रविवार, 8 सितंबर 2019

हजारों 'नगमे' जो अमर हो गए

खनकती हुई आवाज़ की मलिका आशा भोसले का आज जन्मदिन पर विशेष
शेख नसीम


भोपाल। अपनी मदमस्त और खनकती हुई आवाज़ के ज़रिए करोड़ो लोगो को अपने गीतों से दीवाना बनाने वाली मशहूर प्लेबैक सिंगर आशा भोसले का आज जन्म दिन हैं। गायिका आशा भोसले का जन्म महाराष्ट्र के सांगली में 8 सितंबर 1933 को हुआ था आशाजी के परिवार में पिता दीना नाथ मंगेशकर एक गायक थे इसके अलावा माँ बड़ी बहन लता मंगेशकर,मीना मंगेशकर, उषा मंगेशकर और भाई हृदयनाथ मंगेशकर थे आशाजी को उनके पिता ने बचपन से ही संगीत की शिक्षा दिलाई थी 9 वर्ष की उम्र में ही आशाजी के सरसे पिता का साया उठ गया था और घर का खर्च चलाने की ज़िम्मेदारी लता जी और आशाजी दोनों पर कम उम्र पर ही आ गई थी मंगेशकर परिवार सांगली से मुंबई आ गया जहाँ लता मंगेशकर फिल्मो में गीत गाने के अलावा अभिनय करने लगी थी। आशा भोसले को फिल्मी दुनिया मे पहला ब्रेक 1948 में फ़िल्म चुनरिया के गीत सावन आया से मिला। शुरू में आशाजी को बी ग्रेड और सी ग्रेड फिल्मो के गीत ही गाने को मिलते थे ए ग्रेड फिल्मो के गाने उनकी बड़ी बहन लता मंगेशकर गाती थी लेकिन 1957 की फ़िल्म नया दौर आशाजी के फिल्मी कैरियर में एक नया दौर लेकर आई जिसके सभी गाने ज़बरदस्त हिट हुए रफी साहब के साथ गए उनके गीत हर एक संगीत प्रेमियों की ज़बान पर थे चाहे वो मांग के साथ तुम्हारा हो या उड़े जब जब जुल्फे तेरी हो या साथी हाथ बढ़ाना हो इन गीतों की मधुरता और लोकप्रियता ने आशा भोसले को लता मंगेशकर का सबसे बड़ा प्रतिद्वंदी बना दिया था नया दौर निर्देशक बी आर चौपड़ा की पहली फ़िल्म थी जिसके नायक थे महान अभिनेता दिलीप कुमार।


इसके बाद आशा जी बीआर चोपड़ा की हर फिल्म में गीत गाने वाली स्थाई गायिका बन गई थी धूल का फूल,वक्त,हमराज,आदमी और इंसान,द बर्निंग ट्रेन,तवायफ आदि फिल्मो में आशाजी के गाए हुए नगमों ने भारतीय सिने जगत में धूम मचा दी थी। संगीतकार ओ पी नैयर ने आशा जी की आवाज़ का बेहतरीन उपयोग करते हुए आशाजी को एक अलग ही स्टाइल दिया था बाद में संगीतकार आरडी बर्मन ने भी आशाजी की आवाज़ का बहुत ही सुंदर तरीके से इस्तेमाल करके एक अलग ही पहचान दी। ओ पी नैयर के साथ आशाजी ने नया दौर, एक मुसाफिर एक हसीना,तुमसा नही देखा,कश्मीर की कली,हमसाया,आदि फिल्मो के गीतों में एक अल्हड़पन भरे नगमे जिन्होंने भारतीय संगीत प्रेमियों को उदासियों से निकाल कर संगीत के समंदर में गोते लगाने को मजबूर कर दिया था


