गुरुवार, 26 मार्च 2020

प्रदेश की वित्तीय सेहत पर नजर

विक्रम सिंह यादव
लखनऊ। सरकार के निशाने पर कोरोना वायरस और प्राथमिकता पर जनता का स्वास्थ्य और सहूलियत है, लेकिन इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नजर प्रदेश की वित्तीय सेहत पर भी है। गुरुवार को लॉकडाउन की समीक्षा बैठक में सीएम योगी का जोर आवश्यक वस्तुओं की व्यवस्थित होम डिलीवरी पर था। अधिकारियों को उन्होंने कालाबाजारी और मुनाफाखोरी करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के सख्त निर्देश दिए। जरूरत पड़ने पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई करने को भी कहा। मुख्यमंत्री ने अतिवृष्टि, ओलावृष्टि और लॉकडाउन से हुए आर्थिक नुकसान के आकलन और उसकी भरपाई का रोडमैप बनाने के लिए उच्चस्तरीय समिति भी गठित कर दी है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अपने सरकारी आवास पर समीक्षा बैठक में होम डिलीवरी सिस्टम को मजबूत करने के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ समन्वय कर वॉलेंटियर्स तैयार करने के निर्देश दिए। सब्जी, दूध, दवा आदि की होम डिलीवरी में 14 हजार से अधिक वाहन लगाए गए हैं। जरूरत पड़ने पर लोग 112, 108 और 102 नंबर पर संपर्क कर सकते हैं। 108 और 102 सेवा की एंबुलेंस से घरों में दवा पहुंचाने के लिए भी कहा गया है। मुख्यमंत्री ने सीमावर्ती जिलों के प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि जो भी व्यक्ति प्रदेश में आश्रय स्थलों, रैन बसेरों आदि में रुके हैं, उनके लिए भोजन और पानी की व्यवस्था की जाए।सीएम हेल्पलाइन के जरिये 60 हजार से अधिक ग्राम प्रधानों को कोरोना से बचाव और इलाज की जानकारी देने के साथ ही ग्राम पंचायतों की जानकारी भी ली जा रही है। सीएम योगी ने कोरोना की आपदा से निपटने के लिए गठित कमेटियों से पारस्परिक समन्वय के साथ काम करने को कहा है। चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मियों के मानदेय का भुगतान भी जल्द करने के निर्देश दिए गए हैं।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने अपर मुख्य सचिव वित्त की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी विगत दिनों प्रदेश में हुई अतिवृष्टि, ओलावृष्टि और लॉकडाउन के दौरान उद्योगों के बंद होने से अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन कर इससे निपटने के लिए भविष्य का रोडमैप बनाने का कार्य करेगी। वहीं, प्रमुख सचिव पंचायती राज व ग्राम्य विकास की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है, जो शहर और ग्रामीण इलाकों में स्वच्छता कार्यक्रम का जिम्मा संभालेगी। बैठक में मुख्य सचिव आरके तिवारी सहित विभिन्न विभागों के शीर्ष अधिकारी उपस्थित थे।किसानों की राहत के लिए लॉकडाउन के दौरान तैयार हो रही गेहूं व आलू की फसल के लिए प्रोक्योरमेंट की कार्ययोजना बनाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव कृषि तथा प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद को दिए हैं। अधिकारियों से ऐसी व्यवस्था बनाने को कहा गया है कि जिससे मंडियों में सब्जी आदि की आवक बनी रहे और घरों तक उसका वितरण भी किया जा सके। उन्होंने प्रमुख सचिव पशुपालन को दूध की आवक और वितरण तथा पशुओं के चारे की आपूर्ति व्यवस्था बनाए रखने के भी निर्देश दिए।


