मुंबई। महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने पर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी आरोपों में घिरते जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस पीवी सावंत ने उनके फैसले को अवैध, अनुचित और पक्षपातपूर्ण बताया है तो शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया।
महाराष्ट्र में पक्षपात; बीजेपी को 15 दिन का, दूसरे दलों को केवल एक दिन का मौका?
उधर कांग्रेस ने भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की आलोचना करते हुए, कोशयारी पर खुला आरोप लगाया है कि उन्होंने 'न्याय का हनन' किया है और संवैधानिक प्रक्रिया का मजाक बनाया है। कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने महाराष्ट्र के राज्यपाल पर एनसीपी, शिवसेना और भाजपा को सरकार बनाने, बहुमत साबित करने के लिए 'मनमाने ढंग से' समय देने का आरोप भी लगाया।
महाराष्ट्र में तीसरी बार राष्ट्रपति शासन, शिवसेना सुप्रीम कोर्ट में
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि, “ये बेईमानी से भरा हुआ और राजनीति से प्रेरित है।” उन्होंने ट्वीट किया- “राज्यपाल कोश्यारी ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करके लोकतांत्रिक न्याय का हनन किया है और संवैधानिक प्रक्रिया का मजाक बनाया है”। जबकि दूसरी तरफ कोश्यारी के कार्यालय द्वारा ट्विटर पर जारी किए गए एक बयान में कहा गया- “उन्हें विश्वास है कि संविधान के अनुरूप सरकार का गठन नहीं किया जा सकता है (और इसलिए) आज संविधान के अनुच्छेद 356 के प्रावधानों को लागू करने की रिपोर्ट भेजी है।”