*आशा भोसले को मिले अवार्ड।* आशा भोसले ने अपने जीवन मे करीब 16000 से ज्यादा गीत गाए इनमे हिंदी के अलावा मराठी,गुजराती,तमिल,मलयालम,भोजपुरी,पंजाबी,अंग्रेजी और रूसी ज़बान में गाए गीत शामिल हैं आशाजी को 7 बार सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म फेयर अवार्ड से नवाजा गया था। पहला फ़िल्म फेयर अवार्ड 1968 में आई फ़िल्म दस लाख के गीत,गरीबो की सुनो वो तुम्हारी सुनेगा के लिए मिला था
दूसरा फ़िल्म शिकार के गीत पर्दे में रहने दो पर्दा न उठाओ के लिए मिला था जो 1969 में रिलीज हुई थी तीसरा अवार्ड 1972 में आई फ़िल्म कारवाँ के गीत पिया तू अब तो आजा के लिए मिला था चौथा अवार्ड फ़िल्म हरे रामा हरे कृष्णा के गीत दम मारो दम के लिए मिला था जो 1973 में आई थी पांचवा अवार्ड 1974 में आई फ़िल्म नैना के गीत होने लगी हैं रात के लिए मिला था छठा फ़िल्म फेयर अवार्ड 1975 में आई फ़िल्म प्राण जाए पर वचन न जाए के गीत चेन से हमको कभी के लिए मिला था आखरी और कुल सातवाँ फ़िल्म फेयर अवार्ड 1979 में आई चर्चित फिल्म डॉन के गीत ये मेरा दिल प्यार का दीवाना के लिए मिला था इसके अलावा आशा भोसले को दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका हैं ये फिल्में थी उमराव जान और इजाजत।
1981 में रेखा अभिनीत फिल्म के ग़ज़लों ने तो जैसे तहलका ही मचा दिया था ख़य्याम के संगीत से सजी गज़ले और गीतों ने तो आशा जी के फिल्मी कैरियर में चार चांद लगा दिए थे दिल चीज़ क्या हैं आप मेरी जान लीजिए के लिए आशाजी को पहला नेशनल अवार्ड दिया गया था इसके अलावा फिल्म इजाज़त के गीत मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास के लिए दूसरा राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया था 1989 में मध्य प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय लता मंगेशकर अवार्ड आशा भोसले को उनके गए गीतों के लिए प्रदान किया था 1999 में महाराष्ट्र सरकार ने भी लता मंगेशकर अवार्ड आशाजी को दिया था 2001 में आशाजी को उनके योगदान के लिए फ़िल्म फेयर लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा था। आशा भोसले को इतना आदर,सम्मान प्रसिध्दि,शोहरत,पैसा मिलने के बाद भी आशा जी ने कभी घमंड नही किया और आज भी उनके गए मधुर और मदमस्त गीत एक अलग ही मस्तिक में ऊर्जा का संचार करते हैं आशा जी आज 86 वर्ष की हो गई हैं गाना कम कर दिया हैं लेकिन आज भी रियलिटी शो में बतौर जज नज़र आती रहती हैं। आशा जी ने अपने फिल्मी कैरियर में हर बड़े संगीतकार और गायको के साथ काम किया हैं। जैसे की ओपी नैयर,ख़य्याम,लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल,कल्याणजी-आनंजी,नोशाद,शंकर-जयकिशन,आरडी बर्मन, एसडी बर्मन,रवि,ऐ आर रहमान आदि संगीतकारों के साथ मिलकर एक से बढ़ कर एक नायाब नगमे भारतीय संगीत को दिए।


*आशा भोसले के गाए कुछ यादगार गीत।* 
वो हसीन दर्द दे दो जिसे में गले
मांग के साथ तुम्हारा
हम तेरे बिन जी न सकेंगे सनम
जाइये आप कहा जाएंगे
उड़े जब जब जुल्फे तेरी
जब चली ठंडी हवा
कौन आया की निग़ाहों में चमक
आगे भी जाने न तू
दिन हैं बहार के तेरे मेरे इकरार के
नील गगन पर उड़ते बादल आ
खत लिख दे साँवरिया के नाम
पिया तू अब तो आजा
ओ मेरे सोना रे
ओ हसीना जुल्फों वाली
आजा आजा में हूँ प्यार तेरा
इन आँखों की मस्ती के मस्ताने
दिल चीज़ क्या हैं 
याही रे याही रे जोर लगाके
ज़रा सा झूम लू में
मेरा सनम सबसे प्यारा हैं
अगर ज़िन्दगी हो तेरे संग हो
हम लाख छुपाए प्यार मगर
मिलने की तुम कोशिश करना
प्यार हमारा अमर रहेगा
ये मेरा दिल प्यार का दीवाना
और जवानी जानेमन हसीन दिलरुबा जैसे कई हज़ारो नगमे हैं जो आशाजी की आवाज़ पाकर अमर हो गए। आज आशाजी के जन्म दिन पर हम ईश्वर से उनके स्वस्थ और उज्ज्वल जीवन की कामना करते हैं और आशाजी ऐसे सदैव ही हँसती ,मुस्कुराती रहे और आगे भी अपनी आवाज़ के ज़रिए अपने गीतों की मिठास घोलती रहे।


शरीर के मूल बीज का घटक 'धातु'

धातु' शब्द सभी शास्त्रों में अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। धातु शब्द की व्युत्पत्ति 'धा' धातु में 'तुन्' प्रत्यय लगाने से हुआ है। व्याकरण में 'धातु' का अर्थ है - 'जिससे शब्द निष्पन्न होता है'। महर्षि पाणिनि ने लगभग दो हजार धतुओं का उल्लेख किया है। भाषा का मूल बीज 'धातु' है। आयुर्वेद में वात-पित्त-कफ को 'धातु' कहा गया है, जिससे समस्त जीव-शरीर का निर्माण हुआ है। आयुर्वेद में प्रयुक्त धतु को देखा नहीं जा सकता, परन्तु इनमें से किसी एक में भी विकार होते ही उसे हम अनुभव करते हैं। मनुष्य के शरीर मे 'ओज' को 'धातु' की संज्ञा दी गई है। यह शरीर के मूल बीज का घटक है जिन्हें हम सत्त्व-रज-तम भी कहते हैं। इन्हें भी नहीं देखा जा सकता परन्तु आचरण आदि में किसी एक गुण का विकास होता है इसी प्रकार वीणा की वादन क्रिया में प्रयुक्त समस्त युक्तियों का सार 'धातु' है। प्रबन्ध के अवयव को भी धातु कहा गया है।


