गुरुवार, 9 अप्रैल 2020

सम्मानः सफाई कर्मियों पर पुष्प वर्षा

प्रयागराज। स्थानीय पार्षद ने लोगों के साथ मिलकर अपने इलाकों के उन सफाईकर्मियों को सलाम करते हुए उन पे फूल बरसाकर उनका सम्मान किया और उन्हे सेनेटाइजर, मास्क और सर्टिफिकेट देकर उनका मान बढ़ाया गया। सफाईकर्मियों का इस तरह से फूलों की बरसा से सम्मान होने से सभी गदगद नज़र आए। और सभी ने स्थानीय पार्षद किरन जायसवाल और उनकी पूरी टीम को धन्यवाद दिया। 


पीएम मोदी ने महाकुंभ 2019 के सफल आयोजन के बाद सफाईकर्मियों के पांव धूलकर एक मिसाल पेश की थी जिसके बाद एक बार से कोरोना के चलते लाँकडाउन में जिस तरह से सफाईकर्मी बढ़ी शिद्दत के साथ अपनी जान को जोखिम में डालकर काम को अंजाम दे रहे हैं। ऐसे में उनके ऊपर फूलों की वर्षा व उनकी जय जयकार करके उनके मनोबल को बढ़ाने का काम कीडगंज की पार्षद किरन जायसवाल ने किया जिन्होंने सोशल डिस्टेंश को ध्यान में रखकर सभी को कोरोना के प्रति जागरूक किया और फिर बारी बारी से एक एक करके उनके ऊपर फूलों की बारिश की गई। 
बृजेश केसरवानी


समाजसेवी बांट रहे हैं राहत सामग्री

अतुल त्यागी जिला प्रभारी


घर-घर जाकर बांट रहे राहत सामग्री समाजसेवी संजय पाल धनगर


हापुड़। हापुड़ के विभिन्न संगठन इस लॉक डाउन में आर्थिक रूप से तंगी झेल रहे परिवारों को सहयोग देने वालों की भी कमी नहीं है। समाजसेवी लोग घर-घर जाकर लोगों को राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं। आज हापुड के एक समाजसेवी संजय पाल धनकर ने कुछ लोगों को उनके घर पर जाकर राहत सामग्री भेंट की संजय पाल धनगर का कहना है की संकट के इस समय में हमारी जिम्मेदारी बनती है की अपने पडोस में कोई भूखा ना रहे। लाँकडाउन का आज 16 वां दिन है। संजय पाल जी का कहना है की हमें हमारे देश के प्रधानमँत्री जी के दिशानिर्देश का पालन करना है। घर की लक्ष्मण रेखा को हमें पार नही करना है। हमें बस एक ही काम करना है। घर में रहना है सिर्फ घर में ही रहना है और शौशल डिस्टेंस का पालन करना है और साफ सफाई रखनी है।


आरोपी के पक्ष में पुलिस पर पथराव

अतुल त्यागी जिला प्रभारी


हापुड़ चोरी के आरोप में युवक को पकड़कर ले जा रही पुलिस पर पथराव।


हापुड़। बुलंदशहर रोड स्थित मजीद पूरा की गली नंबर 8 में एक ही समुदाय के दो पक्षों में चोरी के सामान खरीदने को लेकर चले लाठी-डंडे तथा एक दूसरे पर पथराव किया। घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस पर भी आरोपियों को छुड़ाने को लेकर पुलिस की पीसीआर पर आरोपियों ने किया पथराव। घटना की सूचना पर जनपद के आला अधिकारी वह पुलिस बल मौके पर पर पहुंचकर दो आरोपियों को लिया हिरासत में, घटनास्थल पर पहुंची महिला थाना प्रभारी सुनीता मलिक के सर पर हेलमेट न पहनने तथा दंगा नियंत्रण उपकरण के न होने पर अपर पुलिस अधीक्षक सर्वेश मिश्र ने महिला थाना प्रभारी को जमकर डांट लगाई और कहा कि आप यहां ड्यूटी करने आए हैं या तमाशा देखने। यह देखो  मेरे पास भी हेलमेट है।  यदि आप  पत्थर वाली जैसी घटनाओं पर जा रहे हैं तो  दंगा नियंत्रण  उपकरण साथ लेकर अवश्य चलें महिला थाना प्रभारी सर सर करती रही और चुपचाप अपनी गलती  को महसूस करती नजर आई।


