शुक्रवार, 26 जुलाई 2019

सेक्स रैकेट का सरगना निकला दिव्यांग

लखनऊ:सेक्स रैकेट का सरगना निकला दिव्यांग भिखारी, नशे की लत लगा किशोरियों से करवाता था जिस्मफरोशी


लखनऊ ! राजधानी लखनऊ से ऐसे सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है जिसमें दूसरे प्रदेश से लाई गई लड़कियों को नशे की लत लगाकर जिस्मफरोशी के धंधे में धकेला जाता था! इस सेक्स रैकेट का सरगना एक भिखारी निकला! गुरुवार को पुलिस ने दिव्यांग भिखारी विजय बद्री उर्फ़ बंगाली को गिरफ्तार कर लिया!


दरअसल मामले का खुलासा तब हुआ जब गुरुवार सुबह विजय के चंगुल से भागकर दो किशोरियां बादशाहनगर स्टेशन पहुंची! उनके साथ दो किशोर भी थे! उसी दौरान गश्त पर निकले आरपीएफ दरोगा की नजर उन पर पड़ी! दो किशोरों के साथ किशोरियों को देखकर जब दरोगा वंश बहादुर ने उन्हें रोका तो दो किशोर भाग निकले! जिसके बाद किशोरियों ने विजय के सारे राज उगल दिए! आरपीएफ चौकी इंचार्ज वंश बहादुर की तहरीर पर केस दर्ज कर आरोपित विजय को गिरफ्तार कर लिया गया!


अवैध शराब के खिलाफ चलाया अभियान

अवैध शराब को लेकर डीएम बीएन सिंह के निर्देश पर आबकारी विभाग के अधिकारी गण एक्शन में, बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध शराब बरामद मुकदमा किया गया दर्ज 


गौतमबुध नगर ! जनपद में अवैध शराब की बिक्री पर अंकुश लगाने तथा कच्ची शराब पर प्रतिबंध लगाने के उद्देश्य से जिलाधिकारी बीएन सिंह के निर्देशन में आबकारी विभाग के अधिकारियों द्वारा निरंतर रूप से सघन चेकिंग अभियान संचालित किया जा रहा है। इस क्रम में विगत दिवस देर रात आबकारी विभाग की टीम द्वारा सेक्टर 51 होशियारपुर ने एक घर की तलाशी के दौरान 10 पेटी इंपैक्ट हरियाणा मार्का अवैध शराब बरामद की गई। संबंधित के खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। इसके अलावा रूट चेकिंग के दौरान कालिंदी कुंज पोस्ट पर दो पहिया वाहन up16 बीएच 18 61 से 3 पेटी अवैध शराब हरियाणा मार्केट बरामद किया गया संबंधित के खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत थाना सेक्टर 39 में अभियोग पंजीकृत कराया गया। यह जानकारी जिला आबकारी अधिकारी राकेश बहादुर सिंह के द्वारा दी गई है। उन्होंने यह भी बताया कि यह अभियान जनपद में निरंतर रूप से इसी प्रकार आगे भी संचालित रहेगा और अवैध शराब का कारोबार करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। राकेश चौहान जिला सूचना अधिकारी गौतम बुध नगर।


विकास के नाम पर धन का दुरुपयोग

विकास कार्य के नाम पर शासकीय राशि का दुरुपयोग,बिना आवश्यकता वाले समतल स्थान पर कराया जा रहा पुलिया निर्माण,अधिकारी मौन


कोरबा,कोरबी ! पंचायतों का विकास ग्रामीणों के हाथ की कल्पना कर निर्मित किये गए पंचायतीराज अब जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के लिए जेबें भरने का जरिया बन गया है।जहाँ यह भी नही देखा जाता कि कौन सी विकास योजनाएं ग्रामीणों के लिए सुविधापूर्ण तथा लाभदायक होगी।कुछ इसी प्रकार का मामला सामने आया है जिसमे बिना औचित्य वाले समतल स्थान पर पुलिया का निर्माण कराकर शासन की राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है और संबंधित अधिकारी-कर्मचारी राशि दुरुपयोग रोकने के बजाए मौन धारण किये बैठे है।मामला है जिले के पोड़ी उपरोड़ा जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत कोरबी का।जहाँ 6 लाख की स्वीकृति से पुलिया का निर्माण कार्य कराया जा रहा है।लेकिन जिस स्थान पर पुलिया निर्माण का कोई औचित्य ही नही है।उस समतल मार्ग को खोदकर लाखों का पुलिया निर्माण की आड़ में शासकीय धन का दुरुपयोग किया जा रहा है।जबकि वह मार्ग समतल व बारहमासी आवागमन के लिए सुगम रहता है।किन्तु निजी हित साधने के चक्कर मे अधिकारी के मौन सहमति पर इस कार्य को अंजाम दिया जा रहा है।नियमतः पंचायतों में होने वाले निर्माण कार्य पर स्थल निरीक्षण व मूल्यांकन का जिम्मा उप अभियंता की होती है।जबकि जनपद के मुख्यकार्यपालन अधिकारी एवं आरईएस के एसडीओ के देखरेख में निर्माण कार्य पूर्ण होने उपरांत सीसी जारी किया जाना होता है।किन्तु ऐसा कुछ भी नही हो रहा है।और नियम विरुद्ध मनमाने कार्य कराया जा रहा है।इस संबंध पर ग्रामीण कार्तिकराम का कहना है कि सरपंच-सचिव की मनमानी चरम पर है।जहाँ पुलिया की आवश्यकता है उन नालो में आजतक महज ढ़ोल पाईप भी नही लगाया गया।और जहाँ ग्रामीणों को कोई लाभ नही है वहाँ लाखों का पुलिया बनवाया जा रहा है।इसी प्रकार अनेकों वार्ड जहाँ सीसी रोड की नितांत आवश्यकता है।उन वार्डों में बारिश के दिनों पर कीचड़ में चलना पड़ता है।सरपंच-सचिव द्वारा इस दिशा पर आजतक ध्यान नही दिया गया।और जहां एक प्रतिशत लाभ नही वहाँ पुलिया निर्माण कराया जा रहा।इसी प्रकार संजय कुमार का कहना है कि सरपंच-सचिव ग्रामीणों की नही सुनते और अपनी मनमानी करते रहते है।जो कार्य जनहितैषी होते है वह नही कराया जाता।तथा जो कार्य जेबें भरने लायक हो उसे प्राथमिकता दी जाती है।जिसके कारण ग्रामीण इनके रवैये से त्रस्त है।


पंचायतीराज गाँवों में लागू करते वक्त तत्कालीन मध्यप्रदेश सरकार की सोच थी कि ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले निर्माण कार्यों से गाँव के श्रमिक वर्ग के साथ-साथ ग्रामवासियों को फायदा हो।मगर बीते कुछ वर्षों में पंचायती राज में भ्रष्टाचार इतना बढ़ा है कि ग्रामीणों के लाभ हेतु आने वाली विकास राशि पर सरपंच-सचिव के साथ-साथ संबंधित अधिकारी-कर्मचारी मिलकर ऐश करते है।इसका प्रत्यक्ष उदाहरण यह है कि गत पंचायत चुनाव में चुने गए कई जनप्रतिनिधि महज एक वर्ष में ही आलीशान बंगले व चारपहिया,छःपहिया वाहन के मालिक बन गए है।और उनका स्तर सुधर गया लेकिन पंचायत का स्तर अब भी नही सुधर पाया है।जिससे लगता है कि पंचायती राज का मूल मुद्दा अब ग्रामीणों के लिए नही रह गया।तथा कुछ खास लोगों के लिए जेबें भरने का कारोबार बन गया है।संबंधित अधिकारी भी इससे अनजान नही है।मगर बंदरबांट के हिस्से में शामिल ऐसे अधिकारी मूक बने रहकर तमाशबीन बन जाते है।मामले पर प्रतिक्रिया जानने संबंधित उप अभियंता अवधेश कुमार से उनके मोबाइल क्रमांक 7049849290 व 6261657912 पर सम्पर्क करने का प्रयास किया गया।लेकिन संपर्क नही हो पाया।जिसके कारण उनकी प्रतिक्रिया नही मिल पायी।फिलहाल कराए जा रहे उक्त कार्य की आवेदनमय शिकायत कोरबी निवासी ग्रामीण राहुल कुमार रात्रे द्वारा 18 जुलाई 2019 को जिला पंचायत सीईओ से की गई है।देखना है मामले पर किस प्रकार की कार्यवाही की जाती है!


