर भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाए

लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती मामले में सरकार द्वारा तय किए गए मानकों पर मुहर लगाई है। न्यायालय ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि तीन माह के भीतर भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाए। न्यायालय ने कटऑफ अंक बढ़ाने के सरकार के फैसले को सही बताया है।


न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल और न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पवार की खंडपीठ ने सरकार द्वारा तय किए गए मानकों पर मुहर लगाई। न्यायालय ने सरकार द्वारा तय किये गये मानको 90/97 पर मुहर लगाते हुये तीन माह के भीतर भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया। इस आदेश के तहत सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी 65 फीसद और अन्य आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी 60 फीसद अंक पाकर उत्तीर्ण होंगे।


हमले पर 6 माह से लेकर 10 साल की सजा

लखनऊ। कोराना योद्धाओं की सुरक्षा को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में उत्तर प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं महामारी रोग नियंत्रण अध्यादेश, 2020 को मंजूरी दे गई है। इस नए कानून के तहत चिकित्सक, स्वास्थ्यकर्मियों, पुलिसकर्मियों और स्वच्छताकर्मियों के साथ ही शासन की तरफ से तैनात किसी भी कोरोना योद्धा से अभद्रता या हमले पर 6 माह से लेकर 7 साल तक की सजा का प्रावधान और 50 हजार से लेकर 5 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कैबिनेट की बैठक हुई। इसमें उत्तर प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं महामारी रोग नियंत्रण अध्यादेश, 2020 पर मुहर लगी है। नए कानून में चिकित्सक पैरामेडिकल स्टाफ , पुलिसकर्मियों, स्वच्छताकर्मी और सरकार द्वारा तैनात किसी भी कोरोना वारियर से अभद्रता या हमला करने वाले के लिए सात साल तक कैद और पांच लाख तक के जुर्माने की सजा का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही राज्य और जिला स्तर पर महामारी नियंत्रण प्राधिकरण गठित करने का निर्णय लिया गया है। राज्य स्तर पर मुख्य सचिव और जिले में जिलाधिकारी प्राधिकरण के अध्यक्ष होंगे। चिकित्सकों, सफोईकर्मियों, पुलिसकर्मियों एवं किसी भी कोरोना वॉरियर्स पर थूकने और आइसोलेशन तोड़ने पर भी इस कानून के तहत कड़ी कार्रवाई होगी। इस कानून के तहत कोरोना योद्धा के खिलाफ समूह को उकसाने या भड़काने पर भी कार्रवाई हो सकती है। इसके तहत दो वर्ष से पांच वर्ष तक की सजा का और पचास हजार से 2 लाख तक का जुर्माने का प्रावधान है। इस नए अध्यायदेश के अनुसार, मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य महामारी नियंत्रण प्राधिकरण बनेगा, जिसमें मुख्य सचिव सहित सात अन्य अधिकारी सदस्य होंगे। दूसरा तीन सदस्यीय जिला महामारी नियंत्रण प्राधिकरण होगा, जिसके अध्यक्ष डीएम होंगे। राज्य प्राधिकरण महामारी के रोकथाम नियंत्रण से संबंधित मामलों में सरकार को परामर्श देगा, जबकि जिला प्राधिकरण जिले में विभिन्न विभागों के क्रियाकलापों के साथ समन्वय स्थापित करेगा।


कोरोना महामारी को देखते हुए क्वारंटाइन का उल्लंघन करने पर एक से तीन साल की सजा और जुर्माना दस हजार से एक लाख तक का होगा। अस्पताल से भागने वालों के खिलाफ एक वर्ष से तीन वर्ष सजा और जुर्माना दस हजार एक लाख तक होगा। अस्पतालों और क्वारंटाइन सेंटरों में अश्लील एवं अभद्र आचरण करने पर एक से तीन साल की सजा और पचास हजार से एक लाख तक का जुर्माना होगा। इसमें लॉकडाउन तोड़ने और इस बीमारी को फैलाने वालों के लिए भी कठोर सजा का प्रावधान है। अध्यादेश के मुताबिक, अगर कोई कोरोना मरीज स्वयं को छिपाएगा तो उसे 1 वर्ष से लेकर 3 वर्ष की सजा हो सकती है और 50 हजार से एक लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। अगर कोरोना मरीज जानबूझ कर सार्वजनिक परिवहन के माध्यम से यात्रा करता है तो उसके लिए 1 से 3 साल तक की सजा और 50 हजार से 2 लाख तक का जुर्माना देना पड़ सकता है।


