सोमवार, 7 अक्तूबर 2019

साड़ी ज्यादा ही फैशन ट्रेंड्स

साड़ी हमेशा से इंडियन वॉरड्रोब का हिस्सा रही है। महिलाएं सबसे पुराने वक्त से साड़ी पहनती आई हैं। माना जाता है करीब 5000 साल पहले इसकी खोज हुई। भारत की महिलाओं का यह सबसे पसंदीदा परिधान है। और अगर हम साड़ी पहनने की बात करें तो इसे पहनने के 50 तरीके हैं। 
बीते कुछ सालों में साड़ी कुछ ज्यादा ही फैशन ट्रेंड्स में है। नई स्टाइल्स, बॉलिवुड का असर और फैशनशोज में भी इसे जगह मिली है।


साड़ी पहनने में काफी कंफर्टेबल है और इससे पहनना भी काफी आसान है, इसे देखते हुए महिलाएं इसमें तरह-तरह के एक्सपेरिमेंट्स कर रही हैं। अगर आप वर्किंग वुमन है जिसे फॉर्मल तरीके से साड़ी पहननी है, तो आपके लिए यहां हैं कुछ बेहतरीन स्टाइल्स। गर्मी हो या सर्दी आप हर सीजन में साड़ी पहन सकती हैं। साड़ी पहनने का सबसे अच्छा तरीका है इसे बेल्ट के साथ पहनें। ऐसा करने से आपका पल्लू पूरे दिन एक ही जगह पर रहेगा।


जिन लोगों को प्लीट्स बनाने में दिक्कत आती है वे स्टिच्ड साड़ी पहन सकते हैं। इस तरह से आपको साड़ी की फिक्र की जरूरत नहीं पड़ेगी। साड़ी को और फॉर्मल लुक देने के लिए आप इस पर रेग्युलर ब्लैजर पहन सकते हैं। इसके साथ कॉन्ट्रास्टिंग शेड चुनें। आप पल्लू ब्लैजर के ऊपर या अंदर पहन सकते हैं, आपको जैसा भी पसंद हो।


डिप्रेशन बढ़ाती है गर्भ निरोधक गोलियां

एक नई स्टडी में सामने आया है कि गर्भनिरोधक गोली लेने वाली किशोरियों में अवसाद से जुड़े लक्षणों का खतरा अधिक रहता है। बता दें कि जब से 1962 में ब्रिटेन में यह गोली उपलब्ध हुई है, तब से शोधकर्ता ओरल बर्थ कंट्रोल और मूड के बीच संबंध समझने की कोशिश कर रहे हैं। 
यह स्टडी ब्रिघम और महिला अस्पताल, यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर ग्रोनिंगन और लीडेन यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर द्वारा की गई। इससे पहले इन संस्थानों द्वारा ब्रेस्ट कैंसर, ब्लड क्लॉट्स, वेट गेन को लेकर शोध हो चुके हैं।
जेएएमए मनोरोग मैग्जीन में पब्लिश स्टडी के अनुसार, शोधकर्ताओं ने स्टडी में 16 से 25 साल के बीच की उम्र लड़कियों का शामिल किया। इसके बाद शोधकर्ताओं का कहना था कि गर्भनिरोधक गोली लेने वाली किशोरियों में अन्य की तुलना में अधिक अवसाद से जुड़े लक्षणों का पता चला।
शोध में यह भी पता चला कि 16 साल की लड़कियों में अवसाद के लक्षण अधिक पाए गए। अवसाद के लक्षणों को लेकर किए गए सर्वे में अधिक रोने, सोने, खाने, आत्महत्या करने, उदासी आदि की समस्या सामने आई।


