बुधवार, 6 मई 2020

हमले पर 6 माह से लेकर 10 साल की सजा

लखनऊ। कोराना योद्धाओं की सुरक्षा को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में उत्तर प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं महामारी रोग नियंत्रण अध्यादेश, 2020 को मंजूरी दे गई है। इस नए कानून के तहत चिकित्सक, स्वास्थ्यकर्मियों, पुलिसकर्मियों और स्वच्छताकर्मियों के साथ ही शासन की तरफ से तैनात किसी भी कोरोना योद्धा से अभद्रता या हमले पर 6 माह से लेकर 7 साल तक की सजा का प्रावधान और 50 हजार से लेकर 5 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कैबिनेट की बैठक हुई। इसमें उत्तर प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं महामारी रोग नियंत्रण अध्यादेश, 2020 पर मुहर लगी है। नए कानून में चिकित्सक पैरामेडिकल स्टाफ , पुलिसकर्मियों, स्वच्छताकर्मी और सरकार द्वारा तैनात किसी भी कोरोना वारियर से अभद्रता या हमला करने वाले के लिए सात साल तक कैद और पांच लाख तक के जुर्माने की सजा का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही राज्य और जिला स्तर पर महामारी नियंत्रण प्राधिकरण गठित करने का निर्णय लिया गया है। राज्य स्तर पर मुख्य सचिव और जिले में जिलाधिकारी प्राधिकरण के अध्यक्ष होंगे। चिकित्सकों, सफोईकर्मियों, पुलिसकर्मियों एवं किसी भी कोरोना वॉरियर्स पर थूकने और आइसोलेशन तोड़ने पर भी इस कानून के तहत कड़ी कार्रवाई होगी। इस कानून के तहत कोरोना योद्धा के खिलाफ समूह को उकसाने या भड़काने पर भी कार्रवाई हो सकती है। इसके तहत दो वर्ष से पांच वर्ष तक की सजा का और पचास हजार से 2 लाख तक का जुर्माने का प्रावधान है। इस नए अध्यायदेश के अनुसार, मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य महामारी नियंत्रण प्राधिकरण बनेगा, जिसमें मुख्य सचिव सहित सात अन्य अधिकारी सदस्य होंगे। दूसरा तीन सदस्यीय जिला महामारी नियंत्रण प्राधिकरण होगा, जिसके अध्यक्ष डीएम होंगे। राज्य प्राधिकरण महामारी के रोकथाम नियंत्रण से संबंधित मामलों में सरकार को परामर्श देगा, जबकि जिला प्राधिकरण जिले में विभिन्न विभागों के क्रियाकलापों के साथ समन्वय स्थापित करेगा।


कोरोना महामारी को देखते हुए क्वारंटाइन का उल्लंघन करने पर एक से तीन साल की सजा और जुर्माना दस हजार से एक लाख तक का होगा। अस्पताल से भागने वालों के खिलाफ एक वर्ष से तीन वर्ष सजा और जुर्माना दस हजार एक लाख तक होगा। अस्पतालों और क्वारंटाइन सेंटरों में अश्लील एवं अभद्र आचरण करने पर एक से तीन साल की सजा और पचास हजार से एक लाख तक का जुर्माना होगा। इसमें लॉकडाउन तोड़ने और इस बीमारी को फैलाने वालों के लिए भी कठोर सजा का प्रावधान है। अध्यादेश के मुताबिक, अगर कोई कोरोना मरीज स्वयं को छिपाएगा तो उसे 1 वर्ष से लेकर 3 वर्ष की सजा हो सकती है और 50 हजार से एक लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। अगर कोरोना मरीज जानबूझ कर सार्वजनिक परिवहन के माध्यम से यात्रा करता है तो उसके लिए 1 से 3 साल तक की सजा और 50 हजार से 2 लाख तक का जुर्माना देना पड़ सकता है।


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