बुधवार, 7 अगस्त 2019

कश्मीर के हालात बिगड़ने का इंतजार


कश्मीर के हालात बिगडऩे के इंतजार में है अब्दुल्ला व मुफ्ती का परिवार। 
एनडीटीवी भी दे रहा है हवा। 

इधर लोकसभा का कश्मीर में अनुच्छेद 370 में बदलाव का बिल पास हुआ, उधर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जम्मू कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा खत्म करने के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए। अब जम्मू कश्मीर राज्य केन्द्र शासित होगा और देश का हर कानून जम्मू कश्मीर पर भी लागू होगा। नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार ने 370 में बदलाव की सारी संवैधानिक प्रक्रिया पूरी कर ली और सारा ध्यान जम्मू कश्मीर पर लगा हुआ है। भले ही 7 अगस्त को पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के अंतिम संस्कार में प्रधानमंत्री और गृहमंत्री अमित शाह की व्यस्तता रही हो, लेकिन नजरें कश्मीर पर लगी हुई थीं। सरकार का प्रयास है कि जिस प्रकार संवैधानिक लड़ाई जीती है उसी प्रकार जमीनी लड़ाई भी जीत ली जाए। मोदी सरकार के अधिकांश फैसले चौंकाने वाले होते हैं, इसलिए कश्मीर घाटी की तैयारियों का कोई अंदाजा नहीं हंै। मोटे तौर पर कहा जा सकता है कि घाटी में बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात हैं, इसलिए विरोध सामने नहीं आ रहा है, लेकिन घाटी में बैठे कौन कौन से नेता सरकार के समर्थन में आ जाएंगे, अभी कहा नहीं जा सकता है। सरकार का प्रयास है कि सुरक्षा इंतजमों में ढील देने के बाद भी घाटी में कोई पत्थरबाजी न हो और न ही पाकिस्तान के झंडे लहराए जाएं। लेकिन वहीं अब्दुल्ला और मुफ्ती परिवरों से जुड़े लोग चाहते हैं कि घाटी में हालात बिगड़ें। यदि हालात नहीं बिगड़े तो फिर ऐसे नेताओं का क्या वजूद रहेगा? सब जानते हैं कि कश्मीर में अशांति करवाने में पाकिस्तान का हाथ है, ऐसे में न्यूज चैनल वाले भी खबरों का प्रसारण नहीं कर रहे हैं जो देश को नुकसान पहुंचाती है या फिर कश्मीर के हालात बिगड़ती है। लेकिन विचारों की अभिव्यक्ति और मीडिया की स्वतंत्रता की आड़ में एनडीटीवी के हिन्दू और अंग्रेजी चैनलों पर हवा देने वाली खबरों का प्रसारण हो रहा है। ऐसा प्रतीत होता है कि एनडीटीवी इन दिनों अब्दुल्ला और मुफ्ती परिवारों का प्रवक्ता बना हुआ है। लोकसभा में केन्द्रीय गृहमंत्री अमितशाह ने कहा कि कश्मीर के लिए हम जान भी दे देंगे। लेकिन एनडीटीवी के लिए गृहमंत्री के बयान के बजाए पूर्व सीएम फारुख अब्दुल्ला का बयान ज्यादा मायने रखता है। इसलिए फारुख के उस बयान का बार बार प्रसारण हो रहा है, जिसमें केन्द्र सरकार के खिलाफ जहर उगला गया है। एनडीटीवी ने महबूबा मुफ्ती की बेटी को भी ढूंढ निकाला है। बेटी का आरोप है कि उसे अपनी मां से नहीं मिलने दिया जा रह है। गिरफ्तारी के बाद मां को एक कमरे में रखा गया है। यानि हवा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। यह माना कि एनडीटीवी के मालिकों एवं सम्पादकों की मोदी सरकार से नाराजगी है, लेकिन राष्ट्रहित सबसे पहले होना चाहिए। यदि कश्मीर में हालात बिगड़ते हैं तो इसका असर पूरे देश भर में पड़ेगा। 
एस.पी.मित्तल


सुषमा और स्‍वराज (संपादकीय)