अजय के अपोजिट दिखेगी दीपिका

मुबंई। कुछ समय पहले खबर आई थी कि लव रंजन की अगली फिल्म में रणबीर कपूर और अजय देवगन साथ नजर आनेवाले हैं। कहा जा रहा था कि फिल्म में दीपिका पादुकोण भी नजर आएंगी और अजय देवदन रणबीर के पापा के किरदार में दिखेंगे। हालांकि , कुछ समय बाद यह भी सुनने को मिला कि दीपिका ने इस फिल्म से इनकार कर दिया है, लेकिन अब कुछ खबरें सुनने को मिल रही हैं, जो वाकई इंट्रेस्टिंग है।
कहा जा रहा था कि मीटू में लव रंजन का नाम सामने आने के दीपिका ने इस फिल्म को ना कर दिया है। हालांकि फैन्स दीपिका और रणबीर को साथ देखने के लिए बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं, वहीं लेटेस्ट रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि फिल्म में दीपिका होंगी तो जरूर लेकिन वह रणबीर की लव-लाइफ नहीं बल्कि अजय देवगन की प्रेमिका के रूप में दिखेंगी।
वर्कफ्रंट की बात करें तो फिलहाल दीपिका अपनी अगली फिल्म छपाक में व्यस्त हैं जो एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल पर बनी है। इसके अलावा वह अपने पति रणवीर सिंह के साथ उनकी अगली फिल्म 83 में ऑनस्क्रीन वाइफ का किरदार भी निभाती दिखेंगी, जिसमें उनका किरदार कपिल देव की पत्नी रूमी देव का है। रणबीर की बात करें तो आलिया भट्ट के साथ फिल्म ब्रह्मास्त्र में नजर आनेवाले हैं। अजय देवगन की भी कई फिल्में पाइपलाइन में हैं, जिनमें तानाजी: द अनसंग वॉरियर, सूर्यवंशी, भुज: द प्राइड, मैदान जैसी फिल्में शामिल हैं।


कैट और विक्की एक-दूसरे को डेट ?

मुबंई। विकी कौशल ने फिल्म संजू के साथ ही तेजी से फेम पाई है। इस वजह से उनकी प्रफेशनल के साथ ही पर्सनल लाइफ भी सुर्खियों में बनी रहती है। विकी ने कुछ समय पहले माना था कि वह हरलीन सेठी के साथ रिलेशनशिप में हैं लेकिन इस बात के सामने आने के कुछ दिनों बाद ही दोनों के ब्रेकअप की खबर आ गई थी। उस समय से ही ऐसी रिपोर्ट्स भी सामने आईं कि विकी की कटरीना कैफ से बढ़ती नजदीकी रिश्ते के टूटने की वजह बनी। अभी भी कई रिपोर्ट्स आती हैं जिसमें इन दोनों स्टार्स के सीक्रेट रिलेशन में होने की बात कही जाती है। 
कैट और विकी के एक-दूसरे को डेट करने के दावों के पीछे कितनी सच्चाई है, उसका सच शायद अब सामने आ गया है। ऐक्टर के एक क्लोज फ्रेंड ने बताया कि, कटरीना और विकी पूरी तरह से सिंगल हैं और एक-दूसरे को डेट नहीं कर रहे हैं। दोनों जब मिलते हैं तो कभी-कभी फ्लर्ट जरूर करते हैं लेकिन इनके बीच कुछ भी सीरियस नहीं है। कटरीना और विकी के रिश्ते में होने का दावा करने वाली रिपोर्ट्स सही नहीं हैं।


वैसे बता दें कि ऐसी भी खबरें हैं कि विकी कौशल और कटरीना कैफ एक साथ फिल्म प्रॉजेक्ट में काम करते दिखाई दे सकते हैं। हालांकि, इसकी पुष्टि अभी तक किसी ने नहीं की है। वहीं इन दोनों के वर्क फ्रंट की बात करें तो विकी फिलहाल फिल्म सरदार उधम सिंह की शूटिंग कर रहे हैं। इसके साथ उनके पास तीन और मूवी प्रॉजेक्ट्स हैं। वहीं कटरीना कैफ जल्द ही एक बार फिर अक्षय कुमार के साथ फिल्म सूर्यवंशी में जोड़ी जमाती दिखाई देने वाली हैं।


पटाखा फैक्ट्री में धमाका, पांच लोग घायल

जाजपुर। ओडिसा के जाजपुर जिले में पटाखों की एक अवैध इकाई में विस्फोट हो जाने से दो महिलाओं समेत कम से कम पांच लोग घायल हो गये। पुलिस ने रविवार को बताया कि बिंझारपुर थाना क्षेत्र के बछाला गांव में शनिवार देर रात जब कारीगर पटाखे बना रहे थे, तब यह घटना घटी। विस्फोट के बाद कंक्रीट की छत का एक हिस्सा उड़ गया। पुलिस के अनुसार ग्रामीणों ने घायलों को घर से निकाला और जाजपुर के जिला मुख्यालय अस्पताल में भर्ती कराया।