गेहूं के आटे की मिले चालू रहनी चाहिए

ज़रूरतमंदों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराई जाए


देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने देर सांय वीडियो कांफ्रेंसिग द्वारा प्रदेश में कोरोना वायरस की अद्यतन स्थिति और इसके संक्रमण को कम करने के लिए की गई तैयारियों की विस्तृत समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि गेहूं की आटा मिलें चलती रहें, ये सुनिश्चित कर लिया जाए। पंजीकृत और अन्य श्रमिकों व अन्य ज़रूरतमंदों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराई जाए। आवश्यक सावधानियां बरतते हुए फार्मा इंडस्ट्री चलती रहें। जो लोग बाहर से आ रहे हैं, उनको होम क्वारेंटाईन कराया जाए। कोरोना संदिग्ध लोगों जिनकी रिपोर्ट लम्बित है, को सख्ती के साथ घर पर क्वारेंटाईन किया जाए। इस पर लगातार चैकिंग भी की जाए। जिलाधिकारी इनको क्रास चेक करा लें। जिलों में होम डिलीवरी व्यवस्था को मजबूत करें। सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने अभी तक की स्थिति पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि इसी प्रकार आपसी समन्वय से आगे भी काम करना है। कोई  छोटी से छोटी कोताही भी नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आवश्यकता होने पर देहरादून व हल्द्वानी में 500 बेड के प्री फैब कोरोना अस्पताल बनाए जा सकते हैं, इसके लिए संबंधित जिलाधिकारी 5 एकङ भूमि चयनित कर लें। जिन भी सीएमओ व अन्य अधिकारियों के नम्बर सार्वजनिक कर रहे हैं उन्हें सहायक भी दे दे। छोटी आटा चक्कियो को चलने दे। थोक सप्लाई को न रोके। दुकानों पर रेट लिस्ट अवश्य लगें। फूड प्रोसेसिंग से संबंधित फेक्ट्री चलती रहें।  कल मार्केट आवश्यक वस्तुओं के लिए सुबह 7 से दोपहर 1 बजे तक खुले रहेंगे। ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि कम समय होने पर भीङ एक साथ आ जाती है। फल सब्जी, दूध दिनभर उपलब्ध होगी। सब्जियों की ठेलिया चल सकती हैं। चार पहिया वाहन पूरी तरह बंद रहेंगे। दोपहिया वाहन सुबह 7 से दोपहर 1 बजे तक चलेंगे परंतु इनपर एक ही व्यक्ति बैठेगा।  बैठक में सचिव नितेश झा ने बताया कि अभी उत्तराखंड कोरोना के फेज एक में ही है। यहां पाए गए पाजिटिव केस बाहर से आए हुए हैं। स्थानीय संक्रमण नहीं हुआ है। सोशल डिस्टेंसिंग रखने में सफल रहे तो राज्य में कोरोना मामलों को रोकने में अवश्य कामयाब रहेंगे। आयुष चिकित्सकों की सेवाएं भी ली जाएंगी। जिला चिकित्सालयों में कोरोना स्पेसिफिक अस्पताल स्थापित कर रहे हैं। आवश्यक दवाओं और उपकरणों की व्यवस्था की गई है। सचिव सुशील कुमार ने बताया कि खाद्यान्न पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, डीजीपी अनिल कुमार रतूङी, सचिव अमित नेगी अन्य शासन के वरिष्ठ अधिकारी, जिलाधिकारी और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।



भाजपाः जरूरी पूर्ति के लिए फोन करें

अंबिकापुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश में 21 दिन के लिए लॉकडाउन घोषित किया गया है। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा व भाजपा प्रदेश संगठन के आह्वान पर भाजपा सरगुजा जिलाध्यक्ष अखिलेश सोनी ने कोरोना महामारी से उत्पन्न स्थिति की गम्भीरता को देखते हुए लॉकडाउन के दौरान आम नागरिकों एवं जरूरतमंदों की सहायता हेतु एक वालिंटियर हेल्प लाइन टीम का गठन किया है। यह टीम भोजन सहित अन्य आपातकालीन जरूरतों की पूर्ति हेतु हर संभव सहयोग के लिए सदैव तत्पर रहेगी।



ये हैं भाजपा की टीम व उनके मोबाइल नंबर
गठित टीम में लेखराज अग्रवाल विजय मार्ग 7000721500, विनोद हर्ष मायापुर 9406090493, मंजूषा भगत फुंदुरडिहारी 9340150378, मनोज गुप्ता नावापारा 9826171391, संजय सोनी सत्तीपारा 9826184946, दीपक सिंह तोमर नमनाकला 9826384173, विकास पाण्डेय बौरीपारा 9826305168, वेदप्रकाश शर्मा पटपरीया 9826133078, जफर खान गोधनपुर 9826196624, विकास गुप्ता महामाया रोड 9826172478़,विपिन पाण्डेय गांधीनगर 9009536523, शानु कश्यप सदर रोड़ 9575192551, वेदांत तिवारी जय स्तम्भ चौक 7000751698, संजीव वर्मा डीसी रोड 6265207660, अंशुल श्रीवास्तव दर्रीपारा 9685596111, अनीश सिंह केनाबांध 75665192551, संजीव वर्मा ब्रम्हरोड 7999904977, भूपेश यादव केदारपुर 7987208738, हर्ष जायसवाल बौरीपारा 9826645485, सर्वेश तिवारी दर्रीपारा 9826175363, कृष्णा सोनी जोडा पीपल 7000672544,वीर सोनी मायापुर 8962675667, दिव्यांशु केशरी सदर रोड 7987326077 व गोल्डी छाबडा बनारस रोड 9826601501 को सम्मिलित किया गया है। जरूरतमंद लोगों के आग्रह है कि आपातकालीन स्थिति में किसी प्रकार की जरूरत होने पर उक्त व्यक्तियों के मोबाइल नंबर पर मदद हेतु संपर्क करे सकते हैं।


