शनिवार, 9 नवंबर 2019

उत्तराखंड स्थापना दिवस की 19वीं वर्षगांठ

देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस की 19 वीं वर्षगांठ पर सभी प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी है। राज्य स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के सभी अमर शहीदों और राज्य आंदोलनकारियों स्मरण करते हुए कहा कि नए भारत के निर्माण में उत्तराखण्ड महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। राज्य हित के हर वो काम अब मुमकिन हो रहे हैं जो कि दशकों से लटके हुए थे। ऐसा प्रदेश की महान जनता के आशीर्वाद, सरकार की मजबूत इच्छाशक्ति, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के उत्तराखण्ड के प्रति विशेष लगाव और केंद्र सरकार के सहयोग से सम्भव हुआ।


मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राष्ट्रीय फलक पर उत्तराखण्ड ने अपनी खास पहचान बनाई है। पिछले ढाई वर्षों में तमाम क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर हमारे प्रयासों को सराहा गया है। हाल ही में नीति आयोग द्वारा जारी ''भारत नवाचार सूचकांक 2019'' में पूर्वोत्तर एवं पहाड़ी राज्यों की श्रेणी में उत्तराखण्ड को सर्वश्रेष्ठ तीन राज्यों में शामिल किया गया है। ''बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ'' अभियान में ऊधमसिंह नगर जिले को देश के सर्वश्रेष्ठ 10 जिलों में चुना गया। स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उत्तराखंड को सात पुरस्कार प्राप्त हुए है। मार्च 2019 में केंद्र सरकार द्वारा उत्तराखंड को खाद्यान्न उत्पादन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए कृषि कर्मण प्रशंसा पुरस्कार दिया गया। नदियों के पुनर्जनन, विकास व संरक्षण में भी राज्य को पहला राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2018 मिला है। कोसी नदी पुनर्जनन अभियान के लिए अल्मोड़ा को उत्तर जोन में सर्वश्रेष्ठ जिले के रूप में चयनित किया गया।


फिल्म कॉन्क्लेव का रावत-ईरानी ने किया उद्घाटन

मसूरी। उत्तराखंड सरकार की पहल पर मसूरी में आयोजित फिल्म काँन्क्लेव का मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने उद्घाटन किया। इस मौके पर बॉलीवुड से जुङी कई हस्तियों ने कार्यक्रम में शिरकत की। इस मौके पर कई छोटी लघु फिल्मों को भी दिखाया गया। साथ ही मुख्यमंत्री ने बॉलीवुड और आंचलिक फिल्मों के निर्माता–निर्देशकों से उत्तराखंड में फिल्म शुटिंग करने का आह्वान किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि फिल्म निर्माण के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएँ है। उन्होंने कहा कि फिल्म काँन्क्लेव में कई निर्माता निर्देशक आये है। उनके सुझाव पर सरकार गंभीरता से विचार करेगी और फिल्म निर्माण के लिए अनुकूल माहौल प्रदेश में बनाया जायेगा। वहीं केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि सीएम के नेतृत्व में प्रदेश में फिल्म निर्माण के क्षेत्र में सरकार विशेष प्रयास करेगी। फिल्म काँन्क्लेव में जाने माने फिल्म निर्माता –निर्देशक तिग्माशू धुलिया ,विशाल भारदवाज सहित कई कलाकार भी पहुंचे थे और सरकार के सामने कई सुझाव दिए।


वहीं राज्य स्थापना सप्ताह के तहत मसूरी में आयोजित फिल्म कान्क्लेव में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हिन्दी, गढ़वाली एवं कुमांऊनी फिल्मों को अनुदान राशि के रूप में चेक वितरित किये। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने गढ़वाली फिल्म हैलो यूके के निर्माता मनीष वर्मा, बौडिगी गंगा के निर्माता अनिरूद्ध गुप्ता, भुली ए भुली के निर्माता ज्योति खन्ना, कुमाऊंनी फिल्म गोपी भिना की निर्माता मीनाक्षी भट्ट व उत्तराखण्ड में फिल्मायी गई हिन्दी फिल्म साइलेंट हिरोज के निर्माता कमल वीरानी/ महेश भट्ट को अनुदान राशि के चेक भेंट किये। मनीष वर्मा के प्रतिनिधि के तौर पर आर.के.वर्मा और प्रदीप भण्डारी ने चेक प्राप्त किया।


इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि फ़िल्म कॉन्क्लेव में जो भी सुझाव प्राप्त हुए हैं, उन पर शीघ्र अमल किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कंटेंट क्रियेशन वर्किंग ग्रुप का गठन किया जाएगा। फ़िल्म सिटी स्थापना की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की दिशा में भी विचार किया जा रहा है। राज्य में फ़िल्म नीति को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि एक फिल्म डायरेक्टरी का भी प्रकाशन किया जायेगा, जिसमें टैक्नीशियन, कलाकार तथा लोकेशन आदि के सम्बन्ध में जानकारी मिल सकेगी। जिससे फिल्म निर्माताओं को राज्य में उपलब्ध संसाधनों के विषय में जानकारी प्राप्त हो सकेगी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कार्यक्रम में आये फिल्म निर्माता व निर्देशकों को भी सम्मानित किया।


शांति-व्यवस्था बनाए रखने के लिए,कड़ी मशक्कत

अयोध्या के संबंध में आने वाले माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के उपरांत जनपद में शांति व्यवस्था एवं आपसी सौहार्द बनाने के संबंध में चौतरफा कार्यवाही। थानाध्यक्षों के द्वारा चलाया गया असामाजिक तत्वों के विरुद्ध अभियान सभी को किया गया सचेत


गौतमबुध नगर। नोएडा एक्सप्रेसवे थाना क्षेत्र में आने वाले सभी धार्मिक स्थलों व लोगों की सुरक्षा हेतु कोतवाल  भुवनेश कुमार गौतम के नेतृत्व में  चौकी प्रभारी सेक्टर 126 अंकुर चौधरी, 127 हरवीर सिंह चहार, और विश टाउन चौकी प्रभारी रणजीत सिंह ने अपनी टीमों के साथ पूरे क्षेत्र में मोर्चा संभाले हुए हैं। सेक्टर 127 चौकी प्रभारी हरवीर सिंह चहार ने शरारती व असमाजिक तत्व को साफ चेतावनी दी गई कि अफवाह फैलाने वाले और जो शांति व्यवस्था को खराब करेगा। उसको उसी की भाषा में समझाया जाएगा और नहीं समझने पर सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


