सोमवार, 13 अप्रैल 2020

इंदौर में 22 नए संक्रमित, कुल 328

इंदौर। शहर में सोमवार सुबह 22 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं। इसको मिलाकर संक्रमितों की संख्या 328 हो गई है। एक मरीज की मौत हो गई है इसको मिलाकर मरने वालों की संख्या 33 हो गई है। सीएमएचओ डॉ प्रवीण जड़िया ने इसकी पुष्टि की। उधर रविवार को विशेष विमान से 11 सौ से अधिक सैंपल दिल्ली भेजे गए हैं, देर रात तक इसकी रिपोर्ट आ सकती है। जिले में बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए कोविड 19 अस्पतालों की संख्या बढ़ाई जा रही है।
इसके पहले रविवार को जांचे गए 159 सैंपल में से इंदौर के आठ मरीज पॉजिटिव मिले थे। रविवार सुबह दो और मरीजों की एमआरटीबी अस्पताल में मौत हो गई। रविवार को जिन दो मरीजों की मौत हुई, उनमें सोमनाथ की चाल निवासी 65 वर्षीय और मोती तबेला निवासी 70 वर्षीय वृद्ध शामिल हैं। सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जड़िया ने इसकी पुष्टि की।
दवा व्यापारी भी पॉजिटिव
रिपोर्ट के अनुसार इंदौर में मिले पॉजिटिव मरीजों में बॉम्बे अस्पताल की 23 वर्षीय नर्स और एक दवा व्यापारी शामिल हैं। एक दिन पहले ही इसी अस्पताल से एक डॉक्टर और एक नर्स कोरोना पॉजिटिव आए थे। इनके अलावा नयापुरा, सिद्धार्थ नगर, रतलाम कोठी, अंबिकापुरी और ब्रह्मबाग कॉलोनी से एक-एक मरीज मिले हैं। दो मरीज खरगोन और एक मरीज धार से भी पॉजिटिव सामने आया है।
13 मरीज गंभीर
सीएमएचओ के अनुसार कुल मरीजों में से 226 की हालत स्थिर है, जबकि 13 गंभीर हैं। अब तक 32 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं 35 मरीजों को स्वस्थ्य होने पर डिस्चार्ज किया जा चुका है।


एमजीएम मेडिकल कॉलेज पहुंचे 600 नए सैंपल
रविवार को पॉजिटिव मरीज मिलने की संख्या में कमी आई है, लेकिन सैंपल की संख्या में कमी नहीं आई। एमवाय अस्पताल की ओपीडी में शाम तक 79 मरीजों की जांच की गई। इनमें 27 संदिग्ध मरीजों के सैंपल लिए गए। अब तक कुल 600 सैंपल लिए गए हैं। इनमें से 478 सैंपल इंदौर से आए हैं।


देश में कोरोना के कुल 2,006,212 टेस्ट

नई दिल्ली। भारत में विदेशी नागरिकों सहित कोरोना वायरस महामारी से संक्रमित होने वालों की संख्या सोमवार (13 अप्रैल) को बढ़कर 9152 हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। मंत्रालय ने सोमवार को जारी आंकड़ों में कहा कि देश में कोविड-19 संक्रमण के चलते 308 मौतें हुई हैं और वर्तमान में कुल 7987 व्यक्ति महामारी से संक्रमित हैं। वहीं, पिछले 24 घंटे में कोरोना के 796 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 35 लोगों को इस वायरस की वजह से अपनी जान गंवानी पड़ी है और 141 लोग स्वस्थ हुए हैं। और अब तक कुल 857 (1 माइग्रेटेड) मरीज इस बीमारी से ठीक हो चुके हैं।