मरते दम तक सत्ता से चिपके रहने वाली नेता नहीं थीं सुषमा स्वराज। 
मृत्यु का आभास था इसलिए लोकसभा का चुनाव भी नहीं लड़ा। 

7 अगस्त को भारत की पूर्व विदेशी मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज का अंतिम संस्कार दिल्ली के लोधी रोड स्थित मोक्षधाम पर किया गया है। 67 वर्षीय सुषमा भाजपा के उन नेताओ मेंं से एक थी जिनका राजनीति में कद मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बड़ा था। मोदी जब गुजरात के सीएम थे, तब सुषमा लोकसभा में प्रतिपक्ष की नेता थी। सुषमा को अटल बिहारी वाजपेयी जैसे दिग्गज नेताओं के साथ काम करने का अवसर मिला। मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर लालकृष्ण आडवानी के मन में कसक हो सकती है, लेकिन सुषमा उन नेताओं में से नहीं थी जो मरते दम तक सत्ता से चिपके रहना चाहती थी। पूरा देश जानता है कि विदेश मंत्री रहते हुए सुषमा ने लोकसभा चुनाव नहीं लडऩे की घोषणा कर दी थी। इसके पीछे उन्हें मृत्यु का आभास होना था। सुषमा की किडनी खराब होने की वजह से उन्हें बार बार इलाज की दरकार रहती थी, लेकिन सुषमा चाहती तो लोकसभा का चुनाव लड़कर मोदी सरकार में फिर से मंत्री बन सकती थी, लेकिन चुनाव न लडऩे का आग्रह सुषमा ने नरेन्द्र मोदी और अमित शाह जैसे नेताओं से कर दिया था। 2014 से 2019 तक सुषमा मध्यप्रदेश के विदिशा संसदीय क्षेत्र की सांसद थी। नरेन्द्र मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने पर चर्चा रही कि सुषमा को गवर्नर बनाया जाएगा। इन्हीं चर्चाओं के बीच पिछले दिनों न्यूज चैनलों पर खबर आई कि सुषमा को मध्यप्रदेश का गवर्नर नियुक्त किया ज रहा है। लेकिन थोड़ी ही देर में स्वयं सुषमा ने इस खबर का खंडन कर दिया। सुषमा चाहती तो बड़ी आसानी से गवर्नर बन सकती थी। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। आमतौर पर सक्रिय राजनीति से अलग होने वाले नेता गवर्नर बन कर मरते दम तक सत्ता का उपभोग करते रहते हैं। भाजपा में भी ऐसे नेता भरे पड़े हैं। लेकिन सुषमा स्वराज भाजपा में अलग तरीके की नेता रही। कहा जाता है कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल नरेन्द्र मोदी ही छाए रहते हैं। लेकिन सब जानते हैं कि विदेश मंत्री रहते हुए सुषमा ने अपनी अलग पहचान बनाई। ट्वीटर पर समस्याओं का समाधान कर देश में लोकप्रियता हासिल की तो विदेशों में शानदार तरीके से भारत का प्रतिनिधित्व किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी सुषमा का सम्मान बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कई देशों की यात्रा के लिए सुषमा को इयर इंडिया का विशेष विमान दिया गया। विदेश मंत्री रहते हुए ही सुषमा ने मुस्लिम राष्ट्रों के सम्मेलन में भी भारत का ऐतिहासिक प्रतिनिधित्व किया। कोई 45 वर्ष के राजनीतिक सफर में सुषमा स्वराज सात बार सांसद और तीन बार विधायक रही। उनका राजनीतिक कद बताता है कि 7 अगस्त को उनके पार्थिव देह पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और तमाम मंत्रियों ने पुष्प चक्र चढ़ाए। इतना ही नहीं कांग्रेस की वरिष्ठ नेता श्रीमती सोनिया गांधी भी उनके निवास पर पहुंची। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब परिजनों से मिल रहे थे, तब उनकी आंखों में आंसू आ गए
एस.पी.मित्तल


