सोमवार, 30 मार्च 2020

लॉक डाउनः घूमने पर 14 दिन एकांतवास

नैनीताल। केंद्र सरकार के आदेशों एवं प्रदेश के मुख्य सचिव के निर्देशों के क्रम में डीएम सविन बंसल ने आदेश दिये है कि कोई भी व्यक्ति जनपद की सीमा से बाहर नही जायेगा। जो व्यक्ति जहां पर है वही रुका रहेगा। इसके साथ ही डीएम ने यह भी कहा है कि यदि कोई व्यक्ति इस दौरान अनाधिकृत रूप से जिले की सीमा मे प्रवेश करते तथा घूमते हुये पाया गया तो ऐसे लोगों को 14 दिन के कोरेन्टाइन यानी एकांतवास में रखा जायेगा। साथ ही ऐसे लोगों के विरुद्व भारतीय दंड संहिता की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत मुकदमा भी दर्ज किया जायेगा।


डीएम बंसल ने आदेश दिये है कि किसी उद्योग, दुकान व वाणिज्यिक संस्थान में कार्य करने वाले समस्त कार्मिको के वेतन का भुगतान नियत तिथि को बगैर किसी कटौती के उनके कार्य स्थल पर ही किया जायेगा। किराये पर रहने वाले श्रमिकांे, मजदूरों व छात्रों से मकान मालिकों के द्वारा एक माह तक किराये की मांग नहीं की जायेगी और ना ही उन्हें आवास, कमरा खाली करने हेतु बाध्य किया जायेगा। इस दौरान फंसे श्रमिकों को उसी स्थान पर रहने, खाने आदि की समस्त व्यवस्था संबंधित उद्योग स्वामी, संस्थान कम्पनी अथवा ठेकेदार को अनिवार्य रूप से करनी होगी। डीएम ने आदेश में कहा है कि इन आदेशों का उल्लंघन करने पर संबंधित के विरूद्ध आपदा प्रबन्धन अधिनियम-2005 एवं महामारी अधिनियम 1897 की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत कार्यवाही की जायेगी। श्रमिक किसी भी प्रकार की समस्या होने पर हेल्प लाइन नंबर-1077 और 112 पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते है जिस पर तत्काल प्रशासन व पुलिस द्वारा कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। निर्देश दिये कि लॉकडाउन मे किसी भी प्रकार की शिथिलता ना बरती जाए। उन्हांेने सभी को ड्यूटी अवधि में सामाजिक दूरी का स्वयं पालन करते हुये अनुपालन कराने के निर्देश भी दिये हैं।


कांग्रेस ने 'नियंत्रण कक्ष' किया स्थापित

नई दिल्ली। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कोरोना वायरस को लेकर मानवीय मदद के लिए राज्य संगठनों के साथ समन्वय के लिए एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है। के.सी. वेणुगोपापल की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है, “कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कोविड-2019 से संबंधित सभी मामलों पर समन्वय के मकसद से एआईसीसी में ‘केंद्रीय नियंत्रण कक्ष’ की स्थापना को मंजूरी दी है, जिसमें सांसद राजीव साटव, पूर्व विधायक देवेंद्र यादव और एआईसीसी के सचिव मनीष चतरथ शामिल हैं।”


पार्टी ने कहा कि राज्य समितियां वायरस के प्रसार पर जमीनी स्थिति के आधार पर केंद्रीय नियंत्रण कक्ष को दैनिक रूप से अपडेट करेंगी, साथ ही राज्य सरकारों की चिकित्सा तैयारियों के साथ-साथ पार्टी और राज्य एजेंसियों द्वारा राहत कार्य के बारे में भी अपडेट करेंगी। विज्ञप्ति में कहा गया, “नियंत्रण कक्ष, एआईसीसी के महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल के मार्गदर्शन और निगरानी के तहत कार्य करेगा।” एआईसीसी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि नियंत्रण कक्ष की स्थापना का सुझाव दिल्ली में राज्य के नेताओं ने राज्यों के साथ प्रयासों के समन्वय के लिए शनिवार को दिया था, और इस बात पर भी जोर दिया और सुझाव दिया कि कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व अध्यक्ष को पार्टी कार्यकर्ताओं और आम जनता के साथ नियमित आधार पर बातचीत करने की आवश्यकता है।