विश्वविद्यालय के 'प्रोफेसर' ने बढ़ाया तनाव

प्रयागराज। इलाहाबाद विश्विद्यालय के एक प्रोफ़ेसर भी दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में हुए तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। बुधवार रात पुलिस ने उन्हें ट्रेस कर करेली के महबूबा गेस्ट हाउस में क्वारेंटाइन कर दिय।बताया जा रहा है कि प्रोफ़ेसर जमात से लौटने के बाद इलाहाबाद विश्विद्यालय में चल रही परीक्षा के दौरान कक्ष नियंत्रक के तौर पर ड्यूटी भी की थी। कहा जा रहा है कि जमात से लौटने के बाद वह बड़ी तादाद में लोगों से सामूहिक औऱ व्यक्तिगत रूप से मिलते भी रहे। अब जिला प्रशासन और स्वस्थ्य विभाग सभी का पता लगाने में जुटी है, जो इस प्रोफेसर के संपर्क में आए थे।


साथ ही प्रोफ़ेसर के खिलाफ जानकारी छुपाने के आरोप में मुकदमा भी दर्ज किया गया है। आरोप है कि इलाहाबाद विश्‍वविद्यालय के प्रोफेसर ने महामारी से जुड़ी प्रोटोकॉल और सरकार द्वारा ज़ारी क़ी गई एडवाइजरी का भी पालन नहीं किया। पीएम नरेंद्र मोदी औऱ सीएम योगी आदित्यनाथ की अपील के बावजूद जिला प्रशासन से जानकारी छुपाते रहे। प्रोफ़ेसर के जमात में शामिल होने की सूचना पर विश्विद्यालय औऱ जिला प्रशासन में मचा हड़कम्प हुआ है। जिला प्रशासन ने प्रोफ़ेसर और उनकी पत्नी को बुधवार देर रात क्वारेंटाइन सेन्टर भेज दिया. साथ ही जानकारी छुपाने के आरोप में महामारी एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में शिवकुटी थाने में आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया है। करैली थाना क्षेत्र के महबूबा गेस्ट हाउस में प्रोफ़ेसर और उनकी पत्नी को क्वारेंटाइन किया गया है। पुलिस के मुताबिक, 6 से 10 मार्च के बीच दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में प्रोफ़ेसर शामिल हुए थे। गुरुवार को प्रोफ़ेसर और उनकी पत्नी का सैंपल जांच के लिए भेजा जाएगा। एसपी सिटी बृजेश श्रीवास्तव ने बताया कि प्रोफेसर से पहले भी पूछताछ की गई थी, लेकिन उन्होंने जमात में शिरकत करने से इन्कार कर दिया था. बुधवार रात कुछ साक्ष्य मिले तो उनसे दोबारा पूछताछ की गई।


बृजेश केसरवानी  


इंसानियत की आंखें बंद 'स्वाध्याय'

तारिक आज़मी


वो मासूम थी। महज़ तीन महीने तो ही हुवे थे उसको दुनिया में कदम रखे हुवे, ढंग से उसने अपनी आँखे भी नही खोली थी। शायद माँ और बाप का चेहरा पहचानती थी। लोग खिलाते थे। वो मुस्कुराती थी। उसको भी जीने की तमन्ना रही होगी। माँ बाप गरीब ही सही मगर उनकी आँखों का तारा थी वह। उनके दिलो का सुकून थी। चिकित्सा के क्षेत्र बने कारोबार ने उसकी साँसे छीन लिया। शिवप्रसाद गुप्त मंडलीय चिकित्सालय में सिमित साधनों के बीच डाक्टरों की लाखो कोशिशो के बाद भी उसको बचाया नही जा सका और अहल-ए-सुबह लगभग 3:30 बजे फातिमा जोया ने अपनी आखरी सांस लेकर इस दुनिया से रुखसत कह दिया।


