शुक्रवार, 17 अप्रैल 2020

अमेरिका में टूटा कहर, 4491 की मौत

वाशिंगटन। कोरोना वायरस के चलते अमेरिका की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। अमेरिकी सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी रोजाना में हजारों की संख्या में मौत हो रही है. जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण 4,491 लोगों की मौत हो चुकी है, जो कोरोना महामारी के कारण एक दिन में मौत का सर्वाधिक आंकड़ा है। अमेरिका में कोरोना वायरस के कारण मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 32,917 पर पहुंच गई है। वहीं अब तक कोरोना संक्रमण के 6,67,800 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ओपनिंग अप अमेरिका अगेन नाम का एक प्लान भी प्रस्तावित कर दिया है, जिसमें तीन चरणों में स्कूल, दफ्तर और फैक्ट्रियां फिर से खोली जाएंगी। हालांकि कई राज्यों के गवर्नर इससे इत्तेफाक नहीं रखते और न्यूयॉर्क ने गुरुवार को ही लॉकडाउन को 15 मई तक बढ़ाने का ऐलान कर दिया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने ये प्लान एक सुझाव के तौर पर सभी राज्यों के गवर्नरों को भी भेजा है और इस पर उनकी राय मांगी है। ट्रंप ने इन प्लान के अनुसार इन तीन चरणों को 14 दिन तक लागू करने और फिर आगे की रणनीति तय करने का सुझाव दिया है।


पुलिस की जिप्सी में बच्ची का जन्म

नई दिल्ली। देश भर में लागू लॉक डाउन के दूसरे चरण में भी पुलिस लगातार लोगों के लिए मसीहा बनकर उनकी मदद कर रही है। इस दौरान पुलिस कभी लोगों को मां बनकर खाना खिला रही है, तो कभी उनकी गलतियों पर उन्हें सजा भी दे रही है। ऐसा ही एक ताजा मामला वेस्ट दिल्ली के रघुवीर नगर इलाके का आया है, जिसमें एक महिला अपने परिवार के साथ रघुबीर नगर पुलिस पोस्ट पर महिला कॉन्स्टेबल सुमन से बताती है कि उसे हॉस्पिटल जाने के लिए एक गाड़ी की आवश्यकता है। क्योंकि इस वक्त वह प्रेग्नेंट है और उसे लेबर पेन हो रहा है।
पुलिस जिप्सी का प्रबंधःजिसके बाद कॉन्स्टेबल सुमन ने तुरंत मामले की गंभीरता समझते हुए पुलिस पोस्ट पर मौजूद एसएचओ कुमार कुंदन और एसआई पंकज ठाकुर को जानकारी दी. जिसके बाद एसएचओ कुमार कुंदन के निर्देश पर तुरंत पुलिस जिप्सी का प्रबंध किया गया. जिसमें गर्भवती महिला सहित उसके परिवार वालों को बैठाकर हेड कांस्टेबल धरमवीर और कॉन्स्टेबल कुलदीप पश्चिम विहार के गुप्ता नर्सिंग होम ले जाने लगे.


लेकिन नर्सिंग होम पहुंचने से पहले पुलिस जिप्सी के अंदर गर्भवती महिला ने खुद से ही बच्चे को जन्म दे दिया. पुलिस द्वारा तुरंत हॉस्पिटल स्टाफ को फोन करके इस बारे में जानकारी दी गई।जिसके बाद हॉस्पिटल स्टाफ ने मौके पर पहुंचकर महिला और बच्चे को मेडिकल केयर में लिया।
एसएचओ ने महिला और उसके परिवार को बधाई दीः ख्याला एसएचओ ने महिला और उसके परिवार को बधाई दी। वहीं महिला के परिवार वालों ने भी पुलिस के इस कार्य को लेकर उनकी बहुत प्रशंसा की और रघुवीर पुलिस पोस्ट की पुलिस टीम का दिल से धन्यवाद किया।
ऐसा ही एक मामला दिल्ली के ओखला से भी आया जहाँ रहने वाले आमिल को लगा अब लॉकडाउन में वो कैसे अपनी प्रेग्नेंट पत्नी को लेकर अस्पताल जाएगा। पता नहीं कब उसकी पत्नी को लेबर पेन हो और उसे तुरंत ही अस्पताल जाना पड़े। आमिल 28 मार्च को किसी तरह अपनी यह परेशानी लेकर दिल्ली पुलिस के साउथ ईस्ट जोन के एडीशनल डीसीपी कुमार ज्ञानेश के पास पहुंचा।


उन्होंने आमिल को तुरंत ही पास जारी करवा दिया, जिससे जरूरत होने पर घर से बाहर निकल सके। लेकिन, जब दो दिन पहले उसकी पत्नी को लेबर पेन हुआ तो अस्पताल तक जाने के लिए कोई वाहन नहीं मिल रहा था। उस वक्‍त कुमार ज्ञानेश ने पुलिस की जिप्सी से उनकी पत्नी को कस्तूरबा गांधी अस्पताल पहुंचवाया, जहां उन्‍होंने एक बच्चे को जन्म दिया है।


पलवल में मिला 1 संक्रमित जमाती

पलवल। हरियाणा जिले में अब तक कोरोना के 31 पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं। अब जिस व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है पुलिस ने उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 307 के तहत मामला दर्ज किया है। यह व्यक्ति जमाती था और छुपकर रह रहा था। यह शख्स पलवल के हथीन में छिपा हुआ था।
इसी के साथ 7 अन्य लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। स्वास्थ्य विभाग लोगों से अपील कर रहा है कि लोग घरों में रहे, अपने आप को साफ-सुथरा रखें, हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग करें, एक दूसरे संपर्क में न आए, जो लोग जमाती है उनकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दे और उनके संपर्क में न आए। तभी इस भयानक महामारी से बचा सकता है।


