शनिवार, 19 अक्तूबर 2019

सरकार ने दिया बोनस का तोहफा

जयपुर। दिवाली से पहले ही सूबे के 6 लाख सरकारी कर्मियों को गहलोत सरकार ने बोनस का तोहफा दिया है। राज्य सरकार ने शुक्रवार को एक आदेश जारी कर कर्मचारियों को बोनस देने की राह खोल दी है। आदेश के अनुसार अब कर्मियों को अधिकतम 6,774 रुपये बोनस मिलेगा। इस घोषणा का कर्मचारी वर्ग को लंबे समय से इंतजार था। गौरतलब है कि बोनस के चलते सरकार पर करीब 406 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा। सरकार की तरफ से आदेश निकलने के साथ ही कर्मचारियों में खुशी की लहर है।
जानकारी के अनुसार सरकार के इस फैसले से प्रदेश के करीब 6 लाख कर्मचारियों को लाभ मिलेगाा। बोनस का यह लाभ राज्य सेवा के अधिकारियों (राजपत्रित को छोड़कर) पे मेट्रिक लेवल-12 और इससे नीचे का वेतन ले रहे कर्मचारियों को ही मिलेगा।



मिठाई के डिब्बे ने खोला हत्यारों का राज

कमलेश तिवारी हत्याकांड: गुजरात से आए थे हत्यारे, मिठाई के डिब्बे ने खोला राज


लखनऊ। हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी हत्याकांड में यूपी पुलिस ने 24 घंटे में खुलासा कर दिया है। पुलिस ने घटना में शामिल तीन लोगों को गुजरात के सूरत से गिरफ्तार किया है। वहीं, बिजनौर से षड्यंत्र में शामिल मौलाना अनवारुल हक और मौलाना नईम कासनी को हिरासत में लिया गया है।


यूपी डीजीपी ओम प्रकाश सिंह ने बताया कि घटनास्थल से जांच के दौरान मिले मिठाई के डिब्बे से अहम सुराग मिले और गुजरात पुलिस की मदद से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। कमलेश तिवारी के परिजनों द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी में बिजनौर निवासी अनवारूल हक और नईम काजमी के नाम हैं और उन्हें भी हिरासत में ले कर पूछताछ की जा रही है। डीजीपी ने प्रारंभिक जांच के आधार पर बताया कि 2015 के बयान के कारण इस घटनाक्रम को अंजाम दिया गया है। इसके साथ ही इसमें किसी आतंकी संगठन की संलिप्तता के कोई सबूत अभी तक नहीं मिले हैं। उन्होंने बताया कि अपराधी खास कपड़े पहनकर आए थे। हत्याकांड के तार गुजरात से जुड़े हैं। सूरत के मौलाना मोसिन सलीम शेख, फैजान जिलानी और रशीद को गिरफ्तार किया है। रशीद को कंप्यूटर का ज्ञान है और दर्जी का काम करता है। कुछ और लोगों को हिरासत लिया गया था, लेकिन पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया।


सैनिकों को मिली बुलेट प्रूफ जैकेट

नई दिल्ली। भारतीय सेना को पहली बार देश में बनी 40 हजार बुलेटप्रूफ जैकेट्स की आपूर्ति की गई है। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन में जुटे सैनिकों को इन जैकेट्स की पहली खेप उपलब्ध करवाई जाएगी।। एसएमपीपी प्राइवेट लिमिटेड के मेजर-जनरल अनिल ओबेरॉय (सेवानिवृत्त) ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि हम सेना के लिए बुलेटप्रूफ जैकेट के ऑर्डर को अच्छी तरह से समय से पहले मुहैया करा देंगे।'


उन्होंने आगे बताया कि हमें पहले साल में 36,000 जैकेटों की आपूर्ति करनी थी, लेकिन हम समय से पहले हैं और हमने भारतीय सेना को 40,000 जैकेटों की आपूर्ति की है। सरकार ने यह ऑर्डर पूरा करने के लिए कंपनी को 2021 तक की तारीख दी है, लेकिन 2020 के अंत तक सारी जैकेट्स बन कर तैयार हो जाएंगी। बता दें कि पिछले साल, रक्षा मंत्रालय ने स्वदेशी निर्माता एसएमपीपी लिमिटेड को 1.8 लाख से अधिक बुलेटप्रूफ जैकेट प्रदान करने का ठेका दिया था। बताया गया कि जैकेटों को कानपुर में केंद्रीय ऑर्डिनेन्स डिपो को आपूर्ति की जा रही है, जहां से उन्हें जम्मू और कश्मीर और अन्य हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में भेजा जाएगा।