पार्षदों को भी मदद के लिए गए हैं निर्देश
भाजपा ने नगर पालिक निगम अम्बिकापुर के समस्त पार्षदों एवं पार्षद प्रत्याशियों को सजग रहकर अपने-अपने वार्डों में मुस्तैदी से जरूरतमंदों को हरसंभव मदद करने को निर्देशित किया गया है। इसके अलावा पार्टी द्वारा सभी भाजपा मंडल अध्यक्षों को अपने अपने मण्डलों में टीम गठित कर जरूरतमंदों की सेवा हेतु तत्पर रहने को कहा गया है।


100 परिवारों को होम आइसोलेशन

चंद्रकांत देवांगन


दुर्ग। भिलाई के सेक्टर 11 खुर्सीपार जोन-2 निवासी युवक की जांच रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हो गई है। युवक को बीती रात इलाज के लिए रायपुर स्थित एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उसकी हालत सामान्य बताई जा रही है।


बताया जा रहा है कि युवक 10 तारीख को दुबई से लौटा था। उसे होम आइसोलेशन में रखा गया था और सैंपल जांच के लिए भेजा गया था। युवक के परिवारजनों के भी सैम्पल ले लिए गए हैं और जांच के लिए भेजे जा चुके हैं। परिवार के सभी सदस्यों का क्वारन्टीन कर दिया गया है। इसके साथ ही युवक के घर के आसपास के 100 परिवारों को होम आइसोलेशन में रखा गया है। उन्हें घर से बाहर नहीं निकलने की सख्त हिदायत दी गई है। मोहल्ले की सभी दुकानें बंद कर दी गई हैं। स्वास्थ्य अमला इलाके में सक्रिय है और सतत निगरानी रखे हुए है। पूरे इलाके को सैनीटाइज किया जा रहा है। कलेक्टर अंकित आनंद ने जिले के सभी नागरिकों से अपील की है कि अति आवश्यक कारण के बिना घर से कतई नहीं निकले।


सब्जी मंडियों में देखी गई लापरवाही

जौनपुर । नगर के लाइन बाजार थाना क्षेत्र के नवीन मण्डी स्थल पर मना करने के बाद भी अभी भी भारी भीड़ उमड़ी देखी जा रही है। लोग धक्का-मुक्की करते नजर आ रहे हैं। यदि ईश्वर न करें कि किसी को कोरोना वायरस सम्बन्धित बीमारी हो तो स्थिति कितनी भयावह हो सकती है।


लोग अभी भी बिना मास्क लगाये देखे जा सकते है। मण्डी समिति के पदाधिकारी व जिला प्रशासन को इस पर विचार-विमर्श करना चाहिये कि भीड़ ज्यादा मण्डी में न जमा हो। हालांकि मण्डी समिति से जुड़े महेन्द्र सोनकर द्वारा ध्वनि विस्तारक यंत्र के माध्यम से बराबर कहा जा रहा है कि बिना मास्क लगाये कोई मण्डी में न आये।


वहीं दुकानदारों से कह रहे हैं कि निर्धारित दर पर ही लोगों को सामान उपलब्ध करायें तथा दुकान पर भीड़ न लगायें। फिलहाल भीड़ को देखते हुये मण्डी समिति को ठोस ठोस निर्णय लेने की आवश्यकता है जिसके लिये जिला प्रशासन का सहयोग जरूरी है। परिसर में लगने वाली सब्जियों की दुकानों व ग्राहकों के बीच की दूरी तय सीमा की परिधि में हो।


भारी बारिश और ओलावृष्टि का अलर्ट

देहरादून। उत्तराखंड में मौसम विभाग ने मैदानी इलाकों में भारी बारिश और ओलावृष्टि का अलर्ट जारी किया  है। साथ ही कुछ पर्वतीय क्षेत्रों में आकाशीय बिजली गिरने की भी आशंका जताई गई है। इसको देखते हुए अलर्ट जारी किया है।


मौसम विभाग ने शुक्रवार को प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में भारी बारिश और बर्फबारी की चेतावनी दी है। बुलेटिन के अनुसार ज्यादातर इलाकों में हल्के बादल छाए रह सकते हैं। कुछ इलाकों में गरज और चमक के साथ बारिश भी हो सकती है। वहीं पहाड़ी क्षेत्रों में ओलावृष्टि और आकाशीय बिजली भी गिर सकती है।


उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, बागेश्वर जिलों के कई क्षेत्रों में भारी बारिश हो सकती है। इन सभी जिलों के ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी होने का अनुमान है।पर्वतीय क्षेत्रों में ओले गिरने और आकाशीय बिजली गिरने की आशंका है। मौसम विभाग के अनुसार देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर के कई इलाकों में 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज आंधी चल सकती है।


श्रीनगर में एक मौत, चिंता बढ़ाई

कृष्ण पनगोत्रा 


श्रीनगर। केंद्र शासित राज्य जम्मू-कश्मीर का आवाम संतोष महसूस कर रहा था कि अब तक करोना वायरस के कारण मौत ने दस्तक नहीं दी। लेकिन 26 मार्च को सुबह की खबर ने संतोष की अनुभूति पर चिंता की परतें चढ़ा दी। 


श्रीनगर शहर के हैदरपुरा से 65 साल के एक बुजुर्ग की पहली मौत इस लिहाज़ से भी फिक्र का अहसास करवाती है कि उस शख्स ने एक ऐसी गलती कर दी जिससे वो तो दुनिया से रुखस्त हो गया मगर जाने कितनों की जिंदगी खतरे में डाल गया। बताया जा रहा है कि वो बाहिरी प्रदेश से आ कर जम्मू शहर से सटे भीड़भाड़ वाले क्षेत्र बाड़ी ब्रहम्णा से होता हुआ वाया जम्मू कश्मीर सूबा स्थित श्रीनगर पहुंचा। यात्रा के विवरण की जानकारी छिपाने और सही समय पर चिकित्सीय परीक्षण को लेकर लापरवाही से बुजुर्ग तो दुनिया छोड़ गया, मगर आवाम के साथ शासन-प्रशासन की फ़िक्रमंदी को बढ़ा डाला। कर्त्तव्य के प्रति लापरवाही की एक और घटना तब घटी जब बांग्लादेश से प्रदेश में पहुंची छह लड़कियों को जम्मू शहर की प्रसिद्ध पाश कॉलोनी छन्नी हिम्मत से पकड़ा गया। चिंता और आशंका की बात यह है कि वो छह लड़कियां छन्नी हिम्मत के अलावा जाने किस-किस जगह घूमी होंगी! कितने लोगों के संपर्क में आई होंगी! कोरोना वायरस को लेकर जम्मू-कश्मीर में स्थिति गंभीर होती जा रही है। कठुआ के पहाड़ी इलाकों तक वायरस के संक्रमण की अाशंका है। पंजाब से सटे कठुआ जिला में 1200 लोगों को क्वारंटीन में रखा गया है। इसके साथ ही प्रदेश में अब कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 11 पहुंच गई है। इसमें कश्मीर में आठ और जम्मू में तीन मरीज हैं। इस बीच राज्य सरकार ने सभी दफ्तरों को 14 अप्रैल तक के लिए बंद कर दिया है। सरकारी सुविधाओं का जायज़ाः पेंशनधारकों की सहूलियत के लिए सभी प्रकार के पेंशन तत्काल जारी करने के आदेश किए गए हैं। प्रशासन की ओर से पांच हजार लोगों के क्वारंटीन की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए होटल, स्कूल परिसर चिह्नित किए गए हैं। प्रदेश सरकार ने जम्मू कश्मीर में 14 अप्रैल तक जरूरी सेवाओं वाले कार्यालयों को छोड़ अन्य सभी सरकारी कार्यालयों को 14 अप्रैल तक बंद कर दिया है। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 21 दिवसीय देश व्यापी लॉकडाउन को जम्मू कश्मीर में सफल बनाने के लिए सरकार हर मुमकिन कदम उठाएगी। वहीं, उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू की अध्यक्षता में प्रशासनिक परिषद ने कोरोना वायरस से उत्पन्न हुए हालात को देखते हुए रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंशन को तत्काल जारी करने के निर्देश वित्त विभाग को जारी किए हैं। प्रशासनिक परिषद के फैसले से प्रदेश के करीब डेढ़ लाख पेंशन धारकों को लाभ मिलेगा। उल्लेखनीय हैं कि प्रशासनिक परिषद ने इससे पूर्व डेलीवेजरों को एक महीने का वेतन तत्काल जारी करने के निर्देश दिए थे। इसके अलावा राशन कार्ड धारकों को दो महीने का एडवांस राशन भी जारी करने का फैसला लिया चुका है। लॉकडाउन का सख्ती से हो रहा पालनः जम्मू-कश्मीर के प्रवेशद्वार लखनपुर से लेकर पूरे प्रदेश तथा लद्दाख में लॉकडाउन रहा। प्रशासन की ओर से सख्ती भी रही। बाहर निकलने वालों को घर भेजा गया। इसके साथ ही आदेश का अनुपालन न करने पर मुकदमा दर्ज करने के साथ गिरफ्तारियां भी की गईं। कई वाहन सीज किए गए। जुर्माना भी लगाया गया। हालांकि, दवा, दूध, फल-सब्जी समेत अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुचारू रही। जम्मू, डोडा, किश्तवाड़ समेत कई जगहों पर राशन वितरण शुरू कर दिया गया है। श्रीनगर में  मोहल्लों में भी भीड़ जुटने से रोकने को अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। यहां 28 मार्च से पीडीएस राशन की होम डिलीवरी शुरू होगी। श्रीनगर में संदिग्ध मरीज अस्पताल से भागाः श्रीनगर के डलगेट स्थित चेस्ट अस्पताल से कोरोना का एक संदिग्ध मरीज भाग निकला। बटमालू के 23 वर्षीय युवक को अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया था। उसका सैंपल जांच के लिए मंगलवार को भेजा गया। वह हंगरी से लौटा था। पिछले सप्ताह भी सऊदी अरब से पहुंची एक महिला भी अस्पताल से भाग निकली थी। बाद में उसे अस्पताल लाया गया। हालांकि, उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी।