हरियाणा में अबतक कोरोना के 200 मामले आए सामनेः हरियाणा में कोरोना वायरस से कुल संक्रमितों की संख्या 200 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक कुल 200 संक्रमितों में 51 ठीक हो चुके हैं जबकि दो की मौत हुई है और राज्य के विभिन्न अस्पतालों में 147 मरीजों का इलाज चल रहा है।


झूलसती गर्मी में भी नहीं मरता वायरस

कोरोना वायरस को लेकर पूरी दुनिया में अलग-अलग शोध हो रहे हैं। कुछ समय पहले दुनिया के कई वैज्ञानिकों ने कहा था कि कोरोना वायरस 30 डिग्री से ज्यादा तापमान में मर जाता है। यही वजह है कि हर कोई गर्मी आने का इंतजार कर रहा था। लेकिन इस बीच अब एक चौंकाने वाला खुलासा हो गया है। एक ताजा शोध में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि 60 डिग्री तापमान में भी कोरोना वायरस जिंदा रह सकता है।खुद वैज्ञानिक भी हैं हैरान। दक्षिण फ्रांस की Aix-Marseille University की रिचर्स में यह खुलासा हुआ है कि इस वायरस पर गर्मी का भी कोई खास असर नहीं होता है। हमारे सहयोगी ज़ीबिज के अनुसार यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रेमी शेरेल और उनकी टीम कोरोना वायरस पर लगातार रिसर्च कर रही है।


क्या हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन है असरदार?
कोरोना वायरस को समझने के लिए हुए इस शोध में वैज्ञानिकों ने ये भी दावा किया है कि मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन कोरोना वायरस को मारने में बहुत ज्यादा कारगर नहीं है. फ्रेंच स्टडी में दावा किया गया है कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन से कोरोना पर बहुत ज्यादा असर नहीं होगा। पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (PHFI) के प्रमुख डॉ. के श्रीनाथ रेड्डी ने ज़ी न्यूज डिजिटल से बातचीत में कहा कि कोरोना वायरस को टेंपरेचर सेंसिटिव कहा जा रहा है। लेकिन भारत इस पर शोध कर रहा है। पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के संक्रमण के अपने अपने शोध हैं. भारत में आने के बाद इसका स्वरूप कैसा है इस पर रिपोर्ट्स आने बाकी हैं. हम अपने शोध के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंच पाएंगे।


उल्लेखनीय है कि गुरुवार की शाम तक देशभर में कोरोना संक्रमण के 826 नए केस सामने आए जो कि पिछले दिनों के मुकाबले कुछ कम थे. हालांकि देशभर में संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 12 हजार के पार पहुंच गया है।


पत्नी व एसीपी, थाना प्रभारी संक्रमित

लुधियाना। महानगर लुधियाना में कुछ दिन पहले कोरोना पॉजिटिव पाए गए एसीपी नार्थ की पत्नी, एक थाना प्रभारी और ड्राइवर का भी कोरोना वायरस की रिपोर्ट पाजीटिव आई है। रिपोर्ट आने से पहले ये सभी पहले से ही क्वारंटाइन चल रहे थे। अब इनका ईलाज शुरू कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि एसीपी का ड्राइवर फिरोजपुर जिले का रहने वाला है। कुछ दिन पहले एसीपी नार्थ कोरोना पाजीटिव पाए गए थे। जिसके बाद उनकी सब-डिवीजन के तीन थाना प्रभारी व मुलाजिम क्वारंटनाइन कर दिए गए थे। जिसके बाद आज तीन लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।



437 लोगों की मौते, 13387 संक्रमित

 नई दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 13,387 हुई है। कोरोना से अब तक 437 लोगों की मौत हुई है। कोरोना से 24 घंटे 23 लोगों की मौत हुई है। देश में कोरोना केस बढ़ने में 40 फीसदी की कमी आई है। कोरोना संक्रमित 13.6 फीसदी मरीज ठीक हुए हैं। देश में कोरोना के 80 फीसदी मरीज ठीक हो रहे हैं। देश के लिए एक भी मौत चिंता का विषय है। हमें हर मोर्चे पर कोरोना से लड़ना है। हमारी कोशिश तेजी से काम करने की है। देश में एंटी बॉडीज पर काम हो रहा है। प्लाज्मा तकनीकी से इलाज पर काम कर रहे हैं।


कोरोना के मामलों में 40% की गिरावट आई है, 80% मरीज ठीक हो रहे हैं, राज्यों को 5 लाख रैपिड किट दे रहे हैं, नई टेस्टिंग किट से 30 मिनट में रिजल्ट
1749 केस अब तक ठीक हुए हैं, 13.6% लोग #Corona की बीमारी से ठीक हुए हैं, COVID19 से मौत का आंकड़ा 437 तक पहुंचा
पिछले 24 घंटों में 23 लोगों की मौत हुई है, अब 6.2 दिन में केस डबल हो रहे हैं। 13.6% लोग #Corona की बीमारी से ठीक हुए हैं।
पिछले 24 घंटे में कोरोना के 1007 केस सामने आए हैं,
पूरे देश में लॉकडाउन का पालन हो रहा है। बैंको और बाज़ारों में अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। कुछ उद्योगों को कम स्टाफ़ के साथ मंजूरी दी गई है।
हमें हर मोर्चे पर कोरोना से लड़ना है, कोशिश की जा रही है कि इसकी वैक्सीन जल्द से तैयार होः लव अग्रवाल, जॉइंट सेक्रटरी, स्वास्थ्य मंत्रालय। कोरोना के मामले दोगुने होने की दर पिछले 7 दिनों में कम हुई है, इसके ग्रोथ फैक्टर में भी 40 फीसदी की कमी हुई हैः लव अग्रवाल, जॉइंट सेक्रटरी, स्वास्थ्य मंत्रालय
लॉकडाउन से पहले #COVID19 मामलों की डबलिंग रेट लगभग 3 दिन लग रहे थे, पिछले 7 दिनों के आंकड़ों के अनुसार मामलों को डबलिंग रेट अब 6.2 दिनों की है। 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में तो डबलिंग रेट देश की डबलींग रेट से भी कम है।