सेक्टर 126 चौकी प्रभारी अंकुर चौधरी ने भी सभी ऐसे शरारती व उपद्रवी तत्वों को चेताया कि जिसने भी माहौल को खराब करने की कोशिश की। उसके साथ कोई रियात नहीं बरती जाएगी। उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं चौकी प्रभारी विश टाउन रंजीत सिंह ने बताया कि शांति भंग करने वाले लोगों को नहीं बख्शा जाएगा। ऐसे लोगों के मेरे मन में कोई दरियादिली नहीं है। उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगीी।


जैसे ही अयोध्या राम मंदिर मामले में आज फैसला आने की कल रात सूचना मिली तभी से कोतवाल भुवनेश कुमार गौतम के नेतृत्व में तीनों चौकी प्रभारी एक्सप्रेसवे थाना क्षेत्र में चप्पे-चप्पे पर नजर बनाए हुए हैं। जिससे कि क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनी रहे, और क्षेत्र में लगातार घूम कर और समाजिक व अच्छे लोगों की टीमें बनाकर क्षेत्र में छोड़ी हुई है। ताकि क्षेत्र में अफवाह फैलाने वाले और शरारती तत्व चिन्हित हो सके, जिससे पूरे क्षेत्र में शांति व्यवस्था आगे भी बनी रहे।


तीर्थ नगरी गढ़गंगा का प्रशासनिक निरीक्षण

हापुड़। जनपद हापुड़ की तीर्थ नगरी गढ़ गंगा बृजघाट मेले पर अधिकारियों ने किया औचक निरीक्षण। आपको बता दें जनपद हापुड़ की तीर्थ नगरी गढ़ गंगा मेले का अधिकारियों ने लिया जायजा। पुलिस महानिरीक्षक मेरठ परिक्षेत्र मेरठ व पुलिस अधीक्षक हापुड़ द्वारा आज गढ़ गंगा कार्तिक पूर्णिमा मेले का सुरक्षा शांति एवं कानून व्यवस्था का जायजा लिया।


अधिकारियों को क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए निर्देश दिए और लोगों से भी शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपील की। वहीं लोगों ने भी प्रशासन का पूर्ण रूप से सहयोग करने के लिए पूरा आश्वासन दिया, अधिकारियों ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए लोगों को दिया धन्यवाद।


प्रविन कुमार


अनियंत्रित स्कूल बस पलटी,12 छात्र घायल

राजस्थान। बहरोड़ क्षेत्र के गांव दुघेड़ा में शनिवार को एक स्कूल बस अनियंत्रित होकर पांच फीट गहरे उतर गई तथा एक खेत में जाकर पलट गई। वहां मौजूद ग्रामीणों ने बस के शीशे तोड़कर बच्चों को निकला। हादसे में करीब 12 बच्चे घायल हुए हैं जिनमें से पांच को ज्यादा चोट आई है। ग्रामीणों के अनुसार बस का ड्राइवर शराब पीए हुआ था। प्राप्त जानकारी के अनुसार गांव दुघेड़ा में यूनिक स्कूल की बस बच्चों को लेकर जा रही थी। बस में करीब 22 स्टूडेंट सवार थे। रास्ते में बस अनियंत्रित होकर कच्चे रास्ते से करीब 5 फीट गहरे खेत में जा कर पलट गई। हादसे से घबराए बच्चे घबरा गए तथा रोने-चीखने लगे। वहां मौजूद ग्रामीण मदद को आए। उन्होंने और लोगों को बुलाया तथा बस के शीशे तोड़कर बच्चों को बस से निकाला। सूचूना पर पुलिस भी वहां पहुंच गई। ग्रामीणों ने पुलिस व स्कूल प्रबंधन को सूचना दी। स्कूल प्रबंधन ने एंबुलेंस के बजाए बस को सीधा करने के लिए क्रेन भेज दी। वहीं बस में सवार बच्चों के घर दो से पांच किमी की दूर पर ही थे। हादसे का पता चलते ही परिजन मौके पर पहुंच गए तथा बच्चों को अपने स्तर पर ही वहां से ले गए। हादसे के करीब दो घंटे बाद स्कूल प्रबंधन मौके पर पहुंचा जिससे ग्रामीण नाराज हो गए। इसको लेकर ग्रामीणों ने स्कूल प्रबंधन को खरी-खोटी सुनाई। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि हादसे के समय ड्राइवर नशे में था। साथ ही उन्हें बस में से शराब के पव्वे व बोतलें, पानी की बोतलें, नमकीन के पाउच मिले। वहीं विद्यार्थियों ने कहा कि “चालक अंकल” की वजह से यह हादसा हुआ है। हादसे में करीब एक दर्जन बच्चे घायल हुए। बच्चों को अंदरूनी चोटें आई हैं। परिजन अपने स्तर पर बच्चों को अस्पताल लेकर पहुंचे। परिजनों ने ड्राइवर की लापरवाही तथा स्कूल प्रबंधन के मामले को गंभीरता से नहीं लेने पर नाराजगी जताई।


रिपोर्ट:-योगेश शर्मा


यूपी: 5 आईएएस,1पीसीएस का तबादला

लखनऊ। भविष्य निधि घोटाले में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) की एमडी को हटाए जाने के बाद राज्य सरकार ने अब प्रमुख सचिव ऊर्जा व अध्यक्ष यूपीपीसीएल आलोक कुमार को भी हटा दिया है। कारपोरेशन के अध्यक्ष होने के नाते आलोक को भी घोटाले के लिए जिम्मेदार मानते हुए बिजलीकर्मियों द्वारा आंदोलन किया जा रहा था। घोटाले को लेकर विपक्षी पार्टियां भी सरकार पर लगातार दबाव बनाए हुए हैं।


आलोक कुमार को हटाए जाने के साथ ही शुक्रवार को शासन ने एक पीसीएस और चार अन्य आइएएस अफसरों के कार्यक्षेत्र में भी बदलाव किया। आलोक कुमार को अब अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास का प्रमुख सचिव बनाया गया है। अरविंद कुमार को प्रमुख सचिव ऊर्जा और अध्यक्ष पावर कारपोरेशन का दायित्व सौंपा गया है। उधर, अयोध्या मंडल में आइएएस अफसर महेंद्र प्रसाद अग्रवाल को विशेष कार्याधिकारी के पद पर भेजा गया है। संकेत है कि 30 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे अयोध्या के कमिश्नर मनोज मिश्र के स्थान पर उन्हें तैनाती दी जाएगी।


