शनिवार, 12 अक्तूबर 2019

जीएसटी कलेक्शन दर में भारी कमी

नई दिल्ली। दो साल पहले जुलाई 2017 को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लॉन्च किया गया था। ऐसे में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने इसकी सबसे बड़ी समीक्षा शुरू कर दी है। समीक्षा के तहत सरकार फिर से जीएसटी की स्लैब और दरें तय कर सकती है। जीएसटी कलेक्शन बढ़ाने के लिए और लीकेज को रोकने के लिए सरकार ने इसकी समीक्षा शुरू की है। इसके लिए एक बड़ी टीम भी बनायी है।


12 अधिकारियों की कमेटी करेगी समीक्षा का काम : जीएसटी की समीक्षा का काम केंद्र और राज्य सरकारों के 12 अधिकारियों की एक कमेटी को सौंपा गया है। शुक्रवार को राज्य के सचिवों पर जीएसटी को लेकर बातचीत प्रस्तावित है। ऐसी संभावना है कि मीटिंग के दौरान राज्यों से जीएसटी कलेक्शन बढ़ाने के लिए कहा जा सकता है


सरकार कर सकती है कई बदलाव
समीक्षा के लिए जिस पैनल का गठन किया गया है, उसका काम जीएसटी कलेक्शन बढ़ाने और इसमें धोखाधड़ी को रोकने का भी होगा।


सूत्रों के अनुसार, सरकार ऐसे नियम बना सकती है जिससे लोग खुद ही जीएसटी के दायरे में जुड़ना चाहें। इसके अतिरिक्त जीएसटी रिव्यू कमेटी सरकार को कुछ उत्पादों को जीएसटी स्लैब में लाने पर विचार करने को कह सकती है। जब जीएसटी को लागू किया गया था। तो सरकार 12% और 18% वाले स्लैब को मिला कर, एक नया स्लैब बनाने और सबसे अधिक जीएसटी वाले स्लैब में शामिल किये गये वस्तुओं की संख्या में कमी करने की सोच रही थी।


जीएसटी कलेक्शन में आयी है कमी
पिछले कुछ महीनों से जीएसटी कलेक्शन में कमी आयी है। मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में जीएसटी कलेक्शन की ग्रोथ रेट 5% से कम रही है। जबकि इसका लक्ष्य 13 फीसदी से ज्यादा का था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह कमी ऑटो सेक्टर में आयी सुस्ती, बाढ़ और स्लोडाउन के चलते हुई हैै। सालाना 14 फीसदी से कम इजाफे की स्थिति में केंद्र सरकार ने राज्यों को भरपाई की बात कही है। मामले में विपक्षी सरकारों ने कहा है कि जीएसटी व्यवस्था में खामियों की वजह से कलेक्शन में कमी आयी है।


जीएसटी की खामियां दूर होंगी : वित्त मंत्री
पुणे : जीएसटी को लेकर के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि तमाम परेशानियों के बाद भी यह देश का कानून है, जिसका पालन सभी को करना है।


वित्त मंत्री ने कहा कि इसमें खामियां हो सकती हैं, जिनसे लोगों को परेशानी हो रही है और इसको दूर किया जायेगा। ससंद और राज्यों की विधानसभा में पास होकर अब यह देश का एक कानून बन चुका है। वित्त मंत्री ने पुणे में कारोबारियों, सीए और अन्य से बात करते हुए कहा कि मैं खुद पहले दिन से चाहती थी कि यह लोगों के अपेक्षाओं पर पूरी तरह से खरा उतरे।


दोनों देशों ने साथ काम की इच्छा जताई

कोवलम। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच करीब 5 घंटे तक मुलाकात हुई। इस दौरान करीब ढाई घंटे दोनों ने एक दूसरे के साथ बिताए। दोनों देशों के नेताओं ने मिलकर काम करने की इच्छा जताई और आतंकवाद और कट्टरता के खिलाफ एकजुट होने पर चर्चा भी की। साथ ही चीनी राष्ट्रपति ने ये भी कहा कि वो भारत की तरफ से किए गए स्वागत से खुश हैं।


विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच जो बातचीत हुई वो ज्यादातर खाने की मेज पर हुई। गोखले ने कहा, ”चर्चा काफी खुली और सौहार्दपूर्ण रही। दोनों नेता एकसाथ थे और बाकी के सभी प्रतिनिधि दूसरी जगह डिनर कर रहे थे। दोनों नेताओं ने अपनी सरकारों की प्राथमिकताओं और राष्ट्रीय विजन पर बात की। पीएम मोदी ने चर्चा के दौरान कहा कि उनका दूसरी बार चुनकर आना आर्थिक विकास की वजह से ही संभव हो पाया है।”


चीन के राष्ट्रपति ने जताई साथ काम करने की इच्छा
पीएम नरेंद्र मोदी के फिर से चुनकर आने की बात को सराहते हुए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने आने वाले साढ़े 4 साल साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई।


विदेश सचिव ने कहा, ”दोनों नेताओं ने विकास को प्राथमिकता देने पर बात की। खासतौर से व्यापार और अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दों पर बात की और कैसे भविष्य में व्यापार को बढ़ाया जा सकता है इस पर भी चर्चा की।


आतंकवाद दोनों देशों की समस्या
दोनों ही देशों में आतंकवाद और कट्टरता बड़ी चुनौतियां हैं। इस पर बात करते हुए दोनों देशों के नेताओं ने माना की चीन और भारत बहुत बड़े हैं और विविधता से भरे हुए हैं। कट्टरता दोनों देशों के लिए बड़ी चुनौती है और दोनों देश मिलकर कट्टरता और आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ेंगे। ताकि इससे दोनों देश के सामाजिक ताने बाने को कोई नुकसान न पहुंचे।


पीएम मोदी ने जिनपिंग को दिखाया ढलान पर टिका 250 टन का 'माखन लड्डू'
चीन के राष्ट्रपति भारत के स्वागत से खासा प्रभावित हुए। दोनों नेता इस इनफॉर्मल मुलाकात के दौरान ऐतिहासिक स्मारकों पर गए। पीएम मोदी ने शी जिनपिंग को भगवान गणेश के मंदिर की महत्ता के बारे में भी बताया। ये दूसरा मौका था जब दोनों नेता अनौपचारिक तौर पर मिले थे। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी चीन के वूहान में पिछले साल गए थे।


मतभेद झगड़े की वजह नहीं बनने देंगे

पीएम मोदी बोले- चीन से किसी मतभेद को झगड़े की वजह नहीं बनने देंगे


कोवलम। भारत दौरे पर आए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शनिवार को एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। दोनों दिग्गज नेताओं के बीच 1 घंटे तक बातचीत हुई। तमिलनाडु के कोवलम स्थित फिशरमैन कोव रिजॉर्ट में दोनों नेताओं ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की। इस बैठक के बाद पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 2000 साल से भारत और चीन आर्थिक शक्तियों के तौर पर तेजी से आगे उभरे हैं। दोनों ही देश आपसी मतभेदों को किसी भी तरह का झगड़ा नहीं बनने देंगे। वहीं चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि मैं भारत की मेहमाननवाजी से अभिभूत हूं।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले दो हजार साल में भारत और चीन दुनिया के सामने आर्थिक शक्तियों के रूप में उभरे हैं। इस शताब्दी में भी दोनों ही देश उसी तरह से आर्थिक शक्ति बनने की ओर आगे बढ़ रहे हैं। पिछले साल वुहान में हमारी अनौपचारिक बैठक में दोनों ही देशों के बीच हमारे संबंधों में गति आई है।