नोएडा प्राधिकरण वितरित करेगा भोजन

गौतम बुध नगर। नोएडा प्राधिकरण की नोएडा एम्पलाइज एसोसिएशन द्वारा प्रत्येक वर्ष नोएडा प्राधिकरण के स्थापना दिवस पर उपहार स्वरूप प्राधिकरण के समस्त नियमित एवं संविदा कर्मचारियों को मिलने वाली धनराशि को इस बार एक अच्छी पहल करते हुए उसका आधा हिस्सा प्राधिकरण द्वारा नोएडा में दिहाड़ी मजदूरों एवं जरूरतमंदों के भोजन की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्राधिकरण द्वारा चलाई जा रही सामुदायिक किचन को दिये जाने का निर्णय लिया जिसका सहमति पत्र मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया को सौंपा गया। और आधी धनराशि वर्तमान गंभीर परिस्थितियों में भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं प्राधिकरण कर्मचारियों (कोरोना योद्धाओं) को प्रोत्साहन स्वरूप दिया जाएगा एसोसिएशन अध्यक्ष चौधरी राजकुमार सिंह ने बताया कि लॉकडाउन की अवधि 3 मई तक रोजाना 15000 भोजन पैकेट पांचों सामुदायिक किचन दिए जाएंगे ताकि पूरे नोएडा में सामुदायिक किचन के माध्यम से दिए जा रहे 85 से 90000 भोजन पैकेट को 100000 किया जा सके और नोएडा के अंदर कोई भी भूखा ना रहे, उन्होंने बताया कि नोएडा के 44 वर्ष पूर्ण होने एवं 45 वर्ष में प्रवेश करने पर प्राधिकरण के मुख्य प्रशासनिक भवन मैं एक सूक्ष्म हवन किया गया जिसमें ईश्वर से प्रार्थना की गई कि नोएडा के साथ पूरे देश और पूरे विश्व की वैश्विक महामारी कोविड-19 से रक्षा करें। इसके पश्चात आज शुभारंभ करते हुए मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी एवं एनईए अध्यक्ष चौ राजकुमार सिंह द्वारा 15000 भोजन पैकेट की बसों को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया जिसकी मील ऑन व्हील के नाम से शुरुआत की गई. इस अवसर पर विशेष कार्याधिकारी इंदुप्रकाश,विशेष कार्याधिकारी राजेश कुमार सिंह, महासचिव महेशचंद्, उपाध्यक्ष धर्मेंद्र शर्मा,अस्थायी कर्मचारी संघ अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा,विनोद शर्मा,महाप्रबंधक केके अग्रवाल, विजय रावल, सलिल यादव,मुकेश कुमार वैश्य,एसपी सिंह,वी के रावल,थान सिंह,विजेंद्र लोहिया प्रमोद यादव आदि उपस्थित रहे!


गृहमंत्री से मिले सिंधिया, संभावित दावेदार

भोपाल (संतोष जैन) । मध्यप्रदेश में दो-तीन दिन के भीतर होने जा रहे मंत्रिमंडल के गठन की कवायद के बीच भाजपा के वरिष्ठ विधायक व संभावित दावेदार भोपाल में जुट गए हैं। इनमें गोपाल भार्गव नरोत्तम मिश्रा भूपेंद्र सिंह विजय शाह और तुलसी सिलावट आदि शामिल इस बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री  ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की सिंधिया की इस मुलाकात को भी मंत्रिमंडल गठन से ही जोड़कर देखा जा रहा है।  सिंधिया ने बड़ा मंत्रिमंडल बनाने जा बनाए जाने की बात रखी है। वह अपने खेमे के 6 पूर्व मंत्रियों  को एक साथ मंत्री बनवाना चाहते हैं ताकि वे क्षेत्र में चुनाव के लिए जा सकें है।


समान रूप से लागू नहीं है लॉक डाउन

मोदी राज में लॉक डाउन का नियम केवल गरीबो पर


यहां कानून और नियम आम लोगों के लिए अलग और वीवीआईपी लोगों के लिए अलग है।
ओम माथुर


बैंगलुरू। ये देश और हर खतरे से ऊपर हैं। हो भी क्यों नहीं ? नेताओं की जमात से है और कोढ में खाज कि पिताजी देश के प्रधानमंत्री रहे हैं और बेटे कर्नाटक के मुख्यमंत्री। लेकिन फिर भी इन्हें ये पता नहीं कि कोरोना संक्रमण के चलते देशभर में लोक डाउन चल रहा है और सोशल डिस्टेसिंग की पालन पर जोर दिया जा रहा है।


लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा के पोते एवं कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के पुत्र का आज बेंगलुरु में कांग्रेस नेता एम कृष्नाप्पा की बेटी के साथ धूमधाम से विवाह हुआ और इसमें कई लोगों ने शिरकत कर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उडा दी है। ऐसे समय में जब आम आदमी लाकडाउन  के कारण घरों में कैद है या परिवहन के साधन बंद होने से  देश में यहां वहां फंसे पड़े हैं,बड़े नेताओं को तो अपनी करनी से उनके सामने मिसाल कायम करनी चाहिए लेकिन जब यही लोग कानून का उल्लंघन करेंगे तो आम आदमी में क्या संदेश जाएगा? हमारे देश का यह दुर्भाग्य है कि यहां  कानून और नियम आम लोगों के लिए अलग और वीवीआईपी लोगों के लिए अलग है। आम आदमी की छोटी सी गलती उसे हवालात में पहुंचा देती है, तो बड़े लोग बड़ी से बड़ी गलती करके भी आसानी से बचे रह सकते हैं ।