शास्त्रीय संगीत के सन्दर्भ में 'धातु' विभिन्न विशेष अर्थों में प्रयुक्त हुआ है जैसे प्रबन्ध का अवयव धातु, विविध वादनों में प्रयुक्त धातु, वाग्गेयकार के संदर्भ में धातु, वाचिक अभिनय के संदर्भ में धातु आदि।


धातु शब्द 'धा' में 'तुन्' प्रत्यय जोड़ने से बना है। यह शब्द कई अर्थों में प्रयुक्त होता है-


धातु (खनिज): आधुनिक रसायन विज्ञान की परिभाषा के अनुसार धातु उस खनिज पदार्थ को कहते हैं जो चमकीला तो हो, परन्तु पारदर्शी न हो, जिसमें ताप, विद्युत आदि का संचार होता हो, जो कूटने, खींचने पीटने आदि पर बढ़ सके अर्थात् जिसके तार और पत्तर बन सके। खानों में ये धातुएँ अपने विशुद्ध रूप में नहीं निकलती, बल्कि उनमें अनेक दूसरे तत्त्व भी मिले रहते हैं। उन मिश्रित रूपों को साफ करने पर धातुएँ अपने बिलकुल शुद्ध रूप में आती हैं।
धातु (आयुर्वेद) : शरीर को धारण करने या बनाये रखनेवाले तत्त्व जिनकी संख्या वैद्यक में ७ कही गई है। यथा—रस, रक्त, मांस, भेद, अस्थि, मज्जा और शुक्र। कहा गया है कि जो कुछ हम खाते-पीते हैं, उन सबसे क्रमात् उक्त सात धातुएँ बनती हैं, जिनसे हमारा शरीर बनता है।
धातु (संस्कृत के क्रिया शब्द) : संस्कृत व्याकरण में, क्रियाओं के वे मूल रूप जिससे उनके भिन्न-भिन्न विकारी रूप बनते हैं। जैसे — अस्, कृ, घृ, भू आदि।
इसके अतिरिक्त स्तूप को भी धातु कहते हैं। गौतम बुद्ध अथवा अन्य बौद्ध महापुरुषों की अस्थियाँ भी 'धातु' कहलाती हैं जिनको उनके अनुयायी डिब्बों में बन्द करके स्मारक रूप में स्थापित करते थे।


यमाचार्य नचिकेता वार्ता (धर्मवाद)