फातिमा जोया नाम की एक बच्ची जिसकी उम्र तीन महीने थी को निमोनिया की समस्या थी। कच्ची बाग़ स्थित एक प्राइवेट चिकित्सक द्वारा उसका इलाज किया जा रहा था। परिजनों की माने तो जब पैसे खत्म हो गए तो उस प्राइवेट चिकित्सक ने आगे इलाज करने से मना कर दिया और कहा हालत सीरियस है लेकर इसको अस्पताल जाओ। बच्ची को गेस्ट्रो की भी समस्या उत्पन्न हो चुकी थी जिसके कारण उसका पेट इन्फेक्शन से काफी फुल गया था। इसके बाद उसको पेशाब भी बंद हो गया। देर रात को परिजन उस बच्ची को लेकर पीलीकोठी के एक चैरिटी वाले अस्पताल पहुचे। बच्चे का परचा काट कर उसके परिजनों को थमा कर कहा गया कि बच्चा रोग विशेषज्ञ के पास जाकर उनसे मुलाकात का अपाइंटमेंट ले ले। इसके बाद न मुलाकात हुई और न अपाइंटमेंट मिला। यहाँ तक कि उस चिकित्सक ने देर रात दरवाज़ा तक खोलना मुनासिब नही समझा था।


कैसे मिली फातिमा जोया


कल देर रात जब मैं अपने एक व्यक्तिगत काम से वापस आ रहा था। तभी देखा कि हरतीरथ पर एक प्राइवेट चिकित्सक के क्लिनिक का दरवाज़ा दो नकाबपोश महिलाये एक पुरुष के साथ पीट रही है। सड़क पर वही दो पुलिस कर्मी भी परेशान होकर उन लोगो की मदद कर रहे थे। मामला गंभीर दिखाई देने पर मैंने अपनी बाइक रोक दिया और उनसे इस बेचैनी का सबब पूछा। पुलिस कर्मियों ने बताया कि इस बच्ची की तबियत काफी ख़राब है। चैरिटी के अस्पताल ने इन चिकित्सक महोदय के यहाँ मुलाकात का समय लेने भेजा है। पुलिस कर्मियों ने भी मुझसे सहायता करने को कहा।


क्षेत्रीय होने के कारण मैं चिकित्सक महोदय का आवास जानता हु। वैसे तो मरीजों को हर वक्त डॉ साहब देख लेते है और रोज़ ही क्लिनिक के बाहर लम्बी लाइन लगवा कर मरीज़ देखते है। मेरे साथ परिजन और पुलिस कर्मी भी चिकित्सक महोदय के आवास पर गए। साहब के डोर बेल की भी घंटी बजी हुई थी और स्वीच निकाल दिया गया था। चैनल हम सभी ने लगभग आधे घंटे तक पीटा। सभी ने जोर जोर से आवाज़ दिया। मगर डॉ साहब शायद बहुत ही गहरी नींद सो रहे थे। उसमे उनको खलल न पहुचे तो शायद मकान भी साउंड प्रूफ रहा होगा। आसपास के लोग जग गए मगर डाक्टर साहब के घर से कोई झंका तक नहीं।


चिकित्सक बने पत्थरदिल


शायद इसको इंसानियत की मौत ही कहा जायेगा कि डाक्टर साहब ने झाकना ताकना छोड़े सास तक नही लिया। इस बीच मैंने अपने एक बचपन के दोस्त पडीयाट्रिक चिकित्सक को फोन किया। देर रात दो बजे तक जागने वाले मेरे चिकित्सक मित्र ने कई काल जाने के बाद काल बैक किया। शायद खुद की भी गरज होती तो मैं उनको इतने फोन नही करता, मगर बात एक मासूम के जान की थी। आखिर कई फोन काल के बाद साहब ने वापस काल बैक दिया। मैंने उन्हें स्पष्ट स्थिति बताई और बच्ची के इलाज की इल्तेजा किया।