चांदना:कांग्रेस की नीति से अलग सोच

राजस्थान के खेल मंत्री अशोक चांदना तो मुख्यमंत्री गहलोत के समर्थक हैं तो फिर मोदी सरकार के फैसले का स्वागत कैसे कर दिया? क्या कांग्रेस की नीति से अलग सोच रखते हैं चांदना।

जयपुर । केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 में बदलाव कर जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने और केन्द्र शासित प्रदेश बनाने का जो फैसला किया है, उस पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि यह फैसला कश्मीरियों पर अत्याचार है। फैसले को राहुल ने देश के लिए घातक बताया, लेकिन वहीं राजस्थान में कांग्रेस सरकार के खेल राज्यमंत्री अशोक चांदना ने मोदी सरकार के फैसले का स्वागत किया है। इसी प्रकार कांग्रेस के विधायक भंवरलाल शर्मा, नागौर की पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा आदि ने भी सरकार के फैसले का समर्थन किया है। विधायक भंवरलाल शर्मा और ज्योति मिर्धा के राजनीतिक कारण हो सकते हैं, लेकिन कांग्रेस सरकार में रहते हुए खेल राज्यमंत्री अशोक चांदना का समर्थन चौंकाने वाला है। सवाल उठता है कि क्या चांदना कांग्रेस और राहुल गांधी की नीति से अलग सोच रखते हैं? यदि ऐसा है तो यह उनकी समझदारी मानी जाएगी क्योंकि आज 370 में बदलाव के फैसले पर पूरा देश मोदी सरकार के साथ खड़ा है। ऐसे में यदि देश हित में चांदना कोई फैसला कर रहे हैं तो स्वागत किया जाना चाहिए। लेकिन सवाल यह भी है कि पार्टी लाइन से हट कर कोई बयान दिया जाता है तो क्या चांदना कांग्रेस सरकार में मंत्री रह सकते हैं? अशोक चांदना को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का समर्थक माना जाता है, गहलोत की पसंद की वजह से ही चांदना खेल राज्यमंत्री बने हैं। सूत्रों की माने तो पिछले दिनों ही दिल्ली में राहुल गांधी के सरकारी आवास  के बाहर चांदना ने अपने समर्थकों के साथ प्रदर्शन किया। चांदना और उनके समर्थकों ने नारे बाजी कर राहुल गांधी से इस्तीफा वापस लेने की मांग की। इस प्रदर्शन के पीछे मुख्यमंत्री गहलोत का इशारा रहा। 
एस.पी.मित्तल


बांसुरी ने की अंतिम संस्कार की रस्म

पंचतत्व में विलीन हुईं सुषमा स्वराज, बेटी बांसुरी ने पूरी की अंतिम संस्कार की रस्म


नई दिल्ली । पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का बीती रात दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया। सुषमा के निधन पर देश और दुनिया के बड़े नेताओं ने दुख व्यक्त किया। बुधवार शाम को दिल्ली के लोधी रोड स्थित शवदाह गृह में उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी ने अंतिम संस्कार की रस्में पूरी कीं। उनके निधन को लेकर दिल्ली व हरियाणा में दो दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है।


राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से लेकर तमाम दिग्गज लोगों ने सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि दी। पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी सुषमा स्वराज के पति स्वराज कौशल को देखते ही रो पड़े। पीएम मोदी और उपराष्ट्रपति नायडू की आखें भी नम थीं।सुषमा स्वराज के पार्थिव शरीर को भाजपा मुख्यालय में दोपहर तीन बजे तक रखा गया था। इसके बाद अंतिम यात्रा लोधी रोड स्थित शवदाह गृह तक पहुंची। बीजेपी मुख्यालय से जब सुषमा स्वराज के पार्थिव शरीर को ले जाया गया तो राजनाथ सिंह, जेपी नड्डा, रविशंकर प्रसाद और पीयूष गोयल ने उनको कंधा दिया।सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि अर्पित करने कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी, बाबा रामदेव, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, भाजपा सांसद हेमा मालिनी, केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी, दिल्ली के ले.गवर्नर अनिल बैजल, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, बसपा प्रमुख मायावती, कैलाश सत्यार्थी, सपा सांसद राम गोपाल यादव समेत कई हस्तियां पहुंचीं। राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि वे मुझे रक्षाबंधन पर बहुत याद आएंगी।