गतांक से...
मेरे प्यारे, मुझे वह काल स्‍मरण आता रहता है कि जब मेरी प्यारी माता अनुसंधान करती रहती है। मुझे वह काल स्मारण है। जब वह मेरी प्यारी माता यज्ञ कर रही है। और जब वह करती है तो उसका यह कैसा भाव है। उसका कोई व्रत करने वाला हो, अनुसंधान करने वाला हो, तो ब्रह्म लोक को प्राप्त हो जाती है। मेरी प्यारी मां, हे मां, तू वास्तव में जीवन को उदबुध करने वाली है। प्रकाश मे ले जाने वाली, ममत्व को धारण करती हुई। तू शरीर की अग्नि को उद्धत करने वाली है वही अग्नि उदबध हो करके अमृत में प्रवेश हो जाती है। अमृत में उसका परिवर्तन हो जाता है। वह माता का कितना व्यापक धर्म है और उस धर्म को जो अपना लेता है। वह कर्तव्यवाद की विधि पर विराजमान हो करके अपने जीवन को उधरवा गती में ले जाता है, महान बना लेता है। आज मनियरो देखो विशाल या विशेष चर्चा तुम्हें प्रकट करने नहीं आया हूं ।आज हम संस्कृतिक परिचय देने आए हैं और वह परिचय क्या है कि वैदिक ऋषियों ने नाना रूपों में इस संसार की कल्पना की है। इस संसार को याज्ञिक पुरुषों ने यज्ञ में ही माना है। परंतु देखो यज्ञ में जिस भी वाक को लेना प्रारंभ करोगे वही वाक अनंत में तुम्हें दृष्टिपात आता रहेगा। प्रत्येक मानव विज्ञान के युग में प्रवेश करना चाहता है। वैज्ञानिक बनना चाहता है मेरे प्यारे महानंद जी मुझे नाना प्रकार की प्रेरणा देते रहते हैं। परमाणु वाद की विचारधारा पर ले जाना चाहते हैं। परंतु आज से हमने बहुत पुरातन काल में निर्णय देते हुए कहा था कि संसार में मानव को अपने जीवन में शक्ति को उत्पन्न करना है। वह शक्ति जो अभ्यास गति बनकर ओजस्वी-वर्षोंचोसी  बनकर के मानव जीवन को महान बना देता है अर्थात पवित्र बना देता है। जिस पवित्रता का स्वरूप मानवीय जीवन में एक आभा बन करके रहता है अथवा विचित्र बनके रहता है। आज मैं तुम्हें एक ऋषि के आश्रम में ले जाना चाहता हूं। एक समय का वाक है ।मुनिवर, देखो ऋषि ब्रेनकेतु महाराज थे। ब्रेनकेतु महाराज जो दद्दड गौत्रीय कहलाते थे। परंतु देखो उनका जो संस्कार हुआ वह शांडिल्य गोत्र में हुआ। उनका संस्कार जब शांडिल्य गोत्र में हुआ तो वह नित्य प्रति यज्ञ करते थे। कैसा यज्ञ करते थे। मुनिमरो, लाना साकल्‍य भयंकर वनों से एकत्रित करते रहते और यज्ञ करते रहते थे। वह विश्व ब्रह्मांड को इस वायुमंडल को पवित्र बनाते रहते थे। यह कहा करते थे कि सुगंधी देना ही हमारा कर्तव्य सुगंधी में लाना ही हमारा कर्तव्य है। इसलिए संसार में प्रत्येक मानव को सुगंधी को लाना है। वह सुगंधी यज्ञ के द्वारा आती है। वह विचारों के द्वारा आती है। राष्ट्र के द्वारा भी आती है। जिसमें मुनि वह सुगंधी होती रहती है और सुगंधी कैसी होती रहती है। मैंने बहुत पुरातन काल में तुम्हें निर्णय देते हुए देखा था कि वह राजा सुगंधी सुगंधी की स्थापना करता है। जिस राजा का जीवन चरित्र होता है चरित्र जीवन होता है। पांडित्य को लेकर के अपने राष्ट्र को ऊंचा बनाता है मुझे स्‍मरण आता रहता है। जब महाराज जानवी अपने आसन पर विद्यमान है। परंतु देखो ब्राह्मण समाज यह उच्चारण करता है ।चलो राजा जानवी महाराज जानवी के आश्रम को जाना है। वेद के जिज्ञासु राजा जानवी के द्वार पर पहुंचते हैं। जानवी राजा मनु वंश में उत्पन्न हुआ। महाराज जानवी के उस समय जब नाना ब्राह्मण पहुंचे तो ब्राह्मणों ने विचारा ऋषियो ने की हम इसको मन ही मन में प्रणाम कर लेते हैं। हम मन ही मन में नमस्कार कर लेते हैं। परंतु जब तक हमें यह प्रतीत न हो कि यह राजा ब्रह्मज्ञानी है अथवा नहीं है। तो उनमें से एक ब्राह्मण की चुनौती हुई। ब्राह्मण को निर्वासत किया और यह कहा कि तुम इस राजा के राजा से यह प्रश्न करो और राजा इसका क्या उत्तर देगा और उसके मस्तिष्क को दृष्टिपात करो। वह ब्रह्म ज्ञानी ब्रह्मवेता है या नहीं। मुनिवरो, कहा जाता है कि उनमें से महाराजा वरुण ने, ॠषि वरूण ने ऋषि गौतम के पिता ने महाराज जानवी के मस्तिष्क को दृष्टिपात करके यह कहा कि महाराज तुम जो प्रातकाल यज्ञ करते हो। वह कितनी समिधा से करते हो? मुनिवर देखो, उस समय महाराज जानवी कहते हैं कि जो यज्ञ प्रातः काल में तीन प्रकार की समिधा थी। मैं 3 संमिधाओ में मैं यज्ञ करता हूं। वह 3 समिधा क्या है। महाराज जानवी कहते हैं कि तीन जो समिधा है वह 3 समिधाए जिसमें अग्नि अग्‍न्‍याधान करता हूं, अग्नि को प्रदीप्त करता हूं, वह तीन प्रकार की समिधा मेरे यहां ज्ञान,कर्म और उपासना कहलाई जाती है। वाह रे राजा, जानवी क्या उत्तर देते हैं ऋषियो मैं अपने हृदय में उन आग्‍नियों को उद्‍धत कर रहा हूं और प्रातकाल में उदबुद करता हूं। यज्ञ करता रहता हूं उसी क्रम में जगत में यज्ञ करता हूं। 3 समिधा उसे यज्ञ करता हूं । 3 समिधा क्या है ज्ञान कर्म और उपासना के ऊपर चिंतन प्रारंभ रहता है।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
september 09, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254
1.अंक-37 (साल-01)
2.रविवार,09सितबंर 2019
3.शक-1941,भादप्रद शुक्‍लपक्ष एकादशी ,विक्रमी संवत 2076
4. सूर्योदय प्रातः 5:57,सूर्यास्त 6:43
5.न्‍यूनतम तापमान -26 डी.सै.,अधिकतम-34+ डी.सै., हवा की गति धीमी रहेगी, उमस बनी रहेगी।
6. समाचार पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है! सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


