बुधवार, 22 अप्रैल 2020

विदेशों में भेजे जाएंगे अध्ययन करता

नई दिल्ली। श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान को कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों से निपटने में सहायता करने के लिए भारत अलग-अलग दल बनाकर इन देशों में भेजने की तैयारी कर रहा है। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। पिछले महीने भारत द्वारा 14 सदस्यीय एक दल को मालदीव में कोरोना वायरस जांच प्रयोगशालाएं स्थापित करने और स्थानीय स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित करने के लिए भेजा गया था। इस महीने की शुरुआत में भारत ने सेना के 15 सदस्यीय एक दल को द्विपक्षीय सहयोग के तहत कुवैत भेजा था। सूत्रों ने बताया कि मित्र देशों में महामारी से लड़ने के लिए सहायता प्रदान करने की नीति के तहत श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान भेजे जाने के लिए दलों को तैयार किया जा रहा है। दक्षेस क्षेत्र में महामारी से लड़ने के लिए साझा कार्यक्रम बनाने के वास्ते भारत मुख्य भूमिका निभा रहा है।


सचिव का सभी डीएम-कमिश्नरो को निर्देश

यूपी के मुख्य सचिव का सभी जिला अधिकारी व मंडलाआयुक्तों को निर्देश


 कोविड-19 के संकट के दौरान स्वयं की देख-भाल एवं रोग
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिये आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा
बताये गये उपायों का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाये: मुख्य सचिव


शरीर को स्वस्थ बनाये रखने में प्राकृतिक रोग प्रतिरोधक प्रणाली की भूमिका महत्वपूर्ण


आयुर्वेद शास्त्रों में वर्णित सरल उपायों के द्वारा
व्यक्ति अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता में कर सकता है वृद्धि


मुख्य सचिव ने समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को परिपत्र निर्गत कर दिये निर्देश


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री राजेन्द्र कुमार तिवारी ने निर्देश दिये हैं कि कोविड-19 के संकट के दौरान स्वयं की देख-भाल एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिये आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा बताये गये उपायों का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाये। वर्तमान में कोविड-19 वैश्विक महामारी का प्रकोप है। इस महामारी की कोई दवा अभी तक नहीं बनी है, ऐसे में शरीर को स्वस्थ बनाये रखने में प्राकृतिक रोग प्रतिरोधक प्रणाली की भूमिका महत्वपूर्ण है।
मुख्य सचिव ने यह निर्देश आज समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को परिपत्र निर्गत कर दिये हैं। उन्होंने पत्र में लिखा कि आयु एवं स्वास्थ्य से जुड़ा विज्ञान होने के साथ ही आयुर्वेद प्राकृतिक साधनों के प्रयोग पर बल देता है। रोगों से बचाव का आयुर्वेदिक पक्ष मुख्यतः दिनचर्या एवं ऋतुचर्या पर आधारित है। आयुर्वेद शास्त्रों में वर्णित सरल उपायों के द्वारा व्यक्ति अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि कर सकता है।
आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा स्वयं की देख-भाल एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के सुझावः-
(क) सामान्य उपाय
1. पूरे दिन केवल गरम पानी पियें।
2. आयुष मंत्रालय की सलाह के अनुसार प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट योगासन, प्राणायाम एवं ध्यान करें।
3. हल्दी, जीरा, धनिया एवं लहसुन आदि मसालों का भोजन बनाने में प्रयोग करें।
(ख) रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने हेतु आयुर्वेदिक उपाय
1. च्वनप्राश 10 ग्राम (एक चम्मच) सुबह लें। मधुमेह के रोगी शुगर फ्री च्वनप्राश लें।
2. तुलसी, दालचीनी, कालीमिर्च, सोंठ (सूखी अदरख) एवं मुनक्का से बनी हर्बल टी/काढ़ा दिन में एक से दो बार पियें। स्वादानुसार इसमें गुड़ या ताजा नींबू मिला सकते हैं।
3. गोल्डन मिल्क-150 मि0ली0 गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी चूर्ण दिन में एक से दो बार लें।
(ग) सामान्य आयुर्वेदिक उपाय
1. नस्य-सुबह एवं शाम तिल/नारियल का तेल या घी नाक के दोनों छिद्रों में लगायें।
2. कवल-1 चम्मच तिल/नारियल तेल को लेकर दो से तीन मिनट तक कुल्ले की तरह मुंह में घुमायें। उसके बाद उसे कुल्ले की तरह थूंक दें, फिर गरम पानी से कुल्ला करें। ऐसा दिन में एक से दो बार करें।
(घ) खांसी/गले में खरास के लिये
1. दिन में एक बार कम से कम पुदीने के पत्ते/अजवाइन डाल कर पानी की भांप लें।
2. खांसी या गले में खरास होने पर लौंग के चूर्ण में गुड़ या शहद मिला कर दिन में दो या तीन बार लें।
3. ये उपाय सामान्य सूखी खांसी के लिये लाभदायक फिर भी अगर लक्षण बने रहते हैं, तो डाक्टर से परामर्श लें।