वायरस से खतरनाक, ये अफरा-तफरी

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के चलते देश में 21 दिनों का लॉकडाउन है। इस बीच कोरोना से युद्ध स्तर की लड़ाई लड़ रही केंद्र और राज्य सरकारों के लिए मजदूरों के पलायन का मामला मुसीबत बन गया है। मुजदूरों के पलायन के मामले पर सुनवाई करते हुए सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोगों का पलायन रोकना ही होगा।


दिल्ली से पलायन कर रहे मजदूरों को पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि कोरोना के वायरस से ज्यादा खतरा लोगों में भय और अफरातफरी के माहौल का है। कोर्ट ने कहा कि हम इस याचिका को विरोधात्मक नहीं मान रहे। लेकिन इस याचिका का इस तरह से प्रचार नहीं होना चाहिए कि कोर्ट पलायन को अनुमति देने के लिए कोई तरीका निकालेगा। पलायन को रोकना ही होगा। इसपर अगली सुनवाई मंगलवार को होगी।बता देंकि याचिका में पलायन कर रहे मजदूरों को भोजन और मेडिकल सुविधा मुहैया करवाए जाने की मांग की गई है। साथ ही सबको तुरंत सरकारी इमारतों में आश्रय देने की मांग भी याचिका में की गई है।


यूपी सरकार ने दिए ग्राम प्रधानो को निर्देश

यूपी सरकार ने दिए ग्राम प्रधानो को सख्त निर्देश अनुपालन न होने पर होगी कार्यवाही


कोरोना के बचाव के लिये निभानी होगी महत्वपूर्ण भूमिका।


प्रयागराज। 1-ग्राम सभा मे आने वाले ग्राम के बाहर कार्य करने वालो पर रक्खें नजर, बाहर से घर वापस आने वालो की सूची बनाकर प्रशासन को कराये अवगत। 2-गाँव से कोई बाहर अपनी रिस्तेदारी में नही जायेगा और न ही कोई अपने रिस्तेदार को बुलायेगा। 3-कोई भी व्यक्ति सामूहिक रूप से नही बैठेगा, एक दूसरे के घर, दरवाजे पर नही जायेगा। सिर्फ अपने परिवार के साथ रहेगा। 4-गाँव मे किसी भी प्रकार बच्चों का खेल जैसे क्रिकेट, लकड़ी,तास,गुल्ली डंडा या जिसमे दो लोग से अधिक हो पूर्णतः प्रतिबंधित है। 5-कही पर भी दो लोग से अधिक व्यक्ति न खड़े हो। बच्चों को, और खुद व्यक्ति अधिक समय तक अपने घर रहें, बच्चों को बाहर न टहलने दे। 6-अनावश्यक रूप से अधिक बाहर न निकले,और न ही बेवजह शहर की ऒर जाये। 7-एक दूसरे के गाँव मे कोई व्यक्ति न जाये और न अपने गाँव मे आने दे। 8-किसी भी फेरी वाले को अपने गाँव मे न आने दे। 9-सभी प्रकार के भीड़ वाले कार्यक्रम सामाजिक, धार्मिक,सांस्कृतिक, माँगलिक कार्यक्रम प्रतिबंधित है,अतः शादी,तिलक,मुंडन,भगवत कथा आदि जैसे कार्यक्रम स्थगित रहेगें।10- लोगो को हाथो की सफाई व मुँह को ढक कर रहने के प्रति जागरूक करते रहना है। 11-कोरोना एक महामारी है , जो की छुआ छूत से बढ़ती जाती है, गाँवो मे बाहर से आ रहे लोगो से इस बीमारी को गाँवो मे फैलने का खतरा अधिक बढ़ गया है, जो की बाद मे रोक पाना संभव  नही है। अतः सावधान रहें। सभी प्रधानो से अनुरोध है की अपने गाँव के लोगो पर नजर रक्खें, और जनता को जागरूक करें। बचाव मात्र ही उपाय है,वरना भयावत स्थति उत्पन्न हो सकती है। ग्राम वासियो द्वारा सहयोग न करने या किसी भी प्रकार की दिक्कत के लिये  स्थानीय उपजिलाधिकारी को तत्काल सूचित करें।


