मंगलवार, 24 सितंबर 2019

भू-वितरणवाद का पूंजीवाद

आधुनिकता शब्द आमतौर पर उत्तर-पारंपरिक, उत्तर-मध्ययुगीन ऐतिहासिक अवधि को संदर्भित करता है, जो सामंतवाद (भू-वितरणवाद) से पूंजीवाद, औद्योगीकरण धर्मनिरपेक्षवाद, युक्तिकरण, राष्ट्र-राज्य और उसकी घटक संस्थाओं तथा निगरानी के प्रकारों की ओर कदम बढ़ाने से चिह्नित होता है। (बार्कर 2005, 444) अवधारणा के आधार पर, आधुनिकता का सम्बन्ध आधुनिक युग और आधुनिकता से है, लेकिन यह एक विशिष्ट अवधारणा का निर्माण करती है। जबकि इन्लाईटेनमेंट, पश्चिमी दर्शन में एक विशिष्ट आंदोलन की ओर इशारा करता है, आधुनिकता केवल पूंजीवाद के उदय के साथ सम्बंधित सामाजिक जुड़ाव को संदर्भित करती है। आधुनिकता, बौद्धिक संस्कृति की प्रवृत्तियों को भी संदर्भित कर सकती है, विशेष रूप से उन आन्दोलनों को जो धर्मनिरपेक्षीकरण और उत्तर-औद्योगिक जीवन के साथ जुड़े हुए हैं, जैसे कि मार्क्सवाद, अस्तित्ववाद और सामाजिक विज्ञान की औपचारिक स्थापना. इस संदर्भ में, आधुनिकता को 1436-1789 के सांस्कृतिक और बौद्धिक आंदोलनों के साथ जोड़ा गया है जिसका विस्तार 1970 के दशक तक या उसके बाद तक हुआ है। यह बहुत सी सही कहा गया हैं कि "आधुनिकीकरण पुरानी प्रक्रिया के लिए चालू शब्द हैं. यह सामाजिक परिवर्तन की वह प्रक्रिया हैं जिससे काम विकसित समाज विकसित समाजो की सामान्य विशेषेताओं को प्राप्त करते हैं"