नाम – वर्तमान – नवीन तैनाती


1. अरविंद कुमार – प्रमुख सचिव, परिवहन – प्रमुख सचिव, ऊर्जा, अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत, अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन व अध्यक्ष जल विद्युत निगम।


2. आलोक कुमार – प्रमुख सचिव, ऊर्जा, अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत, अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन व अध्यक्ष जल विद्युत निगम – प्रमुख सचिव, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, प्रमुख सचिव एनआरआइ, प्रमुख सचिव, सार्वजनिक उद्यम एवं महानिदेशक सार्वजनिक उद्यम ब्यूरो।


3. राजेश कुमार सिंह – प्रमुख सचिव, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, प्रमुख सचिव एनआरआइ, प्रमुख सचिव, सार्वजनिक उद्यम एवं महानिदेशक सार्वजनिक उद्यम ब्यूरो – प्रमुख सचिव, परिवहन विभाग।


4. अबरार अहमद – सचिव, भूसंपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) – विशेष सचिव, नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति विभाग, मिशन निदेशक, नमामि गंगे।


5. महेंद्र प्रसाद अग्रवाल – सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग, एमडी, पिकप एवं सीइओ लीडा, लखनऊ – विशेष कार्याधिकारी, अयोध्या मंडल।


एक पीसीएस अफसर का तबादला


1. अजय कुमार अवस्थी – अपर आयुक्त, वाराणसी – सचिव, भूसंपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा)।


सौहार्द और बंधुत्व बनाए रखने का समय

नई दिल्ली। अयोध्या जमीन विवाद पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मुद्दे पर अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट के इस फैसले का सम्मान करते हुए हम सब को आपसी सद्भाव बनाए रखना है। ये वक्त हम सभी भारतीयों के बीच बन्धुत्व,विश्वास और प्रेम का प्रतीक है।


बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले में 9 नवंबर को ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया। फैसले में विवादित जमीन पर राम लला विराजमान का हक माना गया है। इसको लेकर कोर्ट ने तीन महीने में मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने के लिए कहा है। वहीं, कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ वैकल्पिक जगह देने का आदेश दिया है।


बता दें कि अयोध्या मामले में पांच जजों की संवैधानिक बेंच ने फैसला सुनाया। इसकी अध्यक्षता चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने की। इस बेंच में जस्टिस एसए बोबडे जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एस अब्दुल नजीर और डीवाई चंद्रचूड़ शामिल रहे।


गोरखपुर से लगी भारत-नेपाल सीमा सील

अयोध्या। अयोध्या विवादित जमीन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर लिए गए हैं। सुरक्षा की दृष्टि से शनिवार सुबह उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से सटे भारत-नेपाल सीमा को भी सील कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट के आने वाले ऐतिहासिक फैसले के मद्देनजर एडीजी जोन दावा शेरपा ने यह फैसला लिया है।


बता दें कि प्रदेश में चप्पे-चप्पे पर फोर्स तैनात कर सभी तरह की एहतियात बरते जा रहे हैं। सीमाक्षेत्र के अलावा प्रदेश के बाकी इलाकों में भी फैसले को लेकर हलचल दिखाई दे रही है। उत्तर प्रदेश के साथ ही मध्यप्रदेश और राजस्थान के सभी स्कूल व कॉलेजों में छुट्टी कर दी गई है। सीमाक्षेत्र के अलावा प्रदेश के बाकी इलाकों में भी फैसले को लेकर हलचल दिखाई दे रही है।


उत्तर प्रदेश के साथ ही मध्यप्रदेश और राजस्थान के सभी स्कूल व कॉलेजों में छुट्टी कर दी गई है। वहीं अयोध्या पर फैसले के मद्देनजर उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और सुप्रीम कोर्ट के आसपास धारा 144 लागू कर दी गई है। कई शहरों में शराब और बोतल में बंद ज्वलनशील प्रदार्थों की बिक्री पर प्रतिंबध लगा दिया गया है। हालांकि इनसब के बीच आयोध्या में आम लोगों का जीवन सामान्य ही नजर आया। बाजारें भी रोज की तरह सुबह करीब आठ बजे तक खुल गईं। वहीं गोरखपुर-लखनऊ फोर लेन को भी बंद कर दिया गया है।


14 साल बाद स्कूल जाने लगे बच्चे

जगदलपुर! बीजापुर जिले के इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान बाघ परियोजना इलाके में स्थित एक गांव है! जहां, देवगुड़ी और ज्ञान गुड़ी संचालित है। एक तरफ आदिवासी अपने देवी-देवताओं की पूजा करते हैं , दूसरी तरफ शिक्षित करने के लिए देवगुड़ी को ज्ञानगुड़ी में तब्दील भी कर दिये हैं।
इस इलाके में लगातार कई वर्षो से गोला बारूद की आवाज गूंजती रहती है। दहशत के साये में आदिवासी अपने बच्चों को शिक्षित कर रहें हैं। इस इलाके में अनपढ़ आदिवासी अपने बच्चों को पढ़ाने के करने लिए हर संभव मदद कर कहीं निजी मकानों में तो कहीं पेड़ों के नीचे अपनी निगरानी में स्कूल खुलवा रहे हैं। 
ब्लाक भैरमगढ़ के वनग्राम सेंड्रा में महज 5 या 7 बच्चों से शुरू हुई ज्ञानगुड़ी घांसफास की छत और कच्ची मिटटी से घिरी दीवार वाली है। सामने खुले दालान में बैठे बच्चे अपने ज्ञानगुरू की सारी सीख बड़े ध्यान से सुनते हैं। एक बच्चे ने बताया उनके ज्ञानगुरू का कहना है कि हमारे चरण भले मत छूना पर आचरण जरूर अपनाना।