पुलिस के मुताबिक बाद में तीन की हालत बिगड़ने पर उन्हें कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ले जाया गया। बिंझारपुर थाने के प्रभारी इंसपेक्टर शिव चरण बेहरा ने कहा, '' विस्फोट में पांच लोग घायल हो गये। उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।'' उन्होंने कहा कि इस घटना की सटीक वजह का पता जांच के बाद ही पता चल पाएगी।


ऑनलाइन खरीददारी पर हैकरो की नजर

त्योहारों के मौसम में ऑनलाइन सेल में सतर्कता से खरीदारी करें। कहीं ऐसा न हो कि आपका बैंक खाता ही खाली हो जाए। ऑनलाइन लेनदेन पर साइबर हैकरों की नजर है जो उपभोक्ताओं के क्रेडिट और डेबिट कार्ड का डाटा चुराकर बैंक खाता खाली कर देते हैं। आपकी एक छोटी लापरवाही भारी पड़ सकती है।


अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया के बाद भारत में हैकिंग के मामले सबसे ज्यादा बढ़ रहे हैं। सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनी सिमेंटिक की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2018 में हर माह 4,800 वेबसाइट पर साइबर अपराधियों ने डाटा चुराने के लिए हमला किया। सिमेंटिक का कहना है कि उसने 37 लाख हमलों को नाकाम किया। इसमें 33 फीसदी हमले नवंबर-दिसंबर में हुए।


त्योहारों पर नजर : अक्तूबर-नवंबर त्योहारों का समय होता है। लोग नए साल की छुट्टियों के लिए यात्रा टिकट और होटल की बुकिंग भी कराते हैं। इस दौरान कंपनियां आकर्षक पेशकश करती हैं। इसलिए हैकर त्योहारों के मौसम में ज्यादा हमले करते हैं।


बड़ी साइटों पर भी खतरा : फॉर्म जैकिंग तकनीक से बड़ी ई कामर्स वेबसाइटों से कार्ड के सीवीवी नंबर चुराए जा रहे हैं।


ऐसे करते हैं हमला


– नामी वेबसाइट से मिलती-जुलती वेबसाइट बनाकर ठगी
– क्रेडिट-कार्ड का डाटा साझा करते ही खाता खाली कर देते हैं
– ई-कॉमर्स साइट पर भुगतान के दौरान कार्ड का डाटा चुराते हैं,फार्म जैकिंग तकनीक से सीवीवी नंबर चुरा लेते हैं


छोटी कंपनियां शिकार


साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि हैकर छोटी ई-कॉमर्स कंपनियों की वेबसाइट को ज्यादा शिकार बनाते हैं। ये कंपनियां उपभोक्ताओं का डाटा सहेज कर रखती हैं, जबकि बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियां उपभोक्ताओं के कार्ड की जानकारी नहीं सहेजतीं।


ऐसे करें बचाव


– देखें कि यूआरएल में सिक्योर मोड (https) में है या नहीं
– एंटीवायरस सॉफ्टवेयर वाले मोबाइल से ही खरीदारी करें
– खरीदारी में सार्वजनिक वाईफाई के इस्तेमाल से बचें
– साइट की स्पेलिंग जांच करें
– कैश ऑन डिलिवरी चुनें


थोड़े प्रयास से कार्य पूर्ण होंगे:मकर

राशिफल


मेष-व्ययवृद्धि पर नियंत्रण नहीं रहेगा। दूसरों से अपेक्षा न करें। आशा व निराशा के बीच तनाव व चिंता रहेंगे। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। जल्दबाजी तथा भावनाओं में बहकर कोई निर्णय न लें। आय होगी। कारोबारी लाभ बना रहेगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें।


मंत्र : ॐ नम: शिवाय या ॐ शिवाय नम:।


वृष-रुका हुआ पैसा तथा पैसा वसूली में सफलता मिलेगी। मनोरंजक यात्रा का कार्यक्रम बन सकता है। व्यापार-व्यवसाय में लाभ वृद्धि होगी। घर-बाहर सभी तरफ से सहयोग प्राप्त होगा। प्रसन्नता बनी रहेगी। आलस्य हावी रह सकता है। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। लाभ होगा।