ओबेरॉय ने दावा किया कि बुलेटप्रूफ जैकेट एके-47 राइफल के हमले का भी सामना कर सकती हैं। उन्होंने कहा, 'देश में बनी यह बुलेटप्रूफ जैकेट्स हार्ड स्टील से बनी गोलियां झेल सकती है। एके-47 और कई अन्य हथियार इस पर बेअसर होंगे। हमारी जैकेट इसके प्रभाव को अवशोषित कर सकती है'ओबेरॉय ने कहा कि हमने बुलेटप्रूफ जैकेट के साथ ऐसे हेल्मेट भी बनाए हैं जो एके-47 हार्ड स्टील कोर गोला बारूद के खिलाफ सैनिकों की रक्षा कर सकते हैं। इसमें फेशियल विसर भी होगा। हम अपने सैनिक के सिर से पैर तक का ख्याल रखेंगे।' ओबेरॉय ने बताया कि कंपनी के हेल्मेट पहले से ही भारत में विभिन्न सशस्त्र बलों अर्थात् केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल द्वारा उपयोग किया जा रहे हैं।


आगरा सड़क हादसे में 4 की मौत

आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा में भीषण सड़क हादसे में चार लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। मृतकों में दो पुरूष और दो महिलाएं शामिल हैं। हादसे में बुरी तरह घायल गर्भवती महिला की हालत बेहद नाजुक है, जिसको अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि यह हादसा उस समय हुआ, जब सभी लोग गर्भवती महिला को प्रसव के लिए कार से आगरा के अस्पताल ले जा रहे थे।


हाथरस जिला के बिसावर गांव के रहने वाले रूपेश की पत्नी सीमा को प्रसव पीड़ा हुई। परिवार चाहता था कि उसकी डिलीवरी आगरा के किसी अच्छे अस्पताल में हो लिहाजा रूपेश अपनी पत्नी सीमा और मां विद्यावती को कार में लेकर आगरा रवाना हो गया। कार में रूपेश के परिजन भी सवार थे। पांच लोग एक कार में सवार होकर जा रहे थे, तभी उनकी गाड़ी पीछे से एक ट्रक में जाकर घुस गई।



डीएसपी सहित 7 पर हत्या का मामला दर्ज

चंचल यादव
हापुड़। हिरासत में सिक्यूरिटी गार्ड की मौत के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की नोटिस के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस हरकत में आई। पुलिस ने एक डीएसपी समेत सात पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का अपराध दर्ज कर लिया है। वहीं तीन पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है।
अधिकारियों ने NPG को बताया कि गुरुवार रात को मृतक प्रदीप तोमर के भाई कुलदीप तोमर की शिकायत के आधार पर एक प्राथमिकी दर्ज की गई। करीब डेढ़ महीने पहले 35 वर्षीय प्रदीप को एक महिला की हत्या के मामले में पूछताछ के लिए हापुड़ के पिलखुवा इलाके में छिजारसी पुलिस थाने में हिरासत में लिया गया था। जिसकी रविवार रात कस्टडी में मौत हो गई। आरोप है कि पुलिस ने उसका थर्ड डिग्री टॉर्चर किया। इसके बाद ग्रामीणों ने गांव से लेकर मेरठ तक हंगामा किया।


प्रदीप का 10 साल के बेटा भी पिता के साथ पुलिस चौकी बताया था जिसने दावा किया कि उसके पिता को पूछताछ के दौरान बुरी तरह टॉर्चर किया गया था। बच्चे ने बताया, 'कम से कम 8 से 10 पुलिसवाले मेरे पिता को लगातार पीट रहे थे। वे उन्हें पेचकस से गोद रहे थे। इस दौरान पुलिसवाले शराब भी पी रहे थे और दर्द से कराहते मेरे पिता को पानी देने से इनकार कर रहे थे।' प्रदीप की हालत बिगड़ने पर पुलिसकर्मी उन्हें हापुड़ के लोकल अस्पताल में ले गए और इसके बाद मेरठ के अस्पताल में रिफर किया जहां यातनाओं के चलते उन्होंने दम तोड़ दिया।


पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी थर्ड डिग्री टॉर्चर की पुष्टि हुई है। हापुड़ के एसपी यशवीर सिंह का कहना है, 'रिपोर्ट में हत्या की वजह स्पष्ट नहीं है। आगे की जांच के लिए विसरा सैंपल ले लिया गया है। मृतक के कूल्हे और बांहे काली पड़ गई थीं जबकि पूरे शरीर में नीले निशान थे।'


राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने उत्तर प्रदेश सरकार, राज्य के पुलिस प्रमुख और मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया और मामले पर उनकी रिपोर्ट मांगी। 16 अक्टूबर को बयान जारी कर आयोग ने कहा, “ मीडिया रिपोर्टों की सामग्री के आधार पर आयोग ने देखा है कि यह पुलिस हिरासत में एक व्यक्ति के मानवाधिकारों के उल्लंघन का शानदार उदाहरण है, जिसके लिए राज्य की पुलिस बल पर जवाबदेही निहित है।“
एनएचआरसी ने डीजीपी ओपी सिंह को राज्य पुलिस द्वारा भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए की गई कार्रवाई और भविष्य में इस तरह की घटना को रोकने के लिए उठाए गए कदमों का उल्लेख करने का निर्देश दिया।
आयोग ने यूपी सरकार के मुख्य सचिव को भी नोटिस जारी किया है और कहा है कि पीड़ित परिवार को उचित सुरक्षा मुहैया कराई जाए। मृतक का एक 11 साल का लड़का है जो इस घटना से आहत है, उसका भी ख्याल रखने की बात कही गई ।


दहशत फैलाने की कोशिश: योगी

लखनऊ। कमलेश तिवारी हत्याकांड मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि इस तरह की घटनाएं अस्वीकार्य हैं। इसमें शामिल लोगों को छोड़ा नहीं जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर कमलेश तिवारी का परिवार उनसे मिलना चाहेगा तो उनसे मिलूंगा।  दशहत फैलाने के लिए इस घटना को अंजाम दिया गया है। लेकिन दशहत और भय फैलाने वालों के मंसूबों को कुचल दिया जाएगा। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।


इंडियन टीम ने खोए अहम विकेट

रांची। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे और अंतिम टेस्ट में यहां टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने पहले दिन शनिवार को लंच तक तीन विकेट पर 71 रन बनाए। भारत ने पहले सत्र में सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल (10), चेतेश्वर पुजारा (0) और कप्तान विराट कोहली (12) के रूप में अपने तीन अहम विकेट खो दिए।


दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाजों ने आखिकार अपना जलवा दिखाया और भारत को शुरुआती झटके देकर उसे कुछ हद तक जूझने पर मजबूर कर दिया। कागिसो रबाडा ने दो विकेट झटके, जबकि एनरिच नॉर्त्जे ने एक विकेट लिया। सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा (38) और उपकप्तान अजिंक्य रहाणे (11) क्रीज पर मौजूद हैं। भारत पहले ही शुरू के दो मैच जीतकर तीन मैचों की सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त बना चुका है। भारत ने विशाखापत्तनम और पुणे में जीत दर्ज की थी।


विस अध्यक्ष पहली बार जाएंगे जेल

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी होने के नाते दिल्ली विधानसभा का एक महत्व है। इस विधानसभा ने विधायी मामलों में तमाम मानक कायम किए हैं और देश के विधानमंडलों में एक अलग पहचान बनाई है। लेकिन दिल्ली के विधायी इतिहास में पहली बार विधानसभा के अध्यक्ष को जेल की सलाखों के पीछे जाना होगा।


दिल्ली की एक अदालत ने राजधानी के विधानसभा स्पीकर रामनिवास गोयल को दोषी करार देते हुए 6 महीने की सजा सुनाई है। साथ ही दिल्ली के रॉउज एवेन्यू कोर्ट ने रामनिवास गोयल के साथ-साथ उनके बेटे सुमित गोयल समेत 5 लोगों को 6-6 महीने की सजा सुनाई है और एक-एक हजार का जुर्माना भी लगाया है। जानकारी के अनुसार यह मामला 2015 में विधानसभा चुनाव के समय का है।


2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के समय भाजपा से जुड़े और लोकल बिल्डर मनीष घई ने गोयल के खिलाफ मतदान से एक दिन पहले, 6 फरवरी की रात अपने विवेक विहार स्थित घर में अपने समर्थकों के साथ जबरन घुसकर मारपीट करने का आरोप लगाया था। कोर्ट ने दिल्ली विधानसभा के स्पीकर रामनिवास गोयल को मारपीट के मामले में आईपीसी की धारा 448 के तहत दोषी करार दिया। जबकि उनके बेटे सुमित गोयल को धारा 323 यानी मारपीट करने के मामले में दोषी ठहराया गया है।
कौन हैं रामनिवास गोयल
राम निवास गोयल उत्तरी दिल्ली के शाहदरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं, जहां उन्होंने बीजेपी के जितेंद्र सिंह शंटी को 11 हजार वोटों के अंतर से पराजित किया। जिसके बाद उन्हें विधानसभा का अध्यक्ष बनाया गया।