बृजेश केसरवानी


ऋचा सिंह समेत 4 के खिलाफ मुकदमा

लाकडाऊन: अफवाह फैलाने के आरोप में ऋचा सिंह समेत चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज


बृजेश केसरवानी 


प्रयागराज। थाना कर्नलगंज पुलिस ने रविवार को अफवाह फैलाने के आरोप में इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह समेत चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। इनके खिलाफ धारा 144 का उल्लंघन और आईटी एक्ट की धारा लगी है। आरोप है कि इनके मैसेज के कारण बस अड्डे पर लोगों का जमावड़ा लग गया था।
पुलिस ने बताया कि ऋचा सिंह, नेहा, अखिलेश और अदनान के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इन पर आरोप है कि शनिवार को फेसबुक और दूसरी सोशल साइट पर लिखा था कि रविवार सुबह 6 बजे आजमगढ़ और अन्य जिलों में जाने के लिए बस मिलेगी। इसके बाद छात्र और अन्य लोग सिविल लाइन बस अड्डे पर पहुंचने लगे। लॉकडाउन से शहर में फंसे ये लोग अपने घर पहुंचना चाहते थे। शनिवार देर रात जब मामला पुलिस के संज्ञान में आया तो मीडिया सेल के माध्यम से इसका खंडन किया गया, लेकिन रविवार सुबह लोग बस अड्डे पर जुट गए। लॉकडाउन में बाहर निकलने से बचने की बजाय लोगों की भीड़ जमा हो गई। पुलिस अधिकारियों के आदेश पर कर्नलगंज पुलिस ने इन चारों के खिलाफ़ करवाई की। बताया जा रहा है कि जिन लोगों ने फेसबुक पर लिखा था, उन्होंने सॉरी बोलने के बाद उसे डिलीट भी कर दिया।


मंडलायुक्त-आईजी ने किया मंडल भ्रमण

मण्डलायुक्त ने पुलिस महानिरीक्षक के साथ जनपद कौशाम्बी का किया भ्रमण


मण्डलायुक्त एवं आईजी ने कोरोना संक्रमण से बचाव, रोकथाम व तैयारियों की समीक्षा की आमजन तक आवश्यक वस्तुओं की सुगमता से उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाय-मण्डलायुक्त


’लॉकडाउन का पूरी तरह अनुपालन सुनिश्चित कराया जाये-मण्डलायुक्त लोगों को जागरूक के ने के साथ उनकी मदद भी करें पुलिस-आईजी