वैसे तो साहब ने आज तक मेरी कोई बात टाली नही थी, मगर साहब ने तुरंत कोरोना के हालात का ज़िक्र किया और बच्चे के इलाज से साफ़ साफ़ इनकार कर दिया। शायद मेरे मित्र महोदय चिकित्सक के काफी ऊपर के चिकित्सक हो गए है। इंसानी जान बचाने के खातिर देश के चिकित्सक अपनी जान पर खेल कर आम नागरिको की जान बचा रहे है। मगर ये मान्यवर शायद अपने पेशे से भी इस बार इन्साफ करते हुवे नही नज़र आये। शायद खुद के पेशे से इंसान को कुछ ईमानदारी दिखानी चाहिए। माना पैसा दुनिया में बहुत कुछ होता है, मगर पैसा ही सब कुछ होता है ऐसा भी नही है। पैसे से आप सबकुछ खरीद सकते है। मगर आप पैसे से सुकून की साँसे नही खरीद सकते है। शायद ये किसी गरीब की बेटी न होती और किसी बड़े अमीर की बेटी होती तो शायद दोनों चिकित्सक ही अपनी पूरी भूमिका निभा रहे होते नज़र आते। शायद डाक्टर साहब फिर केप्री में ही आ गए होते।


सरकारी अस्पताल के चिकित्सक ने किया कड़ी मेहनत


इसके बाद कोई अन्य आप्शंस नज़र नहीं आ रहा था। मासूम बच्ची को लेकर मंडलीय चिकित्सालय पंहुचा। जहा मौके पर मौजूद डॉ ओमप्रकाश ने जाँच के बाद स्थिति को स्पष्टतः बताया कि मरीज़ में कुछ करने लायक बचा नही है। एनएसआईयु की आवश्यकता है। जिसकी सुविधा यहाँ उपलब्ध नही है। मरीज़ के पास कोई ख़ास समय नही बचा है। बच्ची के परिजन इलाज शुरू करने की सहमती चिकित्सक को दे दिया। डॉ ओमप्रकाश ने लगभग 3 घंटे स्टाफ नर्स सहित मेहनत किया। मगर आखिर में होनी को कौन टाल सकता है। रात के 3:30 बजे के लगभग मासूम बच्ची ने आखरी सांस लिया।


सिर्फ मासूम फातिमा ही नही बल्कि शायद इंसानियत ने आँखे बंद किया


मासूम फातिमा दुनिया छोड़ कर जा चुकी थी। इस फानी दुनिया में मतलब के लोग ही शायद उसको दिखे होंगे। शायद वो गरीब बाप की बेटी थी वरना भला डाक्टर साहब ऊपर से उतर के नीचे न आते, शायद किसी अमीर बाप की बेटी होती तो डॉ साहब जिन्होंने कोरोना का खौफ दिखा कर पेशेंट को मिलने तक से इनकार कर दिया वह शायद अपनी सुरक्षा नहीं देख खुद बिना मास्क के आकर उसका इलाज करते। मगर ये तो एक गरीब आदमी की बेटी थी। उसके लिए रिस्क कौन लेता है। उसके लिए तो सरकारी अस्पताल है ही। आखिर क्या फायदा गरीब का इलाज करके। इतने बड़े अस्पताल को बनवाया है उसमे पैसे लगे है फिर कहा से आएगा। मगर इतना याद रखे, जिसका कोई नही उसका खुदा होता है ये बात सब सुन चुके है। ये फातिमा ने सिर्फ आँख बंद नही किया है बल्कि इंसानियत ने अपनी आँखे बंद कर लिया है। दिल रो पड़ा था कि एक गरीब की बेटी का इलाज करने कोई अमीर डाक्टर नही आया सामने।


राशन वितरण में तानाशाही, रोष व्याप्त

चिरला के कोटेदार की तानाशाही रवैया से ग्रामीणों में रोष


राशन की घटतौली अधिक मूल्य लेने के साथ साथ कार्ड धारकों के साथ अभद्र व्यवहार करने का आदी है कोटेदार


प्रयागराज। कौड़िहार ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम चिरला के ग्रामीणों का आरोप है कि कोटेदार की तानाशाही मनमानी रवैया से ग्रामीणों को खाद्यान्न नहीं मिल रहा है घटतौली और अधिक मूल्य लेने का भी कोटेदार पर ग्रामीणों ने आरोप लगाया है जिसकी शिकायत ग्राम प्रधान ने भी उच्च अधिकारियों से की है किंतु अभी तक कोटेदार पर लगाम नहीं लगाया  गया जिसे ग्रामीणों में गहरा रोष व्याप्त है