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शनिवार, 7 सितंबर 2019

जश्न नहीं, भरोसा बनाए सरकार: प्रियंका

नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि अपने दूसरे कार्यकाल के सौ दिन पूरा होने पर जश्न मनाने की तैयारी कर रही भारतीय जनता पार्टी सरकार को आर्थिक हकीकत पर पर्दा डालने की बजाय अर्थव्यवस्था में भरोसा बनाने के लिए काम करना चाहिए। वाड्रा नेे शनिवार को ट्वीट किया, “भाजपा सरकार सौ दिन का जश्न मनाने जा रही है। लेकिन ऑटो सेक्टर, ट्रांसपोर्ट सेक्टर, माइनिंग सेक्टर को तो ये जश्न बर्बादी के जश्न जैसा लगेगा। हर सेक्टर से एक के बाद एक प्लांट बंद होने और नौकरियाँ जाने की खबर आ रही हैं। वक़्त जश्न मनाने की बजाय अर्थव्यवस्था में भरोसा बनाने का है। क्या सरकार के पास ये सच स्वीकारने का साहस है?” इसके साथ ही उन्होंने एक न्यूज चैनल में चल रही खबर का वीडियो भी पोस्ट किया है जिसमें कहा जा रहा है कि सरकारी आंकडों के अनुसार सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर लगातार घट रही है। देश सबसे बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा है। ऑटो सेक्टर में आ रही भारी गिरावट के कारण बंद करने पड़ रहे हैं प्लांट।


उत्पीड़न के खिलाफ सपा का प्रदर्शन

बहराईच। थाना रामगांव के अंतर्गत जमापुर में पांच दिन पहले बच्चा चोरी की अफवाह को लेकर पकड़े गए युवक को ग्रामीणों ने पुलिस को बुलाकर सौप दिया था। युवक को थाने ले जाने के दौरान बच्चों ने हुल्लड़बाजी शुरू कर दी। ईस दौरान पुलिस टीम के साथ आये कुछ नशेड़ी पुलिसकर्मियों ने बच्चों की पिटाई शुरू कर दी ।
घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव किया । मौके से रवाना हुई पुलिस एक घंटे बाद सात गाड़ियों में भरकर गांव में पहुंची और घरों का दरवाजा तोड़कर घरों में घुस गई। पुलिस ने महिलाओं, पुरुषो और बच्चों को पर जमकर पीटा। पिटाई में 25 महिलाओ को चोट आई थी। जिसको लेकर महिलाओ ने एस पी से न्याय की गुहार लगाई थी। लेकिन एस पी ने दोषी पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज कराने की जगह सैकड़ो ग्रामीणों पर मारपीट मुकदमा लिखवा दिया था। पुलिस कक इकतरफा कार्यवाई को लेकर अब ये मामला राजनैतिक तूल पकड़ रहा है।
समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक रामतेज यादव, अपने सैकड़ो समर्थक लेकर ग्रामीणों को न्याय दिलाने और महिलाओ से मारपीट के सम्बंध में दोषी पुलिस वालों पर मुकदमा लिखाने के लिए रिक्शे पर बैठकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुँचे। सपाईयों ने डीएम कार्यालय के बाहर सरकार विरोधी नारे लगाए। मुख्यमंत्री व राज्यपाल के नाम से संबोधित एक ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट जयप्रकाश को सौंपा। और दोषी पुलिस वालों के खिलाफ एफ आई आर कराने की माग की।


व्यापारियों का सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

बिजली, पेट्रोल, डीजल में कई गई वृद्धि तत्काल वापस ली जाए । पंकज वर्मा सर्राफ
 
शाहजहांपुर। उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मण्डल ने बिजली दरों व मोटर एक्ट व्हीकल एक्ट में बढ़ोतरी के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। शुक्रवार को जिलाध्यक्ष पंकज वर्मा सर्राफ़ के नेतृत्व में दर्जनों संगठन से जुड़े व्यापारी सुबह 11 बजे जुलूस की शक्ल में एकत्र हुए और नारेबाजी करते हुए प्रदेश सरकार द्वारा बिजली की दरों में की गई 12 प्रतिशत की बृद्धि व मोटर व्हीकल एक्ट में हजारों रुपये के चालान लागू करने के विरोध में कलेक्ट्रेट गेट पर दोनों समस्याओं को लेकर प्रतियां जलाकर विरोध प्रदर्शन किया। एवं नारेबाजी करते हुए राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन नगर मजिस्ट्रेट को सौंपा।
इस मौके पर पंकज वर्मा सर्राफ ने ज्ञापन के माध्यम से बताया कि देश व प्रदेश में आम नागरिक मंदी की मार से जूझ रहा है ऊपर से सरकार लगातार पेट्रोल, डीजल, बिजली दरों में बढ़ोतरी करके बोझ बड़ा रही है।
जिससे आम जन मानस पर दोहरी मार पड़ रही है। वर्तमान समय मे व्यापारी, किसान, आम नागरिक मंदी की मार से जूझ रहा है अगर समय रहते पेट्रोल, बिजली, मोटर व्हीकल एक्ट में जुर्माने में की गई बढ़ोतरी वापास नही हुई तो संगठन प्रदेश स्तर पर आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा।
उन्होंने सरकार द्वारा की गई बृद्धि को जनहित में तत्काल वापस लिए जाने की मांग की। इस मौके पर तिलक राज भोला, रमेश शुक्ला, शकील अहमद, जितेन्द्र नाथ शुक्ला, अजय मोहन शुक्ला, ओमबाबू सर्राफ, हाजी अली हसन, दीपू रस्तोगी, अन्नू वर्मा, बाल कृष्ण रस्तोगी, अनवार खान, संतोष पाल, कपिल अग्रवाल, सुनील रस्तोगी, ऋषि शर्मा, राजीव सिंह, फकरुद्दीन, मोहम्मद साजिद, पौरुष रस्तोगी, आकिल, रमाकांत वर्मा, गोविंद राठौर, महेश सोलंकी आदि लोग मौजूद रहे।