लोमस और कागभुसडं कार्यकलाप

लोमस ऋषि और कागभुसडं कार्य-कलाप


मुनिवरो, आज हम तुम्हारे समक्ष पूर्व की भांति कुछ मनोहर वेद मंत्रों का गुणगान गाते चले जा रहे हैं। यह भी तुम्हें प्रतीत हो गया होगा, आज हमने पूर्व से जिन वेद मंत्रों का पठन-पाठन किया। हमारे यहां इन वैदिक साहित्य में, वैदिक मंत्रों में भिन्न-भिन्न प्रकार का वर्णन होता है। क्योंकि वास्तव में यह वैदिक ज्ञान है। यह परमपिता परमात्मा की प्रतिभा कहलाती है। जिससे परमपिता परमात्मा में निष्ठा होती है और वह परमात्मा का ज्ञान और विज्ञान है। इसमें प्रत्येक मानव परंपरागतो से ही अनुसंधान करता रहता है। बहुत पुरातन काल हुआ ऋषि मुनि वेद मंत्र के ऊपर, उसके गर्भ में परिणत होकर के एक ऊंची उड़ान उड़ते रहे हैं। परंतु ऋषि-मुनियों का एक विशेषता 'ब्रह्मवाचा: वर्णोंति हिरण्यम' रहा है कि परमपिता परमात्मा का जो ज्ञान और विज्ञान है। वह इतना नितांत है इतना विचित्र है कि हम उस ज्ञान को चिंतन और मनन में लाने वाले मौन हो जाते हैं। प्रत्येक अवस्था में मानव मौन हो जाता है तो वह उनकी प्रवृत्ति मानव के हृदय में प्रविष्ट हो रही है। एक बड़ा विचित्र गंभीर ऋषि मुनियों का अध्ययन के प्रति क्रिया उनके समीप आती रही है। आज मै कोई विशेष विवेचना देने नहीं आया हूं। केवल कुछ परिचय देने आया हूं कि ऋषि-मुनियों ने यही कहा है कि हम परमपिता परमात्मा की सृष्टि में जब शिशु के रूप में दृष्टिपात आते हैं। कितना ही ज्ञान और विज्ञान में रमण कर जाएं, परंतु जब उसके अंतिम छोर पर हम परिणत होते हैं। तो शिशु के रूप में आते है। बहुत पुरातन काल हुआ मुझे काल स्मरण आ रहा है। जब महर्षि लोमश और कागभुसडं अपने-अपने स्थानों पर विद्यमान हो करके बहुत गंभीर अध्ययन करते रहते थे। एक समय ऋषि लोमस ने कागभुसडं जी से यह प्रश्न किया कि महाराज यह ब्रह्म यज्ञ और आंतरिक यज्ञ क्या है तो देखो कागभुसडं जी ने ॠषि जी से कहा कि भौतिक जगत और आंतरिक जो है यह जो प्रवृत्ति वाला गुण है। इसका समन्वय परमपिता परमात्मा की सृष्टि से माना गया है। परंतु यह जो हो रहा है इसमें जो सचहोता बने हुए हैं। वह नाना प्रकार की वस्तुओं को हृदय रूपी यज्ञशाला में यज्ञ कर्म कर रहे हैं। अथवा वह जो ज्ञान रूपी अग्नि प्रदीप्त हो रही है। उस ज्ञान रूपी अग्नि में ब्रह्म जगत से लाकर के आंतरिक जगत में जो हो रहा है वह चित्र में दृष्टिपात आता है। क्योंकि जो भी आंतरिक जगत में हो रहा है इंद्रियां जो श्रोता बनी हुई है। वैसा करके एकत्रित करके प्रवेश करा देती है। उससे मुनिवर संस्कारों का जन्म होता है। संस्कारों की उपलब्धियां होती है। 19 संस्कारों का समन्वय हमारा चित्र मंडल में प्रवेश करता है। चित्र मंडल का संबंध अहंकार से होता है। अहंकार का संबंध ही चतुरांतकरण से बंद करके वह प्रकृति का विशाल मंडल हमें दृष्टिपात आता है। तो बेटा यह योगिकवाद वाक्य कहलाते हैं। आज मैं तुम्हें एक विशाल क्षेत्र में ले गया कि मैं ऋषि कागभुसडं जी ने ॠषि लोमस मुनि को यह वाक्य प्रकट कराया। परंतु देखो उन्होंने कहा कि इसका कोई छोर नहीं है तो कागभुसडं जी ने कहा कि मानव चिंतन और मनन करता ही रहता है। जितना भी संसार का औसत है जितना भी संसार का रूप हमें दृष्टिपात आता है। परंतु जब इसको ज्ञान लेते हैं तो मौन हो जाते हैं। जब मौन हो जाते हैं तो मौन होने के पश्चात वही शिशु के शिशु बन जाते हैं। क्योंकि जैसे बालक आपदा में पीड़ित हुआ। आपदा जैसे शांत हुई और वह बालक मौन शिशु बना रहता है। परंतु देखो इसी प्रकार परमपिता परमात्मा के अनुपम जगत में प्रत्येक मानव शिशु के रूप में रहता है। चाहे कोई कितनी भी विशाल उडान उड़ने वाला क्यों ना हो?