 प्राप्त जानकारी के अनुसार लक्ष्मी सिंह पुत्र राम सिंह निवासी चिरला एवं अन्य ग्रामीणों द्वारा कोटेदार शंकरलाल पर आरोप लगाया गया है कि जो भी ग्रामीण इनके यहां खाद्य सामग्री लेने जाता है। उसके साथ अभद्र व्यवहार करते हैं। साथ ही राशन ना देने की भी धमकी देते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले 20 वर्षों से राशन की दुकान इन्हीं के पास है। जिसको यह चाहते हैं उसी को खाद्य सामग्री देते हैं लॉक डाउन में सरकार द्वारा खाद्य सामग्री गरीबों के लिए वितरण की जा रही थी तभी गांव की लक्ष्मी सिंह गए तो कोटेदार का लड़का सर्वेश द्वारा अभद्र व्यवहार किया गया।


कोटेदार ने अपने ऊपर लगाए गए आरोप साजिश बताया तो ग्राम प्रधान कोटेदार की प्रति नाराजगी व्यक्त की और बताया कि तानाशाह मनमानी तरीके से ग्रामीणों को खाद्यान्न  वितरण करते हैं। जो निर्देशों का पालन नहीं करता उसे राशन देने से मना करते हैं। ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान को इस बात की जानकारी दी है। साथ ही कोटेदार के खिलाफ उच्च अधिकारियों से जांच की मांग की है कोटेदार के खिलाफ तानाशाही रवैया को लेकर गहरा रोष व्याप्त है।


राजकुमार


संस्था ने वितरित किए भोजन के पैकेट

शांति देवी कामगार यूनियन ट्रस्ट ने वितरण किया भोजन


कौशाम्बी। शांति देवी कामगार यूनियन ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रकाश दुबे ने भगवतपुर गांव को सेनेटाइजरिंग किया। जो काम ग्राम प्रधान द्वारा नही किया गया वह काम प्रकाश दुबे ने स्वयं ही किया जिससे उनके इस कार्य को लोगो में चर्चा रही और के लोगों में खुशी की लहर सी चल गई है


स्वयं सेवी संस्था के अध्यक्ष प्रकाश दुबे ने लोगो को घर मे रहने की अपील की औऱ साफ सफाई की बाते कही और फिर हर रोज की तरह आज पूरब सरीरा के मजरों में भोजन वितरण का काम किया यह कार्य भाजपा के मण्डल अध्यक्ष भाष्कर सिंह और महामंत्री शशी प्रकाश साहू की मौजूदगी में किया गया लॉक डाउन में कोई भूखा नही रहेगा और लॉक डाउन जब तक चलेगा तब तक शान्ति देवी कामगार यूनियन ट्रस्ट के भड़ारे में भोजन बनाकर लोगों तक पहुंचाया जाएगा


 इसके लिए उनकी टीम पभोषा गाव पहुंची जहां सभी जरूरत मंद व्यक्तियों तक भोजन पहुँचाया गया। जिसमें भाष्कर सिंह प्रकाश दुबे शशी साहू हिमांशु जायसवाल राकेश गुप्ता अयोध्या गोस्वामी जी की उपस्थिति रही।


राजकुमार


नगर पंचायत को किया गया सैनिटाइज

नगर पंचायत अझुवा को किया गया सेनिटाइज


अझुवा कौशाम्बी। पूरा देश  केविड कोरोना के संक्रमण बढ़ने के खतरे से जूझ रहा है सरकार  ने कोरोना संक्रमण रोकने के लिए पूरे देश को लॉक डाउन कर रखा है।कोरोना योद्धा कोरोना वायरस के संक्रमण को रोंकने के लिए जी जान से लगे हुए हैं।