नोबेल विजेता:टोनी मॉरीसन का देहांत

वाशिंगटन। नोबेल पुरस्कार विजेता एवं अमेरिकी लेखक टोनी मॉरिसन का न्यूयॉर्क के मोंटेफोरे मेडिकल सेंटर में निधन हो गया। वह 88 वर्ष की थीं। टोनी मॉरिसन के परिवार ने एक बयान में जानकारी दी, हमें बहुत दुख के साथ यह कहना पड़ रहा है कि संक्षिप्त बीमारी के बाद हमारी प्रिय मां टोनी मॉरिसन का सोमवार रात को निधन हो गया। निधन के समय परिवार के सदस्य और दोस्त उनके साथ थे। बयान में बताया गया, एक समर्पित मां, दादी-नानी, चाची टोनी मॉरिसन कल रात (सोमवार) इस दुनिया से चली गईं।
टोनी मॉरिसन को 1993 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला था और 1987 में उन्होंने अपने उपन्यास बिलवेड के लिए पुलित्जर पुरस्कार जीता था।


स्वतंत्रता दिवस पर बंद मीट की दुकान

रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन के पर्यावरण एवं नगरीय विकास विभाग के आदेश के परिपालन में नगर पालिक निगम रायपुर के स्वास्थ्य विभाग ने राजधानी रायपुर निगम क्षेत्र के समस्त 70 वार्डो में स्थित सभी पशुवध गृहों, समस्त मांस-मटन विक्रय केन्द्रों को शतप्रतिशत रूप से स्वतंत्रता दिवस पर्व 15 अगस्त, गुरूवार के पावन अवसर पर बंद रखने एवं मांस-मटन विक्रय पूरी तरह प्रतिबंधित करने का आदेश दिया है। उक्त आदेश का उल्लंधन करने पर नगर निगम प्रशासन के स्वास्थ्य विभाग द्वारा तत्काल मांस-मटन जब्त करके संबंधित दुकानदार व व्यक्ति के खिलाफ नियमानुसार कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाएगी।नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी एके हलदार ने निगम के समस्त जोन स्वास्थ्य अधिकारियों एवं जोन स्वच्छता निरीक्षकों को स्वतंत्रता दिवस पर्व 15 अगस्त, गुरूवार के पावन अवसर पर अपने-अपने क्षेत्रों में दिनभर सतत पर्यवेक्षण कर प्रतिबंध आदेश का पूर्ण व्यवहारिक परिपालन कड़ाई के साथ सुनिश्चित करवाने के आदेश दिए हैं। वहीं नगर निगम आयुक्त शिव अनंत तायल ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि स्वतंत्रता दिवस के राष्ट्रीय पर्व के पावन अवसर पर रायपुर निगम क्षेत्र में कही भी प्रतिबंध के बावजूद मांस-मटन की कोई भी दुकान खुली मिली तो उक्त क्षेत्र से संबंधित जोन कमिश्नर एवं जोन स्वास्थ्य अधिकारी पर कड़ीअनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। राज्य शासन के निर्देशों का पूर्ण व्यवहारिक परिपालन ना पाये जाने की स्थिति मे अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।


पाक:सईद को कोर्ट ने ठहराया दोषी

 इस्लामाबाद। मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद को पाकिस्तान की एक अदालत ने दोषी करार दिया गया है। हाफिज सईद से जुड़ा मामला अब लाहौर की अदालत से पाकिस्तान के गुजरात में शिफ्ट कर दिया गया है। पाकिस्तानी मीडिया की तरफ से ये दावा किया जा रहा है कि 17 जुलाई को गुजरांवाला जाते हुए हाफिज सईद को गिरफ्तार कर लिया गया था। अब पाकिस्तान मीडिया के मुताबिक, गुजरांवाला कोर्ट ने हाफिज सईद को दोषी करार दिया है। जिसके बाद उसके मामले के गुजरात शिफ्ट किया गया है। पाकिस्तान के काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट ने हाफिज सईद को मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के मामले में गिरफ्तार किया था। गौरतलब है कि हाफिज सईद ही 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले का जिम्मेदार है। इसके अलावा भी उसके संगठन जमात उद दावा, लश्कर ए तैयबा ने हिंदुस्तान की जमीन में काफी आतंक फैलाया है।