छठे विशाल कावड़ महोत्सव का शुभारंभ

छठवां विशाल कावड़ महोत्सव का शुभारंभ


गाजियाबाद ! युग परिवर्तन सेवा समिति के तत्वाधान में छठवां विशाल कावड़ महोत्सव का शुभारंभ विशेष अतिथि महापौर आशा शर्मा अतिथि हनुमान मंगलम परिवार  ट्रस्ट के संस्थापक बी के शर्मा हनुमान ने संयुक्त रूप से नारियल तोड़कर वैदिक मंत्रोचार कर किया! इस अवसर पर आचार्य योगेश दत्त गोड, पूर्व विधायक नरेंद्र सिंह सिसोदिया, देवेंद्र हितकारी,डॉ जय प्रकाश मिश्रा, भाजपा के वरिष्ठ नेता अनिल खेड़ा, राष्ट्रीय लोक दल के वरिष्ठ नेता ऑडी त्यागी, राजीव राज त्यागी, आशा चौधरी, साक्षी नारंग,सोनू शर्मा, अमित सारस्वत, युग परिवर्तन सेवा समिति के अध्यक्ष सुनील त्यागी, मांगेराम त्यागी वरिष्ठ उपाध्यक्ष, छोटेलाल कनौजिया महामंत्री, प्रदीप चौधरी सह कोषाध्यक्ष ने संयुक्त रूप से सभी अतिथियों का अंग वस्त्र फूल मालाओं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया!


पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया

वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का लिया संकल्प


अलवर,गोविंदगढ़! कस्बे के सीमावर्ती गांव भैंसडावत में स्थित राधा कृष्ण मंदिर पर पंचवटी परिवार एवं ग्रामीणों ने वृक्षारोपण किया जिसमें पारस-पीपल, शीशम, नीम, कनेर एवं फूलदार पौधे लगाए गए! सभी वृक्ष मित्रों ने पौधों को जीवित एवं सुरक्षित रखने का संकल्प लिया! पंचवटी परिवार के संयोजक श्री प्रभुदयाल गोयल ने बताया कि पंचवटी परिवार द्वारा क्षेत्र में पर्यावरण को सुरक्षित एवं संतुलित बनाए रखने के लिए हजारों की संख्या में वृक्षारोपण किया जा रहा है जिसमें काफी पौध है जीवित रहकर पेड़ बन चुके हैं, लगातार हो रही वृक्षों की कटाई के चलते पृथ्वी का संतुलन बिगड़ गया है जिसे संतुलित करने के लिए सभी को इस मुहिम का हिस्सा बनकर अधिक से अधिक संख्या में पेड़ लगाने चाहिए!


योगेन्द्र द्विवेदी ने बताया कि वृक्ष हमारे जीवन का आधार है वृक्षों के  बिना पृथ्वी पर जीवन जीना असंभव है! आज वृक्षारोपण किया गया है वह ग्रामीणों एवं हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बहुत बड़ा अनमोल तोहफा है! इस अभियान का आने वाले समय में दूरगामी परिणाम देखने को मिलेगा साथ ही सभी से निवेदन किया कि व्यक्ति अपने जीवन में कम से कम एक पौधा अवश्य लगाएं! वृक्षारोपण मे योगेंद्र दिवेदी, रिंकू सैनी, सुनील, साजिद, योगेश, हनुमत, देवेंद्र, बबलू, राजेश, कपिल, मनजीत, , सन्दीप, हैमंत, लोकेश, सोनू, महावीर, रवि, मोनू, अशोक, राजेन्द्र, सतीश, दीपक, कैलाश, राहुल, मानसिंह मुकेश एवं सभी ग्रामीण उपस्थित रहे सभी ने अधिक से अधिक पेड़ लगाकर उन्हें सुरक्षित रखें पर्यावरण के संरक्षण करने की शपथ ग्रहण की!मंदिर के पुजारी श्री रामसहाय सतवादिया ने बताया कि जैसा कि हम सभी जानते है कि पर्यावरण के बिना रहना असंभव है और इसे बचाने के लिए पेड़ बहुत ही आवश्यक है और पेड़ की प्राप्ति के लिए हमें अभी से जुट जाने की जरूरत है तब जाकर कहीं कुछ समय पश्चात हमें छोटे-छोटे पौधे विशाल वृक्ष के रूप में दिखाई देंगें।


संवाददाता योगेन्द्र द्विवेदी


मुख्यमंत्री सहित तीन को पेश होने का आदेश

केजरीवाल सहित 3 नेताओं को सम्मन


नई दिल्ली ! भाजपा दिल्ली प्रदेश के वरिष्ठ नेता, वाईस चेयरमैन एनडीएमसी एवं पूर्व विधायक करण सिंह तंवर ने आज एक संवाददाता सम्ममेलन में बताया कि उनके द्वारा दिनांक 16 मई 2016 में हुए एनडीएमसी के लॉ ऑफिसर स्व0 एम.एम.खान हत्याकाण्ड के मामले में दायर मानहानि की शिकायत याचिका पर दिल्ली की अदालत ने मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल, आम आदमी पार्टी के नेता दिलीप पांडेय, दिल्ली छावनी क्षेत्र के विधायक सुरेन्द्र सिंह एवं ओखला से विधायक अमानतुल्लाखान को समन जारी कर इन सभी को 7 अगस्त को न्यायालय में पेश होने का आदेश  दिया है।  


तवँर ने आगे कहा कि यह अत्यन्त दुःखद व शर्मनाक बात है कि मुख्यमंत्री के संवैधानिक पद पर बैठे अरविन्द केजरीवाल ने अपनी राजनीति नाकामियों की ओर से जनता का ध्यान हटाने के उद्देष्य से तँवर के साथ जघन्य अपराध जैसा कुकर्म किया है। उन्होंने तॅंवर की 46 वर्षों की बेदाग, भ्रष्टाचार विरोधी व नर सेवा नारायण सेवा की राजनीतिक छवि को धूमिल करने के लिए एनडीएमसी के पूर्व सम्पदा अधिकारी स्व0 श्री एम एम खान की लगभग दो वर्ष पूर्व हुए हत्याकांड में  तॅंवर की संलिप्तता होने की बात कह दी। जबकि दिल्ली पुलिस द्वारा इस हत्याकांड में षड्यंत्रकारियों को 48 घंटों के भीतर जेल की सींखचों में डाल दिया गया था। साथ ही तॅंवर को इस पूरे प्रकरण में दिल्ली पुलिस द्वारा क्लीन चिट भी दे दी गई थी। फिर भी केजरीवाल, दिलीप पांडेय और इनके दोनों विधायक बाज नहीं आये और अपनी कुत्सीत मनोवृत्ति के अनुसार अपना भोंपू चालू रखे रहे। तॅंवर के खिलाफ धरने प्रदर्षन व कैंडल मार्च तक निकाले गए।


 तँवर ने  कहा कि अपनी धार्मिक प्रवृत्ति और चौबीसों घंटे जनता की सेवा में उपलब्ध रहने तथा उनकी जन छवि की ओर से जनता का ध्यान हटाने के लिए इन नेताओं ने इस तरह का षड्यंत्र रचा। जबकि सब जानते हैं कि अपनी निजि जिन्दगी में वे एक चींटी भी नहीं मार सकते। ऐसे व्यक्ति का हत्या जैसे जघन्य अपराध में नाम घसीटना उसकी हत्या करने जैसा ही अपराध है। वही अपराध केजरीवाल और उनके साथियों ने किया। इसीलिए उन्हें विवष होकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा था और कोर्ट ने अब केजरीवाल, दिलीप पांडेय, विधायक सुरेन्द्र सिंह तथा विधायक अमानुतुल्लाह खान को इसी केस में 7 अगस्त को तलब किया है। उन्होंने मानहानि से जुड़े इस निर्णय को एक बार फिर असत्य पर सत्य की विजय का नाम दिया है।  