मंत्रालय ने ने कहा, “महाराष्ट्र में सबसे अधिक 149 मौतें हुई हैं, जबकि मध्यप्रदेश में 36 लोगों को इस वायरस ने लील लिया है। वहीं, गुजरात में संक्रमण के चलते 25 और पंजाब व दिल्ली में क्रमशः 11 और 24 लोगों की जान गई है।” देश के 27 राज्य और सभी केंद्र शासित प्रदेशों में से कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे अधिक मामले 1985 महाराष्ट्र से ही आए हैं। इसके बाद 1154 मामलों के साथ दिल्ली दूसरे, जबकि 1043 मामलों के साथ तमिलनाडु तीसरे स्थान पर है।


गौरतलब है कि भारत में कोरोनावायरस की रोकथाम के मद्देनजर केंद्र सरकार द्वारा 24 मार्च की मध्यरात्रि से 21 दिनों का राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन घोषित किया गया है। कल तक हमने के लिए 2,06,212 टेस्ट किए हैं, हमारे पास अभी अगले 6 सप्ताह के लिए टेस्टिंग का स्टॉक है: रमन आर. गंगाखेडकर, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद


सभी ट्रकों और गुड्स कैरियर की इंटर स्टेट या इंट्रा स्टेट की आवाजाही पर कोई रोक नहीं है। चाहे आवश्यक वस्तु या किसी भी तरह का सामान ट्रांसपोर्ट हो रहा हो। ट्रक में ड्राइवर और उसके साथ एक व्यक्ति को मंजूरी दी गई है: गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव, पुण्य सलिला श्रीवास्तव


राजस्थान में 43 और लोग संक्रमित पाए गए। अब राज्य में पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या बढ़कर 847 हो गई है। नए मामलों में 20 केस जयपुर से, 11 भरतपुर से और 7 जोधपुर से है: राज्य स्वास्थ्य विभाग


असम में अब तक 3209 नमूने टेस्ट किए गए हैं। लगभग 85,582 PPE (पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट) मास्क और 56 लाख से अधिक ट्रिपल-लेयर्ड मास्क हमारे पास हैं: असम के स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा 


कर्नाटक में 15 नए मामलों की पुष्टि हुई।अब राज्य में पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 247 है,जिसमें 6 मौतें और 59 डिस्चार्ज शामिल है। 15 नए मामलों में से 13 कॉन्टैक्ट हिस्ट्री,1 दिल्ली की यात्रा किया हुआ है और 1 में गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण का इतिहास है।


राज्य में 82 नए केस(मुबंई में 59 केस सहित)सामने आए हैं।अब राज्य में पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या बढ़कर 2064 हुई: महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग


कोरोना वायरस के मामलों में एक बार फिर से बढोतरी हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अभी तक देश में कोरोना के 9,152 मरीज मिल चुके हैं। इसके अलावा 308 लोगों की मौत हुई है।


308 की मौत, 9152 लोग संक्रमित

नई दिल्ली। देश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार तेजी से बढ़ते दिख रहे हैं। हालांकि इनमें से अधिकतर केस कुछ राज्यों में ही बढ़े हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि पिछले 14 दिनों में देश के 15 राज्यों के 25 ऐसे जिले हैं जिन्होंने कोरोना को काबू कर लिया है। इन जिलों में 14 दिनों से एक भी नया मरीज नहीं मिला है।


स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, गोवा, केरल, मणिपुर, जम्मू-कश्मीर, मिजोरम, पुडुचेरी, पंजाब, बिहार, राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड और तेलंगाना के कुछ जिलों में पिछले 14 दिनों में कोरोना का कोई संक्रमित नहीं मिला है, जबकि इससे पहले इन जिलों में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए थे।