एससी:अखाड़े के दस्तावेज ले गए डकैत

नई दिल्‍ली । निर्मोही अखाड़े के दस्तावेज और सबूत 1982 में डकैत ले गए। ये बात निर्मोही अखाड़े के वकील ने अयोध्‍या मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में कही। अखाड़े के वकील ने यह बात कोर्ट में तब बताई जब चीफ जस्टिस ने अखाड़ा से कहा कि वह सरकार द्वारा 1949 में ज़मीन का अटैचमेंट करने से पहले के जमीन के मालिकाना हक को दर्शाने वाले दस्तावेज, राजस्‍व रिकॉर्ड या अन्य कोई सबूत कोर्ट के समक्ष पेश करे।निर्मोही अखाड़ा ने कहा कि इस मामले में वे असहाय हैं। वर्ष 1982 में अखाड़े में एक डकैती हुई थी। जिसमें उन्होंने उस समय पैसे के साथ उक्त दस्तावेजों को भी खो दिया था। इस पर चीफ जस्टिस (CJI) ने पूछा- क्या अन्य सबूत जुटाने के लिए केस से जुड़े दस्तावेजों में फेरबदल किया गया था?


इससे पहले जस्टिस बोबड़े ने पूछा- क्या निर्मोही अखाड़े को सेक्शन 145 सीआरपीसी के तहत राम जन्म भूमि पर दिसंबर 1949 के सरकार के अधिग्रहण के आदेश को चुनौती देने का अधिकार है? ऐसा इसलिए क्योंकि निर्मोही अखाड़े ने इस आदेश को क़ानून में तय अवधि समाप्त होने के बाद निचली अदालत में चुनौती दी थी। दरअसल अखाड़ा ने तय अवधि (6 साल) समाप्त होने पर 1959 में आदेश को चुनौती दी थी। इस पर अखाड़ा ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि 1949 में सरकार का अटैचमेंट ऑर्डर था और उस ऑर्डर के ख़िलाफ़ मामला 1959 तक निचली अदालत में लंबित था। लिहाजा 1959 में निर्मोही अखाड़े ने निचली कोर्ट में अपनी याचिका दायर की थी।उल्‍लेखनीय है कि राम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट में छह अगस्‍त से नियमित सुनवाई शुरू हुई है। 18 पक्षकारों में सबसे पहले निर्मोही अखाड़ा अपना पक्ष रख रहा है। इस कड़ी में लगातार दूसरे दिन सुनवाई में निर्मोही अखाड़ा के वकील सुशील कुमार जैन की बहस जारी रही।


पहले दिन की सुनवाई
इससे पहले मंगलवार को जब पहले दिन की सुनवाई हुई तो निर्मोही अखाड़े के वकील ने कहा कि अयोध्‍या में विवादित स्‍थल पर 1934 में 5 वक्त की नमाज बंद हुई। हर शुक्रवार सिर्फ जुमे की नमाज होती रही है। 16 दिसंबर 1949 के बाद से ये भी बंद हो गई। विवादित स्थान पर वुज़ू (नमाज से पहले हाथ, पैर आदि धोने) की जगह मौजूद नहीं है। सुनवाई के दौरान सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धवन के हस्तक्षेप करने पर सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई। कहा कोर्ट कि मर्यादा का ख्याल रखें। सीजेआई ने कहा कि कोर्ट आपका पक्ष भी सुनेगा। धवन का कहना था कि शक है कि हमें पर्याप्त समय मिलेगा। सीजेआई ने कहा कि ये कोर्ट में बर्ताव करने का सही तरीका नहीं है।जैन ने कहा- विवादित परिसर के अंदरूनी हिस्से पर पहले हमारा कब्ज़ा था जिसे दूसरे ने बलपूर्वक कब्ज़े में ले लिया। बाहरी पर पहले विवाद नहीं था। 1961 से शुरू हुआ। जैन ने कहा- मेरा केस दरअसल ज़मीन के उस टुकड़े के लिए है, जो अभी कोर्ट द्वारा नियुक्त रिसीवर के नियंत्रण में है।