अंत में  तँवर ने बताया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को झूठ बोलने में महारत हासिल है तथा झूठ बोलना उनका फैषन बन चुका है। इसी प्रकार के अनेकों झूठ इन्हें विभिन्न न्यायालयों के कठघरे में खड़ा कर चुका है जिसके लिये यह कई बार माफी भी मांग चुके हैं। यही नहीं अपने बच्चों तक की झूठी कसमें खाना इनकी आदतों में शुमार हो गया है। एक ऐसी ही झूठी साजिष इन्होंने इस एम एम खान हत्याकांड में रची और इस बार भी इन्हें मुंह की खानी पड़ी है। अगर अब भी मुख्यमंत्री केजरीवाल और उनके नेता झूठ बोलने से बाज नहीं आये तो माननीय न्यायालय के साथ साथ दिल्ली की जनता भी उन्हें माफ नहीं करेगी। इसलिये मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को इस पूरे मामले में माफी मांगते हुए ,नैतिक आधार पर अपने संवैधानिक पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।


मंडी-शुल्क चोरी के खिलाफ कार्रवाई

बुलंदशहर ! जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार के निर्देश पर जनपद में मण्डी शुल्क की चोरी की सूचना पर रात 10 बजे मण्डी समिति अनूपशहर रोड पर 9 गाड़ियों को शुल्क की चोरी किये जाने पर जब्त किया गया। चोरी पर 5 लाख 34 हजार 856 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया और सभी वाहनों को मण्डी समिति के सुपुर्दगी में दे दिया गया। रात्रि के समय अनूपशहर रोड पर नगर मजिस्ट्रेट विवेक कुमार मिश्र, सीओ सिटी रवीन्द्र कुमार के संयुक्त अभियान के अन्तर्गत गाड़ियों को पकड़कर निरीक्षण किये जाने पर मण्डी शुल्क अदा किये जाने का कोई भी अभिलेख न पाये जाने पर संबंधित के विरूद्ध कार्रवाई करते हुए जुर्माना आरोपित किया गया। पकड़ी गई गाड़ियों में 2 गेहूं, 1 मक्का और 6 गाड़ियों में आलू पाया गया। जिलाधिकारी ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए सचिव मण्डी समिति से स्पष्टीकरण मांगा है। उन्होंने जनपद के समस्त मण्डी समिति के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि मण्डी शुल्क की किसी भी दशा में चोरी नहीं होने दी जायेगी और अधिकारियों द्वारा निरन्तर अभियान संचालित रहेगा। उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि यदि अभियान के अन्तर्गत मण्डी शुल्क की चोरी होते पायी गई तो उस क्षेत्र के मण्डी सचिव सहित अन्य कर्मचारियो की जवाबदेही निर्धारित करते हुए कार्रवाई की जायेगी।


यौन शोषण मामले में विधायक ने किया सरेंडर

यौन शोषण मामला: झाविमो विधायक प्रदीप यादव ने किया सरेंडर, भेजे गए जेल


देवघर। अपनी ही पार्टी की एक नेत्री के साथ यौन उत्पीडऩ के आरोपित पोड़ैयाहाट से झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के विधायक प्रदीप यादव ने गुरुवार को प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सह अनुमंडलीय न्यायिक दंडाधिकारी कमल रंजन की अदालत में सरेंडर कर दिया। उनके अधिवक्ता ने जमानत याचिका तत्काल दाखिल की। अभियोजन व बचाव पक्ष की बहस सुनने के बाद अदालत ने याचिका को खारिज कर प्रदीप को न्यायिक हिरासत में भेज दिया!


मालूम हो कि विधायक पर महिला नेत्री ने 3 मई 2019 को यौन उत्पीडऩ सहित कई संगीन आरोप लगा देवघर महिला थाने में कांड संख्या 13/19 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पुलिस ने धारा 354 ए, 354 बी, 354 डी, 376 /511 के तहत मुकदमा दर्ज किया था। 14 मई 2019 को उनके अधिवक्ता रामदेव यादव ने प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की।


18 मई 2019 को यह मामला जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम मोहम्मद नसीरुद्दीन की अदालत में सुनवाई के लिए स्थानांतरित किया गया। इस दौरान मिली पांच तारीखों पर दोनों पक्षों ने बहस की। इसके बाद कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी। अब जमानत याचिका प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में दाखिल होगी। इधर, विधायक के सरेंडर करने की सूचना से कचहरी परिसर में उनके समर्थकों की भीड़ जुट गई!


कारगिल शहीद दिवस : पूजा के योग्य पथ

 पूजे न गए शहीद तो यह पंथ कौन अपनाएगा


तोपों के मुंह से कौन छातियां अड़ाएगा



रांची। कारगिल युद्ध के बीस वर्ष पूरे हो गए। 26 जुलाई 1999 को जब इस युद्ध में भारत को विजय मिली, तो पूरे देश में हर्ष का माहौल था। अपनी जान का बलिदान देकर देश का झंडा बुलंद करने वाले शहीदों में कई झारखंड के भी थे। शहीदों के शव उनके घर तक सम्मानपूर्वक पहुंच जाएं इसका जिम्मा जिन्हें दिया गया था उनमें एक नाम मेदिनीनगर निवासी कर्नल संजय सिंह का था। बीस साल गुजर गए युद्ध के लेकिन आज भी वह दिन याद कर कर्नल सिंह भावुक हो जाते हैं।उन दिनों को याद करते हुए कर्नल ने बताया कि सेना में पांच वर्ष की सर्विस पूरी करने के बाद मैं दिल्ली की एक यूनिट में पोस्टेड था। तब दस चुनिंदे कैप्टन को लॉजिस्टिक मैनेजमेंट स्किल के आधार पर भारतीय सेना ने इंडियन ऑयल कारपोरेशन मुंबई में छह महीने का ऑफिसर्स पेट्रोलियम मैनेजमेंट में दक्षता के लिए भेजा था, जिसमें मैं भी एक था। कोर्स समाप्त होने में तकरीबन पंद्रह दिन बचे थे तभी कैप्टन अमरजीत वासदेव ने टी ब्रेक में चाय की चुस्की लेते हुए कहा, लगता है हम सभी को जल्द ही यूनिट जाना होगा। पाक बॉर्डर पर कुछ टेंशन का माहौल है। आज कमांडर का फोन आया था। तभी टीवी पर रक्षामंत्री जॉर्ज फर्नाडिस का बयान आ रहा था कि कुछ मुट्ठी भर घुसपैठिये हमारी पोस्ट में घुस गए हैं हम इन्हें एक सप्ताह में भगा देंगे।


 भागे-भागे पहुंचे अपनी यूनिट :शाम हुई और हमारे ऑफिसर्स मेस में चीफ इंस्ट्रक्टर कर्नल दीपक कपूर सभी को बुलाकर बोले, टूमॉरो मॉर्निंग यू आर गोइंग बैक टू योर यूनिट। दूसरे दिन सुबह जिसको जैसी सुविधा हुई हवाई जहाज या ट्रेन पकड़कर हमलोग अपनी यूनिट पहुंचे। मेरी यूनिट दिल्ली में थी, आने केसाथ हमारे कमाडर ब्रिगेडियर पीके मेहता ने मुझे बताया कि कल सुबह की स्पेशल फ्लाइट से मुझे लेह जाना है। युद्ध की स्थिति बन चुकी थी। अल सुबह जब पालम एयरपोर्ट पहुंचा तो शारीरिक रूप से स्वस्थ्य सभी पदाधिकारी कारगिल में अपनी यूनिटों में जाने को बेताब दिखे। तकरीबन एक बजे हम लेह पहुंचे। हमें वहा पर कारगिल के पास द्रास नामक सेना मुख्यालय में पहुंचना था, जहा पर आगे का दायित्व दिया जाना था। शहीदों के पार्थिव शरीर तेजी से आना प्रारंभ हो चुका था।