इंद्रावती टाईगर रिजर्व घोषित 2798.08 वर्ग किलो मीटर में फैले पिल्लूर, सागमेटा में से एक है, इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान के तहत कुटरू वन भैंसा अभ्यारण। पामैड़ बाघ परियोजना इंद्रावती सहित सहायक नदियों का अथाह जल और सघन वन इलाके की पहचान कभी वन जीव प्रेमियों को रास आती थी।
जिले के धुर माओवाद प्रभावित सेंडरा इलाके के करकावाड़ा और गोंडनुगुर गांव के बाशिंदों ने शिक्षा की ज्योत जलाने गजब की पहल की है। यहां चौदह साल बाद स्कूल की घंटी बजी है, वह भी देवगुडिय़ों में भोपालपट्नम ब्लाक मुख्यालय से तकरीबन 100 किमी दूर इंद्रावती टाइगर रिजर्व में बसे सेण्डरा इलाके के ग्रामीणों ने बच्चों के लिए शिक्षा का मार्ग प्रशस्त करने न सिर्फ स्कूल फिर से खुलवाने में शिक्षा विभाग की मदद की है, बल्कि स्कूल लगाने के लिए छत नसीब न होने की स्थिति में गांव की देवगुडिय़ों में ही शिक्षा का मंदिर स्थापित कर दिया है।
ग्रामीणों के इस पहल की चर्चा अब पूरे क्षेत्र में हो रही है। दरअसल माओवादी उत्पात के चलते केरपे संकुल के पांच गांवों में पिछले 14 वर्षों से स्कूल बंद पड़े थे। लम्बे इंतजार के बाद सेण्डरा इलाके के फरसनार, करकावाड़ा, गोंडनुगुर, दुधेपल्ली, केरपे में स्कूल की घण्टी फिर से बजने लगी है। करकावाड़ा और गोंडनुगुर गांव में स्कूल देवगुड़ी में खोले गए हैं।


बस्तर संभाग में शायद यह पहला मामला है, जब स्कूल के लिए भवन नहीं मिलने पर गांव की देवगुडिय़ों में बच्चों के लिए पढऩे-लिखने की व्यवस्था की गई है। सेण्डरा जैसे दुर्गम इलाके में जहां नक्सलियों की तूती बोलती है, वहां के पांच गांवों में 14 साल बाद दोबारा स्कूल शुरू करवाना, किसी चुनौती से कम नहीं था। बावजूद खण्ड शिक्षा अधिकारी सुखराम चिंतूर के प्रयास से स्कूल की घण्टी फिर से बज रही है।
करकावाड़ा और गोंडनुगुर में स्कूल के लिए भवन उपलब्ध नहीं थे। इसके मद्देनजर ग्रामीणों ने वैकल्पिक व्यवस्था के लिए गांव की देवगुडिय़ों में स्कूल खोलने की अनुमति दी। खण्ड शिक्षा अधिकारी के मुताबिक देवगुड़ी में स्कूल खोलने का यह पहला मामला है! और इससे यह स्पष्ट होता है कि ग्रामीण शिक्षा को लेकर बेहद जागरूक हैं। करकावाड़ा और गोंडनुगुर के अलावा केरपे में पुराने पटवारी आवास में स्कूल खोला गया है, जबकि दुधेपल्ली और फरसानार में ग्रामीणों के सहयोग से निजी मकानों में पाठशाला लग रही है।
दरअसल 2005 में सलवा जुडूम की शुरूआत के बाद इलाके में स्कूल बंद हो गए थे।
बीजापुर जिला शिक्षा अधिकारी केके उदेश ने बताया कि 2005 में नक्सल विरोधी अभियान सलवा जुडूम की शुरूवात हुई थी। नक्सली हिंसा के तहत 270 स्कूलों को बंद किया गया था, जिसमें 233 प्राथमिक शाला तथा 37 पूर्व माध्यमिक शाला बंद पड़े हैं । इनमें से अब तक 12 स्कूलों को अलग- अलग ाव में प्रारंभ किया गया है। शेष स्कूलों को खोलने के लिए  वालों के साथ एक अभियान चलाया जा रहा है।
गांव के प्रमुख हिड़मा जोगा ने बताया कि राष्ट्रीय उद्यान में बसे 56 गंाव जिसकी आबादी 13 हजार से अधिक है, जिसमें लगभग ढाई हजार बच्चे अनपढ़ हैं। हमारे पूर्वज भी और हम भी अनपढ़ हैं। हम अपने बच्चों को हर हाल में पढ़ाना चाहते हैं। अब तक हमने इलाके में गोली, बारूद की आवाज सुनी है, दहशत से जीते आ रहे हैं, किंतु अब पहली सुबह स्कूल की घंटी की आवाज आती है, जिसे हम अब लगातार बनाये रखेगें!


फैसले को हार-जीत से जोड़कर न देखें

फैसले को हार-जीत के साथ जोड़कर ना देखें
यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि प्रदेश में शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण वातावरण को बनाए रखें। अफावाहों पर कतई ध्यान न देंं।'
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर पर कल आने वाले फैसले से पहले राज्य की जनता से अपील की है। उन्होंने कहा कि फैसले को हार या जीत के साथ जोड़कर ना देखा जाए। यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि प्रदेश में शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण वातावरण को बनाए रखें। अफावाहों पर कतई ध्यान न देंं।
मुख्यमंत्री मे कहा कि प्रशासन सभी की सुरक्षा व प्रदेश में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कटिबद्ध है। कोई भी व्यक्ति यदि कानून व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश करेगा, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।


खाड़ी देशों में महकेगा, छत्तीसगढ़ का चावल

रायपुर। देश के जैविक खाद्य उत्पादों और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों की प्रदर्शनी का आयोजन राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के ग्रेटर नोएडा के एक्सपो मार्ट में सात से नौ नवंबर तक किया जा रहा है। इस मेले में छत्तीसगढ़ के जैविक उत्पादों की जबर्दस्त मांग दिख रही है। छत्तीसगढ़ के सुगंधित चावल की खुशबू अब खाड़ी के देशों में भी बिखरेगी। यहाँ छत्तीसगढ़ से आए संस्थाओं से सबसे ज्यादा माँग सुगंधित चावल की मांग दिख रही है। देश के विभिन्न राज्यों के अलावा खाड़ी के देश सऊदी अरब, बहरीन, कुवैत, यूएई, कतर आदि देशों से सुगंधित चावल की काफी डिमांड आई है। सुगंधित चावल में सबसे ज्यादा जवाफुल, रामजीरा, विष्णुभोग, दुबराज की खरीदारी हो रही है। इसके अलावा मेले में लैब में आर्टिफिशियल तरीके से तैयार मशरूम की काफी डिमांड दिख रही है। यह खास तरह का मशरूम हिमालय की तराई में 10 हजार फीट की ऊंचाई पर उत्पादित होता है, जिसे छत्तीसगढ़ में लैब कृत्रिम तरीके से टिशू कल्चर से तैयार किया जा रहा है। इस मशरूम से शरीर की रोग प्रतिरोध क्षमता बढ़ती है, वहीं हार्ट अटैक से बचाव, किडनी को स्वस्थ रखने और बीपी कंट्रोल करने में सहायक है। मशरूम के लिए वियतनाम, सिंगापुर के लोग ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं। मेले में प्रदेश की जैविक चावल, दाल, हर्बल टी, मसाले, बस्तर की इमली, अलसी, मुनगा के विभिन्न उत्पाद कैप्सूल, टैबलेट, पाउडर, तेल, प्रसंस्कृत खाद्य, औषधीय पौधों समेत विभिन्न जैविक उत्पाद उपलब्ध है।