प्रयागराज। मण्डलायुक्त आर0 रमेश कुमार एवं आईजी  के0पी0सिंह ने शनिवार को जनपद कौशाम्बी भ्रमण कार्यक्रम के दौरान कलेक्ट्रेट स्थित सम्राट उदयन सभागार में बैठक करते हुए “कोरोना वायरस” के संक्रमण से बचाव, रोकथाम व आमजन मानस तक आवश्यक वस्तुओं को उपलब्ध कराये जानें के संबंध में की जा रही कार्रवाइयों एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा की। मण्डलायुक्त ने कहा कि लॉकडाउन का पूरी कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाये, कोई भी व्यक्ति बाहर न निकले। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए सोशल डिस्टेन्सिंग का अनुपालन बहुत ही आवश्यक है। मण्डलायुक्त ने कहा कि लॉकडाउन के समय तक आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति प्रत्येक घर तक हो इसकी समुचित व्यवस्था हमारा दायित्व है। उन्होने कहा कि किसी भी दशा में वस्तुओं की कालाबाजारी न हो एवं निर्धारित मूल्य से ज्यादा मूल्य पर वस्तुओं की बिक्री न होने पाये इसका निरन्तर अनुश्रवण किया जाता रहे। कालाबाजारी करने वालों एवं निर्धारित दर से अधिक मूल्य पर सामानों की बिक्री करने वाले लोगों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाये। मण्डलायुक्त ने सभी उप जिलाधकारियों तथा सेक्टर मजिस्ट्रेटों को निरन्तर भ्रमणशील रहकर आवश्यक व्यवस्थाओं का अनुश्रवण करते रहने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि कन्ट्रोल रूम पर ड्यूटी कर रहे प्रत्येक अधिकारी एवं कर्मचारी निरन्तर उपस्थित रहें तथा लोगों के द्वारा किसी भी प्रकार की जानकारी या शिकायत दिये जाने पर तत्काल उसका निस्तारण सुनिश्चित करें। उन्होंने लाग बुक में की गई कार्रवाई का अंकन करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले लोगों पर कड़ी निगाह रखी जाये तथा आने वाले लोगो की सूचना पर तत्काल स्वास्थ्य विभाग की टीम वहां पहुंचकर उनका स्वास्थ्य परीक्षण अवश्य करें। उन्होने कहा कि ऐसे लोगों को इस बात के लिए प्रेरित भी किया जाये कि वे अपने घर में भी 14 दिन तक अलग रहें। कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए सभी लोग मिलकर पूरी सतर्कता एवं जिम्मेदारी के साथ अपने दायित्यों का निर्वहन करें। लोगों को निरन्तर प्रेरित किया जाये कि वे घर से बाहर न निकलें, बचाव ही इसका सबसे सही उपचार है। मण्डलायुक्त ने जिला पंचायत राज अधिकारी तथा अधिशाषी अधिकारी नगर पंचायतों को ग्रामीण क्षेत्रों, कस्बों एवं मोहल्लों में साफ-सफाई की निरन्तर समुचित व्यवस्था सुनिश्चित कराये जाने एवं कीटनाशक दवाओं का छिड़काव एवं फॉगिंग की कार्रवाई भी नियमित रूप से कराये जाने के लिए कहा है। मण्डलायुक्त ने पंजीकृत श्रमिकों के लिए सभी आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करते हुए सरकार द्वारा दी जा रही 1000 हजार रूपये की धनराशि तत्काल उनके खाते में प्रेषित कराये जाने का निर्देश दिया है साथ ही साथ उन्होनें अन्य श्रमिकों के लिए भी सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं से लाभावन्वित कराये जाने का निर्देश दिया है। आई0जी0  के0पी0 सिंह ने कहा कि लॉकडाउन का पूर्ण रूप से अनुपालन सुनिश्चित हो एवं पुलिस सहयोगात्मक रूप में लोगों की यथासम्भव मदद करें साथ ही साथ आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित कराने में सहयोग प्रदान करें। उन्होनें कहा कि कोरोना वायरस के बारे में निरन्तर जन जागरूकता अभियान चलता रहें। उन्होंने कहा कि गाडियों पर लाउडस्पीकर की व्यवस्था रहे, जिसके द्वारा कोरोना वायरस के बारे में लोगों को जानकारी दी जाती रहे।


इस अवसर पर जिलाधिकारी  मनीष कुमार वर्मा ने मण्डलायुक्त एवं आईजी महोदय को आश्वस्त करते हुए कहा कि दिये गये दिशा निर्देशों का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा, लॉकडाउन का पूरी प्रतिबद्धता के साथ अनुपालन सुनिश्चित कराया जा रहा है तथा मुहल्लों एवं कस्बों में आवश्यक वस्तुओं की पूर्ति निरन्तर की जा रही है। उन्होंने बताया कि कन्ट्रोल रूम पर सभी अधिकारी एवं कर्मचारी निरन्तर क्रियाशील रहकर अपने दायित्यों का अच्छे ढंग से निर्वहन कर रहे तथा लोगों की समस्याओं का शीघ्रता से निस्तारण किया जा रहा है। उन्होने कहा कि कोरोना वायरस के बारे में लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इस अवसर पर अपर आयुक्त प्रथम  भगवान शरण, मुख्य विकास अधिकारी  इन्द्रसेन सिंह, अपर जिलाधिकारी  मनोज, अतिरिक्त उपजिलाधिकारी कन्ट्रोल/रूम प्रभारी  विनय कुमार तथा अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहे। मण्डलायुक्त तथा आईजी ने जिला चिकित्सालय पहुॅचकर की गई तैयारियों की जानकारी ली तथा आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित किये जाने हेतु दिशा निर्देश भी दिये।