जब देश में आम आदमी के घरों की हजारों शादियां स्थगित हो चुकी है, तो क्या देवगौडा अपने पोते की शादी को टाल नहीं सकते थे या सिर्फ परिवार के दो चार सदस्यों के बीच करके देश के सामने उदाहरण पेश नहीं कर सकते थे? अब सवाल यह भी है कि क्या कर्नाटक की भाजपा सरकार इस मामले को गंभीरता से लेते हुए देवेगौड़ा व कुमार स्वामी सहित शादी में शामिल वीवीआईपी लोगों पर मुकदमा दर्ज करने की हिम्मत दिखाएगी?जैसा कि लाक डाउन व सोशल डिस्टेंसिंग की अवहेलना करने वाले आम लोगों पर दर्ज किए जा रहे हैं।


एमपी में जल्द ही मंत्रिमंडल का गठन

भोपाल। कोरोना संकट के बीच शिवराज सिंह चौहान अपने मंत्रिमंडल का गठन कर सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि पार्टी हाईकमान से चर्चा के बाद शिवराज सिंह चौहान 18 या 19 अप्रैल को अपने मंत्रिमंडल का गठन कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि अभी मंत्रिमंडल का गठन छोटा हो सकता है। लॉकडाउन हटने के बाद मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं। शिवराज सिंह चौहान के सामने मंत्रिमंडल के गठन की सबसे बड़ी चुनौती ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के नेताओं को एडजस्ट करना है।


मंत्रिमंडल में ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे से कमलनाथ सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे तुलसी सिलावट और राजस्व मंत्री रहे गोविंद सिंह राजपूत को शामिल किया जा सकता है। वहीं, दूसरी तरफ भाजपा के वरिष्ठ नेताओं गोपाल भार्गव, नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह, रामपाल सिंह, विजय शाह, गौरीशंकर बिसेन और मीना सिंह को मंत्री बनाए जाने की चर्चा है।


इन्हें भी मिल सकता है मौकाःकांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए वरिष्ठ नेता बिसाहूलाल को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि छोटे मंत्रिमंडल में दलित कोटे से तुलसी सिलावट तो आदिवासी कोटे से बिसाहूलाल, मीना सिंह और विजय शाह को मौका मिल सकता है।


उपचुनाव पर भी नजरःमध्यप्रदेश की 24 सीटों पर उपचुनाव होना है। ऐसे में ये माना जा रहा है कि इन उपचुनावों को ध्यान में रखते हुए भी मंत्रिमंडल में नेताओं को जगह मिल सकती है। बताया जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बड़ा मंत्रिमंडल बनाए जाने की बात रखी है। वे अपने खेमे के छह पूर्व मंत्रियों तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रभुराम चौधरी, इमरती देवी और प्रद्युम्न सिंह तोमर को एक साथ मंत्री बनवाना चाहते हैं, ताकि वे क्षेत्र में चुनाव के लिए जा सकें। हालांकि मंत्रिमंडल का स्वरूप छोटा होगा या बड़ा इस पर अंतिम फैसला पार्टी हाई कमान को लेना है।


विपक्ष उठा रहा है सवालःमध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल नहीं होने के कारण विपक्ष शिवराज सिंह चौहान पर सवाल उठा रहा है। कांग्रेस के सीनियर लीडर और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने राष्ट्रपति को लेटर लिखा था। उन्होंने मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल नहीं होने पर राष्ट्रपति से मांग की थी कि मध्यप्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए। वहीं, दिग्विजय सिंह और कमलनाथ कह चुके हैं कि ऐसे संकट में मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य मंत्री तक नहीं है।


कोरोनाः चिकित्सकों ने बताएं नए लक्षण

नई दिल्ली। कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को सकते में डाल दिया है। इस लाइलाज बीमारी की दवा बनाने में दुनिया के बड़े-बड़े बैज्ञानिक भी नाकामयाब साबित हो रहे हैं। इसी बीच एक और चौकाने वाली खबर सामने आई है। अभी तक आप कोरोना वायरस के जिन लक्षणों के बारे में जानते थे, उनमें प्रमुख थे खांसी, बुखार, थकान, फ्लू, जुकाम। लेकिन अब यूरोप के डॉक्टरों ने कोरोना का इलाज करा रहे मरीजों में कोरोना वायरस का नया लक्षण देखा है। नए लक्षणों को खोजना हमेशा से एक कठिन काम रहा है। लेकिन इस बार यूरोपियन डॉक्टर्स ने ऐसा कर दिखाया है।
संक्रमित मरीज के पैरों में मिले छोटे-छोटे घाव
कोरोना के इन सामान्य लक्षणों के आलावा डॉक्टरों ने बताया था कि कोरोना वायरस से ग्रसित व्यक्ति की सूंघने की क्षमता कम या खत्म हो जाती है। लेकिन इस बार जो लक्षण बताया जा रहा है वह और भी ज्यादा भयावह है। यूरोप के डॉक्टरों ने इलाज करा रहे कोरोना के मरीजों के पैरों में छोटे-छोटे घाव को खोजा है। डॉक्टरों का कहना है कि हॉस्पिटल में भर्ती हो रहे ज्यादातर मरीजों के पैर में ये छोटे घाव देखने को मिल रहे हैं।
इस वायरस से संक्रमित मरीजों के पैरों की उंगलियों के ऊपर, बीच में या फिर पैर के तलवे में ये छोटे-छोटे लाल या गुलाबी रंग के घाव देखने को मिल रहे हैं। ये घाव मरीज के ठीक होते ही अपने आप गायब भी हो जा रहे हैं। फ़िलहाल इसके लिए अलग से उपचार की जरूरत नहीं पड़ रही है।
दीखते हैं ये लक्षण-
वहीं स्पेन के डॉक्टरों का कहना है कि यह कोरोना वायरस के होने का एक प्रमुख निशान है। इसे बीमारी आने से ठीक पहले का प्रमुख लक्षण माना जा सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि सबसे पहले पैर में अगर छोटे-छोटे लाल या गुलाबी घाव दिखने लगे तो समझ जाना चाहिए कि कोरोना वायरस का हमला होने वाला है। इसके ठीक बाद वो सारे लक्षण दिखने लगेंगे जो कोरोना वायरस के संक्रमण पर होते हैं।
यूरोप के डॉक्टरों का कहना है कि हम चाहते हैं कि इस लक्षण के बारे में पूरी दुनिया को पता चले। ताकि दुनियाभर के डॉक्टर सिर्फ खांसी, बुखार और सांस की दिक्कतों तक ही सीमित न रहें। डॉक्टरों के मुताबिक ये लक्षण यूरोप के ज्यादातर मरीजों में देखने को मिला है। जिन मरीजों में यह लक्षण दिखाई दिया है, वे सभी पुख्ता तौर पर कोरोना संक्रमित थे।
कोरोना महामारी की शुरुआत में विश्व स्वास्थ्य संगठन और सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने इसके लक्षणों पर एडवाइजरी जारी की थी। जिसके मुताबिक, बुखार, सांस लेने में तकलीफ, खांसी, सीने में तेज दर्द, चेहरा या होंठ नीला पड़ना, संक्रमण का लक्षण था। लेकिन पिछले 4 महीने में जो मामने सामने आए उसमें कई और लक्षण सामने आए, इसे समझना बेहद जरूरी है। अब पेट में दर्द महसूस होना, गंध या स्वाद का पता न चलना, लगातार सिरदर्द महसूस, पैर में जामुनी रंग का घाव होने पर इसे नजरअंदाज न करें और डॉक्टरी सलाह लें।