मंत्र : ॐ मातंगी नम: या सर्वमंगलमांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरि नारायणि नमोऽस्तुते।


मिथुन-तंत्र-मंत्र में रुचि जागृत हो सकती है। किसी तीर्थ यात्रा का आयोजन हो सकता है। आर्थिक उन्नति हेतु विचार-विमर्श लाभकारी रहेगा। सामाजिक सेवा व दान-पुण्य के कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी। मित्रों तथा परिवार के सदस्यों का सहयोग मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी।


मंत्र : ॐ शिव शक्त्यै नम: मंत्र जाप करें।


कर्क-किसी धर्मस्थल की यात्रा-दर्शन आदि के सुयोग बनेंगे। किसी प्रभावशाली व्यक्ति का सहयोग व मार्गदर्शन प्राप्त होगा। राजकीय व्यक्ति से परिचय बढ़ सकता है। व्यस्तता रहेगी। थकान व कमजोरी रह सकती है। धन प्राप्ति सुगम होगी। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण रहेगा।


मंत्र : ॐ आनंदांनायकायै नम: मंत्र जाप करें।


सिंह-सेहत के बारे में लापरवाही भारी पड़ सकती है। काम करते समय किसी भी तरह की जल्दबाजी व लापरवाही न करें। वाहनादि के प्रयोग में सावधानी रखें। कुसंगति से बचें। हंसी-मजाक में हल्कापन न हो तथा दूसरे के कार्य में हस्तक्षेप न करें। व्यापार ठीक चलेगा!


मंत्र : ॐ दीप लक्ष्म्यै नम: मंत्र जाप करें।


कन्या-घर-बाहर सब तरफ हर कार्य में सहयोग प्राप्त होगा। किसी बड़ी समस्या का समाधान होगा। विवाह के इच्छुक व्यक्तियों को वैवाहिक प्रस्ताव प्राप्त हो सकता है। भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। उत्साह व प्रसन्नता बने रहें!


मंत्र : ॐ सर्वमंत्रमयी नम: मंत्र जाप करें।


तुला-किसी संपत्ति का सौदा बड़ा लाभ दे सकता है। किसी कार्य की बाधा दूर होकर लाभ के अवसर प्राप्त होंगे। घर-बाहर वातावरण अनुकूल बनेगा। मित्रों व संबंधियों के साथ समय सुखमय व्यतीत होगा। उत्साह व प्रसन्नता में वृद्धि होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे।


मंत्र : ॐ अंबे नम: मंत्र जाप करें।


वृश्चिक-किसी मांगलिक कार्यक्रम का आयोजन हो सकता है। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। किसी पार्टी व पिकनिक का आयोजन हो सकता है। रचनात्मक तथा बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। वरिष्ठ व्यक्तियों की शुभ सलाह प्राप्त होगी। रुके कार्यों में गति आएगी। धनार्जन होगा।


मंत्र : ॐ ब्रह्मांड नायिकायै नम: मंत्र जाप करें।


धनु-बुरी खबर प्राप्त हो सकती है। मेहनत अधिक और लाभ कम होगा। कार्यों की सफलता में शंका रहेगी। विवाद को बढ़ावा न दें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। धनहानि की आशंका है। चिंता तथा तनाव रहेंगे। व्यापार-व्यवसाय सामान्य रहेगा। प्रियजनों के साथ रिश्तों में खटास आ सकती है।


मंत्र : ॐ विद्या लक्ष्म्यै नम: मंत्र जाप करें।


मकर-थोड़े प्रयास से कार्य पूर्ण होंगे। मित्रों व रिश्तेदारों का सहयोग प्राप्त होगा। किसी बड़े कार्य को करने की योजना बनेगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। परमार्थ करने का अवसर प्राप्त हो सकता है। घर-बाहर प्रतिष्ठा बढ़ेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रसन्नता रहेगी।


मंत्र : ॐ आद्य नायकायै नम: मंत्र जाप करें।


कुंभ-मित्र व संबंधियों से मुलाकात होगी। अच्‍छी खबरें मिलेंगी। आय बनी रहेगी। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। किसी मनोरंजक यात्रा का आयोजन हो सकता है। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। विवेक का प्रयोग समस्या से मुक्ति दिलाएगा। प्रसन्नता बनी रहेगी।