यूपी में संक्रमितो की संख्या-1337


 उत्तर प्रदेश में अब तक 1337 मरीज कोरोना पॉजिटिव


यूपी में कोरोना के 870 मरीज तबलीगी जमात से


यूपी में 162 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज


लखनऊ। अब तक आगरा 306, लखनऊ 168, गाजियाबाद 46, नोएडा 102, लखीमपुर खीरी 4, कानपुर 75, पीलीभीत 2, मुरादाबाद 73, वाराणसी 16, शामली 26, जौनपुर 1 बागपत 15, मेरठ 81, बरेली 6, बुलंदशहर 21, बस्ती 20, हापुड़ 17, गाजीपुर 6, आजमगढ़ 7, फिरोजाबाद 59, हरदोई 2, प्रतापगढ़ 6, सहारनपुर 88, शाहजहांपुर 1, बांदा 3, महाराजगंज 6, हाथरस 4, मिर्जापुर 3, रायबरेली 35, औरैया 9, बाराबंकी 1, कौशांबी 2,  बिजनौर 28, सीतापुर 17, प्रयागराज 1, मथुरा 6, बदायूं 13, रामपुर में 16, मुजफ्फरनगर 5,  अमरोहा 18, भदोही में 1, इटावा 3, कासगंज 3, संभल 7, उन्नाव 1, कन्नौज 6, संतकबीर नगर 1, मैनपुरी 4, गोंडा 1, मऊ 1,एटा 3, सुल्तानपुर 1, अलीगढ़ 2 मरीज अब तक कोरोना पॉजिटिव मिले


यूपी में अबतक 53 जिलों में कोरोना संक्रमित मरीज मिले


यूपी में अब तक 13130 मरीजों में कोरोना जैसे लक्षण मिले


अब उत्तर प्रदेश की 14 लैब में हो रही कोरोना सैंपल की जांच


11871 लोगों को संस्थागत क्वॉरेंटाइन में रखा गया


यूपी में अब तक कोरोना से 21 मरीजों की मौत


यूपी में अब तक कोरोना से बस्ती में 1, मेरठ में 3, वाराणसी में 1, बुलंदशहर में 1, मुरादाबाद में 5, आगरा में 6, कानपुर 1, लखनऊ 1, फिरोजाबाद 1, अलीगढ़ में 1 मरीजों की मौत


संक्रमितो की त्वचा का रंग बदला

बीजिंग। कोरोनावायरस के संक्रमण के इलाज के दौरान साइड इफेक्ट खतरनाक रूप सामने आया है। चीन के वुहान में कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों की चमड़ी काली पड़ गई। वुहान सेंट्रल हॉस्पिटल के डॉक्टरों में भी ऐसे मामले सामने आए हैं। डॉ. यी फेन और डॉ. हू वीफेंग को 18 जनवरी को कोरोना का संक्रमण हुआ। वे करीब 6 हफ्ते तक हॉस्पिटल में रहे और इसी दौरान उनका पूरा शरीर काला पड़ गया।
पहला मामला : बिना मदद के चलना मुश्किल हो गया था
चीनी मीडिया सीसीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ. यी पेशे से हृदय रोग विशेषज्ञ हैं और संक्रमण के बाद 39 दिन तक वेंटिलेटर पर रहे। वह रिकवर हो चुके हैं। डॉ. यी ने सीसीटीवी को बताया, कोरोना से जूझने में मैं मानसिक तौर पर काफी प्रभावित हुआ, शरीर टूट गया। मैं बिना मदद के चल-फिर तक नहीं पा रहा था। डॉ. यी के मुताबिक, जब वह होश में आए तो अपनी हालत को देखकर गए और रिकवरी के लिए काउंसलिंग तक की जरूरत पड़ी।
दूसरा मामला : 45 दिन वेंटिलेटर पर रहे और मानसिक स्थिति बिगड़ी
दूसरे साथी डॉ. हू वीफेंग का संघर्ष और भी तकलीफ दायक रहा। हू 99 दिन तक हॉस्पिटल के बेड पर रहे और 45 दिन वेंटिलेटर पर लाइफ सपोर्ट दिया गया। इनका इलाज करने वाले डॉ. ली शूशेंग का कहना है कि हू की मानसिक स्थिति बेहद नाजुक रही है। 7 फरवरी से 22 मार्च तक हू संक्रमण के बुरे दौर से गुजरे। धीरे-धीरे हालत में सुधार हुआ और 11 अप्रैल को कुछ बोलने की स्थिति में आए।
आने वाले दिनों में रंग सामान्य होने की उम्मीद
डॉ. ली शूशेंग के मुताबिक, स्किन में बदलाव की वजह इलाज के दौरान दी जाने वाली कोई दवा भी हो सकती है। हालांकि डॉ. ली ने ये स्पष्ट नहीं किया कि कौन सी दवाएं दी गई थीं। डॉ. ली का कहना है, उम्मीद है कि जैसे-जैसे साइड इफेक्ट कम होगा, उनकी त्वचा का रंग सामान्य हो जाएगा।
अलर्ट रहें क्योंकि संक्रमण के नए लक्षण सामने आ रहे