अर्थव्यवस्था संकट में जान फूंकेगा आरबीआई

नई दिल्ली। कोरोना वायरस महासंकट से जूझ रही अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए शुक्रवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से बड़े ऐलान किए गए। गवर्नर शक्तिकांत दास ने रिवर्स रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती का ऐलान किया, इसी के साथ बाजार में नकदी संकट ना आए इसके लिए भी 50 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त मदद की बात कही। क्रक्चढ्ढ की ओर से रिवर्स रेपो रेट में कमी करने से सीधी मदद आम लोगों को पहुंच सकती है, इस ऐलान से बैंकों के पास ज्यादा पैसा उपलब्ध होगा। ऐसे में बैंक आम आदमी को कर्ज दे सकेंगे। ऐसे में इस ऐलान के बाद बैंकों पर कर्ज पर ब्याज दर कम करने का दबाव होगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्रक्चढ्ढ गवर्नर ने कहा कि कोरोना संकट के बीच बैंक सभी हालात पर नजर रखे हुए है, कदम-कदम पर फैसले लिए जा रहे हैं। कोरोना संकट की वजह से जीडीपी की रफ्तार घटेगी, लेकिन बाद में ये फिर तेज रफ्तार से दौड़ेगी। रिजर्व बैंक की ओर से बड़ी राहत देते हुए रिवर्स रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की गई है, इसी के साथ अब ये 3.75 फीसदी हो गई है। क्रक्चढ्ढ गवर्नर की ओर से कहा गया कि बैंक की ओर से लगातार इस तरह के ऐलान किए जाएंगे, जो तबके हालात के आधार पर होंगे।


नकदी संकट को दूर करने के लिए बैंक की तरफ से बाजार में 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, ताकि नकदी में किसी तरह की कमी ना आए। इसके लिए ञ्जरुञ्जक्रह्र का ऐलान किया गया है। क्रक्चढ्ढ गवर्नर की ओर से कहा गया कि बैंकों की ओर से कर्ज मिलने में आम आदमी को कोई दिक्कत नहीं आएगी। इसके अलावा बैंक की ओर से नाबार्ड, एनएचबी, एनबीएफसी समेत अन्य क्षेत्रों में भी 50 हजार करोड़ की अतिरिक्त मदद दी जाएगी, ताकि नीचे तक मदद पहुंच सके।


शक्तिकांत दास ने कहा कि ढ्ढरूस्न ने इस बात का अनुमान लगाया है कि दुनिया में सबसे बड़ी मंदी आने वाली है, जो कि खतरे की घंटी है। कई देशों में आयात और निर्यात में भारी गिरावट देखने को मिली है। कोरोना संकट की वजह से भारत की त्रष्ठक्क 1.9 की रफ्तार से बढ़ेगी, त्र20 देशों में ये सबसे बेहतर स्थिति है। दुनिया में 9 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है। लेकिन जब कोरोना का दौर चला जाएगा तो भारत की जीडीपी एक बार फिर 7 से अधिक की रफ्तार से बढ़ेगी।


नाबार्ड, सिडबी और हाउसिंग फाइनेंस बैंक को मिली नकदी : आरबीआई गवर्नर ने कहा कि इकोनॉमी में ग्रोथ के लिए नाबार्ड को 25 हजार करोड़ रुपये, सिडबी को 15 हजार करोड़ रुपये और हाउसिंग फाइनेंस बैंक को 10 हजार करोड़ रुपये दिए जाएंगे। इससे एनबीएफसी, एमएसएमई, रियल एस्टेट को नकदी की किल्लत दूर होगी।


हृक्क्र नियमों में बैंक को राहत : आरबीआई गवर्नर ने एनपीए नियमों में बैंकों को 90 दिन की राहत दी है। मोरेटोरियम पीरियड में एनपीए को नहीं गिना जाएगा। त्र20 देशों में इंडिया की ग्रोथ सबसे बेहतर रहने का अनुमान : ष्टश1द्बस्र-19 महामारी के समय में मानवता की परीक्षा है। हमारा मिशन है किसी भी तरह मानवता को बचाना। इस माहौर में क्रक्चढ्ढ काफी एक्टिव है। लगभग हर दूसरे या तीसरे दिन क्रक्चढ्ढ कुछ नए ऐलान लेकर आया है। हम यह बतााना चाहते हैं कि आगे भी हम ऐसा करते रहेंगे। दास ने कहा, ढ्ढरूस्न के अनुमानों के मुताबिक, त्र20 देशों में इंडिया की ग्रोथ सबसे बेहतर रह सकती है। 2020 ग्लोबल इकोनॉमी के लिए सबसे बड़ी मंदी है।