15 राज्यों के इन जिलों में कोरोना पर जीत


राज्य जिले
महाराष्ट्र गोंदिया
छत्तीसगढ़ राजनंद गांव, दुर्ग बिलासपुर
कर्नाटक देवनगीरी, कोडुगू, तुंगुरु और उडूपी
गोवा साउथ गोवा और गोवा
केरल वायनाड और कोट्टयम
मणिपुर वेस्ट इम्फाल
जम्मू कश्मीर राजौरी
मिजोरम आइजोल वेस्ट
पुडुचेरी माहे
पंजाब एसबीएस नगर
बिहार नालंदा, पटना, मुंगेर
राजस्थान प्रतापगढ़
हरियाणा पानीपत, रोहतक, सिरसा
उत्तराखंड पौढ़ी गढ़वाल
तेलंगाना मदरागुड़ी, कोरागूडम
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को जारी आंकड़ों में कहा कि देश में अब तक 9152 लोग संक्रमित हो चुके हैं। कोविड-19 संक्रमण के चलते 308 मौतें हुई हैं और वर्तमान में कुल 7987 व्यक्ति महामारी से संक्रमित हैं। पिछले 24 घंटे में कोरोना के 796 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 35 लोगों को इस वायरस की वजह से अपनी जान गंवानी पड़ी है और 141 लोग स्वस्थ हुए हैं। अब तक कुल 857 (1 माइग्रेटेड) मरीज इस बीमारी से ठीक हो चुके हैं।


पेट्रोल उत्पादक में भारी कमी, चिंता

नई दिल्ली। सरकारी तेल कंपनियां केंद्र सरकार के निर्देश पर देश भर में उज्ज्वला योजना को आगे बढ़ाने में जोर-शोर से लग गई हैं। लेकिन लॉकडाउन की वजह से जिस तरह से पेट्रोल व डीजल की मांग घट रही है उससे चिंता बढ़ती जा रही है। लॉकडाउन के चलते वाहनों के रोड से हटने और औद्योगिक गतिविधियों के ठप होने से हर तरह की ऊर्जा की मांग कम हो गई है।


सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मार्च, 2020 में पेट्रोल की मांग में 16.3 फीसद और डीजल में 24 फीसद की गिरावट हुई है। जबकि अप्रैल के महीने में अभी तक के आंकड़े बताते हैं कि उक्त दोनों उत्पादों की मांग में गिरावट 70 फीसद तक की है। इसी तरह से बिजली की मांग भी 30-35 फीसद तक घट गई है। तेल कंपनियों के सूत्रों का कहना है कि पिछले कई दशकों के बाद ऐसा माहौल बना है कि पेट्रोल व डीजल की मांग में अचानक दो-तिहाई की गिरावट हो गई है। ऐसे में क्रूड आवक से लेकर तैयार उत्पादों के स्टॉक प्रबंधन तक नए सिरे से तैयारी करनी पड़ रही है। एक समस्या क्रूड यानी कच्चा तेल प्रबंधन को लेकर आ रही है। बिक्री नहीं होने की वजह से रिफाइनरियों में तैयार उत्पाद का स्टॉक बहुत ही ज्यादा है, ऐसे में नए क्रूड का स्टॉक लेने की उनकी क्षमता कम हो गई है।


हालांकि तेल कंपनियों के पास पहले से जो क्रूड है उसे देश के रणनीतिक भंडार में ट्रांसफर करने की तैयारी हो रही है। लेकिन यह काम भी काफी कठिन है क्योंकि इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम व भारत पेट्रोलियम की रिफाइनरियां देशभर में हैं। जबकि तीनों रणनीतिक भंडार मेंगलुरु, विशाखापत्तनम व पुडूर में हैं। रिफाइनरियों से क्रूड को इन भंडारों तक पहुंचाने में समय लगेगा। लेकिन इससे तेल कंपनियों के पास कुछ जगह खाली हो सकती है जिसे वे सस्ते क्रूड खरीदकर भर सकती हैं। पेट्रोल व डीजल की मांग में कमी होने की भरपाई तेल कंपनियां एलपीजी की मांग से कर रही हैं। कोरोना वायरस के कारण जारी लॉकडाउन के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने एलान किया था कि उज्ज्वला योजना के सभी लाभार्थियों को तीन एलपीजी सिलेंडर दिए जाएंगे। ऑयल कंपनियां इस काम में जुट गई हैं। अभी तक के आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल में 1.26 करोड़ एलपीजी सिलेंडर की बुकिंग हुई है जिसमें से 85 लाख सिलेंडर की आपूर्ति की जा चुकी है।