वहीं चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि मैं भारत के इस दौरे में मिली मेहमाननवाजी से बहुत अभिभूत हूं। यह दौरा मेरे लिए किसी यादगार पल से कम नहीं है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात में पीएम मोदी ने उन्हें एक कांचीपुरम सिल्क की शॉल तोहफे में दिया। इस शॉल में जिनपिंग के चेहरे की आकृति बनी हुई है। जिनपिंग ने भी पीएम मोदी को एक खास पेंटिंग भेंट की है।


नक्सलियों ने किया तीन का अपहरण

रायपुर। माओवादियों ने कल दोपहर दंतेवाड़ा में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के एक इंजिनियर, मनरेगा के एक टेक्नीकल असिस्टेंट समेत तीन लोगों का अपहरण कर लिया। पुलिस हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं कर रही है। मगर ये जरूर मान रही है कि तीनों कल से गायब हैं। उधर, ग्रामीणों का कहना है कि बर्दीधारी नक्सली कल गांव में आए थे। इंजीनियर और टेक्नीकल असिस्टेंट रोड का इंस्पेक्शन करने आए थे। इस दौरान उन्हें अपने साथ ले गए।
ग्रामीणों ने पुलिस को इनपुट्स दिए हैं कि नक्सलियों ने अरनपुर के जंगलों में रखा है। वहीं, अपहरण की खबर के बाद पूरे दंतेवाड़ा क्षेत्र में सनसनी फैल गयी है। बताया जा रहा हैं कि शुक्रवार दोपहर इन तीनों का अपहरण किया गया था। इनमें एक कंस्ट्रक्शन कंपनी का कर्मचारी बताया जा रहा है। दंतेवाड़ा के मुलेर से कका़ड़ी तक सड़क बननी थी। इलाके में इसी के लिए कल तीनों गये हुये थे। तभी नक्सलियों ने अपहरण कर लिया।


पीएम की भतीजी का पर्स छीना

दिल्ली में बदमाश कितने बेखौफ हैं, इसका एक ताजा मामला सामने आया है। इसमें स्नैचर्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रिश्तेदार को ही अपना निशाना बना लिया।


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भतीजी के साथ स्नेचिंग का मामला सामने आया है। दिल्ली में बदमाश पीएम मोदी की भतीजी का पर्स छीनकर भाग गए। पर्स में कैश के साथ-साथ कई अहम दस्तावेज भी मौजूद थे। दिल्ली के पॉश इलाकों में से एक सिविल लाइन्स इलाके में बदमाशों ने इस वारदात को अंजाम दिया है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाई की बेटी दमयंती बेन मोदी शनिवार सुबह अमृतसर से दिल्ली लौटीं। उनका कमरा सिविल लाइन्स इलाके के गुजराती समाज भवन में बुक था, लिहाज़ा पुरानी दिल्ली से ऑटो से वो अपने परिवार के साथ गुजराती समाज भवन पहुंचीं। गेट पर पहुंचकर वो ऑटो से उतर ही रही थीं कि तभी स्कूटी सवार दो बदमाश उनका पर्स छीनकर फरार हो गए। दमयंती बेन के मुताबिक पर्स में करीब 56 हज़ार रुपये, दो मोबाइल और तमाम अहम दस्तावेज थे। उन्होंने बताया कि उन्हें शाम को अहमदाबाद की फ्लाइट पकड़नी है, लेकिन उनके दस्तावेज गायब हो गए है। उन्होंने पुलिस से मामले की शिकायत कर दी है।


फिलहाल, पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन सिविल लाइन्स इलाके की बात की जाए तो दिल्ली के वीवीआईपी इलाकों में से एक है। जिस जगह इस वारदात को अंजाम दिया गया वहां से चंद कदमों की दूरी पर दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर का घर है। दिल्ली के मुख्यमंत्री का आवास भी महज थोड़ी दूरी पर ही है। ऐसे में दिन के उजाले में इस तरह की वारदात कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है।


जम्मू-कश्मीर में मोबाइल सेवा बहाल

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य हो रहे हैं, इसी के मद्देनजर प्रशासन ने पोस्टपेड मोबाइल सेवाएं बहाल करने का फैसला किया है। सोमवार दोपहर 12 बजे के बाद से 16 अगस्त से जारी मोबाइल सेवाओं पर पाबंदी हटा ली जाएगी। इस बात की जानकारी मुख्य सचिव रोहित कंसल ने दी है। रोहित कंसल ने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा जैसे प्रतिबंधित संगठन घाटी में आतंक फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। प्रतिबंध घाटी में लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर लगाया गया था।


सिमी सदस्य पुलिस के हत्थे चढ़ा

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से फरार सिमी सदस्य अजहरुद्दीन उर्फ अजहर की पुलिस सरगर्मी से तलाश कर रही थी। अब जाकर वह 6 साल बाद पुलिस के हत्थे चढ़ा है। रायपुर पुलिस को उसे हैदराबाद से गिरफ्तार करने में सफलता मिली है। पुलिस उसे गिरफ्तार कर बीती रात को रायपुर लेकर आ गई है। पुलिस इस पूरे मामले का आज दोपहर को खुलासा करेगी।


एटीएस और सिविल लाइन पुलिस की टीम गुरुवार को हैदराबाद रवाना हुई थी। एटीएस टीम को दीप माला कश्यप और रायपुर पुलिस की टीम को सिविल लाइन सीएसपी त्रिलोक बंसल लीड कर थे। टीम ने हैदराबाद से उसे गिरफ्तार कर रायपुर ले आई है। प्रतिबंधित संगठन सिमी के सदस्य अजहरुद्दीन उर्फ अजहर से पूछताछ कर रही है।


शी जिनपिंग-मोदी की अनौपचारिक मुलाकात

महाबलीपुरम। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग दो दिन की भारत यात्रा पर महाबलीपुरम पहुंचे। जहां उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  से अनौपचारिक मुलाकात हुई। तमिलनाडु के तटीय शहर महाबलीपुरम में दोनों नेताओं के बीच शुक्रवार को करीब 5 घंटे तक आपसी बातचीत हुई। करीब दो घंटे तक चली डिनर, दक्षिण भारतीय व्यंजनों का लुत्फ उठाया।


पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच रात्रि भोज में वार्ता जारी रही. प्रधानमंत्री और जिनपिंग के डिनर में पारंपरिक तमिल खाने के साथ साथ नॉन वेजेटेरियन डिश भी पेश की गईं। दोनों नेताओं को शानदार रात्रिभोज में अन्य व्यंजनों के साथ-साथ दालों से बनाया जाने वाला पारंपरिक दक्षिण भारतीय व्यंजन 'सांभर' भी परोसा गया। पिसी हुई दाल, विशेष मसालों और नारियल से तैयार की जाने वाली 'अराचु विट्टा सांभर' मेन्यू में आकर्षण का मुख्य केंद्र रही। इसके अलावा टमाटर से बनी थक्‍कली रसम, इमली, कदलाई कुरुमा और मिष्ठान में हलवा और अदा प्रधामन (केरल का मिष्ठान) समेत विभिन्न व्यंजन परोसे गए। चीनी राष्ट्रपति के लिए चुनिंदा मांसाहारी व्यंजन भी तैयार किए गए।


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर बताया कि पूरा दिन एक शानदार डिनर पर सुखद बातचीत के साथ समाप्त हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस दौरान भारत-चीन की साझेदारी को और गहरा करने के बारे में बातचीत की।


सऊदी में अतिरिक्त सैनिक,उपकरण तैनात

वाशिंगटन। अमेरिका ने तेल सुविधाओं पर ड्रोन हमलों के मद्देनजर सऊदी अरब में 3,000 अतिरिक्त सैनिकों को तैनात करने की घोषणा की है। अमेरिका ने तेल भंडारण पर हुए हमलों के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया है। इस संबंध में अमेरिकी विदेशमंत्री माइक पोम्पियो ने ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि उनका देश 'अपनी रक्षात्मक क्षमताओं को बढ़ाने और ईरानी आक्रामकता के खिलाफ निरोध को बहाल करने में मदद करने के लिए' सऊदी अरब में अतिरिक्त बल और सैन्य उपकरण तैनात कर रहा है।


एक अन्य ट्वीट में पोम्पियो ने ईरान को सामान्य देश की तरह व्यवहार करने करने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि ईरानी शासन को अपना व्यवहार बदलना चाहिए अन्यथा उन्हें अपनी अर्थव्यवस्था को ढहते देखना होगा। अमेरिका ने इस प्रकार का कड़ा कदम तब उठाया है जब इसी माह तेल सुविधाओं पर ड्रोन हमला हुआ। अमेरिका ने इस हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया है। इसके बाद तेल भंडारणों एवं सुविधाओं की सुरक्षा को लेकर अतिरिक्त सैनिकों और उपकरणों को सऊदी अरब भेजा जा रहा है।


सिक्योरिटी प्रमुख मैक्लेनन ने पद छोड़ा

वाशिंगटन। अमेरिका के कार्यवाहक होमलैंड सिक्योरिटी (मातृभूमि सुरक्षा) के प्रमुख केविन मैकलेनन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। अमेरिकी राष्ट्रति डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार देर रात अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए यह जानकारी दी। हाल के दिनों में ट्रंप प्रशासन छोड़ने के लिए शीर्ष अधिकारियों की लंबी सूची में मैकलेन का नाम भी शमिल हो गया है।


अमेरिकी राष्ट्रपति ने मैकलेनन के उत्कृष्ट कार्यों का उल्लेख करते हुए लिखा कि “केविन मैकलेनन ने होमलैंड सिक्योरिटी के कार्यवाहक सचिव के रूप में उत्कृष्ट काम किया है। हमने बॉर्डर क्रॉसिंग के साथ मिलकर अच्छा काम किया है।”


ट्रम्प ने लिखा कि सरकार में कई वर्ष काम करने के बाद केविन अब अपने परिवार के साथ ज्यादा समय बिताना चाहते हैं। इसी लिए वह निजी क्षेत्र का रुख कर रहे हैं। उनके कार्यकाल में अच्छा काम करने के लिए राष्ट्रपति ने उन्हें बधाई दी।होमलैंड सिक्योरिटी के प्रमुख कर्स्टजेन नीलसन की जगह मैकलेनन को कार्यवाहक प्रमुख बनाया गया था। मैकलेनन सिर्फ छह महीने तक इस पद पर कार्यरत रहे। मैकलेनन के कम समय के कार्यकाल ने दौरान ट्रम्प प्रशासन ने होंडुरस, ग्वाटेमाला और अल सल्वाडोर के प्रवासियों के पलायन को रोकने के राष्ट्रपति की कठोर नीतियों की देखरेख की।मैकलेनन ने भी ट्वीट करते हुए लिखा कि 'मैं होमलैंड सिक्योरिटी विभाग के साथियों के साथ सेवा करने के अवसर के लिए राष्ट्रपति को धन्यवाद देना चाहता हूं। उनके साथ मिलकर पिछले छह महीने में हमने सीमा सुरक्षा और मानवीय संकट को करने में जबरदस्त प्रगति की है।हालांकि राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा कि अगले एक सप्ताह में नए होमलैंड सिक्योरिटी प्रमुख का ऐलान कर दिया जाएगा। फिलहाल अभी किसी नाम की घोषणा नहीं की है।


बड़ी धन हानि की आशंका है:मीन

राशिफल


मेष:-प्रयास सफल रहेंगे। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। नौकरी में नई जिम्मेदारी मिल सकती है। सामाजिक काम करने की इच्छा प्रबल होगी। मान-सम्मान मिलेगा। वाणी में संयम रखें। दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप न करें। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। कारोबार में वृद्धि होगी।


वृष:--घर में अतिथियों का आगमन होगा। किसी मांगलिक कार्य में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। दूर से शुभ समाचार की प्राप्ति होगी। आत्मविश्वास बढ़ेगा। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। ईर्ष्यालु व्यक्तियों से सावधान रहें। धन प्राप्ति सु्गम होगी।


मिथुन:--भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ के योग बनते हैं। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। किसी बड़ी समस्या का हल मिल सकता है। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्य खराब हो सकता है। धनार्जन होगा।


कर्क:-किसी अपने ही व्यक्ति से कहासुनी हो सकती है। आय में कमी होगी। अप्रत्याशित खर्च सामने आ सकते हैं। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। आशा व निराशा के भाव रहेंगे। खर्च से हाथ तंग रहेगा। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेंगे। जोखिम बिलकुल न उठाएं।


सिंह:-बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। कारोबार में वृद्धि होगी। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। थकान व कमजोरी रह सकती है।



कन्या:-शत्रु सक्रिय रहेंगे। चुगलखोरों से सावधान रहें। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। नई आर्थिक योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। काफी समय से रुके काम पूर्ण हो सकते हैं। मान-सम्मान मिलेगा। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। प्रमाद न करें।


तुला:--घर-परिवार की चिंता रहेगी। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। शारीरिक कष्ट संभव है। पूजा-पाठ में मन लगेगा। तीर्थयात्रा की योजना बनेगी। कोर्ट-कचहरी व सरकारी कार्यालय के काम मनोनुकूल रहेंगे। आय में वृद्धि होगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी से बचें!