कांग्रेस विधायक को जिंदा जलाने का प्रयास

देहरादून। उत्तराखंड में रुद्रप्रयाग से कांग्रेस के विधायक मनोज रावत को शुक्रवार को कथित असामाजिक तत्वों ने उनके विधानसभा क्षेत्र में पेट्रोल डालकर जलाने का प्रयास किया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस घटना में रावत बाल-बाल बच गए। उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचा। उन्होंने बताया कि घटना के संबंध में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। एक व्यक्ति को विधायक रावत के गनर ने उन पर पेट्रोल डालने के दौरान ही पकड़ लिया था। दूसरे को बाद में गिरफ्तार किया गया।


प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ने घटना की घोर निंदा करते हुए कहा कि प्रदेश की कानून-व्यवस्था चरमरा गई है। बदमाशों के हौसले बुलंद हो गए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस जांच में यह पता चलना चाहिए कि इस घटना के लिए कौन जिम्मेदार है। प्रदेश अध्यक्ष ने रावत के लिए सुरक्षा की भी मांग की है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि प्रथम द्रष्टया यह मामला आपसी रंजिश का लग रहा है। क्योंकि विधायक का गुरुवार को कुछ लोगों के साथ झगड़ा हुआ था।


पूरा करेंगे 'बाला साहब' से किया गया वादा

पूरा करेंगे बाला साहब से किया वादा बीजेपी के आशीर्वाद की जरूरत नहीं -उद्धव ठाकरे


मुंबई। महाराष्ट्र में जारी महा नाटक के बीच कल सरकार बनाने का अंतिम दिन था। लेकिन किसी भी पार्टी की तरफ से सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया गया है। सरकार बनाने पर अभी भी गतिरोध जारी है। शुक्रवार को देवेंद्र फडणवीस ने राजभवन में राज्‍यपाल से मिलकर मुख्‍यमंत्री पद से इस्‍तीफा दे दिया।


इस बीच उद्धव ठाकरे के ट्वीट ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल फैला दी है। उद्धव ने लिखा, 'मैंने शिवसेनाप्रमुख को वचन दिया था कि एक दिन शिवसैनिक को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाऊंगा। इस वचन को पूरा करने के लिए अडिग हूं. इसके लिए मुझे अमित शाह, देवेंद्र फडणवीस इनकी मदद या आशीर्वाद की जरूरत नहीं है।' ट्वीट मराठी भाषा में है, जिसका हिंदी अनुवाद यहां लिखा गया है।


बता दें कि शुक्रवार को देवेंद्र फडणवीस ने मुख्‍यमंत्री पद से इस्‍तीफा दे दिया। इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की।


प्रेस कांफ्रेंस में फडणवीस ने शिवसेना की तीखी आलोचना की और कहा कि बीजेपी और शिवसेना के बीच कभी भी सीएम पद को लेकर 50-50 के फॉर्मूले पर निर्णय नहीं हुआ था। मैंने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, नितिन गडकरी से भी इस बारे में पूछा, लेकिन उन्होंने भी सीएम पर 50-50 फॉर्मूले पर किसी भी तरह के फैसले से इनकार किया।


शांति-व्यवस्था कायम रखने के प्रति मार्च

जेवर में उप जिलाधिकारी एवं पुलिस के अधिकारियों के द्वारा शांति व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से आयोजित किया गया फ्लैग मार्च


गौतमबुध नगर। अयोध्या के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के उपरांत जनपद में शांति व्यवस्था एवं आपसी सौहार्द बनाए रखने के उद्देश्य से जिला मजिस्ट्रेट बीएन सिंह के निर्देशन में प्रशासन एवं पुलिस के अधिकारियों द्वारा बड़े स्तर पर कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। इस क्रम में आज उप जिलाधिकारी जेवर गुंजा सिंह एवं पुलिस के आला अधिकारियों के साथ नगर क्षेत्र में फ्लैग मार्च का आयोजन किया गया। फ्लैग मार्च के दौरान उप जिलाधिकारी एवं पुलिस के अधिकारियों के द्वारा जन सामान्य से कानून व्यवस्था, शांति व्यवस्था एवं आपसी सौहार्द बनाए रखने का आह्वान किया गया। राकेश चौहान जिला सूचना अधिकारी।


128 फिट ऊंचा मंदिर बनाने की योजना

अयोध्या। अयोध्या नाम में अकार, यकार और धकार को क्रमश: ब्रह्मा, विष्णु और शिव का वाचक माना जाता है। इनके किले, टीले और सरोवर पुराणों में दर्ज हैं, यहां के प्रतापी राजा पूजित हुए। 491 वर्ष पुराने विवाद का पटाक्षेप मंदिर के रूप में सुबह की ताजगी के एहसास से भर देता है। सुप्रीम कोर्ट से अब जब सबसे बड़े और लंबे मुकदमे का फैसला आ चुका है तो यहां यह जानना भी दिलचस्प है कि रामजन्मभूमि पर पांच सदी के बाद जो मंदिर बनेगा, वह कैसा होगा। हम आपको मन में उठ रहे इन सभी सवालों का जवाब देते हैं…