नगर पंचायत अझुवा के विभिन्न वार्डों लाई मंडी,किराना गली,सनई मंडी ,गुड़ मंडी, भोला चैराहे से लेकर जीटी रोड आदि क्षेत्रों में नगर पंचायत अझुवा द्वारा सैनिटाइज़ किया गया है। अधिशासी अधिकारी सूर्यप्रकाश गुप्ता ने बताया हमारे पास नगर पंचायत में 2 मशीन कीटनाशक स्प्रे वाली थीं।एक बड़ी मशीन 500 लीटर की थी जो कि बिगड़ी अवस्था मे है   लॉक डाउन की वजह से कल पुर्जे नही मिल पा रहे हैं !2 मशीनें उच्च अधिकारियों ने कोरोना से प्रभावित गांव में छिड़काव हेतु मंगवा लिया था।


 उन्होंने कहा कि अब नई मशीनें आ गयी हैं जिन्हें हम नगर पंचायत की टिपर मशीनों में रखकर 500 लीटर टंकी में ब्लीचिंग पाउडर ,एथेनॉल और सोडियम हाइपोक्लोराइट के घोल वाली टंकी से जोड़कर पूरे नगर पंचायत को सैनिटाइज़ करवाया जा रहा है। उन वार्डों और स्थानों पर ज्यादा छिड़काव करवाया जा रहा है। जहां पर दूसरे प्रान्त शहरों से कामगार श्रमिक आये हैं हलांकि दूसरे शहरों से आये कामगारों श्रमिकों को कोरोनताइन सेन्टरों में रखा गया है। नगर पंचायत में साफ सफाई कीटनाशक स्प्रे का कार्य बराबर करवाया जा रहा है। जिले में 2 कोरोना पॉज़िटिव मरीज मिलने पर अब बड़े पैमाने पर छिड़काव करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी लोग घर पर रहें! लॉक डाउन का पालन करें।


सन्तलाल मौर्य 


नहीं हुई पुरखों की कब्रों की जि़यारत

सब्र के साथ घर पर ही  मनाया गया शबे बारात इस बार नहीं हुई पुरखो के कब्रों की ज़ियारत


बृजेश केसरवानी


प्रयागराज । शबे बारात के मौके पर हजारों साल पुरानी परंपरा एवं प्रथा को मुस्लिम समाज तोड़ते हुए इस बार घर पर  ही शबे ए बारात  मनाई गई और कोरोना से खुद को  एवं देश और दुनिया को कोरोना से बचाने के लिए दुआ के लिए हाथ उठा कर दुआएं की गई रात 10:00 बजे अजान का भी सभी घरों से एहतमाम किया गया शहर काजी की अपील को सर आंखों पर रखते हुए कब्रिस्तान की तरफ ना जाने का फैसला लिया गया इस बार कोरोना को देखते हुए ना ही मस्जिदों में कुमकुम ए लगाए गए ना ही वहां पर किसी प्रकार की इबादत का इंतजाम किया गया और ना ही कब्रिस्तान मे किसी प्रकार लाइटिंग तैयारी  की व्यवस्था की गई बल्कि परिवार संग घर में ही तमाम प्रकार की इबादत करने का अहद लिया गया और लोगों का कहना है कि इस बार सबसे ज्यादा लोगों के हाथ दुआ के लिए कोरोना से देश और दुनिया को बचाने के लिए उठाए गए बहुत से मेरे देशवासी एवं दुनिया के हजारों की संख्या मे लोगों की जिंदगी को कोरोनावायरस ने लील लिया उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने काऔर जो जिंदगी और मौत से अस्पतालों में इस कुदरती आपदा कोरोना से लड़ रहे हैं उनके बेहतर स्वास्थ्य के लिए ईश्वर से मनोकामना  की प्रार्थना की गई का  देश बचेगा देशवासी बचेंगे तो फिर से पहले की तरह पूरे रीति रिवाज के साथ त्यौहार मनाए जाएंगे यह दुख की घड़ी है नाजुक पल है ईश्वर के शरण में रहने का उससे क्षमा मांगने का रोने गिड़गिड़ाने का वक्त है । ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन के नेता अफसर महमूद  व इफ्तेखार अहमद मंदर ने तमाम मुसलमानों से अपने घर में इबादत करने की अपील  की थी ।