मादक पदार्थ के साथ तीन गिरफ्तार

अतुल त्यागी जिला प्रभारी
रिंकू सैनी/मुकेश सैनी/मयंक त्यागी
सवा 2 किलो गांजे के साथ तीन तस्कर गिरफ्तार 



हापुड़। जनपद हापुड़ के थाना हापुड़ देहात पुलिस द्वारा तीन तस्करो को गिरफ्तार किया तथा उनका 1 साथी फरार होने में कामयाब रहा। थाना हापुड़ पुलिस द्वारा आज 2 किलो 250 ग्राम गांजा के साथ तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जिनके कब्जे से ₹85000 नकद भी बरामद किए गए। थाना हापुड़ देहात प्रभारी राजेश भारती ने बताया कि उपनिरीक्षक सुमित तोमर व उसके सहयोग द्वारा यह गिरफ्तारी की गई। उपनिरीक्षक सुमित तोमर को सूचना मिली कि देव नंदिनी अस्पताल के सामने चार युवक खड़े हैं जो गांजे की सप्लाई करने के लिए आए हैं जिस पर पुलिस बल ने मौके पर पहुंचकर अभियुक्तों का पीछा किया जिसमें तीन अभियुक्त पुलिस के हत्थे चढ़ गए लेकिन एक भागने में कामयाब रहा कांस्टेबल अक्षय द्वारा उसका पीछा किया गया लेकिन वह भागने में सफल रहा। भागने वाला लड़का जानू  मुदाफरा थाना हापुड़  देहात का रहने वाला है वह गांजे का काम करता है। पकड़े गए अभियुक्तों से जब उनका नाम व पता पूछा गया तो उन्होंने बताया एक का नाम जाने आलम पुत्र नवाब सिंह निवासी गोंदी थाना  हापुड़ देहात दूसरा विपिन पुत्र बचन सिंह साकेत कॉलोनी तीसरा करन पुत्र शरादू चीनी मिल मुरादपुर थाना सिंभावली जनपद हापुड़ का रहने वाला है। तीनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।


विधायक ने बांटी आवश्यक सामग्री

अतुल त्यागी जिला प्रभारी
रिंकू सैनी/मुकेश सैनी/मयंक त्यागी रिपोर्टर
 विधायक द्वारा जरूरतमंदों को वितरित की आवश्यक सामग्री 


हापुड़। कोरोना वायरस के चलते जनपद में लॉकआउट  है जिसके कारण आम जनमानस को खाद्य पदार्थ खरीदने में अत्याधिक दिक्कत आ रही है। उन्हों के पास पैसे का भी अभाव है ऐसे में सदर विधायक विजयपाल आढ़ती ने जरूरतमंदों को वितरित किया खाद्य सामग्री हापुड़ सदर विधायक द्वारा जरूरतमंदों को आटे के कट्टे व अन्य सामान देकर उनकी सहायता की गई। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि वे लोग सभी सचेत रहें वह सफाई का विशेष ध्यान रखें बिना किसी जरूरत के सड़कों पर ना निकले और समय-समय पर अपने हाथों को साबुन से तुम्हें क्योंकि सफाई ही इस समस्या का समाधान है। इस वायरस को हराना है तो सफाई नियमित करें।