योगी सरकार को दूसरी बार फटकार

नई दिल्ली। योगी आदित्यनाथ की सरकार को सर्वोच्च अदालत की जारी तल्खी के बीच दूसरी बार फटकार सुननी पड़ी। अभी एक मुस्लिम लड़की की याचिका पर सुनवाई के दौरान यूपी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से फटकार सुने एक महीना भी नही बीता था, कि देश की सर्वोच्चय अदालत ने योगी सरकार को लेकर बड़ी टिप्पणी की है। 
सुप्रीम कोर्ट ने मंदिरों के प्रशासन से जुड़े मामले में यूपी सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा है कि क्या उत्तर प्रदेश में जंगलराज है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यहां के वकीलों को पता ही नहीं है कि किस नियम के तहत काम किया जा रहा है। कोर्ट ने इसके साथ ही पूछा कि उत्तर प्रदेश में किस कानून के तहत मंदिर और उसके संस्थाओं की निगरानी कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान ये भी पूछा कि सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार का कोई अधिकारी अदालत में मौजूद क्यों नहीं है, जो वकील को जानकारी दे सके और सुप्रीम कोर्ट के सवालों का जवाब भी दे पाए।


गौरतलब है कि ये पूरा मामला बुलंदशहर की एक मंदिर से जुड़ा है। जहां मंदिर प्रशासन पर दान के दुरुपयोग का आरोप लगा है। आरोप लगने पर यूपी सरकार ने मंदिर को चलाने के लिए एक बोर्ड का गठन किया था। लेकिन तभी सुप्रीम कोर्ट में मंदिर की ओर से उत्तर प्रदेश की सरकार के खिलाफ याचिका दायर की गई। याचिका में आरोप लगाया गया था कि उत्तर प्रदेश की सरकार का ये निर्णय गलत है और मंदिर का बोर्ड बनाने में किसी कानून का पालन नहीं किया गया है।


चिदंबरम की याचिका पर फैसला सुरक्षित

नई दिल्ली। आईएनएक्स मीडिया केस में दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को जमानत नहीं देने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज फैसला सुरक्षित रख लिया। 
दरअसल मनी लॉन्ड्रिंग केस में तिहाड़ में बंद चिदंबरम ने शीर्ष अदालत में दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। उधर कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई ने अपनी दलील में कहा कि चिदंबरम की महज उपस्थिति ही गवाहों को डराने-धमकाने के लिए काफी है, उन्हें कम से कम तब तक जमानत नहीं दी जाए जब तक अहम गवाहों से पूछताछ नहीं हो जाती। सीबीआई ने कहा कि आज ऐसा दौर है जब आर्थिक अपराधों के आरोपी देश से भाग रहे हैं, एक राष्ट्र के रूप में हम इस समस्या से जूझ रहे हैं।श् सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि भ्रष्टाचार मामले की जांच जारी है और सिंगापुर तथा मॉरीशस को भेजे गए आग्रह पत्र पर जवाब का इंतजार किया जा रहा है।
सीबीआई ने फाइल की चार्जशीट
उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत ने पी चिदंबरम को 24 अक्टूबर तक ईडी की कस्टडी में भेज दिया है और सीबीआई के केस में भी न्यायिक हिरासत 24 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है। आईएनएक्स मीडिया केस में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम सहित 15 लोगों के खिलाफ आईएनएक्स मीडिया केस में चार्जशीट दाखिल की गई है। इसमें पूर्व मीडिया कारोबारी पीटर मुखर्जी, इंद्राणी मुखर्जी का नाम भी शामिल है। अब मामले की अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी।