वृश्चिक:--पुराना रोग उभर सकता है। वाहन, मशीनरी व अग्नि आदि के प्रयोग में लापरवाही न करें। शारीरिक हानि हो सकती है। किसी भी तरह के विवाद में भाग न लें। स्वाभिमान को चोट पहुंच सकती है। लेन-देन में सावधानी रखें। कुसंगति से बचें। महत्वपूर्ण निर्णय टालें।


धनु:--कुंआरों को वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। दांपत्य जीवन में आनंद रहेगा। कोर्ट व कचहरी तथा सरकारी कार्यालयों में रुके कार्य मनोनुकूल रहेंगे। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। भाग्य का साथ मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें।


मकर:--आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। समय पर नहीं मिलेगी। तनाव रहेगा। घर के वृ‍द्धजनों के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। कोई बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है। भय रहेगा। भूमि व भवन संबंधी बाधा दूर होकर उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। लाभ होगा।


कुंभ:--किसी मनोरंजक यात्रा का आयोजन हो सकता है। विद्यार्थी वर्ग अपने शिक्षण-अध्ययन संबंधी कार्य में सफलता प्राप्त करेगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। जल्दबाजी में कोई कार्य न करें तथा विवाद की स्थिति न आने दें। कोई अरुचिकर घटना संभव है।


मीन:--कोई बड़ी धनहानि की आशंका है। लापरवाही न करें। भावना को वश में रखें। मन की बात किसी को न बतलाएं। नौकरी में अपेक्षाएं बढ़ेंगी। धैर्यशीलता की कमी रहेगी। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। भागदौड़ होगी।


कंप्यूटर का अर्थ अभिकलित्र

कंप्यूटर का अर्थ अभिकलित्र किस आधार से बताया गया है.? इतने कठिन शब्द का उपयोग छात्र और जन मानस कैसे कर पाएंगे? इसका हिंदी भाषी अभियंताओ को क्या लाभ होगा ? जो शब्द जिस भाषा से है उसे उसी भाषा में रखना उचित है। जैसे योग हिंदी शब्द है एयर हिंदुस्तान में इज़ाद हुआ है, अंग्रेजी में भी इसे योग ही कहते हैं और पूरी दुनिया इसे योग के नाम से ही जानती है। इसी में योग शब्द और योग विषय की भलाई है। हमें छात्रों को हिंदी भाषा में विषय को समझाने की जरूरत है न की विषय का ही नाम बदलकर उसे और कठिन बना देने कि ताकि उसे पढ़ने वाले छात्र दुनिया के अन्य छात्रों से पीछे रह जाये।


जैसा कि योग का उदाहरण दिया गया, यह एक मूल शब्द है, न कि यौगिक या व्युत्पन्न शब्द, अर्थात किसी अन्य शब्द या अन्य शब्दों के योग से बना या व्युत्पत्ति किया गया शब्द नहीं है। ऐसे दूसरी भाषा से आये शब्दों को जैसे का तैसा रखना ही उचित लगता है और ऐसी परम्परा या अभ्यास भी रहा है।


कम्प्यूटर एक यौगिक व्युत्पन्न शब्द है जो कम्प्यूट क्रिया से व्युत्पत्ति किया गया है। कम्प्यूट का अर्थ गणना करना है, अतः कई गणनाएं एक साथ करने वाला यंत्र संगणक हो सकता है। ऐसे शब्द को मूल भाषा में रखना आवश्यक नहीं लगता है। अभिकलित्र की योगविच्छेदन करने पर क्या अर्थ निकलता है, यदि कोई बताये तो उस पर भी विचार किया जा सकता है। ये वही है जैसे जनित्र = जनरेटर, शायद कोई योगविछेदन न कर पाये। इनके अलावा इस पर भी विचार किया जाना चाहिये कि 1:1 का अनुपात सर्वथा संभव भी नहीं है और इसे बाध्य भी किया नहीं जाना चाहिये। अंग्रेज़ी में वैल इसका उदाहरण है, जिसके लिये हिन्दी में कुआं एवं अच्छा, दो अर्थ निश्चित हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए सीधे सीधे संगणक और अभिकलित्र में से एक को दूसरे पर पुनर्प्रेषित किया जाना उचित है। अन्य स्थानों में दोनों में से कोई भी शब्द प्रयोग करने कि स्वतंत्रता रखी जाये।
इसके अलावा मूल लेख का क्या नाम हो, उसके लिये हम हिन्दी नाम अभिकलित्र चुन लें, जिसके प्रथम मुखवाक्य में ही बोल्ड में कोष्ठक में अन्य नाम दिये जा सकते हैं, जिनमें से प्रत्येक नाम को उस लेख पर पुनर्निदेशित कर सकते हैं।


गिध्द प्रजाति का 97 फ़ीसदी पतन

गिद्ध शिकारी पक्षियों के अंतर्गत आनेवाले मुर्दाखोर पक्षी हैं, जिन्हें गृद्ध कुल (Family Vulturidae) में एकत्र किया गया है। ये सब पक्षी दो भागों में बाँटे जा सकते हैं। पहले भाग में अमरीका के कॉण्डर (Condor), किंग वल्चर (King Vulture), कैलिफोर्नियन वल्चर (Californian Vulture), टर्की बज़र्ड (Turkey Buzzard) और अमरीकी ब्लैक वल्चर (American Black Vulture) होते हैं और दूसरे भाग में अफ्रीका और एशिया के राजगृद्ध (King Vulture), काला गिद्ध (Black Vulture), चमर गिद्ध (White backed Vulture), बड़ा गिद्ध (Griffon Vulture) और गोबर गिद्ध (Scavenger Vulture) मुख्य हैं।


ये कत्थई और काले रंग के भारी कद के पक्षी हैं, जिनकी दृष्टि बहुत तेज होती है। शिकारी पक्षियों की तरह इनकी चोंच भी टेढ़ी और मजबूत होती है, लेकिन इनके पंजे और नाखून उनके जैसे तेज और मजबूत नहीं होते। ये झुंडों में रहने वाले मुर्दाखेर पक्षी हैं जिनसे कोई भी गंदी और घिनौनी चीज खाने से नहीं बचती। ये पक्षियों के मेहतर हैं जो सफाई जैसा आवश्यक काम करके बीमारी नहीं फैलने देते।ये किसी ऊँचे पेड़ पर अपना भद्दा सा घोंसला बनाते हैं, जिसमें मादा एक या दो सफेद अंडे देती है।


पतन-यह जाति आज से कुछ साल पहले अपने पूरे क्षेत्र में प्रचुर मात्रा में पायी जाती थी। 1990 के दशक में इस जाति का 97% से 99% पतन हो गया है। इसका मूलतः कारण पशु दवाई डाइक्लोफिनॅक (diclofenac) है जो कि पशुओं के जोड़ों के दर्द को मिटाने में मदद करती है। जब यह दवाई खाया हुआ पशु मर जाता है और उसको मरने से थोड़ा पहले यह दवाई दी गई होती है और उसको भारतीय गिद्ध खाता है तो उसके गुर्दे बंद हो जाते हैं और वह मर जाता है। अब नई दवाई मॅलॉक्सिकॅम आ गई है और यह हमारे गिद्धों के लिये हानिकारक भी नहीं हैं। जब इस दवाई का उत्पादन बढ़ जायेगा तो सारे पशु-पालक इसका इस्तेमाल करेंगे और शायद हमारे गिद्ध बच जायें।