या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रुपेण संस्थिता।

मां चंद्रघंटा की कृपा से साधक के समस्त पाप और बाधाएँ विनष्ट हो जाती हैं। इनकी आराधना सद्यः फलदायी है। माँ भक्तों के कष्ट का निवारण शीघ्र ही कर देती हैं। इनका उपासक सिंह की तरह पराक्रमी और निर्भय हो जाता है। इनके घंटे की ध्वनि सदा अपने भक्तों को प्रेतबाधा से रक्षा करती है। इनका ध्यान करते ही शरणागत की रक्षा के लिए इस घंटे की ध्वनि निनादित हो उठती है।माँ का स्वरूप अत्यंत सौम्यता एवं शांति से परिपूर्ण रहता है। इनकी आराधना से वीरता-निर्भयता के साथ ही सौम्यता एवं विनम्रता का विकास होकर मुख, नेत्र तथा संपूर्ण काया में कांति-गुण की वृद्धि होती है। स्वर में दिव्य, अलौकिक माधुर्य का समावेश हो जाता है। माँ चंद्रघंटा के भक्त और उपासक जहाँ भी जाते हैं लोग उन्हें देखकर शांति और सुख का अनुभव करते हैं।


माँ के आराधक के शरीर से दिव्य प्रकाशयुक्त परमाणुओं का अदृश्य विकिरण होता रहता है। यह दिव्य क्रिया साधारण चक्षुओं से दिखाई नहीं देती, किन्तु साधक और उसके संपर्क में आने वाले लोग इस बात का अनुभव भली-भाँति करते रहते हैं।


हमें चाहिए कि अपने मन, वचन, कर्म एवं काया को विहित विधि-विधान के अनुसार पूर्णतः परिशुद्ध एवं पवित्र करके माँ चंद्रघंटा के शरणागत होकर उनकी उपासना-आराधना में तत्पर हों। उनकी उपासना से हम समस्त सांसारिक कष्टों से विमुक्त होकर सहज ही परमपद के अधिकारी बन सकते हैं।


हमें निरंतर उनके पवित्र विग्रह को ध्यान में रखते हुए साधना की ओर अग्रसर होने का प्रयत्न करना चाहिए। उनका ध्यान हमारे इहलोक और परलोक दोनों के लिए परम कल्याणकारी और सद्गति देने वाला है। प्रत्येक सर्वसाधारण के लिए आराधना योग्य यह श्लोक सरल और स्पष्ट है। माँ जगदम्बे की भक्ति पाने के लिए इसे कंठस्थ कर नवरात्रि में तृतीय दिन इसका जाप करना चाहिए।


या देवी सर्वभू‍तेषु माँ चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।


अर्थ : हे माँ! सर्वत्र विराजमान और चंद्रघंटा के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है। या मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूँ। हे माँ, मुझे सब पापों से मुक्ति प्रदान करें।


इस दिन सांवली रंग की ऐसी विवाहित महिला जिसके चेहरे पर तेज हो, को बुलाकर उनका पूजन करना चाहिए। भोजन में दही और हलवा खिलाएँ। भेंट में कलश और मंदिर की घंटी भेंट करना चाहिए।


एक पहचान 'संपादकीय'

एक पहचान    'संपादकीय' 


नहीं वरण हुआ, अभी तक कुंवारी है।
जन, गण के मन में बड़ी दुश्वरी है। 
लाखो जिंदगी मौत के घाट उतारी है। 
गली-चौराहा, शहर सारा खामोश बडा हैं। 
संदेश को समझो, आदेश सरकारी है। 
बंदिशों का दौर नहीं, अगर जिंदगी प्यारी है।
मरना है तुझको ऐ गरीब, यह तेरी लाचारी है।
रखवाली पर बैठा तेरी, बड़ा व्याभिचारी है।
लाश भी नहीं छुएगा कोई, ऐसी महामारी है।
नहीं वरण हुआ, अभी तक कुंवारी है।....