बड़ी चुनौती थी शहीदों को शवों को परिजनों तक पहुंचाना भारतीय सेना को शहीदों के पार्थिव शरीरों को उनके परिजनों तक पहुंचाना एक बहुत बड़ी चुनौती बन चुकी थी। उन्हें एक ऐसे पदाधिकारी की तलाश थी जो दिल्ली में पोस्टेड रहा हो और शहीद के परिजनों तक उनके पार्थिव शरीर को सैनिक सम्मान के साथ भिजवा सके। सेना मुख्यालय से मेरी ड्यूटी दिल्ली में लगा दी गई। वहां मुझे कारगिल से दिल्ली पहुंचने वाले शहीदों के पार्थिव शरीर को उनके परिजनों तक पूरे सम्मान के साथ भिजवाने की व्यवस्था करनी थी। हर दिन पूरे भारत वर्ष के हर राज्य, हर भाषा, हर धर्म के शहीद के पार्थिव शरीर देखकर रहा नहीं गया।अपने कमांडर ब्रिगेडियर मेहता को कहा, मुझे तत्काल युद्धभूमि में भेजिए। मैं अपने वीर सपूतों की शहादत का बदला लेना चाहता हूं। उन्होंने जवाब दिया- पूजे न गए शहीद तो यह पंथ कौन अपनाएगा तोपों के मुंह से कौन अकड़ अपनी छातियां अड़ाएगा चूमेगा फंदे कौन गोलियां कौन वक्ष पर खाएगा अपने हाथों अपना मस्तक फिर कौन आगे बढ़ाएगा। कहा, आपको जो काम सौंपा गया है वह बहुत महत्वपूर्ण है। अपने काम में पूरी तन्मयता से जुट गया। ज्यों ज्यों कारगिल विजय दिवस नजदीक आने लगता है तिरंगे में लिपटे शहीदों के पार्थिव शरीर आंखों के सामने घूमने लगते हैं। आंखें नम होकर बंद हो जाती हैं, श्रद्धा भाव से खुद ब खुद हाथ सैल्यूट करने को उठ जाते हैं।


बिल्‍व वृक्ष एवं पत्तों से जुड़ी कुछ रोचक बातें

कुछ मुख्य बातें बिल्व वृक्ष की


संवाददाता-विवेक चौबे


गढ़वा ! हिन्दू धर्म में आज भी पूजन-अर्चना का एक बड़ा महत्व है।सभी देवों के देव महादेव,जिनका नाम मात्र सुनने से दुःख,दरिद्रता,पाप,लोभ समाप्त हो जाता है।हिन्दू धर्म में प्राचीन काल से हीं विधि-विधान व पवित्रता से पूजन-अर्चना करना व कराना पंडित(ब्राह्मण) का ही कार्य है।ब्राह्मणों के अध्यन व उनके कार्य शैली के अनुसार महादेव को प्रसन्न करने के कई तरीके हैं।अलग-अलग वर प्राप्त करने के अलग-अलग विधि हैं।विधि के अनुसार शुद्धता पूर्वक हृदय से पूजन-अर्चना करने से शीघ्र वर की प्राप्ति होती है व महादेव शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं।महादेव को कई नामों से जाना जाता है।जैसे- शिव,शंकर,भोले,महादेव,त्रिनेत्र धारी आदि।


काल की "दशा व दिशा" बदलने की क्षमता,जिस देव में हो,वे हैं "महादेव'


यकीन नहीं तो निम्न विधि के अनुसार पूजन-अर्चना करके आजमाएं! ध्यान रहे पूजा के दौरान मन भटके नहीं।मन तो चंचल होता ही है,उसे वश में करके ही पूजा करें।विल्वपत्र का भी एक अलग ही महत्व है,जानें खाश बात!


भगवान शंकर को बेलपत्र,जिसे संस्कृत में बिल्वपत्र भी कहते हैं,वह अति प्रिय है।ऐसा माना जाता है की बेलपत्र व जल चढाने से भगवान शंकर का मस्तिष्क शीतल हो जाता है।यह भी मान्यता है की शिवलिंग पर बेलपत्र चढाने से सभी पाप धूल जाते हैं।


बिल्व वृक्ष के आसपास सांप नहीं आते,अगर किसी की शव यात्रा बिल्व वृक्ष की छाया से होकर गुजरे तो उसका मोक्ष हो जाता है,वायुमंडल में व्याप्त अशुध्दियों को सोखने की क्षमता सबसे ज्यादा बिल्व वृक्ष में होती है,चार पांच छः या सात पत्तो वाले बिल्व पत्रक पाने वाला परम भाग्यशाली व शिव को अर्पण करने से अनंत गुणा फल मिलता है,बेल वृक्ष को काटने से वंश का नाश होता है व बेल वृक्ष लगाने से वंश की वृद्धि होती है,सुबह-शाम बेल वृक्ष के दर्शन मात्र से पापो का नाश हो जाता है,बेल वृक्ष को सींचने से पितर तृप्त होते है,बेल वृक्ष व सफ़ेद आक् को जोड़े से लगाने पर अटूट लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।


बेल पत्र और ताम्र धातु के एक विशेष प्रयोग से ऋषि मुनि स्वर्ण धातु का उत्पादन करते थे


आपको बता दें की जीवन में सिर्फ एक बार और वो भी यदि भूल से भी शिव लिंग पर बेल पत्र चढ़ा दिया हो तो भी उसके सारे पाप मुक्त हो जाते है,बेल वृक्ष का रोपण, पोषण व संवर्धन करने से महादेव से साक्षात्कार करने का अवश्य लाभ मिलता है।


बिल्व पत्र का पेड़ जरूर लगाये


बिल्व पत्र के लिए पेड़ को क्षति न पहुचाएं


शिव जी की पूजा में ध्यान रखने योग्य बातें


शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव को कौन-सी चीज़ चढाने से
मिलता है "क्या फल"


किसी भी देवी-देवता का पूजन करते वक़्त उनको अनेक चीज़ें अर्पित की जाती है। प्रायः भगवान को अर्पित की जाने वाली हर चीज़ का फल अलग-अलग होता है। 


शिव पुराण में इस बात का वर्णन
मिलता है की भगवान शिव को अर्पित करने वाली अलग-अलग चीज़ों का क्या फल होता है।आप भी जानिए,क्या फल मिलता है ?भगवान शिव को चावल चढ़ाने से धन की प्राप्ति होती है,तिल चढ़ाने से पापों का नाश हो जाता है,जौ अर्पित करने से सुख में वृद्धि होती है,गेहूं चढ़ाने से संतान वृद्धि होती है,यह सभी अन्न भगवान को अर्पण करने के बाद गरीबों में वितरीत कर देना चाहिए।


शिव पुराण के अनुसार


जानिए भगवान शिव को कौन-सा रस (द्रव्य) चढ़ाने से उसका क्या फल मिलता है ? ज्वर (बुखार) होने पर भगवान शिव को जलधारा चढ़ाने से शीघ्र लाभ मिलता है,सुख व संतान की वृद्धि के लिए भी जलधारा द्वारा शिव की पूजा उत्तम बताई गई है,नपुंसक व्यक्ति अगर शुद्ध घी से भगवान शिव का अभिषेक करे व ब्राह्मणों को भोजन कराए तथा सोमवार का व्रत करे तो उसकी समस्या का निदान संभव है,तेज दिमाग के लिए शक्कर मिश्रित दूध भगवान शिव को चढ़ाएं,सुगंधित तेल से भगवान शिव का अभिषेक करने पर समृद्धि में वृद्धि होती है,शिवलिंग पर ईख (गन्ना) का रस चढ़ाया जाए तो सभी आनंदों की प्राप्ति होती है,शिव को गंगाजल चढ़ाने से भोग व मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है,मधु (शहद) से भगवान शिव का अभिषेक करने से राजयक्ष्मा (टीबी) रोग में आराम मिलता है।