सेंसेक्सः2.85 लाख करोड़ रुपये हवा

मुंबई। कोरोना वायरस का गहरा असर इंसानों के साथ-साथ शेयर बाजार पर भी पड़ रहा है। बीएसई सेंसेक्स 1375 अंकों की गिरावट के साथ 28,440 अंकों पर पहुंचने से शेयर धारकों के 2.85 लाख करोड़ रुपए हवा हो गए। इसी तरह निफ्टी50 भी सोमवार की मार नहीं झेल पाया और 379.15 अंकों की गिरावट के साथ 8281.10 अंक तक पहुंच गया। कोरोना वायरस की वजह से न केवल भारत बल्कि वैश्विक बाजार में मंदी से लक्षण नजर आने लगा है, जिसका सीधा असर दुनिया के तमाम शेयर बाजार में देखने को मिल रहा है। जापान के निक्कई, चीन का शंघाई कम्पोजिट, हांगकांग का हेनसेंग में 0.9-1.6 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली।


यूरोपीय शेयर बाजार में नीचे पर रहा। फ्रांस के सीएसी, जर्मनी का डैक्स और ब्रिटेन का एफटीएसई 0.4 से 1 पाइंट नीचे पर रहे। केवल आस्ट्रेलिया के बाजार में तेजी देखने को मिली, जहां आस्ट्रेलियन एएसएक्स 200 सरकार की नौकरियों को सुरक्षित रखने के लिए की गई 80 बिलियन डालर की घोषणा के बाद 7 प्रतिशत ऊपर पर बंद हुआ।


दवाई के अलावा नहीं खुलेगी अन्य दुकान

कलेक्टर ने अगले 30-31 मार्च के लिए लागू किया संपूर्ण लॉकडाउन
इंदौर में अगले 2 दिन सिवाय मेडिकल शॉप के कोई दुकान नहीं खुलेगी
इंदौर। लगातार सामने आ रहे कोरोना पॉजिटिव मामलों को लेकर प्रशासन सख्त हो गया है। कलेक्टर ने अगले 2 दिनों (30-31 मार्च) के लिए संपूर्ण लॉकडाउन जिले में लागू कर दिया है। इस दौरान सिवाय मेडिकल शॉप के कोई दुकान नहीं खुलेगी। दो दिन किराना, डेयरी, सब्जी सबकी सप्लाई बंद रहेगी। मध्यप्रदेश में अब तक कुल 39 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं, जिसमें सबसे ज्यादा केस इंदौर से सामने आए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर मनीष सिंह ने ये कड़ा कदम उठाया है।


दिल्ली में लॉकडाउन का पालन न कराने पर 4 अफसरों पर गिरी गाज, 2 सस्पेंड


वहीं, जरूरी चीजों की सप्लाई बंद करने के फैसले को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गलत बताया है। कमलनाथ ने कहा कि दूध की सप्लाई बंद करने का फैसला बेहद आपत्तिजनक है। जनहित में इस फैसले को तत्काल बदला जाए।


कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा, ‘शिवराज जी, प्रदेश में कोरोना संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन का सख्ती से पालन हो, इसमें किसी को गुरेज नहीं है। लेकिन इंदौर में जिस प्रकार से दूध की सप्लाई को भी बंद करने का निर्णय लिया गया है वो बेहद ही आपत्तिजनक है। दूध-दवाई आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में आते हैं।’ शिवराज जी,प्रदेश में कोरोना संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन का सख़्ती से पालन हो,इसमें किसी को गुरेज़ नहीं है लेकिन इंदौर में जिस प्रकार से दूध की सप्लाई को भी बंद करने का निर्णय लिया गया है वो बेहद ही आपत्तिजनक है।