       विश्व में कोविड-19 नामक महामारी ने परिवर्तन की एक बयार चला दी है। कई देशों को इसका भयानक परिणाम झेलना पड़ रहा है। हमारा देश भी उसी रास्ते पर चल रहा है। देश की जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर और कोरोना के भय के कारण 'लॉक डाउन' का समर्थन तो किया है। लेकिन अक्षमता हीन वर्ग की इतनी बड़ी उपेक्षा इससे पूर्व कभी नही हुई है और संभवतः भविष्य में भी ना हो। विश्व की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक व्यवस्था भारत की पहचान विश्व में "गाय, गरीब और गांधी" से होती है। गाय के नाम पर देश में राजनीति तो खूब होती है। सेवा और सद्भावना कचरा चाट रही है। 'गांधी' एक ऐसा विषय है, जिसे छेड़ने मात्र से छेड़ने वाले का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा। चाहे वह कितना ही बड़ा और बुद्धिमान राजनीतिज्ञ क्यों ना हो। अब हमारी वैश्विक पहचान का सबसे बड़ा कारण गरीबी है। देश की कुल आबादी का 40% भाग गरीब है। यह देश के पंजीकृत गरीब है। जो उनसे भी गरीब है यह साधारण भाषा में 'महान गरीब' है। उनकी बला से झाड़ पर बैठी है सरकार और उसकी योजनाएं। ऐसे महान गरीबों को दरकिनार कर दिया जाए तो सरकार की 'लॉक डाउन' में जनसेवा की गाथा विश्व में अवश्य प्रसिद्ध होगी। क्योंकि कोरोना महामारी क्या करेगी या क्या नहीं करेगी? यह दूर की कौड़ी है। अपने कार्यालयों में बैठकर चिकनी-चुपड़ी बातों से गरीब, मजदूर और जरूरतमंद का पेट नहीं भरेगा। दूध मुंहे बच्चों की किलकारी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इसके समाधान के लिए लंबी-लंबी बात हांकने के अलावा धरातल पर कुछ भी नजर नहीं आता है। क्या मजाक बन गया है, सिद्ध पुरुष और शक्तिशाली लोग गाल बजाने के अलावा कुछ नहीं कर रहे हैं? देश की गरीब जनता के सामने विभिन्न प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो चुकी है। छोटी-छोटी, सामान्य समस्याएं भी वृहद और विकराल हो गई है। जिसके समाधान का कोई मार्ग प्रशस्त नहीं किया गया है। यदि इस पर कार्य किया भी जा रहा है। उसके क्या परिणाम होगे, इसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता है।
 वर्तमान ऐसा सुनहरा अवसर लेकर आया है। जिसका सही ढंग से उपयोग करने पर गरीब-मजदूर वर्ग का एक बड़ा हिस्सा नष्ट हो सकता है। क्योंकि साथ में कोरोना वायरस के जैसी ढाल भी है। पता नहीं फिर ऐसा मौका मिले, ना मिले।


राधेश्याम 'निर्भयपुत्र'


एक और वायरस 'समसामयिक'

जब जिंदगी पर बाजारी कलाओं का तानाशाहनुमा कब्जा!


आज का सच भी कि कुछ भी बहुत ज्यादा हो जाना अच्छा नहीं माना जाता है!


कुदरत का नियम है, कुल आसक्ति की चरम स्थिति के बाद विरक्ति शुरू होती!


अब वक्त आ गया कि इस असामाजिक रास्ते को छोड़ दें,ओर जिंदगी के बारे चिंतन करें!