मध्‍यस्‍थता पैनल भंग
इससे पहले अयोध्या पर मध्यस्थता विफल होने के बाद दो अगस्त को सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने मध्यस्थता पैनल को भंग कर दिया था और 6 अगस्त से खुली अदालत में रोज़ाना सुनवाई शुरू करने का निर्णय लिया था। मामले का 17 नवंबर 2019 तक फ़ैसला आने की उम्‍मीद है।


मौत:कार से मारी टक्कर,मामला दर्ज

जालंधर । सड़क पर 130 की स्पीड पर कार चला कईयो को उड़ाने वाले कार चालक की कार ने महिला के एेसे टक्कर मारी कि महिला 20 फ़ुट हवा में उड़ी। जिसके बाद कई अन्य वाहनों के टक्कर मारने के बाद कार चालक कार छोड़ फरार बोल गया। मौके पर महिला की दोनों टाँगे टूट गई पर इलाज के बाद उसकी मौत हो गई। घटना जालंधर के कस्बा कठार के बस स्टैंड के सामने की है। जहाँ एक तेज़ रफ़्तार कर ने एक राह चलती महिला को जबरदस्त टक्कर मार दी। घायल महिला को लोगों ने असपताल में भर्ती करवाया। घायल महिला की एक्सीडेंट के दौरान दोनों टंगे टूट गई और आज सुबह इलाज दौरान महिला ने दम तोड़ दिया । घायल महिला की पहचान गुरमेश कौर के रूप में हुई है ।


मृतका की बहू मनजीत कौर ने कहा कि उनकी सास कहीं काम से जा रहे थी कि तभी होशियारपुर रोड पर तेज रफ्तार कार ने टक्कर मारी ओर मौके से कार का ड्राइवर कार छोड़कर फरार हो गया और वहां खड़े लोगों की सहायता से गुरमेश कौर को अस्पताल पहुंचाया गया । वहीं मनजीत कौर का कहना है कि 5 दिन हो गए मेरी सास गुरमेश कौर अस्पताल में दाखिल है और कोई भी पुलिस अधिकारी नहीं पहुंचा और आज गुरमेश कौर की मृत्यु हो गई है । वहीं दूसरी ओर जब थाना आदमपुर के एएसआई नरेंद्र सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि कार का मालिक पकड़ लिया है और पर्चा दर्ज कर दिया गया है। दूसरी ओर जब एएसआई नरेंद्र से पूछा कि 5 दिन हो गए कोई भी पुलिस अधिकारी गुरमेश कौर के परिवार से नहीं मिला। जबकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि लगातार हमारा पुलिस मुलाजिम हस्पताल जाता था। अब पुलिस कार सवार पर मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे की कावाई की जा रही है।


संस्था ने फौजियों को भेजी राखी

गाजियाबाद-लोनी। आज सनातन धर्म बालिका इंटर कालेज सरधना में पढ़ने वाली 1200 बहनो द्वारा बनाई गई राखियां सहयोग संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजेन्द्र त्यागी के नेतृत्व में बॉर्डर पर तैनात फौजी भाइयो के लिए दी गयी। इस अवसर पर स्कूल की संस्था के कोषाध्यक्ष मदन बंसल और प्रधानाचार्य वंदना मित्तल ने संस्था के अध्यक्ष को प्रतीक चिन्ह ओर तिलक कर अभिनन्दन किया । संस्था के कार्यो की सराहना की। कार्यक्रम में भाजपा जिला उपाध्यक्ष मेरठ अजय त्यागी ,अनुज त्यागी अनमोल चोहान ,गिरजेश तोमर ,सचिन पांडे स्कूल की शिक्षिका रेणु चौधरी ,स्वेता वर्मा ,वैशाली जैन अंकित कुमार ,आकांक्षा सैनी ,अम्रित सिरोही ,डॉली ,अदीबा,तनु शर्मा ,तनु सोम समेत हजारो बच्चे उपस्थित रहे।