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


september 25, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-53 (साल-01)
2. बुधवार,25 सितबंर 2019
3. शक-1941,अश्‍विन, कृष्‍णपक्ष,तिथि एकादशी,विक्रमी संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 6:15,सूर्यास्त 6:10
5. न्‍यूनतम तापमान -24 डी.सै.,अधिकतम-33+ डी.सै., हवा की गति धीमी रहेगी, बरसात की संभावना रहेगी।
6. समाचार पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है! सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.201102


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 (सर्वाधिकार सुरक्षित)


सोमवार, 23 सितंबर 2019

कम से कम पहचान पत्र होना चाहिए

अमित शाह ने दिया एक पहचान पत्र का प्रस्‍ताव


नई दिल्‍ली। गृहमंत्री अमित शाह ने देश में एक पहचान पत्र का प्रस्‍ताव दिया है। गृहमंत्री के अनुसार इस पहचान पत्र में पासपोर्ट, आधार और वोटर आईडी सभी एक पहचान पत्र में होने चाहिए। शाह ने देश में सभी कार्यों के लिए एक कार्ड की वकालत के साथ ही कहा कि 2021 में होने वाली जनगणना मोबाइल ऐप के जरिये की जाएगी।उन्होंने कहा कि आधार, पासपोर्ट, बैंक खाते, ड्राइविंग लाइसेंस, और वोटर कार्ड जैसी सभी सुविधाओं के लिए एक ही कार्ड हो सकता है। इसकी संभावनाएं हैं। एक ऐसा सिस्‍टम भी होना चाहिए, जिससे अगर किसी शख्‍स की मौत हो जाती है तो ऑटोमेटिक उसकी जानकारी पॉपुलेशन डाटा में अपडेट हो जाए। हम एक ऐसा कार्ड चाहते हैं जो आधार, पासपोर्ट, बैंक अकाउंट, ड्राइविंग लाइसेंस और वोटर आईडी की जरूरत को पूरा करे।


अमित शाह ने कहा कि जनगणना कोई बोरिंग काम नहीं होता है। इससे सरकार को अपनी स्‍कीम लोगों के लिए लागू करने में मदद मिलती है। राष्‍ट्रीय जनसंख्‍या रजिस्‍टर कई मुद्दों को सुलझाने में सरकार की मदद करता है। ये देश के इतिहास में पहली बार होगा, जब जनगणना का काम एप के जरिए होगा। बता दें कि देश में अभी आधार की अनिवार्यता पर ही बहस चल रही है। ऐसे में गृहमंत्री ने एक पहचान पत्र का प्रस्‍ताव रखा है।


प्याज के बढ़े दाम,मोदी सरकार जिम्मेदार

नई दिल्ली। देशभर में प्याज के बढ़े हुए दाम के लिए कांग्रेस ने मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि पितृपक्ष के पर्व पर प्याज के दामों में बेतहाशा वृद्धि होना मोदी सरकार की विफलता है। प्याज के दाम बढ़ने से पितृपक्ष में परंपरागत रीति रिवाज के अनुसार पितरों की शांति के लिये श्राद्ध कराना महंगा हो गया है। एक ओर मंदी की मार और दूसरी ओर पेट्रोल-डीजल के साथ-साथ प्याज के दाम बढ़ने से आम लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मोदी और उनके मंत्री सरकार सम्हाल ही नहीं पा रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार आर्थिक मोर्चे में विफल है ही और अब प्याज के दाम बढ़ने से स्पष्ट हो गया है कि मोदी सरकार के पास कोई ठोस कृषि नीति नही है। मजबूत कृषि नीति बनाने में मोदी सरकार असफल हो गई है। स्वामीनाथन कमेटी के सिफारिशों के आधार पर ठोस नीति बनाई जाती तो किसानों को लाभ मिलता ही। साथ ही आम जनता को भी महंगाई का सामना नहीं करना पड़ता। ठोस कृषि नीति बनाने से फसल की आवक-जावक दोनों बराबर रहती तो किसानों को और आम जनता को दोनों को लाभ मिलता। लेकिन केंद्र की मोदी सरकार की नीति हमेशा किसान विरोधी रही है। एक ठोस कृषि नीति बनाने की आवश्यकता है, जिसको बनाने में मोदी की सरकार असफल हो चुकी है। इसका ही परिणाम है कि आज प्याज के दाम आसमान छू रहे हैं और गरीब आम जनता गृहणी को महंगाई का सामना करना पड़ रहा है। पितृपक्ष के सीजन में भी प्याज की महंगाई का असर पितृपक्ष के रीति रिवाज परंपरा के अनुसार बनने वाले भोज्य सामाग्री में दिख रहा है। 
जनप्रतिनिधि व प्रशासनिक अधिकारियों ने झाडू लगाकर चलाया स्वच्छता अभियान
गुरुश्री इंड्रस्टी के खिलाफ ग्रामीण लामबंद, बंद करने की मांगलोकप्रिय।शिक्षण कार्य में लापरवाही से भड़के कलेक्टर, अतिथि शिक्षक को किया सेवा से पृथक, बीईओ की रुकी वेतन वृद्धि
मतदान शुरू होते ही पीठासीन अधिकारी को आया हार्ट अटैक, मौत।बच्चे की जाति मां से तय होगी या फिर पिता से? जाने क्या है दिल्ली हाईकोर्ट फैसला।शानदार जायके का मजा लीजिये स्वाद के सफर चटोरे में रविशंकर शर्मा के साथ।युवक की चाकू मारकर हत्या, आरोपी फरार।मंतूराम पवार के खिलाफ धोखाधड़ी का जुर्म दर्ज कराने थाना पहुंचे भाजपा कार्यकर्ता।मीजल्स रूबेला में भ्रष्टाचार की सीडी, डीपीएम व डेम की भूमिका संदिग्ध।