रोजगार मेले में 139 अभ्यर्थी चयनित

रायबरेली। जिला सेवायोजन कार्यालय रायबरेली में एक दिवसीय रोजगार मेला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुकेश सिन्हा कन्ट्री लाइजनिंग आफिसर बैंक आफ बडौदा यू0ए0ई0 द्वारा किया गया उन्होने अभ्यर्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि अवसर को पहचान युवावस्था की सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। अच्छी बात यह है कि आप अवसर को पहचानने की प्रतिबद्वता के साथ यहां आये है। यकीन यहॉ मिल रहा एक छोटा सा अवसर आप के भविष्य को आपके सपनों के अनुरुप मूर्तरुप देगा। जिला सेवायोजन अधिकारी डी0पी0 सिंह ने रोजगार मेलों के निरन्तर आयोजन की प्रतिबद्वता के दोहराते हुए युवाओं को अपने अभिरुचि के अनुरुप कॅरियर चुनने का सुझाव दिया। उन्होने कहा कि नियोजकों से संवाद करें, सेवा शर्तो के बारे में पता करें। उसी नियोजक के यहॉ सेवा का चयन करें, जिससे आपके सपने साकार हो सके। कम्पनी प्रतिनिधि हरिओम, फिरोज आलम, सुनील गुप्ता, राघवेन्द्र सिंह, द्वारा अपने कम्पनी की सेवा शर्तो के बारे मे जानकारी दी गयी।
मेले में 04 कम्पनियों द्वारा साक्षात्कार की प्रक्रिया पूर्ण की गयी जिसमें 504 अभ्यर्थियों ने प्रतिभाग किया। विभिन्न पदों हेतु कुल 136 .अभ्यर्थियों को चयनित किया गया। वेल्सपन इण्डिया गुजरात,ं द्वारा 70 ट्रेनीज आपरेटर, जय शक्ति बायो टेक्नोलॉजी प्रा0लि0 कानपुर द्वारा 16 सेल्समैन, ए0एन0आई0 टेक्नोलॉजी प्रा0लि0 लखनऊ द्वारा 26 ओला बाइक राइडर, कैथ्ेरो टेक्नोलॉजी प्रा0लि0 द्वारा 24 डिलवरी पर्टनर, पद पर अभ्यर्थियों को चयनित किया गया।
डी0पी0सिंह जिला सेवायोजन अधिकारी द्वारा कम्पनी प्रतिनिधियों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया। मंच संचालन श्री सतंलाल पाल द्वारा किया गया। कार्यालय के रामसेवक, रवीन्द्रकुमार सोनकर, गुलरेज सुहेल, रामगुंलाम भारतीय, हाशिमी वारिस, सुरेश कुमार द्वारा मेले के आयोजन में सहयोग प्रदान किया गया।