शिव पुराण के अनुसार


जानिए भगवान शिव को कौन-सा फूल चढ़ाया जाए तथा उसका क्या फल मिलता है! लाल व सफेद आंकड़े के फूल से भगवान शिव का पूजन करने पर,भोग व मोक्ष की प्राप्ति होती है,चमेली के फूल से पूजन करने पर वाहन सुख मिलता है,अलसी के फूलों से शिव का पूजन करने से मनुष्य भगवान विष्णु को प्रिय होता है,शमी पत्रों (पत्तों) से पूजन करने पर मोक्ष प्राप्त होता है,बेला के फूल से पूजन करने पर सुंदर व सुशील पत्नी मिलती है,जूही के फूल से शिव का पूजन करें तो घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती,कनेर के फूलों से शिव पूजन करने से नए वस्त्र मिलते हैं,हरसिंगार के फूलों से पूजन करने पर सुख-सम्पत्ति में वृद्धि होती है,धतूरे के फूल से पूजन करने पर भगवान शंकर सुयोग्य पुत्र प्रदान करते हैं, जो कुल का नाम रोशन करता है,लाल डंठलवाला धतूरा पूजन में शुभ माना गया है,दूर्वा से पूजन करने पर आयु बढ़ती है। 


मन में नए विचार आएंगे:कुंभ

जीवन सुखमय व्यतीत होगा। समाजसेवा करने का अवसर प्राप्त होगा। मेह‍नत का फल प्राप्त होगा। नए काम मिलेंगे। समय की अनुकूलता का लाभ लें। भरपूर प्रयास करें। मान-सम्मान मिलेगा। स्वास्थ्य अच्‍छा रहेगा। कारोबार में वृद्धि होगी।


वृष:भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। उत्साह व प्रसन्नता से कार्य कर पाएंगे। शुभ सूचना प्राप्त होगी। आय में वृद्धि होगी। जीवन सुखमय व्यतीत होगा। आवश्यक वस्तुएं संभालकर रखें। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें।


मिथुन:किसी बड़ी समस्या का हल किसी बाहरी व्यक्ति के सहयोग से होगा। जीवनसाथी का सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में चैन रहेगा। बेचैनी रहेगी। किसी भी तरह की बहस में हिस्सा न लें। चोट व रोग से बचें। निवेश शुभ रहेगा।


कर्क:चोट व दुर्घटना से शारीरिक हानि की आशंका है। विवाद को बढ़ावा न दें। जल्दबाजी से लिए गए निर्णय पछतावे का कारण बन सकते हैं। लेन-देन में धोखा खा सकते हैं। आय में निश्चितता रहेगी। शत्रु परास्त होंगे। नौकरी में अधिकारी अधिक अपेक्षा करेंगे!


सिंह:फालतू खर्च पर नियंत्रण रखें। कर्ज लेना पड़ सकता है। अपेक्षित कार्यों में विलंब होगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें। आय में निश्चितता रहेगी। नौकरी में अधिकारी अधिक की अपेक्षा करेंगे। वाणी में हल्के शब्दों का प्रयोग न करें।


कन्या:डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। ऐश्वर्य के साधनों पर व्यय होगा। व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी। समय की अनुकूलता का लाभ लें। भरपूर प्रयास करें। जल्दबाजी न करें। व्यापार-व्यवसाय अच्‍छा चलेगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। शुभ समय।


तुला:कोई पहले बनाई गई योजना फलीभूत होगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। दूसरों की सहायता कर पाएंगे। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। भाग्य का साथ रहेगा। कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी। नए काम मिलेंगे। विरोधी सक्रिय रहेंगे। धनार्जन होगा।


वृश्चि:रोजगार प्राप्ति के लिए किसी विशिष्ट व्यक्ति का सहयोग लेना पड़ सकता है। सफलता प्राप्त होगी। यात्रा लाभदायक रहेगी। कोई बड़ा काम सहज ही होगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। व्यस्तता के चलते थकान व कमजोरी रह सकती है। समय का लाभ लें।


धनु:व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल लाभ देगी। लाभ के अवसर हाथ आए आएंगे। राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय में उन्नति होगी। अध्यात्म में रुचि रहेगी। किसी साधु-संत का आशीर्वाद मिल सकता है। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। जोखिम न लें।


मकर:उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। प्रतिद्वंद्वी रास्ता छोड़ देंगे। स्थायी संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। कारोबार में वृद्धि होगी। समय की अनुकूलता का लाभ लें। भरपूर प्रयास करें। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। प्रसन्नता रहेगी।


कुंभ:पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बन सकता है। मनपसंद व्यंजनों का आनंद प्राप्त होगा। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। मन में नए विचार आएंगे। विवेक से कार्य करें। कुसंगति से बचें। व्यापार अच्छा चलेगा।


मीन:पुराना रोग उभर सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। दौड़धूप अधिक होगी। बुरी सूचना मिल सकती है। दूसरों की बातों में न आएं। जीवनसाथी और मित्रों के सहयोग से बाधा दूर होगी। आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। जल्दबाजी बिलकुल न करें।


सूरजमुखी का प्राकृतिक प्रभाव

यह फूल अमरीका का देशज है पर रूस, अमरीका, ब्रिटेन, मिस्र, डेनमार्क, स्वीडन और भारत आदि अनेक देशों में आज उगाया जाता है। इसका नाम सूरजमुखी इस कारण पड़ा कि यह सूर्य और ओर झुकता रहता है, हालाँकि प्राय: सभी पेड़ पौधे सूर्य प्रकाश के लिए सूर्य की ओर कुछ न कुछ झुकते हैं। सूरजमुखी का सूर्य की ओर झुकना आँखों से देखा जा सकता है। बागों में उगाए जाने वाले सूरजमुखी की उपर्युक्त प्रथम दो जातियाँ ही हैं। इसके पेड़ 1 मी. से 5 मी. तक ऊँचे होते हैं। इनके डंठल बड़े तुनुक होते हैं, हवा के झोंके से टूट जा सकते हैं अत: इनमें टेक लगाने की आवश्यकता पड़ सकती है। इसकी पत्तियाँ 7 सेमी से 30 सेमी लंबी होती है। कुछ सूरजमुखी एकवर्षी होते हैं और कुछ बहुवर्षी ; कुछ बड़े कद के होते हैं और कुछ छोटे कद के।


इसके पीले फूल बाग के फूलों में सबसे बड़े होते हैं। सिर 7 सेमी से 15 सेमी चौड़े और कर्षण से उगाने पर 30 सेमी या इससे भी चौड़े हो सकते हैं। ये शोभा के लिए बागं में उगाए जाते हैं। अच्छे कर्षण और खाद से भिन्न-भिन्न रंग, कांति और आभा के फूल प्राप्त हो सकते हैं। फूल की पंखुड़ियाँ पीले रंग की होतीं हैं और मध्य में भूरे, पीत या नीलोहित या किसी किसी वर्णसंकर पौधे में काला चक्र रहता है। चक्र में ही चिपटे काले बीज रहते हैं। बीज से उत्कृष्ट कोटि का खाद्य तेल प्राप्त होता है और खली मुर्गी को खिलाई जाती है। सूरजमुखी के पेड़ में रितुआ रोग भी कभी-कभी लग जाता है जिससे पत्तियों के पिछले भाग में पीतभूरे रंग के चकत्ते पड़ जाते हैं। इससे रक्षा के लिए गंधक की धूल छिड़की जा सकती है।


पीने योग्य पानी (निष्कर्ष)