मंत्र : ॐ शांभवी नम


मीन-अप्रत्याशित लाभ के अवसर प्राप्त हो सकते हैं। आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। भाग्य की अनुकूलता रहेगी। किसी बड़े काम के लंबित प्रयास अब सफल रहेंगे। अपेक्षित कार्य पूर्ण होने से उत्साह व प्रसन्नता में वृद्धि होगी। आलस्य न करें।


मंत्र : ॐ कात्यायनी नम: मंत्र जाप करें।


महत्वपूर्ण फल आलूबुखारा

अलूचा या आलू बुखारा (अंग्रेजी नाम : प्लम ; वानस्पतिक नाम : प्रूनस डोमेस्टिका) एक पर्णपाती वृक्ष है। इसके फल को भी अलूचा या प्लम कहते हैं। फल, लीची के बराबर या कुछ बड़ा होता है और छिलका नरम तथा साधरणत: गाढ़े बैंगनी रंग का होता है। गूदा पीला और खटमिट्ठे स्वाद का होता है। भारत में इसकी खेती बहुत कम होती है; परंतु अमरीका आदि देशों में यह महत्वपूर्ण फल है। आलूबुखारा (प्रूनस बुखारेंसिस) भी एक प्रकार का अलूचा है, जिसकी खेती बहुधा अफगानिस्तान में होती है। अलूचा का उत्पत्तिस्थान दक्षिण-पूर्व यूरोप अथवा पश्चिमी एशिया में काकेशिया तथा कैस्पियन सागरीय प्रांत है। इसकी एक जाति प्रूनस सैल्सिना की उत्पत्ति चीन से हुई है। इसका जैम बनता है।


आलू बुख़ारा एक गुठलीदार फल है। आलू बुख़ारे लाल, काले, पीले और कभी-कभी हरे रंग के होते हैं। आलू बुख़ारों का ज़ायका मीठा या खट्टा होता है और अक्सर इनका पतला छिलका अधिक खट्टा होता है। इनका गूदा रसदार होता है और इन्हें या तो सीधा खाया जा सकता है या इनके मुरब्बे बनाए जा सकते हैं। इनके रस पर खमीर उठने पर आलू बुख़ारे की शराब भी बनाई जाती है। सुखाए गए आलू बुख़ारों को बहुत जगहों पर खाया जाता है और उनमें ऑक्सीकरण रोधी (ऐन्टीआक्सडन्ट) पदार्थ होते हैं जो कुछ रोगों से शरीर को सुरक्षित रखने में मददगार हो सकते हैं। आलू बुख़ारों की कई क़िस्मों में कब्ज़ का इलाज करने वाले (यानि जुलाब के) पदार्थ भी होते हैं।


यह खटमिट्ठा फल भारत के पहाड़ी प्रदेशों में होता है। अलूचा के सफल उत्पादन के लिए ठंडी जलवायु आवश्यक है। देखा गया है कि उत्तरी भारत की पर्वतीय जलवायु में इसकी उपज अच्छी हो सकती है। मटियार, दोमट मिट्टी अत्यंत उपयुक्त है, परंतु इस मिट्टी का जलोत्सारण (ड्रेनेज) उच्च कोटि का होना चाहिए। इसकी सिंचाई आड़ू की भांति करनी चाहिए।


अलूचा का वर्गीकरण फल पकने के समयानुसार होता है :


(१) शीघ्र पकनेवाला, जैसे अलूचा लाल, अलूचा पीला, अलूचा काला तथा अलूचा ड्वार्फ;
(२) मध्यम समय में पकनेवाला, जैसे अलूचा लाल बड़ा, अलूचा जर्द तथा आलूबुखारा;
(३) विलंब से पकनेवाला, जैसे अलूचा ऐल्फा, अलूचा लेट, अलूचा एक्सेल्सियर तथा केल्सीज जापान।
अलूचा का प्रसारण आँख बाँधकर (बडिंग द्वारा) किया जाता है। आड़ू या अलूचा के मूल वृंत पर आंख बांधी जाती है। दिसंबर या जनवरी में १५-१५ फुट की दूरी पर इसके पौधे लगाए जाते हैं। आरंभ के कुछ वर्षों तक इसकी काट-छांट विशेष सावधानी से करनी पड़ती है। फरवरी के आरंभ में फूल लगते हैं। शीघ्र पकनेवाली किस्मों के फल मई में मिलने लगते हैं। अधिकांश फल जून-जुलाई में मिलते हैं। लगभग एक मन फल प्रति वृक्ष पैदा होता है।