मालगाड़ी के 4 डिब्बे पटरी से उतरे

कोरबा में दीपिका के पास मालगाड़ी के चार डिब्बे पटरी से उतरे


दुर्घटना से मालगाड़ी का यातायात हुआ बाधित


 गेंदलाल शुक्ला 


कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के दीपका नगर गुरुवार सुबह एक मालगाड़ी के चार डिब्बे पटरी से उतर गए जिससे रेल माल यातायात बाधित हो गई। कोरबा रेलवे स्टेशन के एक अधिकारी ने बताया कि दीपका रेलखंड  के समीप कोयले से भरे छह चार डिब्बे ‌पटरी से उतर गए। जिससे रेल यातायात बाधित हो गया। पर बहुत जल्द ठीक कर लिया जाएगा , गांधीनगर दीपका से लोड होकर जा रहे मालगाड़ी के डिब्बे पटरी से नीचे उतर गए। इसके कारण दीपका चौक आने जाने वाले मुख्य मार्ग में जाम की स्थिति निर्मित हो गई। मालगाड़ी जैसे ही बेपटरी हुई लोग कोयला बिनने के लिए उमड़ पड़े। और कोयला लूटने की होड़ मच गयी। अफरा-तफरी में सोशल डिस्टेंस का नहीं हो रहा है यहां भी पालन।


वीरान शहर और सुनी सड़केंः सीएम

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरोना के प्रति जागरूक करने वाला शानदार ट्वीट किया है। CMO छत्तीसगढ़ के ट्वीटर हैंडल पर उन्होंने राजधानी की चार अलग-अलग एंगल से ली गयी तस्वीर को पोस्ट किया है। तस्वीर में सुनसान सड़कें और वीरान पड़ा शहर नजर आ रहा है।टॉप एंगल से ली गयी तस्वीर में राजधानी के उन व्यस्तम प्वाइँट की तस्वीरें हैं, जहां कभी पैर रखने तक की जगह नहीं होती थी, लेकिन आज वहां कोरोना की वजह से वीरानी पसरी है। मुख्यमंत्री ने इस तस्वीर के साथ जो कैप्शन लिखा है, वो वाकई में दिल को छू लेने वाला है। उन्होंने लिखा है…मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरोना के खिलाफ युद्ध की संज्ञा दी है, जिसमें जंग के मैदान में बाहर नहीं निकलने वाला योद्धा ही जीतेगा। आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर, दुर्ग में अगले 72 घंटे के लिए पूर्ण लॉकडाउन घोषित किया गया है। सिर्फ दूध, दवाई और पेट्रोल पंप को छोड़कर सभी सेवाओं को बंद कर दिया गया है। यहां तक कि किराना और सब्जी दुकानें तक बंद हैं और बेवजह बाहर निकलने वालों पर पुलिस की कार्रवाई भी चल रही है।


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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


अप्रैल 18, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-251 (साल-01)
2. शनिवार, अप्रैल 18, 2020
3. शक-1942, वैशाख, कृष्ण-पक्ष, तिथि- एकादशी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 06:02,सूर्यास्त 06:51।


5. न्‍यूनतम तापमान 22+ डी.सै.,अधिकतम-37+ डी.सै.।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहींं है।


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गुरुवार, 16 अप्रैल 2020

बढ़ती जा रही है अंचल वन की आग

शिवम सिंह राजपूत



रतनपुरी। एक तरफ अंचल के लोग लॉक डाउन के कारण घरों में दुबके हुए हैं तो वहीं इसी बीच जंगलों में आग फैलती जा रही है और वन विभाग भी इस ओर से पूरी तरह लापरवाह नजर आ रहा है। हर साल गर्मी के मौसम में जंगलों में आग लग जाती है। इस बार भी रतनपुर के पास खैरा के सागौन प्लांटेशन में आग लगी हुई है और यह आग लगातार बढ़ती जा रही है , जिसने बहुत बड़े इलाके को अपनी जद में ले लिया है।


आसपास के ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने वन विकास निगम और डिप्टी रेंजर पी एन चौरे को भी इसकी सूचना दे दी है, लेकिन उन्होंने यहां झांकना तक जरूरी नहीं समझा । इस कारण यहां बेशकीमती सागौन के पेड़ जलकर नष्ट हो रहे हैं। वहीं आसपास के ग्रामीणों का आरोप है कि इस क्षेत्र में वन माफिया सक्रिय हैं, जिनके द्वारा भी सागौन की अवैध कटाई की जाती है और सबूत मिटाने इसी तरह जंगल में आग लगा दी जाती है। इससे जहां क्षेत्र का वन बर्बाद हो रहा है वही वन्य जीवन पर भी बुरा असर पड़ रहा है। शुरुआत में स्थिति नियंत्रण में नहीं की गई तो यह आग बेकाबू भी हो सकती है, लेकिन लॉक डाउन का बहाना कर अधिकारी लापरवाह बने हुए हैं।


 


चीन ने भेजी 5 लाख चिकित्सा किट

बीजिंग। चीन ने कोविड-19 वैश्विक महामारी से लड़ने में मदद के लिए भारत को बृहस्पतिवार को 5,00,000 कोरोना वायरस चिकित्सा किट्स भेजी। बीजिंग में भारत के दूत विक्रम मिस्री ने यहां पीटीआई-भाषा को बताया कि चीन से खरीदी जा रही 20 लाख से अधिक जांच किटों को अगले 15 दिनों में भारत भेजा जाएगा। मिस्री ने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया, ”रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट्स और आरएनए एक्सट्रैक्शन किट्स समेत कुल 500,000 किटों को आज तड़के ग्वांग्झू हवाईअड्डे से भारत के लिए भेजा गया।