आयुर्वेदिक आहार मूंग दाल

मूंग बीन्स, मटर और दाल के रूप में एक ही पौधे के परिवार से छोटे और हरे रंग का एक प्रकार है जिसमें प्रोटीन, फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट्स मैंगनीज, पोटेशियम, मैग्नीशियम, तांबे, जस्ता और विटामिन बी का एक उच्च स्रोत पाया जाता है। हालांकि दुनिया के अधिकांश हिस्सों में ये अन्य दालों की तुलना में कम लोकप्रिय है। हजारों सालों से मूंग दाल भारत में पारंपरिक आयुर्वेदिक आहार का एक हिस्सा रही है। प्राचीन भारतीय अभ्यास में मूंग दाल को "सबसे अधिक पोषित खाद्य पदार्थों में से एक माना जाता है" जो लगभग 1,500 बी.सी के बाद से एक पारंपरिक औषधि बन गयी है।


मूंग दाल को हरी दाल भी कहा जाता है। हालांकि, इसे और भी कई नामों से बुलाया जाता है जैसे गोल्डन ग्राम, मूंग बीज। हरी मूंग दाल को एशिया के कई देशो में, यूरोप और अमेरिका में भी विभिन्न उद्देश्यों के रूप में उपयोग किया जाता है। भारत में प्रसिद्ध मुख्य डिश के अलावा हरी मूंग दाल का प्रयोग स्वास्थ्य के लिए भी किया जाता है।


हरी मूंग दाल चेहरे की त्वचा के लिए बहुत लाभकारी है। मूंग दाल खाने से आपके चेहरे पर छुपी झुर्रिया, दाग धब्बे, काले घेरे कम हो जाते हैं। इसके नियमित खानें से आपकी उम्र 30 की बजाये 20 की लगने लगेगी। महिलाओं के लिए एजिंग(बढ़ती उम्र) सबसे बड़ी चिंता का विषय होता है क्यूंकि उन्हें इस उम्र में अपनी त्वचा और बालों का ख़ास ख्याल रखना होता है। अगर आप बढ़ती उम्र में भी जवान दिखना चाहते हैं तो नाश्ते में मूंग दाल खाना शुरू कर दीजिये इससे आपके चेहरे पर चमक बनी रहेगी और आप स्वस्थ भी रहेंगे।


मूंग दाल के लाभ बालों के लिए -मूंग दाल में कौपर पाया जाता है जिससे बालों की जड़ें मजबूत होती हैं। कौपर हमारे शरीर में लोहा, कैल्शियम और मैग्नीशियम की मात्रा को पूरा करता है। मूंग दाल खाने से कौपर की आवश्यक मात्रा पूरी होती है। मूंग दाल से हमारे दिमाग में ऑक्सीजन बिना किसी रुकावट के सही ढंग से पहुँचता है और बालों की जड़ों को मजबूती प्रदान करता है जिससे आपके बाल घने, लम्बे और चमकदार दिखते हैं। मूंग दाल से आप बालों के लिए घर पर पेस्ट भी तैयार कर सकते हैं।


मूंग की दाल खाने के फायदे बढ़ाए मेटाबॉलिज्म -कई लोग अपने ख़राब मेटाबोलिज्म की वजह से बदहजमी और जलन की शिकायत करते रहते हैं। मूंग दाल में फाइबर पाया जाता है। जिसकी मदद से आपकी पाचन क्रिया अच्छी होती है और मेटाबोलिज्म रेट बढ़ता है। फाइबर आपकी पाचन क्रिया को बदहजमी होने से रोकता है और पेट को सही रखता है।


कछुए पराबैंगनी किरणें देख सकते हैं

कछुए (Turtles) या कर्म टेस्टूडनीज़ नामक सरीसृपों के जीववैज्ञानिक गण के सदस्य होते हैं जो उनके शरीरों के मुख्य भाग को उनकी पसलियों से विकसित हुए ढाल-जैसे कवच से पहचाने जाते हैं। विश्व में स्थलीय कछुओं और जलीय कछुओं दोनों की कई जातियाँ हैं। कछुओं की सबसे पहली जातियाँ आज से 15.7 करोड़ वर्ष पहले उत्पन्न हुई थीं, जो की सर्वप्रथम सर्पों व मगरमच्छों से भी पहले था। इसलिये वैज्ञानिक उन्हें प्राचीनतम सरीसृपों में से एक मानते हैं। कछुओं की कई जातियाँ विलुप्त हो चुकी हैं लेकिन 327 आज भी अस्तित्व में हैं। इनमें से कई जातियाँ ख़तरे में हैं और उनका संरक्षण करना एक चिंता का विषय है। इसकी उम्र 300 साल से अधिक होती है। कछुओं के रेटिना में असामान्य रूप से बड़ी संख्या में कोशिकाओं के होने से ये आसानी से रात के अंधेरे में देख लेते हैं। यह रंगों को देख सकते हैं और पराबैंगनी किरणों से लेकर लाल रंग तक को देख सकते हैं। कुछ भूमि में पाये जाने वाले कछुओं में तेजी की बहुत कमी देखने को मिलती है, इस तरह की कमी ज्यादातर शिकारियों में होती है, जो अचानक तेजी से शिकार को शिकार बना लेते हैं। हालांकि कुछ मांसाहारी कछुए अपने सिर को तेजी से स्थानांतरित करने में सक्षम हैं।