बोकड़े को चीफ जस्टिस बनाने की सिफारिश

नई दिल्ली। भारत के 46वें मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने अपने कार्यकाल के दौरान कई बड़े फैसले सुनाए हैं। वहीं अपने रिटारमेंट से पहले राम मंदिर का मामला भी सुलझाना चाहते हैं। 
रंजन गोगोई ने 3 अक्टूबर 2018 को देश के मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपना पदभार संभाला और आगामी 17 नवंबर को वो सेवानिवृत होंगे। जिसके बाद देश के नए मुख्य न्यायधीश को लेकर चर्चा जारी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के नए चीफ जस्टिस की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मौजूदा चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने जस्टिस शरद अरविंद बोबडे को अगला चीफ जस्टिस बनाने की केंद्र सरकार से सिफारिश की है। प्रक्रिया के अनुसार, वर्तमान मुख्य न्यायाधीश ही अगले चीफ जस्टिस की सिफारिश करता है।
कौन हैं शरद अरविंद बोबडे
जस्टिस शरद अरविंद बोबडे मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट जज के तौर पर उन्होंने 12 अप्रैल, 2013 को कार्यभार संभाला है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के बाद जस्टिस बोबडे ही सबसे वरिष्ठ जज हैं। जब सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रें स की, तो कॉन्फ्रें स के बाद बार काउंसिल ने जस्टिस चेलमेश्वर से बात करने के लिए जस्टिस बोबडे से ही बात की थी।
जस्टिस बोबडे के कुछ बड़े फैसले 
जस्टिस शरद बोबडे उस बेंच का हिस्सा थे, जिसने आदेश दिया कि आधार कार्ड न रखने वाले किसी भी भारतीय नागरिक को सरकारी फायदों से वंचित नहीं किया जा सकता। मई, 2018 में जब कर्नाटक में चुनाव हुए और किसी को बहुमत नहीं मिला, तो राज्यपाल ने बीएस येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के लिए बुलाया. कांग्रेस इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची. रात 2 बजे से सुनवाई शुरू हुई और फैसला येदियुरप्पा के पक्ष में आया, येदियुरप्पा के पक्ष में फैसला देने वाली बेंच में शामिल थे जस्टिस बोबडे। सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर बैन को लेकर जो फैसला दिया था, उस फैसले वाली बेंच में शामिल थे जस्टिस बोबडे।


उर्दू प्रार्थना पढने पर हेड मास्टर बर्खास्त

पीलीभीत। यूपी के पीलीभीत के जिला प्रशासन ने एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय के हेडमास्टर को सिर्फ इसलिए बर्खास्त कर दिया क्योंकि उसने  स्कूल में इकबाल की लिखी प्रार्थना 'लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना मेरी' कराई थी। आम तौर पर यह प्रार्थना मदरसों में कराई जाती है। इसे 1902 में मोहम्मद इकबाल ने लिखा था जिन्हें अल्लामा इकबाल के नाम से भी जाना जाता है। इन्होंने ही सारे जहां से अच्छा… भी लिखा है।खबर के मुताबिक बीसलपुर की रिपोर्ट के मुताबिक बीसलपुर के खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) उपेंद्र कुमार ने जांच के बाद हेडमास्टर फुरकान अली को सस्पेंड कर दिया। पीलीभीत जिले के जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने बताया कि हेडमास्टर इसलिए सस्पेंड किया गया है क्योंकि वो राष्ट्रगान की बजाए छात्रों से धार्मिक प्रार्थना करवाता था। हालांकि इन आरोपों से इनकार करते हुए फुरकान अली का कहना है कि स्कूल में रोजाना राष्ट्रगान गाया जाता है।


खबर के मुताबिक बीसलपुर के बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेंद्र स्वरूप ने कहा कि स्कूल में राष्ट्रगान गाया जाता था। वो मुद्दा नहीं है। शिकायत मदरसे में गाई जाने वाली प्रार्थना को लेकर है ना कि राष्ट्रगान को लेकर।


बर्खास्त हेडमास्टर फुरकान अली ने कहा कि इकबाल की कविता उर्दू की कक्षा 1 से 8 के सिलेबस में हैं। वीएचपी और हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने स्कूल और कलेक्ट्रेट के बाहर मेरी बर्खास्तगी की मांग की। मैंने सिर्फ एक कविता पढ़ी जो सरकारी स्कूलों के सिलेबस में है। मेरे छात्र रोजाना 'भारत माता की जय' जैसे देशभक्ति के नारे भी लगाते हैं।


सोमवार को जारी आदेश के मुताबिक बीएसए देवेंद्र स्वरूप ने कहा, 'सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के जरिए हमें पता चला कि गयासपुर के प्राइमरी स्कूल में कोई और प्रार्थना गाई जा रही है। शुरुआती जांच में इसके लिए स्कूल हेडमास्टर फुरकान अली जिम्मेदार पाए गए और इसलिए उन्हें सस्पेंड कर दिया गया…।'


हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया

हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया  इकबाल अंसारी  हैदराबाद। इंड‍ियन प्रीम‍ियर लीग (IPL) 2024 सीजन में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) और...