रामलीला कराएगी क्विज कंपटीशन

इंद्रप्रस्थ धार्मिक श्री रामलीला कमेटी कराएगी क्विज कंपटीशन


कौन बनेगा करोड़पति क्विज कंपटीशन के आधार पर ज्ञान के विषय पर होगी चर्चा पवन मावी


सचिन विशौरिया


गाजियाबाद। लोनी के इतिहास में पहली बार इन्द्रप्रस्थ धार्मिक श्री रामलीला कमेटी टीला शहबाजपुर के माध्यम से खेला जाएगा कौन बनेगा करोड़पति जैसा क्विज कंपटीशन। जिसमें रामलीला कमेटी द्वारा चुने हुए प्रतियोगियों से 25 सवाल पूछे जाएंगे जिसमें प्रत्येक सवाल का सही जवाब देने पर 1000 रुपए की धनराशि दी जाएगी। वही 15 सवाल पूरे होने के बाद सवाल की धनराशि बढ़ाकर 2000 रुपए कर दी जाएगी। इस दौरान  इन्द्रप्रस्थ धार्मिक श्री रामलीला कमेटी टीला शहबाजपुर के संयोजक पवन मावी ने बताया कि क्विज कंपटीशन नॉकआउट क्वेश्चन के रूप में किया जाएगा। जिसमें प्रतियोगी के द्वारा सवाल का गलत जवाब देने पर उनको गेम छोड़ कर जाना होगा। जबकि अगर प्रतियोगी चाहे तो जीती गई धनराशि के बाद गेम को बीच में भी छोड़कर क्विट कर सकता है। जिससे उनकी जीती हुई धनराशि जोकि तो ही बनी रहेगी। इस बारे में सवाल पूछने पर पवन मावी ने बताया कि लोनी की जनता में सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता कराना है। स्कूली छात्र छात्राओं को प्रोत्साहन देने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। जिससे युवाओं में ज्ञाान के प्रति जागरूकता लाई जा सके लोनी के इतिहास में किसी भी रामलीला कमेटी द्वारा कराया जा रहा यह पहला क्विज कंपटीशन है।