संकल्पमयी संसार की विशेषता

गतांक से...
 आओ मेरे प्यारो, मैं तुम्हें विशेष विचार नहीं देना चाहता हूं। विचार केवल यह है कि भगवान राम भयंकर वन में अपने 12 वर्ष के तप से अवऋन हो गए और अपने में विचार कर रहे हैं कि मैं अपने राष्ट्र को कैसा स्थापित करुं? जिससे राष्ट्र अपनी आभा में गतिमान होता हुआ और प्रत्येक राष्ट्र में रहने वाला मानव विचार विनिमय करने लगे। विचारवान बन करके परमपिता परमात्मा के अनूठे राष्ट्र में परिणत होकर के उधरवा में कल्पना करता चले जाए। भगवान राम ने यही कहा कि हम अपने में सुगंधी को ला सकें जैसे अग्नि प्रत्येक परमाणु का विभाजन कर देती है। उनमें वह तरंगों के रूप में परिणत हो जाते हैं। इसी प्रकार प्रत्येक राजा जब अपने राष्ट्र में उन्नत होने के लिए सदैव तत्पर रहेगा, तो वह उन्नत होना ही मानो मानवीयता आपमे रत हो जाएगा और राष्ट्र अपने में राष्ट्र कहलाएगा जैसे परमात्मा का राष्ट्र है। उसी में सूर्य है उसी में चंद्रमा है और उसी में पृथ्वी है और उसी में जल और अग्नि अपने अपने मे गमन कर रहे हैं। और प्राण सत्ता अपने में उग्र रूप धारण कर रही है और अंतरिक्ष में सब समाहित हो रहा है। विचार आता रहता है कि हमारा जीवन बेटा सुगंधित होना चाहिए। यदि जीवन में सुगंधी नहीं है तो वह जीवन नहीं कहलाता। राजा के राष्ट्र में सुगंध नहीं है तो राजा का राष्ट्र नहीं कहलाता। इसी प्रकार बेटा हम सुगंधी वाले बने। प्रत्येक ग्रह में वेदों की ध्वनि आनी चाहिए।ध्वनी मे ध्वनीत होना चाहिए। अनहद रूप में जब आती है अनहद रूप से उससे मानव अपनी मानवता को धारण करता हुआ। वह उसी ध्वनि से अपनी आंतरिक जगत की ध्वनि को धारण करता हुआ बेटा, वह ध्वनि एक योगिक ध्वनि कहलाती है और इसमें हमें ध्वनिया आती रहती है। विचार आता रहता है बेटा मैं दूर चला गया हूं। विचार यह प्रारंभ कर रहा था कि परमपिता परमात्मा का यह अनूठा जगत है। परमात्मा पुरोहित कहलाते हैं। इसलिए पुरोहितों के द्वारा प्रत्येक ग्रह में सुगंधी होनी चाहिए। राम ने 12 वर्ष का तप किया। जिसमें अन्न को त्यागते हुए उन्होंने सिल्लस्तन को प्राप्त किया। जिससे मन पवित्र बन कर के रजोगुण में जो एक दूसरे को मृत्युदंड देने की आभा का जन्म हुआ। उसे नष्ट करने के लिए उन्होंने तप किया। क्योंकि बिना तप किए कोई राष्ट्र को भोगने का अधिकारी नहीं होता है। तप उसे कहते हैं जो मानव जितेंद्रय बन करके अपने आत्मबल को उन्नत बनाता है। जो तपस्वी बनता है वह अन्नाद को पवित्र बना करके मन मस्तिष्क और बुद्धि को ऊंचा बनाता है। या यह कह दीजिए कि मन, प्राण और विचारों की उपलब्धि होकर के उन्हीं विचारों को महान बनाता रहता है। विचार विनिमय क्या है? बेटा मानव को तप करना चाहिए, क्योंकि बिना तप के राष्ट्र और समाज की उन्नति नहीं होती। वशिष्ठ मुनि महाराज और राम का जो उस काल का आध्यात्मिकवाद का प्रकरण है। वह बड़ा विचित्र रहा है, आज का हमारा उद्देश्य क्या रहा है। हमें तपस्वी बनना चाहिए और बिना तप के राज्य नहीं भोगा जाता। बिना तप के मुनीवरो समाज को उन्नत नहीं बना सकते। इसलिए प्रत्येक मानव को तपस्वी बनना चाहिए और तप करने के पश्चात अपने अधिकार का उपयोग करने वाला हो। परमपिता परमात्मा को साक्षी करता हुआ और परमपिता परमात्मा की अमृतधारा को जानने वाला बने। तो बेटा आज का विचार विनिमय क्या है कि हम परमपिता परमात्मा की आराधना करते हुए देव की महिमा का गुणगान गाते हुए। वेदों का उपदेश पाते हुए, हम इस सागर से पार हो जाए। बेटा,तपम् ब्राह्म: तपम रुद्रोभागा:, हे मानव,तू तपस्वी बन और तपस्वी बन करने के पश्चात बेटा राष्ट्र का अधिकार प्राप्त होता है। देखो राम ने ऐसा ही किया। राम तपस्वी बने और तप करने के पश्चात वह राष्ट्र को भोगने वाले बने। राष्ट्र में जो उनके विचार,गीत बने बने,उन विचारों को कल प्रकट कर सकूंगा। आज का वाक्य समाप्त होता है अब वेदों का पठन-पाठन होगा।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस


हिंदी दैनिक


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


October 13, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-70 (साल-01)
2. रविवार,13 अक्टूबर 2019
3. शक-1941,अश्‍विन,शुक्‍लपक्ष,तिथि- पूर्णिमा,विक्रमी संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 06:16,सूर्यास्त 06:05
5. न्‍यूनतम तापमान -21 डी.सै.,अधिकतम-32+ डी.सै., हवा की गति धीमी रहेगी।
6. समाचार पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है! सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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शुक्रवार, 11 अक्तूबर 2019

घर में पढी नवाज,कर्फ्यू में ढील से शांति रही

राजस्थान के मालपुरा में कफ्र्यू में ढील के दौरान शांति रही। 
लेकिन जुमे की नजाम घरों में ही पढऩी पड़ी। कफ्र्यू नहीं लगता तो हालात बिगड़ते। 

टोंक। राजस्थान के टोंक जिले के मालपुरा कस्बे में कफ्र्यू में दो घंटे की ढील के दौरान शांति रही। 8 अक्टूबर को दशहरे के दिन राम बारात पर पथराव और निर्धारित समय पर रावण दहन नहीं होने के बाद उपजे हालातों को देखते हुए 9 अक्टूबर की तड़के से ही कफ्र्यू लागू कर दिया था। टोंक के जिला कलेक्टर केके शर्मा ने बताया कि 11 अक्टूबर को प्रात: साढ़े आठ से साढ़े दस बजे तक कफ्र्यू में छूट दी गई। लोगों ने दैनिक उपयोग की वस्तुएं खरीदी। दो घंटे की छूट में कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। 12 अक्टूबर को कफ्र्यू में छूट की अवधि को और बढ़ाया जा सकता है। जिला प्रशासन हिन्दू और मुस्लिम प्रतिनिधियों से लगातार सम्पर्क बनाए हुए है। 
घरों में ही पढ़ी जुमे की नमाज:
चूंकि कफ्र्यू में छूट की अवधि प्रात: साढ़े  दस बजे ही खत्म हो गई थी, इसलिए मालपुरा के मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शुक्रवार को जुमे की नमाज अपने घरों में पढ़ी। नमाज के लिए प्रशासन की ओर से कोई छूट नहीं दी गई। मालपुरा में गत दो दिनों से दैनिक समाचार पत्रों का वितरण भी नहीं हो रहा है। 11 अक्टूबर को ढील के दौरान हॉकरों ने अखबार भी वितरित किए। कफ्र्यू की सख्ती की वजह से दो दिनों तक बच्चों को दूध भी नसीब नहीं हुआ। प्रशासन ने इस बात का ख्याल रखा कि ढील के दौरान लोगों को खाने पीने की सामग्री मांग के अनुरूप मिले। 
...नहीं तो हालात बिगड़ते:
प्रशासन के सूत्रों का मानना है कि 9 अक्टूबर को तड़के यदि कफ्र्यू नहीं लगाया जाता तो मालपुरा के हालात बिगड़ते। असल में राम बारात पर पथराव के बाद रावण दहन का कार्यक्रम भी नहीं हो सका था। प्रशासन चाहता था कि रात को ही रावण दहन हो, इसके लिए विधायक कन्हैयालाल एवं अन्य जनप्रतिनिधियों से सहमति भी लगी गई, लेकिन कुछ लोग अपने वायदे से मुकर गए। हालांकि उपखंड के एक वरिष्ठ अधिकारी को हटाने एवं अन्य मांगों पर सहमति भी हो गई थी। कुछ लोग चाते थे कि 9 अक्टूबर को दिन में रावण दहन हो। ऐसे लोगों का तर्क रहा कि यदि  हिन्दू समुदाय अपने धार्मिक कार्यक्रम दिन के उजाले में नहीं कर सकता तो धार्मिक स्वतंत्रता के क्या मायने हैं? प्रशासन को हालातों का अंदाजा था, इसलिए हर स्थिति में रात को ही रावण दहन की योजना बनाई गई। यदि दिन में रावण दहन के कारण हजारों लोग एकत्रित होते तो विवाद हो सकता था। यही वजह रही कि नगर पालिका के कर्मचारियों और आयोजन समिति के कुछ  लोगों की मदद से आधी रात को ही रावण दहन करवा कर 9 अक्टूबर की तड़के मालपुरा में कफ्र्यू लागू कर दिया गया। यानि कफ्र्यू लगने की सूचना लोगों को सुबह उठने पर लगी। यहां यह उल्लेखनीय है कि टोंक के मौजूदा कलेक्टर केके शर्मा जब अजमेर के अतिरिक्त संभागीय आयुक्त थे, तब भी टोंक में कफ्र्यू लगाने पर ड्यूटी देने आए थे। तब शर्मा को टोंक के हालातों को समझने का अवसर मिला। तब विवाद होने पर काफी नुकसान हुआ था, लेकिन इस बार पुराने अनुभव की वजह से प्रशासन हिंसा रोकने में सफल रहा। प्रशासन ने किसी भी उपद्रवी को वारदात करने का अवसर ही नहीं दिया। 
एस.पी.मित्तल