केरलः 1 दिन में 36 मरीज ठीक

नई दिल्ली। कोरोना वायरस से दो हफ्ते पहले तक सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में से एक केरल में कोविड-19 की रफ्तार सुस्त पड़ गई है। रविवार को राज्य में एक हीं दिन में 36 मरीज ठीक होने के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज हो गए जबकि सिर्फ 2 नए मरीज सामने आए। राज्य में कोरोना वायरस के अब तक 374 मरीज मिले हैं, इनमें से लगभग आधे यानी 179 मरीज पूरी तरह ठीक भी हो चुके हैं जबकि 2 की मौत हुई है। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने यह जानकारी दी। 
केरल  में एक दिन में ठीक हुए रोगियों की यह सबसे बड़ी संख्या है। अबतक केवल दो नये मामले सामने आए हैं। कन्नूर और पथनमथिट्टा जिले में एक-एक व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है। ये दोनों हाल ही में विदेश से लौटे थे। राज्य में कुल 179 लोग ठीक हो चुके हैं। केरल में 194 लोग अब भी कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। 


शैलजा ने एक विज्ञप्ति में कहा, ''आज ठीक हुए 36 रोगियों में से कासरगोड के 28, मलप्पुरम के छह और कोझिकोड़ तथा इडुक्की जिले का एक-एक व्यक्ति शामिल है। फिलहाल विभिन्न अस्पतालों में 194 रोगियों का इलाज चल रहा है। केरल में कम से कम 179 लोग ठीक हो गए हैं।'' 
उन्होंने कहा कि पथनमथिट्टा में संक्रमित पाया गया व्यक्ति हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात के शारजाह से जबकि कन्नूर का निवासी दूसरा व्यक्ति दुबई से लौटा था। राज्य में अबतक 14,989 लोगों के नमूनों को जांच के लिये भेजा गया है।
इस बीच केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन का कहना है कि लॉकडाउन को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाना चाहिए और 14 अप्रैल के बाद केंद्र के आदेशानुसार केरल हर प्रतिबंध का पालन करने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई चर्चा का विवरण देते हुए विजयन ने कहा कि उन्होंने विभिन्न देशों में लॉकडाउन के कारण फंसे केरलवासियों को वापस लाने के लिए विशेष उड़ानों के संचालन के लिए केंद्र के हस्तक्षेप की मांग की। 
विजयन के अनुसार प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि हमें आने वाले हफ्तों में और अधिक सावधान रहने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘केंद्र के आधिकारिक निर्णय की घोषणा होना बाकी है। राज्य उसके अनुसार निर्णय लेगा। हमारी राय में कुछ जिलों को प्रतिबंध की आवश्यकता है लेकिन कुछ को आवश्यकता नहीं है। इसलिए देश में लॉकडाउन पर केंद्र सरकार के फैसले का इंतजार करें और हम उसी के मुताबिक काम करेंगे।” 
मुख्यमंत्री ने कहा कि केरल में अधिक जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों में अनियंत्रित सार्वजनिक यात्रा की अनुमति देने से सामुदायिक प्रसार की संभावना उत्पन्न हो सकती है। उन्होंने कहा कि केरल के सात हॉटस्पॉट (संक्रमण से बुरी तरह प्रभावित क्षेत्र) कासरगोड, कन्नूर, कोझीकोड, मलप्पुरम, त्रिशूर, एर्णाकुलम और तिरुवनंतपुरम में 30 अप्रैल तक प्रतिबंध जारी रखने का भी सुझाव दिया गया।