ई-गवर्नेंस पर,शिलांग में 22 वा सम्मेलन

नई दिल्ली ।  प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) इलेक्ट्रानिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार और मेघालय सरकार के साथ मिलकर 8-9 अगस्त, 2019 को शिलांग, मेघालय में ई- गवर्नेंस 2019 पर 22वें राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन करेगा।केन्‍द्रीय पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास, प्रधानमंत्री  कार्यालय, कार्मिक, जन शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्‍य मंत्री डॉ. जितेन्‍द्र सिंह इस आयोजन की अध्यक्षता करेंगे। मेघालय के मुख्यमंत्री श्री कोनार्ड कोंगल संगमा इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे। सम्मेलन का विषय  “डिजिटल भारत : सफलता से उत्कृष्टता” है।यह सम्मेलन नई सरकार के 100 दिन के भीतर डीएआरपीजी की ओर से उठाये गये कदमों का एक अंग होगा। यह पहला अवसर है जब इस कार्यक्रम का आयोजन देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र में किया जा रहा है। यह सम्मेलन शुरू से अंत तक डिजिटल सेवाएं प्रदान करने, समस्याओं के समाधान से संबंधित अनुभवों का आदान-प्रदान करने, जोखिमों में कमी लाने, मसलों का समाधान करने तथा सफलता की योजना बनाने के लिए टिकाऊ ई-गवर्नेंस से संबंधित कदमों की डिजाइनिंग और कार्यान्वयन की कारगर पद्धतियों के बारे में जानकारी का प्रसार करने का मंच उपलब्ध कराता है।सम्मेलन के पूर्ण अधिवेशन के दौरान 6 उपविषयों : इंडिया इंटरप्राइज आर्किटेक्चर (आईएनडीईए), डिजिटल अवसंरचना, समावेशन एवं समता निर्माण, व्यवसायियों के लिए उभरती प्रौद्योगिकी, सचिवालय सुधार, नेशनल ई-गवर्नेंस सर्विस डिलीवरी असेसमेंट (एनईएसडीए) -पर विचार-विमर्श किया जायेगा । इसके अलावा एक राष्ट्र एक मंच, नवोन्मेषकों एवं उद्योग के साथ संबंध, आदि से अंत तक डिजिटल सेवाएं : राज्य सरकारों की आईटी पहल उप-विषयों पर -चार ब्रेकआउट सत्रों का आयोजन किया जाएगा।इस सम्मेलन से पूर्वोत्तर क्षेत्र में ई-गवर्नेंस के प्रयासों को व्यापक गति मिलेगी। क्षेत्र के लोक सेवकों और उद्योगपतियों को एंड टू एंड सर्विस डिलिवरी में सुधार लाने के लिए ई-गवर्नेंस में अपने सफल हस्तक्षेपों को प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा। ब्रेकआउट सत्रों में 15 राज्य अपनी आईटी पहलों और सफलता की कहानियों को साझा करेंगे।


28 राज्यों और 8 संघशासित प्रदेशों ने इस सम्मेलन में भाग लेने की पुष्टि कर दी है और इसमें 500 से ज्यादा प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना है। इस दौरान का प्रदर्शन का भी आयोजन किया जाएगा। जिसमें ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों के अलावा हॉल ऑफ फेम, पुरस्कार विजेताओं पर फोटो प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।मेघालय के सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार तथा शहरी मामलों के विभाग मंत्री श्री हेमलेट्सन डोहलिंग  उद्घाटन सत्र को संबोधित करेंगे। इस सम्मेलन को प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत और पेंशन विभाग में सचिव श्री के.वी. ईपन, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में सचिव श्री अजय प्रकाश साहनी भी संबोधित करेंगे।


'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की

'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की  अखिलेश पांडेय  नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। वैज्ञानिक अभी भी पिछले सप्ताह आए सोलर स्टॉर्म...