न खाता न बही,भाजपा जो कहे सो सही

भाजपा में न खाता, न बही, संगठन कहे जो सही। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के संदर्भ में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया की यह टिप्पणी बहुत मायने रखती है। यानि अब भाजपा की राजनीति में राजे अध्याय खत्म। वैसे भी कांग्रेस की मेहरबानी से सरकारी बंगले में बैठीं हैं। 

जयपुर। राजस्थान प्रदेश भाजपा के नवनियुक्त अध्यक्ष सतीश पूनिया ने जयपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। हालांकि यह कॉन्फ्रेंस प्रदेश में फसलों की खराबी के संबंध में थी, लेकिन पत्रकारों ने राजनीतिक सवाल भी पूछे। एक पत्रकार ने जानना चाहा कि अब पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की क्या राजनीतिक भूमिका रहेगी? क्या अब भाजपा युवाओं को कमान दी जाएगी? यह सवाल इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि पूनिया के पद ग्रहण में 8 अक्टूबर को भी राजे शामिल नहीं हुई थीं तथा पूनिया की नियुक्ति राष्ट्रीय नेतृत्व ने अपने स्तर पर की। गत लोकसभा चुनाव में भी वसुंधरा राजे की प्रभावी भूमिका नहीं थी। राजे के बगैर ही भाजपा ने प्रदेश की सभी 24 सीटों पर जीत हासिल की। सतीश पूनिया भी मंजे हुए राजनेता हैं, इसलिए उन्होंने जो जवाब दिया, उसका अर्थ अब निकाला जा रहा है। पूनिया ने कहा- भाजपा में न खाता, न बही, संगठन कहे जो सही। पूनिया ने कहा कि संगठन पहले वसुंधरा राजे, अरुण चतुर्वेदी और अब मुझे प्रदेशाध्यक्ष बनाया है। कौन प्रदेशाध्यक्ष होगा, यह संगठन तय करता है। कार्यकर्ता की भूमिका भी संगठन ही निर्धारित करता है। पूनिया की इस टिप्पणी से प्रतीत होता है कि भाजपा की राजनीति में वसुंधरा राजे का अध्याय समाप्त हो गया है। 10 माह पहले विधानसभा चुनाव में परिणाम से पहले जिन वसुंधरा राजे के बगैर भाजपा में पत्ता भी नहीं हिलता था, उन्हीं वसुंधरा राजे के बगैर 8 अक्टूबर को सतीश पूनिया ने प्रदेशाध्यक्ष का पद संभाल लिया। राजे ने पूनिया को भेजे पत्र में कहा कि वे धौलपुर में राज निवास में दशहरे के धार्मिक कार्यक्रमों में व्यस्त हैं, इसलिए नहीं आ पा रही हंू। जबकि विधानसभा चुनाव के परिणाम से पहले वसुंधरा राजे के बगैर पद भार संभालने के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता था। अब संबठन ने ही तय कर लिया है कि राजे के बगैर ही आगे बढ़ा जाएगा। वसुंधरा के आने या नहीं आने से कोई फर्क पडऩे वाला नहीं है। सब जानते हैं कि विधनसभा चुनाव में मिली हार के बाद वसुंधरा राजे को भाजपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया गया था, लेकिन दस माह में राजे ने उपाध्यक्ष के तौर भाजपा का कोई कार्यक्रम नहीं किया। 8 अक्टूबर को पूनिया को जो बधाई संदेश भेजा, उस पत्र में भी भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का उल्लेख नहीं है। यानि वसुंधरा राजे स्वयं को भाजपा संगठन से ऊपर समझती हैं। जब अपने लेटर हैड पर राजे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का भी उल्लेख नहीं कर रही हैं तो फिर अमितशाह के नेतृत्व वाले भाजपा संगठन में राजे को अपनी हैसियत का अंदाजा लगा लेना चाहिए। भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व भी जानता है कि मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए वसुंधरा राजे प्रदेशाध्यक्ष के पद को लेकर कितनी जिद की थी। 
कांग्रेस की मेहरबानी पर निर्भर:
वैसे भी इन दिनों वसुंधरा राजे कांग्रेस की मेहरबानी पर निर्भर हैं। राजे को पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से जयपुर के सिविल लाइन में 13 नम्बर का जो बंगला अलॉट हुआ है उसे खाली करने के आदेश हाईकोर्ट ने दिए हैं। कोर्ट का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से कोई सरकारी सुविधा नहीं ली जा सकती है। लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी राजे ने सरकारी बंगला खाली नहीं किया है, क्योंकि कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अब वसुंधरा राजे पर मेहरबान हैं। हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीएम गहलोत ने कहा कि वसुंधरा राजे भाजपा की वरिष्ठ विधायक हैं, इस नाते 13 नम्बर बंगले में उनकी मौजूदगी को बनाए रखा जाएगा। यानि हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी कांग्रेस सरकार राजे से बंगला खाली नहीं करवाएगी। यह वही बंगला है जिस पर मुख्यमंत्री रहते हुए पूरे पांच वर्ष राजे ने अवैध कब्जा बनाए रखा। जयपुर में सिविल लाइन में सीएम के लिए बंगला संख्या 8 निर्धारित है। लेकिन राजे इस बंगले को कभी अपना निवास नहीं माना। इस बंगले का उपयोग सीएम दफ्तर के तौर पर ही किया। सीएम के पद पर रहते हुए बंगला संख्या 13 को ऐसे तैयार करवाया, जैसे वसुंधरा राजे हमेशा इसी बंगले में रहेंगी। चूंकि राजे सीएम गहलोत की मेहरबानी से सरकारी बंगले में रह रही हैं, इसलिए हाल में राजे ने सीएम के पुत्र वैभव गहलोत को राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन का अध्यक्ष बनवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। राजे के समर्थक भाजपा नेता अमीन पठान ने वैभव गहलोत का खुला समर्थन किया। अब अमीन पठान वैभव गहलोत की कार्यकारिणी में उपाध्यक्ष हैं। राजे जब सीएम थीं, तब पठान को राजस्थान हज कमेटी का अध्यक्ष बनाया और अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह कमेटी का अध्यक्ष भी बनवा दिया। पठान आज भी दरगाह कमेटी के अध्यक्ष हैं। यानि पठान के दोनों हाथ में लड्डू हैं। भाजपा नेता होने के नाते दरगाह कमेटी के अध्यक्ष है और उधर कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री के बेटे की अध्यक्षता वाले क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष भी हैं। भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व दोहरा चरित्र दिखाने वाले प्रदेश के नेताओं पर भी नजर बनाए हुए हैं। बदले हुए हालातों में पठान के खिलाफ दरगाह कमेटी के सदस्यों में बगावत के आसार हैं। 
एस.पी.मित्तल