कोरोना वायरस से करीब ढाई महीने तक जूझने के बाद चीन में कारखानों ने एक बार फिर काम शुरू कर दिया है और वह भारत समेत दुनियाभर में वेंटिलेटर और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों (पीपीई) समेत चिकित्सा सामान की भारी मांग को एक बड़े कारोबारी अवसर के तौर पर देख रहा है। चीन से इन सामान के आयात के लिये निजी और सरकारी कंपनियां दोनों ही ऑर्डर दे रही हैं। ऐसी जानकारी है कि चीन ने भारत में मौजूदा लॉकडाउन के दौरान सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में जांच बढ़ाने के उसके प्रयास के तौर पर पहले चिकित्सा किट्स की दो बड़ी खेप भेजीं।
भारत ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए बंद की अवधि तीन मई तक बढ़ा दी है। देश में इस बीमारी से 414 लोगों की मौत हुई है और 12,380 लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं।


मिस्री ने कहा कि भारतीय दूतावास, भारत में इन सामान को समय से पहुंचाने के लिए विमानों के समन्वय पर काम करने के अलावा वाणिज्यिक खरीद में सहयोग भी कर रहा है। मंगलवार को उन्होंने यहां मीडिया को बताया था कि भारत ने 30 लाख जांच किटों के अलावा कोविड-19 मरीजों का इलाज कर रहे चिकित्साकर्मियों के लिए चीन से 1.5 करोड़ निजी सुरक्षा उपकरण खरीदने का ऑर्डर दिया है। मिस्री ने कहा, ”मुझे लगता है कि हमारी जरूरतों को समय पर और सुचारू तरीके से तथा अनुमानित कीमत पर पूरा करना भारत-चीन संबंध के लिए सबसे अच्छा संकेत होगा। दुनिया के कई हिस्सों में कोरोना वायरस के फैलने के कारण चीनी चिकित्सा सामान की मांग बढ़ने पर चीन ने बुधवार को सभी देशेां से सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त चीन की प्रतिष्ठित कंपनियों से इन सामान का आयात करने के लिए कहा तथा जालसाजी में शामिल लोगों को सजा देने की बात कही।


उत्पादों की गुणवत्ता के बारे में कई देशों के चिंता जताए जाने के बारे में सवालों का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजान ने यहां मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि चीन सरकार व्यवस्थित निर्यात को प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने कहा, ”हम आशा करते हैं कि विदेशी खरीददार उन कंपनियों के उत्पादों को चुनेंगे जिन्हें अच्छे उत्पाद की विश्वसनीयता के लिये चीनी नियामक से मान्यता प्राप्त है। उन्होंने कहा, ”हाल ही में कई देशों ने चीन से मेडिकल सामग्री खरीदी है। अपनी घरेलू जरूरतों को पूरा करते हुए हम विश्वसनीयता वाली कंपनियों और उत्पादों के निर्यात के मामले में प्रतिष्ठित कंपनियों की सहायता कर रहे हैं।


पुलिस पर हमले के 17 आरोपी अरेस्ट

मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद ज़िले में कोरोना संक्रमित व्यक्ति के परिवार को क्वारंटीन करने के लिए पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम पर हमला करने के आरोप में 17 लोगों को गिरफ़्तार कर लिया गया है।


मुरादाबाद कोरोना टीम हमला
इन 17 लोगों के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 188, 269, 270, 332, 353, 307 और दूसरी अन्य कई धाराओं के तहत अभियोग दर्ज किया गया है। यह हमला तब हुआ जब स्वास्थ विभाग की टीम संक्रमित शख़्स के परिवार को क्वारंटीन करने के लिए पहुंची थी। हमले में डॉक्टर, एंबुलेंस चालक समेत कई पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई हैं। मुरादाबाद के पुलिस अधीक्षक अमित पाठक ने बताया, “नागफनी थाना क्षेत्र के हॉटस्पॉट में बुधवार दोपहर पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम पर महिलाओं और कुछ लोगों ने पथराव कर दिया। स्वास्थ्य टीम पुलिस को साथ लेकर दो दिन पहले हुई कोरोना पॉजिटिव कारोबारी की मौत के बाद उसके परिवार और आस-पड़ोस के सदस्यों को क्वारंटीन करने गई थी। घटना की सूचना मिलते ही अधिकारी पहुंच गए। हालांकि हमले उसके बाद भी होते रहे. फ़िलहाल स्थिति नियंत्रण में है।”


बताया जा रहा है कि हमले में घायल डॉक्टर और एंबुलेंस चालक की हालत गंभीर बनी हुई है। नागफनी थाना प्रभारी और उनके साथियों को भी कई पत्थर लगे हैं। पथराव में एबुलेंस और पुलिस जीप भी क्षतिग्रस्त हो गई हैं। घायलों को ज़िला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लेते हुए दोषियों के ख़िलाफ़ राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।


बताया जा रहा है कि नागफनी थाना क्षेत्र के नवाबपुरा निवासी एक पीतल कारोबारी की दो दिन पहले तीर्थंकर मेडिकल विश्वविद्यालय अस्पताल में मौत हो गई थी। मृत व्यक्ति कोरोना पॉज़िटिव था। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने परिवार और आस-पास के 53 लोगों की सैंपलिंग की जिसमें से 17 लोग कोरोना पॉज़िटिव पाए गए। इसके बाद इस क्षेत्र को हॉटस्पॉट घोषित कर दिया गया और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने घर-घर जाकर लोगों की जांच कर रही थी। इसी बीच मृतक के भाई की भी अचानक हालत बिगड़ गई जिसे होम क्वारंटीन किया गया था।बुधवार दोपहर करीब 12 बजे डॉक्टर एससी अग्रवाल के नेतृत्व में पांच सदस्यों की टीम पुलिस को साथ लेकर नवाबपुरा इलाके में पहुंची थी।