संचार व्यवसाय की बाजारी ताकतों ने काफी पहले दुनिया पर कब्जा करना शुरू कर दिया था। कहा जाने लगा था कि दुनिया मुट्ठी में सिमट गई है। सही तरीके से हिसाब किया जाए तो संचार व्यवस्था का गहन प्रभाव रोम-रोम में घुस चुका है। इस बारे में परिवार की परिधि से बाहर बात करने में तो संजीदगी गुम रहती ही है, परिवार के सदस्यों से कहता हूं कि ज्यादा समय सोशल मीडिया का दास बने रहना जिंदगी के लिए ठीक नहीं, तो सभी को लगता है कि कोई गलत सलाह दे डाली। युवा वर्ग रास्तों पर चलते-फिरते, लेटे हुए, सुबह जाग कर वाट्सऐप या ‘फेकबुक’ पढ़ रहा होता है। अधिकांश कार्यस्थलों पर समय निकाल कर यह ‘जरूरी काम’ करना पड़ रहा है। अब पारिवारिक या आपसी संवाद तेजी से लुप्त हो रहा है।पिछले दिनों पत्नी के साथ अपने एक घनिष्ठ मित्र से मिलने उनके शहर गया। हमारे घरों के बीच की दूरी लगभग ढाई सौ किलोमीटर है। उनसे व्यक्तिगत रूप से मिले काफी अरसा हो गया था, वे बुलाते रहते और हम वादा करते रहते। आखिर वह ‘शुभ दिन’ आया, यात्रा शुरू हुई। यात्रा के दौरान उन्होंने कई बार पूछा कि कहां पहुंचे। खैर, कई घंटे लंबा, खराब सड़कों से होते हुए सफर पूरा कर पहुंचे। हाथ मिलाया, गले मिले, अपना, बच्चों का हालचाल पूछा, बताया। चाय-नमकीन सब लगभग एक घंटे में निपट गया। उसके बाद सब सोशल मीडिया के रास्तों पर जरूरी काम निबटाने में लग गए। अपार शांति के बीच मित्र ने पूछा- ‘और सुनाएं नई ताजी’, तो मैंने कहा- ‘बाकी सब ठीक है’। दोनों महिलाएं अत्यधिक व्यस्त रहीं। रात का खाना खाने बाहर जाना था। दिमाग बार-बार यह कह रहा था कि सोशल मीडिया का कम प्रयोग करने वाले या प्रयोग न कर सकने वाले बहुत से लोग समाज में ‘आउटडेटेड’ हो चुके हैं।यह बहुत अफसोस की बात है कि हमारे धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक नायकों के बेहद संकीर्ण जातीय, सांप्रदायिक, धार्मिक, क्षेत्रीय, पारिवारिक, 
राजनीतिक नजरिए के कारण ही ज्यादातर भारतीय उपभोक्ताओं द्वारा फेसबुक, यूट्यूब, वाट्सऐप और इनके साथियों का सकारात्मक उपयोग नहीं किया गया। ऐसा लगने लगा है कि सोशल मीडिया, अब सोशल नहीं रहा, बल्कि ‘एंटी-सोशल’ यानी समाज-विरोधी मीडिया में तब्दील हो चुका है। बीते समय में इन माध्यमों पर लोगों द्वारा आपस में नफरत के करोड़ों जहर बुझे तीर छोड़े गए हैं।समाज-विरोधी मीडिया की बंजर धरती पर अनगिनत ट्रोल करने वाले यानी परेशान करने वाले अवांछित तत्त्व कंटीली घास की तरह उग आए हैं, जिन्होंने दूसरों को निरंतर चुभन के अलावा और कुछ नहीं दिया। व्यक्तिगत, समूह और संस्था स्तर पर समाज-विरोधी मीडिया के मंच पर स्वयंभू समझदारों की अफवाहों, फर्जी खबरों, नकली वीडियो, अपशब्द, बदतमीजियों और गुस्ताखियों की भरमार ने नैतिकता, मानवता, प्रेम, देशप्रेम, इंसानियत और आपसी विश्वास की लगातार तौहीन की है। यह बेहद अफसोसनाक रहा कि कितने ही प्रसिद्ध, सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक हस्तियों ने भी अपनी बदजुबानी की कड़वाहट की आहुति डाल कर समाज-विरोधी मीडिया को समाज के खिलाफ बनाया। देश में तनाव, टकराव और हिंसा की जो घटनाएं सामने आ रही हैं, उससे साफ है कि अब समाज-विरोधी मीडिया की आसक्ति को विरक्ति के रास्ते भेजने का समय आ गया है।
हर वक्त कहीं न कहीं, कोई न कोई किसी से कह रहा होता है कि इन सभी ने मिल कर हमारी जिंदगी में खलल डाला है। क्या इतनी खूबसूरत जिंदगी में यह ठहराव भी आना था कि फेसबुक के चेहरे तो हमारे मित्र हो गए, लेकिन रास्ते में पास से वे गुजरे तो देखा तक नहीं। इसका गलत प्रयोग के बारे में उपदेश बहुत दिए जाते हैं। लेकिन यह किसी नेता के भाषण की तरह होता है, जिसे सुनते हुए भी लोग मोबाइल पर वीडियो देखते या बनाते रहते हैं। समाज-विरोधी मीडिया पीड़ितों को बीमार मान कर उनका इलाज करने के लिए अनेक क्लिनिक खुल चुके हैं। मानसिक चिकित्सा के आर्थिक विशेषज्ञ मैदान में आ चुके हैं। एक बार मिलने वाले मानव जीवन में अमानवीय दुष्परिणामों से वाकिफ होने के बावजूद अधिकतर लोग प्रेरणा नहीं लेते। आम लोगों को वैसे भी एक चामत्कारिक प्रेरक व्यक्तित्व की जरूरत होती है, जो उनके जीवन में बदलाव लाने की कुव्वत रखता हो।लेकिन जब जिंदगी पर बाजारी कलाओं का तानाशाहनुमा कब्जा हो, तो दिमाग सोचना बंद कर देता है। यह आज का सच भी है कि कुछ भी बहुत ज्यादा हो जाना अच्छा नहीं माना जाता है। कुदरत का नियम है, कुल आसक्ति की चरम स्थिति के बाद विरक्ति शुरू होती है। अब वक्त आ गया है कि इस असामाजिक रास्ते को छोड़ दें, अपनी जिंदगी के बारे चिंतन करें। दूसरे जरूरी क्षेत्रों में ज्यादा मेहनत करें, ताकि सही समाज की रचना फिर अंकुर ले सके। आम आदमी के लिए मिलने-जुलने, पत्र लिखने, सद्भाव बढ़ाने, स्वस्थ रहने, ईर्ष्या, द्वेष और वैमनस्य से बचने के मार्ग प्रशस्त करने की घड़ी आ गई है। इससे जरूरी धन बचेगा, मानवीय तन का क्षय रुकेगा और मन भी पवित्र रहेगा।


तस्लीम बेनकाब


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