जिस राममंदिर का स्वप्न देखा गया है, वह दो मंजिल का होगा। प्रथम मंजिल की ऊंचाई 18 फीट एवं दूसरी मंजिल की ऊंचाई 15 फीट नौ इंच होगी। बीते 28 वर्षों से राजस्थान, गुजरात, मिर्जापुर व देश के अन्य हिस्सों से आए कारीगर कार्यशाला में करीब एक लाख घनफुट पत्थरों की तराशी का कार्य पूरा कर चुके हैं। विहिप के प्रस्तावित मंदिर मॉडल के भूतल के पत्थरों की तराशी का कार्य हो चुका है। रामजन्मभूमि के पार्श्व में प्रवाहित उत्तरावाहिनी मां सरयू, आग्नेय कोण पर विराजमान हनुमानजी, अयोध्यावासी और श्रद्धावनत साधक अब जल्द अपने रामलला को ऐसे भव्य भवन में विराजमान होते देखेंगे, जिसकी कामना पांच सदी से होती रही।


लंबाई : रामजन्मभूमि पर राममंदिर बनाने के लिए विहिप ने जो नक्शा बनाया है, उसके अनुसार प्रस्तावित मंदिर 268 फीट लंबा है।


चौड़ाई : प्रस्तावित राममंदिर की चौड़ाई करीब 140 फीट है।


ऊंचाई : जन्मभूमि पर बनने वाले राममंदिर की ऊंचाई 128 फीट है।


1984 में लिया था रामजन्मभूमि मुक्ति का संकल्प
8 फीट ऊंची पीठिका : मंदिर की प्रथम पीठिका (चबूतरा) आठ फीट ऊंची होगी। इन तक प्रशस्त सीढ़ियों से पहुंचा जा सकेगा। इसी पीठिका पर मंदिर का 10 फीट चौड़ा परिक्रमा मार्ग होगा। चार फीट नौ इंच ऊंची एक आधार पीठिका पर मंदिर का निर्माण होना है।


होंगे पांच प्रखंड : अग्रभाग, सिंहद्वार, नृत्यमंडप, रंगमंडप और गर्भगृह के रूप में मंदिर के मुख्यतया पांच प्रखंड होंगे।


लगेंगे 212 स्तंभ : मंदिर में 212 स्तंभ लगेंगे। प्रथम मंजिल में 106 एवं इतने ही दूसरी मंजिल पर लगेंगे। प्रथम मंजिल पर लगने वाले स्तंभों की ऊंचाई 16 फीट छह इंच एवं दूसरी मंजिल पर लगने वाले स्तंभों की ऊंचाई 14 फीट छह इंच होगी।


हर स्तंभ पर यक्ष-यक्षिणियां : प्रत्येक स्तंभ पर यक्ष-यक्षिणियों की 16 मूर्तियां और अन्य कलाकृतियां उत्कीर्ण होंगी। इनका व्यास चार से पांच फीट तक रहेगा।


गर्भगृह : मंदिर के जिस कक्ष में रामलला विराजेंगे, उस गर्भगृह से ठीक ऊपर 16 फीट तीन इंच का विशेष प्रकोष्ठ होगा। इसी प्रकोष्ठ पर 65 फीट तीन इंच ऊंचा शिखर निर्मित होगा।


इस्तेमाल होगा इतना पत्थर : प्रस्तावित मंदिर में एक लाख 75 हजार घन फीट लाल बलुआ पत्थर प्रयुक्त होगा।


दो से ढाई वर्ष में होगा तैयार : यदि तैयारियों पर गौर करें निर्धारित स्थल पर प्रथम तल के तराशे गए पत्थरों को शिफ्ट करने में अधिक से अधिक छह माह का समय लगेगा। इसके बाद दो से ढाई वर्ष में मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा। पत्थरों को ईंट-गारा की बजाय कॉपर और सफेद सीमेंट से जोड़ा जाएगा। प्रथम तल के पत्थरों की शिफ्टिंग के साथ ही गर्भगृह भी आकार लेगा, जहां रामलला की प्रतिष्ठा होगी।


वर्ष 1990 में बनी कार्यशाला : विहिप की रामघाट स्थित रामजन्मभूमि न्यास कार्यशाला की स्थापना वर्ष 1990 के सितंबर माह में की गई। कार्यशाला के लिए मंदिर आंदोलन के शलाका पुरुष परमहंस रामचंद्रदास ने जमीन दान दी थी। कार्यशाला में ही प्रस्तावित मंदिर के मॉडल के साथ पूजित शिलाएं व तराशी गईं शिलाएं भी रखीं हैं।


इन्होंने की थी स्थापना : परमहंस के साथ मंदिर आंदोलन के अग्रदूत अशोक सिंहल, आचार्य गिरिराज किशोर, महंत नृत्यगोपाल दास, संघ विचारक मोरोपंत पिंगले आदि ने कार्यशाला की आधारशिला रखी थी।


28 वर्ष पूर्व बना अस्थाई मंदिर


रामजन्मभूमि पर मौजूदा अस्थाई मंदिर की नींव वर्ष छह दिसंबर वर्ष 1992 को उस वक्त पड़ी थी, जब कारसेवकों ने विवादित ढांचे को गिरा दिया। इससे पहले  वर्ष 1984 में विश्व हिंदू परिषद ने विवादित स्थल का ताला खोलने और एक विशाल मंदिर के निर्माण के लिए अभियान शुरू किया था। वर्ष 1986 में एक फरवरी को जिला न्यायाधीश ने विवादित स्थल पर हिंदुओं को पूजा की इजाजत दे दी थी। इसके बाद विवादित इमारत का ताला दोबारा खोला गया। वर्ष 1992 में छह दिसंबर को कारसेवकों ने अयोध्या पहुंचकर विवादित ढांचा ढहा दिया। ढांचा ढहने के बाद वहां 80 फीट लंबा, 40 फीट चौड़ा व करीब 16 फीट ऊंचा अस्थाई मंदिर बनाया गया। वर्ष 1993 में सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति कायम रखने का आदेश जारी किया। तभी से लेकर अब तक रामजन्मभूमि पर रामलला का पूजन-अर्चन होता आ रहा है।


तीन माह में बना नक्शा


नाप आदि लेने के बाद रामजन्मभूमि पर प्रस्तावित मंदिर का नक्शा तैयार करने में तीन माह का समय लगा था। चंद्रकांत सोमपुरा बताते हैं कि तीन माह तक रोजाना थोड़ा-थोड़ा समय निकालकर नक्शा तैयार किया। इसके बाद यह नक्शा अशोक सिंहल को सौंपा। फिर विहिप के शीर्ष नेताओं, संतों और अखाड़ों के प्रमुखों को यह नक्शा दिखाया गया। फिर तय हुआ कि इसी नक्शे के मुताबिक मंदिर का निर्माण किया जाएगा।