रमजानः घर पर पढ़े नमाज, रखे रोजा

नई दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कोरोना के कहर को देखते हुए संभवत: 24 अप्रैल से शुरू हो रहे रमजान के पवित्र महीने के दौरान भारतीय मुसलमानो को लॉकडाउन के दिशा निदेर्शों एवं सामाजिक दूरी का पूरी ईमानदारी से पालन करते हुए अपने-अपने घरों पर ही इबादत करने का अनुरोध किया।
राज्यों के वक्फ बोर्डों की रेगुलेटरी बॉडी (नियामक संस्था) केन्द्रीय वक्फ परिषद के अध्यक्ष नकवी ने बताया कि राज्यों के विभिन्न वक्फ बोडोर्ं के तहत देश भर में 7 लाख से ज्यादा पंजीकृत मस्जिदें,ईदगाहें, इमामबाड़े,दरगाहें एवं अन्य धार्मिक संस्थान आते हैं। ज्ञात हो कि कोरोना के कहर के चलते सऊदी अरब सहित अधिकांश मुस्लिम देशों ने रमजान पर धार्मिक स्थलों पर इबादत, इफ्तार आदि पर रोक लगा दी है। 
उन्होंने बताया कि विभिन्न धर्मगुरुओं, सामाजिक-धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों, राज्य वक्क बोर्ड के अधिकारियों-पदाधिकारियों से बात करने के बाद उनसे अपील की है, कि धार्मिक-सामाजिक संगठन एवं धर्मगुरु यह सुनिश्चित करें कि रमजान के महीने में मस्जिदों एवंअन्य धार्मिक स्थलों की जगह लोग अपने-अपने घरों पर रमजान की धार्मिक जिम्मेदारियों को पूरा करें।
नकवी ने बताया कि केन्द्रीय वक्फ परिषद के माध्यम से सभी राज्य वक्फ बोडोर्ं को निर्देशित किया गया है कि रमजान के पवित्र महीने में लॉकडाउन एवं सोशल डिस्टेंसिंग के दिशा-निदेर्शों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराये, किसी भी तरह से किसी भी धार्मिक स्थल पर लोगों के इकट्ठा होने से रोकने के प्रभावी उपाय करने होगें, सभी धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों एवं लोगों को स्थानीय प्रशासन की इस कार्य में मदद लेनी एवं देनी चाहिए।


उन्होंने कहा कि 08-09 अप्रैलको शब-ए-बारात के पवित्र मौके पर राज्य वक्फ बोडोर् के अतिसक्रिय प्रयासों और सामाजिक एवं धार्मिक लोगों के सकारात्मक कोशिशों से भारतीय मुसलमानों ने शब-ए-बारात के मौके पर अपने घरों पर ही इबादत और अन्य धार्मिक कार्यो को पूरा किया। शब-ए-बारात पर भारतीय मुसलमानों ने कोरोना के कहर को ध्यान में रखकर लॉकडाउन एवं सोशल डिस्टेंन्सिंग का जिस ईमानदारी के साथ पालन किया वह सराहनीय है। नकवी ने कहा कि कोरोना की चुनौती को ध्यान में रखकर देश के सभी मन्दिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों, चचोर्ं एवं अन्य धार्मिक स्थलों पर होने वाले धार्मिक कार्यक्रम पूरी तरह रोक दिये गये हैं एवं लॉकडाउन एवं सोशल डिस्टेंन्सिंग का प्रभावी ढ़ंग से पालन किया जा रहा है।



  1. उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान में भी लाखों मस्जिद, दरगाहें, इमामबाड़े, ईदगाहे, मदरसे एवं अन्य धार्मिक स्थल हैं जहां रमजान के पवित्र महीने में इबादत, तराबी,इफ़्तार आदि का आयोजन होता है, जहाँ बड़ी संख्या में लोगों के इकट्ठा होने की परम्परा रही है। नकवी ने कहा कि राज्य वक्फबोर्डों, धार्मिक-सामाजिक संगठनों एवं अन्य बुद्धिजीवियों को घरों में ही रहकर सोशल डिस्टेंन्सिंग का पालन करना चहिए।