चीन और भारत की प्रतिबद्धता

कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान को बेवकूफ बनाकर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत पहुंचे। डोनाल्ड ट्रंप की तरह नरेन्द्र मोदी के साथ दिखा रहे हैं दोस्ताना संबंध। 

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत पहुंच गए हैं। जिनपिंग की अधिकारिक कार्यक्रम देश की राजधानी दिल्ली में रखने के बजाए तमिलनाडू के महाबलीपुरम में रखा गया है। जिनपिंग 11 अक्टूबर को दोहपर चेन्नई हवाई अड्डे पर उतरे और फिर होटल में थोड़ी देर विश्राम करने के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने के लिए महाबलीपुरम पहुंचे। भारत आने से पहले जिनपिंग ने चीन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद चीन के राजदूत ने कहा कि चीन सरकार भारत के कश्मीर में हो रही गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं। चीन के राजदूत ने जिस अंदाज में बयान दिया उससे एक बार तो ऐसा लगा कि चीन अब पाकिस्तान के साथ खड़ा है। लेकिन कूटनीति को समझने वाले बताते हैं कि कश्मीर के मुद्दे पर चीन ने भी वो ही रणनीति अपनाई है जो अमरीका ने अपनाई थी। पीएम मोदी के अमरीका पहुंचने से पहले इमरान खान ने अमरीका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की थी, तब ट्रंप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोहराया था कि कश्मीर के मुद्दे पर अमरीका भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने को तैयार है। सब जानते हैं कि इमरान खान के साथ दिए गए इस बयान के बाद जब नरेन्द्र मोदी अमरीका पहुंचे तो इन्हीं डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और उन्होंने इस्लामिक आतंकवाद का मुद्दा उठा कर पाकिस्तान को ही कठघरे में खड़ा कर दिया। चीन के राजदूत ने भले ही कश्मीर पर प्रतिकूल टिप्पणी की हो, लेकिन चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत दौरे में नरेन्द्र मोदी के साथ दोस्ताना संबंधों का प्रदर्शन कर रहे हैं। हो सकता है कि दो दिवसीय यात्रा में मुस्लिम आतंकवाद का मुद्दा उठा कर चीन भी पाकिस्तान को जोरदार झटका दे। असल में  जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद से ही पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। दो माह की अवधि में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान कई बार भारत पर परमाणु हमला करने की धमकी दे चुके हैं। पाकिस्तान कोई गलत कदम न उठाए इसके लिए अमरीका और चीन पाकिस्तान पर नियंत्रण किए हुए हैं। कूटनीति के तहत ही डोनाल्ड ट्रंप और शी जिनपिंग कश्मीर मुद्दे पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। यह सारी कार्यवाही पाकिस्तान को बेवकूफ बनाने के लिए है। इमरान खान पहले ही कह चुके हैं कि कश्मीर मुद्दे पर अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को समर्थन नहीं मिल रहा है। इमरान खान का यह भी कहना है कि भारत बहुत बड़ा बाजार है और विकसित देशों को अपना माल भारत में बेचने की चिंता है। यह सही है कि अमरीका और चीन जैसे देश बड़ी मात्रा में अपने उत्पाद भारत में बेचते हैं। चीन के उत्पाद तो भारत के घर घर में काम आ रहे हैं। चूंकि चीनी उत्पाद सस्ते होते हैं, इसलिए भारत में लगातार मांग बढ़ रही है। जहां तक कश्मीर का सवाल है तो अब पाकिस्तान का खेल खत्म हो चुका है। अनुच्छेद 370 के हटने के बाद कश्मीर का मुद्दा स्वत: ही समाप्त हो गया है। जम्मू कश्मीर के अस्सी प्रतिशत क्षेत्र में जनजीवन सामान्य है। बीस प्रतिशत क्षेत्र में धारा 144 के अंतर्गत जो पाबंदियां लगा रखी है उन्हें भी धीरे धीरे हटाया जा रहा है। दस अक्टूबर को ही जम्मू कश्मीर की सरकार ने देशी विदेशी पर्यटकों के लिए छूट दे दी है। अनुच्छेद 370 को हटाने के समय पर्यटकों के कश्मीर आने पर पाबंदी लगाई थी। अब जब पर्यटकों के कश्मीर आने पर पाबंदी को हटा दिया गया है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तेजी से कश्मीर घाटी में भी हालात सुधर रहे हैं। चीन के राष्ट्रपति के भारत दौरे से पहले अमरीका ने चीन के उइगर मुसलमानों की समस्या को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उठा दिया है। अमरीका का आरोप है कि चीन अपने देश में उइगर मुसलमानों पर अत्याचार कर रहा है।
एस.पी.मित्तल


ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस से पकड़ा 5 करोड का सोना

झाड़सुगुड़ा। सेंट्रल एक्साइज और कस्टम विभाग की संयुक्त रेट में 5 करोड़ का सोना ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस से पकड़ा गया है। इस पूरी कार्रवाई में आरपीएफ की टीम भी उनके साथ थी। इस मामले में 2 लोगों को पकड़ा गया है। दोनों आरोपियों से पूछताछ जारी हैं।


सेंट्रल एक्साइज एवं कस्टम विभाग को इस बात की खबर मिली थी कि ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस से 2 लोगों के द्वारा करोड़ों का सोना ले जाया जा रहा है। जिस पर आरपीएफ की मदद से आज ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस में राजगांगपुर से झारसुगुड़ा के बीच चेकिंग शुरू की गई। इसी बीच B3 एसी कोच में दो युवकों पर टीम को शक हुआ। पूछताछ और तलाशी के बाद उनके पास से सोने के 110 बिस्किट बरामद हुए जिनकी कीमत बाजार भाव से करीब 5 करोड रुपए के आसपास होगी।


एक युवक का नाम डी यादव उम्र 32 वर्ष एवं दूसरे युवक का नाम राहुल आर्यन उम्र 31 वर्ष है। वे सोने को कोलकाता से मुंबई ले जाने वाले थे कि बीच रास्ते में ही छापेमारी में पकड़े गए। दोनों आरोपियों को झारसुगड़ा स्टेशन पर उतार लिया गया है और आगे की पूछताछ की जा रही है।


'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...