कोरोना महामारी की शुरुआत में विश्व स्वास्थ्य संगठन और सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने इसके लक्षणों पर एडवाइजरी जारी की थी। जिसके मुताबिक, बुखार, सांस लेने में तकलीफ, खांसी, सीने में तेज दर्द, चेहरा या होंठ नीला पड़ना, संक्रमण का लक्षण था। लेकिन पिछले 4 महीने में जो मामने सामने आए उसमें कई और लक्षण सामने आए, इसे समझना बेहद जरूरी है।
आमतौर पर चिकनपॉक्स में पैरों पर दिखने वाला जामुनी रंग का घाव भी कोरोना संक्रमण का एक लक्षण हो सकता है। यह दावा इटली और स्पेन के विशेषज्ञों ने किया है। इन दोनों देशों में ऐसे लोग भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए, जिनके अंगूठे में गहरे घाव थे। ये लक्षण खासतौर पर बच्चों और किशोरों में देखे गए। – दुनियाभर में जितनी तेजी से कोरोनावायरस के संक्रमण का दायरा बढ़ रहा है, उतना ही लक्षणों में भी बदलाव आ रहा है। दुनियाभर के देशों में हुई रिसर्च के मुताबिक, पिछले 4 महीने के अंदर कोरोना के 15 से ज्यादा नए लक्षण देखे गए हैं।
सबसे खास बात है कि ऐसे मामलों की संख्या बढ़ रही है जिसमें कोरोना के वे आम लक्षण नहीं दिखाई देते जैसे बुखार, मांसपेशियों में अकड़न और सांस में तकलीफ।
संक्रमण की शुरुआत में ही ऐसे बदलाव दिखाई दे रहे हैं जिसे लोग संक्रमण का इशारा नहीं समझ पा रहे जैसे गंध महसूस न कर पाना, सिरदर्द, बोलते-बोलते सुध-बुध खो देना, पेट में दर्द और दिमाग में खून के थक्के जमना।


 


चिकित्सकों पर हमला, सजा का प्रावधान

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के महासंकट के बीच स्वास्थ्यकर्मियों पर लगातार हो रहे हमले पर अब मोदी सरकार ने कड़ा फैसला लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बुधवार को ही केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में एक अध्यादेश पास किया गया है, जिसके बाद अब स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करने वालों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा। इसमें 3 महीने से सात साल तक की सजा का प्रावधान है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी।


केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कई जगह डॉक्टरों के खिलाफ हमले की जानकारी आ रही हैं, सरकार इन्हें बर्दाश्त नहीं करेगी। सरकार इसके लिए एक अध्यादेश लाई है। जिसके तहत कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मेडिकलकर्मियों पर हमला करने वालों को जमानत नहीं मिलेगी, 30 दिन के अंदर इसकी जांच पूरी होगी। 1 साल के अंदर फैसला लाया जाएगा, जबकि 3 महीने से 5 साल तक की सजा हो सकती है। इसके अलावा गंभीर मामलों में 6 महीने से 7 साल तक की सजा का प्रावधान है। गंभीर मामलों में 50 हजार से 2 लाख तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा। अध्यादेश के अनुसार, अगर किसी ने स्वास्थ्यकर्मी की गाड़ी पर हमला किया तो मार्केट वैल्यू का दोगुना ज्यादा भरपाई की जाएगी।