चलती होंडा सिटी कार में लगी आग

ओवर हीट से होंडा सिटी कार में लगी आग से खाक हो गई कार, कार सवार ने कार से कूद कर अपनी जान बचाई।   विक्रम
गौतमबुध नगर। नोएडा के अग्रसेन मार्ग पर बने एलिवेटेड रोड पर इस्कॉन मंदिर के पास चलती हुई होंडा सिटी कार के ओवर हीट होने कारण आग लग गई। गाड़ी में लगी आग को देख कार को चला रहा शख्स कार को रोक कर कूद कर बाहर आ गया जिससे उनकी जान बच गई, कार चालक ने कार में लगी आग को बुझाने की काफी कोशिश की कार में लगी आग भड़कती चली गई जिससे कार जल कर खाक हो गई। वहां से गुजर रहे लोगो इसकी सूचना पुलिस कंट्रोल रूम में दी और आग को बुझाने की कोशिश की और फायर ब्रिगेड को फोन किया मौके पर पहुंची दमकल की गाडी ने आग पर काबू पाया लेकिन तब तक गाडी जल कर खाक हो गई थी। कार में लगी आग के कारण एलिवेटेड रोड पर ट्रैफिक काफी देर तक बाधित रहा।
एलिवेटेड रोड पर धू-धू कर जलती होंडा सिटी कार की तस्वीर काफी भयावह है। दमकल की गाडी ने आग पर काबू पाया, तब तक गाडी जल कर खाक हो गई थी। कार को चला रहे नरेंद्रर का कहना है की वह मैकेनिक है और कार में ओवर हीट की प्रोब्लम होने के कारण उसे ठीक करने के लिए सैक्टर 16 लेकर जा रहा था जब गाड़ी को ठंडा करने के लिए पानी भी डाल रहा था। लेकिन जब कार इस्कॉन मंदिर से कुछ दूरी पर थी तभी कार में आग लग गयी। उसने फौरन कार से बाहर आ गया और आग बुझाने की कोशिश करने लगा लेकिन आग भड़कती चली गई और पूरी कार को अपनी चपेट में ले लिया।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार वहां से गुजर रहे लोगो इसकी सूचना पुलिस कंट्रोल रूम में दी और आग को बुझाने की कोशिश की और फायर ब्रिगेड को फोन किया मौके पर पहुंची दमकल की गाडी ने आग पर काबू पाया लेकिन तब तक गाडी जल कर खाक हो गई थी। कार में लगी आग के कारण एलिवेटेड रोड पर ट्रैफिक काफी देर तक बाधित रहा।


तुरंत चालान के विरुद्ध भी है प्रावधान

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट विनय कुमार गर्ग और एडवोकेट रोहित श्रीवास्तव ने बताया कि सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स के नियम 139 में प्रावधान किया गया है कि वाहन चालक को दस्तावेजों को पेश करने के लिए 15 दिन का समय दिया जाएगा। ट्रैफिक पुलिस तत्काल उसका चालान नहीं काट सकती है।
डीएल-आरसी नहीं दिखाने पर तत्काल चालान नहीं काट सकती ट्रैफिक पुलिस, ये है कानून नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद से वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टीफिकेट (आरसी), इंश्योरेंस सर्टीफिकेट, पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस और परमिट सर्टिफिकेट तत्काल नहीं दिखाने पर ताबड़तोड़ चालान करने की खबरें आ रही हैं। हालांकि सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स के मुताबिक अगर आप ट्रैफिक पुलिस को मांगने पर फौरन रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी), इंश्योरेंस सर्टिफिकेट, पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) और परमिट सर्टिफिकेट नहीं दिखाते हैं, तो यह जुर्म नहीं है।


सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट विनय कुमार गर्ग और एडवोकेट रोहित श्रीवास्तव ने बताया कि सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स के नियम 139 में प्रावधान किया गया है कि वाहन चालक को दस्तावेजों को पेश करने के लिए 15 दिन का समय दिया जाएगा। ट्रैफिक पुलिस तत्काल उसका चालान नहीं काट सकती है। इसका मतलब यह हुआ कि अगर चालक 15 दिन के अंदर इन दस्तावेजों को दिखाने का दावा करता है, तो ट्रैफिक पुलिस या आरटीओ अधिकारी वाहन का चालान नहीं काटेंगे। इसके बाद चालक को 15 दिन के अंदर इन दस्तावेजों को संबंधित ट्रैफिक पुलिस या अधिकारी को दिखाना होगा।
एडवोकेट श्रीवास्तव ने यह भी बताया कि मोटर व्हीकल एक्ट 2019 की धारा 158 के तहत एक्सीडेंट होने या किसी विशेष मामलों में इन दस्तावेजों को दिखाने का समय 7 दिन का होता है। इसके अलावा ट्रैफिक कानून के जानकार लॉ प्रोफेसर डॉ राजेश दुबे का कहना है कि अगर ट्रैफिक पुलिस आरसी, डीएल, इंश्योरेंस सर्टीफिकेट, पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस और परमिट सर्टिफिकेट तत्काल नहीं दिखाने पर चालान काटती है, तो चालक के पास कोर्ट में इसको खारिज कराने का विकल्प रहता है।
सीनियर एडवोकेट गर्ग का कहना है कि अगर ट्रैफिक पुलिस गैर कानूनी तरीके चालान काटती है, तो इसका मतलब यह कतई नहीं होता है कि चालक को चालान भरना ही पड़ेगा। ट्रैफिक पुलिस का चालान कोई कोर्ट का आदेश नहीं हैं। इसको कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। अगर कोर्ट को लगता है कि चालक के पास सभी दस्तावेज हैं और उसको इन दस्तावेजों को पेश करने के लिए 15 दिन का समय नहीं दिया गया, तो वह जुर्माना माफ कर सकता है।
एडवोकेट रोहित श्रीवास्तव ने बताया कि चालान में एक विटनेस के साइन होना भी जरूरी है। कोर्ट में मामले के समरी ट्रायल के दौरान ट्रैफिक पुलिस को विटनेस पेश करना होता है. अगर पुलिस विटनेस पेश नहीं कर पाती है, तो कोर्ट चालान माफ कर सकती है। उन्होंने बताया कि ज्यादातर मामलों में पुलिस विटनेस पेश नहीं कर पाती है और इसका फायदा चालक को मिलता है।