मुरादाबाद कोरोना टीम हमला
एक प्रत्यक्षदर्शी ने नाम न छापने की शर्त पर बीबीसी को बताया, “कुछ लोगों ने यह ख़बर फैलाई कि मेडिकल टीम कारोबारी के परिवार के साथ-साथ पड़ोस के लोगों को भी क्वारंटीन करने के लिए लेने आई है। टीम को देखकर महिलाएं भड़क गईं और उन्होंने एक भी सदस्य को टीम के साथ जाने नहीं दिया। इसी बीच नागफनी थाना प्रभारी सुनील कुमार भी अपनी टीम के साथ पहुंच गए। इस पर वहां मौजूद महिलाओं ने पथराव शुरू कर दिया।”


घटना की सूचना मिलने पर डीएम राकेश कुमार सिंह और एसएसपी अमित पाठक, एसपी सिटी अमित आनंद समेत शहर के तमाम आला अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ वहां पहुंचे और घायलों को अस्पताल भिजवाया। पुलिस और प्रशासन के बड़े अधिकारियों की मौजूदगी में भी काफ़ी देर तक रुक-रुक कर पत्थरबाज़ी होती रही। एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि हमलावरों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है कि और जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है उनसे पूछताछ की जा रही है। इलाक़े में भारी मात्रा में पुलिस बल और पीएसी को तैनात किया गया है।


9 दिनों में मौतों का आंकड़ा '30 हजार'

न्यूयॉर्क। दुनिया में कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका में महज नौ दिनों में मरने वालों का आंकड़ा दस हजार से बढ़कर तीस हजार हो गया है। देश में संक्रमित लोगों की संख्या भी साढ़े छह लाख के करीब पहुंच गई है। इसके बावजूद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि अमेरिका में महामारी का सबसे बुरा दौर बीत चुका है और जल्द ही वह राज्यों के गवर्नरों के साथ चर्चा कर अर्थव्यवस्था को दोबारा खोलने के लिए दिशा-निर्देश जारी करेंगे।


हालांकि लोग कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बढ़चढ़ कर हिस्‍सा ले रहे हैं। अमेरिका में कोरोना संक्रमण से उबर चुके हजारों लोग प्लाज्मा दान करने के लिए कतारों में देखे जा रहे हैं। 68 हजार से ज्यादा मौतों का अनुमानः समाचार एजेंसी रायटर के अनुसार, अमेरिका में बुधवार को कोरोना से जान गंवाने वालों की संख्या 30 हजार 400 हो गई। देश में इस महामारी से पहली मौत 29 फरवरी को हुई थी और दस हजार के आंकड़े तक पहुंचने में 38 दिन लगे थे। लेकिन महज नौ दिनों में ही यह आंकड़ा दस से तीस हजार के स्तर पर पहुंच गया। वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के मॉडल के आधार पर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि अमेरिका में अगस्त की शुरुआत तक 68 हजार से ज्यादा लोग दम तोड़ सकते हैं। ह्वाइट हाउस भी कई बार इस मॉडल का हवाला दे चुका है।


40 करोड़ के सामने बेरोजगारी संकट

कोरोना वायरस आज नहीं तो कल दुनियाभर में खत्म हो ही जाएगा लेकिन उसके असर दुनियाभर की अर्थव्यवस्था पर इतना भयानक पड़ेगा जिसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है। अंतराष्ट्रीय श्रम संगठन के मुताबिक भारत में करीब 40 करोड़ लोग इस महामारी के चलते बेरोजगार हो सकते हैं। अंतराष्ट्रीय श्रम संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक 2020 की दूसरी तिमाही में देशभर में करीब 19 करोड़ लोगों की नौकरियां जाएगी।


नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण ने भले ही आज दुनिया को हिला रखा हो लेकिन दुनिया को इसका असर कई सालों तक देखने को मिलेगा। खास तौर पर गरीब और मध्यम वर्ग पर कई सालों तक कोरोना की मार पड़ने वाली है। सभवत: आने वाले दिनों में कोरोना के मुकाबले दुनियाभर में गरीबी और भुखमरी से कहीं ज्यादा मौत होगी। क्योंकि भारत में असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों की संख्या कहीं ज्यादा है, ऐसे में भारत में बड़ी संख्या में भुखमरी की आशंका जताई गई है। अंतराष्ट्रीय श्रम संगठन के मुताबिक कोरोना संक्रमण की वजह से भारत में अंसगठित क्षेत्रों में काम करने वाले करीब 40 करोड़ लोग गरीबी और भुखमरी के शिकार होने की संभावना है। यही नहीं अंतराष्ट्रीय श्रम संगठन के मुताबिक 2020 की दूसरी तिमाही में देशभर में करीब 19 करोड़ लोगों की नौकरियां जाएगी।


आईओएल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दूसरे विश्वयुद्ध के बाद कोरोना दुनिया के सामने सबसे बड़ी मुसीबत बनकर आई है। आईएलओ के डायरेक्टर गाय रायडर के मुताबिक मंदी का दौर विकसित और विकासशील दोनों देशों में एकसमान देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामंदी को रोकने के लिए वैश्विक स्तर पर प्रयासों की जरूरत है और अगर वो नहीं लिए गए तो दुनियाभर में महामंदी आएगी। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि पूरी दुनिया में असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले करीब दो अरब लोग हैं जिनके सामने कोरोना के बाद जीविका की समस्या पैदा हो जाएगी।


आईएलओ की रिपोर्ट में जिन देशों का नाम खास तौर पर लिया गया है उनमें भारत का भी नाम शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया है कोरोना के चलते लॉकडाउन की वजह से भारत, नाईजीरिया, ब्राजील जैसे देशों में असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूरों की हालत बेहद खराब और चिंताजनक होने वाली है। रिपोर्ट में भारत को लेकर कहा गया है कि भारत की 90 फीसदी आबादी अंसगठित क्षेत्र से जुड़ी हुई है और ऐसे में इनमें से करीब 40 करोड़ लोगों को गरीबी और बेरोजगारी का सामना करना पड़ सकता है।


कांग्रेस ने सिर्फ 'भारत' को डराने का काम किया

कांग्रेस ने सिर्फ 'भारत' को डराने का काम किया  इकबाल अंसारी  कंधमाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस ...