शनिवार, 2 नवंबर 2019

सीएम ने अनुसंधानकर्ता-प्राध्यापकों को किया सम्मानित

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज उत्कृष्ट शैक्षणिक संस्थायाओं, अनुसंधानकर्ताओं, नवाचार करने वालों और प्राध्यापकों को ऑरोपाथ ग्लोबल अवार्ड 2019 से सम्मानित किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा- आज सबसे बड़ी जरूरत उच्च शिक्षा में गुणवत्ता सुनिश्चित करने की और उच्च शिक्षा को वास्तविक जरूरतों से जोड़ने की है! शिक्षा के माध्यम से युवाओं के दृष्टिकोण को व्यापक करने की भी आवश्यकता है!


आगरा सड़क हादसे में 3 लोगों की मौत

आगरा! लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर शनिवार को भीषण हादसे में तीन लोगों की जान चली गई! जबकि एक मौके पर घायल हो गया। मिली जानकारी के अनुसार शनिवार दोपहर को आगरा में फतेहाबाद के पास ये हादसा उस वक्त हुआ, जब एक्सप्रेस वे पर तेज रफ्तार कार ने ट्रक में पीछे से टक्कर मार दी। सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार कार में बैठे हुए तीन लोगों की दुर्घटना में मौत हो गई जबकि एक की हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचा दिया है। जबकि शवों को अपनी गाड़ी से निकाल कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।


मिली जानकारी के अनुसार कार ने ट्रक को पीछे से इतनी जोर की टक्कर मारी कि गाड़ी का अगला हिस्सा ध्वस्त हो गया और ट्रक के पिछले भाग में जाकर चिपक गया जिसको क्रेन की मदद से खीचकर अलग किया गया। दुर्घटना के बाद हाइवे पर भीषण जाम लग गया मौके पर लोगों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई। कुछ देर के लिए हाइवे जाम हो गया। जिसके बाद पुलिस ने लोगों को हटाकर एक बार फिर से हाइवे को चालू करवाया।


एशिया के सबसे ज्यादा निर्णय देने वाले जज

प्रयागराज! इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस सुधीर अग्रवाल के नाम नया रिकॉर्ड बन गया है! जस्टिस सुधीर अग्रवाल सबसे ज्यादा मुकदमों में फैसला देने वाले एशिया के पहले न्यायधीश बन गए हैं! जस्टिस अग्रवाल 31 अक्टूबर तक एक लाख तीस हजार 418 मुकदमे तय करने वाले बने पहले कीर्तिमान न्यायाधीश बन गए हैं! अयोध्या विवाद का फैसला देने वाली पीठ में भी शामिल रहे! 5 अक्टूबर 2005 को एडिशनल जज के रूप में शपथ ली थी! जिसके बाद 10 अगस्त 2007 को इलाहाबाद हाईकोर्ट के स्थाई जज की पद की शपथ ली!


अयोध्या बाबरी मस्जिद विवाद, शंकराचार्य बद्रिकाश्रम पीठ विवाद, सरकारी स्कूलों में वीआईपी के बच्चों के पढ़ने का मामला जैसे कई प्रमुख मामलों में महत्वपूर्ण फैसले भी दीये है!


बृजेश केसरवानी


रेलवे की लापरवाही का खामियाजा उठाते यात्री

 योगी के शहर में रेलवे की लापरवाही से यात्री हुए परेसान              


गोरखपुर! रेलवे की लापरवाही से शुक्रवार ट्रेन नम्बर 04923 गोरखपुर से चंडीगढ़ जाती है! जिसका गोरखपुर से छूटने का टाइम 22 बजकर 10 मिनट था, जो प्लेटफॉर्म नम्बर 4 पर खड़ी थी! यात्री गण अपने कोच के बर्थ पर बैठने के लिए बेताब थे! जिन यात्रियों के टिकट फर्स्ट ऐसी ए1 में था! सभी यात्री परेसान दिख रहे थे क्योंकी फर्स्ट ऐसी का कोई कोच ही नही लगा था, न ही रेलवे के तरफ से यात्रियों को कोई सुचना दिया गया! न तो प्लेटफॉर्म पर किसी तरह का अलौस्मेंट ही किया गया! बहुत खोज बीन करने पर टी टी देव् प्रभाकर जी मिले यात्री गण  जब उनसे इसका कारण पूछा तो टीटी महोदय का जबाब सुनकर सभी यात्री चिंतित हो गए टीटी महोदय का जबाब था! जिनको यात्रा करना है! थर्ड ac में यात्रा कर सकते है! यात्रियों ने जब पूछा की हमने तो किराया फर्स्ट ac का दिया है आप मुझे थर्ड ac में ले जा रहे हो तो मेरा बाक़ी का रिफंड कैसे होगा इस टीटी देव् प्रभाकर ने बताया कि यह जिम्मेदारी अधिकारियो की है! आप उनसे बात करे तो मैं सभी रेल के या प्रसासनिक अधिकारियो से यह पूछना चाहता हूँ कि जब कोई यात्री गलती से जनरल का टिकट लेकर किसी स्लीपर या ac में बैठ जाता है! तो टीटी महोदय मन मानी जुरमाना वसूल करते है! तब उनको यात्री से जुर्माना वसूलने का अधिकार रहता है! तो जिस यात्री को फर्स्ट ac के जगह पर थर्ड ac में यात्रा करवा रहे है तो उनका रिफंड करने का अधिकार उनको क्यों नही है! रेलवे की लापरवाही से यात्री परेसान भी हो, फिर अपने रिफंड के लिए उनके ऑफिस का चक्कर भी लगावे तो इसका जिम्मेदार कौन है जो परेसानी यात्री को हुई है! उसके लिए कौन होगा जिम्मेदार कौन करेगा यात्री का रिफंड रेलवे  के सीनियर डीसीऍम से बात करने पर उनका जबाब भी सन्तोष जनक नही रहा!


पूर्व सीएम हुड्डा कांग्रेस विधायक दल के नेता

राणा ओबराय
पूर्व सीएम भूपिंदर हुड्डा कांग्रेस विधायक दल के नेता नियुक्त, कल मीटिंग में हो गया था लगभग फाइनल

चण्डीगढ़! हरियाणा में कांग्रेस की तरफ से विधायक दल के नेता के नाम पर मुहर लग गई है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना है। कल चंडीगढ में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई थी जिसमें विधायक दल के नेता चुने जाने को लेकर बातचीत हुई थी लेकिन इस बैठक में विदायक दल का नेता तय नहीं हो पाया था जिसके बाद गेंद सोनिया गांधी के पाले में चली गई थी। अब सोनिया गांधी ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नाम पर मुहर लगा दी थी।


पूर्व मंत्री हार की जिम्मेदारी से बच नहीं सकते

राणा ओबराय
वोटबैंक बढ़ने के बावजूद खट्टर के मंत्री अपने अहंकार औऱ कार्यकर्ताओं को मीठी गोली देने के कारण हारे! भ्रष्टाचार भी था एक मुद्दा? बहाने बनाने वाले पूर्व मंत्री हार की जिम्मेदारी से बच नही सकते!
चंडीगढ़! मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पिछली कैबिनेट में रहे सभी मंत्रियों की शुक्रवार को बैठक बुलाई। बैठक में इस बात पर मंथन हुआ कि प्रदेश में बीजेपी का वोट प्रतिशत बढ़ने के बाद भी लगभग सभी मंत्री क्यों हार गए ? मुख्यमंत्री आवास पर हुई इस बैठक में हार के उन कारणों पर विचार किया गया और फिर से वे गलतियां नहीं हों उस पर चर्चा की गई। विधानसभा चुनाव में राज्य के 8 मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा है। हार की समीक्षा के साथ आगे की रणनीति तय की जा रही है। पिछली सरकार के अधूरे कामों को पूरा करेगी नई कैबिनेट, बीजेपी के हारे हुए मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने कहा कि पिछली सरकार की कैबिनेट में कुछ ऐसे विचार थे जो पेंडिंग थे उन्हें नई गठित होने वाली सरकार में कैसे लागू किया जाएगा, इस बारे में भी बातचीत की गई। प्रदेश में आठ फीसदी वोट कम पोलिंग होने के बावजूद पार्टी का 3 प्रतिशत वोट बढ़ा है। वहीं खट्टर की पिछली सरकार में राज्य मंत्री रहे कर्णदेव कंबोज ने कहा कि चुनाव हारे सभी लोगों ने अपने-अपने ढंग से चुनाव हारने के कारण बताए है। अब हमने सारी बातें संगठन के ध्यान में ला दी हैं। उल्लेखनीय है कि कम्बोज रादौर विधानसभा सीट चुनाव लड़े थे। एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिनमें बीजेपी के पूर्व विधायक श्याम सिंह राणा बीजेपी के कार्यकर्ताओं को कंबोज को वोट न देने के लिए दबाव बनाते सुनाई दिए थे।
इस मामले कंबोज ने श्याम सिंह राणा को अपनी हार का कारण बताया था और कहा था कि श्याम सिंह राणा की गद्दारी की वजह से वह चुनाव हारे हैं। बताया जा रहा है इसी तरह बड़े स्तर पर पार्टी में भितरघात हुआ, जिसकी पूर्व मंत्रियों ने सीएम मनोहर लाल खट्टर को जानकारी दी। जानिए… किस पूर्व मंत्री ने किस तरह बयां किया दिल का दर्द, हरियाणा में सबसे बड़ी हार का सामना करने वाले प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला चुपचाप हार के कारणों को सुनते रहे। पूर्व कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि जाट आंदोलन के बाद हम जाटों का विश्वास नहीं जीत सके।
पूर्व राज्य मंत्री कर्णदेव कांबोज ने कहा कि हम पिछड़ों का भी विश्वास नहीं जीत सके। इसके अलावा बिना मुझसे पूछे मेरा हलका इंद्री से रादौर बदल दिया गया। पूर्व मंत्री कविता जैन ने कहा कि प्रशासन ने साथ नहीं दिया। कांग्रेस प्रत्याशी ने पैसों का जमकर दुरुपयोग किया। वोट खरीदे गए। एक मंत्री ने कहा कि बिजली निगमों ने चुनाव के दौरान ही पिछली यूनिट भी जोड़कर मोटी राशि के बिल लोगों के घरों में भेज दिए। पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा सही ढंग से विपक्षी दलों पर अटैक नहीं कर सकी। पूर्व राज्य मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने कहा कि नई दिल्ली में संत रविदास मंदिर तोड़े जाने की घटना का नुकसान हमें चुनावों में हुआ। पूर्व मंत्री कृष्णलाल पंवार ने कहा कि जाटों के गुस्से की वजह से हमें हार का मुंह देखना पड़ा। पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने कहा कि अब आरोप-प्रत्यारोप लगाने और पुरानी बातों को याद करने का कोई मतलब नहीं है। पूर्व राज्य मंत्री मनीष कुमार ग्रोवर ने कहा कि हम कांग्रेस से नहीं हारे बल्कि भाजपाइयों की वजह से ही हार हुई है।


महिला जाट मंच ने 'हरियाणा-दिवस' पर की मांग

हर्षित सैनी
रोहतक। महिला जाट मंच द्वारा आज स्थानीय जाट भवन में हरियाणा दिवस सम्मेलन का आयोजन कर हरियाणा को उसके हक अलग हाईकोर्ट तथा अलग राजधानी की मांग को बुलन्द किया गया।
महिला जाट मंच की कोर्डिनेटर संतोष गोछी ने कहा कि जब तक हमारे हरियाणा के सभी अधिकार नहीं मिल जाते तब तक महिला जाट मंच संघर्षरत रहेगा। इस अवसर पर पूरे प्रदेश से आई जाट महिलाओं ने एकजुट होकर अपनी हरियाणवी सभ्यता व संस्कृति को सहेजने की हुंकार भी भरी।


डॉ. संतोष गोछी ने कहा कि हरियाणा से डस्ट बाऊल से ग्रीन बाऊल तक का सफर बड़ी मेहनत से किया है। भारत के विभाजन के बाद भारत में आने वाले पंजाब को पूर्वी पंजाब कहा जाता था। इसमें दो ही डिवीजन जालंधर तथा अंबाला थे। सबसे पहले दोनों डिवीजनों में मंत्रिमंडल में समान प्रतिनिधित्व की मांग को लेकर प्रो. शेर सिंह, चौ. सूरजमल, चौ. देवीलाल के भाई साहब राम, समर सिंह, जगदीश चन्द्र और रत्न सिंह आचार्य कृपलानी से मिले परन्तु वहां इनकी बात नहीं बनी। सन 1949 में सच्चर सरकार बनी और उसमें पंजाबी भाषा क्षेत्र, हिन्दी भाषा क्षेत्र व द्वि भाग क्षेत्र का फार्मूला बनाया गया, पर इसका भी भारी विरोध हुआ। सन 1955 में एक उप समिति का गठन हुआ जिसमें धर्मवीर वशिष्ठ, मूलचन्द जैन, चौ. देवी लाल और प्रो. शेर सिंह सदस्य बने। उन्होंने विशाल हरियाणा अथवा महा दिल्ली की मांग की। डॉ. संतोष गोछी ने कहा कि 1957 में हिन्दी रक्षा समिति का हिन्दी रक्षा को लेकर तीव्र आन्दोलन हुआ। जिसमें 9000 के करीब आन्दोलनकारी गिरफ्तार हुए तथा कई सत्याग्रही शहीद हुए। आचार्य भगवान देव का आह्वान था कि हरियाणा के वीर की गर्दन टूट सकती है लेकिन झुक नहीं सकती।


उन्होंने बताया कि 5 दिसंबर, 1965 को एक ऐतिहासिक महान हरियाणा सम्मेलन रोहतक में आचार्य भगवान देव की अध्यक्षता में हुआ। जिसमें चौ. देवीलाल, टेक सिंह, हरद्वारी लाल, जगदेव सिद्धांती, मूलचन्द जैन, रामशरण मित्तल और प्रो. शेर सिंह शामिल हुए। जब आचार्य का सब्र टूटा तो उन्होंने रोहतक के दयानन्द मठ के हवन कुंड में आत्मदाह की घोषणा तक कर दी। अत: 18 मार्च, 1966 में संसदीय समिति ने अपनी रिर्पोट पेश की। जिसमें पंजाब को तीन हिस्सों में बांटने की सलाह दी गई, पंजाब, हरियाणा व हिमाचल प्रदेश। महिला जाट मंच की कोर्डिनेटर ने कहा कि इसके बाद सीमाओं के बंटवारे को लेकर एक कमेटी बनी। जिसमें 4314 ज्ञापन लोगों ने दिए। इस कमीशन ने अपनी रिर्पोट में हरियाणा, पंजाब व हिमाचल क्षेत्र का बंटवारा कर दिया और पंजाब के हिन्दी भाषा क्षेत्र चंडीगढ़ व खरड़ को हरियाणा को दिए जाने की सिफारिश की गई।
उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार ने इस आयोग की सिफारिशों को निर्विरोध मान लिया परन्तु चंडीगढ़ व खरड़ की निर्विरोध की बात को नजरअंदाज कर दिया। 18 सितम्बर, 1966 को शाह कमीशन की रिर्पोट भारतीय संसद के दोनों सदनों में पारित हुई और 1 नवम्बर, 1966 को हरियाणा भारत का सबसे छोटे आकार का 17वां राज्य बना। जिसके बाद से हरियाणा लगातार अपनी राजधानी और हाईकोर्ट के लिए आंदोलनरत है। अत: हमें अलग राजधानी व अलग हाईकोर्ट मिलना ही चाहिए। महिला जाट मंच की कार्यकर्त्ताओं ने सम्मेलन में हरियाणवी संस्कृति से जुड़ी अनेक चीजें व बातें प्रस्तुत की गई तथा हरियाणवी संस्कृति को सहेजने व बचाने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया गया। महिलाओं ने हरियाणवी गानों पर नृत्य व संगीत का लुत्फ भी उठाया। वहीं अपनी एकजुटता के जरिए समाज में व्यापक स्तर पर बदलाव लाने की मुहिम छेडऩे का भी ऐलान किया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से महिला जाट मंच की अध्यक्षा रमा राठी, शर्मिला रोज, देविका सिवाच, सन्तोष जून, सुनीता कटारिया, सवी मान, रोहतक अध्यक्षा मंजू सांगवान, कविता, मनु ढुल, स्वीटी मलिक, पूनम हुड्डा, गुडग़ांव से नीलम गुलिया, जींद से सुचिता ढुल, सुनीता मलिक, आशा आदि सहित सैंकड़ों महिलाएं मौजूद रही।


धान का भाव कम,किसानों में भारी रोष

राणा ओबरॉय


चंडीगढ़! इंद्री की अनाज मंडी में बारीक धान के भाव कम होने से किसानों में भारी रोष है! पिछले वर्ष की तुलना में  इस बार  बारीक धान के कम रेट मिलने से किसानों को 15 से 20000 हज़ार प्रति एकड़ का नुकसान हो रहा है! इस बार किसान को न केवल रेट कम मिलने की मार झेलनी पड़ रही है बल्कि किसान की उपज भी कम निकल रही है! किसानों ने कम भाव मिलने के पीछे कारण सरकार की गलत नीतियों को दोषी माना है! किसानों ने सरकार पर इस मामले में कोई भी ठोस कदम ना उठाने के आरोप लगाए l


अनाज मंडी में बारीक धान लेकर पहुंचे किसानों का कहना है कि पिछले वर्ष बारिक धान की जिन किसानों के रेट 3000 से 3600 रुपए प्रति क्विंटल मिल रहे थे! उसी किस्म की धान के इस वर्ष रेट 2200  से लेकर 2600 प्रति क्विंटल मिल रहे रहे हैं! किसानों ने बारीक धान की कम कीमत मिलने से किसानों में भारी नाराजगी है किसानों का कहना है कि वह अपनी बारीक जिगरी मंडी में लेकर पहुंचते हैं! तो उनकी जीरी के खरीददार नहीं मिलते जो खरीदार आते भी हैं वह मनमाने दाम पर उनकी फसल को खरीदने के बात करते हैं! इतना ही नहीं हर रोज किसानों की बारीक धान का रेट गिर रहा है! जिस कारण किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है! किसान मंडी में हो रही इस लुटाई से परेशान है और सरकार उनकी कोई सुध नहीं ले रही है l


किसानों का आरोप है कि किसानों की बारीक दान को व्यापारी जानबूझकर कम रेट पर खरीद रहे हैं! क्योंकि सरकार किसानों की इस पीड़ा को सुनने को भी तैयार नहीं है! उधर अनाज मंडी में आढ़तियों का कहना है कि इस बार मुच्छल धान की कीमत  2300 रुपए चल रही है! जबकि पिछले वर्ष 3300 रूपये प्रति क्विंटल थी! 1121 किशन की बारीक जीरी के उत्तम दाम 2700 रूपय प्रति क्विंटल चल रहे हैं! जबकि पिछले वर्ष इसी किस्म के धान की कीमत 3600रूपये  प्रति क्विंटल थी! बासमती की धाम की कीमत इस वर्ष 3400 रूपये प्रति क्विंटल है जबकि पिछले वर्ष इसी किस्म की धान की कीमत 4200 रूपये से ऊपर चल रही थी! इसी तरह दूसरी बार एक किस्म की धान की कीमत मैं भी यही अंतर चल रहा है l


उनका कहना है कि अनाज मंडी में बारीक जीरी कीकीमतें पिछले वर्ष की अपेक्षा कम मिलने से किसानों व आढ़तियों को आर्थिक रूप से नुकसान हो रहा है! आढ़तियों का यह भी कहना है कि बारीक धान का खरीदार कब मिल रहे हैं! जिस कारण इस धान के रेट कम मिल रहे हैं! दूसरी तरफ खरीदारों का कहना है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चावल की कीमत कम होने के कारण बारीक धान के भाव में कमी आई है! जबकि आढती और किसान सरकार की गलत नीतियों को बारीक धान की कम कीमतों का जिम्मेदार मान रहे हैं!


जीजा को पेड़ से बांधकर, 6 ने किया गैंगरेप

लखनऊ। योगी सरकार महिलाओं की सुरक्षा के चाहे लाख दावे कर रही हो, लेकिन हकीकत में ये दावे खोखले ही साबित हो रहे हैं। मामला यूपी के चित्रकूट जिले के मऊ थाना क्षेत्र का है। यहां एक महिला के साथ चार दिन पहले हुए कथित सामूहिक रेप का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद पुलिस ने 6 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पीड़िता की तहरीर के आधार पर विक्की गर्ग, कुलदीप, डीजे और कारतूस के अलावा दो अज्ञात नकाबपोश युवकों के खिलाफ सामूहिक रेप, लूटपाट और जान से मारने की धमकी देने का मुकदमा दर्ज कर उनकी तलाश की जा रही है।


पुलिस ने बताया कि 14 सेकेंड का यह वीडियो 28 अक्टूबर का है। उन्होंने बताया कि 24 साल की एक महिला अपने जीजा के साथ रिश्तेदारी में जा रही थी, तभी रास्ते में छह युवकों ने हथियार दिखाकर उन्हें रोका। लूटपाट का विरोध करने पर जीजा को पेड़ से बांध कर महिला के साथ सामूहिक रेप किया गया।


थानाध्यक्ष ने बताया कि पीड़िता को चिकित्सीय जांच के लिए सरकारी अस्पताल भेजा गया है। पीड़ित महिला का दावा है कि उसने घटना के ही दिन मऊ थाना पहुंच कर मौखिक तौर पर पूरी जानकारी पुलिस को दी लेकिन उसे डांट कर भगा दिया गया। महिला का कहना है कि वीडियो वायरल होने के बाद वह खुद पुलिस अधीक्षक से मिली, तब मुकदमा दर्ज किया गया।


कारोबारियों को जीएसटी ने दी बड़ी राहत

नई दिल्ली! जीएसटी विभाग की ओर से कारोबारियों को एक बड़ी राहत दी गई है। बताया जा रहा है कि अब डेढ़ करोड़ से कम टर्न ओवर वाले कारोबारियों जीएसटी रिटर्न भरना आवश्यक नहीं है। हालांकि 30 नवंबर तक जीएसटी रिटर्न दाखिल करना जरूरी है। इसमें वार्षिक रिटर्न 1.5 करोड़ से ज्यादा टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए है और जीएसटी ऑडिट दो करोड़ से ज्यादा टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए है। विभागीय अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार इसके साथ ही कारोबारियों को एक बड़ी राहत यह भी दी गई है कि 40 लाख टर्नओवर वाले कारोबारियों को जीएसटी में पंजीयन कराने की भी आवश्यकता नहीं है। अब जीएसटी सॉफ्टवेयर भी थोड़ा अपग्रेड किया गया है, इससे जीएसटी रिटर्न भरने की प्रक्रिया थोड़ी आसान हो गई है।


तालछुआ में विचित्र प्रजाति की मछली मिली

भुवनेश्वर। केंद्रापड़ा जिला तालचुआ (Kendrapara District Talchua)  क्षेत्र में एक विचित्र प्रजाति की मछली मिली है। यह एक लम्बी मछली है व उसका मुंह एक पंछी की लंबी चोंच की तरह है। इस मछली का आनुमानिक मूल्य दो लाख रुपए बताया जा रहा है। स्थानीय मछुआरे इस मछली को मयूर मछली (Peacock Fish)  होने का दावा कर रहे हैं। शुक्रवार की सुबह जब स्थानीय मछुआरे समुद्र (Fisherman sea) से मछली पकड़ रहे थे तब यह विचित्र प्रजाति की मछली उनके जाल में फंस गई थी। मछुआरों ने जब इस मछली को किनारे पर लाया तो इसे देखने के लिए लोगों की भीड़ लग गई।


बालेश्वर जिले Baleshwar District के दीघा क्षेत्र के एक व्यापारी इस मछली को खरीदने के लिए बोली लगा चुका है। इस मछली को वह 10 हजार रुपए प्रति किलो के हिसाब से खरीदने को तैयार है। बताया कि उक्त मछली का वजन 20 किलो है। इस हिसाब से मछली कीमत करीब 2 लाख रुपए होती है। शुक्रवार को इस मछली को भद्रक जिले के धामरा ले जाया गया है। वहां से उसे दीघा लेकर एक व्यापारी को बेचा जाएगा। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी एक मछली बालेश्वर इलाके में पकड़ी गई थी जो लाखों रुपये में बेची गई थी। बीते दिनों ओडिशा के चंदबाली में धामरा समुद्र तट पर एक विचित्र प्रजाति  की मछली एक मछुआरे के जाल में फंस गई थी। इस मछली के मिलते ही इसे पकडऩे वाले मछुआरे की मानों किस्मत ही खुल गई, इस मछली को एक दवा कंपनी ने 7 लाख 49 रुपए में खरीदा था। इस मछली का नाम ड्रोन सागर Drone sea था, मछली का कुल वजन 107 किलोग्राम था। इस मछली के प्रयोग से पूर्वी एशिया में कई दवाईयां तैयार की जाती है।


दक्षिणी इजरायल पर 10 रॉकेट दागे

गाजा। गाजा पट्टी से शुक्रवार रात दक्षिणी इजराइल पर 10 रॉकेट दागे गए। यह जानकारी इजाराइली और फिलिस्तानी सूत्रों ने दी। इजराइली मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दक्षिणी इजराइल में गाजा की तरफ से रॉकेट दागे जाने के बाद सायरन बजने लगे। किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। किसी ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।


उल्लेखनीय है कि पिछले 24 घंटों में दूसरी बार गाजा पट्टी से दक्षिणी इजराइल की ओर रॉकेट दागे गए। इजराइल के आयरन डोम एंटी रॉकेट सिस्टम के माध्यम से गाजा में दागे गए रॉकेटों को रोकने के बाद दक्षिणी इजराइल में कई विस्फोट हुए।


दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ

दिल्ली में 2.0 तीव्रता का भूकंप, महसूस नहीं हुआ अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। दबे पांव पहुंचे भूकंप ने धरती को हिलाते हुए पब्लिक को दहशत में ड...