पीने का पानी या पीने योग्य पानी, समुचित रूप से उच्च गुणवत्ता वाला पानी होता है जिसका तत्काल या दीर्घकालिक नुकसान के न्यूनतम खतरे के साथ सेवन या उपयोग किया जा सकता है। अधिकांश विकसित देशों में घरों, व्यवसायों और उद्योगों में जिस पानी की आपूर्ति की जाती है वह पूरी तरह से पीने के पानी के स्तर का होता है, लेकिन वास्तविकता में इसके एक बहुत ही छोटे अनुपात का उपयोग सेवन या खाद्य सामग्री तैयार करने में किया जाता है।


दुनिया के ज्यादातर बड़े हिस्सों में पीने योग्य पानी तक लोगों की पहुंच अपर्याप्त होती है और वे बीमारी के कारकों, रोगाणुओं या विषैले तत्वों के अस्वीकार्य स्तर या मिले हुए ठोस पदार्थों से संदूषित स्रोतों का इस्तेमाल करते हैं। इस तरह का पानी पीने योग्य नहीं होता है और पीने या भोजन तैयार करने में इस तरह के पानी का उपयोग बड़े पैमाने पर त्वरित और दीर्घकालिक बीमारियों का कारण बनता है, साथ ही कई देशों में यह मौत और विपत्ति का एक प्रमुख कारण है। विकासशील देशों में जलजनित रोगों को कम करना सार्वजनिक स्वास्थ्य का एक प्रमुख लक्ष्य है।


सामान्य जल आपूर्ति नेटवर्क पीने योग्य पानी नल से उपलब्ध कराते हैं, चाहे इसका उपयोग पीने के लिए या कपड़े धोने के लिए या जमीन की सिंचाई के लिए किया जाना हो. इसके बिल्कुल विपरित चीन के शहरों में पीने का पानी वैकल्पिक रूप से एक अलग नल के द्वारा (अक्सर आसुत जल के रूप में), या अन्यथा नियमित नल के पानी के रूप में उपलब्ध कराया जाता है जिसे उबालने की जरूरत होती है।


संपूर्ण फल प्राप्ति का माध्यम (आस्‍था)

अब मैं तुम्हें संपूर्ण फल की प्राप्ति के लिए शिव पुराण के श्रवण की विधि बताता हूं!पहले किसी ज्योतिषी को बुलाकर दान-मान से संतुष्ट करके अपने सहयोगी लोगों के साथ बैठकर बिना किसी विघ्न-बाधा के कथा की समाप्त होने के उद्देश्य से शुभ मुहूर्त का अनुसंधान कराएं! प्रयतन पूर्वक देश-देश में, स्थान-स्थान पर यह संदेश भेजें कि हमारे यहां शिव महापुराण की कथा होने वाली है! अपने कल्याण की इच्छा रखने वाले लोगों को उसे सुनने के लिए अवश्य पधारिए! कुछ लोग भगवान श्री हरि की कथा से बहुत दूर पड़ गए! कितने ही स्त्री-शूद्र आदि भगवान शंकर की कथा कीर्तन से वंचित रहते हैं! उन सब को भी सूचना हो जाए, ऐसा प्रबंध करना चाहिए! देश-देश में जो भगवान शिव के भक्तों तथा शिव कथा के कीर्तन और उनके लिए उत्सुक हो! उन सब को आदर पूर्वक आमंत्रण भेजना चाहिए! आए हुए लोगों का सब प्रकार से आदर-सत्कार करना चाहिए! शिव मंदिर में, वनप्रांत में अथवा घर में शिव पुराण की कथा सुनने के लिए उत्तम स्थान का निर्माण करना चाहिए! केले के खंभों से सुशोभित पूजा का मंडप तैयार कराया जाए! फल-पुष्प आदि से अलंकृत करें !ध्‍वजा-पताका लगा दे ,भगवान शिव के प्रति सत्कार से उत्तम भक्ति करनी चाहिए! वही सब तरह से आनंद का विधान करने वाले है! परमात्मा भगवान शंकर के लिए दिव्‍य योगासन का निर्माण करना चाहिए तथा कथावाचक के लिए भी एक ऐसा ही आसन होना चाहिए! श्रदालुओ के लिए भी यथा योग्य स्थानों की व्यवस्था करनी चाहिए !अन्य लोगों के लिए साधारण स्थान रखना चाहिए! जिसके मुख से निकले शब्‍द देहधारियों के लिए कामधेनु के समान अभिष्‍ट फल देने वाली होती है! उस पुराण वक्ता विद्वान के प्रति तुच्‍छ बुद्धि कभी नहीं करनी चाहिए! संसार में जन्म तथा गुणों के कारण कई गुरू होते हैं ! परंतु उनमें पुराणों का ज्ञाता हीपरम विद्वान माना गया है! पुराण वेता पवित्र घृणा पर विजय पाने वाला साधु और दयालु होना चाहिए ! ऐसा प्रवचन कुशल विद्वान कथा को कहे! सूर्य उदय से आरंभ करके साढे तीन पहर तक उत्तम बुद्धि वाले विद्वान पुरुष को शिवपुराण की कथा संवाद रीति से बाचनी चाहिए !मध्‍यकाल में दो घड़ी तक कथा बंद रखनी चाहिए! जिससे कथा कीर्तन से अवकाश पाकर लोग मल-मूत्र का त्‍याग कर सके ! जो वक्ता और श्रोता अनेक प्रकार के कर्मों में भटक रहे हो, काम के वश में हो,विकारों से युक्त हो, स्त्री में आसक्‍ती रखते हो और पाखंड पूर्ण बात कहते हो!वह पुन्‍य के  भागी नहीं होते! आलौकिक चिंता तथा गृह एवं पुत्र की चिंता को छोड़कर कथा में मन लगाए रहते हैं! उन सद्बुद्धि को पुरुषोत्तम फल की प्राप्ति होती है!


गुरुवार, 25 जुलाई 2019

स्मार्ट सिटी पर कार्रवाई आगे बढ़ी


स्मार्ट सिटी के कामों में ढिलाई पर संसद में चिंता जताई तो अजमेर में अफसरों ने कहा-तेजी से हो रहा है काम।  12 करोड़ रुपए तो कंसलटेंसी के देंगे।

 अजमेर ! अजमेर के सांसद भागीरथ चौधरी ने संसद में स्मार्ट सिटी के कार्यों में ढिलाई और लापरवाही बरतने को लेकर केन्द्र सरकार का ध्यान आकर्षित किया तो दोहपर को ही जिला कलेक्टर विश्वमोहन शर्मा और नगर निगम की आयुक्त सुश्री चिन्मयी गोपाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि अब स्मार्ट सिटी के काम तेजी से हो रहे हैं। असल में स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट का सारा पैसा भारत सरकार दे रही है, इसलिए सांसद ने केन्द्र सरकार का ध्यान आकर्षित किया था। इस समय में राज्य में कांग्रेस की सरकार है, इसलिए स्मार्ट सिटी के कामों में संबंधित अधिकारी रुचि नहीं दिखा रहे हैं। अधिकारियों ने पूर्व में स्वीकृत कामों में बदलाव भी कर दिया है।  यानि अब स्मार्ट सिटी में वो ही काम होंगे, जिन्हें कांग्रेस सरकार चाहेगी। ऐसा नहीं कि इन कामों में कांग्रेस सरकार में ही ढिलाई हुई है, भाजपा सरकार के समय भी स्मार्ट सिटी के कामों ने गति नहीं पकड़ी। जिन कामों के टेंडर तक जारी हो गए उन्हें भी शुरू नहीं किया जा सका। ऐलिवेटेड रोड को 31 मार्च 2020 तक बन जाना चाहिए था, लेकिन अभी शुरुआती दौर में ही है। अब दो वर्ष और लगेंगे या तीन वर्ष कहा नहीं जा सकता। राजनीतिक दलों के नेता यही दावा करते हैं कि विकास में राजनीति नहीं होती, लेकिन स्मार्ट सिटी के कामों को लेकर खुलेआम राजनीति हो रही है। प्रशासन के अधिकारी वो ही काम करते हैं जो कांग्रेस के नेता कहते हैं। 
कंसलटेंसी के 12 करोड़ रुपए:
स्मार्ट सिटी के काम कैसे होंगे, इस कार्य का भी ठेका दिया गया है। संबंधित विदेशी फर्म को अगले दो वर्ष में 12 करोड़ 40 लाख रुपए का भुगतान किया जाएगा। प्रशासन ने स्मार्ट सिटी के 65 कार्य चिह्नित किए हैं। इन पर 1039 करोड़ रुपए खर्च होने हैं। एजिस इंडिया कंसलटेंसी इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ही बताएगी कि कार्य कैसे होंगे। हालांकि प्रशासन के पास इंजीनियरों की फौज है, लेकिन सरकारी इंजीनियर्स इतने काबिल नहीं कि स्मार्ट सिटी के काम करवा सकें। यदि स्मार्ट सिटी के कामों में कौताही बरती गई तो केन्द्र सरकार भी धनराशि देने में कटौती कर सकती है।
एस.पी.मित्तल