दूध-दवाई आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में आती है


आगे उन्होंने कहा, ‘देशभर में आवश्यक वस्तुओं पर कोई रोक नहीं है. इस निर्णय से उन बच्चों, बुजुर्गों, मरीजों का क्या होगा जो दूध पर ही आश्रित हैं ? उन पशु पालकों के बारे में भी सोचें, जो पूर्व से ही दोहरी मार झेल रहे हैं. जनहित में इस निर्णय को तत्काल बदला जाए’


लोनीः कागजों में कुछ, धरातल पर कुछ

गाजियाबाद। देश में कोरोना के चलते घोषित हुए लाॅक डाउन के बाद कुछ दिहाड़ी मजदूरी करने वाले लोगों एवं उनके परिवार के सामने भूखे मरने की नौबत पैदा हो गई है। क्योंकि लाॅक डाउन के बाद सब कुछ बंद है अब यह गरीब मजदूर जो रोज मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते थे। इनके घरो में कई दिनों से चुल्हा नहीं चला है वही सरकार द्वारा ऐसे माहौल में लोगो के भोजन एवं राशन की व्यवस्था कराई जा रही है। अब प्रशासन लोगों को उनके भोजन एवं राशन की व्यवस्था अपने स्तर से कर रहा है। चाहे वह कागजों में ही क्यों ना हो अब हम आपको बताते है गाजियाबाद के लोनी प्रशासन द्वारा की जा रही उन गरीब मजदूर परिवारो के भोजन व्यवस्था के बारे में जोकि आकडों में कुछ दिखाई दे रही हैं और धरातल पर कुछ ओर। लोनी प्रशासन द्वारा एक लिस्ट जारी की गई थी जिसमे कुछ मोबाइल नंबर दिए गए थे और यह मोबाइल नंबर इसलिए दिए गए थे। जिस किसी को भोजन एवं राशन की आवश्यकता है वो इन नंबर पर संपर्क कर सकें और यह लिस्ट *लोनी तहसील* परिसर के गेट पर चस्पा कर दी गई लिस्ट जारी होने के बाद लोगों ने जरूरत के हिसाब से उन नंबर पर संपर्क करना शुरू कर दिया लेकिन प्रशासन द्वारा जारी किए गए फोन नंबर पर कॉल करने वाले कुछ लोगों ने बताया कि यह फोन या तो लगते नहीं है अगर कोई काॅल लग भी जाती है तो संबंधित लोग फोन उठा नहीं रहे हैं अगर किसी ने फोन उठा लिया तो वह फोन करने वाले से उसका नाम पता पूछने के बाद यह बोलकर फोन काट देता है कि आपके पास सहायता पहुँच जायेगी लेकिन वह परिवार प्रशासन की व्यवस्था का इंतजार करते करते अपने लिए कुछ और ही व्यवस्था कर रहे हैं। अब बात करते हैं लोनी एसडीएम द्वारा जारी किए गए आकडों की एसडीएम लोनी द्वारा जारी आकडों की अगर बात करे तो आकडों के मुताबिक लोनी प्रशासन ने लोनी के 1944 परिवारो के 8548 सदस्यों को भोजन एवं खाने का सामान वितरण किया गया है। लेकिन अगर लोनी प्रशासन द्वारा 1944 परिवारो के लिए भोजन एवं राशन की व्यवस्था कराई जा रही है तो लोनी की पुलिस क्यो लगातार गरीब परिवारो के बीच खाने का सामान वितरण कर रही है। क्यो वह गरीब परिवार क्षेत्र के पत्रकारों से संपर्क कर रहे हैं क्यो यह गरीब परिवार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं से संपर्क कर रहे हैं क्यो यह परिवार वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं। पुलिस द्वारा लगातार ऐसे गरीब परिवारो के लिए भोजन एवं राशन की व्यवस्था कराई जा रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता अपने स्तर से इन गरीब परिवारो के लिए भोजन वितरण कर रहें हैं अब लोनी प्रशासन को उनके द्वारा गरीब परिवारो को दी गई राहत सामग्री लेने वाले लोगों की लिस्ट सार्वजनिक की जानी चाहिए। अगर *लोनी प्रशासन* द्वारा इतने परिवारो को भोजन एवं राशन दिया गया है तो यह भूखे लोग कौन है जो लगातार फोन कर रहे हैं वीडियो वायरल कर रहे हैं।