प्रतियोगिता में भाग कैसे लें


इन्द्रप्रस्थ धार्मिक श्री रामलीला कमेटी टीला शहबाजपुर के द्वारा 27 तारीख से रामलीला कार्यक्रम का आयोजन प्रारंभ हो जाएगा। जिसके बाद प्रत्येक दिन प्रतियोगी द्वारा सौ फार्म भरवाए जाएंगे जिनमें से एक बॉक्स में डाल कर 5 पर्ची निकलवाई जाएंगी जिन लोगों के वह 5 पर्ची निकलेंगे वही लोग कंपटीशन में भाग ले सवालों के जवाब दे पाएंगे। यह फॉर्म लगातार 10 दिन तक भरवाए जाएंगे। वह क्विज कंपटीशन लगातार 10 दिन रामलीला कमेटी के सौजन्य से चलाया जाएगा क्विज कंपटीशन कराने का कमेटी का सीधा सा अभीप्राय यह है कि आने वाले समय में क्षेत्रीय विद्यार्थियों में सवाल-जवाब को लेकर सामान्य ज्ञान व भविष्य में आईएएस पीसीएस की परीक्षाओं की तैयारी कर अपने भविष्य को उज्जवल किया जा सकेे।


उत्तर प्रदेश निवेश का ज्यादा आकर्षित क्षेत्र

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने केंद्र सरकार द्वारा उद्योग जगत को कर रियायत देने के फैसले को ऐतिहासिक करार दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध से उत्पन्न नयी सम्‍भावनाओं के बीच लिये गये इस फैसले से देश और उत्तर प्रदेश निवेश के सबसे आकर्षक केंद्र बन जाएंगे। योगी आदित्‍यनाथ ने लखनऊ में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पूरी दुनिया में आर्थिक मंदी का दौर चल रहा है। इससे उबरने के लिए वित्त मंत्रालय ने कर कटौती का साहसिक और ऐतिहासिक फैसला लिया। इससे भारतीय अर्थ जगत को एक नई ताकत मिलेगी। आर्थिक सुस्ती झेल रहे उद्योगों को बड़ी राहत मिली है। अब उन्‍हें न सिर्फ निवेश के नये अवसर मिलेंगे, बल्कि जिन निवेशकों ने यहां पूंजी लगायी है, उनको भी इसका लाभ मिलेगा।उन्‍होंने कहा कि अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध से चीन के निर्यात में भारी कमी आयी है। इससे चीन में उत्पादन कम हुआ है और जिन कम्‍पनियों ने चीन में निवेश किया था अब वे निवेश के लिए दूसरे गंतव्‍य की तलाश करेंगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर दर को कम करके भारत को दुनिया में सबसे आकर्षक निवेश स्थल के रूप में पेश किया है और इसका सबसे ज्‍यादा लाभ देश और उत्तर प्रदेश को होने जा रहा है।मुख्‍यमंत्री ने कहा कि मंदी के इस दौर में जहां बाकी तमाम देशों की विकास दर दो या तीन प्रतिशत है, वहीं भारत पांच प्रतिशत की दर से विकास कर रहा है। साथ ही उन्होंने जोड़ा कि कर दर में कमी होने से यह तेजी से आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि भारतीय कंपनियों कर दर अधिक होने की वजह से प्रतिस्‍पर्द्धा में पिछड़ जाती थीं, लेकिन वित्त मंत्रालय के फैसले से दक्षिण एशिया में भारत की कर दर सबसे कम करने और देश की कम्‍पनियों को प्रतिस्‍पर्द्धा में लाने में मदद मिलेगी। योगी ने नई कर दरों का उत्‍तर प्रदेश पर बहुत सकारात्‍मक प्रभाव पड़ने की उम्‍मीद जताते हुए कहा ''हमारा मानना है कि कर दर में कमी के बावजूद प्रदेश के राजस्‍व पर इसका कोई भी प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा, बल्कि राज्‍य की जीडीपी में बढ़ोतरी के कारण सकल राजस्‍व बढ़ेगा। इससे देश और उत्तर प्रदेश में सबसे ज्‍यादा लाभ आटोमोबाइल क्षेत्र को मिलेगा। विनिर्माण और इंजीनियरिंग में भी इसका काफी लाभ प्रदेश को मिलेगा।मुख्‍यमंत्री ने कहा कि इस फैसले का सबसे अधिक लाभ उत्‍तर प्रदेश को मिल सकता है क्‍योंकि उसके पास बेहतर संपर्क साधन और भूमि है। उन्होंने कहा कि इससे प्रधानमंत्री के 5000 अरब डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था बनाने के लक्ष्य में उत्‍तर प्रदेश 1000 अरब डॉलर के योगदान का अपना संकल्‍प पूरा कर सकता है।


 


गोद लिए बच्चों के पोषण का ध्यान रखें

इलाज के दौरान उनके पोषण का रखेंगे ध्यान 
एसएल कश्यप। 
सहारनपुर। जनपद में टीबी का इलाज करा रहे करीब 181 बच्चों को विभिन्न संस्थाओं और विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों ने गोद लिया है। गोद लिए गये बच्चों का संस्थाएं व अधिकारी-कर्मचारी इलाज के दौरान पोषण का ध्यान रखेंगे । 
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. राजेश जैन ने बताया कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य तय कर रखा है। इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को प्रदेश सरकार ने गाइड लाइन जारी की है। इसके तहत टीबी का इलाज करा रहे 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों-किशोरों को स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा गोद लिया जा रहा है। शहर में इसकी जिम्मेदारी प्रतिष्ठित संस्थाओं को दे दी गई है। जिला क्षय रोग अधिकारी ने खुद एक बच्चे को गोद लिया है। इसके अलावा क्षय रोग विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा 15 अन्य बच्चों को गोद लिया गया है। डा. जैन ने बताया कि रोटरी क्लब द्वारा 130 बच्चों को गोद लिया गया है। क्लब के सहायक गवर्नर संजय धींगड़ा ने बताया कि भविष्य में भी विभाग को टीबी उन्मूलन के लिए सहयोग करेंगे। शहर की प्रसिद्ध संस्था हैड्स टू केयर सोसायटी के अध्यक्ष परमप्रीत बत्रा ने भी अपनी संस्था की ओर से दस बच्चों को गोद लिया है। सीबीसीआई कार्ड संस्था द्वारा दस बच्चों को गोद लिया गया। सीनियर सिटीजन वेलफेयर एसोसिएशन के सहसचिव आरके हांडा एवं वीरेंद्र बहल ने भी अधिक से अधिक बच्चों को गोद लेने का वादा किया है। मानव सेवा समाजोत्थान समिति के अध्यक्ष प्रदीप शर्मा ने पांच बच्चों को गोद लिया है। एमबीडीएम ट्रस्ट की इसरत प्रवीण द्वारा पांच बच्चों को, आह्वान सामाजिक संस्था के विनोद कुमार द्वारा तीन बच्चे, रंग यात्रा सामाजिक संस्था के दिनेश तेजियान द्वारा दो बच्चों को गोद लेकर इलाज के दौरान उनकी पूरी देखरेख करने का वादा किया गया है। सेठ बलदेव दास बाजोरिया जिला चिकित्सालय स्थित क्षय रोग केंद्र में स्वास्थ्य अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ हुई स्वयंसेवी संस्थाओं की बैठक में बच्चों को गोद लेने की घोषणा की गयी। इस मौके पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.ओपी गुप्ता, डा.अखिल टंडन, डा.आशीष कुमार, जिला कार्यक्रम समन्वयक मुकेश, वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक अशोक कुमार, टीबीएचआई कोर्डिनेटर परविंद्र यादव, ओमप्रकाश, अरविंद शर्मा, संदीप मौर्या, आशीष कुमार, संजय कुमार, गौरीशंकर, अभिषेक यादव, आशुतोष शर्मा, सजनीत सिंह, देवेंद्र बंसल व बिजेंद्र कुमार आदि मौजूद रहे। बैठक का संचालन वरिष्ठ क्षय लैब पर्यवेक्षक एमपी सिंह चावला ने किया।