महामारी कानून 1897 व धारा 188

जनता कर्फ्यू और उसके बाद से जारी लॉकडाउन में हम कई कानूनी धाराएं और भाषाएं सुन रहे हैं। आइये आप भी जानिए क्या है ये प्रमुख धाराए और उनमें निहित सजा।


क्या है धारा 188
कोरोना वायरस से लड़ने के लिए लॉकडाउन महामारी कानून ( Epidemic Diseases Act, 1897) के तहत लागू किया गया है। इस संबंध में किसी सरकारी कर्मचारी द्वारा दिए निर्देशों का उल्लंघन करने पर भी आपके खिलाफ ये धारा लगाई जा सकती है। यहां तक कि किसी के ऊपर ये धारा लगाने व कानूनी कार्रवाई करने के लिए ये भी जरूरी नहीं कि उसके द्वारा नियम तोड़े जाने से किसी का नुकसान हुआ हो या नुकसान हो सकता हो।
क्या है सजा


1- आपके द्वारा सरकार के आदेश का उल्लंघन किए जाने से मानव जीवन, स्वास्थ्य या सुरक्षा, आदि को खतरा होता है, तो कम से कम 6 महीने की जेल या 1000 रुपए जुर्माना या दोनों। दोनों ही स्थिति में जमानत मिल सकती है।


2- सरकार या किसी अधिकारी द्वारा दिए गए आदेशों का उल्लंघन करते हैं, या आपसे कानून व्यवस्था में लगे शख्स को नुकसान पहुंचता है, तो कम से कम एक महीने की जेल या 200 रुपए जुर्माना या दोनों।


धारा 271ः भारतीय दंड संहिता की धारा 271, क्वारंटाइन के नियम की अवज्ञा (Disobedience) से सम्बंधित प्रावधान है। यह एक वह प्रावधान है, जो जब लॉकडाउन ऑपरेशन में हो, तब लागू हो सकता है। आमतौर पर क्वारंटाइन का तात्पर्य, एक अवधि, या अलगाव के एक स्थान से है, जिसमें लोग या जानवर, जो कहीं ओर से आए हैं, या संक्रामक रोग के संपर्क में आए हैं, उन्हें रखा जाता है।


क्या है सजाः इस प्रावधान के तहत, छह महीने तक का कारावास या जुर्माने या दोनों से दंडित किया जा सकता है। भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 271 के अंतर्गत यह कहा गया है कि, यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर नियम की अवज्ञा करता है, जिसके तहत, कुछ स्थानों को, जहां कोई इन्फेक्शस फैला है, उसे अन्य स्थानों से अलग किया जाता है, तो ऐसा व्यक्ति, इस प्रावधान के तहत दोषी ठहराया जा सकता है।


धारा 269ः इसी प्रकार भारतीय दंड संहिता में अन्य दांडिक प्रावधान भी है जैसे धारा 269, इस धारा के अनुसार यदि कोई व्यक्ति अवैधानिक तरीके से अथवा लापरवाही पूर्वक ये जानते हुए ऐसा कृत्य करता है जिससे किसी जानलेवा बीमारी के फैलने का खतरा हो सकता है तो यह दंडनीय अपराध है।


क्या है सजाः छः माह तक की जेल या जुर्माना या दोनों से दंडनीय है।


धारा 270ः इसके अंतर्गत कोई व्यक्ति द्वेषतापूर्वक ऐसा कोई कृत्य करता है ये जानते हुए की ऐसा करने से कोई जानलेवा बीमारी फैलेगी तो यह दंडनीय अपराध है। परंतु यह कृत्य द्वेषतापूर्वक किया जाना पाए जाने पर ही मामला बनता है अन्यथा नहीं।