खर्च आंकड़ों के विश्लेषण का हवाला

नई दिल्ली। गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स लागू होने के बाद एक भारतीय परिवार को अनाज, खाद्य तेल और सौंदर्य प्रसाधनों समेत अन्य रोजमर्रा जरूरत के सामानों की 8,400 रुपये की मासिक खरीद पर टैक्स में औसतन 320 रुपये तक की बचत हो रही है।


वित्त मंत्रालय के एक सूत्र ने उपभोक्ता खर्च आंकड़ों के विश्लेषण का हवाला देते हुए यह बात कही। सरकार ने 1 जुलाई 2017 को जीएसटी लागू किया था, जिसके बाद बिक्री कर या वैट और उत्पाद शुल्क जैसे 17 अलग-अलग केंद्रीय और राज्य कर जीएसटी में समा गए थे। सूत्र ने कहा कि रोजमर्रा उपयोग की वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स को कम रखा गया है, जिसके चलते उपभोक्ताओं को मासिक खर्च में बचत हो रही है। अगर एक परिवार जीएसटी लागू होने के बाद 10 उत्पादों अनाज, खाद्य तेल, चीनी, चॉकलेट, नमकीन और मिठाई, सौंदर्य प्रसाधन, वॉशिंग पाउडर, टाइल्स, फर्नीचर और दरी-कालीन जैसे कॉयर उत्पादों एवं अन्य घरेलू उत्पादों की मद में एक महीने में 8,400 रुपये खर्च करता है तो उसकी मासिक बचत 320 रुपये होगी। उसने कहा कि 8,400 रुपये की वस्तुओं पर जीएसटी के तहत 510 रुपये का टैक्स बनता है जबकि जीएसटी के पहले इस पर 830 रुपये का टैक्स बनता था। इस लिहाज से ग्राहकों की 320 रुपये की बचत होगी।


भारत और इस्राइल को करीब किया

कोरोना संकट ने भारत और इस्राइल को करीब ला दिया- भारत में इस्त्राइल के राजदूत


नई दिल्ली। कोरोना संकट ने भारत और इस्राइल को करीब ला दिया है। दोनों देश कोरोना ले लड़ने के बेहतरीन तरीके साझा कर रहे हैं और नई प्रक्रियाएं अपना रहे हैं। कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने को लेकर उन्होंने कहा कि मुझे इसके डिटेल्स की प्रतिक्षा है। इस प्रक्रियाओं को अंतिम रूप नहीं दिया गया है। हम एडवान्सड स्टेज पर हैं। हां, हम निश्चित रूप से इसे दुनिया के साथ साझा करेंगेः भारत में इस्राइल के राजदूत रॉन मलका।


पश्चिम बंगाल में 15 लैब है, जिनमें 10 सरकारी और 5 निजी है। सभी में कोरोना वायरस के लिए टेस्ट किए जा रहे हैं। हर दिन टेस्ट औसत 2500 टेस्ट किए जा रहे हैं: अलपन बंद्योपाध्याय, पश्चिम बंगाल के गृह सचिव


कोरोना ने देशभर में अब तक लगभग 548 डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिक्स को संक्रमित किया। केंद्र द्वारा बनाए गए आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना वायरस ने देशभर में अब तक लगभग 548 डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिक्स को संक्रमित किया है।


विदेश में फंसे यात्री, गाइडलाइन जारी

दिल्ली सरकार ने विदेश में फंसे वापस आने वाले यात्रियों के लिए गाइडलाइन जारी की


नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने 'विदेश मंत्रालय द्वारा विदेश में फंसे भारतीयों की वापसी की योजना के मद्देनजर विदेश से आने वाले यात्रियों को हैंडिल करने और दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं।'


हमने असम के लोगों को वापस लाने के लिए सात ट्रेनों का प्रस्ताव दिया है, जो देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए हैं। ट्रेनें सात मई के बाद शुरू होंगी। हमारी प्राथमिकता छात्रों, मरीजों और तीर्थयात्रा पर जाने वाले लोगों को वापस लाना है: असम के मंत्री चंद्र मोहन पटवारी


'बुध परिपथ' पर सरकार को लताड़ा

संसदीय समिति ने सरकार को लताड़ा


नई दिल्ली। दुनियाभर में आकर्षण का केंद्र रहे भगवान बुद्ध के जीवन दर्शन से जुड़े प्रमुख स्थलों को टूरिजम मैप से जोड़ने वाली महत्वाकांक्षी योजना 'बुद्ध परिपथ' (सर्किट) वित्तीय आवंटन की भारी कमी से जूझ रही है। संसद की एक समिति ने 1985 में शुरू की गई इस योजना के लिए बेहद कम राशि का आवंटन करने को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया है। दरअसल, बुद्ध परिपथ परियोजना के लिए पर्यटन मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष में अब तक महज एक लाख रुपये जारी किए हैं। समिति ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा, 'एक निवेशयोग्य, सम्मान के हकदार, जीवंत और व्यवहार्य पर्यटन गंतव्य के रूप में बौद्ध परिपथ के विकास के लिए यह लापरवाहीपूर्ण रवैये का उदाहरण है।'


ट्रांसपोर्ट, टूरिजम और कल्चर संबंधी संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट में परियोजना की धीमी गति का जिक्र करते हुए यह जानकारी दी गई है। 'भारत में बौद्ध परिपथ के विकास' पर संसद के दोनों सदनों में शुक्रवार को पेश रिपोर्ट के अनुसार, पर्यटन मंत्रालय द्वारा वित्तीय वर्ष 2018-19 में बौद्ध परिपथ के विकास के लिए 0.01 करोड़ रुपये की नाममात्र की राशि आवंटित की गई है। तृणमूल कांग्रेस के डेरेक'ब्रायन की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट के अनुसार, पर्यटन मंत्रालय के पास इस साल 2150 करोड़ रुपये का कुल बजट है। इसमें से 1100 करोड़ रुपये 'स्वदेश दर्शन योजना' और 150 करोड़ रुपये 'प्रसाद योजना' के लिए आवंटित किए गए हैं। 


कृषि उत्पादन-सुरक्षा को रेखांकित किया

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि नोवल कोरोना विषाणु से फैली वैश्विक महामारी ने कृषि उत्पादन एवं खाद्य सुरक्षा के महत्व को पुनः रेखांकित किया है। आनंदीबेन पटेल ने चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कानपुर द्वारा ‘‘कोविड-19 वैश्विक महामारी प्रबन्धन के लिए कृषि उत्पादन एवं सहयोगी प्रणाली: अनुभव साझेदारी एवं रणनीतियां” विषयक तीन दिवसीय राष्ट्रीय वेबकाॅन को राजभवन से सम्बोधित कर रहीं थीं। राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकारों के सामने उत्पादन एवं आपूर्ति चेन को बनाये रखना बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि देश में कृषि उत्पादों को उपभोक्ताओं तक पहुंचाना तथा कृषि विकास की सतत् प्रक्रिया को जारी रखना केन्द्र एवं राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता है।


राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि कोविड 19 लाॅकडाउन के कारण खाद्य आपूर्ति श्रृंखला में शिथिलता आने के कारण वैश्विक कुपोषण की समस्या एक दूसरा पक्ष भी है। सरकार एवं गैर सरकारी संस्थाएं सबको भोजन उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही हैं परन्तु इसमें जन-सहभागिता भी आवश्यक है। देश व प्रदेश की सरकारें प्रसार सेवाओं के माध्यम से भी कृषि उत्पाद को बेचने, खरीद में किसान उत्पादक संघों द्वारा कृषि उत्पादनों के उचित दाम प्राप्त करने के लिए प्लेटफार्म तैयार कर एवं गांव से शहरों की ओर पलायन रोकने के लिए समुचित कदम उठा रही हैं।


उन्होंने कहा कि फसलों में कटाई के बाद होने वाले नुकसान को रोकने के लिए वेयर हाउस, कोल्ड स्टोरेज, कोल्ड चेन सुविधा द्वारा दूध एवं अन्य शीघ्र नष्ट होने वालों पदार्थों को हानि से बचाने के लिए क्षमता विकास एवं उचित बाजार मूल्य उपलब्ध कराने की आज बड़ी आवश्यकता है। आनंदीबेन पटेल ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये शारीरिक रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाये जाने के लिए आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा औषधीय एवं सगंधीय पौधों के उपयोग के परामर्श पर बल देते हुये कहा कि हल्दी, अदरक, लहसुन, चुकन्दर, आंवला, पालक, ब्रोकली, नींबू वर्गीय फल, अनार, पपीता, पोदीना, तुलसी, अश्वगंधा, सौफ, लौंग, कालीमिर्च एवं गिलोय जैसे हर्बल उत्पादों का प्रयोग कर वायरस जन्य बीमारियों के विरूद्ध प्रतिरक्षण प्रणाली को सुदृढ़ करने की आवश्यकता है।


उन्होंने कहा कि कोविड 19 महामारी एवं लाॅकडाउन के समय कृषि संयुक्त प्रणाली की उपयोगिता अत्यन्त महत्वपूर्ण हो गयी है। इसके तहत दूर संवेदन प्रणाली, कृषि विपणन, कृषि कार्यों में आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस, कृषि ड्रोन एवं परिशुद्ध खेती आदि के अनुसंधान एवं इसके उपयोग को बढ़ावा देने की नितान्त आवश्यकता है, जिससे भविष्य में आने वाली प्राकृतिक आपदाओं के समय भी कृषि व्यवस्था को सुदृढ़ रखा जा सके। प्रतिकूल मौसम से बचने एवं अनुकूल मौसम से अधिकाधिक लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को मौसम आधारित कृषि परामर्श सेवाएं एवं एसएमएस सेवा द्वारा कृषि पूर्वानुमान उपलब्ध कराया जाये। राज्यपाल ने विश्वास व्यक्त किया कि सम्मेलन के विभिन्न व्याख्यानों एवं चर्चाओं के आदान-प्रदान एवं कृषि वैज्ञानिकों की संस्तुतियों से देश की कृषि उत्पादन एवं सहयोगी प्रणाली को सुदृढ़ करने में निश्चित रूप से सहयोग मिलेगा।


इससे पूर्व प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने सम्मेलन को ऑनलाइन सम्बोधित करते हुये कहा कि मौसम परिवर्तन से कृषि फसलों को हो रही क्षति से किसानों को कैसे बचाया जाये, इस पर विशेष मंथन किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादकता में वृद्धि हेतु कृषि वैज्ञानिकों द्वारा इस तरफ विशेष ध्यान देकर ऐसी तकनीक एवं अधिक उत्पादन देने वाले उन्नतशील बीज तैयार किए जाने की आवश्यकता है, जिससे प्रति हेक्टेयर पैदावार में अपेक्षित वृद्धि हो सके क्योंकि प्रति हेक्टेयर पैदावार में हम बांग्लादेश व श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों से भी पीछे हैं। इस वेबकाॅन में पद्म विभूषण डा0 राम बदन सिंह, पद्मश्री डा0 ब्रह्म सिंह, कुलपति चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय डाॅ0 डी आर सिंह सहित कृषि वैज्ञानिक एवं विशेषज्ञ, छात्र-छात्राएं भी उपस्थित थे। इस अवसर पर राज्यपाल ने एक स्मारिका का ऑनलाइन विमोचन भी किया।


10 उड़ानों से 2300 की होगी वापसी

नई दिल्ली। विदेशों में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए गुरुवार से शुरू हो रहे मिशन के पहले दिन 10 उड़ानों में करीब 2,300 यात्रियों की वतन वापसी होगी। नागरिक उड्डयन मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 07 मई को सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया सात और उसकी सहयोगी कंपनी एयर इंडिया एक्सप्रेस तीन उड़ानों का परिचालन करेगी। इनमें लगभग 2,300 लोगों को लाये जाने की योजना है।


बोर्डिंग से पहले हर यात्री की स्क्रीनिंग की जायेगी और जिनमें कोविड-19 के लक्षण होंगे उन्हें टिकट होने के बावजूद विमान में सवार होने की अनुमति नहीं दी जायेगी। संयुक्त अरब अमीरात के अबुधाबी से एक उड़ान कोच्चि के लिए और दुबई से एक उड़ान कोझिकोड़ के लिए रवाना होगी। दोनों में 200-200 यात्रियों को लाया जायेगा और उनका परिचालन एयर इंडिया एक्सप्रेस करेगी।


एयर इंडिया एक्सप्रेस की तीसरी उड़ान कतर के दोहा से कोच्चि के लिए होगी जिसमें 200 लोगों को स्वदेश लाया जायेगा। एयर इंडिया सऊदी अरब के रियाद से कोझिकोड़ (200 यात्री), ब्रिटेन के लंदन से मुंबई (250 यात्री), सिंगापुर से मुंबई (250 यात्री), मलेशिया के कुआलालम्पुर से दिल्ली (250 यात्री), अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को से मुंबई होते हुये हैदराबाद (300 यात्री), फिलिपींस के मनीला से अहमदाबाद (250 यात्री) और बंगलादेश के ढाका से श्रीनगर के लिए (200 यात्री) एक-एक विमानों का परिचालन करेगी।


विदेशों से भारतीयों को लाने के सरकार के फैसले के बाद नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को बताया कि पहले एक सप्ताह में 07 मई से 13 मई के बीच 64 विशेष उड़ानों में 12 देशों से 14,800 भारतीयों को स्वदेश लाने की योजना है। इन यात्रियों को किराये का खर्च स्वयं वहन करना होगा। किराया मंत्रालय की ओर से तय किया गया है। अमेरिका से भारत का किराया एक लाख रुपये और ब्रिटेन से 50 हजार रुपये रखा गया है।