 यशपाल कसाना


'कफन चोरों' को व्यवस्था की बागडोर

कफन चोरो के हाथ बागडोर
अकाशुं उपाध्याय


गाजियाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिस प्रकार से जन सुरक्षा को लेकर चिंतित है और महामारी नियंत्रण के सभी विकल्पों पर दिन रात-काम कर रहे है। कहीं गरीबी को कम करने पर तो कार्य नहीं किया जा रहा है। क्योंकि इस प्रकार की परिस्थिति में गरीब का जीवित रहना बहुत कठिन है। इसके विपरीत दूसरी तरफ प्रशासन जनता पर कहर बरसा रहा है। कुछ दोगले नेता और धूर्त अधिकारी अपनी काली करतूतों से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसा लगता है सरकार और प्रशासन योजनाबद्ध ढंग से गरीबी हटाने का कार्य कर रहे हैं। भूख से पीड़ित, निरीह लोग तहसील के दरवाजे पर इस उम्मीद के साथ खड़े हैं कि उन्हें कुछ खाने-पीने का सामान अथवा भोजन मिलेगा। बल्कि अशिक्षित और अनिभिज्ञ लोग प्रधानमंत्री मोदी के मंत्र 'सामाजिक दूरी' से भी अनजान है। 
गाजियाबाद स्थित लोनी क्षेत्र का कड़वा सच आज भी अपने मुकाम पर कायम है। आपातकालीन स्थिति में भी तहसीलदार प्रकाश सिंह अपने भ्रष्टाचार पर पूर्ववत केंद्रित है। पूर्व में तहसीलदार ने दोनों हाथों से रिश्वत बटोर कर, सील की गई क्षेत्र की अवैध औद्योगिक इकाइयां संचालित कराई थी। लेकिन हद तो तब हो गई है जब लाखों रुपए का खाना तहसीलदार अकेले ही खा रहा है। लोनी में प्रतिदिन 5000 लोगों को भोजन प्रदान करने का काला सच जानकर आप हैरान हो जाएंगे। क्षेत्र में 500 लोगों को भी भोजन मुवैया नहीं कराया जा रहा है। जबकि 5000 लोगों को प्रतिदिन भोजन एवं भोजन सामग्री प्रदान करने का दावा किया जा रहा है। इस काली करतूत में कई लोगों की साझेदारी होने की संभावना से मना नहीं किया जा सकता है। हालांकि भ्रष्ट अधिकारी तंत्र तहसीलदार की क्या पूछं उखाड़ेगा? उसके आकाओं का उसको भरपूर समर्थन है। जबकि ऐसे अधिकारीयो को चौराहे पर काला मुंह करके और जूतों का हार पहना कर, जुलूस निकालना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है।
आखिरकार सरकार को इतना आडंबर करने की जरूरत क्या है? लूट-खसोट ही करनी है तो आराम से करो। कौन रोकने वाला है? मंत्री-संत्री सब भाजपा ही भाजपा है। यह सच है, "जिसका कोई नहीं होता, उसका तो खुदा होता है"। तहसील के दरवाजे से गरीब, मजदूर और मजलूम तीमारदार कितना उदास चेहरा लेकर लौटे! लेकिन स्थानीय नेताओं की आंखों पर चर्बी चढ़ी है। जिन्हें वास्तविकता दिखाने से भी नहीं दिख रही है। जबकि वास्तविकता यही है कि उनका जो भी वजूद है। वह इसी जनता से हैं। रसूखदार लोग अपने मतलब से ही किसी को पूछते हैं। किसी को वोट देना तो बहुत बड़ी बात है।