केजरीवाल ने केंद्र को दी चुनौती

नई दिल्ली। दिल्ली सहित देश के तमाम इलाकों में प्याज की कीमतें आसमान छू रही हैं। दिल्ली में तो इसके भाव 60 से 80 रुपए किलो तक पहुंच गए हैं। दिल्ली के लोगों को प्याज की रुलाती कीमतों से निजात दिलाने के लिए दिल्ली सरकार ने एक फैसला किया है। फैसले में कहा गया है कि सरकार मोबाइल वैन से 24 रुपए प्रति किलो प्याज बेचेगी। इसके लिए टेंडर भी निकाल दिए गए हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को इसका ऐलान किया।


हैलीपैड से टकराया हेलीकॉप्टर,सुरक्षित

रुद्रप्रयाग। केदारनाथ से गुप्तकाशी के लिए उड़ान भर रहा एक हेलीकॉप्टर बड़े हादसे का शिकार होने से बाल-बाल बच गया। हेलीकॉप्टर यूटीयर कंपनी का था। दरअसल, उड़ान भरते समय हेलीकॉप्टर का पिछला हिस्सा हैलीपैड से टकराते ही वो अनियंत्रित हो गया। हादसे के दौरान हेलीकॉप्टर में पायलट समेच 6 लोग सवार थे। गनीमत रही कि किसी को भी चोट नहीं आई। फिलहाल सभी लोग सुरक्षित हैं।


कमाल का है सीएम जनसुनवाई पोर्टल

जनसुनवाई पोर्टल भगवान भरोसे, लखनऊ डीएम,एसएसपी एवं सीओ कैसरबाग ने नोएडा की शिकायत का करवा दिया निस्तारण



लखनऊ। मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल में अधिकारियों की लापरवाही और हीलाहवाली के कारण गड़बड़ियों का खेल चल रहा है। जब अधिकारियों का यह हाल है, तो उनके मातहत क्या करेंगे इसका अनुमान लगाया जा सकता है। जिस तरह की गड़बड़ी सामने आई है, वह जानकर आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। समाजसेवी तनवीर अहमद सिद्दीकी के अनुसार जनसुनवाई पोर्टल में उन्होंने नोएडा में किसी प्रकरण को लेकर जांच के लिए शिकायत दर्ज कराई थी।


समाजसेवी तनवीर अहमद सिद्दीकी के मुताबिक उनकी मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत संख्या 15157190098376 है। शिकायत जिला गौतम बुद्ध नगर से सम्बंधित थी। लेकिन उनकी शिकायत का इतनी तेजी से सीएम पोर्टल की निगरानी करने वाले अफसरों ने किया कि गड़बड़ियों की पोल ही खुलकर सामने आ गई। उन्होंने बताया कि  शिकायत को बिना पढ़े ही लखनऊ डीएम को भेज दी गई। इसके बाद डीएम साहब ने वह शिकायत बिना पढ़े लखनऊ के एसएसपी को भेज दी। यह आलम यूं ही चलता रहा और एसएसपी साहब ने शिकायत सीओ कैसरबाग को भेज दी। सीओ साहब ने भी शिकायत को बिना पढ़े थानाध्‍यक्ष प्रभारी नि‍रीक्षक कैसरबाग को भेज दी। थानाध्‍यक्ष ने चौकी प्रभारी को शिकायत भेज दी। हैरान करने वाली बात है कि शिकायत नोएडा से संबंधित था, जिसकी जांच वहां के अधिकारियों को करनी थी।