किसान सहायता को मंत्रालय के निर्देश

नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार शाम नई दिल्ली में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्यों के साथ बैठक की। वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई इस बैठक में कृषि राज्य मंत्री पुरषोत्तम रुपाला और कैलाश चौधरी,  सचिव (एसी एंड एफडब्ल्यू) संजय अग्रवाल, विशेष सचिवों,  अपर सचिव (कृषि) और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक के दौरान, राज्यों  कृषि मंत्रियों, अपर प्रधान सचिवों, राज्यों के सचिवों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ खेती के संचालन और कटाई, कृषि विपणन और मंडी संचालन, एमएसपी में खरीद, आगत (बीजों और उर्वरकों) के प्रावधान और रसद एवं कृषि/बागवानी उत्पादों की आवाजाही से संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। 


उन्होंने कोविड-19 महामारी जैसे चुनौतीपूर्ण समय में भी कृषि गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए राज्यों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने लॉकडाउन अवधि के दौरान कृषि और संबद्ध क्षेत्र से संबंधित गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने के लिए मंत्रालय द्वारा किए गए उपायों के बारे में विचार-विमर्श किया। इसके साथ ही, कटाई और बुवाई मौसम के मद्देनजर कृषि कार्यों के लिए भारत सरकार द्वारा अधिसूचित छूटों पर भी चर्चा की गई। 


केंद्रीय मंत्री ने राज्यों को आश्वासन दिया कि इस अवधि के दौरान राज्यों को सभी आवश्यक सहायता और सहयोग प्रदान किया जाएगा, जिससे उन्हें उभरती हुई चुनौतियों का सामना करने में सुविधा प्राप्त होगी। राज्य के कृषि मंत्रियों ने केंद्रीय कृषि मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की और कहा कि कृषि कार्यों और गतिविधियों के लिए प्रदान की गई छूट से राज्यों में किसानों और कृषि गतिविधियों को काफी लाभ मिला है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्यों में विभिन्न कृषि गतिविधियों में स्वच्छता और सामाजिक दूरियों के मानदंडों का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। यह भी जानकारी दी गयी कि मंत्रालय ने किसानों, एफपीओ और सहकारी समितियों द्वारा ई-ट्रेडिंग और बोली लगाने के लिए ई-एनएएम मॉड्यूल जारी कर दिया है। राज्यों भी इसी आशय से जड़े आवश्यक निर्देश जारी कर सकते हैं जिससे किसानों को न सिर्फ अपने घर से ही अपनी उपज के विक्रय में सुविधा प्रदान होगी, बल्कि यह उपभोग केंद्रों पर उपज की उपलब्धता को सुनिश्चित करते हुए मंडियों में भीड़-भाड़ को कम करेगा। इसी अलावा, संयुक्त हार्वेस्टर और अन्य कृषि/बागवानी उपकरणों की कटाई और बुवाई से संबंधित मशीनों की अंतर-राज्यीय आवाजाही को सुविधाजनक बनाया जाना चाहिए ताकि सभी राज्य इससे लाभान्वित हो सकें।


बैठक के दौरान, फसल की खरीद, आगत, ऋण, बीमा और कृषि उपज के अंतर-राज्यीय आवागमन की उपलब्धता के बारे में विभिन्न मुद्दों पर भी चर्चा की गई,  इनमें से कुछ का समाधान करते हुए राज्यों को इनके संदर्भ में तत्काल निर्देश दिए गए। अन्य विचार-विमर्श की आवश्यकता वाले मुद्दों पर राज्यों को आश्वासन दिया गया कि इस पर ध्यान दिया जाएगा और आवश्यक निर्देशों का उचित समय पर पालन किया जाएगा।


राहतः आंध्र प्रदेश में नहीं नया मामला

अमरावती। आंध्र प्रदेश में बीती रात के दौरान कोरोना का कोई नया मामला सामने नहीं आया है, जो कि बड़ी राहत की बात है। राज्य नोडल अधिकारी द्वारा गुरुवार सुबह जारी किए गए स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार, राज्य में बुधवार की शाम छह बजे से लेकर गुरुवार की सुबह तक 12 घंटों के दौरान 217 नमूनों का परीक्षण किया गया, जिसमें कोई भी पॉजिटिव मामला सामने नहीं आया है।