धर्मेंद्र करेगें सऊदी अरब,यूएई,कतर की यात्रा

नई दिल्ली। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा इस्‍पात मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान आज यानी 7 सितंबर से 12 दिसंबर तक अपनी सऊदी अरब, यूएई और कतर की यात्रा पर जाएंगे। उनके साथ एक व्‍यापार प्रतिनिधिमंडल भी जाएगा। श्री प्रधान तेल एवं प्राकृतिक गैस तथा इस्‍पात क्षेत्रों पर तीनों देशों के समकक्ष मंत्रियों के साथ वार्ता करेंगे और 10 सितंबर को आबुधावी में 8वें एशियाई मंत्रिस्‍तरीय ऊर्जा गोलमेज (एएमईआर) बैठक में भी भाग लेंगे। भारत यूएई के साथ इस बैठक का संयुक्‍त आयोजक है। भारत 2021 में 9वें ऊर्जा गोलमेज सम्‍मेलन का आयोजन करेगा। सबसे पहले सऊदी अरब में श्री प्रधान ऊर्जा मंत्री श्री खालिद अल-फलीह तथा सऊदी अरब की राष्‍ट्रीय तेल कंपनी, अरामको के वरिष्‍ठ प्रबंधन के साथ बैठक करेंगे।


यूएई की यात्रा के दौरान श्री धर्मेंद्र प्रधान यूएई के ऊर्जा और उद्योग मंत्री श्री सुहेल मोहम्‍मद फराज अल मजरोऊई तथा राज्‍य मंत्री एवं एडनोक ग्रुप के सीईओ डॉ. सुल्‍तान अहमद अल जबेर के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक में हाइड्रोकार्बन और इस्‍पात विषयों पर चर्चा होगी। वही कतर में अपनी यात्रा के दौरान श्री प्रधान कतर के प्रधानमंत्री एवं आंतरिक मंत्री श्री शेख अब्‍दुल्‍लाह बिन नासेर बिन खलीफा अल थानी तथा कतर के ऊर्जा राज्‍य मंत्री श्री साद शेरीदाह अल काबी से भी भेंट करेंगे।


खेल मंत्री ने खिलाड़ियों को बधाई दी

नई दिल्ली। युवा मामलों और खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री किरेन रिजिजू ने कल नई दिल्ली में भारतीय निशानेबाजी टीम के सदस्यों से मुलाकात की, जो हाल ही में रियो डी जनेरियो में संपन्न आईएसएसएफ राइफल और पिस्टल विश्व कप में हिस्सा लेकर लौटे हैं। उन्होंने निशानेबाजों को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई दी। प्रतियोगिता में भारत ने पांच स्वर्ण, दो रजत और दो कांस्य पदक हासिल करके पदक तालिका में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है।


श्री रिजिजू के साथ मुलाकात के दौरान उपस्थित निशानेबाजों में अपूर्वी चंदेला, अंजुम मौद्गिल, इलावेनिल वलारिवन, मनु भाकर, यशस्विनी देसवाल, संजीव राजपूत, अभिषेक वर्मा और दीपक कुमार शामिल थे। इस अवसर पर भारतीय राष्ट्रीय राइफल्स संघ के अध्यक्ष श्री रनिंदर सिंह और कोच जसपाल राणा, पावेल स्मिरनोव तथा ओलेग मिखाइलोव भी उपस्थित थे।निशानेबाजी में भारत का यह शानदार वर्ष रहा है। वर्ष 2019 में सभी आईएसएसएफ सीनियर विश्व कप में भारत ने 16 स्वर्ण, 4 रजत और 2 कांस्य पदक जीते हैं। इन 22 पदकों में से 12 व्यक्तिगत स्पर्धाओं में मिले हैं और 10 मिश्रित टीम स्पर्धाओं में। यह प्रतिस्पर्धाएं 10 मीटर एयर राइफल और 10 मीटर एयर पिस्टल की हैं। भारत ने अब तक टोक्यो 2020 ओलंपिक के लिए निशानेबाजी में नौ कोटा जीते हैं, जिसमें पुरुषों की 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन में संजीव राजपूत और महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल में यशस्विनी देसवाल के साथ रियो विश्व कप में कोटा अर्जित किया है।


भारतीय निशानेबाजी टीम को बधाई देते हुए श्री रिजिजू ने कहा, 'निशानेबाजी में भारतीय दल ने शानदार प्रदर्शन किया है और हम एक मजबूत टीम टोक्यो ओलम्पिक्स में भेजेंगे। इस खेल से भारत को बहुत उम्मीदें हैं।


हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया

हैदराबाद ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला किया  इकबाल अंसारी  हैदराबाद। इंड‍ियन प्रीम‍ियर लीग (IPL) 2024 सीजन में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) और...