समुदाय का विकसित जंतु घोंघा

उदरपाद (गैस्ट्रोपोडा) मोलस्का समुदाय में सबसे अधिक विकसित जंतु हैं। इनके शरीर सममित नहीं होते। प्रावार (मैंटल) दो टुकड़ों में विभाजित नहीं रहता, इसलिए खोल भी दो पार्श्वीय कपाटिकाओं का नहीं वरन् एक ही असममित कपाटिका का बना हुआ रहता है। यह कपाटिका साधारणत: सर्पिल आकृति में कुंडलीकृत होती है। इसके भीतर स्थित जंतु के शरीर का पृष्ठीय भाग भी, जिसमें आंतरंग (विसरा) का अधिकांश भाग रहता है और जिसे आंतरंग कुब्ब कहते हैं, सर्पिल आकृति में कुडलीकृत रहता है। शरीर ऊपर से नीची दिशा में चपटा रहता है। प्रावारीय गुहा में दो गलफड़ स्थित रहते हैं। बहुतों में केवल एक ही गलफड़ होता है। अधिकांश में एक शिर भी होता है जिसमें आकर्षणांग स्थित रहते हैं। शिर के पीछे अच्छी प्रकार से उन्नत एक औदरिक पैर रहता है। पैर का औदरिक तल चपटा, चौड़ा और बहुत फैला रहता है। वक्त्रगुहा में एक विशेष अवयव रहता है जिसको दंतवाही (ओडोंटोफ़ोर) कहते हैं। यह नन्हें नन्हें दाँतों के सदृश अवयव का आधार होता है। वृक्क केवल एक होता है। चेतासंहति में छह जोड़ी चेतागुच्छ पाए जाते हैं। उदरपाद एकलिंगों या उभयलिंगी हो सकते हैं। कृमिवर्धन में रूपांतरण का दृश्य भी देखने में आता है।


उदरपाद अधिकतर पानी में रहते हैं। इनकी आदिम जातियाँ समुद्रों में रहती हैं। ये समुद्र के पृष्ठ पर रेंगती हैं, कुछ कीचड़ या बालू में घर बनाती हैं या चट्टानों में छेद करती हैं। कुछ ऐसे भी उदरपाद हैं जो समुद्र के पृष्ठ पर उलटे रहकर तैरते हैं; विशेषकर टेरोपॉड और हेटेरोपॉड, जिनके पैर मछली के पक्षों (फ़िन्स) के समान होते हैं, खुले समुद्र के पृष्ठ पर तैरते देखे जाते हैं।


उदरपाद समुद्र में १८,०० फुट की गहराई तक पाए जाते हैं। बहुतेरे उदरपाद मीठे जल में भी रहते हैं। पलमोनेट नामक उदरपाद स्थल और ऊँचे ऊँचे पहाड़ों पर भी पाए जाते हैं। निम्न केंब्रियन युग के बहुतेरे जीवाश्मभूत उदरपादों का भी पता चला है।


घोंघा (स्नेल), मंथर (स्लग), पैरैला, एपलीशिया तथा ट्राइटन उदरपादों के मुख्य उदाहरण हैं। घोंघा और मंथर मनुष्य के भोजन के लिए उपयुक्त होते हैं। कुछ जंतु उद्यानों में पौधों को हानि पहुँचाते हैं। अनेक उदरपादों के खोलों से अलंकार, यंत्र तथा बरतन बनते हैं। कौड़ियों का पहले मुद्रा या सिक्के के रूप में प्रयोग होता था। शंख, जो मंदिरों में बजाया जाता है, एक विशेष उदरपाद की खोल है।


कनेर की जानलेवा सुंदरता

कनेर पीली का दूध शरीर की जलन को नष्ट करने वाला और विषैला होता है। इसकी छाल कड़वी भेदन व बुखार नाशक होती है। छाल की क्रिया बहुत ही तेज होती है, इसलिए इसे कम मात्रा में सेवन करते है। नहीं तो पानी जैसे पतले दस्त होने लगते हैं। कनेर का मुख्य विषैला परिणाम हृदय की मांसपेशियों पर होता है। इसे अधिकतर औषधि के लिये उपयोग में लाया जाता है।