कुरान में भी तीन तलाक का उल्लेख नहीं


कुरान शरीफ में भी एक साथ तीन तलाक का उल्लेख नहीं। 
बीस मुस्लिम देशों में प्रतिबंध तो फिर भारत में विरोध क्यों?
तीन संशोधन के साथ लोकसभा में बिल पेश।



 नई दिल्ली ! तीन बड़े संशोधन के साथ तीन तलाक का बिल लोकसभा में पेश कर दिया है। लेकिन इसके साथ ही कांग्रेस, सपा, बसपा, टीएमसी, जेडीयू आदि ने इस बिल का विरोध किया है। केन्द्रीय विधि एवं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बिल को प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह बिल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुरूप प्रस्तुत किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने भी माना कि एक साथ तीन तलाक कहना मुस्लिम धर्म की भावनाओं के विपरीत है। इसलिए बीस मुस्लिम देशों में तीन तलाक  को प्रतिबंध किया गया है। मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देश में 575 घरेलू हिंसा के मामले सामने आए इनमें से 345 तीन तलाक के मामले हैं। इससे साफ जाहिर है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी तीन तलाक की घटनाएं नहीं रुक रही हैं। मुस्लिम समाज में छोटी छोटी बातों पर पत्नी को एक साथ तीन तलाक कह कर छोड़ा जा रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सुप्रीम कोर्ट का आदेश घर में टांगने के लिए है। हमने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुरूप ही बिल तैयार किया है। उन्होंने कहा कि पूर्व में प्रस्तुत बिल पर तीन प्रमुख आपत्ति जताई गई थी। इस नए बिल में तीनों आपत्तियों का समाधान कर दिया गया है। अब पुलिस में रिपोर्ट पीडि़ता स्वयं दर्ज कराए या फिर उसके परिवार का कोई सदस्य। इसी प्रकार पीडि़ता को सुनने के बाद अदालत पति को जमानत दे सकती है। इस बिल में समझौते की गुंजाइश भी रखी गई है। उन्होंने कहा कि इस बिल को राजनीति और धर्म के चश्में से नहीं देखा जाना चाहिए बल्कि यह बिल नारी की गरिमा और सम्मान जुड़ा हुआ है। बिल के प्रस्तुत होने के साथ ही कांग्रेस और विपक्षी दलों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। बिल को मुस्लिम धर्म में हस्तक्षेप माना जा रहा है। जबकि जानकारों का कहना है कि कुरान शरीफ में भी एक साथ तीन तलाक कहकर पत्नी को छोडऩे का कोई उल्लेख नहीं है। कुरान में तलाक की जो प्रक्रिया बता रखी है उसमें तीन माह में तीन बार तलाक कहने पर ही पत्नी को छोड़ा जा सकता है। एक माह में एक बार तलाक कहना होगा। यह प्रक्रिया इसलिए निर्धारित की है यदि कोई शौहर गुस्से में एक बार तलाक कह दे तो उसे दूसरे माह अपनी गलती सुधारने का अवसर भी मिलता है। तीसरे माह में समझौते की गुंजाइश भी बनी रहती है, लेकिन अब एक साथ तीन तलाक कहकर पत्नी को छोडऩे के मामले उजागर हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश में तो वाट्सएप और पोस्टकार्ड पर तीन बार तलाक लिखकर पत्नी को छोड़ा जा रहा है। उल्लेखनीय है कि एनडीए के पहले कार्यकाल में लोकसभा से तीन तलाक का बिल पास हो चुका था, लेकिन राज्यसभा में बहुमत नहीं होने की वजह से यह बिल राज्यसभा में पास नहीं हो सका। इसलिए बिल कानून नहीं बन सका। लेकिन अब भाजपा और उसके सहयोगी दलों को उम्मीद है कि राज्यसभा से भी बिल पास हो जाएगा। हालांकि भाजपा की गठबंधन सरकार को समर्थन देने वाले जेडयू ने बिल का विरोध किया है।
एस.पी.मित्तल


नगर-निगम के एक बड़े घोटाले का खुलासा

 फाइलों में काम कर रहे थे निगम के 104 माली,वेतन दिया 75 लाख



गाजियाबाद। नगर निगम में मालियों की तैनाती में बड़ा घोटाला सामने आया है। निगम के उद्यान विभाग में 104 माली बीते आठ माह से सिर्फ फाइलों में काम कर रहे हैं। न इन मालियों ने कभी निगम के पार्क देखे और न ही स्थानीय लोगों ने इन मालियों को देखा, बावजूद इसके नगर निगम ने इन्हें 75 लाख का भुगतान कर दिया। फर्जीवाड़ा करके हर माह प्रत्येक माली के नाम पर 9430 रुपये का भुगतान किया गया है। महापौर आशा शर्मा ने इस मामले में लिखित में जवाब मांगा तो अधिकारी उन्हें भी गोलमोल जवाब देकर घोटाले पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं।
नगर निगम ने नवंबर 2018 में शहर के पार्कों की मेंटेनेंस के लिए 104 मालियों की तैनाती आउटसोर्सिंग पर की थी। इन मालियों को पांचों जोन में भेजा जाना था। लेकिन यह तैनाती सिर्फ कागजों में हुई। नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारियों ने यह भी जानने का प्रयास नहीं किया कि जिन मालियों को तैनाती दी गई है, वह काम पर पहुंचे भी है या नहीं। निगम सूत्रों की मानें तो निगम के उद्यान विभाग में तैनात कुछ कर्मचारियों ने आपस में मिलीभगत कर यह घोटाला कर लिया। हर महीने इन कर्मचारियों के नाम पर 9.80 लाख रुपये इनके वेतन के नाम पर हड़प लिए गए। इस रकम की बंदरबांट नीचे से ऊपर तक होता था। महापौर आशा शर्मा ने मामला पकड़ा तो अधिकारियों से जवाब तलब किया। अब नगर निगम में हड़कंप मचा हुआ है।
ऐसे किया गया घोटाला
निगम सूत्रों के मुताबिक उद्यान विभाग में तैनात कुछ कर्मचारियों ने नए 104 कर्मचारियों की तैनाती के नाम पर अपने कुछ परिचितों का डाटा निगम में दे दिया। इनके खाते नंबर भी निगम में दिए गए। नगर निगम ने वेतन का भुगतान भी उनके खातों में आरटीजीएस के माध्यम से किया। यानी अगर जांच हुई तो पूरे घोटाले की परतें खुल जाएंगी।
ऐसे खुला घोटाला
पूर्व में नगर निगम में आउटसोर्सिंग पर कर्मचारियों की तैनाती निजी फर्मों द्वारा की जाती थी। यह फर्म संचालक निगम अधिकारियों और कर्मचारियों से सांठगांठ कर लेते थे। अब शासन ने शहरी आजीविका मिशन के तहत एक संस्था को नामित कर दिया है। पूर्व में आउटसोर्सिंग पर तैनात कर्मचारियों का पंजीकरण अब इस संस्था के अंतर्गत किया जा रहा है। संस्था ने तैनात कर्मचारियों का क्रॉस वेरिफिकेशन किया तो 104 कर्मचारी गायब मिले। इससे घोटाला पकड़ा गया।
कोट
कर्मचारियों की तैनाती के नाम पर बड़ा घोटाला किया जा रहा है। गोपनीय शिकायत मिलने पर वर्तमान महापौर स्तर पर पड़ताल कराई गई तो मामला सही पाया गया। अधिकारियों से इस पर जवाब मांगा गया है, लेकिन अभी तक स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया है। इसकी शिकायत शासन को भेजी जाएगी।