दो वर्ष की जेल और जुर्माना या दोनों से दंडनीय है।


धारा 144 कैसे अलग है कर्फ्यू सेः धारा 144 लगने का मतलब है कि किसी जगह पर पांच या उससे ज्यादा लोग एक साथ जमा नहीं हो सकते। आप अकेले हैं तो आ जा सकते हैं लेकिन कर्फ्यू में ऐसा नहीं है। अगर किसी जरूरी काम से निकलना होगा तो पुलिस से अनुमति लेनी होगी।


क्या है सजाः उल्लंघन करने पर धारा 188 भारतीय दंड विधान के अंतर्गत केस दर्ज किया जाता है। सजा छः माह तक कारावास अथवा एक हजार रुपये तक जुर्माना अथवा दोनों।


जेल में खूनी संघर्ष,1 कैदी की हत्या

मुकेश कुमार


हल्द्वानी। लॉक डाउन के बीच हल्द्वानी जेल से खूनी संघर्ष की खबर आ रही है जहां हल्द्वानी जेल में बंद दो कैदी आपस में भिड़ गए इस खूनी संघर्ष में एक कैदी की हत्या कर दी गई कैदियों के बीच संघर्ष की खबर के बाद जेल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। आनन-फानन में जेल प्रशासन ने एक कैदी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है। बताया जा रहा है कि रविवार की रात जब कैदी बैरिक में टीवी देख रहे थे तो छेड़खानी के आरोप में जेल में बंद कैदी आलोक नेगी और डकैती के आरोप में जेल में बंद सानू के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया, जिसके बाद गुस्साए कैदी आलोक नेगी ने कैदी सानू को अपने घुसे से कई बार मुंह पर और छाती पर वार किए। जिसके बाद कैदी सानू गश खाकर गिर पड़ा।


इस घटना की जानकारी कैदियों ने जेल प्रशासन को दी तो मौके पर पहुंचे जेल प्रशासन ने तत्काल घायल कैदी सानू को अस्पताल पहुंचाया जहां उसे चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया जिसके बाद जेल प्रशासन द्वारा छेड़खानी के आरोप में बंद दमुआढ़ूंगा निवासी कैदी आलोक नेगी के ऊपर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है। वहीं मृतक कैदी बाजपुर का रहने वाला है वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज आर्या का कहना है कि मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद उसका शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा फिलहाल जेल में हुई इस वारदात के बाद पूरे शहर में सनसनी फैली है।


डीएम ऑफिस, सोशल डिस्टेंसिंग का सच

बरेली। लॉकडाउन 30 अप्रैल तक बढ़ने की आशंका को देखते हुए अब लोग लॉकडाउन में फंसे अपनों को घर लाने के लिए परेशान हो गए हैं। ई-पास व्यवस्था गड़बड़ होने पर लोग पास बनवाने के लिए कलेक्ट्रेट के चक्कर लगा रहे हैं। सोमवार को पास बनवाने के लिए अपर जिलाधिकारी प्रशासन के कार्यालय में काफी भीड़ रही। सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का कलेक्ट्रेट में पालन नहीं किया जा रहा है। इससे कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा हो सकता है। इस वाक्य  पर गंभीरता न लेने के भयानक परिणाम हो सकते है। प्रशासन की इस लापरवाही का भयानक परिणाम जनपद निवासियोंं को झेलना पड़ सकता है।


 