शिकायत को लेकर गड़बड़ियों में मजे की बात यह है कि चौकी इंचार्ज महोदय जांच करते हुए समाजसेवी तनवीर अहमद सिद्दीकी के पास पहुंच गए। समाजसेवी ने इंचार्ज को पूछताछ करने के दौरान बताया कि उनकी शिकायत तो गौतम बुद्ध नगर जिला से संबंधित है। ऐसे में लखनऊ में अधिकारियों ने इसका निस्तारण कैसे कर दिया गया। हैरान करने वाली बात है कि डीएम और एसएसपी जैसे पद पर बैठे अधिकारियों द्वारा ही शिकायतों को जब गंभीरता से नहीं लिया जा रहा तो जनता को न्याय कैसे मिलेगा। अधिकारियों की इस लापरवाही से सीएम पोर्टल पर आने वाली शिकायतों को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।


समाजसेवी तनवीर अहमद सिद्दीकी का कहना है कि उनको जब अपने शिकायत के निस्तारण की जानकारी हुई तो उनके होश ही उड़ गए। चूंकि मामला तो लखनऊ का था ही नहीं। उन्होंने कहा कि अफ़सोस की बात है कि किसी भी आधिकारियो ने शिकायती पत्र को पढ़ना सही नहीं समझा। शिकायत का निस्तारण खानापूर्ति व टाल मटोल से कर दिया गया। शिकायती पत्र के अनुसार कोई भी कार्यवाही नहीं की गई। उन्होंने अपनी शिकायत पर दोबारा गम्भीरतापूर्वक विचार करते हुए तत्काल इस पूरे प्रकरण की जॉच कराई जाने की मांग की है। साथ ही दोषी अधिकारियों के खिलाफ सीएम से सख्त कार्रवाई की मांग भी की है।


सुमंगला योजना के लिए करें आवेदन

मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का लाभ उठाने के लिए करें आवेदन।


गौतमबुद्धनगर। जिलाधिकारी गौतम बुद्ध नगर बीएन सिंह ने समस्त जनपद वासियों का आह्वान करते हुए कहा है कि प्रदेश सरकार के माननीय मुख्यमंत्री जी के द्वारा कन्याभ्रूण हत्या को रोकने, समान लैंगिक अनुपात स्थापित करने, बालिकाओं के स्वास्थ व शिक्षा को प्रोत्साहन देने, बाल विवाह रोकने एवं उन्हें स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का शुभारंभ किया गया है। उक्त योजना छः चरणों में लागू की गयी है, इसमें बालिका के जन्म होने पर 2 हजार रूपये, बालिका के एक वर्ष के पूर्ण टीकाकरण के उपरान्त 1 हजार रूपये,  कक्षा प्रथम में प्रवेश के उपरान्त 2 हजार रूपये, बालिका के कक्षा छः में प्रवेश उपरान्त 2 हजार रूपये, कक्षा नौ में प्रवेश के उपरान्त 3 हजार रूपये तथा बालिका के कक्षा 12 वी उत्तीर्ण करके स्नात्तक,डिग्री या दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश करने पर 5 हजार रूपये एक मुश्त प्रदान किये जायेंगे। लाभार्थी को योजना के तहत देय धनराशि पीएफएमएस के माध्यम से उनके बैंक खाते सीबीएस में हस्तांतरित की जायेगी। उक्त योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन पत्र आॅनलाइन एवं आॅफलाइन भरा जा सकता है। आॅफलाइन माध्यम से आवेदन पत्र खण्ड विकास अधिकारी,उप जिलाधिकारी, जिला प्रोबेशन अधिकारी के कार्यालय में जमा किया जा सकता है तथा आॅनलाइन आवेदन के लिए mksy.up.govt.in पोर्टल पर जाकर कर सकते है। योजना के सम्बन्ध में अधिक जानकारी के लिए जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय पुराना कोर्ट प्रथम तल, फेस-2 नोएडा से सम्पर्क करके प्राप्त कर सकते है। जिला सूचना अधिकारी गौतमबुद्धनगर।


उत्तराखंड: कुल 80327 लोगों ने पंजीकरण कराया

उत्तराखंड: कुल 80327 लोगों ने पंजीकरण कराया पंकज कपूर  ऋषिकेश। चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण शुक्रवार को भी दुश्वारियों भरा रहा। दिन भर में क...