28 लाख रोजगार के अवसर दिए:मुख्यमंत्री


सरकार ने पिछले दो सालों में 28 लाख रोजगार के अवसर पैदा किए,सीएम योगी


 


लखनऊ ! मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उनकी सरकार ने पिछले दो सालों में 28 लाख रोजगार के अवसर पैदा किए हैं। जनता ने विकास की लाज को बचाए रखा। जनता ने साफ कर दिया कि जो विकास नहीं करेगा, उसके साथ जनता नहीं होगी। उसे झूठी घोषणाओं, नारों, धरने, प्रदर्शन और राजनीति से मतलब नहीं है। उसे विकास पसंद है। जनता ने लोकलाज से लोकतंत्र को स्थापित किया है। 


मुख्यमंत्री ने बुधवार को विधानसभा में अनुपूरक बजट पर चर्चा में यह बातें कहीं। मुख्यमंत्री ने एक शेर 'चिराग जिसे आंधियों ने पाला हो, उसे हवा के झोंके बुझा नहीं सकते, पढ़ कर अपनी सरकार की हौसला अफजाई की। जनता ने लोकसभा चुनाव में भाजपा को 80 में से 64 सीटें दिलाईं। उन्होंने कहा कि राज्य को विकास के पथ पर ले जाने के लिए किसी भी तरह की धन की कमी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा लोकसभा में तीन तलाक का प्रस्ताव आने से काफी पहले ही उत्तर प्रदेश में महागठबंधन का तलाक हो चुका है।


बुंदेलखंड एक्सप्रेस- वे का शिलान्यास दो महीने


बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का शिलान्यास दो से ढाई महीने में कर दिया जाएगा। इसके लिए जमीन अधिग्रहण का काम चल रहा है। इस एक्सप्रेस वे के दोनों ओर औद्योगिक गलियारा विकसित होगा। इसके साथ ही डिफेंस कारीडोर को भी इस एक्सप्रेस वे से खासा फायदा होगा। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे अगस्त 2020 तक चालू हो जाएगा।


विकास भवन में बहता विकास:कानपुर

 


कानपुर । विकास भवन एक ऐसा नाम जो शहर के विकास का कार्य करता है लेकिन जब वो विभाग ही विकास के लिए तड़प रहा हो तो शहर का क्या हाल होगा।
हम बात कर रहे है अपने शहर कानपुर के विकास भवन की जहां से शहर के विकास के लिए रणनीति व कार्य योजना तैयार की जाती है! वहीं ये भवन बिना कार्ययोजना के हुए कार्य से विकास होते हुए भी जल भराव से ग्रसित है । अब यही से अंदाजा लगाया जा सकता है !जहाँ शहर का आला अधिकारी बैठता हो तथा अन्य अधिकारी का आवागमन होता हो तो उस के बावजूद विकास भवन अपनी कहानी कह रहा है! दूसरी तरफ अधिकारी क्लीन कानपुर, ग्रीन कानपुर की बात कर रहे है! वही विकास करने वाला विकास भवन में बजबजाती नाली बहते नाले रोड पर भरा पानी मानो जैसे किसी मलिन बस्ती में आ गए है।
नाम ना बताने की शर्त पर वहां के कर्मचारी ने बताया यहाँ पानी निकासी की कोई व्यवस्था नही है! अगर एक बार बारिश का पानी भर जाए तो महीनों पानी नही निकलता ! अगर बारिश के मौसम की बात करे तो मानो जैसे तालाब के किनारे भवन बना हुआ है !आलाअधिकारी जैसे आंखों पर पट्टी बांध लिया है।


शाह मोहम्मद


भारत का पहला गोब्रेज कैफे होगा:अंबिकापुर

प्लास्टिक कचरा लाएं और भरपेट खाना खाएं


अंबिकापुर ! आपने शानदार खाना परोसने वाले कई बेहतरीन कैफे के बारे में सुना होगा। लेकिन क्या आपने कभी कचरा कैफे का नाम सुना है? नाम पर न जाएं क्योंकि यहां भी खाना ही मिलेगा। लेकिन पैसों से नहीं बल्कि प्लास्टिक कचरे के बदले।


दरअसल छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर शहर में प्लास्टिक के कचरे से निबटने और गरीब लोगों का पेट भरने के लिए एक पहल शुरू की गई है। ये कैफे जल्दी ही अंबिकापुर नगर निगम द्वारा खोला जाना है।ये अपने आप में भारत का पहला गार्बेज कैफे होगा। यहां लोग घर में बेकार पड़ा प्लास्टिक का कचरा दे सकेंगे और इसके बदले में कचरे के वजन के बराबर खाना खा सकेंगे। ये कैफे अंबिकापुर नगर निगम शहर के मुख्य बस स्टैंड पर खोला जाएगा। वहीं सड़क पर प्लास्टिक का कचरा बीनने वालों को एक किलो प्लास्टिक के बदले में मुफ्त भोजन दिया जाएगा। वहीं आधा किलो प्लास्टिक के बदले में नाश्ता दिया जाएगा।


वीवीआईपी सुरक्षा से हटाए 1300 कमांडो

वीवीआईपी सुरक्षा से हटाए गए 1300 कमांडो


नई दिल्ली ! केंद्रीय गृहमंत्रालय ने 350 वीआईपी की सुरक्षा में लगे एनएसजी कमांडो समेत 1,300 सुरक्षाकर्मियों को हटा लिया है। सुरक्षा में हुई इस कटौती में सभी दलों के नेता शामिल हैं। इस फैसले के तहत कुछ नेताओं की सुरक्षा में कटौती की गई है, जबकि कुछ की सुरक्षा कवर सेंट्रल लिस्ट से हटा दी गई है। इन 1,300 जवानों में अधिकतर विशेष रूप से प्रशिक्षित सीआईएसएफ, सीआरपीएफ और हाइ-प्रोफाइल एंटी-टेरर फोर्स एनएसजी के ब्लैक कैट कमांडो शामिल हैं।


जिन नेताओं की केंद्रीय सुरक्षा में कटौती की गई है या घटाई गई है, उसमें दिग्गज विपक्षी नेताओं के साथ ही भाजपा और आरएसएस से जुड़े लोग भी शामिल हैं। मोदी सरकार के दोबारा सत्ता में आने के बाद पहली बार गृहमंत्रालय ने वीआईपी को मुहैया की जाने वाली सिक्योरिटी में इतने बड़े पैमाने फेरबदल किया है।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कई नेताओं को केंद्र और राज्य सरकारों दोनों की तरफ से सुरक्षा दी जा रही थी। इसके कारण मैनपावर की बर्बादी हो रही थी। इसलिए केंद्र सरकार ने कुछ की सुरक्षा में कटौती करने और कुछ में बदलाव करने का फैसला किया है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार किसी भी वीआईपी को उस पर मंडराने वाले खतरे का आकलन करने के बाद ही जरूरी सिक्योरिटी कवर मुहैया कराती और उसकी वक्त-वक्त पर समीक्षा भी करती रहती है।


'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन

'मतदाता जागरूकता' अभियान रैली का आयोजन   मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों ने निकाला रैली कौशाम्बी। एन डी कान...