प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि देश में अब 723 कोविड अस्पताल हैं, जिसमें लगभग 2 लाख बैड तैयार हैं। इनमें 24 हजार आईसीयू बेड हैं और 12 हजार 190 वेंटिलेटर हैं। जबकि 25 लाख से अधिक N95 मास्क भी हैं। जबकि 2.5 करोड़ के ऑर्डर दिए जा चुके हैं। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार की ओर से फर्टिलाइज़र के लिए दी जाने वाली सब्सिडी को बढ़ाया गया है, इसे बढ़ाकर 22 हजार करोड़ से अधिक किया गया है। प्रधानमंत्री आवास पर पीएम मोदी की अगुवाई में हुई कैबिनेट बैठक में कोरोना वायरस के मौजूदा असर और लॉकडाउन की समीक्षा की गई। इसके अलावा आर्थिक हालात पर भी चर्चा हुई। केंद्र सरकार की ओर से पहले भी राहत के तौर पर 1 लाख सत्तर हजार करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया गया था।


77000 की मौत, 5.5 लाख संक्रमित

नई दिल्ली। दुनिया भर में जानलेवा कोरोना वायरस का कहर जारी है। चीन के वुहान शहर से फैले कोविड-19 की चपेट में लगभग 200 से ज्यादा देश आ चुके हैं। नोवेल कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या में दिन पर दिन इजाफा होता जा रहा है। इस वायरस से अब तक एक लाख 77 हजार से ज्यादा जानें जा चुकी हैं और 25 लाख 57 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। जबकि छह लाख 90 हजार से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। दुनिया में सबसे ज्यादा प्रभावित देश अमेरिका में मृतकों की संख्या 45 हजार को पार कर गई है और आठ लाख 19 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं।


कमजोर पुलिस और खुफिया तंत्र

नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना के भारत में फैलाने के मामले में पुलिस से बचते फिर रहे मौलाना साद ने फिर एक ऑडियो टेप जारी किया है। मौलाना ने इस बार अपने जमातियों से रक्तदान की अपील की है कोरोना से ठीक हो चुके जरूरतमंद लोगों के लिए। यह मौलाना का पहला टेप नहीं है। मौलाना इससे पहले भी ऑडियो टेप जारी कर चुका है।


अब सवाल यह उठता है कि क्या मौलाना इस देश की पुलिस और खुफिया तंत्र को मजाक समझ रहा है या फिर उसे पुलिस और खुफिया तंत्र की रत्ती भर भी परवाह नहीं है? एक-एक करके बार-बार ऑडियो टेप जारी करना पुलिस और खुफिया तंत्र का मजाक उड़ाना नहीं है तो और क्या है? आखिर ऑडियो टेप हवा में तो पैदा नहीं होते? कहीं ना कहीं से तो वे जारी होते होंगे? कोई न कोई या कंही न कंही तो उसका अंतिम सोर्स होगा जहां से वह ऑडियो टेप पहली बार निकलता होगा? क्या हमारी पुलिस और खुफिया तंत्र के पास एक ऑडियो टेप को खंगालने की और उसके सोर्स को ट्रेस करने की क्षमता नहीं है? क्या हमारे देश की तकनीक इतनी पिछड़ी हुई है एक सोर्स को नही ढूंढ पा रही है? मौलाना को तो खैर पुलिस ढूंढ नहीं पा रही है यह समझ में आता है लेकिन उसके ऑडियो टेप के जरिए उस तक या उसको जारी करने वाले सोर्स को पकड़कर उस तक पहुंचा नही जा सकता यह तो पचने वाली बात नहीं है? इस मामले में यह समझा जा सकता है कि या तो पुलिस मौलाना को जानबूझकर ढील दे रही हो या फिर मौलाना पुलिस को मजाक समझ बैठा है। उसका आज तक गिरफ्तार नहीं होना और कहीं भी जाकर किसी भी अस्पताल में जाकर कोरोना का टेस्ट नही करवाना हमारे देश के तमाम ज़िम्मेदार संस्थाओं के मुंह पर करारा तमाचा है।


इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके

इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके  अखिलेश पांडेय  जकार्ता। इंडोनेशिया के पूर्वी प्रांत मालुकु में सोमवार के तेज झटके महसूस किए गए। इ...