इस तरह से राज्य में कोविड-19 मामलों की संख्या बुधवार शाम के आंकड़े 348 पर ही बनी हुई है। यह राज्य के लिए किसी बड़ी राहत से कम नहीं है, क्योंकि आंध्र प्रदेश में पिछले कुछ हफ्तों में कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही थी। अब तक नौ मरीजों ठीक हो चुके हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, जबकि चार व्यक्तियों ने कोरोना वायरस संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया है। इस बीच राज्य में कोरोना के रोगियों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग को मजबूत करने के प्रयास में प्रदेश सरकार ने 10 डिप्टी कलेक्टरों के राज्य नियंत्रण कक्ष में अस्थायी स्थानांतरण के आदेश जारी किए हैं।


राजस्थान में 23 नए मामले, 400 पार

जयपुर। राजस्थान में आज कोरोना पॉजिटिव के 23 नए मामले आने के साथ ही पॉजिटिव का आंकड़ा 400 को पार करते हुआ 413 पर पहुंच गया। आधिकारिक जानकारी के अनुसार कल शाम तक राज्य में कुल 383 पॉजिटिव थे, लेकिन शाम को जारी रिपोर्ट में झुंझुनु में सात और पॉजिटिव पाये जाने से संख्या बढ़कर 390 हो गई। सुबह जारी रिपोर्ट के अनुसार झालावाड़ में सात और पॉजिटिव के मामले सामने आए हैं। ये सातों इंदौर से आए थे। टोंक में भी सुबह सात लोगों की रिपोर्ट पोजिटिव आयी है। ये सातों दिल्ली से आये लोगों के सम्पर्क में आये थे। सूत्रों ने बताया कि बांसवाड़ा में एक 30 वर्षीय पुरुष और एक 58 वर्षीय महिला पॉजिटिव पायी गयी है। दोनों पहले एक पॉजिटिव के सम्पर्क में आये थे।


जैसलमेर के पोकरण में भी सुबह पांच और पॉजिटिव पाये गए हैं, ये भी एक पॉजिटिव के सम्पर्क में थे। उधर जोधपुर में पॉजिटिव का मामला सामने आया है जबकि बाड़मेर में एक प्रधानाध्यापक पॉजिटिव पाया गया है। एक गांव के सरकारी विद्यालय में उक्त प्रधानाध्यापक अपने दो साथियों के साथ जयपुर से लौटकर बाड़मेर पहुंचा था। चिकित्सा विभाग के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार अब तक अजमेर में पांच, अलवर में पांच, बांसवाड़ा में 12, भरतपुर में आठ, भीलवाड़ा में 27, बीकानेर में 20, चुरु में 11, दौसा में छह, धौलपुर में एक, डूंगरपुर में पांच, जयपुर में 129, जैसलमेर के पोकरण में 19, झुंझुनू में 31, जोधपुर में 32, करौली में दो, पाली में दो, सीकर में एक, टोंक में 27, उदयर में चार, प्रतापगढ़ में दो, नागौर में एक और कोटा में 15, झालावाड़ में नौ और बाड़मेर में एक पॉजिटिव पाये गए हैं।


सूत्रों ने बताया कि अब तक 17 हजार 811 सैम्पल की जांच की गयी जिनमें 413 पॉजिटिव, 16 हजार 549 निगेटिव पाये गये हैं जबकि 849 की रिपोर्ट आनी हैं। उधर भीलवाड़ा में आज चिकित्सा विभाग, पुलिस और प्रशासन ने मिलकर विजयी जुलूस निकाला। यहां कोरोना वायरस को पराजित करके भीलवाड़ा को कोरोना मुक्त करा लिया गया है। जुलूस पर सड़क और गलियों के दोनों ओर खड़े लोगों ने फूल बरसाये। हालांकि यहां अभी सावधानी बरतते हुए कर्फ्यू नहीं हटाया गया है।


'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...