शराब पीने से 2 की मौत, 12 गंभीर

सुनील पुरी


कानपुर। लॉकडाउन के बीच सजेती थाना क्षेत्र के मवई भच्छन गांव में जहरीली शराब पीने से रविवार सुबह दो लोगों (सगे साढ़ू) की मौत हो गई, जबकि ग्राम प्रधान समेत 12 लोगों की हालत बिगड़ गई। हैलट में भर्ती नौ लोगों में सात की हालत गंभीर बनी हुई। तीन लोगों का सीएचसी में इलाज चल रहा है।
मौके पर डीएम, डीआईजी और जिला आबकारी अधिकारी पहुंचे। पूर्व ग्राम प्रधान समेत तीन लोगों को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है। सजेती एसओ मुकेश कुमार सोलंकी के मुताबिक शुक्रवार शाम गांव निवासी ट्रक चालक अनूप सचान (30) घाटमपुर से देसी शराब लेकर लौटा था।गांव में अनूप, उसके साढ़ू अंकित सचान (32) के अलावा ग्राम प्रधान रणधीर सिंह यादव, पुत्तन, लालजी विश्वकर्मा, प्रिंस सविता, गोरेलाल उर्फ रमन सचान, विवेक विश्वकर्मा, अजीत उर्फ सद्दाम, गंगू यादव, भानदास सचान और ओमेंद्र उर्फ ओमवरी ने शराब पी। पास के गांव गुजैला निवासी रानू सिंह और सद्दाम ने भी अनूप से शराब लेकर पी। शनिवार को दोबारा सभी ने शराब पी। रात करीब 11 बजे एक-एक कर सभी की हालत बिगड़ने लगी। ग्रामीण अनूप और अंकित को सीएचसी के बाद रविवार सुबह हैलट ले गए। यहां दोनों को मृत घोषित कर दिया गया। गंगू यादव, भानदास और ओमेंद्र को अभी सीएचसी में भर्ती हैं। बाकी का हैलट में इलाज चल रहा है। ग्राम प्रधान समेत सात लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है।


उत्तर-प्रदेश में संक्रमितो की संख्या 519

लखनऊ। देश के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में भी कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। प्रदेश में सोमवार को कुल संक्रमितों की संख्या 519 हो गई, जो प्रशासन के लिए चिंता का विषय है। इनमें से सबसे ज्यादा 134 मामले आगरा के हैं। सभी हॉटस्पॉट इलाकों को सील किए जाने के बाद भी नए संक्रमित सामने आ रहे हैं कोरोना संक्रमण का हॉटस्पॉट बन चुके आगरा में सोमवार सुबह 30 नए पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। डीएम प्रभु एन सिंह ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इनमें से 14 संक्रमित फतेहपुर सीकरी के गाइड के परिवार के हैं। वहीं बाकी लोग पारस अस्पताल और डॉ. प्रमोद मित्तल के नर्सिंग होम से संक्रमित हुए हैं। इसी के साथ जिले में कुल संक्रमितों की संख्या 134 हो गई है।


वाराणसी पुलिस लॉक डाउन पर सख्त

वाराणसी पुलिस का चला चाबुक लॉक तोड़ने वालों पर हुई सख्त कार्यवाही


 सुनील मिश्रा 


वाराणसी। आमजन के स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर पुलिस ने उठाया कदम।लगातार करोना के संक्रमण के बढ़ने के खतरे को भाप कर वाराणसी में संक्रमण पर रोकथाम की कोशिश पर लगातार तत्पर वाराणसी प्रशासन के द्वारा लॉक डाउन पर घर के अंदर रहने के आदेश लगातार देने के बाद भी लगातार लॉक डाउन के उल्लंघन के बाद आज वाराणसी पुलिस के द्वारा लॉक डाउन को तोड़ने वालों पर चाबुक चला इसके तहत आज वाराणसी के थाना सिगरा के युवा रोडवेज चौकी प्रभारी मिर्जा रिजवान वेग ने लॉक डाउन की अवहेलना करने पर वाराणसी के थाना सिगरा के परेड कोठी निवासी गोरख पुत्र वासुदेव को गिरफ्तार किया गिरफ्तार करने के बाद अभियुक्त पर धारा 188 के उल्लंघन में चालान किया गया।


'पत्रकार' की गोलियों से भूनकर हत्या की, प्रदर्शन

'पत्रकार' की गोलियों से भूनकर हत्या की, प्रदर्शन  संदीप मिश्र  जौनपुर। बाइक पर सवार होकर जा रहे पत्रकार की दिनदहाड़े गोलियों से भूनक...