विषाक्त:-कनेर का बीज विषाक्त होता है। एक बीज का सेवन भी जान लेने के लिये काफी है। कनेर का जहर डाइगाक्सीन ड्रग की तरह है। डाइगाक्सीन दिल की धड़कन की रफ्तार कम करता है। कनेर का एक बीज डाइगाक्सीन के सौ टैबलेट के बराबर होता है। पहले तो यह दिल की धड़कन को धीमा करता है और आखिरकार एकदम रोक दोता है। क्या यह सच है। अभी इसका कोई पक्का प्रमाण नही मिला है। कृपया इसका पक्का प्रमाण दे अगर आपके आस पास कनेर के बीजों से कुछ हुआ है तो कृपया जरूर बताएं


अभिमान रूपी बुराई का अंत

लंकाकाण्ड वाल्मीकि कृत रामायण और गोस्वामी तुलसीदास कृत श्री राम चरित मानस का एक भाग (काण्ड या सोपान) है।


जाम्बवन्त के आदेश से नल-नील दोनों भाइयों ने वानर सेना की सहायता से समुद्र पर पुल बांध दिया। श्री राम ने श्री रामेश्वर की स्थापना करके भगवान शंकर की पूजा की और सेना सहित समुद्र के पार उतर गये। समुद्र के पार जाकर राम ने डेरा डाला। पुल बंध जाने और राम के समुद्र के पार उतर जाने के समाचार से रावण मन में अत्यंत व्याकुल हुआ। मन्दोदरी के राम से बैर न लेने के लिये समझाने पर भी रावण का अहंकार नहीं गया। इधर राम अपनी वानरसेना के साथ सुबेल पर्वत पर निवास करने लगे। अंगद राम के दूत बन कर लंका में रावण के पास गये और उसे राम के शरण में आने का संदेश दिया किन्तु रावण ने नहीं माना।


शांति के सारे प्रयास असफल हो जाने पर युद्ध आरम्भ हो गया। लक्ष्मण और मेघनाद के मध्य घोर युद्ध हुआ। शक्तिबाण के वार से लक्ष्मण मूर्छित हो गये। उनके उपचार के लिये हनुमान सुषेण वैद्य को ले आये और संजीवनी लाने के लिये चले गये। गुप्तचर से समाचार मिलने पर रावण ने हनुमान के कार्य में बाधा के लिये कालनेमि को भेजा जिसका हनुमान ने वध कर दिया। औषधि की पहचान न होने के कारण हनुमान पूरे पर्वत को ही उठा कर वापस चले। मार्ग में हनुमान को राक्षस होने के सन्देह में भरत ने बाण मार कर मूर्छित कर दिया परन्तु यथार्थ जानने पर अपने बाण पर बिठा कर वापस लंका भेज दिया। इधर औषधि आने में विलम्ब देख कर राम प्रलाप करने लगे। सही समय पर हनुमान औषधि लेकर आ गये और सुषेण के उपचार से लक्ष्मण स्वस्थ हो गये।


रावण ने युद्ध के लिये कुम्भकर्ण को जगाया। कुम्भकर्ण ने भी राम के शरण में जाने की असफल मन्त्रणा दी। युद्ध में कुम्भकर्ण ने राम के हाथों परमगति प्राप्त की। लक्ष्मण ने मेघनाद से युद्ध करके उसका वध कर दिया। राम और रावण के मध्य अनेकों घोर युद्ध हुये और अन्त में रावण राम के हाथों मारा गया। विभीषण को लंका का राज्य सौंप कर राम सीता और लक्ष्मण के साथ पुष्पकविमान पर चढ़ कर अयोध्या के लिये प्रस्थान किया।


'पत्रकार' की गोलियों से भूनकर हत्या की, प्रदर्शन

'पत्रकार' की गोलियों से भूनकर हत्या की, प्रदर्शन  संदीप मिश्र  जौनपुर। बाइक पर सवार होकर जा रहे पत्रकार की दिनदहाड़े गोलियों से भूनक...