1.उपजिला अधिकारी खालिद अंजुम खान अधिक व्यवस्था के कारण फोन रिसीव नहीं कर पा रहे हैं। पिछले 24 घंटे में चार बार संपर्क करनेे करने का प्रयास किया गया। लेकिन संपर्क नहीं हो सका। तहसील कार्यालय को बाहर सेेेेे बंद कर, सभी का प्रवेश वर्जित कर दिया गया है। ताकि अंदर चल रहे खेल की किसी को भनक ना हो।


2. जिला अधिकारी अजय शंकर पांडे से संपर्क करने पर यथा स्थिति से अवगत कराया गया। उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था अथवा लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।



वंही मोदी की 'सामाजिक दूरी' का सच भी उजागर होता है। शुक्र है अभी तक यहां पर संक्रमण प्रभावी नहीं है। वरना लाशों के ढेर लग जाते और कफन चोर अधिकारियों की मौज हो जाती। वाह मोदी सरकार, वाह योगी सरकार।


अपना हित 'संपादकीय'

अपना हित    'संपादकीय'
 नीच, निकम्मे और  हराम खाऊ अधिकारियों की कार्यशैली भुखमरी को बढ़ाने के अलावा और कोई काम नहीं करेगी। क्योंकि चोर, चोरी छोड़ सकता है हेरा-फेरी नहीं। ऐसे लोगों को केवल अपना हित ही नजर आता है।
 प्रधानमंत्री के द्वारा 21 दिन का लॉक डाउनलोड करने के बाद ज्यादातर राज्य सरकार, प्रदेश की व्यवस्था को नियंत्रित करने का काम कर रही हैं। वायरस के संक्रमण को रोकने का कठोरता से पालन भी किया जा रहा है। जिसमें पुलिस की कर्तव्यनिष्ठा ने पुलिस का गौरव बढ़ा दिया है। लेकिन प्रशासन राज्य सरकार और केंद्र सरकार के विरुद्ध षड्यंत्र रचने का कार्य कर रहा है। निराश्रित, बेसहारा और मजबूर लोगों के साथ तहसील स्तर पर घिनौना मजाक किया जा रहा है। संकट की विषम परिस्थितियों में लूट मच गई है। अधिकारी-कर्मचारी अपनी जेब भरने पर लगे हैं। जबकि गरीबों का पेट खाली है। जरूरी सामानों की प्रतिपूर्ति के सभी दावे कुल मिलाकर बकवास है। यदि समय रहते गरीब मजदूर के हित को ध्यान में नहीं रखा गया तो महामारी ऐसा इतिहास बनाएगी। जो वर्तमान सरकार के माथे का कलंक बन जाएगा। 24-24 घंटे तक भोजन न मिलना। क्या अपराध है उस भूखे व्यक्ति का? यही कि वह भारत में निवास करता है।
 गैर सरकारी संस्थाएं इन मोर्चो पर अगर आगे नहीं बढ़ती तो देश की जनता के बड़े तबके को भुखमरी का सामना करना पड़ता। अगर सामाजिक ताना-बाना ही इससे लड़ेगा। तो लूट-खसोट का खेल खेलने वाले अधिकारियों पर जांच बैठाई जाए और भोजन वितरण की ढकोसला योजनाओं को तुरंत बंद कर देना चाहिए।
हमारी संस्कृति ने हमें सदा 'नर सेवा, नारायण सेवा' की सीख दी है। इसलिए हम किसी भी परिस्थिति से निपटने को तैयार है। सरकार अधिकारियों पर मेहरबानी बंद करें और जनता हित में ध्यान लगाए। जय जयकार करने वाली जनता का हित।


राधेश्याम 'निर्भयपुत्र'


इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके

इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके  अखिलेश पांडेय  जकार्ता। इंडोनेशिया के पूर्वी प्रांत मालुकु में सोमवार के तेज झटके महसूस किए गए। इ...