1989 में बना था मॉडल


प्रस्तावित राममंदिर का मॉडल सबसे पहले वर्ष 1989 में प्रयागराज कुंभ में रखा गया था। इसे चंद्रकांत सोमपुरा ने तैयार किया था। कुंभ के बाद इसे कुछ दिनों तक मंदिर के शिलान्यास स्थल पर रखा गया। वर्ष 1990 में जब श्रीरामजन्मभूमि न्यास कार्यशाला बनी तब मंदिर के मॉडल को भी वहां स्थापित कर किया गया। कार्यशाला आने वाले श्रद्धालु मंदिर मॉडल के सामने सिर झुकाना नहीं भूलते।


आस्था का केंद्र बनी कार्यशाला


मंदिर-मस्जिद विवाद के उभार के बाद अस्तित्व में आई श्रीरामजन्मभूमि न्यास कार्यशाला श्रद्धालुओं की आस्था का भी केंद्र भी बनी। इसी कार्यशाला में पूजित शिलाएं भी रखी गईं हैं। इसी कार्यशाला को तीर्थ के समान मान रोजाना बड़ी संख्या में श्रद्धालु कार्यशाला में रखे मंदिर के मॉडल व शिलाओं का दर्शन करने भी पहुंचते रहे।



उप मुख्यमंत्री को अब तक कोई विभाग नहीं

राणा ओबरॉय


चण्डीगढ़। हरियाणा में सरकार को बने लगभग 2 सप्ताह हो गए हैं। जिसमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने शपथ ली थी। लगभग 2 सप्ताह बीत जाने के बाद भी हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को किसी भी मंत्रालय की जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई है। हरियाणा में यह पहली बार है की लगभग 2 सप्ताह तक कोई उपमुख्यमंत्री बिना किसी मंत्रालय के उप मुख्यमंत्री रहा हो! हरियाणा की जनता में और सिविल सचिवालय के अधिकारियों व कर्मचारियों में एक आम सवाल देखा जा रहा है कि ऐसे कब तक चलेगा उप मुख्यमंत्री का कार्यालय। हरियाणा प्रदेश की जनता का मानना है कि मंत्रिमंडल का विस्तार चाहे कभी भी हो। परंतु बिना किसी विभाग के उप मुख्यमंत्री पद की गरिमा नहीं बनती है?


महीनों रही मां और बहन के शव के साथ

अयोध्या। उत्तर प्रदेश के अयोध्या से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, यहां एक महिला अपनी मां और बहन के शवों के साथ दो महीने से अधिक समय से रहती मिली। देवकली पुलिस थाना क्षेत्र की आदर्श नगर कॉलोनी में पड़ोसियों द्वारा एक घर से तेज बदबू आने की शिकायत किए जाने पर गुरुवार को पुलिस को बुलाया गया। पुलिस ने दरवाजा खोलने पर दीपा को अपनी मां पुष्पा श्रीवास्तव और बहन विभा के मृत शरीर के साथ सोता पाया। सर्किल अधिकारी अरविंद चौरसिया ने संवाददाताओं को बताया कि दीपा के पिता व पूर्व सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट विजेंद्र श्रीवास्तव की 1990 में मौत हो गई थी। वह अपनी मां और तीन बहनों के साथ घर में रहती थी, जिनमें से एक रूपाली की कुछ साल बाद मौत हो गई।
इसके बाद पुष्पा श्रीवास्तव और उनकी बाकी दो बेटियां, विभा और दीपा मानसिक रूप से बीमार हो गईं। उन्होंने पड़ोसियों के साथ बातचीत करना बंद कर दिया था। पुष्पा और विभा की मौत लगभग दो महीने पहले हुई थी और दीपा उनके शवों के साथ रह रही थी।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि शव इस हद तक सड़ चुके थे कि हड्डियां दिखाई दे रही थीं, जिसका मतलब है कि दोनों की मौत करीब दो महीने पहले हुई होगी। मौत के कारण का पता लगाने के लिए शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और दीपा को मेडिकल परीक्षण के लिए भेजा गया है और फिर उसकी स्थिति के आधार पर या तो पागलखाने या फिर आश्रय गृह भेज दिया जाएगा।


चारा घोटाले में लालू की जमानत रद्द

रांची। अविभाजित बिहार के बहुचर्चित अरबों रुपये के चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर झारखंड उच्च न्यायालय में आज सुनवाई टल गई, जिससे उन्हें जमानत नहीं मिल सकी।
न्यायमूर्ति अपरेस कुमार सिंह की पीठ में यादव की ओर से दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में जमानत याचिका पर आज सुनवाई टल गई, जिससे उनकी जमानत की उम्मीद टूट गई। अदालत ने जमानत याचिका पर सुनवाई की अगली तिथि 22 नवंबर 2019 निश्चित की गई है।
यादव की ओर से दायर याचिका में उनकी बढ़ती उम्र और खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया गया है। याचिका में अनुरोध किया गया है कि वह सजा की अवधि का आधा से अधिक समय जेल में बीता चुके हैं। रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) की मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार राजद अध्यक्ष अनियंत्रित मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, क्रॉनिक किडनी डिजीज (स्टेज थ्री), फैटी लीवर, पेरियेनल इंफेक्शन, हाइपर यूरिसिमिया, किडनी स्टोन, फैटी हेपेटाइटिस और प्रोस्टेट जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं।
गौरतलब है कि यादव को चारा घोटाले के देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने 23 दिसंबर 2017 को दोषी पाकर साढ़े तीन साल कारवास की सजा सुनाई थी। हालांकि इस मामले में झारखंड उच्च न्यायालय से उन्हें जुलाई 2019 में जमानत मिल चुकी है लेकिन दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में जमानत नहीं मिल पाने के कारण वह जेल से बाहर नहीं आ पा रहे हैं।


फैसले का सम्मान पर 'संतुष्ट' नहीं: जिलानी

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या विवाद पर शनिवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया। पांच मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगई के नेतृत वाली पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने विवादित जमीन पर रामलला के हक में निर्णय सुनाया है। शीर्ष अदालत ने सरकार को राम मंदिर बनाने के लिए तीन महीने में एक ट्रस्ट बनाने के निर्देश दिए हैं। लेकिन सुन्नी वक्फ बोर्ड इस फैसले से संतुष्ट नहीं है।


सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने कहा-हम फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन हम इससे संतुष्ट नहीं हैं। हम आगे की कार्रवाई तय करेंगे। पूरे मुल्क की आवाम से अपील है कि शांति बनाए रखें। इसे लेकर कहीं भी किसी प्रकार का कोई प्रदर्शन नहीं होना चाहिए।


जानें फैसला आने के बाद किसने क्या कहा…


उच्चतम न्यायालय का आभारी है निर्मोही अखाड़ा
निर्मोही अखाड़े के प्रवक्ता कार्तिक चोपड़ा ने कहा-निर्मोही अखाड़ा आभारी है कि उच्चतम न्यायालय ने पिछले 150 वर्षों की हमारी लड़ाई को मान्यता दी है और श्री राम जन्मस्थान मंदिर के निर्माण और प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार द्वारा स्थापित किए जाने वाले ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़ा को पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया है।


अदालत के निर्णय से हल हुआ बहुत बड़ा मसला
मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा-हम सर्वोच्च अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं। हमने पहले भी कहा था कि अदालत का फैसला मानेंगे। आज भी कह रहे हैं कि हम इसे मानते हैं। अब देखना है कि सरकार हमें मस्जिद निर्माण के लिए कहां जगह मिलती है। फिलहाल अदालत के इस निर्णय से एक बहुत बड़ा मसला हल हो गया है।


दावा खारिज होने का अफसोस नहीं-निर्मोही अखाड़ा


निर्मोही अखाड़े के वरिष्ठ पंच महंत धर्मदास ने कहा कि विवादित स्थल पर अखाड़े का दावा खारिज होने का कोई अफसोस नहीं है, क्योंकि वह भी रामलला का ही पक्ष ले रहा था। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा कि निर्मोही अखाड़े का दावा कानूनी समय सीमा के तहत प्रतिबंधित है।


हिंदू महासभा ने फैसले को बताया ऐतिहासिक
अदालत का फैसला आने के बाद हिंदू महासभा के वकील वरुण कुमार सिन्हा ने कहा-यह ऐतिहासिक फैसला है। इस फैसले के साथ, सर्वोच्च न्यायालय ने विविधता में एकता का संदेश दिया है।


मोदी ने पाक पीएम का शुक्रिया अदा किया

करतारपुर गलियारे के लिए पीएम मोदी ने इमरान खान को कहा'शुक्रिया'


नई दिल्ली। करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री पीएम मोदी, गुरदासपुर के बीजेपी सांसद सनी देओल, केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी और शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल डेरा बाबा नायक पहुंचें। प्रधानमंत्री मोदी ने सिख समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि गुरुनानक देव के 550वें प्रकाश पर्व से पहले करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन होना बहुत खुशी की बात है।


पीएम मोदी ने कहा कि गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश-उत्सव से पहले, इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट करतारपुर साहिब कॉरिडोर का खुलना हम सभी के लिए दोहरी खुशी लेकर आया है। गुरु नानक देव सिर्फ सिख पंथ की, भारत की ही धरोहर नहीं बल्कि पूरी मानवता के लिए प्रेरणा पुंज हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की एकता, भारत की रक्षा-सुरक्षा से लेकर, गुरुनानक देवजी से लेकर गुरु गोविंद जी तब हर गुरु साहब ने कई बलिदान दिए हैं। इसी परंपरा को आजादी की लड़ाई और आजाद भारत की रक्षा में सिख साथियों ने पूरी शक्ति से निभाया है।


पीएम मोदी ने कहा, "बीते 1 साल से देश और विदेश में कीर्तन, कथा, प्रभात फेरी, लंगर, जैसे आयोजनों के माध्यम से गुरु नानक देव की सीख का प्रचार किया जा रहा है। इससे पहले गुरु गोबिंद सिंह जी के 350वें प्रकाशोत्सव को भी इसी तरह भव्यता के साथ पूरी दुनिया में मनाया गया था।"करतारपुर गलियारे के लिए पीएम मोदी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने डेरा बाबा नानक में चेक पोस्ट के उद्घाटन के दौरान कहा, "भारत की भावनाओं का सम्मान करने के लिए मैं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान नियाजी का धन्यवाद करता हूं।"


स्मोकिंग डिप्रेशन-सिजोफ्रेनिया का जन्मदाता

अगर आप डेली स्मोकर या चेन स्मोकर हैं तो आपको जल्द ही अपनी इस आदत को छोडऩे के लिए सख्ती से खुद पर लगाम लगानी होगी। हाल ही हुई एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि जो लोग रोज टोबैको (तंबाकू) स्मोकिंग करते हैं, उन लोगों में डिप्रेशन और सिजोफ्रेनिया जैसी मानसिक बीमारियां होने का रिस्क बहुत अधिक बढ़ जाता है। इस स्टडी के लीड ऑर्थर रॉबिन वूटन के अनुसार, मेंटल हेल्थ से जुड़ी बीमारियों का सामना कर रहे लोगों का ट्रीटमेंट करते समय हम अक्सर उनकी धूम्रपान और तंबाकू की आदत को अनदेखा करते हैं, जबकि हमारी स्टडी में यह बात साफतौर पर साबित हुई है कि टोबैको स्मोकिंग अवसाद और सिजोफ्रेनिया जैसी मानसिक सेहत से जुड़ी दिक्कतों को बढ़ाने के लिए अपना रोल प्ले करता है। रॉबिन वूटन, ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी से जुड़े हैं। वूटन आगे कहते हैं कि हमारी इस स्टडी से पता चलता है कि हमें शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से बचने के लिए भी धूम्रपान के सेवन से लोगों को बचाना होगा। धूम्रपान से होनेवाली इन समस्याओं के प्रति और अधिक प्रयासों के साथ जागरुकता फैलानी होगी। इस शोध से जुड़ी रिसर्च टीम ने ब्रिटेन के बायोबैंक डेटा से यूरोप के 462,690 व्यक्तियों का डेटा उपयोग किया, डेटा में शामिल लोगों में 8 प्रतिशत वर्तमान धूम्रपान करने वाले और 22 प्रतिशत पूर्व में धूम्रपान करने वाले लोग हैं, जो अब इस आदत को छोड़ चुके हैं।


'पत्रकार' की गोलियों से भूनकर हत्या की, प्रदर्शन

'पत्रकार' की गोलियों से भूनकर हत्या की, प्रदर्शन  संदीप मिश्र  जौनपुर। बाइक पर सवार होकर जा रहे पत्रकार की दिनदहाड़े गोलियों से भूनक...