27 हजार से अधिक लोगों को उनके देश भेजा गया
दिल्ली हवाई अड्डे से अब तक 27,500 से ज्यादा विदेशियों को उनके देश भेजा जा चुका है। दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (डायल) के एक प्रवक्ता ने बताया कि 25 मार्च को पूरे देश में लॉकडाउन लागू होने के बाद से नियमित वाणिज्यिक उड़ानें भले बंद हैं, लेकिन विशेष उड़ानों से अब तक 44 देशों के नागरिकों को दिल्ली हवाई अड्डे के रास्ते वायु मार्ग से स्वदेश भेजने की व्यवस्था की गयी है। इन उड़ानों में चार मई तक 27,500 से अधिक लोगों को भेजा गया है।


अलग-अलग मुठभेड़ में 3 आतंकी ढेर

श्रीनगर। दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में बुधवार को सुरक्षा बलों की ओर से चलाये गए घेराबंदी और तलाश अभियान (कासो) में दो अलग-अलग स्थानों में मुठभेड में तीन आतंकवादी मारे गए और दूसरी जगह मुठभेड़ में शीर्ष आतंकवादी कमांडर को सुरक्षा बलों ने घेर लिया है। इस दौरान जिले में कानून और व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने के डर से भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) सहित सभी सेलुलर कंपनियों की मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बुधवार को कश्मीर घाटी में सुरक्षा कारणों से स्थगित कर दी गई और श्रीनगर सहित कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है।


 
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मंगलवार रात आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में विश्वसनीय सूचना मिलने के बाद अवंतिपोरा के बेघपोरा में दूसरा घेराबंदी एवं तलाशी अभियान शुरू किया गया। बुधवार सुबह आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ शुरू हुई। उन्होंने बताया कि आतंकवादियों के एक शीर्ष कमांडर को घेर लिया गया है। उन्होंने बताया कि एक आंतकवादी मुठभेड़ में मारा गया। मारे गए आतंकवादी की पहचान की जा रही है।


सेना के एक अधिकारी ने कहा कि आतंकवादियों के छिपने की खुफिया सूचना के आधार पर जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी), सेना और केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने कल रात पुलवामा के अवंतिपोरा के शारसली गांव में घेराबंदी और तलाश अभियान शुरू किया। उन्होंने कहा जब सुरक्षा बल आंतकवादियों के छिपे हुए इलाके की ओर बढ़ रहे थे तभी आतंकवादियों ने स्वचालित हथियारों से सुरक्षा बलों पर हमला कर दिया। सेना की जवाबी कार्रवाई के साथ ही मुठभेड़ शुरू हो गयी और मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गये। अभियान अभी भी जारी है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि श्रीनगर के पुराने इलाके सहित घाटी के कई इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया है। एक स्थानीय व्यक्ति ने यूनीवार्ता को बताया कि सुरक्षा बल लाउडस्पीकर के जरिये घोषणा करते हुए लोगों से घरों के अंदर रहने की अपील कर रहे हैं। हिजबुल के शीर्ष कमांडर और घाटी में आतंकवाद के पोस्टर ब्यॉय बुरहान वानी के मारे जाने के बाद जुलाई 2016 से नायकू संगठन का स्वयंभू प्रमुख बन बैठा था। उस पर 12 लाख रुपये का इनाम घोषित था और सुरक्षा बल एवं पुलिस उसकी पिछले आठ वर्षाें से तलाश कर रही थी। वह सोशल मीडिया पर आडियो क्लिप जारी कर युवकों काे आतंकवाद की राह पर आने के लिए प्रेरित भी करता था।


सेना के एक अधिकारी ने कहा कि आतंकवादियों के छिपने की खुफिया सूचना के आधार पर जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी), सेना और केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने मंगलवार की रात पुलवामा के अवंतिपोरा के शारसली गांव में घेराबंदी और तलाश अभियान शुरू किया। उन्होंने कहा जब सुरक्षा बल आंतकवादियों के छिपे हुए इलाके की ओर बढ़ रहे थे तभी आतंकवादियों ने स्वचालित हथियारों से सुरक्षा बलों पर हमला कर दिया। सेना की जवाबी कार्रवाई के साथ ही मुठभेड़ शुरू हो गयी और मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गये।


आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि श्रीनगर के पुराने इलाके सहित घाटी के कई इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के कारण लोगों के आवागमन तथा उन्हें एकत्र होने पर पाबंदियां लागू हैं।


'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...